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शनिवार, 27 जनवरी 2018

आपूर्ति


   मेरी माँ ने दशकों सन्डे स्कूल के बच्चों को परमेश्वर और उसके वचन बाइबल के बारे में पढ़ाया था। एक इतवार उन्हें बच्चों को उस आहार, ‘मन्ना’, के बारे में बताना था जो परमेश्वर ने इस्त्राएलियों को जंगल की यात्रा के दौरान उपलब्ध करवाया था। उस बात को सजीव करने के लिए उन्होंने ‘मन्ना’ का प्रतिरूप बच्चों के लिए बनाया; उन्होंने ब्रेड को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटा और उनपर शहद छिड़क दिया। उन्होंने यह बाइबल में दिए गए ‘मन्ना’ के विवरण, “उसका स्वाद मधु से बने हुए पुए का सा था” (निर्गमन 16:31), का बच्चों को सजीव अनुभव कराने के लिए किया।

   जब इस्त्राएलियों का, परमेश्वर से मिली इस स्वर्ग की रोटी से पहली बार सामना हुआ, तो वह उनके तम्बुओं के बाहर धरती पर जमे पाले के किनकों के समान दिखाई दी, और “यह देखकर इस्राएली, जो न जानते थे कि यह क्या वस्तु है, सो आपस में कहने लगे यह तो मन्ना है। तब मूसा ने उन से कहा, यह तो वही भोजन वस्तु है जिसे यहोवा तुम्हें खाने के लिये देता है” (पद 15)। इब्रानी भाषा के शब्द ‘मान’ का अर्थ है ‘क्या’; इसलिए उन्होंने उसे मन्ना कहा। उन्होंने पाया कि वे मन्ना को पीस कर उससे रोटी बना सकते थे, और उसे बर्तन में डाल कर पका भी सकते थे (गिनती 11:7-8)। वह जो भी था, उसका आना हैरान करने वाला था (निर्गमन 16:4, 14), उसका स्वरूप अद्वितीय था (पद 14); और वह बहुत शीघ्र ख़राब हो जाता था (पद 19-21)।

   कभी-कभी परमेश्वर हमारे लिए अद्भुत रीति से प्रावधान करता है। इससे हमें शिक्षा लेनी चाहिए कि वह हमारी सोच तथा कार्यविधियों से बंधा नहीं है, और हम यह निर्धारित नहीं कर सकते हैं कि वह क्या और कैसे करेगा। हम जब उससे मिलने वाली आपूर्ति की प्रतीक्षा में हों, तो हमें अपना ध्यान उसपर, उसके व्यक्तित्व पर केंद्रित रखना चाहिए, न कि यह सोचने पर कि उसे क्या और कैसे करना है। यही उसके साथ हमारे संबंधों में संतुष्टि और आनंद प्राप्त करने का माध्यम होगा। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


जो अपनी आपूर्ति के लिए परमेश्वर पर निर्भर रहते हैं, वे कभी असंतुष्ट नहीं होंगे।

इसलिये जब परमेश्वर मैदान की घास को, जो आज है, और कल भाड़ में झोंकी जाएगी, ऐसा वस्‍त्र पहिनाता है, तो हे अल्पविश्वासियों, तुम को वह क्योंकर न पहिनाएगा? इसलिये तुम चिन्‍ता कर के यह न कहना, कि हम क्या खाएंगे, या क्या पीएंगे, या क्या पहिनेंगे? – मत्ती 6: 30-31

बाइबल पाठ: निर्गमन  16:11-31
Exodus 16:11 तब यहोवा ने मूसा से कहा,
Exodus 16:12 इस्राएलियों का बुड़बुड़ाना मैं ने सुना है; उन से कह दे, कि गोधूलि के समय तुम मांस खाओगे और भोर को तुम रोटी से तृप्त हो जाओगे; और तुम यह जान लोगे कि मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूं।
Exodus 16:13 और ऐसा हुआ कि सांझ को बटेरें आकर सारी छावनी पर बैठ गईं; और भोर को छावनी के चारों ओर ओस पड़ी।
Exodus 16:14 और जब ओस सूख गई तो वे क्या देखते हैं, कि जंगल की भूमि पर छोटे छोटे छिलके छोटाई में पाले के किनकों के समान पड़े हैं।
Exodus 16:15 यह देखकर इस्राएली, जो न जानते थे कि यह क्या वस्तु है, सो आपस में कहने लगे यह तो मन्ना है। तब मूसा ने उन से कहा, यह तो वही भोजन वस्तु है जिसे यहोवा तुम्हें खाने के लिये देता है।
Exodus 16:16 जो आज्ञा यहोवा ने दी है वह यह है, कि तुम उस में से अपने अपने खाने के योग्य बटोरा करना, अर्थात अपने अपने प्राणियों की गिनती के अनुसार, प्रति मनुष्य के पीछे एक एक ओमेर बटोरना; जिसके डेरे में जितने हों वह उन्हीं भर के लिये बटोरा करे।
Exodus 16:17 और इस्राएलियों ने वैसा ही किया; और किसी ने अधिक, और किसी ने थोड़ा बटोर लिया।
Exodus 16:18 और जब उन्होंने उसको ओमेर से नापा, तब जिसके पास अधिक था उसके कुछ अधिक न रह गया, ओर जिसके पास थोड़ा था उसको कुछ घटी न हुई; क्योंकि एक एक मनुष्य ने अपने खाने के योग्य ही बटोर लिया था।
Exodus 16:19 फिर मूसा ने उन से कहा, कोई इस में से कुछ बिहान तक न रख छोड़े।
Exodus 16:20 तौभी उन्होंने मूसा की बात न मानी; इसलिये जब किसी किसी मनुष्य ने उस में से कुछ बिहान तक रख छोड़ा, तो उस में कीड़े पड़ गए और वह बसाने लगा; तब मूसा उन पर क्रोधित हुआ।
Exodus 16:21 और वे भोर को प्रतिदिन अपने अपने खाने के योग्य बटोर लेते थे, ओर जब धूप कड़ी होती थी, तब वह गल जाता था।
Exodus 16:22 और ऐसा हुआ कि छठवें दिन उन्होंने दूना, अर्थात प्रति मनुष्य के पीछे दो दो ओमेर बटोर लिया, और मण्डली के सब प्रधानों ने आकर मूसा को बता दिया।
Exodus 16:23 उसने उन से कहा, यह तो वही बात है जो यहोवा ने कही, कयोंकि कल परमविश्राम, अर्थात यहोवा के लिये पवित्र विश्राम होगा; इसलिये तुम्हें जो तन्दूर में पकाना हो उसे पकाओ, और जो सिझाना हो उसे सिझाओ, और इस में से जितना बचे उसे बिहान के लिये रख छोड़ो।
Exodus 16:24 जब उन्होंने उसको मूसा की इस आज्ञा के अनुसार बिहान तक रख छोड़ा, तब न तो वह बसाया, और न उस में कीड़े पड़े।
Exodus 16:25 तब मूसा ने कहा, आज उसी को खाओ, क्योंकि आज यहोवा का विश्रामदिन है; इसलिये आज तुम को मैदान में न मिलेगा।
Exodus 16:26 छ: दिन तो तुम उसे बटोरा करोगे; परन्तु सातवां दिन तो विश्राम का दिन है, उस में वह न मिलेगा।
Exodus 16:27 तौभी लोगों में से कोई कोई सातवें दिन भी बटोरने के लिये बाहर गए, परन्तु उन को कुछ न मिला।
Exodus 16:28 तब यहोवा ने मूसा से कहा, तुम लोग मेरी आज्ञाओं और व्यवस्था को कब तक नहीं मानोगे?
Exodus 16:29 देखो, यहोवा ने जो तुम को विश्राम का दिन दिया है, इसी कारण वह छठवें दिन को दो दिन का भोजन तुम्हें देता है; इसलिये तुम अपने अपने यहां बैठे रहना, सातवें दिन कोई अपने स्थान से बाहर न जाना।
Exodus 16:30 लोगों ने सातवें दिन विश्राम किया।
Exodus 16:31 और इस्राएल के घराने वालों ने उस वस्तु का नाम मन्ना रखा; और वह धनिया के समान श्वेत था, और उसका स्वाद मधु के बने हुए पुए का सा था।


एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन 16-18
  • मत्ती 18:1-20