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मंगलवार, 4 अप्रैल 2017

असहनीय


   किसी ने एक पिता से कहा, "परमेश्वर कभी हमें हमारे झेल पाने की क्षमता से अधिक नहीं देता है।" उसने यह शब्द उस पिता के पाँच वर्षीय बेटे के कैंसर से निधन होने पर उसे सांत्वना देने के लिए कहे थे। परन्तु इन शब्दों से प्रोत्साहन पाने के स्थान पर उस पिता की हताशा और बढ़ गई, क्योंकि अब उसे ना केवल अपने पुत्र की मृत्यु का अत्याधिक दुःख था, परन्तु साथ ही वह इस बात की भी चिन्ता करने लग गया कि वह इस परिस्थिति को क्यों झेल नहीं पा रहा है। बेटे से बिछुड़ जाने के कारण उसका दुःख इतना अधिक था कि वह ठीक से साँस भी नहीं ले पा रहा था। उसे बस इतना पता था कि यह दुःख उसके लिए असहनीय है और उसे अत्यंत आवश्यकता थी कि परमेश्वर उसे दृढ़ता से थामे रहे।

   उस पिता से कहे गए कथन, "परमेश्वर कभी हमें हमारे झेल पाने की क्षमता से अधिक नहीं देता है" की पुष्टि करने के लिए बहुधा लोग परमेश्वर के वचन में कही गई "बात तुम किसी ऐसी परीक्षा में नहीं पड़े, जो मनुष्य के सहने से बाहर है: और परमेश्वर सच्चा है: वह तुम्हें सामर्थ से बाहर परीक्षा में न पड़ने देगा, वरन परीक्षा के साथ निकास भी करेगा; कि तुम सह सको" (1 कुरिन्थियों 10:13) का सहारा लेते हैं। परन्तु इस पद का संदर्भ दुःख उठाना नहीं, प्रलभनों एवं परीक्षाओं में पड़ना है। विपरीत परिस्थितियों से निकालने के लिए जो मार्ग परमेश्वर बना कर देता है, हम उस पर चलना चुन सकते हैं; परन्तु दुःखों से निकलने का मार्ग हम नहीं चुन सकते हैं।

   प्रभु यीशु ने भी अपने आने वाले दुःखों से निकलने के मार्ग के बारे में प्रार्थना की, और पिता परमेश्वर से कहा, "...हे मेरे पिता, यदि हो सके, तो यह कटोरा मुझ से टल जाए; तौभी जैसा मैं चाहता हूं वैसा नहीं, परन्तु जैसा तू चाहता है वैसा ही हो" (मत्ती 26:39)। लेकिन फिर भी हमारे उद्धार के लिए वह स्वेच्छा से उस दुःख भरे मार्ग से होकर चला, और सारे संसार के सभी लोगों के लिए, अपने बलिदान तथा पुनरुत्थान द्वारा, उद्धार का मार्ग बना कर दे दिया।

   जब जीवन के दुःख असहनीय लगें, तो विश्वास के साथ अपने आप को परमेश्वर की करुणा पर छोड़ दें, और उस असहनीय परिस्थिति में भी वह आपको थामे रखेगा, अपनी शान्ति एवं सांत्वना देगा। - ऐनी सेटास


यदि परमेश्वर आपके पीछे है और उसकी बाहें आपके नीचे हैं 
तो सामने जो कुछ भी हो आप निःसंकोच उसका सामना कर सकते हैं।

तुम्हारा स्‍वभाव लोभरिहत हो, और जो तुम्हारे पास है, उसी पर संतोष किया करो; क्योंकि उसने आप ही कहा है, कि मैं तुझे कभी न छोडूंगा, और न कभी तुझे त्यागूंगा। इसलिये हम बेधड़क हो कर कहते हैं, कि प्रभु, मेरा सहायक है; मैं न डरूंगा; मनुष्य मेरा क्या कर सकता है। - इब्रानियों 13:5-6

बाइबल पाठ: मत्ती 26:36-46
Matthew 26:36 तब यीशु अपने चेलों के साथ गतसमनी नाम एक स्थान में आया और अपने चेलों से कहने लगा कि यहीं बैठे रहना, जब तक कि मैं वहां जा कर प्रार्थना करूं। 
Matthew 26:37 और वह पतरस और जब्‍दी के दोनों पुत्रों को साथ ले गया, और उदास और व्याकुल होने लगा। 
Matthew 26:38 तब उसने उन से कहा; मेरा जी बहुत उदास है, यहां तक कि मेरे प्राण निकला चाहते: तुम यहीं ठहरो, और मेरे साथ जागते रहो। 
Matthew 26:39 फिर वह थोड़ा और आगे बढ़कर मुंह के बल गिरा, और यह प्रार्थना करने लगा, कि हे मेरे पिता, यदि हो सके, तो यह कटोरा मुझ से टल जाए; तौभी जैसा मैं चाहता हूं वैसा नहीं, परन्तु जैसा तू चाहता है वैसा ही हो। 
Matthew 26:40 फिर चेलों के पास आकर उन्हें सोते पाया, और पतरस से कहा; क्या तुम मेरे साथ एक घड़ी भी न जाग सके? 
Matthew 26:41 जागते रहो, और प्रार्थना करते रहो, कि तुम परीक्षा में न पड़ो: आत्मा तो तैयार है, परन्तु शरीर दुर्बल है। 
Matthew 26:42 फिर उसने दूसरी बार जा कर यह प्रार्थना की; कि हे मेरे पिता, यदि यह मेरे पीए बिना नहीं हट सकता तो तेरी इच्छा पूरी हो। 
Matthew 26:43 तब उसने आकर उन्हें फिर सोते पाया, क्योंकि उन की आंखें नींद से भरी थीं। 
Matthew 26:44 और उन्हें छोड़कर फिर चला गया, और वही बात फिर कहकर, तीसरी बार प्रार्थना की। 
Matthew 26:45 तब उसने चेलों के पास आकर उन से कहा; अब सोते रहो, और विश्राम करो: देखो, घड़ी आ पहुंची है, और मनुष्य का पुत्र पापियों के हाथ पकड़वाया जाता है। 
Matthew 26:46 उठो, चलें; देखो, मेरा पकड़वाने वाला निकट आ पहुंचा है। 

एक साल में बाइबल: 
  • रूत 1-4
  • लूका 8:1-25


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