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रविवार, 22 जनवरी 2017

देखभाल


   अपनी पुस्तक Kisses From Katie में केटी डेविस ने अपने युगाण्डा जाकर बस जाने और युगाण्डा की कई लड़कियों को गोद लेने से मिले आनन्द के बारे में बताया है। एक दिन युगाण्डा की उसकी एक बेटी ने उस से पूछा, "मम्मी, यदि मैं यीशु को अपने हृदय में आने दूँगी, तो क्या मेरे अन्दर एक विस्फोट हो जाएगा?" पहले तो केटी ने उसे उत्तर में कहा कि नहीं, क्योंकि प्रभु यीशु का हमारे हृदयों में आकर बसना एक आत्मिक घटना है।

   परन्तु कुछ समय तक उस प्रश्न के बारे में सोचते रहने के बाद केटी ने समझाते हुए उत्तर दिया कि जब हम अपने जीवन और हृदय प्रभु यीशु को समर्पित कर देते हैं तो, "हमारे अन्दर से प्रेम, अनुकंपा, दुःखी लोगों के साथ शोकित होने तथा आनन्द मनाने वालों के साथ आनन्दित होने का एक विस्फोट होता है।" कहने का तात्पर्य यह था कि प्रभु यीशु से संपर्क हो जाने के बाद हमारे अन्दर संसार के लोगों के प्रति गहन देखभाल का रवैया आ जाता है।

   परमेश्वर का वचन बाइबल हमें प्रेरित करती है कि "आनन्द करने वालों के साथ आनन्द करो; और रोने वालों के साथ रोओ" (रोमियों 12:15)। क्योंकि परमेश्वर का पवित्र आत्मा हमारे अन्दर निवास करता है, हमारे अन्दर कार्य करता है इसलिए हम संसार के प्रति यह प्रेम भरी प्रतिक्रिया सदैव प्रदर्शित करते रह सकते हैं। प्रेरित पौलुस ने इसका वर्णन ऐसे किया है: "और उसी में तुम पर भी जब तुम ने सत्य का वचन सुना, जो तुम्हारे उद्धार का सुसमाचार है, और जिस पर तुम ने विश्वास किया, प्रतिज्ञा किए हुए पवित्र आत्मा की छाप लगी" (इफिसियों 1:13)।

   परमेश्वर की दिव्य सहायता के साथ औरों की देखभाल करना, संसार के समक्ष प्रमाणित करता है कि हम प्रभु यीशु के अनुयायी हैं (यूहन्ना 13:35)। साथ ही ऐसा करना हमें स्मरण दिलाता है कि क्योंकि प्रभु यीशु ने हमसे प्रेम किया है, इसलिए वह कहता है कि "मैं तुम्हें एक नई आज्ञा देता हूं, कि एक दूसरे से प्रेम रखो: जैसा मैं ने तुम से प्रेम रखा है, वैसा ही तुम भी एक दूसरे से प्रेम रखो" (यूहन्ना 13:34)। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


प्रेम बाँटना प्रेम पाने को दिखाता है।

पर अब विश्वास, आशा, प्रेम थे तीनों स्थाई है, पर इन में सब से बड़ा प्रेम है। - 1 कुरिन्थियों 13:13

बाइबल पाठ: यूहन्ना 15:7-17
John 15:7 यदि तुम मुझ में बने रहो, और मेरी बातें तुम में बनी रहें तो जो चाहो मांगो और वह तुम्हारे लिये हो जाएगा। 
John 15:8 मेरे पिता की महिमा इसी से होती है, कि तुम बहुत सा फल लाओ, तब ही तुम मेरे चेले ठहरोगे। 
John 15:9 जैसा पिता ने मुझ से प्रेम रखा, वैसा ही मैं ने तुम से प्रेम रखा, मेरे प्रेम में बने रहो। 
John 15:10 यदि तुम मेरी आज्ञाओं को मानोगे, तो मेरे प्रेम में बने रहोगे: जैसा कि मैं ने अपने पिता की आज्ञाओं को माना है, और उसके प्रेम में बना रहता हूं। 
John 15:11 मैं ने ये बातें तुम से इसलिये कही हैं, कि मेरा आनन्द तुम में बना रहे, और तुम्हारा आनन्द पूरा हो जाए। 
John 15:12 मेरी आज्ञा यह है, कि जैसा मैं ने तुम से प्रेम रखा, वैसा ही तुम भी एक दूसरे से प्रेम रखो। 
John 15:13 इस से बड़ा प्रेम किसी का नहीं, कि कोई अपने मित्रों के लिये अपना प्राण दे। 
John 15:14 जो कुछ मैं तुम्हें आज्ञा देता हूं, यदि उसे करो, तो तुम मेरे मित्र हो। 
John 15:15 अब से मैं तुम्हें दास न कहूंगा, क्योंकि दास नहीं जानता, कि उसका स्‍वामी क्या करता है: परन्तु मैं ने तुम्हें मित्र कहा है, क्योंकि मैं ने जो बातें अपने पिता से सुनीं, वे सब तुम्हें बता दीं। 
John 15:16 तुम ने मुझे नहीं चुना परन्तु मैं ने तुम्हें चुना है और तुम्हें ठहराया ताकि तुम जा कर फल लाओ; और तुम्हारा फल बना रहे, कि तुम मेरे नाम से जो कुछ पिता से मांगो, वह तुम्हें दे। 
John 15:17 इन बातों की आज्ञा मैं तुम्हें इसलिये देता हूं, कि तुम एक दूसरे से प्रेम रखो।

एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन 4-6
  • मत्ती 14:22-36