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गुरुवार, 31 अगस्त 2017

विलंब


   कई वर्षों से मैं अपने चचेरे भाई के साथ हमारे जीवनों में पापों की क्षमा और उद्धारकर्ता की आवश्यकता के बारे में बात किया करता था। जब हाल ही में वह मुझ से मिलने आया तो मैंने एक बार फिर उससे आग्रह किया कि वह मसीह यीशु को ग्रहण कर ले; तुरंत ही उसका प्रत्युत्तर था: "मैं यीशु को ग्रहण करना और चर्च आना तो चाहता हूँ, परन्तु अभी नहीं। मैं अन्य धर्मों को मानने वालों के मध्य रहता हूँ। जब तक किसी नए स्थान पर जाकर न बस जऊँ, मैं अपने मसीही विश्वास को भली-भांति निभा नहीं पाऊँगा।" उसने संभावित सताव, उपहास, और साथियों से आने वाले दबाव का हवाला देकर अपना निर्णय टालने को उचित ठहराना चाहा।

   उसके ये सब भय सही थे, परन्तु मैंने उसे आश्वस्त किया कि चाहे कोई भी परिस्थिति क्यों न आ जाए, प्रभु यीशु उसे कभी अकेला नहीं छोड़ेगा। मैंने उसे प्रोत्साहित किया कि वह निर्णय लेने में विलंब न करे, वरन प्रभु परमेश्वर पर भरोसा करे कि वह उसकी सहायता करेगा, उसे सुरक्षा प्रदान करेगा। मेरे भाई ने टालना बन्द करके प्रभु यीशु से पापों की क्षमा की बात को स्वीकार किया, अपना जीवन उसे समर्पित करके प्रभु को अपना निज उद्धारकर्ता स्वीकार कर लिया।

   जब प्रभु यीशु ने लोगों को अपने पीछे हो लेने के लिए आमंत्रित किया, तब उन लोगों ने भी निर्णय टालने के लिए बहाने बनाए - संसार की बातों और ज़िम्मेदारियों में व्यस्त होने के (लूका 9:59-62)। जो उत्तर प्रभु यीशु ने तब उन लोगों को दिया था (पद 60-62) वह आज हम सब से भी आग्रह करता है कि जीवन के सबसे महत्वपूर्ण और अनन्तकाल का प्रभाव रखने वाले इस निर्णय को लेने में विलंब न करें। हमारी आत्माओं के उद्धार से महत्वपूर्ण और कोई विषय नहीं है।

   क्या आज आप परमेश्वर की वाणी को आपको पापों की क्षमा तथा उद्धार पाने के लिए बुलाते हुए सुन रहे हैं - तो विलंब कदापि न करें; जब तक अवसर है समय का सदुपयोग करें और अपना अनन्तकाल सुरक्षित कर लें: "क्योंकि वह तो कहता है, कि अपनी प्रसन्नता के समय मैं ने तेरी सुन ली, और उद्धार के दिन मैं ने तेरी सहायता की: देखो, अभी वह प्रसन्नता का समय है; देखो, अभी उद्धार का दिन है" (2 कुरिन्थियों 6:2)। - लॉरेंस दरमानी

आज ही उद्धार का दिन है।

वरन जिस दिन तक आज का दिन कहा जाता है, हर दिन एक दूसरे को समझाते रहो, ऐसा न हो, कि तुम में से कोई जन पाप के छल में आकर कठोर हो जाए। - इब्रानियों 3:13

बाइबल पाठ: लूका 9:57-62
Luke 9:57 जब वे मार्ग में चले जाते थे, तो किसी न उस से कहा, जहां जहां तू जाएगा, मैं तेरे पीछे हो लूंगा। 
Luke 9:58 यीशु ने उस से कहा, लोमडिय़ों के भट और आकाश के पक्षियों के बसेरे होते हैं, पर मनुष्य के पुत्र को सिर धरने की भी जगह नहीं। 
Luke 9:59 उसने दूसरे से कहा, मेरे पीछे हो ले; उसने कहा; हे प्रभु, मुझे पहिले जाने दे कि अपने पिता को गाड़ दूं। 
Luke 9:60 उसने उस से कहा, मरे हुओं को अपने मुरदे गाड़ने दे, पर तू जा कर परमेश्वर के राज्य की कथा सुना। 
Luke 9:61 एक और ने भी कहा; हे प्रभु, मैं तेरे पीछे हो लूंगा; पर पहिले मुझे जाने दे कि अपने घर के लोगों से विदा हो आऊं। 
Luke 9:62 यीशु ने उस से कहा; जो कोई अपना हाथ हल पर रखकर पीछे देखता है, वह परमेश्वर के राज्य के योग्य नहीं।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 132-134
  • 1 कुरिन्थियों 11:17-34


बुधवार, 30 अगस्त 2017

सत्यापित


   मुझे और मेरे मित्रों को ईमेल के द्वारा एक सूचना प्राप्त हुई - एक घातक मकड़ा अमेरिका में आ गया है और लोगों को मार रहा है। उस सूचना में, उसे सच्चा जताने के लिए, कई वैज्ञानिक संज्ञाएं और जीवन की वास्तविक परिस्थितियाँ भी दी गईं थीं, जिससे सूचना सच्ची लग रही थी। परन्तु जब मैंने उस सूचना की पुष्टि के लिए इंटरनैट पर कुछ भरोसे मंद वेबसाईट्स पर खोज की तो पता चला कि वह सच्ची नहीं थी, इंटरनैट पर फैलाए जाने वाले धोखों में से एक थी। यह सच्चाई एक विश्वासयोग्य स्त्रोत से पुष्टि के द्वारा ही स्पष्ट हो पाई।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में हम पाते हैं कि प्रथम ईसवीं में, मकिदूनिया के कुछ मसीही विश्वासियों ने भी जो प्रचार वे सुन रहे थे, उसे सत्यापित करने के महत्व को समझा, जिसके लिए बाइबल में उनकी प्रशंसा की गई: "ये लोग तो थिस्सलुनीके के यहूदियों से भले थे और उन्होंने बड़ी लालसा से वचन ग्रहण किया, और प्रति दिन पवित्र शास्‍त्रों में ढूंढ़ते रहे कि ये बातें यों ही हैं, कि नहीं" (प्रेरितों 17:11)। बेरिया में रहने वाले वे विश्वासी प्रेरित पौलुस से प्रभु का सन्देश सुनते थे, परन्तु साथ ही वे जाकर उस सन्देश को परमेश्वर के वचन के तब उपलब्ध पुराने नियम खण्ड से सत्यापित भी करते थे। संभवतः पौलुस उन्हें बता रहा था कि पुराने नियम में यह लिखा गया है कि मसीहा दुःख उठाएगा और लोगों के पापों के लिए मारा जाएगा। परन्तु वे स्वयं मूल स्त्रोत से आश्वस्त हो जाना चाहते थे कि जो कहा जा रहा है वह सत्य है।

   जब कभी भी हम ऐसे आत्मिक विचारों या शिक्षाओं को सुनें जो हमें विचलित करें या अटपटी लगें, तो हमें सचेत हो जाना चाहिए। हमें स्वयं पवित्र-शास्त्र से खोजना चाहिए, भरोसेमंद स्त्रोतों से पता करना चाहिए, उसके विषय सही निर्णय करने के लिए प्रार्थना में प्रभु यीशु से बुद्धिमता माँगनी चाहिए। प्रत्येक आत्मिक शिक्षा को सत्यापित करके, तब ही उसे ग्रहण करना चाहिए। - डेव ब्रैनन

परमेश्वर का सत्य हर प्रकार की जाँच में खरा ही उतरेगा।

सब बातों को परखो: जो अच्छी है उसे पकड़े रहो। - 1 थिस्सलुनीकियों 5:21

बाइबल पाठ: प्रेरितों 17:10-13, 1 यूहन्ना 4:1-6
Acts 17:10 भाइयों ने तुरन्त रात ही रात पौलुस और सीलास को बिरीया में भेज दिया: और वे वहां पहुंचकर यहूदियों के आराधनालय में गए। 
Acts 17:11 ये लोग तो थिस्सलुनीके के यहूदियों से भले थे और उन्होंने बड़ी लालसा से वचन ग्रहण किया, और प्रति दिन पवित्र शास्‍त्रों में ढूंढ़ते रहे कि ये बातें यों ही हैं, कि नहीं। 
Acts 17:12 सो उन में से बहुतों ने, और यूनानी कुलीन स्‍त्रियों में से, और पुरूषों में से बहुतेरों ने विश्वास किया। 
Acts 17:13 किन्‍तु जब थिस्सलुनीके के यहूदी जान गए, कि पौलुस बिरीया में भी परमेश्वर का वचन सुनाता है, तो वहां भी आकर लोगों को उकसाने और हलचल मचाने लगे। 

1 John 4:1 हे प्रियों, हर एक आत्मा की प्रतीति न करो: वरन आत्माओं को परखो, कि वे परमेश्वर की ओर से हैं कि नहीं; क्योंकि बहुत से झूठे भविष्यद्वक्ता जगत में निकल खड़े हुए हैं। 
1 John 4:2 परमेश्वर का आत्मा तुम इसी रीति से पहचान सकते हो, कि जो कोई आत्मा मान लेती है, कि यीशु मसीह शरीर में हो कर आया है वह परमेश्वर की ओर से है। 
1 John 4:3 और जो कोई आत्मा यीशु को नहीं मानती, वह परमेश्वर की ओर से नहीं; और वही तो मसीह के विरोधी की आत्मा है; जिस की चर्चा तुम सुन चुके हो, कि वह आने वाला है: और अब भी जगत में है। 
1 John 4:4 हे बालको, तुम परमेश्वर के हो: और तुम ने उन पर जय पाई है; क्योंकि जो तुम में है, वह उस से जो संसार में है, बड़ा है। 
1 John 4:5 वे संसार के हैं, इस कारण वे संसार की बातें बोलते हैं, और संसार उन की सुनता है। 
1 John 4:6 हम परमेश्वर के हैं: जो परमेश्वर को जानता है, वह हमारी सुनता है; जो परमेश्वर को नहीं जानता वह हमारी नहीं सुनता; इसी प्रकार हम सत्य की आत्मा और भ्रम की आत्मा को पहचान लेते हैं।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 129-131
  • 1 कुरिन्थियों 11:1-16


मंगलवार, 29 अगस्त 2017

चलना


   मेरी बेटी चलना सीख रही है। मुझे उसे पकड़े रहना पड़ता है, और वह मेरी ऊँगली को दृढ़ता से थामे रहती है, क्योंकि वह अभी भी अपने आप से चलने में अस्थिर है। उसे गिरने का भय रहता है, परन्तु उसे संभालने और स्थिर रखने के लिए मैं उसके साथ बनी रहती हूँ। मेरी सहायता से चलते हुए उसकी आँखों में उत्साह, उल्लास और सुरक्षा की चमक होती है। परन्तु कभी-कभी जब मैं उसे कुछ खतरनाक रास्तों पर नहीं चलने देती हूँ तो वह रोने लगती है; उसे अभी यह समझ नहीं है कि उसे उन रास्तों पर जाने से रोक कर मैं उसकी रक्षा कर रही हूँ, उसे हानि में पड़ने से बचा रही हूँ।

   मेरी छोटी बेटी के समान, हमें भी बहुधा हमारे आत्मिक चाल-चलन में हमारा ध्यान रखने, हमारा मार्गदर्शन करने और हमें स्थिर बनाए रखने के लिए किसी बड़े और सामर्थी की आवश्यकता होती है। हम मसीही विश्वासियों के साथ हमारा प्रभु परमेश्वर है, जो हमारा, हम जो उसकी आत्मिक सन्तान हैं, सदा ध्यान रखता है, हमें चलने में सहायक होता है, हमारे कदमों को सही ओर ले जाता है, हमारा मार्गदर्श्न करता है, और गलत राहों से बचा कर रखता है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल का एक नायक, राजा दाऊद, जीवन में परमेश्वर की देखभाल और सहायता की आवश्यकता को भली-भांति जानता था। अपने द्वारा लिखे भजनों में से एक, भजन 18 में दाऊद वर्णन करता है कि कैसे परमेश्वर हमारी सहायता और मार्गदर्शन करता है जब हम किसी परेशानी में पड़कर भटकने लगते हैं (पद 32)। परमेश्वर हमारे पैरों को हरिणियों के समान, जो बिना फिसले ऊँचे स्थानों पर चढ़ जाती हैं, स्थिर करता है (पद 33); और यदि हम फिसल भी जाएं तो भी वह हमें थाम लेने के लिए हमारे साथ बना रहता है (पद 35)।
   
   हम चाहे नए मसीही विश्वासी हों जो आत्मिक जीवन में कदम बढ़ाना अभी सीख ही रहे हैं, या हम अपने विश्वास के जीवन में आगे बढ़ चुके हों, हम सबको प्रभु परमेश्वर के थामे रखने और सही दिशा देने वाले हाथों की आवश्यकता बनी रहती है; और हमारा प्रभु हमारे सहारे और सहायता के लिए सदा हमारे साथ-साथ चलता रहता है। - कीला ओकोआ


मेरे जीवन मार्ग के हर कदम पर परमेश्वर मुझ पर ध्यान बनाए रखता है।

क्योंकि वह तो मुझे विपत्ति के दिन में अपने मण्डप में छिपा रखेगा; अपने तम्बू के गुप्त स्थान में वह मुझे छिपा लेगा, और चट्टान पर चढ़ाएगा। - भजन 27:5

बाइबल पाठ: भजन 18:30-36
Psalms 18:30 ईश्वर का मार्ग सच्चाई; यहोवा का वचन ताया हुआ है; वह अपने सब शरणागतों की ढाल है।
Psalms 18:31 यहोवा को छोड़ क्या कोई ईश्वर है? हमारे परमेश्वर को छोड़ क्या और कोई चट्टान है? 
Psalms 18:32 यह वही ईश्वर है, जो सामर्थ से मेरा कटिबन्ध बान्धता है, और मेरे मार्ग को सिद्ध करता है। 
Psalms 18:33 वही मेरे पैरों को हरिणियों के पैरों के समान बनाता है, और मुझे मेरे ऊंचे स्थानों पर खड़ा करता है। 
Psalms 18:34 वह मेरे हाथों को युद्ध करना सिखाता है, इसलिये मेरी बाहों से पीतल का धनुष झुक जाता है। 
Psalms 18:35 तू ने मुझ को अपने बचाव की ढाल दी है, तू अपने दाहिने हाथ से मुझे सम्भाले हुए है, और मेरी नम्रता ने महत्व दिया है। 
Psalms 18:36 तू ने मेरे पैरों के लिये स्थान चौड़ा कर दिया, और मेरे पैर नहीं फिसले।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 126-128
  • 1 कुरिन्थियों 10:19-33


सोमवार, 28 अगस्त 2017

नायक


   हाल ही में प्रकाशित हुई एक पुस्तक अमेरिका के इतिहास के एक छोटे भाग में लाए गए कल्पना के कार्य के बारे में बताती है। इस पुस्तक में पुराने पश्चिमी अमेरिका में बन्दूकों और गोलियों के सहारे जीवन जीने वाले नायकों, व्याट एर्प और डॉक हॉलिडे को वास्तविक जीवन में नाकारा और नासमझ बताया गया है। नैशनल पब्लिक रेडियो को दिए गए एक साक्षात्कार में पुस्तक के लेखक ने वास्तविक एर्प के बारे में कहा, "उसने अपने सारे जीवन भर कुछ भी उल्लेखनीय, कभी भी नहीं किया।" लेकिन अनेकों उपन्यासों और हॉलिवुड की कई फिल्मों में उसे एक नायक के समान प्रस्तुत किया गया है। परन्तु विश्वासयोग्य एतिहासिक वृतांत बताते हैं कि वह नायक कदापि नहीं था।

   इसकी तुलना में, परमेश्वर के वचन बाइबल में ऐसे अनेकों लोगों का वर्णन है जिनके जीवन में कमियाँ और त्रुटियाँ थीं, परन्तु फिर भी वे परमेश्वर की सहायता और मार्ग्दर्शन से वास्तविक नायक बन गए। उनका विश्वास जीवते सच्चे प्रभु परमेश्वर पर था, जो कमज़ोर और त्रुटियुक्त लोगों को लेता है और अपने अद्भुत उद्देश्यों के लिए उन्हें सामर्थी तथा अनुसरणीय नायक बना देता है।

   बाइबल के एक महान नायक मूसा को ही लीजिए। जब हम मूसा के बारे में सोचते हैं तो अकसर हम यह ध्यान नहीं कर पाते हैं कि वह एक हत्यारा था और परमेश्वर द्वारा दी जा रही ज़िम्मेदारी को स्वीकार करने का कतई इच्छुक नहीं था। उसने इस्त्राएलियों के व्यवहार से खिसिया कर परमेश्वर को ताना भी मारा था, "...तू अपने दास से यह बुरा व्यवहार क्यों करता है? और क्या कारण है कि मैं ने तेरी दृष्टि में अनुग्रह नहीं पाया, कि तू ने इन सब लोगों का भार मुझ पर डाला है? क्या ये सब लोग मेरे ही कोख में पड़े थे? क्या मैं ही ने उन को उत्पन्न किया, जो तू मुझ से कहता है, कि जैसे पिता दूध पीते बालक को अपनी गोद में उठाए उठाए फिरता है, वैसे ही मैं इन लोगों को अपनी गोद में उठा कर उस देश में ले जाऊं, जिसके देने की शपथ तू ने उनके पूर्वजों से खाई है?" (गिनती 11:11-12)। साधारण मनुष्यों की सी प्रवृत्ति मूसा में विद्यमान तो थी; परन्तु नए नियम में इब्रानियों नामक पुस्तक हमें उसके विषय स्मरण दिलाती है, "मूसा तो उसके सारे घर में सेवक के समान विश्वास योग्य रहा, कि जिन बातों का वर्णन होने वाला था, उन की गवाही दे" (इब्रानियों 3:5)।

   जो नायक होते हैं, वे अपने जीवनों द्वारा उस सच्चे तथा वास्तव में अनुसरणीय नायक प्रभु यीशु की ओर लोगों को प्रेरित करते हैं जो कभी किसी को निराश नहीं करता है। - टिम गस्टाफसन


किसी ऐसे को ढूँढ़ रहे हैं जो आपको कभी निराश न करे; तो प्रभु यीशु को देखें।

हे भाइयो, अपने बुलाए जाने को तो सोचो, कि न शरीर के अनुसार बहुत ज्ञानवान, और न बहुत सामर्थी, और न बहुत कुलीन बुलाए गए। परन्तु परमेश्वर ने जगत के मूर्खों को चुन लिया है, कि ज्ञान वालों को लज्ज़ित करे; और परमेश्वर ने जगत के निर्बलों को चुन लिया है, कि बलवानों को लज्ज़ित करे। और परमेश्वर ने जगत के नीचों और तुच्‍छों को, वरन जो हैं भी नहीं उन को भी चुन लिया, कि उन्हें जो हैं, व्यर्थ ठहराए। - 1 कुरिन्थियों 1:26-28

बाइबल पाठ: इब्रानियों 3:1-6
Hebrews 3:1 सो हे पवित्र भाइयों तुम जो स्‍वर्गीय बुलाहट में भागी हो, उस प्रेरित और महायाजक यीशु पर जिसे हम अंगीकार करते हैं ध्यान करो। 
Hebrews 3:2 जो अपने नियुक्त करने वाले के लिये विश्वास योग्य था, जैसा मूसा भी उसके सारे घर में था। 
Hebrews 3:3 क्योंकि वह मूसा से इतना बढ़ कर महिमा के योग्य समझा गया है, जितना कि घर का बनाने वाला घर से बढ़ कर आदर रखता है। 
Hebrews 3:4 क्योंकि हर एक घर का कोई न कोई बनाने वाला होता है, पर जिसने सब कुछ बनाया वह परमेश्वर है। 
Hebrews 3:5 मूसा तो उसके सारे घर में सेवक के समान विश्वास योग्य रहा, कि जिन बातों का वर्णन होने वाला था, उन की गवाही दे। 
Hebrews 3: पर मसीह पुत्र के समान उसके घर का अधिकारी है, और उसका घर हम हैं, यदि हम साहस पर, और अपनी आशा के घमण्‍ड पर अन्‍त तक दृढ़ता से स्थिर रहें।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 123-125
  • 1 कुरिन्थियों 10:1-18


रविवार, 27 अगस्त 2017

नित्यक्रम


   ब्रिटिश संग्रहालय में प्रदर्शित एक गेंद-घड़ी को देखकर मुझे नित्यक्रम के हानिकारक परिणामों को समझने में सहायता मिली। वहाँ एक तिर्छी रखी हुई स्टील की थाली में बने खांचों में स्टील से बनी एक छोटी गेंद लुडकती हुई एक छोर से दूसरे छोर तक जाती और दूसरे छोर पर पहुँचकर एक लीवर को दबा देती। इससे वह स्टील की थाली विपरीत दिशा में झुक जाती, घड़ी की सूईंयाँ आगे बढ़ जाती, और गेंद वापस पहले छोअ की ओर लुढ़क कर इसी प्रक्रिया को फिर से कर देती। प्रति वर्ष वह स्टील की गेंद इस प्रकार आगे-पीछे लुड़कने के कारण 2,500 मील का सफर तय करती थी परन्तु पहुँचती कहीं नहीं थी।

   यदि हम अपने जीवनों और कार्यों में कोई उद्देश्य नहीं देख पाते हैं तो हमारे लिए अपनी दिनचर्या में फंसे हुए होना अनुभव करना सरल है। परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस की लालसा थी कि वह मसीह यीशु के सुसमाचार को व्यापक रीति से फैलाए: "इसलिये मैं तो इसी रीति से दौड़ता हूं, परन्तु बेठिकाने नहीं, मैं भी इसी रीति से मुक्कों से लड़ता हूं, परन्तु उस के समान नहीं जो हवा पीटता हुआ लड़ता है" (1 कुरिन्थियों 9:26)। कुछ भी नित्यक्रम बनने से उबा देने वाला बन सकता है, वह चाहे यात्रा, प्रचार, शिक्षा, विशेषकर कैद में होना, इत्यादि कुछ भी हो। परन्तु पौलुस का विश्वास था कि वह हर परिस्थिति में अपने प्रभु परमेश्वर की सेवा कर सकता है।

   जब हम उसमें कोई उद्देश्य नहीं देखने पाते हैं तो नित्यक्रम हानिकारक बन जाता है। परन्तु पौलुस का दर्शन उसकी सीमित कर देने वाली परिस्थितियों से भी परे था, क्योंकि वह मसीही विश्वास की दौड़ में था और जब तक कि दौड़ पूरी न हो वह रुकना नहीं जानता था। पौलुस ने प्रभु यीशु को अपने जीवन की हर बात, हर परिस्थिति में सम्मिलित कर लेने के द्वारा जीवन के नित्यक्रम में उद्देश्य और अर्थ पाया। पौलुस के समान आज हम भी प्रभु यीशु के साथ अपने जीवनों को सार्थक और उद्देश्यपूर्ण बना सकते हैं। - डेविड मैक्कैसलैंड


प्रभु यीशु हमारे नित्यक्रम को उसके लिए उपयोगी सेवकाई बना सकते हैं।

यह मतलब नहीं, कि मैं पा चुका हूं, या सिद्ध हो चुका हूं: पर उस पदार्थ को पकड़ने के लिये दौड़ा चला जाता हूं, जिस के लिये मसीह यीशु ने मुझे पकड़ा था। हे भाइयों, मेरी भावना यह नहीं कि मैं पकड़ चुका हूं: परन्तु केवल यह एक काम करता हूं, कि जो बातें पीछे रह गई हैं उन को भूल कर, आगे की बातों की ओर बढ़ता हुआ। निशाने की ओर दौड़ा चला जाता हूं, ताकि वह इनाम पाऊं, जिस के लिये परमेश्वर ने मुझे मसीह यीशु में ऊपर बुलाया है। - फिलिप्पियों 3:12-14

बाइबल पाठ: 1 कुरिन्थियों 9:19-27
1 Corinthians 9:19 क्योंकि सब से स्‍वतंत्र होने पर भी मैं ने अपने आप को सब का दास बना दिया है; कि अधिक लोगों को खींच लाऊं। 
1 Corinthians 9:20 मैं यहूदियों के लिये यहूदी बना कि यहूदियों को खींच लाऊं, जो लोग व्यवस्था के आधीन हैं उन के लिये मैं व्यवस्था के आधीन न होने पर भी व्यवस्था के आधीन बना, कि उन्हें जो व्यवस्था के आधीन हैं, खींच लाऊं। 
1 Corinthians 9:21 व्यवस्थाहीनों के लिये मैं (जो परमेश्वर की व्यवस्था से हीन नहीं, परन्तु मसीह की व्यवस्था के आधीन हूं) व्यवस्थाहीन सा बना, कि व्यवस्थाहीनों को खींच लाऊं। 
1 Corinthians 9:22 मैं निर्बलों के लिये निर्बल सा बना, कि निर्बलों को खींच लाऊं, मैं सब मनुष्यों के लिये सब कुछ बना हूं, कि किसी न किसी रीति से कई एक का उद्धार कराऊं। 
1 Corinthians 9:23 और मैं सब कुछ सुसमाचार के लिये करता हूं, कि औरों के साथ उसका भागी हो जाऊं। 
1 Corinthians 9:24 क्या तुम नहीं जानते, कि दौड़ में तो दौड़ते सब ही हैं, परन्तु इनाम एक ही ले जाता है तुम वैसे ही दौड़ो, कि जीतो। 
1 Corinthians 9:25 और हर एक पहलवान सब प्रकार का संयम करता है, वे तो एक मुरझाने वाले मुकुट को पाने के लिये यह सब करते हैं, परन्तु हम तो उस मुकुट के लिये करते हैं, जो मुरझाने का नहीं। 
1 Corinthians 9:26 इसलिये मैं तो इसी रीति से दौड़ता हूं, परन्तु बेठिकाने नहीं, मैं भी इसी रीति से मुक्कों से लड़ता हूं, परन्तु उस के समान नहीं जो हवा पीटता हुआ लड़ता है। 
1 Corinthians 9:27 परन्तु मैं अपनी देह को मारता कूटता, और वश में लाता हूं; ऐसा न हो कि औरों को प्रचार कर के, मैं आप ही किसी रीति से निकम्मा ठहरूं।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 120-122
  • 1 कुरिन्थियों 9


शनिवार, 26 अगस्त 2017

शब्द


   नेल्सन मैन्डेला, जिन्होंने दक्षिणी अफ्रीका की रंग-भेद करने वाली शासन व्यवस्था का विरोध किया था, और जिन्हें अपने इस विरोध के कारण लगभग 3 दशक तक कैद में रहना पड़ा था, शब्दों की सामर्थ्य को जानते थे। आज उनके शब्द उध्दत किए जाते हैं, परन्तु जब वे कैद में थे तो शासन के प्रतिघात के भय के कारण उनके शब्द उध्दत नहीं किए जाते थे। अपने मुक्त किए जाने के एक दशक के बाद उन्होंने कहा: "शब्दों को हलके में प्रयोग करना मेरा व्यवहार नहीं है। यदि कैद के 27 वर्षों ने हमारे साथ कुछ किया है तो वह यह कि अकेलेपन की खामोशी से हम शब्दों की बहुमूल्यता को समझें, और यह जानें कि लोगों के जीने और मरने पर वास्तव में शब्दों का कैसा प्रभाव पड़ता है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल के पुराने नियम खण्ड में नीतिवचन नामक पुस्तक के अधिकांश नीतिवचनों के लेखक राजा सुलेमान ने शब्दों की सामर्थ्य के बारे में लिखा, "जीभ के वश में मृत्यु और जीवन दोनों होते हैं" (नीतिवचन 18:21)। शब्दों में सकारात्मक या नकरात्मक परिणाम देने की सामर्थ्य होती है (पद 20)। उनसे मिलने वाले प्रोत्साहन, उनकी ईमानदारी में जीवन देने की सामर्थ्य है, या फिर झूठ और कानाफूसी द्वारा कुचलने और घात करने की सामर्थ्य है। हम कैसे सुनिश्चित कर सकते हैं कि हम सकारात्मक परिणाम लाने वाले भले शब्द ही प्रयोग करेंगे? एकमात्र तरीका है कि अपने मन की यत्न के साथ बुराई से रक्षा करें: "सब से अधिक अपने मन की रक्षा कर; क्योंकि जीवन का मूल स्रोत वही है" (नीतिवचन 4:23)।

   केवल प्रभु यीशु मसीह ही है जो हमारे जीवन में बुराई के उदगम स्थल हमारे हृदयों को परिवर्तित कर सकता है, जिससे हमारे शब्द वास्तव में भले हों; परिस्थिति के अनुसार ईमानदार, शांत, उचित और उपयोगी हों। - मार्विन विलियम्स


हमारे शब्दों में निर्माण करने या ढा देने की सामर्थ्य है।

फिर उस[यीशु] ने कहा; जो मनुष्य में से निकलता है, वही मनुष्य को अशुद्ध करता है। क्योंकि भीतर से अर्थात मनुष्य के मन से, बुरी बुरी चिन्‍ता, व्यभिचार। चोरी, हत्या, पर स्त्रीगमन, लोभ, दुष्‍टता, छल, लुचपन, कुदृष्‍टि, निन्‍दा, अभिमान, और मूर्खता निकलती हैं। ये सब बुरी बातें भीतर ही से निकलती हैं और मनुष्य को अशुद्ध करती हैं। - मरकुस 7:20-23

बाइबल पाठ: नीतिवचन 18:1-8, 20-21
Proverbs 18:1 जो औरों से अलग हो जाता है, वह अपनी ही इच्छा पूरी करने के लिये ऐसा करता है, 
Proverbs 18:2 और सब प्रकार की खरी बुद्धि से बैर करता है। मूर्ख का मन समझ की बातों में नहीं लगता, वह केवल अपने मन की बात प्रगट करना चाहता है। 
Proverbs 18:3 जहां दुष्ट आता, वहां अपमान भी आता है; और निन्दित काम के साथ नामधराई होती है। 
Proverbs 18:4 मनुष्य के मुंह के वचन गहिरा जल, वा उमण्डने वाली नदी वा बुद्धि के सोते हैं। 
Proverbs 18:5 दुष्ट का पक्ष करना, और धर्मी का हक मारना, अच्छा नहीं है। 
Proverbs 18:6 बात बढ़ाने से मूर्ख मुकद्दमा खड़ा करता है, और अपने को मार खाने के योग्य दिखाता है। 
Proverbs 18:7 मूर्ख का विनाश उस की बातों से होता है, और उसके वचन उस के प्राण के लिये फन्दे होते हैं। 
Proverbs 18:8 कानाफूसी करने वाले के वचन स्वादिष्ट भोजन के समान लगते हैं; वे पेट में पच जाते हैं। 
Proverbs 18:20 मनुष्य का पेट मुंह की बातों के फल से भरता है; और बोलने से जो कुछ प्राप्त होता है उस से वह तृप्त होता है। 
Proverbs 18:21 जीभ के वश में मृत्यु और जीवन दोनों होते हैं, और जो उसे काम में लाना जानता है वह उसका फल भोगेगा।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 119:89-176
  • 1 कुरिन्थियों 8


शुक्रवार, 25 अगस्त 2017

उद्देश्य


   जब कोई दुःख या कलेष किसी पर आता है तो मसीही विश्वासी बहुधा परमेश्वर के वचन बाइबल का एक पद कहते हैं: "और हम जानते हैं, कि जो लोग परमेश्वर से प्रेम रखते हैं, उन के लिये सब बातें मिलकर भलाई ही को उत्पन्न करती है; अर्थात उन्हीं के लिये जो उस की इच्छा के अनुसार बुलाए हुए हैं" (रोमियों 8:28)। परन्तु विपरीत परिस्थितियों में इस पद की व्यावाहरिकता पर विश्वास कर पाना कठिन होता है। एक बार मैं एक ऐसे पुरुष के साथ, उसे सांत्वना देने के लिए बैठा हुआ था, जिसने एक के बाद एक, अपना तीसरा पुत्र भी खो दिया था। मैं चुपचाप सुन रहा था जब वह विलाप कर रहा था कि "कैसे यह त्रासदी मेरे लिए कुछ भला कर सकती है?" मेरे पास उसके लिए कोई उत्तर नहीं था। मैं बस चुपचाप बैठा उसके दुःख में दुःखी हो रहा था। कई महीनों बाद उस व्यक्ति ने मुझे बताया कि वह धन्यवादी है, क्योंकि उसके दुःख ने उसे परमेश्वर की निकटता में बढ़ाया था।

   चाहे रोमियों 8:28 व्यावाहरिक रीति से समझने में कितना भी कठिन क्यों न लगे, उसकी सच्चाई की अनगिनित गवाहियाँ उपलब्ध हैं। मसीही स्तुतिगीतों की प्रसिद्ध लेखिका फैनी क्रॉसबी का जीवन इसका उत्तम उदाहरण है। संसार उसके द्वारा लिखे गए स्तुत्ति गीतों का लाभार्थी है। लेकिन जो अनगिनित लोगों के लिए भला रहा है, वह एक व्यक्तिगत त्रासदी में होकर उपलब्ध हुआ; क्योंकि फैनी 5 वर्ष की आयु में अन्धी हो गई थी। केवल 8 वर्ष की आयु से उसने कविताएं और प्रभु परमेश्वर के स्तुतिगीत लिखना आरंभ कर दिया। उसकी लगन और परमेश्वर के प्रति प्रेम तथा समर्पण के कारण संसार को "Blessed Assurance", "Safe In The Arms of Jesus", "Pass Me Not O Gentle Saviour" जैसे उत्कृष्ठ और लोकप्रीय गीत मिले। परमेश्वर ने उसकी कठिनाई को हमारी और उसकी भलाई तथा अपनी महिमा के लिए प्रयोग किया।

   जब हम पर कोई त्रासदी आ पड़े, तो यह समझ पाना कठीन होता है कि उससे कोई भलाई कैसे हो सकती है; यह भी संभव है कि उस भलाई को हम इस जीवन में जानने या अनुभव करने न पाएं। परन्तु परमेश्वर के उद्देश्य सदा हमारी भलाई के लिए हैं और वह सदा हमारे साथ बना रहता है। - लॉरेंस दरमानी


हमारी परीक्षाओं में भी परमेश्वर के उद्देश्य हमारी भलाई ही के लिए होते हैं।

चाहे पापी सौ बार पाप करे अपने दिन भी बढ़ाए, तौभी मुझे निश्चय है कि जो परमेश्वर से डरते हैं और उसको अपने सम्मुख जानकर भय से चलते हैं, उनका भला ही होगा; - सभोपदेशक 8:12

बाइबल पाठ: रोमियों 8:28-39
Romans 8:28 और हम जानते हैं, कि जो लोग परमेश्वर से प्रेम रखते हैं, उन के लिये सब बातें मिलकर भलाई ही को उत्पन्न करती है; अर्थात उन्हीं के लिये जो उस की इच्छा के अनुसार बुलाए हुए हैं। 
Romans 8:29 क्योंकि जिन्हें उसने पहिले से जान लिया है उन्हें पहिले से ठहराया भी है कि उसके पुत्र के स्वरूप में हों ताकि वह बहुत भाइयों में पहिलौठा ठहरे। 
Romans 8:30 फिर जिन्हें उसने पहिले से ठहराया, उन्हें बुलाया भी, और जिन्हें बुलाया, उन्हें धर्मी भी ठहराया है, और जिन्हें धर्मी ठहराया, उन्हें महिमा भी दी है।
Romans 8:31 सो हम इन बातों के विषय में क्या कहें? यदि परमेश्वर हमारी ओर है, तो हमारा विरोधी कौन हो सकता है? 
Romans 8:32 जिसने अपने निज पुत्र को भी न रख छोड़ा, परन्तु उसे हम सब के लिये दे दिया: वह उसके साथ हमें और सब कुछ क्योंकर न देगा? 
Romans 8:33 परमेश्वर के चुने हुओं पर दोष कौन लगाएगा? परमेश्वर वह है जो उन को धर्मी ठहराने वाला है। 
Romans 8:34 फिर कौन है जो दण्ड की आज्ञा देगा? मसीह वह है जो मर गया वरन मुर्दों में से जी भी उठा, और परमेश्वर की दाहिनी ओर है, और हमारे लिये निवेदन भी करता है। 
Romans 8:35 कौन हम को मसीह के प्रेम से अलग करेगा? क्या क्लेश, या संकट, या उपद्रव, या अकाल, या नंगाई, या जोखिम, या तलवार? 
Romans 8:36 जैसा लिखा है, कि तेरे लिये हम दिन भर घात किए जाते हैं; हम वध होने वाली भेंडों की नाईं गिने गए हैं। 
Romans 8:37 परन्तु इन सब बातों में हम उसके द्वारा जिसने हम से प्रेम किया है, जयवन्त से भी बढ़कर हैं। 
Romans 8:38 क्योंकि मैं निश्चय जानता हूं, कि न मृत्यु, न जीवन, न स्वर्गदूत, न प्रधानताएं, न वर्तमान, न भविष्य, न सामर्थ, न ऊंचाई, 
Romans 8:39 न गहिराई और न कोई और सृष्टि, हमें परमेश्वर के प्रेम से, जो हमारे प्रभु मसीह यीशु में है, अलग कर सकेगी।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 119:1-88
  • 1 कुरिन्थियों 7:20-40


गुरुवार, 24 अगस्त 2017

संघर्ष तथा सांत्वना


   जब मेरी बहन करोल को छाती का कैंसर हुआ, तो हमारा सारा परिवार चिंतित हुआ। उस रोग, और उसके इलाज के लिए होने वाले ऑपरेशन आदि के कारण हम सब को उसके फिर से स्वस्थ हो पाने की चिंता हुई और हम सब उसके लिए प्रार्थना करने में लगे रहे। आते महीनों में करोल अपने इलाज और प्रगति के बारे में, उस रोग का सामना करने की अपनी चुनौतियों के बारे में हमें स्पष्टता से बताती रही। जब यह खबर आई कि ऑपरेशन तथा इलाज सफल रहा है, और वह स्वस्थ होने की राह पर चल पड़ी है, हम सब बहुत हर्षित हुए।

   इस बात को एक वर्ष भी नहीं बीता था कि मेरी दूसरी बहन लिंडा को भी यही रोग पाया गया। तुरंत करोल लिंडा के साथ होकर उसे समझाने लगी कि आगे क्या होगा, और आती चुनौतियों के लिए कैसे अपने आप को तैयार करे। करोल के अनुभव ने उसे तैयार किया था कि वह लिंडा के साथ मिलकर चले, अपने अनुभवों के द्वारा उसे सांत्वना और मार्गदर्शन दे।

   यही बात प्रेरित पौलुस ने परमेश्वर के वचन बाइबल में कुरिन्थुस के मसीही विश्वासियों को अपनी दूसरी पत्री में लिखी: "हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्वर, और पिता का धन्यवाद हो, जो दया का पिता, और सब प्रकार की शान्‍ति का परमेश्वर है। वह हमारे सब क्‍लेशों में शान्‍ति देता है; ताकि हम उस शान्‍ति के कारण जो परमेश्वर हमें देता है, उन्हें भी शान्‍ति दे सकें, जो किसी प्रकार के क्‍लेश में हों" (2 कुरिन्थियों 1:3-4)।

   धन्यवाद हो कि परमेश्वर किसी भी बात को, किसी भी अनुभव को व्यर्थ नहीं जाने देता है। हमारे संघर्ष न केवल हमें अवसर देते हैं कि हम उसकी सांत्वना का अनुभव कर सकें, परन्तु उन संघर्षों के कारण हमें यह अवसर भी प्राप्त होता है कि हम उन्हें भी सांत्वना दे सकें जो उसी प्रकार के संघर्षों का सामना कर रहे हैं। - बिल क्राउडर


परमेश्वर का हमारे साथ होना हमें सांत्वना देता है; 
जिससे कि हम दूसरों के साथ होकर उन्हें सांत्वना दे सकें।

परन्तु प्रभु तू दयालु और अनुग्रहकारी ईश्वर है, तू विलम्ब से कोप करने वाला और अति करूणामय है। - भजन 86:15

बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 1:3-11
2 Corinthians 1:3 हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्वर, और पिता का धन्यवाद हो, जो दया का पिता, और सब प्रकार की शान्‍ति का परमेश्वर है। 
2 Corinthians 1:4 वह हमारे सब क्‍लेशों में शान्‍ति देता है; ताकि हम उस शान्‍ति के कारण जो परमेश्वर हमें देता है, उन्हें भी शान्‍ति दे सकें, जो किसी प्रकार के क्‍लेश में हों। 
2 Corinthians 1:5 क्योंकि जैसे मसीह के दुख हम को अधिक होते हैं, वैसे ही हमारी शान्‍ति भी मसीह के द्वारा अधिक होती है। 
2 Corinthians 1:6 यदि हम क्‍लेश पाते हैं, तो यह तुम्हारी शान्‍ति और उद्धार के लिये है और यदि शान्‍ति पाते हैं, तो यह तुम्हारी शान्‍ति के लिये है; जिस के प्रभाव से तुम धीरज के साथ उन क्‍लेशों को सह लेते हो, जिन्हें हम भी सहते हैं। 
2 Corinthians 1:7 और हमारी आशा तुम्हारे विषय में दृढ़ है; क्योंकि हम जानते हैं, कि तुम जैसे दुखों के वैसे ही शान्‍ति के भी सहभागी हो। 
2 Corinthians 1:8 हे भाइयों, हम नहीं चाहते कि तुम हमारे उस क्‍लेश से अनजान रहो, जो आसिया में हम पर पड़ा, कि ऐसे भारी बोझ से दब गए थे, जो हमारी सामर्थ से बाहर था, यहां तक कि हम जीवन से भी हाथ धो बैठे थे। 
2 Corinthians 1:9 वरन हम ने अपने मन में समझ लिया था, कि हम पर मृत्यु की आज्ञा हो चुकी है कि हम अपना भरोसा न रखें, वरन परमेश्वर का जो मरे हुओं को जिलाता है। 
2 Corinthians 1:10 उसी ने हमें ऐसी बड़ी मृत्यु से बचाया, और बचाएगा; और उस से हमारी यह आशा है, कि वह आगे को भी बचाता रहेगा। 
2 Corinthians 1:11 और तुम भी मिलकर प्रार्थना के द्वारा हमारी सहायता करोगे, कि जो वरदान बहुतों के द्वारा हमें मिला, उसके कारण बहुत लोग हमारी ओर से धन्यवाद करें।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 116-118
  • 1 कुरिन्थियों 7:1-19


बुधवार, 23 अगस्त 2017

विश्राम


   जब हमारे बच्चे छोटे थे तो मैं उन्हें मेरे दादा-दादी से मिलाने उत्तरी विस्कौन्सिन लेकर गया। उन के रहने के स्थान पर टेलिविज़न का रिसेप्शन अच्छा नहीं था; परन्तु उन के लिए टेलिविज़न का कोई विशेष महत्व भी नहीं था। मैंने देखा कि मेरा बेटा स्कॉट कुछ देर से टी.वी. पर कुछ लगाने का असफल प्रयास कर रहा था। अन्ततः उसने कुण्ठित होकर पूछा, "यदि आपको टी.वी. पर एक ही चैनल मिले और उस पर भी कुछ ऐसा आ रहा हो जिसे आप पसन्द नहीं करते हैं, तो फिर क्या करें?" मैंने मुस्कुराते हुए उत्तर दिया, "टी.वी. बन्द कर दो"; यह वह उत्तर तो नहीं था जिसकी उसे उम्मीद थी, परन्तु और कोई विकल्प भी नहीं था। आज के समय में ऐसा नहीं है, टी.वी. बन्द करने की भी आवश्यकता नहीं होगी, और टी.वी. के अतिरिक्त भी हमारे मनोरंजन के लिए अनेकों अन्य उपकरण और साधन हैं जो हम तक सूचनाएं भी पहुँचाते हैं, और हमारा ध्यान भी बाँटते हैं।

   कभी ऐसा भी होता है कि हमें अपने मन-मस्तिष्क को विश्राम देने के लिए इन सब को कुछ समय तक बन्द करके शान्त होकर बैठ जाना चाहिए; सूचना, जानकारी और मनोरंजन के इन साधनों की जीवन में पकड़ से निकलना चाहिए। प्रभु यीशु अक्सर एकांत में जाया करते थे, विशेषकर जब उन्हें प्रार्थना में समय बिताना होता था (मत्ती 14:13)। प्रभु ने अपने शिष्यों को भी प्रोत्साहित किया कि वे भी थोड़े समय के लिए ऐसा ही करें (मरकुस 6:31)। एकांत और चिंतन का ऐसा समय हम सब के लिए लाभदायक होता है; ऐसे समय में हम परमेश्वर के और निकट आ सकते हैं।

   मसीह यीशु के उदाहरण का अनुसरण कीजिए; अकेले होकर एकांत में विश्राम के लिए कुछ समय बिताएं, प्रभु और उसके वचन पर मनन करें। यह मनन तथा विश्राम आपके देह, प्राण, और आत्मा, सब के लिए लाभकारी होगा। - सिंडी हैस कैस्पर


जीवन के शोर की धव्नि को धीमा करना 
परमेश्वर की आवाज़ को ध्यान से सुनने में सहायक होता है।

और भोर को दिन निकलने से बहुत पहिले, वह[यीशु] उठ कर निकला, और एक जंगली स्थान में गया और वहां प्रार्थना करने लगा। - मरकुस 1:35

बाइबल पाठ: मरकुस 6:30-32, 45-47
Mark 6:30 प्रेरितों ने यीशु के पास इकट्ठे हो कर, जो कुछ उन्होंने किया, और सिखाया था, सब उसको बता दिया। 
Mark 6:31 उसने उन से कहा; तुम आप अलग किसी जंगली स्थान में आकर थोड़ा विश्राम करो; क्योंकि बहुत लोग आते जाते थे, और उन्हें खाने का अवसर भी नहीं मिलता था। 
Mark 6:32 इसलिये वे नाव पर चढ़कर, सुनसान जगह में अलग चले गए।

Mark 6:45 तब उसने तुरन्त अपने चेलों को बरबस नाव पर चढाया, कि वे उस से पहिले उस पार बैतसैदा को चले जांए, जब तक कि वह लोगों को विदा करे। 
Mark 6:46 और उन्हें विदा कर के पहाड़ पर प्रार्थना करने को गया। 
Mark 6:47 और जब सांझ हुई, तो नाव झील के बीच में थी, और वह अकेला भूमि पर था।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 113-115
  • 1 कुरिन्थियों 6


मंगलवार, 22 अगस्त 2017

प्रेम


   दूसरे विश्व-युद्ध में उत्तरी अफ्रीका में अपनी सैनिक टुकड़ी की अगुवाई करते समय मेरे पिताजी की टांग में गोली लगी। उसके पश्चात मेरे पिता फिर कभी शारीरिक रूप से 100% स्वस्थ्य नहीं रहे। इस घटना के अनेकों वर्षों के पश्चात मेरा जन्म हुआ, और अपने बचपन में मुझे कभी ज्ञात ही नहीं हुआ कि पिताजी के साथ ऐसी कोई घटना घटित हुई थी। मुझे तो इसका बाद में किसी अन्य के द्वारा बताए जाने पर पता चला। यद्यपि उनको टांग में दर्द बना रहता था, लेकिन पिताजी ने कभी इस बात की कोई शिकायत नहीं की; और उन्होंने इस कारण से हमारी देखभाल और परवरिश में कभी कोई कमी भी नहीं आने दी। वे भरसक अपने परिवार के पालन-पोषण में लगे रहे।

   मेरे माता-पिता जगत के उद्धारकर्ता प्रभु यीशु से प्रेम करते थे और उन्होंने हमारी परवरिश में हमें भी प्रभु से प्रेम करना, उस पर विश्वास रखना, और उसकी सेवकाई करना सिखाया। परिस्थितियाँ चाहे जैसी भी हों, समय सरल हो या कठिन, वे हर बात के लिए प्रभु परमेश्वर पर भरोसा बनाए रखते थे, परिश्रम करते थे, और हम से निःस्वार्थ प्रेम करते थे। परमेश्वर के वचन बाइबल में नीतिवचन 14:26 में लिखा है, "यहोवा के भय मानने से दृढ़ भरोसा होता है, और उसके पुत्रों को शरणस्थान मिलता है।" मेरे पिताजी ने परिवार के लिए यही किया। उन्हें चाहे किसी भी कठिनाई का सामना क्यों न करना पड़ा हो, उन्होंने हमारे आत्मिक, भावनात्मक और शारीरिक जीवनों के लिए सदा एक सुरक्षित स्थान बना कर रखा।

   जितना प्रेम हम अपने बच्चों से करते हैं, उससे कहीं अधिक प्रेम हमारा परमेश्वर पिता हमसे करता है। उस प्रेम के अन्तर्गत हम अभिभावक, प्रभु परमेश्वर के मार्गदर्शन और सहायता से अपने परिवारों के लिए एक सुरक्षित स्थान बना कर रख सकते हैं। - डेव ब्रैनन


परमेश्वर पिता का प्रेम असीम है।

यहोवा का भय मानने से जीवन बढ़ता है; और उसका भय मानने वाला ठिकाना पा कर सुखी रहता है; उस पर विपत्ती नहीं पड़ने की। - नीतिवचन 19:23

बाइबल पाठ: भजन 112:1-10
Psalms 112:1 याह की स्तुति करो। क्या ही धन्य है वह पुरूष जो यहोवा का भय मानता है, और उसकी आज्ञाओं से अति प्रसन्न रहता है! 
Psalms 112:2 उसका वंश पृथ्वी पर पराक्रमी होगा; सीधे लोगों की सन्तान आशीष पाएगी। 
Psalms 112:3 उसके घर में धन सम्पत्ति रहती है; और उसका धर्म सदा बना रहेगा। 
Psalms 112:4 सीधे लोगों के लिये अन्धकार के बीच में ज्योति उदय होती है; वह अनुग्रहकारी, दयावन्त और धर्मी होता है। 
Psalms 112:5 जो पुरूष अनुग्रह करता और उधार देता है, उसका कल्याण होता है, वह न्याय में अपने मुकद्दमें को जीतेगा। 
Psalms 112:6 वह तो सदा तक अटल रहेगा; धर्मी का स्मरण सदा तक बना रहेगा। 
Psalms 112:7 वह बुरे समाचार से नहीं डरता; उसका हृदय यहोवा पर भरोसा रखने से स्थिर रहता है। 
Psalms 112:8 उसका हृदय सम्भला हुआ है, इसलिये वह न डरेगा, वरन अपने द्रोहियों पर दृष्टि कर के सन्तुष्ट होगा। 
Psalms 112:9 उसने उदारता से दरिद्रों को दान दिया, उसका धर्म सदा बना रहेगा और उसका सींग महिमा के साथ ऊंचा किया जाएगा। 
Psalms 112:10 दुष्ट उसे देख कर कुढेगा; वह दांत पीस-पीसकर गल जाएगा; दुष्टों की लालसा पूरी न होगी।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 110-112
  • 1 कुरिन्थियों 5


सोमवार, 21 अगस्त 2017

साथ


   बचपन में, ग्रीष्मावकाश का मेरा सबसे पसन्दीदा सप्ताह वह होता था जिसमें मैं एक मसीही ग्रीष्म कैंप में जाता था। कैंप की अन्तिम रात्रि को हम सभी लोग एक साथ आग के चारों ओर बैठते थे और मसीही गाने गाते तथा उस सप्ताह हमने प्रभु परमेश्वर तथा परमेश्वर के वचन बाइबल के बारे में जो सीखा था उसके बारे में अपने विचार बताते थे। वहाँ गाए जाने वाले गानों में से एक, जिसे मैं अभी भी स्मरण करता हूँ, था वह गीत जो मसीह यीशु के पीछे चलने का निर्णय लेने और उससे होने वाली कठिन परिस्थितियों पर आधारित था। उस गीत के कोरस में बारंबार आता था, "न लौटूँगा, न लौटूँगा।"

   जब बाइबल के एक प्रमुख पात्र और परमेश्वर के भविष्यद्वक्ता एलीशा ने अपने से वरिष्ठ भविष्यद्वक्ता एलिय्याह का अनुसरण करने का निर्णय लिया, तो एलीशा ने कुछ विलक्षण किया, जिससे उसका वापस अपने पुराने किसान होने के जीवन में लौटना बहुत कठिन हो गया। एलिय्याह द्वारा उसके पीछे चलने के लिए बुलाए जाने पर एलीशा ने जाकर अपने घर वालों से विदा लेनी चाही तो एलिय्याह ने इस पर अपनी असहमति जताई (1 राजा 19:20)। अपने किसान होने के जीवन को छोड़ते समय, एलीशा ने खेती करने के अपने साधनों को जला डाला, बैलों का बलिदान कर दिया और सब कुछ छोड़कर वह एलिय्याह के साथ हो लिया (पद 21)।

   अपने आप को परमेश्वर को, जो हमारे समर्पण और भक्ति का योग्य पात्र है, समर्पित कर देना बहुधा कीमत माँगता है। ऐसा करने के लिए अपनी रिश्तेदारियों, धन-संपत्ति, रहन-सहन आदि के बारे में कठिन निर्णय लेने होते हैं। लेकिन प्रभु यीशु के साथ रहने और चलने से जो मिलता है, वह इन सब से कहीं अधिक बेशकीमती और आशीषमय होता है। प्रभु यीशु ने कहा है, "क्योंकि जो कोई अपना प्राण बचाना चाहे, वह उसे खोएगा; और जो कोई मेरे लिये अपना प्राण खोएगा, वह उसे पाएगा" (मत्ती 16:25)। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


यीशु को उसके प्रति पूर्णतः समर्पित लोगों की आवश्यकता है।

उसने सब से कहा, यदि कोई मेरे पीछे आना चाहे, तो अपने आप से इन्कार करे और प्रति दिन अपना क्रूस उठाए हुए मेरे पीछे हो ले। - लूका 9:23

बाइबल पाठ: 1 राजा 19:19-21
1 Kings 19:19 तब वह वहां से चल दिया, और शापात का पुत्र एलीशा उसे मिला जो बारह जोड़ी बैल अपने आगे किए हुए आप बारहवीं के साथ हो कर हल जोत रहा था। उसके पास जा कर एलिय्याह ने अपनी चद्दर उस पर डाल दी। 
1 Kings 19:20 तब वह बैलों को छोड़ कर एलिय्याह के पीछे दौड़ा, और कहने लगा, मुझे अपने माता-पिता को चूमने दे, तब मैं तेरे पीछे चलूंगा। उसने कहा, लौट जा, मैं ने तुझ से क्या किया है? 
1 Kings 19:21 तब वह उसके पीछे से लौट गया, और एक जोड़ी बैल ले कर बलि किए, और बैलों का सामान जलाकर उनका मांस पका के अपने लोगों को दे दिया, और उन्होंने खाया; तब वह कमर बान्धकर एलिय्याह के पीछे चला, और उसकी सेवा टहल करने लगा।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 107-109
  • 1 कुरिन्थियों 4


रविवार, 20 अगस्त 2017

पड़ौसी


   मेरी को सप्ताह के मध्य में होने वाली चर्च समूह की सभा में भाग लेना अच्छा लगता था। उस सभा में वह और उसके मित्र मिलकर प्रार्थना करते, परमेश्वर की आराधना करते और पिछले इतवार के सन्देश पर चर्चा करते, एक दूसरे के प्रश्नों के उत्तर देते थे। इस बार की सभा में उनकी चर्चा का विषय था चर्च "जाना" और दुःखी संसार के समक्ष प्रभु यीशु मसीह का चर्च "होना"। मेरी अपने मित्रों से मिलने और उनके साथ चर्चा में भाग लेने के लिए आतुर थी।

   मेरी ने सभा के लिए निकलने के लिए अपनी कार की चाबियाँ उठाई ही थीं कि दरवाज़े की घंटी बजी। दरवाज़े पर उसकी पड़ौसन सू खड़ी थी, जिससे मेरी की औपचारिकता मात्र ही की पहचान भर थी। सू ने कहा, "आपको कष्ट दे रही हूँ, क्षमा कीजिए, परन्तु क्या आपके पास अभी कुछ समय है?" मेरी कहने ही वाली थी कि वह अपने काम से बाहर जा रही है, कि इतने में सू ने आगे कहा, "मुझे अपनी कार मरम्मत करवाने के लिए ले जाकर उसे वहाँ छोड़ कर आना है। सामान्यतः ऐसा होने पर मैं वहाँ से या तो साइकल चला कर या फिर पैदल ही लौट आती हूँ, परन्तु मेरी पीठ में चोट आई है और मैं न चल पा रही हूँ, और न ही साइकल चला पा रही हूँ। क्या आप मेरे साथ चलकर, मुझे वापस घर छोड़ देंगी?" मेरी को थोड़ी सी हिचकिचाहट हुई, परन्तु उसने मुस्कुराते हुए कहा, "अवश्य", और उसके साथ चल पड़ी।

   उस दिन मेरी अपने मित्रों के साथ चर्चा में बैठने नहीं जा सकी। जब वह अपनी पड़ौसन को वापस घर ला रही थी तो उसे मालुम पड़ा कि कैसे सू अपने पति की देखभाल कर रही है, जिन्हें मानसिक रोग है, और बहुत देखभाल की आवश्यकता रहती है। इस गहन देखभाल के कारण सू कैसे कठिन संघर्ष से होकर निकल रही है। मेरी ने सहानुभूति के साथ सू की बात को सुना, उसे सांत्वना दी और उसके लिए प्रार्थना करने का वायदा किया, और साथ ही कभी भी किसी भी प्रकार से सू की सहायता करने के लिए उपलब्ध होने का आश्वासन दिया।

   मेरी जो उस दिन की सैध्दान्तिक चर्चा में नहीं कर पाई, वह उसने व्यावाहरिक जीवन में करा। उसने अपने पड़ौसी तक, उसकी कठिन परिस्थिति में, मसीह यीशु का प्रेम और सांत्वना को पहुँचाया; मसीही विश्वासी होने की अपनी ज़िम्मेदारी को निभाया। - मेरियन स्ट्राउड


हमारा मसीही विश्वास का प्रमाण हमारा व्यावाहरिक मसीही जीवन है।

हे मनुष्य, वह तुझे बता चुका है कि अच्छा क्या है; और यहोवा तुझ से इसे छोड़ और क्या चाहता है, कि तू न्याय से काम करे, और कृपा से प्रीति रखे, और अपने परमेश्वर के साथ नम्रता से चले? - मीका 6:8

बाइबल पाठ: लूका 10:29-37
Luke 10:29 परन्तु उसने अपने आप को धर्मी ठहराने की इच्छा से यीशु से पूछा, तो मेरा पड़ोसी कौन है? 
Luke 10:30 यीशु ने उत्तर दिया; कि एक मनुष्य यरूशलेम से यरीहो को जा रहा था, कि डाकुओं ने घेरकर उसके कपड़े उतार लिये, और मार पीट कर उसे अधमूआ छोड़कर चले गए। 
Luke 10:31 और ऐसा हुआ; कि उसी मार्ग से एक याजक[पुरोहित, धर्मोपदेशक] जा रहा था: परन्तु उसे देख के कतरा कर चला गया। 
Luke 10:32 इसी रीति से एक लेवी[मंदिर में सेवादार] उस जगह पर आया, वह भी उसे देख के कतरा कर चला गया। 
Luke 10:33 परन्तु एक सामरी[नीच जाती का समझा जाने वाला] यात्री वहां आ निकला, और उसे देखकर तरस खाया। 
Luke 10:34 और उसके पास आकर और उसके घावों पर तेल और दाखरस डालकर पट्टियां बान्‍धी, और अपनी सवारी पर चढ़ाकर सराय में ले गया, और उस की सेवा टहल की। 
Luke 10:35 दूसरे दिन उसने दो दिनार निकाल कर भटियारे को दिए, और कहा; इस की सेवा टहल करना, और जो कुछ तेरा और लगेगा, वह मैं लौटने पर तुझे भर दूंगा। 
Luke 10:36 अब तेरी समझ में जो डाकुओं में घिर गया था, इन तीनों में से उसका पड़ोसी कौन ठहरा? 
Luke 10:37 उसने कहा, वही जिसने उस पर तरस खाया: यीशु ने उस से कहा, जा, तू भी ऐसा ही कर।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 105-106
  • 1 कुरिन्थियों 3


शनिवार, 19 अगस्त 2017

कला


   बारहवीं शताब्दी के चीनी कलाकार ली-टैंग ने लोगों, पक्षियों और मवेशियों को लेकर प्राकृतिक दृश्य बनाए। क्योंकि वे रेशम पर बारीक रेखाओं से रेखा-चित्र बनाने में प्रवीण थे इसलिए उन्हें प्राकृतिक दृश्यों की चीनी कला का उस्ताद माना जाता है। सदियों से संसार भर के विभिन्न कलाकारों ने परमेश्वर की सृष्टि में प्रदर्शित उसकी कलाकृतियों का चित्रण किया है। परमेश्वर के वचन बाइबल में भजनकार लिखता है: "आकाश ईश्वर की महिमा वर्णन कर रहा है; और आकशमण्डल उसकी हस्तकला को प्रगट कर रहा है" (भजन 19:1)। बाइबल हमें यह भी बताती है कि हम मनुष्यों के अन्दर कला की यह रचनात्मक प्रवृत्ति हमारे परमेश्वर के स्वरूप में सृजे जाने के कारण है (उत्पत्ति 1:27)।

   परमेश्वर ने अपने कार्यों के लिए अनेकों लोगों को चुना और उनमें काठ, सोना, चांदी, पीतल, और रतनों से कलाकृतियाँ बनाने की प्रवीणता दी जिससे कि वे उसके अराधनास्थल के लिए वस्तुओं को बना सकें (निर्गमन 31:1-11)। आत्मिक सच्चाईयों को दर्शाने वाली ये कलाकृतियाँ, परमेश्वर की अराधना के लिए पुरोहितों और लोगों को प्रोत्साहित करती थीं, उनका मार्गदर्शन और सहायता करती थीं।

   विभिन्न प्रकार की कला और कलाकृतियों के द्वारा हम सृष्टिकर्ता एवं मुक्तिदाता प्रभु परमेश्वर का गुणानुवाद करते हैं, उसकी सृष्टि की भवयता एवं महानता को प्रतिबिंबित करते हैं, और परमेश्वर का आदर तथा महिमा करते हैं। - डेनिस फिशर


हमें परमेश्वर की महिमा के लिए सृजा गया है।

तब परमेश्वर ने मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार उत्पन्न किया, अपने ही स्वरूप के अनुसार परमेश्वर ने उसको उत्पन्न किया, नर और नारी कर के उसने मनुष्यों की सृष्टि की। - उत्पत्ति 1:27

बाइबल पाठ: निर्गमन 31:1-11
Exodus 31:1 फिर यहोवा ने मूसा से कहा, 
Exodus 31:2 सुन, मैं ऊरी के पुत्र बसलेल को, जो हूर का पोता और यहूदा के गोत्र का है, नाम ले कर बुलाता हूं।
Exodus 31:3 और मैं उसको परमेश्वर की आत्मा से जो बुद्धि, प्रवीणता, ज्ञान, और सब प्रकार के कार्यों की समझ देनेवाली आत्मा है परिपूर्ण करता हूं, 
Exodus 31:4 जिस से वह कारीगरी के कार्य बुद्धि से निकाल निकाल कर सब भांति की बनावट में, अर्थात सोने, चांदी, और पीतल में, 
Exodus 31:5 और जड़ने के लिये मणि काटने में, और लकड़ी के खोदने में काम करे। 
Exodus 31:6 और सुन, मैं दान के गोत्र वाले अहीसामाक के पुत्र ओहोलीआब को उसके संग कर देता हूं; वरन जितने बुद्धिमान है उन सभों के हृदय में मैं बुद्धि देता हूं, जिस से जितनी वस्तुओं की आज्ञा मैं ने तुझे दी है उन सभों को वे बनाएं; 
Exodus 31:7 अर्थात मिलापवाला तम्बू, और साक्षीपत्र का सन्दूक, और उस पर का प्रायश्चित्तवाला ढकना, और तम्बू का सारा सामान, 
Exodus 31:8 और सामान सहित मेज़, और सारे सामान समेत चोखे सोने की दीवट, और धूपवेदी, 
Exodus 31:9 और सारे सामान सहित होमवेदी, और पाए समेत हौदी, 
Exodus 31:10 और काढ़े हुए वस्त्र, और हारून याजक के याजक वाले काम के पवित्र वस्त्र, और उसके पुत्रों के वस्त्र, 
Exodus 31:11 और अभिषेक का तेल, और पवित्र स्थान के लिये सुगन्धित धूप, इन सभों को वे उन सब आज्ञाओं के अनुसार बनाएं जो मैं ने तुझे दी हैं।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 103-104
  • 1 कुरिन्थियों 2


शुक्रवार, 18 अगस्त 2017

आवश्यकता


   बोसनिया के युद्ध (1992-1996) में, 10,000 से भी अधिक सैनिक और असैनिक लोग आस-पास की पहाड़ियों से राजधानी सारायेवो शहर पर की जा रही गोलाबारी और दाग़े जा रहे मौर्टारों से मारे गए। स्टीवन गैलोवे का रोमांचक उपन्यास, The Cellist of Sarajevo आधुनिक युद्ध स्थिति में किसी राजधानी की सबसे लंबी चली घेराबंदी की इसी पृष्ठभूमि पर आधारित है। इस उपन्यास में तीन काल्पनिक पात्र हैं, जिन्हें निर्णय करना है कि वे इस लड़ाई में जीवित रहने के संघर्ष में अपनी ही चिन्ता करने में खो जाएंगे, या, अपने आस-पास की जड़ कर देने वाली परिस्थितियों से किसी प्रकार ऊपर उठकर औरों की चिन्ता भी करेंगे।

   परमेश्वर के वचन बाइबल के नए नियम खण्ड के एक प्रमुख पात्र, प्रेरित पौलुस ने फिलिप्पी के मसीही विश्वासियों को लिखा, "विरोध या झूठी बड़ाई के लिये कुछ न करो पर दीनता से एक दूसरे को अपने से अच्छा समझो। हर एक अपनी ही हित की नहीं, वरन दूसरों की हित की भी चिन्‍ता करे" (फिलिप्पियों 2:3-4)। अपनी इस बात कि पुष्टि के लिए पौलुस ने दूसरों के प्रति निःस्वर्थ मनसा रखने के लिए प्रभु यीशु का उदाहरण दिया: "जैसा मसीह यीशु का स्‍वभाव था वैसा ही तुम्हारा भी स्‍वभाव हो। जिसने परमेश्वर के स्‍वरूप में हो कर भी परमेश्वर के तुल्य होने को अपने वश में रखने की वस्तु न समझा। वरन अपने आप को ऐसा शून्य कर दिया, और दास का स्‍वरूप धारण किया, और मनुष्य की समानता में हो गया। और मनुष्य के रूप में प्रगट हो कर अपने आप को दीन किया, और यहां तक आज्ञाकारी रहा, कि मृत्यु, हां, क्रूस की मृत्यु भी सह ली" (फिलिप्पियों 2:5-8)।

   दूसरों से सहानुभूति या दया चाहने की अपेक्षा, प्रभु यीशु ने हमें पापों से छुड़ाने के लिए अपने आप को बलिदान कर दिया; हमारी आवश्यकता को अपनी ज़िम्मेदारी बना लिया। हम मसीही विश्वासियों के लिए यह एक बड़ी चुनौती है कि हम दूसरों की आवश्यकताओं को प्रभु यीशु के दृष्टिकोण से देखें, और अपने कठिन समयों में भी प्रभु की सामर्थ्य से प्रभु के समान ही अन्य लोगों की उन आवश्यकताओं के प्रति संवेदनशील तथा कार्यकारी बनें। - डेविड मैक्कैसलैंड


दूसरों के प्रति प्रेम रखने की कुँजी अपने प्रति प्रभु परमेश्वर के प्रेम को अपनाना है।

क्योंकि मनुष्य का पुत्र इसलिये नहीं आया, कि उस की सेवा टहल की जाए, पर इसलिये आया, कि आप सेवा टहल करे, और बहुतों की छुड़ौती के लिये अपना प्राण दे। - मरकुस 10:45

बाइबल पाठ: फिलिप्पियों 2:1-11
Philippians 2:1 सो यदि मसीह में कुछ शान्‍ति और प्रेम से ढाढ़स और आत्मा की सहभागिता, और कुछ करूणा और दया है। 
Philippians 2:2 तो मेरा यह आनन्द पूरा करो कि एक मन रहो और एक ही प्रेम, एक ही चित्त, और एक ही मनसा रखो। 
Philippians 2:3 विरोध या झूठी बड़ाई के लिये कुछ न करो पर दीनता से एक दूसरे को अपने से अच्छा समझो। 
Philippians 2:4 हर एक अपनी ही हित की नहीं, वरन दूसरों की हित की भी चिन्‍ता करे। 
Philippians 2:5 जैसा मसीह यीशु का स्‍वभाव था वैसा ही तुम्हारा भी स्‍वभाव हो। 
Philippians 2:6 जिसने परमेश्वर के स्‍वरूप में हो कर भी परमेश्वर के तुल्य होने को अपने वश में रखने की वस्तु न समझा। 
Philippians 2:7 वरन अपने आप को ऐसा शून्य कर दिया, और दास का स्‍वरूप धारण किया, और मनुष्य की समानता में हो गया। 
Philippians 2:8 और मनुष्य के रूप में प्रगट हो कर अपने आप को दीन किया, और यहां तक आज्ञाकारी रहा, कि मृत्यु, हां, क्रूस की मृत्यु भी सह ली। 
Philippians 2:9 इस कारण परमेश्वर ने उसको अति महान भी किया, और उसको वह नाम दिया जो सब नामों में श्रेष्ठ है। 
Philippians 2:10 कि जो स्वर्ग में और पृथ्वी पर और जो पृथ्वी के नीचे है; वे सब यीशु के नाम पर घुटना टेकें। 
Philippians 2:11 और परमेश्वर पिता की महिमा के लिये हर एक जीभ अंगीकार कर ले कि यीशु मसीह ही प्रभु है।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 100-102
  • 1 कुरिन्थियों 1


गुरुवार, 17 अगस्त 2017

दृष्टिकोण


   एक प्रातः जब लिलिया कार्य पर निकलने की तैयारी कर रही थी, उसकी 4 वर्षीय पुत्री, जेस, भी कुछ कार्य करने लगी। परिवार ने एक टोस्टर खरीदा था और उस टोस्टर को कार्य करते देखने से जेस रोमांचित होती थी। कुछ ही मिनिटों में लिलिया ने पाया कि उसके सामने मेज़ पर पूरा ब्रेड और आधा टोस्ट विद्यमान था; और जेस कह रही थी, "देखा, मैं कितनी अच्छी डबल रोटी बनाती हूँ"।

   एक जिज्ञासु लड़की द्वारा ब्रेड को टोस्ट में बदल देना कोई आश्चर्यकर्म नहीं था। परन्तु जब प्रभु यीशु ने एक लड़के की पाँच रोटियों और दो मछलियों को हज़ारों की भीड़ को भर-पेट खिलाने के लायक भोजन में बदल दिया, तो उस पहाड़ी पर एकत्रित भीड़ ने इस बात के आश्चर्यकर्म होने को समझा, और वे प्रभु को राजा बनाने की युक्ति करने लगे (देखिए यूहन्ना 6:1-15)।

   परन्तु प्रभु यीशु का राज्य इस संसार का राज्य नहीं है (यूहन्ना 18:36), इसलिए वह उनके मध्य में से निकल कर चला गया। अगले दिन जब लोगों ने उसे झील के पार पाया, और उससे इस के बारे में पूछने लगे, तो प्रभु यीशु ने उनके विचारों और उद्देश्यों में विद्यमान मूल त्रुटि को उनके सामने रखा; प्रभु यीशु ने उन से कहा: "...मैं तुम से सच सच कहता हूं, तुम मुझे इसलिये नहीं ढूंढ़ते हो कि तुम ने अचम्भित काम देखे, परन्तु इसलिये कि तुम रोटियां खाकर तृप्‍त हुए" (यूहन्ना 6:26)।

   उनका सोचना था कि "राजा" यीशु उन्हें मुफ्त में, बिना किसी परिश्रम के, भरपेट भोजन देता रहेगा और साथ ही रोमी शासन से स्वतंत्रता देगा; परन्तु उनकी यह सोच गलत थी। प्रभु यीशु ने उन्हें परामर्श दिया, "नाशमान भोजन के लिये परिश्रम न करो, परन्तु उस भोजन के लिये जो अनन्त जीवन तक ठहरता है, जिसे मनुष्य का पुत्र तुम्हें देगा, क्योंकि पिता, अर्थात परमेश्वर ने उसी पर छाप कर दी है" (पद 27)। सांसारिक दृष्टिकोण हमें प्रभु यीशु को सांसारिक आवश्यकताओं की पूर्ति का माध्यम बनाकर दिखाएगा; परन्तु वह तो हमें सांसारिक वस्तुएं नहीं वरन पापों की क्षमा, स्वर्गीय आशीषें, और अनन्त जीवन का दान देने आया है। - टिम गस्टाफ्सन


पहले तुम परमेश्वर के राज्य और उसके धर्म की खोज करो
 तो यह सब वस्तुएं भी तुम्हें दे दी जाएंगी। - मत्ती 6:33

चोर किसी और काम के लिये नहीं परन्तु केवल चोरी करने और घात करने और नष्‍ट करने को आता है। मैं इसलिये आया कि वे जीवन पाएं, और बहुतायत से पाएं। - यूहन्ना 10:10

बाइबल पाठ: यूहन्ना 6:22-34
John 6:22 दूसरे दिन उस भीड़ ने, जो झील के पार खड़ी थी, यह देखा, कि यहां एक को छोड़कर और कोई छोटी नाव न थी, और यीशु अपने चेलों के साथ उस नाव पर न चढ़ा, परन्तु केवल उसके चेले चले गए थे। 
John 6:23 (तौभी और छोटी नावें तिबिरियास से उस जगह के निकट आई, जहां उन्होंने प्रभु के धन्यवाद करने के बाद रोटी खाई थी।) 
John 6:24 सो जब भीड़ ने देखा, कि यहां न यीशु है, और न उसके चेले, तो वे भी छोटी छोटी नावों पर चढ़ के यीशु को ढूंढ़ते हुए कफरनहूम को पहुंचे। 
John 6:25 और झील के पार उस से मिलकर कहा, हे रब्बी, तू यहां कब आया? 
John 6:26 यीशु ने उन्हें उत्तर दिया, कि मैं तुम से सच सच कहता हूं, तुम मुझे इसलिये नहीं ढूंढ़ते हो कि तुम ने अचम्भित काम देखे, परन्तु इसलिये कि तुम रोटियां खाकर तृप्‍त हुए। 
John 6:27 नाशमान भोजन के लिये परिश्रम न करो, परन्तु उस भोजन के लिये जो अनन्त जीवन तक ठहरता है, जिसे मनुष्य का पुत्र तुम्हें देगा, क्योंकि पिता, अर्थात परमेश्वर ने उसी पर छाप कर दी है। 
John 6:28 उन्होंने उस से कहा, परमेश्वर के कार्य करने के लिये हम क्या करें? 
John 6:29 यीशु ने उन्हें उत्तर दिया; परमेश्वर का कार्य यह है, कि तुम उस पर, जिसे उसने भेजा है, विश्वास करो।
John 6:30 तब उन्होंने उस से कहा, फिर तू कौन का चिन्ह दिखाता है कि हम उसे देखकर तेरी प्रतीति करें, तू कौन सा काम दिखाता है? 
John 6:31 हमारे बाप दादों ने जंगल में मन्ना खाया; जैसा लिखा है; कि उसने उन्हें खाने के लिये स्वर्ग से रोटी दी। 
John 6:32 यीशु ने उन से कहा, मैं तुम से सच सच कहता हूं कि मूसा ने तुम्हें वह रोटी स्वर्ग से न दी, परन्तु मेरा पिता तुम्हें सच्ची रोटी स्वर्ग से देता है। 
John 6:33 क्योंकि परमेश्वर की रोटी वही है, जो स्वर्ग से उतरकर जगत को जीवन देती है। 
John 6:34 तब उन्होंने उस से कहा, हे प्रभु, यह रोटी हमें सर्वदा दिया कर।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 97-99
  • रोमियों 16


बुधवार, 16 अगस्त 2017

धन्यवाद और अराधना


   पेंसिलिन के अविष्कार से स्वास्थ्य सेवाओं में क्रांतिकारी परिवर्तन आया। 1940 के दशक से पहले, कीटाणुओं से होने वाला संक्रमण अकसर घातक सिद्ध होता था। परन्तु पेंसिलिन के आने के बाद से हानिकारक जीवाअणुओं के नाश द्वारा अनगिनित जानें बचाई गई हैं। जिन व्यक्तियों ने पेंसिलिन की इस संभावना को पहचाना और उसे व्यापक उपयोग के लिए विकसित करके उपलब्ध करवाया, उन्हें इस कार्य के लिए 1945 में नोबल पुरुस्कार से सम्मानित किया गया। हम मनुष्य आज भी उनकी इन सेवाओं और कार्य के लिए धन्यवादी और कृतज्ञ है।

   पेंसिलिन के अविष्कार से बहुत पहले भी हानिकारक जीवाणुओं का नाश करने के लिए कुछ अदृश्य और अनजाने मूक कार्यकर्ता कार्यरत थे। ये मूक कार्यकर्ता हैं हमारे रक्त में पाई जानी वाली श्वेत रक्त कोशिकाएं। ये परिश्रमी कोशिकाएं हमें बीमारियों से बचाए रखने के लिए परमेश्वर द्वारा दिया गया उपाय हैं। कोई नहीं जानता कि उन्होंने कितने आक्रमणों को विफल किया है, कितनी जानों को बचाया है। उनके द्वारा लगातार की जा रही भलाई के लिए उन्हें बहुत कम ही श्रेय मिल पाता है।

   प्रभु परमेश्वर के साथ भी यही स्थिति है। यदि कुछ गलत हो जाता है तो प्रभु को ही दोष दिया जाता है, परन्तु जब सब कुछ सुचारू रुप से चल रहा होता है तो उस स्थिति के लिए उसे कम ही श्रेय दिया जाता है। प्रतिदिन लोग सो कर उठते हैं, तैयार होते हैं, अपने कार्यों के लिए विभिन्न साधनों के द्वारा जाते हैं, और फिर सुरक्षित लौट कर अपने परिवारों के पास आ जाते हैं। कोई नहीं जानता है कि कितनी बार प्रभु ने उन्हें किसी खतरे से, से किसी हानि से, कैसे-कैसे बचाया है; बहुत ही कम लोगों को इस प्रभु द्वारा दी गई इस देखभाल और सुरक्षा का एहसास होता है; बहुत ही कम लोग प्रभु के प्रति इन दैनिक आशीषों के लिए धन्यवादी होते हैं। परन्तु यदि कोई त्रासदी हो जाए, तो सभी एकदम पुकारने लगते हैं कि ऐसे में "परमेश्वर कहाँ था?"

   जब मैं उन अद्भुत बातों के बारे में विचार करती हूँ जो परमेश्वर हमारे जीवनों में, हमारे लिए करता रहता है (यशायाह 25:1), तो मैं पाती हूँ कि प्रभु परमेश्वर के प्रति मेरे धन्यवाद और अराधना के विषयों की सूची, उससे माँगने के लिए मेरी प्रार्थनाओं और निवेदनों की सूची से कहीं अधिक बड़ी हो जाती है। - जूली ऐकैरमैन लिंक


परमेश्वर हमें उसकी स्तुति और प्रशंसा करते रहने के कारण प्रदान करता रहता है।

हे मेरे परमेश्वर यहोवा, तू ने बहुत से काम किए हैं! जो आश्चर्यकर्म और कल्पनाएं तू हमारे लिये करता है वह बहुत सी हैं; तेरे तुल्य कोई नहीं! मैं तो चाहता हूं की खोल कर उनकी चर्चा करूं, परन्तु उनकी गिनती नहीं हो सकती। - भजन 40:5

बाइबल पाठ: यशायाह 25:1-9
Isaiah 25:1 हे यहोवा, तू मेरा परमेश्वर है; मैं तुझे सराहूंगा, मैं तेरे नाम का धन्यवाद करूंगा; क्योंकि तू ने आश्चर्यकर्म किए हैं, तू ने प्राचीनकाल से पूरी सच्चाई के साथ युक्तियां की हैं। 
Isaiah 25:2 तू ने नगर को डीह, और उस गढ़ वाले नगर को खण्डहर कर डाला है; तू ने परदेशियों की राजपुरी को ऐसा उजाड़ा कि वह नगर नहीं रहा; वह फिर कभी बसाया न जाएगा। 
Isaiah 25:3 इस कारण बलवन्त राज्य के लोग तेरी महिमा करेंगे; भयंकर अन्यजातियों के नगरों में तेरा भय माना जाएगा। 
Isaiah 25:4 क्योंकि तू संकट में दीनों के लिये गढ़, और जब भयानक लोगों का झोंका भीत पर बौछार के समान होता था, तब तू दरिद्रों के लिये उनकी शरण, और तपन में छाया का स्थान हुआ। 
Isaiah 25:5 जैसे निर्जल देश में बादल की छाया से तपन ठण्डी होती है वैसे ही तू परदेशियों का कोलाहल और क्रूर लोगों को जयजयकार बन्द करता है।
Isaiah 25:6 सेनाओं का यहोवा इसी पर्वत पर सब देशों के लोगों के लिये ऐसी जेवनार करेगा जिस में भांति भांति का चिकना भोजन और निथरा हुआ दाखमधु होगा; उत्तम से उत्तम चिकना भोजन और बहुत ही निथरा हुआ दाखमधु होगा। 
Isaiah 25:7 और जो पर्दा सब देशों के लोगों पर पड़ा है, जो घूंघट सब अन्यजातियों पर लटका हुआ है, उसे वह इसी पर्वत पर नाश करेगा। 
Isaiah 25:8 वह मृत्यु को सदा के लिये नाश करेगा, और प्रभु यहोवा सभों के मुख पर से आंसू पोंछ डालेगा, और अपनी प्रजा की नामधराई सारी पृथ्वी पर से दूर करेगा; क्योंकि यहोवा ने ऐसा कहा है।
Isaiah 25:9 और उस समय यह कहा जाएगा, देखो, हमारा परमेश्वर यही है; हम इसी की बाट जोहते आए हैं, कि वह हमारा उद्धार करे। यहोवा यही है; हम उसकी बाट जोहते आए हैं। हम उस से उद्धार पाकर मगन और आनन्दित होंगे।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 94-96
  • रोमियों 15:14-33


मंगलवार, 15 अगस्त 2017

स्वीकार


   1800 के अन्त की ओर, तथा 1900 के आरंभिक वर्षों में, जॉर्जिया प्रांत के सवान्ना शहर के बन्दरगाह में आने वाले जलपोतों का स्वागत करने के लिए एक बात चिर-परिचित हो गई थी - फ्लोरेंस मार्टस नामक महिला, जो 44 वर्ष तक संसार भर से आने वाले विशाल जलपोतों का स्वागत दिन में रुमाल लिए हुए हाथ हिला-हिला कर और रात में लालटेन हिला कर किया करती थी। आज सवान्ना के मोरेल उद्यान में स्थापित की गई फ्लोरेंस और उसके वफादार कुत्ते की मूर्ति आने वाले जलपोतों का स्वागत करती है।

   हार्दिक अभिनन्दन और स्वागत में कुछ बात है जो स्वीकार करना दिखाती है। परमेश्वर के वचन बाइबल के रोमियों 15:7 में पौलुस ने अपने पाठकों से आग्रह किया: "इसलिये, जैसा मसीह ने भी परमेश्वर की महिमा के लिये तुम्हें ग्रहण किया है, वैसे ही तुम भी एक दूसरे को ग्रहण करो"। पौलुस बता रहा था कि मसीही विश्वासी और मसीह यीशु के अनुयायी होने के नाते, हमें एक दूसरे के प्रति कैसा व्यवहार रखना चाहिए: "और धीरज, और शान्ति का दाता परमेश्वर तुम्हें यह वरदान दे, कि मसीह यीशु के अनुसार आपस में एक मन रहो। ताकि तुम एक मन और एक मुंह हो कर हमारे प्रभु यीशु मसीह के पिता परमेश्वर की बड़ाई करो" (रोमियों 15:5-6)।

   मसीह यीशु में सहविश्वासियों को स्वीकार करना केवल एक दूसरे के प्रति हमारे प्रेम ही को नहीं दिखाता है - यह उस महान प्रेम को प्रतिबिंबित करता है जिसके द्वारा प्रभु परमेश्वर ने हमें अपने परिवार में सम्मिलित किया है - स्थायी रूप से, अनन्तकाल के लिए। - बिल क्राऊडर


मसीही जितना मसीह की निकटता में बढ़ते हैं, 
वे उतना ही एक दूसरे की निकटता में भी बढ़ते हैं।

विरोध या झूठी बड़ाई के लिये कुछ न करो पर दीनता से एक दूसरे को अपने से अच्छा समझो। हर एक अपनी ही हित की नहीं, वरन दूसरों की हित की भी चिन्‍ता करे। - फिलिप्पियों 2:3-4

बाइबल पाठ: रोमियों 15:1-7
Romans 15:1 निदान हम बलवानों को चाहिए, कि निर्बलों की निर्बलताओं को सहें; न कि अपने आप को प्रसन्न करें। 
Romans 15:2 हम में से हर एक अपने पड़ोसी को उस की भलाई के लिये सुधारने के निमित प्रसन्न करे। 
Romans 15:3 क्योंकि मसीह ने अपने आप को प्रसन्न नहीं किया, पर जैसा लिखा है, कि तेरे निन्दकों की निन्दा मुझ पर आ पड़ी। 
Romans 15:4 जितनी बातें पहिले से लिखी गईं, वे हमारी ही शिक्षा के लिये लिखी गईं हैं कि हम धीरज और पवित्र शास्त्र की शान्ति के द्वारा आशा रखें। 
Romans 15:5 और धीरज, और शान्ति का दाता परमेश्वर तुम्हें यह वरदान दे, कि मसीह यीशु के अनुसार आपस में एक मन रहो। 
Romans 15:6 ताकि तुम एक मन और एक मुंह हो कर हमारे प्रभु यीशु मसीह के पिता परमेश्वर की बड़ाई करो। 
Romans 15:7 इसलिये, जैसा मसीह ने भी परमेश्वर की महिमा के लिये तुम्हें ग्रहण किया है, वैसे ही तुम भी एक दूसरे को ग्रहण करो।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 91-93
  • रोमियों 15:1-13


सोमवार, 14 अगस्त 2017

परिप्रेक्ष्य


   हम एलबर्ट आइन्स्टाईन को उनके बिखरे हुए बालों, बड़ी-बड़ी आँखों और आकर्षक बुद्धिमता के अलावा उनके एक सुप्रसिद्ध वैज्ञानिक और भौतिक शास्त्री होने के लिए जानते हैं; एक ऐसे प्रवीण वैज्ञानिक होने के लिए जिन्होंने संसार की रचना और कार्यविद्धि के प्रति हमारा दृष्टिकोण बदल दिया। उनके प्रसिद्ध सूत्र, E=mc2 ने वैज्ञानिक सोच में क्रांति ला दी और हमें नाभिकीय युग में पहुँचा दिया। उन्होंने अपने "Special Theory of Relativity (सापेक्षता के विशेष सिद्धांत)" के द्वारा तर्क दिया कि क्योंकि सृष्टि में सब कुछ गतिवान है, इसलिए हर बात को समझना और जानना उसके परिप्रेक्ष्य पर निर्भर करता है। उनका मानना था कि प्रकाश की गति ही एकमात्र अपरिवर्तनीय तथ्य है, जिसके आधार पर हम अन्तरिक्ष, समय, और भौतिक द्रव्यमान को माप सकते हैं।

   एलबर्ट आइन्स्टाईन से सदियों पहले प्रभु यीशु ने हमारे संसार को जानने और समझने के लिए प्रकाश के महत्व के बारे में बताया, किंतु एक भिन्न परिप्रेक्ष्य से। प्रभु यीशु ने संसार की ज्योति होने के अपने दावे (यूहन्ना 8:12) के समर्थन में एक जन्म से अन्धे की आँखों को ज्योति दी (यूहन्ना 9:6)। इस घटना को लेकर जब उस समय के धर्मगुरुओं, फरीसियों, ने प्रभु पर पापी होने का दोषारोपण किया, तो ज्योति पाने वाले उस कृतज्ञ जन्म के अँधे ने उन से कहा, "...मैं नहीं जानता कि वह पापी है या नहीं: मैं एक बात जानता हूं कि मैं अन्‍धा था और अब देखता हूं" (यूहन्ना 9:25)।

   यद्यपि बाद में आइन्स्टाईन के विचारों को सरलता से जाँच पाना कठिन हुआ, प्रभु यीशु के सभी दावों की जाँच की जा सकती है। जब हम परमेश्वर के वचन बाइबल की शिक्षाओं में प्रभु यीशु के साथ चलते हैं, उसे अपनी दिनचर्या में आमंत्रित कर के अपने जीवन का भाग बना लेते हैं, तो हम स्वयं देखने पाएंगे कि वह प्रत्येक बात के प्रति हमारे परिप्रेक्ष्य को बदल देता है, हमें जीवन के प्रति एक नया दृष्टिकोण प्रदान करता है। - मार्ट डीहॉन


केवल मसीह की ज्योति में चलकर ही हम उसके प्रेम में जीवन जी सकते हैं।

तब यीशु ने फिर लोगों से कहा, जगत की ज्योति मैं हूं; जो मेरे पीछे हो लेगा, वह अन्धकार में न चलेगा, परन्तु जीवन की ज्योति पाएगा। - यूहन्ना 8:12

बाइबल पाठ: यूहन्ना 9:1-7
John 9:1 फिर जाते हुए उसने एक मनुष्य को देखा, जो जन्म का अन्‍धा था। 
John 9:2 और उसके चेलों ने उस से पूछा, हे रब्बी, किस ने पाप किया था कि यह अन्‍धा जन्मा, इस मनुष्य ने, या उसके माता पिता ने? 
John 9:3 यीशु ने उत्तर दिया, कि न तो इस ने पाप किया था, न इस के माता पिता ने: परन्तु यह इसलिये हुआ, कि परमेश्वर के काम उस में प्रगट हों। 
John 9:4 जिसने मुझे भेजा है; हमें उसके काम दिन ही दिन में करना अवश्य है: वह रात आने वाली है जिस में कोई काम नहीं कर सकता। 
John 9:5 जब तक मैं जगत में हूं, तब तक जगत की ज्योति हूं। 
John 9:6 यह कहकर उसने भूमि पर थूका और उस थूक से मिट्टी सानी, और वह मिट्टी उस अन्धे की आंखों पर लगाकर। 
John 9:7 उस से कहा; जा शीलोह के कुण्ड में धो ले, (जिस का अर्थ भेजा हुआ है) सो उसने जा कर धोया, और देखता हुआ लौट आया।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 89-90
  • रोमियों 14


रविवार, 13 अगस्त 2017

सामर्थ्य


   अपने मोबाइल फोन पर आए एक सन्देश को पढ़ते हुए मेरा पारा चढ़ने लगा, और खून खौलने लगा। मैं तुरंत उस सन्देश के प्रत्युत्तर में वैसा ही सन्देश भेजना चाहता था, परन्तु मेरे अन्दर से एक आवाज़ आई, "अभी आवेश में नहीं; इसका उत्तर कल देना।" रात के अच्छे आराम के पश्चात, अगले दिन, जिस बात से मैं बीते दिन में इतना भड़क गया था, वही अब बहुत मामूली लग रही थी। मैंने ही उसे आवश्यकता से कहीं अधिक बढ़ा-चढ़ा के समझ लिया था क्योंकि मैं किसी दूसरे के हित को अपने हित से आगे नहीं रखना चाहता था। मैं किसी दूसरे की सहायता के लिए अपने आप को कोई कष्ट नहीं देना चाहता था।

   मेरे लिए यह खेद की बात है कि मैं अनेकों बार क्रोध और आवेश में लोगों को प्रतिक्रिया और प्रत्युत्तर दे बैठता हूँ। मैं पाता हूँ कि इस प्रवृत्ति के निवारण के लिए मुझे बहुत बार परमेश्वर के वचन बाइबल के महान सत्यों को स्मरण करके अपने आप को काबू में लेना पड़ता है; जैसे कि "क्रोध तो करो, पर पाप मत करो: सूर्य अस्‍त होने तक तुम्हारा क्रोध न रहे" (इफिसियों 4:26) और "हर एक अपने ही हित की नहीं, वरन दूसरों की हित की भी चिन्‍ता करे" (फिलिप्पियों 2:4)।

   हम मसीही विश्वासियों को परमेश्वर का धन्यवादी होना चाहिए कि उसने अपने पवित्र आत्मा को हमारे अन्दर निवास के लिए दिया है; और वह हमें सिखाता-समझाता है, पाप से लड़ने में हमारी सहायता करता है। पौलुस और पतरस ने इसे पवित्र आत्मा का पवित्र करने का कार्य कहा है (2 थिस्सलुनीकियों 2:13; 1 पतरस 1:2)। पवित्र आत्मा की इस सामर्थ्य के बिना हम निःसहाय और पराजित जीवन व्यतीत कर रहे होते। परन्तु उसके द्वारा हमें दी जाने वाली इस सामर्थ्य के कारण अब हम आशा से परिपूर्ण जयवंत जीवन जीने पाते हैं। - पोह फैंग चिया


परमेश्वर के जन का विकास सारी उम्र चलते रहने वाला कार्य है।

परन्तु सहायक अर्थात पवित्र आत्मा जिसे पिता मेरे नाम से भेजेगा, वह तुम्हें सब बातें सिखाएगा, और जो कुछ मैं ने तुम से कहा है, वह सब तुम्हें स्मरण कराएगा। - यूहन्ना 14:26

बाइबल पाठ: 2 थिस्सलुनीकियों 2:13-17
2 Thessalonians 2:12 और जितने लोग सत्य की प्रतीति नहीं करते, वरन अधर्म से प्रसन्न होते हैं, सब दण्‍ड पाएं।
2 Thessalonians 2:13 पर हे भाइयो, और प्रभु के प्रिय लोगो चाहिये कि हम तुम्हारे विषय में सदा परमेश्वर का धन्यवाद करते रहें, कि परमेश्वर ने आदि से तुम्हें चुन लिया; कि आत्मा के द्वारा पवित्र बन कर, और सत्य की प्रतीति कर के उद्धार पाओ। 
2 Thessalonians 2:14 जिस के लिये उसने तुम्हें हमारे सुसमाचार के द्वारा बुलाया, कि तुम हमारे प्रभु यीशु मसीह की महिमा को प्राप्त करो। 
2 Thessalonians 2:15 इसलिये, हे भाइयों, स्थिर रहो; और जो जो बातें तुम ने क्या वचन, क्या पत्री के द्वारा हम से सीखी है, उन्हें थामे रहो।
2 Thessalonians 2:16 हमारा प्रभु यीशु मसीह आप ही, और हमारा पिता परमेश्वर जिसने हम से प्रेम रखा, और अनुग्रह से अनन्त शान्‍ति और उत्तम आशा दी है। 
2 Thessalonians 2:17 तुम्हारे मनों में शान्‍ति दे, और तुम्हें हर एक अच्‍छे काम, और वचन में दृढ़ करे।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 87-88
  • रोमियों 13


शनिवार, 12 अगस्त 2017

चित्र


   रॉबर्ट हेन्किस ने अपनी पुस्तक Portraits of Famous American Women में लिखा, "चित्र कोई फोटो नहीं है, ना ही वह व्यक्ति की हू-ब-हू समानता में बनाई गई छवि है।" चित्र बाहरी स्वरूप से आगे निकलकर मानवीय आत्मा की भीतरी गहराईयों में झाँकता है। चित्र में एक सच्चा कलाकार दर्शाना चाहता है कि वह व्यक्ति वास्तव में है क्या।

   सदियों से प्रभु यीशु के अनेकों चित्र बनाए गए हैं। हो सकता है कि आपने उन्हें किसी चर्च या कला के संग्रहालय में देखा हो, या कोई चित्र आपके घर में भी लगा हो। लेकिन संसार्र भर में पाए जाने वाले इन चित्रों में से कोई एक भी चित्र प्रभु यीशु का वास्तविक चित्र नहीं है क्योंकि हमारे प्रभु के शारीरिक स्वरूप की न तो कोई फोटो है और न ही कभी कोई वास्तविक छवि बनी है; सभी उपलब्ध चित्र विभिन्न कलाकारों ने अपनी कल्पना और समझ के आधार पर बनाए हैं।

   परन्तु परमेश्वर के वचन बाइबल में यशायाह भविष्यद्वक्ता की पुस्तक के 53वें अध्याय में हम प्रभु का एक महान शब्द-चित्रण पाते हैं। परमेश्वर की प्रेरणा से लिखे गए इस शब्द-चित्र में प्रभु के, और उसके कार्य के बारे में एक सजीव वर्णन दिया गया है: "निश्चय उसने हमारे रोगों को सह लिया और हमारे ही दु:खों को उठा लिया; तौभी हम ने उसे परमेश्वर का मारा-कूटा और दुर्दशा में पड़ा हुआ समझा। परन्तु वह हमारे ही अपराधो के कारण घायल किया गया, वह हमारे अधर्म के कामों के हेतु कुचला गया; हमारी ही शान्ति के लिये उस पर ताड़ना पड़ी कि उसके कोड़े खाने से हम चंगे हो जाएं" (यशायाह 53:4-5)।

   बाइबल के इस खण्ड में हम प्रभु यीशु के चेहरे पर प्रेम और दुःख, शोक और दर्द को देखने पाते हैं। उसके होंठों पर कोई दोष या निंदा नहीं है; वह स्वयं निष्पाप और निर्दोष है किंतु हम सभी मनुष्यों के पापों को अपने ऊपर उठाए हुए है। और अपने अन्दर वह जानता है कि, "...अपने ज्ञान के द्वारा मेरा धर्मी दास बहुतेरों को धर्मी ठहराएगा..." (पद 11)।

   जगत के उद्धारकर्ता का यह कैसा अद्भुत चित्र है, जिसे प्रत्येक हृदय में बसा लिया जाना चाहिए। - डेविड मैक्कैसलैंड


प्रेम का सजीव स्वरूप, प्रभु यीशु मसीह है।

जो प्रेम परमेश्वर हम से रखता है, वह इस से प्रगट हुआ, कि परमेश्वर ने अपने एकलौते पुत्र को जगत में भेजा है, कि हम उसके द्वारा जीवन पाएं। प्रेम इस में नहीं कि हम ने परमेश्वर ने प्रेम किया; पर इस में है, कि उसने हम से प्रेम किया; और हमारे पापों के प्रायश्‍चित्त के लिये अपने पुत्र को भेजा। - 1 यूहन्ना 4:9-10

बाइबल पाठ: यशायाह 53
Isaiah 53:1 जो समाचार हमें दिया गया, उसका किस ने विश्वास किया? और यहोवा का भुजबल किस पर प्रगट हुआ? 
Isaiah 53:2 क्योंकि वह उसके साम्हने अंकुर की नाईं, और ऐसी जड़ के समान उगा जो निर्जल भूमि में फूट निकले; उसकी न तो कुछ सुन्दरता थी कि हम उसको देखते, और न उसका रूप ही हमें ऐसा दिखाई पड़ा कि हम उसको चाहते। 
Isaiah 53:3 वह तुच्छ जाना जाता और मनुष्यों का त्यागा हुआ था; वह दु:खी पुरूष था, रोग से उसकी जान पहिचान थी; और लोग उस से मुख फेर लेते थे। वह तुच्छ जाना गया, और, हम ने उसका मूल्य न जाना।
Isaiah 53:4 निश्चय उसने हमारे रोगों को सह लिया और हमारे ही दु:खों को उठा लिया; तौभी हम ने उसे परमेश्वर का मारा-कूटा और दुर्दशा में पड़ा हुआ समझा। 
Isaiah 53:5 परन्तु वह हमारे ही अपराधों के कारण घायल किया गया, वह हमारे अधर्म के कामों के हेतु कुचला गया; हमारी ही शान्ति के लिये उस पर ताड़ना पड़ी कि उसके कोड़े खाने से हम चंगे हो जाएं। 
Isaiah 53:6 हम तो सब के सब भेड़ों की नाईं भटक गए थे; हम में से हर एक ने अपना अपना मार्ग लिया; और यहोवा ने हम सभों के अधर्म का बोझ उसी पर लाद दिया।
Isaiah 53:7 वह सताया गया, तौभी वह सहता रहा और अपना मुंह न खोला; जिस प्रकार भेड़ वध होने के समय वा भेड़ी ऊन कतरने के समय चुपचाप शान्त रहती है, वैसे ही उसने भी अपना मुंह न खोला। 
Isaiah 53:8 अत्याचार कर के और दोष लगाकर वे उसे ले गए; उस समय के लोगों में से किस ने इस पर ध्यान दिया कि वह जीवतों के बीच में से उठा लिया गया? मेरे ही लोगों के अपराधों के कारण उस पर मार पड़ी। 
Isaiah 53:9 और उसकी कब्र भी दुष्टों के संग ठहराई गई, और मृत्यु के समय वह धनवान का संगी हुआ, यद्यपि उसने किसी प्रकार का अपद्रव न किया था और उसके मुंह से कभी छल की बात नहीं निकली थी।
Isaiah 53:10 तौभी यहोवा को यही भाया कि उसे कुचले; उसी ने उसको रोगी कर दिया; जब तू उसका प्राण दोषबलि करे, तब वह अपना वंश देखने पाएगा, वह बहुत दिन जीवित रहेगा; उसके हाथ से यहोवा की इच्छा पूरी हो जाएगी। 
Isaiah 53:11 वह अपने प्राणों का दु:ख उठा कर उसे देखेगा और तृप्त होगा; अपने ज्ञान के द्वारा मेरा धर्मी दास बहुतेरों को धर्मी ठहराएगा; और उनके अधर्म के कामों का बोझ आप उठा लेगा। 
Isaiah 53:12 इस कारण मैं उसे महान लोगों के संग भाग दूंगा, और, वह सामर्थियों के संग लूट बांट लेगा; क्योंकि उसने अपना प्राण मृत्यु के लिये उण्डेल दिया, वह अपराधियों के संग गिना गया; तौभी उसने बहुतों के पाप का बोझ उठ लिया, और, अपराधियों के लिये बिनती करता है।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 84-86
  • रोमियों 12


शुक्रवार, 11 अगस्त 2017

श्रेय


   जब मेरे पति स्थानीय कॉलेज में लेखांकन सिखा रहे थे, तो मैं मज़े के लिए एक परीक्षा में बैठी, यह देखने के लिए कि मैं कितना जानती हूँ। परिणाम अच्छे नहीं थे; मैंने प्रत्येक प्रशन का गलत उत्तर दिया। मेरे गलत उत्तरों का मूल कारण था कि मैंने जमा और खर्च का लेखा रखने के बैंकिंग के बुनियादी सिद्धांत को ही गलत समझा था; मैंने अपने उत्तरों में जमा के स्थान पर खर्च और खर्च के स्थान पर जमा डाल दिया।

   कभी-कभी आत्मिक जीवन में भी हम अपने जमा और खर्च को लेकर ऐसे ही उलझनों में पड़ जाते हैं। जब हमारे साथ जो कुछ भी गलत हो रहा है, हम उस सब का श्रेय शैतान को देते हैं, चाहे वह खराब मौसम हो, या ठीक से काम नहीं कर रहा कोई उपकरण हो, या कोई आर्थिक समस्या हो, तो हम शैतान को वह देते हैं जिसके काबिल वह है ही नहीं। ऐसा करके हम उसे उस सामर्थ्य का श्रेय दे रहे हैं जो वह कभी कर नहीं सकता - हमारे जीवनों से संबंधित बातें और उन बातों की गुणवन्ता को निर्धारित करना। शैतान समय और स्थान की सीमाओं में बंधा हुआ है। बिना परमेश्वर से अनुमति लिए वह हम मसीही विश्वासियों को छू भी नहीं सकता है (अय्युब 1:12; लूका 22:31)।

   परन्तु इस संसार के सरदार और झूठ का पिता (यूहन्ना 8:44; 16:11) होने के नाते, शैतान भ्रम और उलझनें उत्पन्न कर सकता है। प्रभु यीशु ने चिताया था कि ऐसा समय आएगा कि जब लोग सही और गलत में भेद और पहिचान करने नहीं पाएंगे (16:2)। परन्तु प्रभु यीशु ने साथ ही आश्वसन भी दिया कि शैतान दोषी ठहराया जा चुका है (पद 11)।

   हमारे जीवनों के साथ समस्याएं तो लगी रहेंगी; वे हमें परेशान तो कर सकती हैं किंतु पराजित नहीं कर सकती हैं; क्योंकि जगत के उद्धाकर्ता, हमारे प्रभु यीशु ने संसार को जीत लिया है। इसलिए सारा श्रेय उस ही को जाता है; केवल वह ही इसका हकदार है। - जूली ऐकैरमैन लिंक


शैतान चाहे दोष लगाए, भ्रम और उलझनें उत्पन्न करे; 
नियंत्रण और निर्धारण परमेश्वर ही के हाथों में है।

तुम अपने पिता शैतान से हो, और अपने पिता की लालसाओं को पूरा करना चाहते हो। वह तो आरम्भ से हत्यारा है, और सत्य पर स्थिर न रहा, क्योंकि सत्य उस में है ही नहीं: जब वह झूठ बोलता, तो अपने स्‍वभाव ही से बोलता है; क्योंकि वह झूठा है, वरन झूठ का पिता है। - यूहन्ना 8:44

बाइबल पाठ: यूहन्ना 16:1-11
John 16:1 ये बातें मैं ने तुम से इसलिये कहीं कि तुम ठोकर न खाओ। 
John 16:2 वे तुम्हें आराधनालयों में से निकाल देंगे, वरन वह समय आता है, कि जो कोई तुम्हें मार डालेगा वह समझेगा कि मैं परमेश्वर की सेवा करता हूं। 
John 16:3 और यह वे इसलिये करेंगे कि उन्होंने न पिता को जाना है और न मुझे जानते हैं।
John 16:4 परन्तु ये बातें मैं ने इसलिये तुम से कहीं, कि जब उन का समय आए तो तुम्हें स्मरण आ जाए, कि मैं ने तुम से पहिले ही कह दिया था: और मैं ने आरम्भ में तुम से ये बातें इसलिये नहीं कहीं क्योंकि मैं तुम्हारे साथ था। 
John 16:5 अब मैं अपने भेजने वाले के पास जाता हूं और तुम में से कोई मुझ से नहीं पूछता, कि तू कहां जाता है? 
John 16:6 परन्तु मैं ने जो ये बातें तुम से कही हैं, इसलिये तुम्हारा मन शोक से भर गया। 
John 16:7 तौभी मैं तुम से सच कहता हूं, कि मेरा जाना तुम्हारे लिये अच्छा है, क्योंकि यदि मैं न जाऊं, तो वह सहायक तुम्हारे पास न आएगा, परन्तु यदि मैं जाऊंगा, तो उसे तुम्हारे पास भेज दूंगा। 
John 16:8 और वह आकर संसार को पाप और धामिर्कता और न्याय के विषय में निरूत्तर करेगा। 
John 16:9 पाप के विषय में इसलिये कि वे मुझ पर विश्वास नहीं करते। 
John 16:10 और धामिर्कता के विषय में इसलिये कि मैं पिता के पास जाता हूं, 
John 16:11 और तुम मुझे फिर न देखोगे: न्याय के विषय में इसलिये कि संसार का सरदार दोषी ठहराया गया है।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 81-83
  • रोमियों 11:19-36


गुरुवार, 10 अगस्त 2017

सहायक


   संवाददाता जेकब रीस द्वारा 19वीं शताब्दी में न्यू यॉर्क शहर की गरीबी के विवरण और चित्रण ने सामान्यतः बेपरवाह समाज को झकझोर दिया। अपनी पुस्तक How The Other Half Lives में रीस ने अपने लेखन को अपने द्वारा ली गई तस्वीरों के साथ प्रस्तुत किया, और यह इतना सजीव था कि जनता गरीबी के हताशापूर्ण अस्तित्व से इन्कार नहीं कर सकी। रीस अपने माता-पिता के पंद्रह बच्चों में से तीसरी सन्तान था, और उस भयावह हताशाजनक माहौल में रहा था, इसीलिए वह इतने प्रभावी ढ़ंग से लिखने पाया।

   अपनी पुस्तक के प्रकाशन के थोड़े ही समय के पश्चात रीस को एक जवान व्यक्ति द्वारा, जो अपने राजनैतिक जीवन का आरंभ कर रहा था, भेजा गया एक कार्ड मिला। उस कार्ड में बस इतना लिखा था, "मैंने आपकी पुस्तक पढ़ी है, और मैं सहायता करने के लिए आया हूँ। - थियोडर रूज़वेल्ट"। आगे चलकर यह राजनितिज्ञ अमेरिका का राष्ट्रपति बना।

   सच्चा विश्वास, परमेश्वर के वचन बाइबल में याकूब 1:19-27 के अनुसार औरों की आवश्यकता के प्रति संवेदनशील होता है और उनका प्रत्युत्तर देता है। काश कि हमारे हृदय भी निष्क्रियता से सक्रीयता की ओर मुड़ें; हम केवल कहे गए शब्दों से निकल कर किए गए कार्यों द्वारा सहायता प्रदर्शित करें। अनुकंपा के साथ किया गया कार्य न केवल उनकी सहायता करता है जो जीवन की कठिनाईयों में फंसे हैं, वरन उनके हृदयों को हमारे महान उद्धारकर्ता के सुसमाचार के लिए खोलता और तैयार भी करता है। उन्हें उस महान सहायक प्रभु परमेश्वर के संपर्क में लाता है जो उनके लिए और भी कहीं अधिक कर सकता है। - रैंडी किलगोर


जब लोग हमारे जीवनों में "परमेश्वर प्रेम है" को कार्यान्वित होता देखेंगे,
 तो वे इसके अर्थ को समझ भी सकेंगे।

क्योंकि परमेश्वर के यहां व्यवस्था के सुनने वाले धर्मी नहीं, पर व्यवस्था पर चलने वाले धर्मी ठहराए जाएंगे। - रोमियों 2:13

बाइबल पाठ: याकूब 1:19-27
James 1:19 हे मेरे प्रिय भाइयो, यह बात तुम जानते हो: इसलिये हर एक मनुष्य सुनने के लिये तत्‍पर और बोलने में धीरा और क्रोध में धीमा हो। 
James 1:20 क्योंकि मनुष्य का क्रोध परमेश्वर के धर्म का निर्वाह नहीं कर सकता है। 
James 1:21 इसलिये सारी मलिनता और बैर भाव की बढ़ती को दूर कर के, उस वचन को नम्रता से ग्रहण कर लो, जो हृदय में बोया गया और जो तुम्हारे प्राणों का उद्धार कर सकता है। 
James 1:22 परन्तु वचन पर चलने वाले बनो, और केवल सुनने वाले ही नहीं जो अपने आप को धोखा देते हैं। 
James 1:23 क्योंकि जो कोई वचन का सुनने वाला हो, और उस पर चलने वाला न हो, तो वह उस मनुष्य के समान है जो अपना स्‍वाभाविक मुंह दर्पण में देखता है। 
James 1:24 इसलिये कि वह अपने आप को देख कर चला जाता, और तुरन्त भूल जाता है कि मैं कैसा था। 
James 1:25 पर जो व्यक्ति स्‍वतंत्रता की सिद्ध व्यवस्था पर ध्यान करता रहता है, वह अपने काम में इसलिये आशीष पाएगा कि सुनकर नहीं, पर वैसा ही काम करता है। 
James 1:26 यदि कोई अपने आप को भक्त समझे, और अपनी जीभ पर लगाम न दे, पर अपने हृदय को धोखा दे, तो उस की भक्ति व्यर्थ है। 
James 1:27 हमारे परमेश्वर और पिता के निकट शुद्ध और निर्मल भक्ति यह है, कि अनाथों और विधवाओं के क्‍लेश में उन की सुधि लें, और अपने आप को संसार से निष्‍कलंक रखें।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 79-80
  • रोमियों 11:1-18