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शुक्रवार, 30 जून 2017

अटल आशा


   ब्राज़ील देश में रिओ डी जेनेरियो शहर के निकट पहाड़ की चोटी पर बनी ’क्राईस्ट द रिडीमर’ की प्रसिद्ध प्रतिमा है। यह, अपनी बाहें फैलाए हुए मसीह यीशु की मूर्ति है, जिसके शरीर और बाहों का आकार क्रूस का सा आकार बनाता है। इस प्रतिमा की रूपरेखा ब्राज़ील के वास्तुकार हीटोर डि सिल्वा कॉस्टा ने बनाई थी। उन्होंने यह कल्पना की थी कि रिओ डी जेनिरियो के निवासी रात के अन्धकार के बाद, प्रातः, दिन के पहले उजाले में उस प्रतिमा को देखेंगे, और संध्या के समय ढलता हुआ सूरज उस प्रतिमा के पीछे चमकता हुआ गोलाकार बनाएगा।

   अपने उद्धारकर्ता पर प्रतिदिन, चाहे वह भला समय हो या कठिनाई का समय हो, दृष्टि लगाए रखना बहुत भला रहता है। परमेश्वर के वचन के एक पात्र अय्युब ने, अपने दुःख और परीक्षा की घड़ी में कहा, "मुझे तो निश्चय है, कि मेरा छुड़ाने वाला जीवित है, और वह अन्त में पृथ्वी पर खड़ा होगा" (अय्यूब 19:25)।

   अय्यूब के दिल की पुकार हमें प्रभु यीशु मसीह की ओर - जो हमारा जीवता उद्धाकर्ता है, इंगित करती है; उस प्रभु परमेश्वर की ओर जो हमें अपने साथ रखने के लिए ले जाने के लिए एक दिन फिर से पृथ्वी पर आएगा (1 थिस्सलुनीकियों 4:16-18)। प्रभु यीशु मसीह पर दृष्टि लगाए रखने का अर्थ है सदा स्मरण रखना कि प्रभु यीशु द्वारा क्रूस पर दिए गए बलिदान और मृतकों में से उनके पुनरुत्थान के कारण आज हमें अपने पापों से क्षमा तथा छुटकारा मिला है; यीशु, "जिसने अपने आप को हमारे लिये दे दिया, कि हमें हर प्रकार के अधर्म से छुड़ा ले, और शुद्ध कर के अपने लिये एक ऐसी जाति बना ले जो भले भले कामों में सरगर्म हो" (तीतुस 2:14)।

   जिस किसी ने प्रभु यीशु को अपने उद्धाकर्ता के रूप में स्वीकार कर लिया है, उसके पास आज आनन्दित होने का कारण है। हमें इस पृथ्वी पर आज चाहे जो भी सहना पड़े, किंतु हम मसीही विश्वासियों के पास यह अटल आशा है कि हम अपना अनन्तकाल अपने प्रभु परमेश्वर के साथ अनन्त आनन्द में बिताएंगे। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


क्रूस पर अपने बलिदान और मृतकों में से अपने पुनरुत्थान के द्वारा 
प्रभु यीशु बचाता और उद्धार देता है।

यहोवा, जो इस्राएल का राजा है, अर्थात सेनाओं का यहोवा जो उसका छुड़ाने वाला है, वह यों कहता है, मैं सब से पहिला हूं, और मैं ही अन्त तक रहूंगा; मुझे छोड़ कोई परमेश्वर है ही नहीं। - यशायाह 44:6

बाइबल पाठ: अय्यूब 19:23-29
Job 19:23 भला होता, कि मेरी बातें लिखी जातीं; भला होता, कि वे पुस्तक में लिखी जातीं, 
Job 19:24 और लोहे की टांकी और शीशे से वे सदा के लिये चट्टान पर खोदी जातीं। 
Job 19:25 मुझे तो निश्चय है, कि मेरा छुड़ाने वाला जीवित है, और वह अन्त में पृथ्वी पर खड़ा होगा। 
Job 19:26 और अपनी खाल के इस प्रकार नाश हो जाने के बाद भी, मैं शरीर में हो कर ईश्वर का दर्शन पाऊंगा। 
Job 19:27 उसका दर्शन मैं आप अपनी आंखों से अपने लिये करूंगा, और न कोई दूसरा। यद्यपि मेरा हृदय अन्दर ही अन्दर चूर चूर भी हो जाए, तौभी मुझ में तो धर्म का मूल पाया जाता है! 
Job 19:28 और तुम जो कहते हो हम इस को क्योंकर सताएं! 
Job 19:29 तो तुम तलवार से डरो, क्योंकि जलजलाहट से तलवार का दण्ड मिलता है, जिस से तुम जान लो कि न्याय होता है।

एक साल में बाइबल: 
  • अय्युब 17-19
  • प्रेरितों 10:1-23


गुरुवार, 29 जून 2017

अनिच्छुक और प्रतिरोधी


   बहुत वर्ष पहले, जल में सुरक्षित रहने के पाठ सीखते समय हमें सिखाया गया कि किसी डूबते हुए व्यक्ति को, जो बचाए जाने का प्रतिरोध कर रहा है, कैसे बचाना है। हमारे प्रशिक्षक ने हमें बताया, "उस व्यक्ति के पीछे से उसके निकट आएं, और अपना एक हाथ उसकी छाती और छटपटाती हुई बाहों पर लपेटकर, सुरक्षित स्थान की ओर तैरना आरंभ कर दें।" जब हम डर के मारे घबराए हुए होते हैं तो ऐसे में हमारी सोचने और सही निर्णय करने की क्षमता अवरुद्ध हो जाती है; तब हमें उस परिस्थिति से निकालने के लिए कुछ हद तक विवश करना पड़ता है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में हम एक घटना पढ़ते हैं, जब दो स्वर्गदूत लूत और उसके परिवार को सदोम तथा अमोरा के विनाश से बचाने के लिए परमेश्वर की ओर से आए (उतपत्ति 19:12-13) तो उन्हें लूत के परिवार के प्रतिरोध का सामना करना पड़ा। लूत के दामादों ने उनकी इस चेतावनी को ठट्ठों में उड़ा दिया (पद 14)। जब उन स्वर्गदूतों ने लूत से कहा कि वे लोग विलंब न करें और उस स्थान से जल्दी से निकल जाएं, तो उसने संकोच किया (पद 15)। तब, "...उन पुरूषों ने उसका और उसकी पत्नी, और दोनों बेटियों का हाथ पकड़ लिया; क्योंकि यहोवा की दया उस पर थी: और उसको निकाल कर नगर के बाहर कर दिया" (पद 16)।

   जब हम मसीही विश्वास की अपनी यात्रा पर विचार करते हैं, तो हम देखने पाते हैं कि परमेश्वर अनेकों बार उसके प्रति हमारे प्रतिरोध और हिचकिचाहट के बावजूद, कैसे हमेशा हमारा विश्वासयोग्य सहायक बना रहा है। जब हम ऐसे लोगों को देखें जो आत्मिक हताशा और अनिश्चितता में होकर भयभीत हैं, परिस्थिति से निकलने के लिए इधर-उधर हाथ-पाँव मार रहे हैं, तो हम परमेश्वर की बुद्धिमता द्वारा उन्हें प्रभु परमेश्वर के प्रेम के बारे में बता और समझा सकें - और यही प्रत्येक उस व्यक्ति के साथ भी कर सकें, जो प्रभु परमेश्वर के द्वारा बचाए जाने के लिए अनिच्छुक है, उसका प्रतिरोध कर रहा है। - डेविड मैक्कैसलैंड


परमेश्वर की दया हमारे प्रतिरोध पर जयवंत रहती है।

यहोवा दयालु और अनुग्रहकरी, विलम्ब से कोप करने वाला और अति करूणामय है। वह सर्वदा वादविवाद करता न रहेगा, न उसका क्रोध सदा के लिये भड़का रहेगा। उसने हमारे पापों के अनुसार हम से व्यवहार नहीं किया, और न हमारे अधर्म के कामों के अनुसार हम को बदला दिया है। - भजन 103:8-10

बाइबल पाठ: उत्पत्ति 19:12-25
Genesis 19:12 फिर उन पाहुनों ने लूत से पूछा, यहां तेरे और कौन कौन हैं? दामाद, बेटे, बेटियां, वा नगर में तेरा जो कोई हो, उन सभों को ले कर इस स्थान से निकल जा। 
Genesis 19:13 क्योंकि हम यह स्थान नाश करने पर हैं, इसलिये कि उसकी चिल्लाहट यहोवा के सम्मुख बढ़ गई है; और यहोवा ने हमें इसका सत्यनाश करने के लिये भेज दिया है। 
Genesis 19:14 तब लूत ने निकल कर अपने दामादों को, जिनके साथ उसकी बेटियों की सगाई हो गई थी, समझा के कहा, उठो, इस स्थान से निकल चलो: क्योंकि यहोवा इस नगर को नाश किया चाहता है। पर वह अपने दामादों की दृष्टि में ठट्ठा करने हारा सा जान पड़ा। 
Genesis 19:15 जब पौ फटने लगी, तब दूतों ने लूत से फुर्ती कराई और कहा, कि उठ, अपनी पत्नी और दोनो बेटियों को जो यहां हैं ले जा: नहीं तो तू भी इस नगर के अधर्म में भस्म हो जाएगा। 
Genesis 19:16 पर वह विलम्ब करता रहा, इस से उन पुरूषों ने उसका और उसकी पत्नी, और दोनों बेटियों का हाथ पकड़ लिया; क्योंकि यहोवा की दया उस पर थी: और उसको निकाल कर नगर के बाहर कर दिया। 
Genesis 19:17 और ऐसा हुआ कि जब उन्होंने उन को बाहर निकाला, तब उसने कहा अपना प्राण ले कर भाग जा; पीछे की और न ताकना, और तराई भर में न ठहरना; उस पहाड़ पर भाग जाना, नहीं तो तू भी भस्म हो जाएगा। 
Genesis 19:18 लूत ने उन से कहा, हे प्रभु, ऐसा न कर: 
Genesis 19:19 देख, तेरे दास पर तेरी अनुग्रह की दृष्टि हुई है, और तू ने इस में बड़ी कृपा दिखाई, कि मेरे प्राण को बचाया है; पर मैं पहाड़ पर भाग नहीं सकता, कहीं ऐसा न हो, कि कोई विपत्ति मुझ पर आ पड़े, और मैं मर जाऊं: 
Genesis 19:20 देख, वह नगर ऐसा निकट है कि मैं वहां भाग सकता हूं, और वह छोटा भी है: मुझे वहीं भाग जाने दे, क्या वह छोटा नहीं है? और मेरा प्राण बच जाएगा। 
Genesis 19:21 उसने उस से कहा, देख, मैं ने इस विषय में भी तेरी बिनती अंगीकार की है, कि जिस नगर की चर्चा तू ने की है, उसको मैं नाश न करूंगा। 
Genesis 19:22 फुर्ती से वहां भाग जा; क्योंकि जब तक तू वहां न पहुचे तब तक मैं कुछ न कर सकूंगा। इसी कारण उस नगर का नाम सोअर पड़ा। 
Genesis 19:23 लूत के सोअर के निकट पहुंचते ही सूर्य पृथ्वी पर उदय हुआ। 
Genesis 19:24 तब यहोवा ने अपनी ओर से सदोम और अमोरा पर आकाश से गन्धक और आग बरसाई; 
Genesis 19:25 और उन नगरों को और सम्पूर्ण तराई को, और नगरों को और उस सम्पूर्ण तराई को, और नगरों के सब निवासियों, भूमि की सारी उपज समेत नाश कर दिया।

एक साल में बाइबल: 
  • अय्युब 14-16
  • प्रेरितों 9:22-43


बुधवार, 28 जून 2017

कार्य तथा कार्यरत


   परमेश्वर के वचन बाइबल में भजन 134 केवल तीन ही पद का भजन है; परन्तु यह छोटा सा भजन दिखाता है कि छोटी बातों में भी बड़े अर्थ होते हैं; छोटी चीज़ें भी बहुत महत्वपूर्ण हो सकती हैं। इस भजन के पहले दो पद परमेश्वर के भवन में प्रति रात्रि कार्यरत सेवकों को प्रोत्साहित कर रहे हैं। संध्या होने के बाद वह भवन अंधेरा और अकेला हो जाता था; और ऐसा प्रतीत होता था कि वहाँ कोई कार्यवाही नहीं चल रही है। परन्तु इन सेवकों को प्रोत्साहित किया गया कि, "अपने हाथ पवित्र स्थान में उठा कर, यहोवा को धन्य कहो" (पद 2)। इस भजन का तीसरा पद उन सेवकों के लिए उनके प्रतिफल से संबंधित रात्रि के अंधकार और एकाकीपन में से आने वाली एक आवाज़ है, "यहोवा जो आकाश और पृथ्वी का कर्ता है, वह सिय्योन में से तुझे आशीष देवे" (पद 3)।

   मैं अनेकों स्थानों पर कार्यरत परमेश्वर के अनेकों सेवकों के बारे में सोचता हूँ, छोटे-छोटे स्थान और वहाँ के छोटे-छोटे चर्च तथा मसीही मण्डलियाँ। संभव है कि कभी-कभी वे अपने आप को अकेला अनुभव करते हों, अपनी परिस्थितियों और अकेलेपन के कारण निराश होते हों। उन्हें प्रतीत हो सकता है कि उनके कार्यों, कठिनाईयों, आवश्यकताओं को कोई देख ही नहीं रहा है, किसी को भी न तो उनका बोध है और न ही उनकी चिंता है। क्या कोई उनके बारे में सोचता है, उनके लिए प्रार्थना करता है, उन्हें अपने जीवन का अंग मानता है?

   जो भी अपने आप को अकेला या महत्वहीन समझ रहे हैं, मैं उन सब से यह कहना चाहता हूँ: चाहे आपका निवास अथवा कार्य स्थान छोटा है, किंतु वह पवित्र-स्थान है। वह जिसने स्वर्ग और पृथ्वी को बनाया है, आपको संभालता और चलाता है, वही परमेश्वर आपका भी ध्यान रखता है और आप में होकर औरों के भले के लिए वह कार्यरत भी है। इसलिए आप जहाँ कहीं भी हों, अपने हाथ उठाएं और प्रभु परमेश्वर का, उसके कार्यों तथा कार्यरत रहने के लिए स्तुतिगान करें। - डेविड रोपर


जो भी परमेश्वर का कार्य, 
परमेश्वर के अनुसार करता है, 
वह परमेश्वर के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

हम अपने चालचलन को ध्यान से परखें, और यहोवा की ओर फिरें! हम स्वर्गवासी परमेश्वर की ओर मन लगाएं और हाथ फैलाएं - विलापगीत 3:40-41

बाइबल पाठ: भजन 134
Psalms 134:1 हे यहोवा के सब सेवकों, सुनो, तुम जो रात रात को यहोवा के भवन में खड़े रहते हो, यहोवा को धन्य कहो। 
Psalms 134:2 अपने हाथ पवित्र स्थान में उठा कर, यहोवा को धन्य कहो। 
Psalms 134:3 यहोवा जो आकाश और पृथ्वी का कर्ता है, वह सिय्योन में से तुझे आशीष देवे।

एक साल में बाइबल: 
  • अय्युब 11-13
  • प्रेरितों 9:1-21


मंगलवार, 27 जून 2017

संपूर्ण कहानी


   हाल ही में जब मेरे 5 वर्षीय पोते डैलस ने मुझ से पूछा, "यीशु क्रूस पर क्यों मारे गए?" तब हम ने बैठकर कुछ बातचीत की और मैंने उसे पाप के बारे में और प्रभु यीशु द्वारा संसार के सभी लोगों के समस्त पापों का दण्ड उठा लेने और उनके लिए अपना बलिदान देने की बात समझाई। इसके बाद वह खेलने के लिए चला गया। कुछ ही देर में मैंने देखा कि डैलस अपनी 5 वर्षीय चचेरी बहन केटी को समझा रहा था कि प्रभु यीशु क्रूस पर क्यों मारे गए। केटी ने उससे कहा, "लेकिन यीशु तो जीवित हैं।" डैलस ने उत्तर दिया, "नहीं, वो मर गए हैं, दादा ने मुझे बताया है; वे क्रूस पर लटका कर मारे गए।" मुझे एहसास हुआ कि मैंने डैलस को संपूर्ण कहानी नहीं बताई थी। इसलिए हमने बैठकर फिर से बातचीत की, और उसे समझाया कि क्रूस पर मारे जाने के तीन दिन पश्चात प्रभु यीशु मृतकों में से पुनः जी उठे थे। मैंने सारी कहानी फिर से उसे अच्छे से समझाई जिस से कि वह समझ सका कि यद्यपि प्रभु यीशु हमारे लिए मारे गए थे, परन्तु फिर मृतकों में से जी उठे और आज हम सब के जीवित प्रभु हैं।

   मेरे लिए यह अच्छा सबक था कि लोगों को हमें संपूर्ण सुसमाचार सुनाना है। परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरितों के काम नामक पुस्तक में हम पाते हैं कि जब फिलेप्पुस से इथयोपियाई अधिकारी ने परमेश्वर के वचन के एक खंड के बारे में, जिसे वह समझ नहीं पा रहा था, पूछा "तब फिलेप्पुस ने अपना मुंह खोला, और इसी शास्त्र से आरम्भ कर के उसे यीशु का सुसमाचार सुनाया" (प्रेरितों 8:35)।

   प्रभु यीशु के सुसमाचार को औरों को बताएं; लोगों को समझाएं कि हम सब पापी हैं, और हमें पापों की क्षमा और उद्धार की आवश्यकता है; परमेश्वर के सिध्द पुत्र, प्रभु यीशु ने हमें पापों के दण्ड से बचाने और हमारा उद्धार करने के लिए अपने प्राण बलिदान किए। लेकिन साथ ही यह भी बताएं कि वह केवल बलिदान ही नहीं हुआ, वरन तीसरे दिन मृतकों में से उसका पुनरुत्थान भी हुआ, और इस प्रकार उसने संसार पर प्रमाणित कर दिया कि वह मृत्यु पर जयवंत है। हमारा और जगत का उद्धारकर्ता प्रभु यीशु मसीह आज जीवित है; वह हमें पापों से क्षमा और उद्धार तथा अपना अलौकिक जीवन एवं उसकी आशीषें देना चाहता है, हमें परमेश्वर कि सन्तान बनाकर रखना चाहता है।

   जब भी कोई प्रभु यीशु मसीह के बारे में जानना चाहे, तो हम उसे प्रभु यीशु की संपूर्ण कहानी अवश्य सुनाएं। - डेव ब्रैनन


यीशु ने उस से कहा, पुनरुत्थान और जीवन मैं ही हूं, 
जो कोई मुझ पर विश्वास करता है वह यदि मर भी जाए, तौभी जीएगा। - यूहन्ना 11:25

क्योंकि क्रूस की कथा नाश होने वालों के निकट मूर्खता है, परन्तु हम उद्धार पाने वालों के निकट परमेश्वर की सामर्थ है। - 1 कुरिन्थियों 1:18

बाइबल पाठ: प्रेरितों 8:26-37
Acts 8:26 फिर प्रभु के एक स्वर्गदूत ने फिलेप्पुस से कहा; उठ कर दक्‍खिन की ओर उस मार्ग पर जा, जो यरूशलेम से अज्ज़ाह को जाता है, और जंगल में है। 
Acts 8:27 वह उठ कर चल दिया, और देखो, कूश देश का एक मनुष्य आ रहा था जो खोजा और कूशियों की रानी कन्‍दाके का मन्‍त्री और खजांची था, और भजन करने को यरूशलेम आया था। 
Acts 8:28 और वह अपने रथ पर बैठा हुआ था, और यशायाह भविष्यद्वक्ता की पुस्‍तक पढ़ता हुआ लौटा जा रहा था। 
Acts 8:29 तब आत्मा ने फिलेप्पुस से कहा, निकट जा कर इस रथ के साथ हो ले। 
Acts 8:30 फिलेप्पुस ने उस ओर दौड़ कर उसे यशायाह भविष्यद्वक्ता की पुस्‍तक पढ़ते हुए सुना, और पूछा, कि तू जो पढ़ रहा है क्या उसे समझता भी है? 
Acts 8:31 उसने कहा, जब तक कोई मुझे न समझाए तो मैं क्योंकर समझूं और उसने फिलेप्पुस से बिनती की, कि चढ़कर मेरे पास बैठ। 
Acts 8:32 पवित्र शास्त्र का जो अध्याय वह पढ़ रहा था, वह यह था: "वह भेड़ के समान वध होने को पहुंचाया गया, और जैसा मेम्ना अपने ऊन कतरने वालों के साम्हने चुपचाप रहता है, वैसे ही उसने भी अपना मुंह न खोला। 
Acts 8:33 उस की दीनता में उसका न्याय होने नहीं पाया, और उसके समय के लोगों का वर्णन कौन करेगा, क्योंकि पृथ्वी से उसका प्राण उठाया जाता है।" 
Acts 8:34 इस पर खोजे ने फिलेप्पुस से पूछा; मैं तुझ से बिनती करता हूं, यह बता कि भविष्यद्वक्ता यह किस विषय में कहता है, अपने या किसी दूसरे के विषय में। 
Acts 8:35 तब फिलेप्पुस ने अपना मुंह खोला, और इसी शास्त्र से आरम्भ कर के उसे यीशु का सुसमाचार सुनाया। 
Acts 8:36 मार्ग में चलते चलते वे किसी जल की जगह पहुंचे, तब खोजे ने कहा, देख यहां जल है, अब मुझे बपतिस्मा लेने में क्या रोक है। 
Acts 8:37 फिलेप्पुस ने कहा, यदि तू सारे मन से विश्वास करता है तो हो सकता है: उसने उत्तर दिया मैं विश्वास करता हूं कि यीशु मसीह परमेश्वर का पुत्र है।

एक साल में बाइबल: 
  • अय्युब 8-10
  • प्रेरितों 8:26-40


सोमवार, 26 जून 2017

दृष्टि और दृष्टिकोण


   इस सृष्टि में जो कुछ हो रहा है, उसमें से अधिकांश को हम देख ही नहीं पाते हैं, क्योंकि अनेकों चीज़ें या तो बहुत सूक्ष्म हैं, या बहुत तेज़ी से घटित होती हैं, या बहुत ही धीमी गति से होती हैं, जिससे उन्हें देख पाना हमारे लिए संभव नहीं हो पाता है। लेकिन आधुनिक तकनीकी के प्रयोग द्वारा फिल्म बनाने वाले ल्युइस श्वार्टज़्बर्ग ने इन में से कुछ चीज़ों के अद्भुत वीडियो बनाए हैं, जैसे कि इल्ली (कैटरपिलर) का मूँह, मक्खी की आँख, कुकुरमुत्ते (मशरूम) का बढ़ना आदि।

   इस भौतिक संसार की वस्तुओं की सूक्ष्म तथा पेचीदा जानकारी न ले पाना हमें स्मरण करवाता है कि आत्मिक संसार की बातों को जान और समझ पाने में भी हम उतने ही असक्ष्म हैं। परमेश्वर हमारे चारों ओर कार्यरत है, और ऐसे अद्भुत कार्य कर रहा है हम जिनकी कल्पना भी नहीं कर सकते; परन्तु हमारी आत्मिक दृष्टि इतनी सीमित है कि हम उन कार्यों को देख नहीं पाते हैं, उनका आभास भी हमें नहीं हो पाता है। परन्तु परमेश्वर के वचन बाइबल का एक पात्र, परमेश्वर का भविष्यद्वक्ता, एलिशा, परमेश्वर के अलौकिक कार्य की एक झलक देखने पाया, और उसकी प्रार्थना के उत्तर में एलीशा का सेवक भी उस स्वर्गीय सेना को देख पाया जिसे परमेश्वर ने उनकी सुरक्षा के लिए तैनात किया था (2 राजा 6:17)।

   भय के कारण हम अकसर कमज़ोर और असहाय अनुभव करते हैं; हमें लगता है कि हम संसार में अकेले पड़ गए हैं। परन्तु परमेश्वर ने हम मसीही विश्वासियों को आश्वस्त किया है कि उसका आत्मा जो हमारे अन्दर निवास करता है, वह संसार कि किसी भी ताकत से कहीं अधिक बढ़कर है (1 यूहन्ना 4:4)।

   जब भी हम शैतान के किसी भी काम के कारण निराश या भयभीत हों, तो परमेश्वर द्वारा संसार में हो रहे अद्भुत कार्यों की ओर दृष्टि करें; उन कार्यों पर, और उन्हें करने वाले पर ध्यान लगाएं; और हमारा दृष्टिकोण सकारात्मक हो जाएगा। - जूली ऐकैरमैन लिंक


विश्वास की दृष्टि, हर स्थान पर परमेश्वर को कार्यरत देखती है।

हे बालको, तुम परमेश्वर के हो: और तुम ने उन पर जय पाई है; क्योंकि जो तुम में है, वह उस से जो संसार में है, बड़ा है। - 1 यूहन्ना 4:4

बाइबल पाठ: 2 राजा 6:13-23
2 Kings 6:13 राजा ने कहा, जा कर देखो कि वह कहां है, तब मैं भेज कर उसे पकड़वा मंगाऊंगा। और उसको यह समाचार मिला कि वह दोतान में है। 
2 Kings 6:14 तब उसने वहां घोड़ों और रथों समेत एक भारी दल भेजा, और उन्होंने रात को आकर नगर को घेर लिया। 
2 Kings 6:15 भोर को परमेश्वर के भक्त का टहलुआ उठा और निकल कर क्या देखता है कि घोड़ों और रथों समेत एक दल नगर को घेरे हुए पड़ा है। और उसके सेवक ने उस से कहा, हाय! मेरे स्वामी, हम क्या करें? 
2 Kings 6:16 उसने कहा, मत डर; क्योंकि जो हमारी ओर हैं, वह उन से अधिक हैं, जो उनकी ओर हैं। 
2 Kings 6:17 तब एलीशा ने यह प्रार्थना की, हे यहोवा, इसकी आंखें खोल दे कि यह देख सके। तब यहोवा ने सेवक की आंखें खोल दीं, और जब वह देख सका, तब क्या देखा, कि एलीशा के चारों ओर का पहाड़ अग्निमय घोड़ों और रथों से भरा हुआ है। 
2 Kings 6:18 जब अरामी उसके पास आए, तब एलीशा ने यहोवा से प्रार्थना की कि इस दल को अन्धा कर डाल। एलीशा के इस वचन के अनुसार उसने उन्हें अन्धा कर दिया। 
2 Kings 6:19 तब एलीशा ने उन से कहा, यह तो मार्ग नहीं है, और न यह नगर है, मेरे पीछे हो लो; मैं तुम्हें उस मनुष्य के पास जिसे तुम ढूंढ़ रहे हो पहुंचाऊंगा। तब उसने उन्हें शोमरोन को पहुंचा दिया। 
2 Kings 6:20 जब वे शोमरोन में आ गए, तब एलीशा ने कहा, हे यहोवा, इन लोगों की आंखें खोल कि देख सकें। तब यहोवा ने उनकी आंखें खोलीं, और जब वे देखने लगे तब क्या देखा कि हम शोमरोन के मध्य में हैं। 
2 Kings 6:21 उन को देखकर इस्राएल के राजा ने एलीशा से कहा, हे मेरे पिता, क्या मैं इन को मार लूं? मैं उन को मार लूं? 
2 Kings 6:22 उसने उत्तर दिया, मत मार। क्या तू उन को मार दिया करता है, जिन को तू तलवार और धनुष से बन्धुआ बना लेता है? तू उन को अन्न जल दे, कि खा पीकर अपने स्वामी के पास चले जाएं। 
2 Kings 6:23 तब उसने उनके लिये बड़ी जेवनार की, और जब वे खा पी चुके, तब उसने उन्हें बिदा किया, और वे अपने स्वामी के पास चले गए। इसके बाद अराम के दल इस्राएल के देश में फिर न आए। 

एक साल में बाइबल: 
  • अय्युब 5-7
  • प्रेरितों 8:1-25


रविवार, 25 जून 2017

सौदा


   चौथी शताब्दी की समाप्ति तक, मृत्यु दण्ड दिए गए मसीही विश्वासियों को, रोमी नागरिकों के मनोरंजन के लिए, भूखे शेरों के आगे डाला जाना बन्द हो गया था। परन्तु मृत्यु को मनोरंजन का साधन बनाना चलता ही रहा जब तक कि एक साहसी व्यक्ति ने दर्शकों की भीड़ में से कूदकर दो पेशेवर योद्धाओं को एक दूसरे को मार डालने से रोकने का प्रयास नहीं किया। उस व्यक्ति का नाम था टेलेमैकस, और वह मरुभूमि में रहने वाला एक भिक्षु था जो कुछ समय की छुट्टी बिताने रोम आया था और इस दरिंदगी के लोकप्रीय खेल को सहन नहीं कर सका। पाँचवीं शताब्दी के बिशप (धर्माध्यक्ष) और चर्च के इतिहासकार थियोडोरेट के अनुसार, टेलेमैकस ने हिंसा को रोकने के लिए अपनी आवाज़ उठाई परन्तु भीड़ ने उसे ही पत्थरवाह करके मार डाला। लेकिन उसके इस साहसिक कार्य का समाचार उस समय के सम्राट होनोरियस तक गया, और उन्होंने इन क्रूर खेलों को बन्द कर देने का आदेश दिया।

   कुछ लोग टेलेमैकस द्वारा अपनाए गए विरोध-प्रदर्शन पर प्रश्न उठा सकते हैं कि क्या उस दरिंदगी के खेल को रोकने का यही एकमात्र तरीका था? परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस ने अपनी मसीही सेवकाई और अनुभवों के आधार पर ऐसा ही प्रश्न उठाया, "हम भी क्यों हर घड़ी जाखिम में पड़े रहते हैं?" (1 कुरिन्थियों 15:30)। पौलुस ने 2 कुरिन्थियों 11:22-33 में मसीह के प्रति अपने प्रेम के कारण उठाए गए जोखिमों और कष्टों वर्णन किया, और उन में से अनेक बातें ऐसी थीं जो उसके लिए जानलेवा हो सकती थीं। क्या उसके लिए यह सब सहना, यह कीमत चुकाना आवश्यक था?

   पौलुस के मन में तो बात स्पष्ट तथा तय थी। उसने पहचान लिया था कि शीघ्र ही समाप्त हो जाने वाली नश्वर बातों के स्थान पर ऐसा आदर तथा आशीष प्राप्त करने के लिए परिश्रम करना जो कभी कम नहीं हो सकता अच्छा सौदा है। पुनरुत्थान के समय, वह जीवन जो मसीह यीशु के लिए तथा औरों की भलाई के लिए जिया गया है, अनन्तकाल के फल लाने के लिए बोया गया बीज है। यह वह सौदा है जिसे लेकर हम कभी खेदित नहीं होंगे। - मार्ट डीहॉन


अनन्तकाल के लिए सौदा पक्का कर लेने का समय अभी है।

परन्तु जो जो बातें मेरे लाभ की थीं, उन्‍हीं को मैं ने मसीह के कारण हानि समझ लिया है। वरन मैं अपने प्रभु मसीह यीशु की पहिचान की उत्तमता के कारण सब बातों को हानि समझता हूं: जिस के कारण मैं ने सब वस्‍तुओं की हानि उठाई, और उन्हें कूड़ा समझता हूं, जिस से मैं मसीह को प्राप्त करूं। और उस में पाया जाऊं; न कि अपनी उस धामिर्कता के साथ, जो व्यवस्था से है, वरन उस धामिर्कता के साथ जो मसीह पर विश्वास करने के कारण है, और परमेश्वर की ओर से विश्वास करने पर मिलती है। और मैं उसको और उसके मृत्युंजय की सामर्थ को, और उसके साथ दुखों में सहभागी हाने के मर्म को जानूँ, और उस की मृत्यु की समानता को प्राप्त करूं। - फिलिप्पियों 3:7-10

बाइबल पाठ: 1 कुरिन्थियों 15:30-44
1 Corinthians 15:30 और हम भी क्यों हर घड़ी जाखिम में पड़े रहते हैं? 
1 Corinthians 15:31 हे भाइयो, मुझे उस घमण्‍ड की सोंह जो हमारे मसीह यीशु में मैं तुम्हारे विषय में करता हूं, कि मैं प्रति दिन मरता हूं। 
1 Corinthians 15:32 यदि मैं मनुष्य की रीति पर इफिसुस में वन-पशुओं से लड़ा, तो मुझे क्या लाभ हुआ? यदि मुर्दे जिलाए नहीं जाएंगे, तो आओ, खाए-पीए, क्योंकि कल तो मर ही जाएंगे। 
1 Corinthians 15:33 धोखा न खाना, बुरी संगति अच्‍छे चरित्र को बिगाड़ देती है। 
1 Corinthians 15:34 धर्म के लिये जाग उठो और पाप न करो; क्योंकि कितने ऐसे हैं जो परमेश्वर को नहीं जानते, मैं तुम्हें लज्ज़ित करते के लिये यह कहता हूं।
1 Corinthians 15:35 अब कोई यह कहेगा, कि मुर्दे किस रीति से जी उठते हैं, और कैसी देह के साथ आते हैं? 
1 Corinthians 15:36 हे निर्बुद्धि, जो कुछ तु बोता है, जब तक वह न मरे जिलाया नहीं जाता। 
1 Corinthians 15:37 ओर जो तू बोता है, यह वह देह नहीं जो उत्पन्न होने वाली है, परन्तु निरा दाना है, चाहे गेहूं का, चाहे किसी और अनाज का। 
1 Corinthians 15:38 परन्तु परमेश्वर अपनी इच्छा के अनुसार उसको देह देता है; और हर एक बीज को उस की विशेष देह। 
1 Corinthians 15:39 सब शरीर एक सरीखे नहीं, परन्तु मनुष्यों का शरीर और है, पशुओं का शरीर और है; पक्षियों का शरीर और है; मछिलयों का शरीर और है। 
1 Corinthians 15:40 स्‍वर्गीय देह है, और पार्थिव देह भी है: परन्तु स्‍वर्गीय देहों का तेज और है, और पार्थिव का और। 
1 Corinthians 15:41 सूर्य का तेज और है, चान्‍द का तेज और है, और तारागणों का तेज और है, (क्योंकि एक तारे से दूसरे तारे के तेज में अन्‍तर है)। 
1 Corinthians 15:42 मुर्दों का जी उठना भी ऐसा ही है। शरीर नाशमान दशा में बोया जाता है, और अविनाशी रूप में जी उठता है। 
1 Corinthians 15:43 वह अनादर के साथ बोया जाता है, और तेज के साथ जी उठता है; निर्बलता के साथ बोया जाता है; और सामर्थ के साथ जी उठता है। 
1 Corinthians 15:44 स्‍वाभाविक देह बोई जाती है, और आत्मिक देह जी उठती है: जब कि स्‍वाभाविक देह है, तो आत्मिक देह भी है। 

एक साल में बाइबल: 
  • अय्युब 3-4
  • प्रेरितों 7:44-60


शनिवार, 24 जून 2017

जोखिम


   जब मैं नाव चलाना सीख रहा था तो मुझे नाव तक पहुँचने के लिए पानी पर तैरते हुए एक बहुत अस्थिर तखते से होकर उस नाव तक पहुँचना होता था जिसमें हम नाव चलाना सीख रहे थे, और मुझे इससे बहुत घबराहट होती थी, मुझे यह कदापि पसंद नहीं था। मेरा संतुलन कमज़ोर है, और इसलिए मुझे सदा यही भय सताता था कि कहीं मैं उस अस्थिर तखते और नाव के बीच में पानी में न गिर जाऊँ। अपने भय के कारण मैं नाव चलाना सीखना लगभग छोड़ ही बैठा था; परन्तु मेरे प्रशिक्षक ने मेरा उत्साह बढ़ाया, और मुझ से कहा, "अपनी दृष्टि बस मुझ पर लगाए रखो; यदि तुम गिरे भी, तो भी तुम्हें थामने और बचाने के लिए मैं हूँ।" मैंने वही किया जो उसने मुझे करने को कहा था, और आज मैं गर्व से कह सकता हूँ कि मेरे पास पाल-नौका चला लेने का बुनियादी स्तर का प्रमाण-पत्र है।

   क्या आप भी जोखिम उठाने से घबराते हैं? हम में से अनेकों अपनी आरामदायक स्थिति से हटने का जोखिम इसलिए नहीं उठाते कि कहीं हमें कोई चोट न लग जाए, कहीं हम असफल न हो जाएं. कहीं किसी के सामने हमारा मज़ाक न बन जाए। परन्तु यदि हम भय को अपने ऊपर हावी हो लेने देंगे, तो बस उसी से बंध कर रह जाएंगे और कभी कुछ नहीं कर पाएंगे।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में पतरस के पानी पर चलने की रोमाँचक कहानी, और क्यों पानी पर कुछ कदम चलकर भी पतरस फिर भी डूबने लगा (मत्ती 14:22-33) प्रचारकों के लिए प्रचार का एक लोकप्रीय मुद्दा रही है। परन्तु मुझे ध्यान नहीं आता कि मैंने कभी किसी को उन शेष शिष्यों का उल्लेख करते सुना है, जिन्होंने पतरस के समान जोखिम उठाने का प्रयास किया ही नहीं। मेरी राय में, सफल होने वाला एकमात्र शिष्य पतरस ही था, क्योंकि उसने प्रभु की बात पर विश्वास किया और उसके अनुसार प्रयास भी किया। असफल तो वे थे जिन्होंने कभी प्रयास ही नहीं किया, जिन्होंने प्रभु के कथन को स्वीकार करने का जोखिम उठाना उचित ही नहीं समझा।

   प्रभु यीशु ने हमारे लिए सब कुछ दाँव पर लगा दिया, अपना बलिदान दे दिया। क्या आज हम उसके लिए, उसकी आज्ञाकारिता में कुछ जोखिम उठाने के लिए तैयार हैं? - मेरियन स्ट्राउड


जीवन या तो निर्भीक रोमांच है, या फिर कुछ भी नहीं। - हेलेन कैलर

तब यीशु ने अपने चेलों से कहा; यदि कोई मेरे पीछे आना चाहे, तो अपने आप का इन्कार करे और अपना क्रूस उठाए, और मेरे पीछे हो ले। क्योंकि जो कोई अपना प्राण बचाना चाहे, वह उसे खोएगा; और जो कोई मेरे लिये अपना प्राण खोएगा, वह उसे पाएगा। यदि मनुष्य सारे जगत को प्राप्त करे, और अपने प्राण की हानि उठाए, तो उसे क्या लाभ होगा? या मनुष्य अपने प्राण के बदले में क्या देगा? - मत्ती 16:24-26

बाइबल पाठ: मत्ती 14:22-33
Matthew 14:22 और उसने तुरन्त अपने चेलों को बरबस नाव पर चढ़ाया, कि वे उस से पहिले पार चले जाएं, जब तक कि वह लोगों को विदा करे। 
Matthew 14:23 वह लोगों को विदा कर के, प्रार्थना करने को अलग पहाड़ पर चढ़ गया; और सांझ को वहां अकेला था। 
Matthew 14:24 उस समय नाव झील के बीच लहरों से डगमगा रही थी, क्योंकि हवा साम्हने की थी। 
Matthew 14:25 और वह रात के चौथे पहर झील पर चलते हुए उन के पास आया। 
Matthew 14:26 चेले उसको झील पर चलते हुए देखकर घबरा गए! और कहने लगे, वह भूत है; और डर के मारे चिल्ला उठे। 
Matthew 14:27 यीशु ने तुरन्त उन से बातें की, और कहा; ढाढ़स बान्‍धो; मैं हूं; डरो मत। 
Matthew 14:28 पतरस ने उसको उत्तर दिया, हे प्रभु, यदि तू ही है, तो मुझे अपने पास पानी पर चलकर आने की आज्ञा दे। 
Matthew 14:29 उसने कहा, आ: तब पतरस नाव पर से उतरकर यीशु के पास जाने को पानी पर चलने लगा। 
Matthew 14:30 पर हवा को देखकर डर गया, और जब डूबने लगा, तो चिल्लाकर कहा; हे प्रभु, मुझे बचा। 
Matthew 14:31 यीशु ने तुरन्त हाथ बढ़ाकर उसे थाम लिया, और उस से कहा, हे अल्प-विश्वासी, तू ने क्यों सन्‍देह किया? 
Matthew 14:32 जब वे नाव पर चढ़ गए, तो हवा थम गई। 
Matthew 14:33 इस पर जो नाव पर थे, उन्होंने उसे दण्‍डवत कर के कहा; सचमुच तू परमेश्वर का पुत्र है। 

एक साल में बाइबल: 
  • अय्युब 1-2
  • प्रेरितों 7:22-43


शुक्रवार, 23 जून 2017

स्मरण


   मेरे पुत्र लिएम को अपनी माँ को देने के लिए फूल तोड़कर जमा करना अच्छा लगता है चाहे वे जँगली फूल ही क्यों न हों, और आज तक उस की माँ उन जँगली फूलों को लेने से थकी नहीं है। जो किसी के लिए जँगली खर-पतवार के फूल हैं वे उन दोनों के लिए परस्पर प्रेम को स्मरण दिलाने का चिन्ह है। एक दिन मैं लिएम को अपने साथ बाज़ार ले गया, हम एक फूलों की दुकान के सामने से तेज़ी से निकल रहे थे कि लिएम की दृष्टि वहाँ लगे पीले ट्यूलिप्स पर गई, और उसने बड़े उत्साह से कहा, "डैडी, इन फूलों को माँ के लिए ले लेते हैं।" मैंने हंसते हुए, वहीं रुक कर उन फूलों को ले लिया, और उसकी माँ ने उन सुंदर फूलों की तसवीर अपने फेसबुक पेज पर भी लगा दी।

   कुछ लोगों को जंगली खर-पतवार और फूलों में आदम के पाप का स्मरण दिखाई देता है। उस वर्जित फल को खाने से की गई अनाज्ञाकारिता के कारण आदम और हव्वा ने पाप किया जिससे उन्होंने अपने तथा संसार के ऊपर श्राप को आने का मार्ग दिया; जिसका परिणाम हुआ मानव जाति को कठिन परिश्रम, पीड़ा के साथ प्रसव और जन्म, तथा अन्ततः मृत्यु (उत्पत्ति 3:16-19)।

   परन्तु लिएम की चमकती हुई आँखें मुझे कुछ और ही स्मरण करवाती हैं - जंगली खर-पतवार में भी सुंदरता देखी जा सकती है; पीड़ादायक प्रसव से हुए जन्म में भविष्य की आशा है, और परमेश्वर के प्रेम ने हमारे लिए मृत्यु पर भी जय पाई और अनन्त जीवन का मार्ग बना कर हमें दे दिया। जिस "वंश" का उल्लेख परमेश्वर ने उत्पत्ति 3:15 में किया था, वह जो सर्प अर्थात शैतान के वंश से युद्ध करेगा और उसे पराजित करेगा, वह प्रभु यीशु मसीह था (गलतियों 3:16)। प्रभु यीशु ने समस्त मानव जाति के पापों के दण्ड को अपने ऊपर ले लिया, उनका दण्ड स्वयं भोग लिया और हमें मृत्यु के श्राप से छुटकारे का मार्ग बना कर दे दिया।

   संसार पाप के प्रभाव के कारण बिगड़ा हुआ अवश्य है, परन्तु प्रत्येक मोड़ पर हमारे लिए एक अचरज बना रहता है। आज जंगली खर-पतवार भी हमें स्मरण दिलाते हैं कि हमारा सृष्टिकर्ता परमेश्वर पिता हम से प्रेम करता है, और उसने हमारे उद्धार के लिए, हमारे उसके साथ उसकी सन्तान बनकर अनन्त निवास करने के लिए प्रयोजन उपलब्ध करवा दिया है। - टिम गुस्टाफसन


सृष्टि हमें छुटकारे की प्रतिज्ञा का स्मरण करवाती है।

जो पाप से अज्ञात था, उसी को उसने हमारे लिये पाप ठहराया, कि हम उस में हो कर परमेश्वर की धामिर्कता बन जाएं। - 2 कुरिन्थियों 5:21

बाइबल पाठ: उत्पत्ति 3:14-19
Genesis 3:14 तब यहोवा परमेश्वर ने सर्प से कहा, तू ने जो यह किया है इसलिये तू सब घरेलू पशुओं, और सब बनैले पशुओं से अधिक शापित है; तू पेट के बल चला करेगा, और जीवन भर मिट्टी चाटता रहेगा: 
Genesis 3:15 और मैं तेरे और इस स्त्री के बीच में, और तेरे वंश और इसके वंश के बीच में बैर उत्पन्न करुंगा, वह तेरे सिर को कुचल डालेगा, और तू उसकी एड़ी को डसेगा। 
Genesis 3:16 फिर स्त्री से उसने कहा, मैं तेरी पीड़ा और तेरे गर्भवती होने के दु:ख को बहुत बढ़ाऊंगा; तू पीड़ित हो कर बालक उत्पन्न करेगी; और तेरी लालसा तेरे पति की ओर होगी, और वह तुझ पर प्रभुता करेगा। 
Genesis 3:17 और आदम से उसने कहा, तू ने जो अपनी पत्नी की बात सुनी, और जिस वृक्ष के फल के विषय मैं ने तुझे आज्ञा दी थी कि तू उसे न खाना उसको तू ने खाया है, इसलिये भूमि तेरे कारण शापित है: तू उसकी उपज जीवन भर दु:ख के साथ खाया करेगा: 
Genesis 3:18 और वह तेरे लिये कांटे और ऊंटकटारे उगाएगी, और तू खेत की उपज खाएगा ; 
Genesis 3:19 और अपने माथे के पसीने की रोटी खाया करेगा, और अन्त में मिट्टी में मिल जाएगा; क्योंकि तू उसी में से निकाला गया है, तू मिट्टी तो है और मिट्टी ही में फिर मिल जाएगा। 

एक साल में बाइबल: 
  • एस्तर 9-10
  • प्रेरितों 7:1-21


गुरुवार, 22 जून 2017

परिवर्तन


   भूत-पूर्व व्यवसायिक खिलाड़ी, क्रिस सैन्डर्स, सेवा-निवृत हुए सैनिकों को संबोधित कर रहे थे। सैन्डर्स को एक चोट के कारण खेलने की अपनी जीविका को छोड़ना पड़ा था, और जीवन यापन के लिए अन्य साधनों का सहारा लेना पड़ा था। सैन्डर्स ने उन सैनिकों से कहा, "यद्यपि मैंने कभी युद्ध-क्षेत्र का अनुभव नहीं किया है, परन्तु मैं परिवर्तन करने के लिए बाध्य कर देने वाली परिस्थितियों को समझता हूँ।"

   चाहे वह नौकरी का जाना हो, या वैवाहिक असफलता, या कोई गंभीर बीमारी, अथवा कोई आर्थिक हानि, प्रत्येक बड़ा परिवर्तन चुनैतियाँ साथ लेकर आता है। उस भूत-पूर्व खिलाड़ी ने उन सैनिकों को समझाया कि परिवर्तन के समय में नए जीवन में पाँव जमाने के लिए सफलता की कुँजी है अपने आप को स्थिर करने के लिए आगे बढ़कर दूसरों से सहायता प्राप्त करना।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में यहोशू नामक पुस्तक ऐसे परिवर्तनों के समय में मार्गदर्शन पाने के लिए अवश्य पढ़ी जानी चाहिए। इस पुस्तक के आरंभ में हम पाते हैं कि मिस्त्र की गुलामी से निकलने के बाद 40 वर्ष तक जंगल की यात्रा करने और यात्रा के दौरान अनेकों कठिन परिस्थितियों का सामना करने के पश्चात, परमेश्वर के लोग, वाचा किए गए कनान देश में प्रवेश करने को हैं, उस देश की सीमा पर खड़े हैं। उन्हें मिस्त्र से निकाल कर लाने वाले और जंगल में उनकी अगुवाई करने वाले उनके महान अगुवे, मूसा का देहान्त हो गया है, और अब मूसा के स्थान पर मूसा के सहायक यहोशू के हाथ में यह ज़िम्मेदारी है कि वह इस्त्राएल को कनान में ले जाकर उन्हें वहाँ बसाए, उस भूमि को उनके गोत्रों में बाँट दे, और यहोशू इस बड़ी ज़िम्मेदारी के सामने अपने आप को इसे निभाने के लिए अयोग्य अनुभव कर रहा है।

   ऐसे में परमेश्वर यहोशू से कहता है, "इतना हो कि तू हियाव बान्धकर और बहुत दृढ़ हो कर जो व्यवस्था मेरे दास मूसा ने तुझे दी है उन सब के अनुसार करने में चौकसी करना; और उस से न तो दाहिने मुड़ना और न बांए, तब जहां जहां तू जाएगा वहां वहां तेरा काम सफल होगा" (यहोशू 1:7)। अर्थात, परमेश्वर के वचनों को ही यहोशू के लिए इस्त्राएल को नेतृत्व और मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए सदा आधार होना था; और यही मार्गदर्शन तथा आधार आज हमारे लिए भी हर बात के लिए वैसे ही आवश्यक तथा उपयोगी है। परमेश्वर ने जो आज्ञा और प्रतिज्ञा यहोशू से की वही हम मसीही विश्वासियों पर भी आज वैसे ही लागू है: "क्या मैं ने तुझे आज्ञा नहीं दी? हियाव बान्धकर दृढ़ हो जा; भय न खा, और तेरा मन कच्चा न हो; क्योंकि जहां जहां तू जाएगा वहां वहां तेरा परमेश्वर यहोवा तेरे संग रहेगा" (यहोशू 1:9)।

   हमें किसी भी परिवर्तन से घबराने की आवश्यकता नहीं है; हमारा परमेश्वर पिता हमारी सहायता और मार्गदर्शन के लिए हमारा सदैव उपलब्ध सहायक है। - डेविड मैक्कैसलैंड


प्रत्येक परिवर्तन में वह अपरिवर्तनीय परमेश्वर पिता
 हमारे प्रति विश्वासयोग्य बना रहता है।

और तेरे आगे आगे चलने वाला यहोवा है; वह तेरे संग रहेगा, और न तो तुझे धोखा देगा और न छोड़ देगा; इसलिये मत डर और तेरा मन कच्चा न हो। - व्यवस्थाविवरण 31:8

बाइबल पाठ: यहोशू 1:1-11
Joshua 1:1 यहोवा के दास मूसा की मृत्यु के बाद यहोवा ने उसके सेवक यहोशू से जो नून का पुत्र था कहा, 
Joshua 1:2 मेरा दास मूसा मर गया है; सो अब तू उठ, कमर बान्ध, और इस सारी प्रजा समेत यरदन पार हो कर उस देश को जा जिसे मैं उन को अर्थात इस्राएलियों को देता हूं। 
Joshua 1:3 उस वचन के अनुसार जो मैं ने मूसा से कहा, अर्थात जिस जिस स्थान पर तुम पांव धरोगे वह सब मैं तुम्हे दे देता हूं। 
Joshua 1:4 जंगल और उस लबानोन से ले कर परात महानद तक, और सूर्यास्त की ओर महासमुद्र तक हित्तियों का सारा देश तुम्हारा भाग ठहरेगा। 
Joshua 1:5 तेरे जीवन भर कोई तेरे साम्हने ठहर न सकेगा; जैसे मैं मूसा के संग रहा वैसे ही तेरे संग भी रहूंगा; और न तो मैं तुझे धोखा दूंगा, और न तुझ को छोडूंगा। 
Joshua 1:6 इसलिये हियाव बान्धकर दृढ़ हो जा; क्योंकि जिस देश के देने की शपथ मैं ने इन लोगों के पूर्वजों से खाई थी उसका अधिकारी तू इन्हें करेगा। 
Joshua 1:7 इतना हो कि तू हियाव बान्धकर और बहुत दृढ़ हो कर जो व्यवस्था मेरे दास मूसा ने तुझे दी है उन सब के अनुसार करने में चौकसी करना; और उस से न तो दाहिने मुड़ना और न बांए, तब जहां जहां तू जाएगा वहां वहां तेरा काम सफल होगा। 
Joshua 1:8 व्यवस्था की यह पुस्तक तेरे चित्त से कभी न उतरने पाए, इसी में दिन रात ध्यान दिए रहना, इसलिये कि जो कुछ उस में लिखा है उसके अनुसार करने की तू चौकसी करे; क्योंकि ऐसा ही करने से तेरे सब काम सफल होंगे, और तू प्रभावशाली होगा। 
Joshua 1:9 क्या मैं ने तुझे आज्ञा नहीं दी? हियाव बान्धकर दृढ़ हो जा; भय न खा, और तेरा मन कच्चा न हो; क्योंकि जहां जहां तू जाएगा वहां वहां तेरा परमेश्वर यहोवा तेरे संग रहेगा।
Joshua 1:10 तब यहोशू ने प्रजा के सरदारों को यह आज्ञा दी, 
Joshua 1:11 कि छावनी में इधर उधर जा कर प्रजा के लोगों को यह आज्ञा दो, कि अपने अपने लिये भोजन तैयार कर रखो; क्योंकि तीन दिन के भीतर तुम को इस यरदन के पार उतरकर उस देश को अपने अधिकार में लेने के लिये जाना है जिसे तुम्हारा परमेश्वर यहोवा तुम्हारे अधिकार में देने वाला है।

एक साल में बाइबल: 
  • एस्तर 6-8
  • प्रेरितों 6


बुधवार, 21 जून 2017

प्रेमी पिता


   स्पष्ट प्रतीत हो रहा था कि अपने दो बेटों को एक के बाद एक वायु-यानों और हवाई-अड्डों से ले चलने के कारण माता-पिता थके हुए थे; और अब उनकी इस अन्तिम उड़ान में विलंब हो रहा था। मैं देख रहा था कि वे दोनों छोटे बेटे काफी सक्रीय थे, और उड़ान के लिए वायु-यान में चढ़ने जाने से पहले वाले प्रतीक्षा-क्षेत्र में इधर से उधर भागे फिर रहे थे; उन्हें एक स्थान पर नियंत्रण में बैठाए रखना कठिन हो रहा था। मैं सोच रहा था कि वायु-यान में बैठने के पश्चात, हमारी आधे घंटे की उड़ान के लिए इन दोनों बालकों को ये थके हुए माता-पिता कैसे नियंत्रण में रखने पाएंगे? अन्ततः जब हमें उड़ान भरने के लिए वायु-यान में जाकर बैठने की अनुमति मिली, तो मैंने देखा कि उन दोनों बच्चों में से एक और उसके पिता का बैठने का स्थान ठीक मेरे पीछे ही था। स्थानों को ग्रहण करने के पश्चात, मैंने उस थके हुए पिता को अपने बेटे से कहते हुए सुना, "आओ मैं तुम्हें एक कहानी पढ़कर सुनाता हूँ।" और उस पूरी उड़ान के दौरान, वह पिता बड़े धैर्य और प्रेम के साथ अपने बेटे को कहानी पढ़कर सुनाता-समझाता रहा; सारी यात्रा भर उसने अपने बेटे के ध्यान को कहानी पर केंद्रित और उस को शान्त बनाए रखा।

   परमेश्वर के वचन बाइबल के एक भजन में दाऊद ने लिखा, "जैसे पिता अपने बालकों पर दया करता है, वैसे ही यहोवा अपने डरवैयों पर दया करता है" (भजन 103:13)। यहाँ प्रयुक्त शब्द "दया" का तात्पर्य है प्रेम और अनुकंपा करना। यह कोमल शब्द हमें अन्दाज़ा कराता है कि हमारा स्वर्गीय परमेश्वर पिता हम से कितना प्रेम करता है, और इस बात का भी अन्दाज़ा देता है कि हम मसीही विश्वासियों के लिए यह कैसे बड़े सौभाग्य की बात है कि हम उसे "अब्बा, पिता" (रोमियों 8:15) कहकर संबोधित कर सकते हैं; हम अपनी हर बात के लिए हर समय, हर हाल में, बिना झिझके परमेश्वर के पास आ सकते हैं, और ौसका ध्यान सदा हम पर बना रहता है, वह हमारी हर बात को सदा सर्वदा सुनता है।

   हमारा परमेश्वर पिता चाहता है कि जब भी हम जीवन यात्रा में विचलित अथवा परेशान अनुभव करें तो हम उससे उसके प्रेम की कहानी को फिर से सुनें, फिर से उस कहानी और उसके अर्थ पर ध्यान लगाएं; तथा उनको भी जो अभी उसकी सन्तान नहीं बने हैं, परमेश्वर की सन्तान होने के आदर और महिमा के बारे में बताएं। हमारा परमेश्वर, एक प्रेमी पिता के समान, सदा हमारे निकट बना रहता है, अपने वचन से हमें प्रोत्साहित और उत्साहित करता रहता है, अपने वचन के द्वारा हम से बातचीत करता रहता है। - बिल क्राउडर


परमेश्वर पिता का अपनी सन्तान, अर्थात हमसे किया गया प्रेम, 
हमारे लिए उसकी सबसे महान भेंट है।

इसलिये कि जितने लोग परमेश्वर के आत्मा के चलाए चलते हैं, वे ही परमेश्वर के पुत्र हैं। क्योंकि तुम को दासत्व की आत्मा नहीं मिली, कि फिर भयभीत हो परन्तु लेपालकपन की आत्मा मिली है, जिस से हम हे अब्बा, हे पिता कह कर पुकारते हैं। आत्मा आप ही हमारी आत्मा के साथ गवाही देता है, कि हम परमेश्वर की सन्तान हैं। - रोमियों 8:14-16

बाइबल पाठ: भजन 103:1-14
Psalms 103:1 हे मेरे मन, यहोवा को धन्य कह; और जो कुछ मुझ में है, वह उसके पवित्र नाम को धन्य कहे! 
Psalms 103:2 हे मेरे मन, यहोवा को धन्य कह, और उसके किसी उपकार को न भूलना। 
Psalms 103:3 वही तो तेरे सब अधर्म को क्षमा करता, और तेरे सब रोगों को चंगा करता है, 
Psalms 103:4 वही तो तेरे प्राण को नाश होने से बचा लेता है, और तेरे सिर पर करूणा और दया का मुकुट बान्धता है, 
Psalms 103:5 वही तो तेरी लालसा को उत्तम पदार्थों से तृप्त करता है, जिस से तेरी जवानी उकाब की नाईं नई हो जाती है।
Psalms 103:6 यहोवा सब पिसे हुओं के लिये धर्म और न्याय के काम करता है। 
Psalms 103:7 उसने मूसा को अपनी गति, और इस्राएलियों पर अपने काम प्रगट किए। 
Psalms 103:8 यहोवा दयालु और अनुग्रहकरी, विलम्ब से कोप करने वाला और अति करूणामय है। 
Psalms 103:9 वह सर्वदा वादविवाद करता न रहेगा, न उसका क्रोध सदा के लिये भड़का रहेगा। 
Psalms 103:10 उसने हमारे पापों के अनुसार हम से व्यवहार नहीं किया, और न हमारे अधर्म के कामों के अनुसार हम को बदला दिया है। 
Psalms 103:11 जैसे आकाश पृथ्वी के ऊपर ऊंचा है, वैसे ही उसकी करूणा उसके डरवैयों के ऊपर प्रबल है। 
Psalms 103:12 उदयाचल अस्ताचल से जितनी दूर है, उसने हमारे अपराधों को हम से उतनी ही दूर कर दिया है। 
Psalms 103:13 जैसे पिता अपने बालकों पर दया करता है, वैसे ही यहोवा अपने डरवैयों पर दया करता है। 
Psalms 103:14 क्योंकि वह हमारी सृष्टि जानता है; और उसको स्मरण रहता है कि मनुष्य मिट्टी ही है।

एक साल में बाइबल: 
  • एस्तर 3-5
  • प्रेरितों 5:22-42


मंगलवार, 20 जून 2017

आश्चर्यकर्म


   लॉरा ने किसी जानकार से माँगकर, एक भेड़ और एक बकरी को अपनी गाड़ी के ट्रेलर में रखा; उसे उन्हें अपने चर्च लेकर जाना था, जहाँ क्रिसमस के नाटक का अभ्यास चल रहा था। थोड़ी देर आपस में एक दुसरे के साथ लड़ने के पश्चात, दोनों जानवर शाँत हो कर ट्रेलर में बैठ गए और लॉरा भी चर्च के लिए चल पड़ी। मार्ग में उसे एक स्थान पर आकर गाडी में पेट्रोल भरवाने के लिए रुकना पड़ा। पेट्रोल डलवाते समय लॉरा ने देखा कि बकरी तो बाहर गाड़ियों के खड़े करने के स्थान पर जा कर खड़ी हुई है, और जब ट्रेलर में झाँका तो भेड़ ग़ायब थी। उन दोनों के ट्रेलर में डालने के पश्चात हुई उठा-पटक में, लॉरा ट्रेलर के दरवाज़े को कुंडी लगा कर बन्द करना भूल गई थी। तुरंत लॉरा ने अपने कुछ मित्रों और पुलिस को बुलाया, और सभी मिलकर बचे हुए कुछ समय के दिन के उजियाले में आस-पास की दूकानों, खेतों और जंगल में उस खोई हुई भेड़ को ढूढ़ने लगे। साथ ही बहुत से अन्य यह प्रार्थना भी कर रहे थे कि लॉरा को वे उधार लिए हुए जानवर मिल भी जाएं।

   अगली प्रातः लॉरा और उसके मित्र उसी पेट्रोल पंप पर पहुँचे कि आस-पास की दूकानों में खोई हुई भेड़ के बारे में एक छपा हुआ सुचना पत्र चिपका दें। वहाँ जब वे खज़ाँची से सूचना के पोस्टर को लगाने के सही स्थान के बारे में बातचीत कर रही थी, तो एक ग्राहक ने उनकी बातचीत को सुनकर कहा, "संभवतः मैं जानता हूँ कि आपकी भेड़ कहाँ है।" वह भेड़ भटकती हुई उस व्यक्ति के पड़ौसी के खेत में आ गई थी, जिसने फिर उसे रात भर सुरक्षित रखने के लिए अपनी भेड़शाला में रख लिया था। जब वह खोई हुई भेड़ मिल गई तो लॉरा ने उसका उपनाम "Miracle" अर्थात आश्चर्यकर्म रखा।

   प्रभु परमेश्वर को अपनी भेड़ों की चिन्ता रहती है, वह उनकी रखवाली करता है; मेरी और आपकी भी। प्रभु यीशु स्वर्ग से उतर कर पृथ्वी पर आए जिससे वे हमें प्रेम दिखा सकें और सारे जगत के लिए उद्धार का मार्ग बना कर दे सकें (यूहन्ना 3:16)। वह हमें ढूढ़ने और अपने साथ कर लेने के लिए बहुत परिश्रम करता है (लूका 19:10)। आज प्रभु यीशु में लाए गए साधारण विश्वास और पश्चाताप द्वारा हमें सेंत-मेंत हमारे पापों से मिलने वाली क्षमा और उद्धार भी परमेश्वर के अनुग्रह का एक आश्चर्यकर्म ही है; ऐसा आश्चर्यकर्म जो पाप में खोए हुओं को अनन्तकाल के लिए आशीषित और सुरक्षित परमेश्वर की सन्तान बना देता है। - ऐनी सेटास


प्रभु यीशु ने कहा: 
"अच्छा चरवाहा मैं हूं; 
अच्छा चरवाहा भेड़ों के लिये अपना प्राण देता है" - (यूहन्ना 10:11)

निश्चय जानो, कि यहोवा ही परमेश्वर है। उसी ने हम को बनाया, और हम उसी के हैं; हम उसकी प्रजा, और उसकी चराई की भेड़ें हैं। - भजन 100:3

बाइबल पाठ: लूका 15:1-10
Luke 15:1 सब चुंगी लेने वाले और पापी उसके पास आया करते थे ताकि उस की सुनें। 
Luke 15:2 और फरीसी और शास्त्री कुड़कुड़ा कर कहने लगे, कि यह तो पापियों से मिलता है और उन के साथ खाता भी है।
Luke 15:3 तब उसने उन से यह दृष्‍टान्‍त कहा। 
Luke 15:4 तुम में से कौन है जिस की सौ भेड़ें हों, और उन में से एक खो जाए तो निन्नानवे को जंगल में छोड़कर, उस खोई हुई को जब तक मिल न जाए खोजता न रहे? 
Luke 15:5 और जब मिल जाती है, तब वह बड़े आनन्द से उसे कांधे पर उठा लेता है। 
Luke 15:6 और घर में आकर मित्रों और पड़ोसियों को इकट्ठे कर के कहता है, मेरे साथ आनन्द करो, क्योंकि मेरी खोई हुई भेड़ मिल गई है। 
Luke 15:7 मैं तुम से कहता हूं; कि इसी रीति से एक मन फिराने वाले पापी के विषय में भी स्वर्ग में इतना ही आनन्द होगा, जितना कि निन्नानवे ऐसे धर्मियों के विषय नहीं होता, जिन्हें मन फिराने की आवश्यकता नहीं।
Luke 15:8 या कौन ऐसी स्त्री होगी, जिस के पास दस सिक्के हों, और उन में से एक खो जाए; तो वह दीया बारकर और घर झाड़ बुहार कर जब तक मिल न जाए, जी लगाकर खोजती न रहे? 
Luke 15:9 और जब मिल जाता है, तो वह अपने सखियों और पड़ोसिनियों को इकट्ठी कर के कहती है, कि मेरे साथ आनन्द करो, क्योंकि मेरा खोया हुआ सिक्‍का मिल गया है। 
Luke 15:10 मैं तुम से कहता हूं; कि इसी रीति से एक मन फिराने वाले पापी के विषय में परमेश्वर के स्‍वर्गदूतों के साम्हने आनन्द होता है।

एक साल में बाइबल: 
  • एस्तर 1-2
  • प्रेरितों 5:1-21


सोमवार, 19 जून 2017

आदर


   प्रसिद्ध लेखक चेम पोटोक ने अपने उपन्यास The Chosen का आरंभ न्यू यॉर्क शहर में दो यहूदी बेसबॉल टीमों के बीच एक स्पर्धा से किया। उस उपन्यास के मुख्य चरित्र, रयूवेन वॉलटर ने ध्यान किया कि प्रतिस्पर्धी दल की पोशाक में अनुपम बात है - प्रत्येक खिलाड़ी की कमीज़ से लटकते हुए चार फीते। उन फीतों को देखकर रयूवेन को स्मरण हो आता है कि परमेश्वर ने यहूदियों को कड़ाई से अपने वचन की आज्ञाकारिता के लिए निर्देश दिए थे, और उस वचन को उन्हें स्मरण दिलाते रहने के लिए उन फीतों को अपने वस्त्रों पर लगाने को कहा था।

   इन फीतों का इतिहास, परमेश्वर की मूसा द्वारा दी गई व्यवस्था से जुड़ा हुआ है। मूसा को इस्त्राएलियों के लिए अपनी व्यवस्था देते समय परमेश्वर ने कहा था कि वे नीले धागे से बने फीते बनाएं और उन्हें अपने बाहरी वस्त्र के चारों कोनों पर टाँक लें (गिनती 15:38)। परमेश्वर ने आगे कहा, "और वह तुम्हारे लिये ऐसी झालर ठहरे, जिस से जब जब तुम उसे देखो तब तब यहोवा की सारी आज्ञाएं तुम हो स्मरण आ जाएं; और तुम उनका पालन करो, और तुम अपने अपने मन और अपनी अपनी दृष्टि के वश में हो कर व्यभिचार न करते फिरो जैसे करते आए हो" (गिनती 15:39)। परमेश्वर की आज्ञाकारिता, उसके प्रति उसके लोगों के आदर और श्रद्धा का सूचक है।

   परमेश्वर द्वारा इस्त्राएलियों को स्मरण दिलाते रहने के लिए प्रयुक्त विधि का आज हम मसीही विश्वासियों के लिए भी एक समानन्तर है - हमारा प्रभु यीशु मसीह। प्रभु यीशु मसीह ने हमारे लिए संपूर्ण व्यवस्था का पालन किया और परमेश्वर पिता की पूर्ण आज्ञाकारिता भी की (यूहन्ना 8:29)। इसीलिए परमेश्वर का वचन बाइबल हमें कहती है कि, "वरन प्रभु यीशु मसीह को पहिन लो, और शरीर की अभिलाशाओं को पूरा करने का उपाय न करो" (रोमियों 13:14)। परमेश्वर के पुत्र और संपूर्ण जगत के उद्धारकर्ता प्रभु यीशु पर दृष्टि लगाए रखने से, हमें परमेश्वर के प्रति आज्ञाकारी बने रहने का भी स्मरण रहता है, जो उसके प्रति हमारे आदर को दिखाता है। - जैनिफर बेन्सन शुल्ट


यदि मसीह आपके जीवन का केंद्र है, तो आप सदा उस ही पर ध्यान लगाए रखेंगे।

और ये आज्ञाएं जो मैं आज तुझ को सुनाता हूं वे तेरे मन में बनी रहें; और तू इन्हें अपने बाल-बच्चों को समझाकर सिखाया करना, और घर में बैठे, मार्ग पर चलते, लेटते, उठते, इनकी चर्चा किया करना। और इन्हें अपने हाथ पर चिन्हानी कर के बान्धना, और ये तेरी आंखों के बीच टीके का काम दें। और इन्हें अपने अपने घर के चौखट की बाजुओं और अपने फाटकों पर लिखना। - व्यवस्थाविवरण 6:6-9

बाइबल पाठ: गिनती 15:37-41
Numbers 15:37 फिर यहोवा ने मूसा से कहा, 
Numbers 15:38 इस्त्राएलियों से कह, कि अपनी पीढ़ी पीढ़ी में अपने वस्त्रों के कोर पर झालर लगाया करना, और एक एक कोर की झालर पर एक नीला फीता लगाया करना; 
Numbers 15:39 और वह तुम्हारे लिये ऐसी झालर ठहरे, जिस से जब जब तुम उसे देखो तब तब यहोवा की सारी आज्ञाएं तुम हो स्मरण आ जाएं; और तुम उनका पालन करो, और तुम अपने अपने मन और अपनी अपनी दृष्टि के वश में हो कर व्यभिचार न करते फिरो जैसे करते आए हो। 
Numbers 15:40 परन्तु तुम यहोवा की सब आज्ञाओं को स्मरण कर के उनका पालन करो, और अपने परमेश्वर के लिये पवित्र बनो। 
Numbers 15:41 मैं यहोवा तुम्हारा परमेश्वर हूं, जो तुम्हे मिस्र देश से निकाल ले आया कि तुम्हारा परमेश्वर ठहरूं; मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूं।

एक साल में बाइबल: 
  • नहेम्याह 12-13
  • प्रेरितों 4:23-37


रविवार, 18 जून 2017

विफलता


   द्वितीय विश्व-युद्ध के समय में ब्रिटेन के प्रधान-मंत्री विंस्टन चर्चिल को पता था कि युद्ध के दिनों की परेशानियों में अपने देश के लोगों को कैसे उभारा जाए। जून 18, 1940 को दिए गए अपने एक भाषण में उन्होंने कहा, "हिटलर जानता है कि उसे या तो हमें तोड़ना पड़ेगा...या फिर वह युद्ध हार जाएगा...इसलिए आईए हम अपने आप को दृढ़ करें...और ऐसे व्यवहार करें, कि यदि ब्रिटिश साम्राज्य एक हज़ार वर्ष तक भी बना रहे तो भी लोग कहें कि ’वह उनकी सर्वोत्तम घड़ी थी!’ "

   हम सभी चाहते हैं कि हम अपने सर्वोत्तम पल के लिए स्मरण किए जाएं; परन्तु कभी ऐसा भी होता है कि हम अपनी विफलताओं को अपने बारे में बताने देते हैं। संभवतः प्रेरित पतरस के लिए सर्वोत्तम पल वह था जब उसने प्रभु यीशु मसीह के विषय कहा था, "शमौन पतरस ने उत्तर दिया, कि तू जीवते परमेश्वर का पुत्र मसीह है" (मत्ती 16:16)। परन्तु यही पतरस, कुछ ही समय पश्चात अपने सभी दावों के बावजूद, प्रभु यीशु मसीह को अकेला छोड़कर अपनी जान बचा कर भाग गया और फिर तीन बार प्रभु को जानने से भी इनकार किया। बाद में पतरस फूट-फूट कर रोया और उसने अपनी इस कायरता के लिए पश्चताप किया (मत्ती 26:75; यूहन्ना 18)।

   पतरस के समान ही हम सभी कभी न कभी आवश्यकता के समय पूरे नहीं पाए जाते हैं, विफल हो जाते हैं -  अपने संबंधों में, पाप से अपनी लड़ाई में, परमेश्वर के प्रति अपनी विश्वासयोग्यता में। विंस्टन चर्चिल ने एक बात और कही थी, "विफलता घातक नहीं होती।" परमेश्वर का धन्यवाद हो कि यह बात हमारे आत्मिक जीवन में भी लागू होती है, आत्मिक जीवन के लिए भी सत्य है। परमेश्वर के वचन बाइबल में हम आगे पढ़ते हैं कि पश्चतापी पतरस को प्रभु यीशु ने न केवल उसकी विफलताओं के लिए क्षमा किया, वरन उसे नई ज़िम्मेदारियाँ भी दीं (यूहन्ना 21), और आगे चलकर पतरस को प्रभावी प्रचारक तथा हज़ारों को प्रभु के पास लाने वाला भी बनाया (प्रेरितों 2)।

   विफल होना अन्त नहीं है। यदि हम सच्चे पश्चताप के साथ परमेश्वर की ओर मुड़ते हैं, परमेश्वर हमें फिर से अपने लिए उपयोगी और अपनी महिमा का पात्र बना सकता है। - सिंडी हैस कैस्पर


जब परमेश्वर क्षमा करता है, 
तब वह पाप को हटा देता है और आत्मा को चंगा कर देता है।

यदि हम कहें, कि हम में कुछ भी पाप नहीं, तो अपने आप को धोखा देते हैं: और हम में सत्य नहीं। यदि हम अपने पापों को मान लें, तो वह हमारे पापों को क्षमा करने, और हमें सब अधर्म से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य और धर्मी है। - 1 यूहन्ना 1:8-9

बाइबल पाठ: यूहन्ना 18:15-27
John 18:15 शमौन पतरस और एक और चेला भी यीशु के पीछे हो लिये: यह चेला महायाजक का जाना पहचाना था और यीशु के साथ महायाजक के आंगन में गया। 
John 18:16 परन्तु पतरस बाहर द्वार पर खड़ा रहा, तब वह दूसरा चेला जो महायाजक का जाना पहचाना था, बाहर निकला, और द्वारपालिन से कहकर, पतरस को भीतर ले आया। 
John 18:17 उस दासी ने जो द्वारपालिन थी, पतरस से कहा, क्या तू भी इस मनुष्य के चेलों में से है? उसने कहा, मैं नहीं हूं। 
John 18:18 दास और प्यादे जाड़े के कारण को एले धधकाकर खड़े ताप रहे थे और पतरस भी उन के साथ खड़ा ताप रहा था।
John 18:19 तक महायाजक ने यीशु से उसके चेलों के विषय में और उसके उपदेश के विषय में पूछा। 
John 18:20 यीशु ने उसको उत्तर दिया, कि मैं ने जगत से खोल कर बातें की; मैं ने सभाओं और आराधनालय में जहां सब यहूदी इकट्ठे हुआ करते हैं सदा उपदेश किया और गुप्‍त में कुछ भी नहीं कहा। 
John 18:21 तू मुझ से क्यों पूछता है? सुनने वालों से पूछ: कि मैं ने उन से क्या कहा? देख वे जानते हैं; कि मैं ने क्या क्या कहा 
John 18:22 तब उसने यह कहा, तो प्यादों में से एक ने जो पास खड़ा था, यीशु को थप्पड़ मारकर कहा, क्या तू महायाजक को इस प्रकार उत्तर देता है। 
John 18:23 यीशु ने उसे उत्तर दिया, यदि मैं ने बुरा कहा, तो उस बुराई पर गवाही दे; परन्तु यदि भला कहा, तो मुझे क्यों मारता है? 
John 18:24 हन्ना ने उसे बन्‍धे हुए काइफा महायाजक के पास भेज दिया।
John 18:25 शमौन पतरस खड़ा हुआ ताप रहा था। तब उन्होंने उस से कहा; क्या तू भी उसके चेलों में से है? उसने इन्कार कर के कहा, मैं नहीं हूं। 
John 18:26 महायाजक के दासों में से एक जो उसके कुटुम्ब में से था, जिसका कान पतरस ने काट डाला था, बोला, क्या मैं ने तुझे उसके साथ बारी में न देखा था? 
John 18:27 पतरस फिर इन्कार कर गया और तुरन्त मुर्ग ने बांग दी। 

एक साल में बाइबल: 
  • नहेम्याह 10-11
  • प्रेरितों 4:1-22


शनिवार, 17 जून 2017

जीभ


   मानव शरीर का सबसे शक्तिशाली अंग कौन सा है? कुछ का कहना है कि वह जीभ है। यह देखने में छोटी अवश्य है, परन्तु यह बहुत अधिक हानि पहुँचाने की क्षमता रखती है। जीभ माँसपेशियों से बना एक छोटा सा अंग है, जिसकी सहायता से हम खाते हैं, निगलते हैं, स्वाद लेते हैं, और पाचन क्रिया का आरंभ करते हैं। इसी की सहायता से हम बोलते भी हैं, और इसी से वह भी कह देते हैं जो नहीं कहना चाहिए। जीभ से ही चापलूसी, श्राप देना, झूठ बोलना, डींग मारना, और दूसरों को हानि पहुँचाना होता है; और यह तो जीभ के कार्यों की एक छोटी सी सूची है।

   यह बहुत ही खतरनाक अंग प्रतीत होता है; है न? लेकिन भली बात यह है कि ऐसा होना ज़रूरी भी नहीं है। जब हम अपना नियंत्रण परमेश्वर के पवित्र आत्मा के हाथों में समर्पित कर देते हैं तो वह हमारी जीभ को भी भले के लिए प्रयुकत कर सकता है। परमेश्वर का वचन बाइबल हमें बताती है कि ऐसे समर्पित व्यक्ति अपने जीभ से परमेश्वर की धार्मिकता (भजन 35:28) तथा न्याय (भजन 37:30) के बारे में बता सकते हैं। परमेश्वर को समर्पित लोग, अपनी जीभ से सच बोलने वाले बन सकते हैं (भजन 15:2), प्रेम प्रदर्शित कर सकते हैं (1 यूहन्ना 3:18), और अपने पापों का अंगीकार (1 यूहन्ना 1:9) कर सकते हैं।

   बाइबल में नीतिवचन का लेखक जीभ द्वारा होने वाली बातों में से एक अति उत्तम बात के विषय लिखता है: "ऐसे लोग हैं जिनका बिना सोच विचार का बोलना तलवार की नाईं चुभता है, परन्तु बुद्धिमान के बोलने से लोग चंगे होते हैं" (नीतिवचन 12:18)। ज़रा विचार करें, यदि हम अपनी जीभ का प्रयोग बुद्धिमानी से करें, दूसरों की हानि के लिए नहीं वरन उनकी चंगाई के लिए करें तो जिस परमेश्वर ने हमें और हमारी जीभ को बनाया है, हम उसकी कितनी महिमा और बड़ाई करने पाएंगे। - डेव ब्रैनन


इस कारण एक दूसरे को शान्‍ति दो, और एक दूसरे की उन्नति के कारण बनो, 
निदान, तुम ऐसा करते भी हो। - 1 थिस्सलुनीकियों 5:11

धर्मी अपने मुंह से बुद्धि की बातें करता, और न्याय का वचन कहता है। - भजन 37:30

बाइबल पाठ: याकूब 3:5-12
James 3:5 वैसे ही जीभ भी एक छोटा सा अंग है और बड़ी बड़ी डींगे मारती है: देखो, थोड़ी सी आग से कितने बड़े वन में आग लग जाती है। 
James 3:6 जीभ भी एक आग है: जीभ हमारे अंगों में अधर्म का एक लोक है और सारी देह पर कलंक लगाती है, और भवचक्र में आग लगा देती है और नरक कुण्ड की आग से जलती रहती है। 
James 3:7 क्योंकि हर प्रकार के बन-पशु, पक्षी, और रेंगने वाले जन्‍तु और जलचर तो मनुष्य जाति के वश में हो सकते हैं और हो भी गए हैं। 
James 3:8 पर जीभ को मनुष्यों में से कोई वश में नहीं कर सकता; वह एक ऐसी बला है जो कभी रुकती ही नहीं; वह प्राण नाशक विष से भरी हुई है। 
James 3:9 इसी से हम प्रभु और पिता की स्‍तुति करते हैं; और इसी से मनुष्यों को जो परमेश्वर के स्‍वरूप में उत्पन्न हुए हैं श्राप देते हैं। 
James 3:10 एक ही मुंह से धन्यवाद और श्राप दोनों निकलते हैं। 
James 3:11 हे मेरे भाइयों, ऐसा नहीं होना चाहिए। 
James 3:12 क्या सोते के एक ही मुंह से मीठा और खारा जल दोनों निकलते हैं? हे मेरे भाइयों, क्या अंजीर के पेड़ में जैतून, या दाख की लता में अंजीर लग सकते हैं? वैसे ही खारे सोते से मीठा पानी नहीं निकल सकता। 

एक साल में बाइबल: 
  • नहेम्याह 7-9
  • प्रेरितों 3


शुक्रवार, 16 जून 2017

लंगर


   एस्टेला पायफ्रॉम ने शिक्षिका की नौकरी से सेवा-निवृत्ति प्राप्त करने के बाद एक बस खरीदी, उसमें कंप्यूटर और मेज़ें लगवाईं, और अब वह "ब्रिलियंट बस" नामक अपनी उस बस को फ्लौरिडा की पाम बीच काउन्टी की सड़कों पर चलाती है। इस बस के द्वारा वह ऐसे बच्चों को जिनके पास संसाधान नहीं हैं, अपनी पढ़ाई का गृह-कार्य करने तथा तकनीकी को सीखने का अवसर देती है। एस्टेला उन बच्चों को एक आशा और स्थिरता प्रदान कर रही है, जो एक बेहतर भविष्य के अपने सपनों को संसाधनों के अभाव में त्याग देने का विचार कर रहे हों।

   प्रथम ईसवीं में, सताव और निराशा का पहाड़ मसीही विश्वासियों पर टूट पड़ा था। परमेश्वर के वचन बाइबल में इब्रानियों को लिखी गई पत्री के लेखक ने उन मसीही विश्वासियों को अपने भविष्य की आशा (2:1) पर अपने भरोसे को छोड़ न देने के लिए लिखा और आश्वस्त किया। उनकी यह आशा, अर्थात उध्दार तथा स्वर्ग में स्थान के लिए प्रभु परमेश्वर पर विश्वास, मसीह यीशु और उनके द्वारा क्रूस पर दिए गए अपने बलिदान पर आधारित थी। जब मृतकों से अपने पुनरुत्थान के बाद प्रभु ने स्वर्ग में प्रवेश किया, तब उन्होंने भविष्य के लिए उनकी इस आशा को सुनिश्चित कर दिया (6:19-20)।

   जैसे समुद्र में डाला गया लंगर, जहाज़ को इधर-उधर हो जाने से रोके रखता है, वैसे ही प्रभु यीशु की मृत्यु, पुनरुत्थान, और स्वर्गारोहण में लाया गया विश्वास भी एक मसीही विश्वासी के जीवन को स्थिरता तथा आशा प्रदान करता है। प्रभु यीशु मसीह पर आधारित भविष्य के लिए इस आशा को न तो हिलाया जा सकता है और न ही यह कभी हिलेगी।

   प्रभु यीशु हमारी आत्मा को एक ऐसा स्थिर लंगर प्रदान करता है जो हमें प्रभु परमेश्वर पर लाए गए विश्वास और अनन्तकाल की आशा से कभी भटकने नहीं देता है। - मार्विन विलियम्स


प्रभु यीशु ही हमारी आशा का लंगर है।

इस कारण चाहिए, कि हम उन बातों पर जो हम ने सुनी हैं और भी मन लगाएं, ऐसा न हो कि बहक कर उन से दूर चले जाएं। - इब्रानियों 2:1

बाइबल पाठ: इब्रानियों 6:13-20
Hebrews 6:13 और परमेश्वर ने इब्राहीम को प्रतिज्ञा देते समय जब कि शपथ खाने के लिये किसी को अपने से बड़ा न पाया, तो अपनी ही शपथ खाकर कहा। 
Hebrews 6:14 कि मैं सचमुच तुझे बहुत आशीष दूंगा, और तेरी सन्तान को बढ़ाता जाऊंगा। 
Hebrews 6:15 और इस रीति से उसने धीरज धर कर प्रतिज्ञा की हुई बात प्राप्त की। 
Hebrews 6:16 मनुष्य तो अपने से किसी बड़े की शपथ खाया करते हैं और उन के हर एक विवाद का फैसला शपथ से पक्का होता है। 
Hebrews 6:17 इसलिये जब परमेश्वर ने प्रतिज्ञा के वारिसों पर और भी साफ रीति से प्रगट करना चाहा, कि उसकी मनसा बदल नहीं सकती तो शपथ को बीच में लाया। 
Hebrews 6:18 ताकि दो बे-बदल बातों के द्वारा जिन के विषय में परमेश्वर का झूठा ठहरना अन्‍होना है, हमारा दृढ़ता से ढाढ़स बन्ध जाए, जो शरण लेने को इसलिये दौड़े है, कि उस आशा को जो साम्हने रखी हुई है प्राप्त करें। 
Hebrews 6:19 वह आशा हमारे प्राण के लिये ऐसा लंगर है जो स्थिर और दृढ़ है, और परदे के भीतर तक पहुंचता है।
Hebrews 6:20 जहां यीशु मलिकिसिदक की रीति पर सदा काल का महायाजक बन कर, हमारे लिये अगुआ की रीति पर प्रवेश हुआ है। 

एक साल में बाइबल: 
  • नहेम्याह 4-6
  • प्रेरितों 2:22-47


गुरुवार, 15 जून 2017

ऊपर देखो


   हमारे घर के निकट के एक उद्यान में एक पगडंडी है जिस पर चलना मुझे बहुत अच्छा लगता है। उस पगडंडी के एक भाग से गार्डन ऑफ द गौड्स में स्थित लाल पत्थर की चट्टानों का विहंगम दृश्य दिखता है, जिनके पीछे 14,115 फुट ऊँची पाईक्स पीक नामक पर्वत चोटी दिखाई देती है और यह सारा दृश्य बड़ा ही मनोरम होता है। कभी-कभी, किसी समस्या में उलझा हुआ मैं उस भाग से अपना सिर झुकाए, नीचे सपाट पगडंडी को देखता हुआ चला जाता हूँ। ऐसे में, यदि मेरे आस-पास कोई और ना हो तो मैं ठिठक कर रुक भी जाता हूँ और ऊँची आवाज़ में अपने आप से कहता हूँ, "डेविड, ऊपर देखो!"

   परमेश्वर के वचन बाइबल में भजन संहिता नामक पुस्तक में कुछ भजन हैं (भजन 120-134) जिन्हें "यात्रा के गीत" कहा जाता है। ये वो भजन हैं जिन्हें इसत्राएल के लोग, जब वे तीनों वार्षिक तीर्थ-त्यौहारों को मनाने के लिए आते थे, तो यरुशलेम की ओर चढ़ते जाते हुए गाते थे। इनमें से भजन 121 का आरंभ एक प्रशन से होता है: "मैं अपनी आंखें पर्वतों की ओर लगाऊंगा। मुझे सहायता कहां से मिलेगी?" (पद 1), और अगले पद में उसका उत्तर भी दिया गया है, "मुझे सहायता यहोवा की ओर से मिलती है, जो आकाश और पृथ्वी का कर्ता है" (पद 2)। हमारा सृष्टिकर्ता परमेश्वर ऐसा नहीं है जो हमसे अलग-थलग रहता हो, वरन वह हमारा ऐसा साथी है जो सदा हमारे साथ बना रहता है, हमारी परिस्थितियों के प्रति सदिव सजग रहता है (पद 3-7), हमारी जीवन यात्रा में, "अब से लेकर सदा तक" हमारा मार्गदर्शन एवं सुरक्षा प्रदान करता रहता है (पद 8)।

   जीवन के पथ पर हमारा अपने प्रभु परमेश्वर पर, जो हमारी सहायता का स्त्रोत है, अपनी दृष्टि लगाए रखना कितना आवश्यक है। जब भी हम अपनी परिस्थितियों या किसी परेशानी से अभिभूत और निराश अनुभव करते हैं, हमें भी रुक कर अपने आप से ऊँची आवाज़ में कहना चाहिए, "ऊपर देखो!" - डेविड मैक्कैसलैंड


अपनी सहायता के स्त्रोत, प्रभु परमेश्वर पर, अपनी दृष्टि सदा लगाए रखें।

परमेश्वर हमारा शरणस्थान और बल है, संकट में अति सहज से मिलने वाला सहायक। - भजन 46:1

बाइबल पाठ: भजन 121
Psalms 121:1 मैं अपनी आंखें पर्वतों की ओर लगाऊंगा। मुझे सहायता कहां से मिलेगी? 
Psalms 121:2 मुझे सहायता यहोवा की ओर से मिलती है, जो आकाश और पृथ्वी का कर्ता है।
Psalms 121:3 वह तेरे पांव को टलने न देगा, तेरा रक्षक कभी न ऊंघेगा। 
Psalms 121:4 सुन, इस्राएल का रक्षक, न ऊंघेगा और न सोएगा।
Psalms 121:5 यहोवा तेरा रक्षक है; यहोवा तेरी दाहिनी ओर तेरी आड़ है। 
Psalms 121:6 न तो दिन को धूप से, और न रात को चांदनी से तेरी कुछ हानि होगी।
Psalms 121:7 यहोवा सारी विपत्ति से तेरी रक्षा करेगा; वह तेरे प्राण की रक्षा करेगा। 
Psalms 121:8 यहोवा तेरे आने जाने में तेरी रक्षा अब से ले कर सदा तक करता रहेगा।

एक साल में बाइबल: 
  • नहेम्याह 1-3
  • प्रेरितों 2:1-21


बुधवार, 14 जून 2017

संबंध


   शैरिल को पुस्तकें पढ़ना बहुत पसन्द है। जब अन्य टेलिविज़न देख रहे होते हैं या वीडियो गेम खेल रहे होते हैं, वह पूरी तनमयता के साथ किसी पुस्तक को पढ़ने में लगी होती है। उसकी इस प्रवृत्ति का प्रमुख श्रेय उसके बचपन से जुड़ा है। जब वह बच्ची थी, उसका परिवार बहुधा अपनी रिश्तेदारी के एक वृध्द दंपति के घर जाया करता था, और वह दंपति एक पुस्तकों की दुकान को चलाते थे। वहाँ शैरिल वृध्द अंकल एड की गोदी में बैठकर उन से सुनती रहती थी और वे उसे पुस्तकों के अद्भुत संसार की बातों तथा आनन्द को पढ़कर सुनाते रहते थे।

   सदियों पहले, जैसा परमेश्वर के वचन बाइबल में आया है, एक जवान व्यक्ति तिमुथियुस के कदम भी परमेश्वर के वचन को सीखने की राह पर डाल दिए गए। प्रेरित पौलुस द्वारा लिखित और उपलब्ध अंतिम पत्री में, पौलुस ने तिमुथियुस को स्मरण दिलाया कि उसके बचपन में ही उसकी नानी और माँ ने उसका परिचय परमेश्वर के वचन से करवाया था (2 तिमुथियुस 1:5), इसलिए, उसे अब मसीही विश्वास के मार्ग में दृढ़ होकर बने रहना और बढ़ते रहना है (2 तिमुथियुस 3:14-15)।

   एक मसीही विश्वासी के लिए, आत्मिक जीवन, परमेश्वर की निकटता तथा परमेश्वर के बारे में सीखते रहना सदा ही आनन्द तथा उन्नति का कारण होता है। इसके लिए स्वयं बाइबल को पढ़ना और अध्ययन करना बहुत आवश्यक है, परन्तु साथ ही हमें ऐसे मित्रों की भी आवश्यकता होती है जो हमें परमेश्वर के वचन के अध्ययन में प्रोत्साहित करें और हमें सिखाएं। इस कार्य में हम सब मसीही विश्वासियों की सहायता के लिए परमेश्वर ने अपने पवित्र आत्मा को हमें पहले से प्रदान कर दिया है।

   आज हमें इस बात पर विचार करना चाहिए कि हमारे मसीही विश्वास में बढ़ने और उन्नति करने में किसने हमारी सहायता की है। साथ ही यह भी विचार करना चाहिए कि इस कार्य में हम अब किसकी सहायता कर सकते हैं। परमेश्वर के वचन का यह सीखना और सिखाना न केवल आपस में, वरन परमेश्वर के साथ भी हमारे संबंध को प्रगाढ़ करने का एक उत्तम तरीका है। - डेनिस फिशर


बाइबल पढ़ने से न केवल ज्ञान वर्धन, वरन मन का पापों से परिवर्तन भी होता है।

परन्तु सहायक अर्थात पवित्र आत्मा जिसे पिता मेरे नाम से भेजेगा, वह तुम्हें सब बातें सिखाएगा, और जो कुछ मैं ने तुम से कहा है, वह सब तुम्हें स्मरण कराएगा। - यूहन्ना 14:26

बाइबल पाठ: 2 तिमुथियुस 3:8-17
2 Timothy 3:8 और जैसे यन्नेस और यम्ब्रेस ने मूसा का विरोध किया था वैसे ही ये भी सत्य का विरोध करते हैं: ये तो ऐसे मनुष्य हैं, जिन की बुध्दि भ्रष्‍ट हो गई है और वे विश्वास के विषय में निकम्मे हैं। 
2 Timothy 3:9 पर वे इस से आगे नहीं बढ़ सकते, क्योंकि जैसे उन की अज्ञानता सब मनुष्यों पर प्रगट हो गई थी, वैसे ही इन की भी हो जाएगी। 
2 Timothy 3:10 पर तू ने उपदेश, चाल चलन, मनसा, विश्वास, सहनशीलता, प्रेम, धीरज, और सताए जाने, और दुख उठाने में मेरा साथ दिया। 
2 Timothy 3:11 और ऐसे दुखों में भी जो अन्‍ताकिया और इकुनियुम और लुस्‍त्रा में मुझ पर पड़े थे और और दुखों में भी, जो मैं ने उठाए हैं; परन्तु प्रभु ने मुझे उन सब से छुड़ा लिया। 
2 Timothy 3:12 पर जितने मसीह यीशु में भक्ति के साथ जीवन बिताना चाहते हैं वे सब सताए जाएंगे। 
2 Timothy 3:13 और दुष्‍ट, और बहकाने वाले धोखा देते हुए, और धोखा खाते हुए, बिगड़ते चले जाएंगे। 
2 Timothy 3:14 पर तू इन बातों पर जो तू ने सीखीं हैं और प्रतीति की थी, यह जानकर दृढ़ बना रह; कि तू ने उन्हें किन लोगों से सीखा था 
2 Timothy 3:15 और बालकपन से पवित्र शास्त्र तेरा जाना हुआ है, जो तुझे मसीह पर विश्वास करने से उद्धार प्राप्त करने के लिये बुद्धिमान बना सकता है। 
2 Timothy 3:16 हर एक पवित्रशास्‍त्र परमेश्वर की प्रेरणा से रचा गया है और उपदेश, और समझाने, और सुधारने, और धर्म की शिक्षा के लिये लाभदायक है। 
2 Timothy 3:17 ताकि परमेश्वर का जन सिद्ध बने, और हर एक भले काम के लिये तत्‍पर हो जाए।

एक साल में बाइबल: 
  • एज़्रा 9-10
  • प्रेरितों 1


मंगलवार, 13 जून 2017

कार्य


   सोशल मीडिया बहुत सी बातों के लिए उपयोगी है, परन्तु संतुष्टि उन बातों में से एक नहीं है; कम से कम मेरे लिए तो नहीं। चाहे मेरे उद्देश्य भले हों, परन्तु फिर भी मैं मुझे निरंतर स्मरण कराने वाली उन बातों से निराश हो जाती हूँ कि मेरे निर्धारित उद्देश्यों को कोई और मुझसे पहले पूरा कर ले रहा है, या मुझसे बेहतर परिणामों के साथ पूरा कर ले रहा है। क्योंकि इस प्रकार की निराशा में पड़ना मेरी प्रवृत्ति है, इसलिए मैं अपने आप को बारंबार यह स्मरण दिलाती रहती हूँ कि जो कार्य परमेश्वर मुझसे करवाना चाहता है उसके लिए जो कुछ भी आवश्यक है वह सब उसने मुझे उपलब्ध करवा रखा है।

   इसका तात्पर्य है कि उस कार्य के लिए मुझे अधिक धन की आवश्यकता नहीं है, और न ही उसके सफल हो जाने के लिए किसी के आश्वासन की। न ही मुझे उस कार्य के लिए किसी नई नौकरी की और न ही वर्तमान से बेहतर कार्य स्थिति की आवश्यकता है। मुझे अन्य लोगों का अनुमोदन अथवा अनुमति भी नहीं चाहिए, न ही अधिक समय या बेहतर स्वास्थ्य चाहिए। संभव है कि उसके द्वारा सौंपे गए कार्य को करते हुए परमेश्वर इन में से कुछ बातें मुझे प्रदान कर दे, परन्तु अभी जो कुछ मुझे चाहिए वह सब उसने मेरे लिए उपलब्ध कर दिया है, क्योंकि जब वह कोई कार्य सौंपता है, तो उसके लिए आवश्यक संसाधन भी जुटा देता है। यह अब मेरा दायित्व है कि जो कार्य उसने मुझे सौंपा है उसे उन संसाधनों के उचित उपयोग द्वारा उसकी महिमा तथा दूसरों को आशीषित करने के लिए पूरा करूँ।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में हम पाते हैं कि प्रभु यीशु और उनके शिष्य पतरस के मध्य इसी विषय से संबंधित एक वार्तालाप हुआ। मृतकों में से अपने पुनरुत्थान के बाद के दिनों में, एक प्रातः, गलील की झील के किनारे प्रभु यीशु ने चेलों को भोजन कराया और पतरस को आने वाले समय में उससे अपेक्षित सेवकाई के बारे में बताया तथा यह भी कि उसके जीवन के अन्त समय में क्या होगा। तब, वहाँ एकत्रित शिष्यों में से एक अन्य शिष्य की ओर संकेत करके पतरस ने प्रभु से पूछा, "उसका क्या होगा?" प्रभु यीशु ने उत्तर दिया, "तुझे इससे क्या?"

   यही प्रश्न मुझे अपने आप से पूछना होता है जब मैं अपनी तुलना किसी अन्य से करने लगती हूँ। प्रभु का तात्पर्य उस समय पतरस से, और अब मुझ से स्पष्ट है, "यह सोचना तेरा कार्य नहीं है; तू वह कर जो तुझे सौंपा गया है, और उसे वह करने दे जो उसे सौंपा गया है।" मेरा दायित्व, मेरा कार्य है कि मैं प्रभु यीशु का अनुसरण करूँ और उसके प्रति आज्ञाकारी तथा वफादार बनी रहूँ। - जूली ऐकैरमैन लिंक


दूसरों की ओर देखने से रोष आता है, 
प्रभु की ओर देखने से संतुष्टि और आशीष आती है।

यीशु ने उन्हें उत्तर दिया; परमेश्वर का कार्य यह है, कि तुम उस पर, जिसे उसने भेजा है, विश्वास करो। - यूहन्ना 6:29

बाइबल पाठ: यूहन्ना 21:12-22
John 21:12 यीशु ने उन से कहा, कि आओ, भोजन करो और चेलों में से किसी को हियाव न हुआ, कि उस से पूछे, कि तू कौन है? क्योंकि वे जानते थे, कि हो न हो यह प्रभु ही है। 
John 21:13 यीशु आया, और रोटी ले कर उन्हें दी, और वैसे ही मछली भी। 
John 21:14 यह तीसरी बार है, कि यीशु ने मरे हुओं में से जी उठने के बाद चेलों को दर्शन दिए।
John 21:15 भोजन करने के बाद यीशु ने शमौन पतरस से कहा, हे शमौन, यूहन्ना के पुत्र, क्या तू इन से बढ़कर मुझ से प्रेम रखता है? उसने उस से कहा, हां प्रभु तू तो जानता है, कि मैं तुझ से प्रीति रखता हूं: उसने उस से कहा, मेरे मेमनों को चरा। 
John 21:16 उसने फिर दूसरी बार उस से कहा, हे शमौन यूहन्ना के पुत्र, क्या तू मुझ से प्रेम रखता है? उसने उन से कहा, हां, प्रभु तू जानता है, कि मैं तुझ से प्रीति रखता हूं: उसने उस से कहा, मेरी भेड़ों की रखवाली कर। 
John 21:17 उसने तीसरी बार उस से कहा, हे शमौन, यूहन्ना के पुत्र, क्या तू मुझ से प्रीति रखता है? पतरस उदास हुआ, कि उसने उसे तीसरी बार ऐसा कहा; कि क्या तू मुझ से प्रीति रखता है? और उस से कहा, हे प्रभु, तू तो सब कुछ जानता है: तू यह जानता है कि मैं तुझ से प्रीति रखता हूं: यीशु ने उस से कहा, मेरी भेड़ों को चरा। 
John 21:18 मैं तुझ से सच सच कहता हूं, जब तू जवान था, तो अपनी कमर बान्‍धकर जहां चाहता था, वहां फिरता था; परन्तु जब तू बूढ़ा होगा, तो अपने हाथ लम्बे करेगा, और दूसरा तेरी कमर बान्‍धकर जहां तू न चाहेगा वहां तुझे ले जाएगा। 
John 21:19 उसने इन बातों से पता दिया कि पतरस कैसी मृत्यु से परमेश्वर की महिमा करेगा; और यह कहकर, उस से कहा, मेरे पीछे हो ले। 
John 21:20 पतरस ने फिरकर उस चेले को पीछे आते देखा, जिस से यीशु प्रेम रखता था, और जिसने भोजन के समय उस की छाती की और झुककर पूछा हे प्रभु, तेरा पकड़वाने वाला कौन है? 
John 21:21 उसे देखकर पतरस ने यीशु से कहा, हे प्रभु, इस का क्या हाल होगा? 
John 21:22 यीशु ने उस से कहा, यदि मैं चाहूं कि वह मेरे आने तक ठहरा रहे, तो तुझे क्या? तू मेरे पीछे हो ले।

एक साल में बाइबल: 
  • एज़्रा 6-8
  • यूहन्ना 21


सोमवार, 12 जून 2017

कटनी


   प्रतिदिन, प्रति सप्ताह, दिन में तीन बार खाना पकाना कठिन और उबा देने वाला हो जाता है। मैं साफ करने, छीलने, काटने, मिलाने और फिर भोजन के पकने की प्रतीक्षा करते करते थक जाती हूँ। परन्तु भोजन को खाना कभी उबा देने वाला नहीं होता; वह तो आनन्दकारी होता है, चाहे उसे भी हम प्रतिदिन, प्रति सप्ताह, दिन में तीन बार करते हैं।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस ने भले कार्य का भी थका देने वाला बन जाने के बारे में समझाने के लिए बीज बोने और कटनी काटने का उदाहरण लिया (गलतियों 6:7-10)। पौलुस ने लिखा, "हम भले काम करने में हियाव न छोड़े, क्योंकि यदि हम ढीले न हों, तो ठीक समय पर कटनी काटेंगे" (पद 9)। अपने शत्रुओं से प्रेम रखना, अपने बच्चों को अनुशासन में रखना, निरंतर प्रार्थना में बने रहना, इत्यादि कठिन हो सकता है। परन्तु जो भलाई हमने की है, उसकी अच्छी कटनी काटना कठिन, उबाऊ, और थका देने वाला नहीं होता है। कितना आनन्द मिलता है जब हम प्रेम को बैर पर जयवन्त होते देखते हैं, अपने बच्चों को परमेश्वर के भय में चलते-बढ़ते और जीवनों में उन्नति करते हुए देखते हैं, प्रार्थनाओं के उत्तर मिलते हुए देखते हैं।

   चाहे भोजन पकाने में मुझे घंटों लगे हों, मेरे परिवार को भोजना खा लेने का आनन्द लेने में मुश्किल से 20 मिनिट लगते हैं। परन्तु पौलुस ने जिस आनन्द की बात की है, वह क्षणिक नहीं वरन अनन्तकाल का है। हमें जब जैसा अवसर मिले हम भलाई करते रहें, और परमेश्वर की ओर से प्रत्युत्तर में उनकी आशीषों के आने के लिए परमेश्वर के समय तथा विधि की प्रतीक्षा करें। आज परमेश्वर की आज्ञाकारिता में जीवन जीने को लेकर निराश न हों; मत भूलें कि परमेश्वर ने अनन्तकाल के आनन्द की कटनी हमारे लिए रख छोड़ी है। - कीला ओकोआ


अनन्त का ध्यान रखते हुए अपने निशाने की ओर दौड़ते चले जाएं।


हे भाइयों, मेरी भावना यह नहीं कि मैं पकड़ चुका हूं: परन्तु केवल यह एक काम करता हूं, कि जो बातें पीछे रह गई हैं उन को भूल कर, आगे की बातों की ओर बढ़ता हुआ। निशाने की ओर दौड़ा चला जाता हूं, ताकि वह इनाम पाऊं, जिस के लिये परमेश्वर ने मुझे मसीह यीशु में ऊपर बुलाया है। - फिलिप्पियों 3:13-14

बाइबल पाठ: गलतियों 6:1-10
Galatians 6:1 हे भाइयों, यदि कोई मनुष्य किसी अपराध में पकड़ा भी जाए, तो तुम जो आत्मिक हो, नम्रता के साथ ऐसे को संभालो, और अपनी भी चौकसी रखो, कि तुम भी परीक्षा में न पड़ो। 
Galatians 6:2 तुम एक दूसरे के भार उठाओ, और इस प्रकार मसीह की व्यवस्था को पूरी करो। 
Galatians 6:3 क्योंकि यदि कोई कुछ न होने पर भी अपने आप को कुछ समझता है, तो अपने आप को धोखा देता है। 
Galatians 6:4 पर हर एक अपने ही काम को जांच ले, और तब दूसरे के विषय में नहीं परन्तु अपने ही विषय में उसको घमण्‍ड करने का अवसर होगा। 
Galatians 6:5 क्योंकि हर एक व्यक्ति अपना ही बोझ उठाएगा।
Galatians 6:6 जो वचन की शिक्षा पाता है, वह सब अच्छी वस्‍तुओं में सिखाने वाले को भागी करे। 
Galatians 6:7 धोखा न खाओ, परमेश्वर ठट्ठों में नहीं उड़ाया जाता, क्योंकि मनुष्य जो कुछ बोता है, वही काटेगा। 
Galatians 6:8 क्योंकि जो अपने शरीर के लिये बोता है, वह शरीर के द्वारा विनाश की कटनी काटेगा; और जो आत्मा के लिये बोता है, वह आत्मा के द्वारा अनन्त जीवन की कटनी काटेगा। 
Galatians 6:9 हम भले काम करने में हियाव न छोड़े, क्योंकि यदि हम ढीले न हों, तो ठीक समय पर कटनी काटेंगे। 
Galatians 6:10 इसलिये जहां तक अवसर मिले हम सब के साथ भलाई करें; विशेष कर के विश्वासी भाइयों के साथ।

एक साल में बाइबल: 

  • एज़्रा 3-5
  • यूहन्ना 20


रविवार, 11 जून 2017

शान्त


   मेरे मसीही जीवन के प्रारंभिक दिनों में मुझे शक रहता था कि मसीही समर्पण से जुड़े दायित्वों तथा जीवन शैली के कारण क्या मैं एक वर्ष भी अपने पुराने पापमय स्वभाव से दूर होकर रहने पाऊँगा। परन्तु परमेश्वर के वचन बाइबल के इस पद ने मेरी बहुत सहायता की: "यहोवा आप ही तुम्हारे लिये लड़ेगा, इसलिये तुम चुपचाप रहो" (निर्गमन 14:14)। ये शब्द मूसा द्वारा इस्त्राएलियों से तब कहे गए थे जब वे मिस्त्र के दासत्व से निकलकर कनान देश की ओर अपनी यात्रा में थे और फिरौन तथा उसकी सेना उन्हें फिर से बन्दी बना लेने के लिए उनके पीछे आ पहुँची थी। अपनी परिस्थितियों और परेशानियों के कारण वे इस्त्राएली भयभीत तथा हताश थे।

   मुझ युवा विश्वासी के लिए, जो चारों ओर से फिर से पाप का दास बना लेने वाले प्रलोभनों तथा परीक्षाओं से घिरा हुआ था, इस पद का "चुपचाप रहो" निर्देश बहुत प्रोत्साहक था। अब लगभग 37 वर्ष पश्चात, तनाव से भरी परिस्थितियों में भी शान्त रहकर परमेश्वर पर विश्वास बनाए रखना, आज भी निरंतर मेरी इच्छा एवं प्रयास रहता है।

   भजनकार ने कहा, "चुप हो जाओ, और जान लो, कि मैं ही परमेश्वर हूं। मैं जातियों में महान हूं, मैं पृथ्वी भर में महान हूं" (भजन 46:10)। जब हम विचलित करने वाले हालातों में भी शान्त बने रहते हैं, परमेश्वर पर आश्वस्त रहते हैं, तो हम परमेश्वर को, उसे जो "हमारा शरणस्थान और बल है, संकट में अति सहज से मिलने वाला सहायक" (भजन 46:1) है, और गहराई से जानने पाते हैं। हम समझने पाते हैं कि परमेश्वर की सहायता के बिना हम कितने कमज़ोर हैं, और हर बात में उसके प्रति समर्पित तथा आज्ञाकारी रहना हमारे लिए कितना आवश्यक है। प्रेरित पौलुस ने कहा, "इस कारण मैं मसीह के लिये निर्बलताओं, और निन्‍दाओं में, और दरिद्रता में, और उपद्रवों में, और संकटों में, प्रसन्न हूं; क्योंकि जब मैं निर्बल होता हूं, तभी बलवन्‍त होता हूं" (2 कुरिन्थियों 12:10)।

   प्रतिदिन हम अनेकों प्रकार के तनावों और कुण्ठित कर देने वाली परिस्थितियों से होकर निकलते हैं। परन्तु हम आश्वस्त रह सकते हैं कि हमारी देख-भाल करने के अपने वायदे के प्रति परमेश्वर सदा विश्वासयोग्य रहता है, हर बात में हमारे लिए, हमारे पक्ष में होकर कार्य करता रहता है। हम उसपर भरोसा बनाए रखें और विचलित नहीं, वरन शान्त रहना सीख लें। - लॉरेंस दरमानी


प्रभु आपके तूफानों को शान्त कर सकता है, 
परन्तु अकसर उन तूफानों में वह आपको शान्त रहना सिखाता है।

और हम जानते हैं, कि जो लोग परमेश्वर से प्रेम रखते हैं, उन के लिये सब बातें मिलकर भलाई ही को उत्पन्न करती है; अर्थात उन्हीं के लिये जो उस की इच्छा के अनुसार बुलाए हुए हैं। - रोमियों 8:28

बाइबल पाठ: निर्गमन 14:10-14
Exodus 14:10 जब फिरौन निकट आया, तब इस्राएलियों ने आंखे उठा कर क्या देखा, कि मिस्री हमारा पीछा किए चले आ रहे हैं; और इस्राएली अत्यन्त डर गए, और चिल्लाकर यहोवा की दोहाई दी। 
Exodus 14:11 और वे मूसा से कहने लगे, क्या मिस्र में कबरें न थीं जो तू हम को वहां से मरने के लिये जंगल में ले आया है? तू ने हम से यह क्या किया, कि हम को मिस्र से निकाल लाया? 
Exodus 14:12 क्या हम तुझ से मिस्र में यही बात न कहते रहे, कि हमें रहने दे कि हम मिस्रियों की सेवा करें? हमारे लिये जंगल में मरने से मिस्रियों की सेवा करनी अच्छी थी। 
Exodus 14:13 मूसा ने लोगों से कहा, डरो मत, खड़े खड़े वह उद्धार का काम देखो, जो यहोवा आज तुम्हारे लिये करेगा; क्योंकि जिन मिस्रियों को तुम आज देखते हो, उन को फिर कभी न देखोगे। 
Exodus 14:14 यहोवा आप ही तुम्हारे लिये लड़ेगा, इसलिये तुम चुपचाप रहो। 

एक साल में बाइबल: 
  • एज़्रा 1-2
  • यूहन्ना 19:23-42


शनिवार, 10 जून 2017

उपयोगी


   फैनी केम्बल एक ब्रिटिश अभिनेत्री थी जो 1800 के आरंभिक वर्षों में अमेरिका आकर बस गईं और वहाँ एक धनी बाग़ान मालिक, पीयर्स बटलर से विवाह करके, दक्षिणी अमेरिका में रहने लगीं। फैनी, बाग़ान से होने वाली आमदनी के कारण, ऐश का जीवन बिताने लगीं; परन्तु जब उन्होंने देखा कि उनकी इस ऐश की कीमत उनके पति के बाग़ान में काम करने वाले दासों को चुकानी पड़ती है, तो वे विचलित हो उठीं। उन्होंने दासों के साथ होने वाले क्रूर व्यवहार के बारे में लिखना आरंभ कर दिया, जिसके कारण अन्ततः उनके पति ने उन्हें तलाक दे दिया। उनके लेखों को दासत्व विरोधियों ने बहुत उपयोग किया और उनके विवरणों को दासत्व की क्रूरता समझाने के लिए व्यापक रीति से लोगों में बाँटा। दासत्व के विरोध में लिखे गए लेखों के कारण, दासों के स्वामी की भूतपूर्व पत्नि की पहचान अब दास्त्व के विरोधी लोगों की सहयोगी के रूप में होने लगी।

   मसीह यीशु की देह, उसके विश्वासियों की मण्डली, में भी परमेश्वर अनेकों बार हमें चकित कर देता है, जब हम देखते हैं कि कैसे वह ऐसे लोगों को भी अपने उद्देश्य पूरे करने के लिए उपयोग करता है जिनके बारे में वैसा सोचा भी नहीं जा सकता था। इस संबंध में प्रेरित पौलुस ने कोरिंथ की मसीही मण्डली को लिखी अपनी पहली पत्री में लिखा, "परन्तु परमेश्वर ने जगत के मूर्खों को चुन लिया है, कि ज्ञान वालों को लज्ज़ित करे; और परमेश्वर ने जगत के निर्बलों को चुन लिया है, कि बलवानों को लज्ज़ित करे। और परमेश्वर ने जगत के नीचों और तुच्‍छों को, वरन जो हैं भी नहीं उन को भी चुन लिया, कि उन्हें जो हैं, व्यर्थ ठहराए" (1 कुरिन्थियों 1:27-28)।

   यह हमें स्मरण दिलाता है कि परमेश्वर अपने अनुग्रह में होकर किसी को भी अपने लिए उपयोग कर सकता है। यदि हम अपने जीवन उसे समर्पित कर के, उसकी आज्ञाकारिता में बने रहें, और उसे अपने उद्देश्य हमारे जीवनों में पूरे करने दें, तो स्वयं हम भी चकित हो जाएंगे कि परमेश्वर हमारे द्वारा क्या कुछ कर सकता है, हमें कैसी विलक्षण रीति से अपने लिए उपयोगी बना सकता है। - बिल क्राउडर


परमेश्वर हमसे हमारी योग्यता नहीं, 
वरन उसके प्रति हमारा समर्पण, हमारी उपयोगिता चाहता है।

क्योंकि मैं तुम्हें ऐसा बोल और बुद्धि दूंगा, कि तुम्हारे सब विरोधी साम्हना या खण्‍डन न कर सकेंगे। - लूका 21:15

बाइबल पाठ: 1 कुरिन्थियों 1:25-31
1 Corinthians 1:25 क्योंकि परमेश्वर की मूर्खता मनुष्यों के ज्ञान से ज्ञानवान है; और परमेश्वर की निर्बलता मनुष्यों के बल से बहुत बलवान है।
1 Corinthians 1:26 हे भाइयो, अपने बुलाए जाने को तो सोचो, कि न शरीर के अनुसार बहुत ज्ञानवान, और न बहुत सामर्थी, और न बहुत कुलीन बुलाए गए। 
1 Corinthians 1:27 परन्तु परमेश्वर ने जगत के मूर्खों को चुन लिया है, कि ज्ञान वालों को लज्ज़ित करे; और परमेश्वर ने जगत के निर्बलों को चुन लिया है, कि बलवानों को लज्ज़ित करे। 
1 Corinthians 1:28 और परमेश्वर ने जगत के नीचों और तुच्‍छों को, वरन जो हैं भी नहीं उन को भी चुन लिया, कि उन्हें जो हैं, व्यर्थ ठहराए। 
1 Corinthians 1:29 ताकि कोई प्राणी परमेश्वर के साम्हने घमण्‍ड न करने पाए। 
1 Corinthians 1:30 परन्तु उसी की ओर से तुम मसीह यीशु में हो, जो परमेश्वर की ओर से हमारे लिये ज्ञान ठहरा अर्थात धर्म, और पवित्रता, और छुटकारा। 
1 Corinthians 1:31 ताकि जैसा लिखा है, वैसा ही हो, कि जो घमण्‍ड करे वह प्रभु में घमण्‍ड करे। 

एक साल में बाइबल: 
  • 2 इतिहास 34-36
  • यूहन्ना 19:1-22