ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

गुरुवार, 2 फ़रवरी 2017

धन्यवादी


   ड्यूक यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर के एक सुविख्यात शोधकर्ता के अनुसार, "यदि धन्यवादी होना कोई दवा होती तो हमारे शरीरों के प्रत्येक अंग पर भला प्रभाव डालने की क्षमता रखने के कारण वह संसार में सबसे अधिक बिकने वाली दवा बन जाती।"

   कुछ लोगों के लिए धन्यवादी होने का अर्थ होता है कि अपने विचारों को उन वस्तुओं पर केंद्रित करके उलझे रहने की बजाए जो हमारे पास नहीं हैं, जो हमारे पास हैं उन पर ध्यान केंद्रित कर के उनके लिए कृतज्ञ रहने के भाव के साथ जीवन व्यतीत करना। लेकिन परमेश्वर का वचन बाइबल हमें धन्यवादी होने के इससे भी अधिक गहरे अर्थ को समझाती है। हमारा धन्यवादी होना हमारा ध्यान वहाँ लेकर जाता है जो हमारी हर आशीष का स्त्रोत है (याकूब 1:17)।

   बाइबल में अनेकों भजनों का लिखने वाला, राजा दाऊद जानता था कि वाचा के सन्दूक को सुरक्षित यरूशलेम पहुँचाने वाला वह नहीं वरन परमेश्वर था (1 इतिहास 15:26)। इसलिए उसने इस घटना को लेकर परमेश्वर के लिए धन्यवाद का भजन लिखा जो केवल कार्य सफलतापूर्वक होने के कारण आनन्दित होने पर नहीं परन्तु परमेश्वर के गुणों पर आधारित है। इस भजन के आरंभिक भाग में दाऊद कहता है: "यहोवा का धन्यवाद करो, उस से प्रार्थना करो; देश देश में उसके कामों का प्रचार करो" (1 इतिहास 16:8)। इससे आगे दाऊद का यह भजन परमेश्वर की महानता में आनन्दित होने, उसके द्वारा प्रदान किए जाने वाले उद्धार, सृष्टि करने की उसकी सामर्थ और मनुष्यों के प्रति उसकी करुणा को प्रमुख करता है (पद 25-36)।

   आज हम हमें मिलने वाले उपहारों पर ध्यान केंद्रित करने की बजाए उन्हें देने वाले की आराधना और महिमा करने के द्वारा वास्तव में उसके धन्यवादी हो सकते हैं। हमारे जीवन की अच्छी बातों पर ध्यान लगाना हमारे शरीरों के लिए लाभकारी हो सकता है, परन्तु परमेश्वर पर ध्यान लगाना और सदा उसके प्रति धन्यवादी रहना हमारे प्राण-देह-आत्मा के लिए लाभकारी होता है। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


सच्चा धन्यवादी मन देने वाले को महत्व देता है ना कि उससे मिलने वाले उपहारों को।

क्योंकि हर एक अच्छा वरदान और हर एक उत्तम दान ऊपर ही से है, और ज्योतियों के पिता की ओर से मिलता है, जिस में न तो कोई परिवर्तन हो सकता है, ओर न अदल बदल के कारण उस पर छाया पड़ती है। - याकूब 1:17

बाइबल पाठ: 1 इतिहास 16:7-14
1 Chronicles 16:7 तब उसी दिन दाऊद ने यहोवा का धन्यवाद करने का काम आसाप और उसके भाइयों को सौंप दिया। 
1 Chronicles 16:8 यहोवा का धन्यवाद करो, उस से प्रार्थना करो; देश देश में उसके कामों का प्रचार करो। 
1 Chronicles 16:9 उसका गीत गाओ, उसका भजन करो, उसके सब आश्चर्य-कर्मों का ध्यान करो। 
1 Chronicles 16:10 उसके पवित्र नाम पर घमंड करो; यहोवा के खोजियों का हृदय आनन्दित हो। 
1 Chronicles 16:11 यहोवा और उसकी सामर्थ की खोज करो; उसके दर्शन के लिये लगातार खोज करो। 
1 Chronicles 16:12 उसके किए हुए आश्चर्यकर्म, उसके चमत्कार और न्यायवचन स्मरण करो। 
1 Chronicles 16:13 हे उसके दास इस्राएल के वंश, हे याकूब की सन्तान तुम जो उसके चुने हुए हो! 
1 Chronicles 16:14 वही हमारा परमेश्वर यहोवा है, उसके न्याय के काम पृथ्वी भर में होते हैं।

एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन 29-30
  • मत्ती 21:23-46