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शुक्रवार, 31 मार्च 2017

नेतृत्व


   दक्षिणी अफ्रीका के तट के निकट, 4 अगस्त 1991 को, एक भीष्ण समुद्री तूफान के कारण एम. टी. एस. ओशनोस नामक यात्री समुद्री जहाज़ डूबने लगा। जहाज़ को डूबता देख उसके कप्तान ने जहाज़ से भाग जाने का निर्णय लिया और, किसी को कुछ बताए बिना अपने साथी अफसरों के साथ जहाज़ को छोड़कर चला गया। जहाज़ के यात्रियों में से मौस हिल्स नामक एक ब्रिटिश संगीतज्ञ को आभास हुआ कि कुछ गड़बड़ है और उसने दक्षिणी अफ्रीका के कोस्ट गार्ड को बचाने आने के लिए खतरे का संकेत भेजा। फिर परिस्थिति को अपने हाथों में लेते हुए, मौस और उसकी पत्नि ट्रेसी तथा उनके साथी संगीतज्ञों ने सारे यात्रियों को बचाए जाने में सहायता की, उन्हें बचाव के लिए आए हेलिकॉप्टरों में चढ़ाया।

   कभी कभी हम जिनकी ओर नेतृत्व के लिए देखते हैं, वे ही हमारा साथ छोड़ देते हैं। परमेश्वर के वचन बाइबल में जब राजा शाऊल और उसके साथी सैनिक अधिकारियों को भीमकाय फिलिस्ती योद्धा गोलियत के अपमान भरी चुनौती का सामना करना पड़ा, तो उनका प्रत्युत्तर भय और भीरुता था (1 शमूएल 17:11)। परन्तु एक युवा चरवाहे और संगीतज्ञ, दाऊद, ने परमेश्वर पर भरोसा रखा, जिससे इस धमकी के प्रति उसका दृष्टिकोण बदल गया और उसने गोलियत से कहा, "...तू तो तलवार और भाला और सांग लिये हुए मेरे पास आता है; परन्तु मैं सेनाओं के यहोवा के नाम से तेरे पास आता हूं, जो इस्राएली सेना का परमेश्वर है, और उसी को तू ने ललकारा है" (1 शमूएल 17:45)। अपने भरोसे और परमेश्वर की सामर्थ द्वारा दाऊद ने गोलियत को मार डाला, शत्रु फिलिस्तियों को हरा दिया और उस युद्ध का रुख बदल दिया। यह सब इसलिए क्योंकि दाऊद ने साँसारिक नेतृत्व की ओर नहीं वरन एकमात्र जीवते परमेश्वर को अपनी सामर्थ का आधार बनाया।

   जब अन्य साथ छोड़ दें और हम असहाय अनुभव करें, तो संभव है कि परमेश्वर अपनी सामर्थ और प्रतिष्ठा सबके सामने प्रगट करने के लिए, हमें उसके लोगों का नेतृत्व करने के लिए बुला रहा हो। - डेनिस फिशर


प्रभु यीशु मसीह का अनुसरण करने के द्वारा ही 
हम औरों को सही मार्गदर्शन कर सकते हैं।

हम यहोवा का आसरा देखते आए हैं; वह हमारा सहायक और हमारी ढाल ठहरा है। हमारा हृदय उसके कारण आनन्दित होगा, क्योंकि हम ने उसके पवित्र नाम का भरोसा रखा है। - भजन 33:20-21

बाइबल पाठ: 1 शमूएल 17:31-54
1 Samuel 17:31 जब दाऊद की बातों की चर्चा हुई, तब शाऊल को भी सुनाईं गई; और उसने उसे बुलवा भेजा।
1 Samuel 17:32 तब दाऊद ने शाऊल से कहा, किसी मनुष्य का मन उसके कारण कच्चा न हो; तेरा दास जा कर उस पलिश्ती से लड़ेगा। 
1 Samuel 17:33 शाऊल ने दाऊद से कहा, तू जा कर उस पलिश्ती के विरुद्ध नहीं युद्ध कर सकता; क्योंकि तू तो लड़का ही है, और वह लड़कपन ही से योद्धा है। 
1 Samuel 17:34 दाऊद ने शाऊल से कहा, तेरा दास अपने पिता की भेड़ बकरियां चराता था; और जब कोई सिंह वा भालू झुंड में से मेम्ना उठा ले गया, 
1 Samuel 17:35 तब मैं ने उसका पीछा कर के उसे मारा, और मेम्ने को उसके मुंह से छुड़ाया; और जब उसने मुझ पर चढ़ाई की, तब मैं ने उसके केश को पकड़कर उसे मार डाला। 
1 Samuel 17:36 तेरे दास ने सिंह और भालू दोनों को मार डाला; और वह खतनारहित पलिश्ती उनके समान हो जाएगा, क्योंकि उसने जीवित परमेश्वर की सेना को ललकारा है। 
1 Samuel 17:37 फिर दाऊद ने कहा, यहोवा जिसने मुझ सिंह और भालू दोनों के पंजे से बचाया है, वह मुझे उस पलिश्ती के हाथ से भी बचाएगा। शाऊल ने दाऊद से कहा, जा, यहोवा तेरे साथ रहे। 
1 Samuel 17:38 तब शाऊल ने अपने वस्त्र दाऊद को पहिनाए, और पीतल का टोप उसके सिर पर रख दिया, और झिलम उसको पहिनाया। 
1 Samuel 17:39 और दाऊद ने उसकी तलवार वस्त्र के ऊपर कसी, और चलने का यत्न किया; उसने तो उन को न परखा था। इसलिये दाऊद ने शाऊल से कहा, इन्हें पहिने हुए मुझ से चला नहीं जाता, क्योंकि मैं ने नहीं परखा। और दाऊद ने उन्हें उतार दिया। 
1 Samuel 17:40 तब उसने अपनी लाठी हाथ में ले नाले में से पांच चिकने पत्थर छांटकर अपनी चरवाही की थैली, अर्थात अपने झोले में रखे; और अपना गोफन हाथ में ले कर पलिश्ती के निकट चला। 
1 Samuel 17:41 और पलिश्ती चलते चलते दाऊद के निकट पहुंचने लगा, और जो जन उसकी बड़ी ढाल लिये था वह उसके आगे आगे चला। 
1 Samuel 17:42 जब पलिश्ती ने दृष्टि कर के दाऊद को देखा, तब उसे तुच्छ जाना; क्योंकि वह लड़का ही था, और उसके मुख पर लाली झलकती थी, और वह सुन्दर था। 
1 Samuel 17:43 तब पलिश्ती ने दाऊद से कहा, क्या मैं कुत्ता हूं, कि तू लाठी ले कर मेरे पास आता है? तब पलिश्ती अपने देवताओं के नाम ले कर दाऊद को कोसने लगा। 
1 Samuel 17:44 फिर पलिश्ती ने दाऊद से कहा, मेरे पास आ, मैं तेरा मांस आकाश के पक्षियों और वनपशुओं को दे दूंगा। 
1 Samuel 17:45 दाऊद ने पलिश्ती से कहा, तू तो तलवार और भाला और सांग लिये हुए मेरे पास आता है; परन्तु मैं सेनाओं के यहोवा के नाम से तेरे पास आता हूं, जो इस्राएली सेना का परमेश्वर है, और उसी को तू ने ललकारा है। 
1 Samuel 17:46 आज के दिन यहोवा तुझ को मेरे हाथ में कर देगा, और मैं तुझ को मारूंगा, और तेरा सिर तेरे धड़ से अलग करूंगा; और मैं आज के दिन पलिश्ती सेना की लोथें आकाश के पक्षियों और पृथ्वी के जीव जन्तुओं को दे दूंगा; तब समस्त पृथ्वी के लोग जान लेंगे कि इस्राएल में एक परमेश्वर है। 
1 Samuel 17:47 और यह समस्त मण्डली जान लेगी की यहोवा तलवार वा भाले के द्वारा जयवन्त नहीं करता, इसलिये कि संग्राम तो यहोवा का है, और वही तुम्हें हमारे हाथ में कर देगा। 
1 Samuel 17:48 जब पलिश्ती उठ कर दाऊद का साम्हना करने के लिये निकट आया, तब दाऊद सेना की ओर पलिश्ती का साम्हना करने के लिये फुर्ती से दौड़ा। 
1 Samuel 17:49 फिर दाऊद ने अपनी थैली में हाथ डालकर उस में से एक पत्थर निकाला, और उसे गोफन में रखकर पलिश्ती के माथे पर ऐसा मारा कि पत्थर उसके माथे के भीतर घुस गया, और वह भूमि पर मुंह के बल गिर पड़ा। 
1 Samuel 17:50 यों दाऊद ने पलिश्ती पर गोफन और एक ही पत्थर के द्वारा प्रबल हो कर उसे मार डाला; परन्तु दाऊद के हाथ में तलवार न थी। 
1 Samuel 17:51 तब दाऊद दौड़कर पलिश्ती के ऊपर खड़ा हुआ, और उसकी तलवार पकड़कर मियान से खींची, और उसको घात किया, और उसका सिर उसी तलवार से काट डाला। यह देखकर कि हमारा वीर मर गया पलिश्ती भाग गए। 
1 Samuel 17:52 इस पर इस्राएली और यहूद पुरूष ललकार उठे, और गत और एक्रोन से फाटकों तक पलिश्तियों का पीछा करते गए, और घायल पलिश्ती शारैम के मार्ग में और गत और एक्रोन तक गिरते गए। 
1 Samuel 17:53 तब इस्राएली पलिश्तियों का पीछा छोड़कर लौट आए, और उनके डेरों को लूट लिया। 
1 Samuel 17:54 और दाऊद पलिश्ती का सिर यरूशलेम में ले गया; और उसके हथियार अपने डेरे में धर लिए। 
एक साल में बाइबल: 
  • न्यायियों 11-12
  • लूका 6:1-26


गुरुवार, 30 मार्च 2017

भलाई


   कमपैशन इन्टरनैशनल नामक सारे विश्व में गरीबों की सहायता के लिए कार्य करने वाली संस्था के एक कार्यकर्ता ने एक महिला के साथ घटित घटना के बारे में बताया। उस महिला को अवसर मिला कि वह उस दूर देश में जाकर उस बच्चे से मिले जिसकी सहायतार्थ उसने संस्था को पैसे देते रहने का वायदा किया था। उस देश में पहुँचकर वह महिला उस बहुत ही निर्धनता में रहने वाले उस बच्चे से मिली और उसे अपने साथ भोजन करने के लिए एक रेस्टोरेंट में गई। वहाँ उस महिला ने अपने लिए सलाद और बच्चे के लिए बर्गर मँगवाया। जब भोजन मेज़ पर परोसा गया, तो उस बच्चे ने, जिसने निःसन्देह अपने जीवन में कभी ऐसा भोजन नहीं किया होगा, अपने सामने रखे बड़े से बर्गर को देखा और उस महिला के सामने रखे सिर्फ सलाद को देखा। फिर उसने चाकू लेकर अपने बर्गर को आधा आधा काटा और एक भाग उस महिला को देते हुए अपने पेट को सहलाते हुए संकेत से पूछा कि क्या उसे भूख लगी है?

   वह बच्चा, जिसने अपना जीवन बहुत ही कमी-घटी में बिताया था, जो उसके पास था उसे उस व्यक्ति के साथ बाँटने के लिए तैयार था जिसे देखकर उसे लगा कि वह भी ज़रूरतमन्द होगा। अगली बार जब हम किसी ऐसे व्यक्ति से मिलें जिसे कोई शारीरिक, आत्मिक या भावनात्मक आवश्यकता है, तो इस बालक द्वारा किया गया कार्य हमारे अनुसरण के लिए एक अच्छा उदाहरण हो सकता है। मसीह यीशु के अनुयायी होने के नाते, हमारा विश्वास हमारे कार्यों के द्वारा लोगों पर प्रगट होना चाहिए (याकूब 2:17)।

   प्रतिदिन हमारे संपर्क में ऐसे लोग आते हैं जो किसी ना किसी बात के लिए ज़रुरतमन्द होते हैं; वे चाहे किसी अन्य देश में हों या फिर अगली ही गली में रहते हों। किसी को गर्म भोजन की तो किसी को स्नेहपूर्ण व्यवहार या कोमल शब्दों की आवश्यकता हो सकती है। मसीही विश्वासी जिन्होंने प्रभु यीशु मसीह के प्रेम को अनुभव किया है, दूसरों के साथ भलाई करने के व्यवहार के द्वारा संसार में कितना अंतर ला सकते हैं (इब्रानियों 13:16)। - डेव ब्रैनन


भलाई करना मनुष्य का सर्वोत्तम कार्य है। - सोफोक्लेस

पर भलाई करना, और उदारता न भूलो; क्योंकि परमेश्वर ऐसे बलिदानों से प्रसन्न होता है। - इब्रानियों 13:16

बाइबल पाठ: याकूब 2:12-18
James 2:12 तुम उन लोगों की नाईं वचन बोलो, और काम भी करो, जिन का न्याय स्‍वतंत्रता की व्यवस्था के अनुसार होगा। 
James 2:13 क्योंकि जिसने दया नहीं की, उसका न्याय बिना दया के होगा: दया न्याय पर जयवन्‍त होती है।
James 2:14 हे मेरे भाइयों, यदि कोई कहे कि मुझे विश्वास है पर वह कर्म न करता हो, तो उस से क्या लाभ? क्या ऐसा विश्वास कभी उसका उद्धार कर सकता है? 
James 2:15 यदि कोई भाई या बहिन नगें उघाड़े हों, और उन्हें प्रति दिन भोजन की घटी हो। 
James 2:16 और तुम में से कोई उन से कहे, कुशल से जाओ, तुम गरम रहो और तृप्‍त रहो; पर जो वस्तुएं देह के लिये आवश्यक हैं वह उन्हें न दे, तो क्या लाभ? 
James 2:17 वैसे ही विश्वास भी, यदि कर्म सहित न हो तो अपने स्‍वभाव में मरा हुआ है। 
James 2:18 वरन कोई कह सकता है कि तुझे विश्वास है, और मैं कर्म करता हूं: तू अपना विश्वास मुझे कर्म बिना तो दिखा; और मैं अपना विश्वास अपने कर्मों के द्वारा तुझे दिखाऊंगा। 

एक साल में बाइबल: 
  • न्यायियों 9-10
  • लूका 5:17-39


बुधवार, 29 मार्च 2017

कीचड़


   मेरे मित्र एड ने अपने छोटे बेटे के बारे में एक घटना बताई; उसका बेटा कीचड़ में जाकर खड़ा हो गया। जब एड ने उससे कहा कि वह कीचड़ से बाहर आए तो उस लड़के ने कीचड़ में भागना आरंभ कर दिया; इसपर एड ने कहा कि "कीचड़ में भागना भी नहीं है", तो वह कीचड़ में चलने लगा; एड ने फिर कहा "चलना भी नहीं है" तो वह थोड़ा सा बाहर आया और केवल अपने पैर के अंगूठे और ऊँगलियाँ कीचड़ में लगकार खड़ा हो गया और पिता की ओर ढिठाई से घूर कर देखने लगा। वह बच्चा जानता था कि उसका पिता क्या चाहता है, परन्तु वह पिता की इच्छा को करना नहीं चाहता था।

   कभी कभी मैं उस ढीठ बच्चे के समान हो जाता हूँ; मैं जानता हूँ कि जो मैं कर रहा हूँ उससे परमेश्वर प्रसन्न नहीं होगा, परन्तु फिर भी मैं वही करता रहता हूँ। परमेश्वर ने अपने वचन बाइबल में अपने लोगों, इस्त्राएलियों से कहा कि वे अपने परमेश्वर यहोवा की सभी आज्ञाएँ मानें (व्यवस्थाविवरण 28:1), परन्तु उन्होंने बारंबार इस की अवहेलना करी। भजनकार ने उनके इस संघर्ष का अपने भजन में अंगीकार करते हुए कहा, "भला होता कि तेरी विधियों के मानने के लिये मेरी चालचलन दृढ़ हो जाए" (भजन 119:5)।

   ईर्ष्या, घृणा, बलवा - ये सब बहुधा होता रहता है। परन्तु परमेश्वर ने हमारे पाप क्षमा तथा छुटकारे के लिए हमारे कर्मों को नहीं वरन प्रभु यीशु के क्रूस पर दिए बलिदान को माध्यम बनाया है। जब भी हम परीक्षाओं में आते हैं, परमेश्वर का पवित्र आत्मा उनसे बचने में हमारी सहायता करता है (1 कुरिन्थियों 10:13); और जब हम अपने पापों को मान लेते हैं, उनके लिए परमेश्वर से क्षमा माँग लेते हैं, तो परमेश्वर उन्हें क्षमा भी कर देता है (1 यूहन्ना 1:9)।

   यदि आप मेरे समान बार बार जीवन की कीचड़ में जाते रहते हैं, तो निराश होकर हार नहीं मान लें। परमेश्वर ना केवल आपको उन प्रलोभनों से बचने में सहायता करेगा, वरन आपके लिए उसका प्रेम भी कभी कम नहीं होगा; उसने अपने पुत्र प्रभु यीशु के बलिदान द्वारा जो आपको अपनाया है। - डेव एग्नर


प्रलोभनों तथा परीक्षाओं पर जयवन्त होने के लिए, प्रभु यीशु के आधीन हो जाईए।

तुम किसी ऐसी परीक्षा में नहीं पड़े, जो मनुष्य के सहने से बाहर है: और परमेश्वर सच्चा है: वह तुम्हें सामर्थ से बाहर परीक्षा में न पड़ने देगा, वरन परीक्षा के साथ निकास भी करेगा; कि तुम सह सको। - 1 कुरिन्थियों 10:13

बाइबल पाठ: भजन 119:1-8
Psalms 119:1 क्या ही धन्य हैं वे जो चाल के खरे हैं, और यहोवा की व्यवस्था पर चलते हैं! 
Psalms 119:2 क्या ही धन्य हैं वे जो उसकी चितौनियों को मानते हैं, और पूर्ण मन से उसके पास आते हैं! 
Psalms 119:3 फिर वे कुटिलता का काम नहीं करते, वे उसके मार्गों में चलते हैं। 
Psalms 119:4 तू ने अपने उपदेश इसलिये दिए हैं, कि वे यत्न से माने जाएं। 
Psalms 119:5 भला होता कि तेरी विधियों के मानने के लिये मेरी चालचलन दृढ़ हो जाए! 
Psalms 119:6 तब मैं तेरी सब आज्ञाओं की ओर चित्त लगाए रहूंगा, और मेरी आशा न टूटेगी। 
Psalms 119:7 जब मैं तेरे धर्ममय नियमों को सीखूंगा, तब तेरा धन्यवाद सीधे मन से करूंगा। 
Psalms 119:8 मैं तेरी विधियों को मानूंगा: मुझे पूरी रीति से न तज! 

एक साल में बाइबल: 
  • न्यायियों 7-8
  • लूका 5:1-16


मंगलवार, 28 मार्च 2017

मार्ग


   हाल के कुछ वर्षों से मेरी बेटी उत्तरी मिशिगन प्रांत, जहाँ वह निवास करती है, के मूल निवासियों के इतिहास की ओर बहुत आकर्षित हुई है। एक ग्रीष्म काल में, जब मैं उसके पास मिलने गई हुई थी, उसने मुझे एक मार्ग दिखाया जिसका नाम वहाँ लगी पट्टिया पर लिखा था "मार्ग संकेत वृक्ष"। उसने मुझे समझाया कि बहुत पहले, वे मूल निवासी छोटे पेड़ों को किसी विशेष दिशा में मोड़ देते थे जिससे कुछ विशेष स्थानों की दिशा दिखाई जा सके, और वे पेड़ उस टेढ़ेपन के साथ ही दिशा दिखाते हुए बढ़ते जाते थे।

   परमेश्वर के वचन बाइबल का पुराना नियम खण्ड भी कुछ ऐसे ही उद्देश्य की पूर्ति करता है। वहाँ दी गई अनेकों आज्ञाएं तथा शिक्षाएं हमें वह दिशा एवं मार्ग दिखाते हैं जिस पर प्रभु परमेश्वर चाहता है कि हम चलें और जिनके अनुसार हम जीवन व्यतीत करें। बाइबल में दी गई दस आज्ञाएं इसका एक महान उदाहरण हैं। इसके अतिरिक्त, पुराने नियम के भविष्यद्वक्ताओं ने आने वाले जगत के उद्धारकर्ता मसीहा की ओर प्रभु यीशु के जन्म से हज़ारों वर्ष पूर्व इशारा किया। उन्होंने बताया कि प्रभु यीशु का जन्म बेतलहेम में होगा (देखें मीका 5:2 और मत्ती 2:1-6)। उन भविष्यद्वाक्ताओं ने प्रभु यीशु के क्रूस पर मारे जाने का आश्चर्यजनक रीति से सटीक विवरण दिया "क्योंकि कुत्तों ने मुझे घेर लिया है; कुकर्मियों की मण्डली मेरी चारों ओर मुझे घेरे हुए है; वह मेरे हाथ और मेरे पैर छेदते हैं। मैं अपनी सब हडि्डयां गिन सकता हूं; वे मुझे देखते और निहारते हैं; वे मेरे वस्त्र आपस में बांटते हैं, और मेरे पहिरावे पर चिट्ठी डालते हैं" (भजन 22:16-18); (देखें भजन 22:14-18 और यूहन्ना 19:23-24) जबकि उन के द्वारा यह लिखे जाने के समय में क्रूस द्वारा मृत्युदण्ड था ही नहीं। यशायाह 53 में प्रभु यीशु द्वारा दिए गए अपने बलिदान को बताया गया है (देखें यशायाह 53:1-2, 6 और लूका 23:33)।

   हज़ारों वर्ष पहले, परमेश्वर के भविष्यद्वक्ताओं ने संसार के लोगों को परमेश्वर के पुत्र की ओर इशारा किया; जगत के पाप क्षमा और उद्धार के मार्ग की ओर। वही सारे जगत के सभी लोगों के लिए परमेश्वर के अनुग्रह में सेंत-मेंत प्रदान किया गया उद्धार और जीवन का मार्ग है। - सिंडी हैस कैस्पर


प्रभु यीशु ने हमें अनन्त जीवन देने के लिए अपने प्राण बलिदान किए।

यीशु ने उस से कहा, मार्ग और सच्चाई और जीवन मैं ही हूं; बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास नहीं पहुंच सकता। - यूहन्ना 14:6

बाइबल पाठ: यशायाह 53
Isaiah 53:1 जो समाचार हमें दिया गया, उसका किस ने विश्वास किया? और यहोवा का भुजबल किस पर प्रगट हुआ? 
Isaiah 53:2 क्योंकि वह उसके साम्हने अंकुर की नाईं, और ऐसी जड़ के समान उगा जो निर्जल भूमि में फूट निकले; उसकी न तो कुछ सुन्दरता थी कि हम उसको देखते, और न उसका रूप ही हमें ऐसा दिखाई पड़ा कि हम उसको चाहते। 
Isaiah 53:3 वह तुच्छ जाना जाता और मनुष्यों का त्यागा हुआ था; वह दु:खी पुरूष था, रोग से उसकी जान पहिचान थी; और लोग उस से मुख फेर लेते थे। वह तुच्छ जाना गया, और, हम ने उसका मूल्य न जाना।
Isaiah 53:4 निश्चय उसने हमारे रोगों को सह लिया और हमारे ही दु:खों को उठा लिया; तौभी हम ने उसे परमेश्वर का मारा-कूटा और दुर्दशा में पड़ा हुआ समझा। 
Isaiah 53:5 परन्तु वह हमारे ही अपराधों के कारण घायल किया गया, वह हमारे अधर्म के कामों के हेतु कुचला गया; हमारी ही शान्ति के लिये उस पर ताड़ना पड़ी कि उसके कोड़े खाने से हम चंगे हो जाएं। 
Isaiah 53:6 हम तो सब के सब भेड़ों की नाईं भटक गए थे; हम में से हर एक ने अपना अपना मार्ग लिया; और यहोवा ने हम सभों के अधर्म का बोझ उसी पर लाद दिया।
Isaiah 53:7 वह सताया गया, तौभी वह सहता रहा और अपना मुंह न खोला; जिस प्रकार भेड़ वध होने के समय वा भेड़ी ऊन कतरने के समय चुपचाप शान्त रहती है, वैसे ही उसने भी अपना मुंह न खोला। 
Isaiah 53:8 अत्याचार कर के और दोष लगाकर वे उसे ले गए; उस समय के लोगों में से किस ने इस पर ध्यान दिया कि वह जीवतों के बीच में से उठा लिया गया? मेरे ही लोगों के अपराधों के कारण उस पर मार पड़ी। 
Isaiah 53:9 और उसकी कब्र भी दुष्टों के संग ठहराई गई, और मृत्यु के समय वह धनवान का संगी हुआ, यद्यपि उसने किसी प्रकार का अपद्रव न किया था और उसके मुंह से कभी छल की बात नहीं निकली थी।
Isaiah 53:10 तौभी यहोवा को यही भाया कि उसे कुचले; उसी ने उसको रोगी कर दिया; जब तू उसका प्राण दोषबलि करे, तब वह अपना वंश देखने पाएगा, वह बहुत दिन जीवित रहेगा; उसके हाथ से यहोवा की इच्छा पूरी हो जाएगी। 
Isaiah 53:11 वह अपने प्राणों का दु:ख उठा कर उसे देखेगा और तृप्त होगा; अपने ज्ञान के द्वारा मेरा धर्मी दास बहुतेरों को धर्मी ठहराएगा; और उनके अधर्म के कामों का बोझ आप उठा लेगा। 
Isaiah 53:12 इस कारण मैं उसे महान लोगों के संग भाग दूंगा, और, वह सामर्थियों के संग लूट बांट लेगा; क्योंकि उसने अपना प्राण मृत्यु के लिये उण्डेल दिया, वह अपराधियों के संग गिना गया; तौभी उसने बहुतों के पाप का बोझ उठ लिया, और, अपराधियों के लिये बिनती करता है। 

एक साल में बाइबल: 
  • न्यायियों 4-6
  • लूका 4:31-44


सोमवार, 27 मार्च 2017

असली और नकली


   फिल्में बनाने के आरंभिक दिनों में फिल्मों में चल रहे घटनाक्रम को बताने की सहायता के लिए कुछ कृत्रिम ध्वनियाँ बनाई जाती थीं और उन्हें वास्तविक घटनाक्रम के साथ जोड़कर दिखाया जाता था। जैसे कि, चमड़े की थैली में मक्कई के आटे को भरकर दबाने से बर्फ पर चलते समय बर्फ के पैरों तले चटकने के समान ध्वनि उत्पन्न होती थी; इसी प्रकार दस्तानों को हवा में हिलाने से पक्षियों के पंख फड़फड़ाने की ध्वनि, हवा में तेज़ी से एक छड़ी को हिलाने से किसी वस्तु के तेज़ी से पास से निकलने के समान की ध्वनि होती थी। फिल्मों को अधिक से अधिक वास्तविक दिखाने के लिए ये ध्वनि कलाकार अनेकों कृत्रिम ध्वनियाँ उत्पन्न करने के रचनात्मक तरीके अपनाते थे।

   ध्वनि के समान सन्देशों की भी नकल बनाई जा सकती है; और शैतान इस विधि का उपयोग बहुतायत से करता है। वह परमेश्वर के वचन और सन्देश में मिलावट कर के उन नकली सन्देशों को वास्तविक जता कर हमारे सामने प्रस्तुत करता है जिससे हम असली के स्थान पर नकली सन्देश को सुनें, मानें और अपनाएं। परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस ने इस विषय में चेतावनी दी है, "क्योंकि ऐसे लोग झूठे प्रेरित, और छल से काम करने वाले, और मसीह के प्रेरितों का रूप धरने वाले हैं। और यह कुछ अचम्भे की बात नहीं क्योंकि शैतान आप भी ज्योतिमर्य स्वर्गदूत का रूप धारण करता है" (2 कुरिन्थियों 11:13-14)। पौलुस यहाँ उन झूठे शिक्षकों के विषय सचेत कर रहा था जो हमारा ध्यान सारे जगत के उद्धारकर्ता प्रभु यीशु और उसके अनुग्रह के सन्देश से हटा कर कर्मों द्वारा धार्मिकता आदि गलत शिक्षाओं की ओर ले जाते हैं।

   इन गलत शिक्षाओं से बचाव के लिए प्रभु परमेश्वर ने हम मसीही विश्वासियों को अपना पवित्र आत्म दिया है; जिसके विषय में प्रभु यीशु ने कहा है, "परन्तु जब वह अर्थात सत्य का आत्मा आएगा, तो तुम्हें सब सत्य का मार्ग बताएगा..." (यूहन्ना 16:13)। पवित्र आत्मा की आधीनता में परमेश्वर के वचन बाइबल की बातों का अध्ययन एवं मनन करने, उसके मार्गदर्शन के अनुसार चलने के द्वारा हम नकली सन्देशों से भरे इस संसार में, असली की पहचान पा सकते हैं, असली का अनुसरण कर सकते हैं। - बिल क्राउडर


परमेश्वर का पवित्र आत्मा हमारा सदैव उपलब्ध सहायक एवं शिक्षक है।

हे प्रियों, हर एक आत्मा की प्रतीति न करो: वरन आत्माओं को परखो, कि वे परमेश्वर की ओर से हैं कि नहीं; क्योंकि बहुत से झूठे भविष्यद्वक्ता जगत में निकल खड़े हुए हैं। परमेश्वर का आत्मा तुम इसी रीति से पहचान सकते हो, कि जो कोई आत्मा मान लेती है, कि यीशु मसीह शरीर में हो कर आया है वह परमेश्वर की ओर से है। - 1 यूहन्ना 4:1-2

बाइबल पाठ: यूहन्ना 16:7-15
John 16:7 तौभी मैं तुम से सच कहता हूं, कि मेरा जाना तुम्हारे लिये अच्छा है, क्योंकि यदि मैं न जाऊं, तो वह सहायक तुम्हारे पास न आएगा, परन्तु यदि मैं जाऊंगा, तो उसे तुम्हारे पास भेज दूंगा। 
John 16:8 और वह आकर संसार को पाप और धामिर्कता और न्याय के विषय में निरूत्तर करेगा। 
John 16:9 पाप के विषय में इसलिये कि वे मुझ पर विश्वास नहीं करते। 
John 16:10 और धामिर्कता के विषय में इसलिये कि मैं पिता के पास जाता हूं, 
John 16:11 और तुम मुझे फिर न देखोगे: न्याय के विषय में इसलिये कि संसार का सरदार दोषी ठहराया गया है। 
John 16:12 मुझे तुम से और भी बहुत सी बातें कहनी हैं, परन्तु अभी तुम उन्हें सह नहीं सकते। 
John 16:13 परन्तु जब वह अर्थात सत्य का आत्मा आएगा, तो तुम्हें सब सत्य का मार्ग बताएगा, क्योंकि वह अपनी ओर से न कहेगा, परन्तु जो कुछ सुनेगा, वही कहेगा, और आने वाली बातें तुम्हें बताएगा। 
John 16:14 वह मेरी महिमा करेगा, क्योंकि वह मेरी बातों में से ले कर तुम्हें बताएगा। 
John 16:15 जो कुछ पिता का है, वह सब मेरा है; इसलिये मैं ने कहा, कि वह मेरी बातों में से ले कर तुम्हें बताएगा। 

एक साल में बाइबल: 
  • न्यायियों 1-3
  • लूका 4:1-30


रविवार, 26 मार्च 2017

दृढ़ संकल्प


   अपने जीवन के अन्त समय में आकर, मेरे 90 वर्षीय पिता, जो पैतृक देवताओं को बड़ी श्रद्धा से मानते आए थे, के मुख से बड़े परिश्रम से कही गई यह बात सुनना बहुत असाधारण तथा विशिष्ट था कि "मेरी मृत्यु के बाद कोई भी और कुछ ना करे सिवाए उसके जो चर्च करता है। कोई झाड़ा-फूँकी नहीं, कोई पैत्रिक रीति के बलिदान नहीं, कोई अन्य अनुष्ठान नहीं। जैसे मेरा जीवन प्रभु यीशु मसीह के हाथों में है, वैसे ही मेरी मृत्यु भी रहेगी!"

   मेरे पिता ने प्रभु यीशु के मार्ग पर उसके पीछे चलने का निर्णय अपने बुढ़ापे में लिया था, जब उन्होंने प्रभु यीशु को अपने जीवन में आमंत्रित किया और स्वेच्छा से अपना जीवन उसे समर्पित कर दिया। उनके साथ के लोगों ने उनका उपहास किया, "तुम्हारी आयु के व्यक्ति को अब चर्च नहीं जाना चाहिए।" परन्तु उस एकमात्र सच्चे और जीवते परमेश्वर का अनुसरण तथा उपासना करने का मेरे पिता का निर्णय बिलकुल दृढ़ था, जैसे कि उन इस्त्राएलियों का जिन्हें यहोशू ने संबोधित किया।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में, इसत्राएलियों को कनान देश में बसाने के पश्चात, यहोशू ने उन्हें चुनौति दी, "और यदि यहोवा की सेवा करनी तुम्हें बुरी लगे, तो आज चुन लो कि तुम किस की सेवा करोगे, चाहे उन देवताओं की जिनकी सेवा तुम्हारे पुरखा महानद के उस पार करते थे, और चाहे एमोरियों के देवताओं की सेवा करो जिनके देश में तुम रहते हो; परन्तु मैं तो अपने घराने समेत यहोवा की सेवा नित करूंगा" (यहोशू 24:15)। उन इस्त्राएलियों का निर्णय दृढ़ था - वे प्रभु परमेश्वर ही के पीछे चलना चाहते थे। यहोशू ने उन्हें इस बात की कीमत स्मरण कराई (पद 19-20), परन्तु वे इस्त्राएली बीते दिनों में परमेश्वर के छुटकारे, प्रावाधानों और सुरक्षा के अनुभवों को स्मरण करते हुए (पद 16-17, 21), प्रभु परमेश्वर का अनुसरण करने के अपने संकल्प पर दृढ़ बने रहे।

   परन्तु ऐसा दृढ़ निर्णय, उस ही के अनुरूप कार्य भी माँगता है, जैसा कि यहोशू ने उन्हें निर्देष दिया "अपने बीच पराए देवताओं को दूर कर के अपना अपना मन इस्राएल के परमेश्वर की ओर लगाओ" (यहोशू 24:23)। क्या आपने संपूर्ण जगत के उद्धारकर्ता प्रभु परमेश्वर यीशु मसीह का अनुसरण करने का निर्णय कर लिया है? क्या आप उसका अनुसरण करने के लिए दृढ़ संकल्प हैं? - लॉरेंस दरमानी


दृढ़ संकल्प उसके अनुसार स्पष्ट कार्यों की माँग करता है।

क्योंकि हम मसीह के भागी हुए हैं, यदि हम अपने प्रथम भरोसे पर अन्‍त तक दृढ़ता से स्थिर रहें। जैसा कहा जाता है, कि यदि आज तुम उसका शब्द सुनो, तो अपने मनों को कठोर न करो, जैसा कि क्रोध दिलाने के समय किया था। - इब्रानियों 3:14-15

बाइबल पाठ: यहोशू 24:14-24
Joshua 24:14 इसलिये अब यहोवा का भय मानकर उसकी सेवा खराई और सच्चाई से करो; और जिन देवताओं की सेवा तुम्हारे पुरखा महानद के उस पार और मिस्र में करते थे, उन्हें दूर कर के यहोवा की सेवा करो। 
Joshua 24:15 और यदि यहोवा की सेवा करनी तुम्हें बुरी लगे, तो आज चुन लो कि तुम किस की सेवा करोगे, चाहे उन देवताओं की जिनकी सेवा तुम्हारे पुरखा महानद के उस पार करते थे, और चाहे एमोरियों के देवताओं की सेवा करो जिनके देश में तुम रहते हो; परन्तु मैं तो अपने घराने समेत यहोवा की सेवा नित करूंगा। 
Joshua 24:16 तब लोगों ने उत्तर दिया, यहोवा को त्यागकर दूसरे देवताओं की सेवा करनी हम से दूर रहे; 
Joshua 24:17 क्योंकि हमारा परमेश्वर यहोवा वही है जो हम को और हमारे पुरखाओं को दासत्व के घर, अर्थात मिस्र देश से निकाल ले आया, और हमारे देखते बड़े बड़े आश्चर्य कर्म किए, और जिस मार्ग पर और जितनी जातियों के मध्य में से हम चले आते थे उन में हमारी रक्षा की; 
Joshua 24:18 और हमारे साम्हने से इस देश में रहनेवाली एमोरी आदि सब जातियों को निकाल दिया है; इसलिये हम भी यहोवा की सेवा करेंगे, क्योंकि हमारा परमेश्वर वही है। 
Joshua 24:19 यहोशू ने लोगों से कहा, तुम से यहोवा की सेवा नहीं हो सकती; क्योंकि वह पवित्र परमेश्वर है; वह जलन रखनेवाला ईश्वर है; वह तुम्हारे अपराध और पाप क्षमा न करेगा।
Joshua 24:20 यदि तुम यहोवा को त्यागकर पराए देवताओं की सेवा करने लगोगे, तो यद्दपि वह तुम्हारा भला करता आया है तौभी वह फिरकर तुम्हारी हानि करेगा और तुम्हारा अन्त भी कर डालेगा। 
Joshua 24:21 लोगों ने यहोशू से कहा, नहीं; हम यहोवा ही की सेवा करेंगे। 
Joshua 24:22 यहोशू ने लोगों से कहा, तुम आप ही अपने साक्षी हो कि तुम ने यहोवा की सेवा करनी अंगीकार कर ली है। उन्होंने कहा, हां, हम साक्षी हैं। 
Joshua 24:23 यहोशू ने कहा, अपने बीच पराए देवताओं को दूर कर के अपना अपना मन इस्राएल के परमेश्वर की ओर लगाओ। 
Joshua 24:24 लोगों ने यहोशू से कहा, हम तो अपने परमेश्वर यहोवा ही की सेवा करेंगे, और उसी की बात मानेंगे। 

एक साल में बाइबल: 
  • यहोशू 22-24
  • लूका 3



शनिवार, 25 मार्च 2017

दृष्टिकोण


   मैं समय निकाल कर दो वृद्ध महिलाओं से मिलने जाया करती हूँ। उन में से एक को कोई आर्थिक घटी या चिंता नहीं है, अपनी उम्र के अनुसार वह स्वस्थ है, और अपने ही घर में रहती है। परन्तु उसके पास कहने के लिए सदा ही कुछ ना कुछ नकारात्मक होता है। दूसरी महिला गठिया से अपंग और भूल जाने वाली है। वह साधारण से स्थान पर रहती है, और अपने आप को स्मरण दिलाते रहने के लिए अपने कार्य एक पुस्तिका में लिखती रहती है, जिसे वह अपने पास रखती है। उससे मिलने जो भी आता है, उससे उस महिला के पहले शब्द होते हैं "परमेश्वर मेरे साथ बहुत भला है।" पिछली बार जब मैं उस महिला से मिलने गया था, तो उसकी स्मरण पुस्तिका उसे लौटाते समय मेरा ध्यान पिछले दिन के विषय में लिखी उसकी टिप्पणी पर गया, जहाँ उसने लिखा था, "कल दोपहर के भोजन पर बाहर आमंत्रण है! अद्भुत! जीवन का एक और अच्छा दिन।"

   परमेश्वर के वचन बाइबल में, प्रभु यीशु के जन्म के समय में, हन्नाह नामक परमेश्वर की एक भक्त थी, जो कठिन परिस्थितियों में रहती थी (लूका 2:36-37)। वह बहुत पहले विधवा हो गई थी और संभवतः निःसन्तान थी। वह अपने आप को निर्बल और निरुद्देश्य समझ सकती थी, परन्तु उसका दृष्टिकोण भिन्न था। उसका ध्यान परमेश्वर और उसकी सेवकाई की ओर, तथा लालसा आने वाले जगत के उद्धारकर्ता के प्रति थी। इन बातों में तल्लीन, वह परमेश्वर के कार्यों - प्रार्थना करना, उपवास रखना और जो कुछ उसने परमेश्वर से सीखा था उसे दूसरों को सिखाने में व्यस्त रहती थी।

   इतने वर्षों से उस आने वाले उद्धारकर्ता की प्रतीक्षा में लगे, अब उसकी आयु अस्सी वर्ष से अधिक की हो गई थी, परन्तु उसने अपना दृष्टिकोण नहीं बदला था, वह निरन्तर यही सब करती रहती थी। अब परमेश्वर का समय आ गया, और जब यहूदियों की रीति के अनुसार शिशु प्रभु यीशु को मन्दिर में लाया गया, तो हन्नाह को भी उसे देखने का अवसर मिल गया, वर्षों की उसकी धैर्यपूर्ण साधना पूरी हो गई। जगत के उद्धारकर्ता को देखकर उसका मन आनन्द और स्तुति से भर उठा, उसने तुरंत ही परमेश्वर की आराधना की, और फिर इस सुसमाचार को दूसरों तक पहुँचाने में लग गई; कैसा विलक्षण तथा शिक्षाप्रद धैर्य एवं दृष्टिकोण!

   आज परिस्थितियों के कारण आपका दृष्टिकोण कैसा है - हर बात में परमेश्वर के प्रति धन्यवादी और आनन्दित रहने वाला, या कुड़कुड़ाते रहने वाला। - मैरियन स्ट्राउड


परमेश्वर की योजना तथा हमारे उत्तरदायित्वों, 
दोनों पर नज़र बनाए रखना कठिन होता है,
 परन्तु इन दोनों का जहाँ मिलन होता है, 
वही सर्वोत्तम स्थान है।

मैं यहोवा की बाट जोहता हूं, मैं जी से उसकी बाट जोहता हूं, और मेरी आशा उसके वचन पर है; - भजन 130:5

बाइबल पाठ: लूका 2:36-40
Luke 2:36 और अशेर के गोत्र में से हन्नाह नाम फनूएल की बेटी एक भविष्यद्वक्तिन थी: वह बहुत बूढ़ी थी, और ब्याह होने के बाद सात वर्ष अपने पति के साथ रह पाई थी। 
Luke 2:37 वह चौरासी वर्ष से विधवा थी: और मन्दिर को नहीं छोड़ती थी पर उपवास और प्रार्थना कर कर के रात-दिन उपासना किया करती थी। 
Luke 2:38 और वह उस घड़ी वहां आकर प्रभु का धन्यवाद करने लगी, और उन सभों से, जो यरूशलेम के छुटकारे की बाट जोहते थे, उसके विषय में बातें करने लगी। 
Luke 2:39 और जब वे प्रभु की व्यवस्था के अनुसार सब कुछ निपटा चुके तो गलील में अपने नगर नासरत को फिर चले गए।
Luke 2:40 और बालक बढ़ता, और बलवन्‍त होता, और बुद्धि से परिपूर्ण होता गया; और परमेश्वर का अनुग्रह उस पर था। 

एक साल में बाइबल: 
  • यहोशू 19-21
  • लूका 2:25-52


शुक्रवार, 24 मार्च 2017

भरोसा


   जब हमारे बच्चे छोटे थे तो उन्हें डॉक्टर के पास बिमारी से बचने के टीके लगवाने ले जाना एक रोचक अनुभव होता था। डॉक्टर का प्रतीक्षालय खिलौनों और बच्चों की पुस्तकों तथा पत्रिकाओं से भरा हुआ था, जिनसे वे खेलते थे या जिन्हें मैं उन्हें पढ़कर सुनाता था। यहाँ तक तो कोई समस्या नहीं होती थी। लेकिन जैसे ही मैं उन्हें उठाकर अन्दर डॉक्टर से मिलने ले कर जाता था, सब कुछ बदल जाता था। जैसे ही वे नर्स को टीका लेकर अपनी ओर आता देखते थे, उनका आनन्द भय में परिवर्तित हो जाता था; और नर्स जितनी निकट आती जाती थी वे उतनी ही ज़ोर से सांत्वना तथा शान्ति पाने के लिए मुझ से चिपटते जाते थे, क्योंकि उन्हें मुझ पर भरोसा था।

   पाप और अशान्ति में पड़े हुए इस संसार में कभी कभी हम शान्ति और आराम की स्थिति से निकल कर पीड़ादायक क्षेत्रों में आ जाते हैं। ऐसे समय में प्रश्न होता है कि उस परिस्थिति के प्रति हमारी प्रतिक्रिया क्या होगी? हम भयभीत होकर परमेश्वर से प्रश्न कर सकते हैं कि उसने हमारे साथ ऐसा क्यों होने दिया? या हम उस पर भरोसा रखते हुए यह मानकर चल सकते हैं कि उन परेशानियों में भी वह हमारे लिए कुछ ऐसा कर रहा है जो हमारी भलाई के लिए है, चाहे अभी वह बात कष्टदायक ही क्यों ना हो। जब ऐसी परिस्थितियाँ आएं तो हमें परमेश्वर के वचन बाइबल में भजनकार द्वारा लिखे गए शब्द स्मरण रखने चाहिएं, "जिस समय मुझे डर लगेगा, मैं तुझ पर भरोसा रखूंगा" (भजन 56:3)।

   जैसे मेरे बच्चे मुझ से ज़ोर से लिपट जाते थे, हमें प्रभु परमेश्वर से ज़ोर से लिपटे रहना चाहिए, और जितनी कठिन परिस्थिति हो, उतने ही अधिक ज़ोर से हम प्रभु से लिपटे रहें; उस पर भरोसा रखें क्योंकि उसका प्रेम कभी चूकता नहीं है। - जो स्टोवैल


अपने परमेश्वर पिता से लिपटे रहें, वही आपकी एकमात्र भरोसेमन्द आशा है।

मनुष्य का भय खाना फन्दा हो जाता है, परन्तु जो यहोवा पर भरोसा रखता है वह ऊंचे स्थान पर चढ़ाया जाता है। - नीतिवचन 29:25

बाइबल पाठ: भजन 56
Psalms 56:1 हे परमेश्वर, मुझ पर अनुग्रह कर, क्योंकि मनुष्य मुझे निगलना चाहते हैं। वे दिन भर लड़कर मुझे सताते हैं। 
Psalms 56:2 मेरे द्रोही दिन भर मुझे निगलना चाहते हैं, क्योंकि जो लोग अभिमान कर के मुझ से लड़ते हैं वे बहुत हैं। 
Psalms 56:3 जिस समय मुझे डर लगेगा, मैं तुझ पर भरोसा रखूंगा। 
Psalms 56:4 परमेश्वर की सहायता से मैं उसके वचन की प्रशंसा करूंगा, परमेश्वर पर मैं ने भरोसा रखा है, मैं नहीं डरूंगा। कोई प्राणी मेरा क्या कर सकता है? 
Psalms 56:5 वे दिन भर मेरे वचनों को, उलटा अर्थ लगा लगाकर मरोड़ते रहते हैं उनकी सारी कल्पनाएं मेरी ही बुराई करने की होती है। 
Psalms 56:6 वे सब मिलकर इकट्ठे होते हैं और छिपकर बैठते हैं; वे मेरे कदमों को देखते भालते हैं मानों वे मेरे प्राणों की घात में ताक लगाए बैठें हों। 
Psalms 56:7 क्या वे बुराई कर के भी बच जाएंगे? हे परमेश्वर, अपने क्रोध से देश देश के लोगों को गिरा दे! 
Psalms 56:8 तू मेरे मारे मारे फिरने का हिसाब रखता है; तू मेरे आंसुओं को अपनी कुप्पी में रख ले! क्या उनकी चर्चा तेरी पुस्तक में नहीं है? 
Psalms 56:9 जब जिस समय मैं पुकारूंगा, उसी समय मेरे शत्रु उलटे फिरेंगे। यह मैं जानता हूं, कि परमेश्वर मेरी ओर है। 
Psalms 56:10 परमेश्वर की सहायता से मैं उसके वचन की प्रशंसा करूंगा, यहोवा की सहायता से मैं उसके वचन की प्रशंसा करूंगा। 
Psalms 56:11 मैं ने परमेश्वर पर भरोसा रखा है, मैं न डरूंगा। मनुष्य मेरा क्या कर सकता है? 
Psalms 56:12 हे परमेश्वर, तेरी मन्नतों का भार मुझ पर बना है; मैं तुझ को धन्यवाद बलि चढ़ाऊंगा। 
Psalms 56:13 क्योंकि तू ने मुझ को मृत्यु से बचाया है; तू ने मेरे पैरों को भी फिसलने से बचाया है, ताकि मैं ईश्वर के साम्हने जीवतों के उजियाले में चलूं फिरूं?

एक साल में बाइबल: 
  • यहोशू 16-18
  • लूका 2:1-24


गुरुवार, 23 मार्च 2017

ज्योति


   नॉरवे में एक छोटा सा गाँव है रजुकान, जो रहने के लिए बहुत आरामदायक स्थान है - शरद ऋतु के अन्धेरे दिनों को छोड़ कर। ऐसा इसलिए क्योंकि यह गाँव ऊँचे गॉस्टाटोपन पर्वत की तली में स्थित वादी में बसा हुआ है और लगभग आधे वर्ष यहाँ सूर्य की सीधी रौशनी नहीं आने पाती। यहाँ के निवासी लंबे समय से पहाड़ के ऊपर दर्पण लगाकर सूर्य की रौशनी को गाँव में प्रतिबिंबित करने के बारे में सोचते रहे थे। परन्तु कुछ समय पहले तक ऐसा कर पाना संभव नहीं था। सन 2005 में एक स्थानीय कलाकार ने "दर्पण परियोजना" आरंभ की जिससे ऐसे लोगों को एक साथ लाया जा सके जो इस विचार को व्यवहार में बदल सकें। इसके आठ वर्ष पश्चात, 2013 में, वे दर्पण कार्यान्वित हो सके। ऐसा होने पर उस गाँव के निवासी वहाँ के मुख्य मैदान में एकत्रित होकर प्रतिबिंबित सूर्य की ज्योति को सोखने का आनन्द लेने लग गए।

   आत्मिक रीति से, अधिकांश संसार उस गाँव रजुकान के समान है - समस्याओं के पहाड़ संसार के लोगों तक प्रभु यीशु की ज्योति पहुँचने नहीं देते हैं। परन्तु परमेश्वर ने अपनी सन्तानों को उन तक प्रभु यीशु की ज्योति प्रतिबिंबित करने वाले दर्पण बनाकर उचित स्थानों पर उनके मध्य रखा है। ऐसा ही एक व्यक्ति था यूहन्ना बप्तिसमा देने वाला, जो संसार में "ज्योति की गवाही देने आया" - अर्थात प्रभु यीशु की, उन्हें जो "अन्धकार और मृत्यु की छाया में हैं" (यूहन्ना 1:7; लूका 1:79)।

   जैसे हमारे शारीरिक और मान्सिक स्वास्थ्य के लिए सूर्य की ज्योति अनिवार्य है, उसी प्रकार हमारे आत्मिक स्वास्थ्य तथा विकास के लिए हमें प्रभु यीशु की ज्योति में आना भी अनिवार्य है। धन्यवादी हों कि प्रत्येक मसीही विश्वासी प्रभु यीशु की ज्योति को संसार के अंधकारपूर्ण स्थानों में प्रतिबिंबित कर सकता है; और हमें ऐसा करना है जिससे अंधकार में रहने वालों को सच्ची ज्योति मिल सके। - जूली ऐकैरमैन लिंक


अन्धकार में पड़े संसार को यीशु की ज्योति की आवश्यकता है।

यह हमारे परमेश्वर की उसी बड़ी करूणा से होगा; जिस के कारण ऊपर से हम पर भोर का प्रकाश उदय होगा। कि अन्धकार और मृत्यु की छाया में बैठने वालों को ज्योति दे, और हमारे पांवों को कुशल के मार्ग में सीधे चलाए। - लूका 1:78-79

बाइबल पाठ: यूहन्ना 1:1-14
John 1:1 आदि में वचन था, और वचन परमेश्वर के साथ था, और वचन परमेश्वर था। 
John 1:2 यही आदि में परमेश्वर के साथ था। 
John 1:3 सब कुछ उसी के द्वारा उत्पन्न हुआ और जो कुछ उत्पन्न हुआ है, उस में से कोई भी वस्तु उसके बिना उत्पन्न न हुई। 
John 1:4 उस में जीवन था; और वह जीवन मुनष्यों की ज्योति थी। 
John 1:5 और ज्योति अन्धकार में चमकती है; और अन्धकार ने उसे ग्रहण न किया। 
John 1:6 एक मनुष्य परमेश्वर की ओर से आ उपस्थित हुआ जिस का नाम यूहन्ना था। 
John 1:7 यह गवाही देने आया, कि ज्योति की गवाही दे, ताकि सब उसके द्वारा विश्वास लाएं। 
John 1:8 वह आप तो वह ज्योति न था, परन्तु उस ज्योति की गवाही देने के लिये आया था। 
John 1:9 सच्ची ज्योति जो हर एक मनुष्य को प्रकाशित करती है, जगत में आनेवाली थी। 
John 1:10 वह जगत में था, और जगत उसके द्वारा उत्पन्न हुआ, और जगत ने उसे नहीं पहिचाना। 
John 1:11 वह अपने घर आया और उसके अपनों ने उसे ग्रहण नहीं किया। 
John 1:12 परन्तु जितनों ने उसे ग्रहण किया, उसने उन्हें परमेश्वर के सन्तान होने का अधिकार दिया, अर्थात उन्हें जो उसके नाम पर विश्वास रखते हैं। 
John 1:13 वे न तो लोहू से, न शरीर की इच्छा से, न मनुष्य की इच्छा से, परन्तु परमेश्वर से उत्पन्न हुए हैं। 
John 1:14 और वचन देहधारी हुआ; और अनुग्रह और सच्चाई से परिपूर्ण हो कर हमारे बीच में डेरा किया, और हम ने उस की ऐसी महिमा देखी, जैसी पिता के एकलौते की महिमा।

एक साल में बाइबल: 
  • यहोशू 13-15
  • लूका 1:57-80


बुधवार, 22 मार्च 2017

परिवार


   1980 के दशक में, मृत्यु या तलाक के कारण अकेले हो गए लोगों में से बहुतेरों के लिए, हमारे चर्च में अयोजित की जाने वाली कक्षा ने एक करीबी संगठित परिवार का रूप ले लिया। यदि किसी का स्थानान्तरण होता तो कक्षा के सदस्य मिलकर उसका सामान बक्सों में बाँधते, उसके मेज़-कुर्सी उठाते और उसे भोजन सामग्री उपलब्ध कराते। जन्मदिन और छुट्टियाँ अब अकेले मनाए जाने के लिए नहीं रह गए थे, क्योंकि मसीही विश्वास और मित्रता में एक साथ मिलकर चलने ने प्रोत्साहित करने वाले घनिष्ठ संबंध बना दिए थे। उन अकेलेपन और परेशानी के दिनों में जो संबंध तीन दशक पहले बने थे, वे आज भी फल-फूल रहे हैं, तथा उन व्यक्तियों और उनके परिवारों को संभाल रहे हैं।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में, थिस्सलुनीकिया में मसीह यीशु का अनुसरण करने वालों को पौलुस द्वारा लिखी गई पत्री में, परमेश्वर के परिवार के सदस्य होने के कारण उनमें परस्पर बनने वाले जीवन-दायक संबंधों के बारे में लिखा गया है: "परन्तु जिस तरह माता अपने बालकों का पालन-पोषण करती है, वैसे ही हम ने भी तुम्हारे बीच में रह कर कोमलता दिखाई है" (1 थिस्सलुनीकियों 2:7)। "क्योंकि, हे भाइयों, तुम हमारे परिश्रम और कष्‍ट को स्मरण रखते हो" (1 थिस्सलुनीकियों 2:9)। "जैसा पिता अपने बालकों के साथ बर्ताव करता है, वैसे ही हम तुम में से हर एक को भी उपदेश करते, और शान्‍ति देते, और समझाते थे" (1 थिस्सलुनीकियों 2:11)। क्योंकि थिस्सलुनीकिया के मसीही विश्वासी पौलुस और उसके साथियों को "प्यारे हो गए थे" इसलिए उनके साथ वे ना केवल सुसमाचार वरन अपना जीवन भी माता-पिता, भाई-बहन के समान साझा करने के लिए तैयार थे (1 थिस्सलुनीकियों 2:8)।

   मसीही विश्वास से बने परमेश्वर के परिवार में वह हमें माँ, बाप, बहिनें और भाई; अर्थात संपूर्ण परिवार उपलब्ध करवाता है। जब हम परमेश्वर के अनुग्रह और प्रेम में होकर, उसके परिवार में अपने जीवन एक दूसरे के साथ साझा करते हैं, तो परमेश्वर अपना आनन्द हमारे जीवनों में भर देता है। - डेविड मैक्कैसलैण्ड


परमेश्वर आपसे और मुझसे प्रेम करता है;
 आईए हम भी एक दूसरे से प्रेम करें।

पर अब तो मसीह यीशु में तुम जो पहिले दूर थे, मसीह के लोहू के द्वारा निकट हो गए हो। क्योंकि वही हमारा मेल है, जिसने दोनों को एक कर लिया: और अलग करने वाली दीवार को जो बीच में थी, ढा दिया। - इफिसियों 2:13-14

बाइबल पाठ: 1 थिस्सलुनीकियों 2:1-14
1 Thessalonians 2:1 हे भाइयों, तुम आप ही जानते हो कि हमारा तुम्हारे पास आना व्यर्थ न हुआ। 
1 Thessalonians 2:2 वरन तुम आप ही जानते हो, कि पहिले पहल फिलिप्पी में दुख उठाने और उपद्रव सहने पर भी हमारे परमेश्वर ने हमें ऐसा हियाव दिया, कि हम परमेश्वर का सुसमाचार भारी विरोधों के होते हुए भी तुम्हें सुनाएं। 
1 Thessalonians 2:3 क्योंकि हमारा उपदेश न भ्रम से है और न अशुद्धता से, और न छल के साथ है। 
1 Thessalonians 2:4 पर जैसा परमेश्वर ने हमें योग्य ठहराकर सुसमाचार सौंपा, हम वैसा ही वर्णन करते हैं; और इस में मनुष्यों को नहीं, परन्तु परमेश्वर को, जो हमारे मनों को जांचता है, प्रसन्न करते हैं। 
1 Thessalonians 2:5 क्योंकि तुम जानते हो, कि हम न तो कभी लल्लोपत्तो की बातें किया करते थे, और न लोभ के लिये बहाना करते थे, परमेश्वर गवाह है। 
1 Thessalonians 2:6 और यद्यपि हम मसीह के प्रेरित होने के कारण तुम पर बोझ डाल सकते थे, तौभी हम मनुष्यों से आदर नहीं चाहते थे, और न तुम से, न और किसी से। 
1 Thessalonians 2:7 परन्तु जिस तरह माता अपने बालकों का पालन-पोषण करती है, वैसे ही हम ने भी तुम्हारे बीच में रह कर कोमलता दिखाई है। 
1 Thessalonians 2:8 और वैसे ही हम तुम्हारी लालसा करते हुए, न केवल परमेश्वर का सुसमाचार, पर अपना अपना प्राण भी तुम्हें देने को तैयार थे, इसलिये कि तुम हमारे प्यारे हो गए थे। 
1 Thessalonians 2:9 क्योंकि, हे भाइयों, तुम हमारे परिश्रम और कष्‍ट को स्मरण रखते हो, कि हम ने इसलिये रात दिन काम धन्‍धा करते हुए तुम में परमेश्वर का सुसमाचार प्रचार किया, कि तुम में से किसी पर भार न हों। 
1 Thessalonians 2:10 तुम आप ही गवाह हो: और परमेश्वर भी, कि तुम्हारे बीच में जो विश्वास रखते हो हम कैसी पवित्रता और धामिर्कता और निर्दोषता से रहे। 
1 Thessalonians 2:11 जैसे तुम जानते हो, कि जैसा पिता अपने बालकों के साथ बर्ताव करता है, वैसे ही हम तुम में से हर एक को भी उपदेश करते, और शान्‍ति देते, और समझाते थे। 
1 Thessalonians 2:12 कि तुम्हारा चाल चलन परमेश्वर के योग्य हो, जो तुम्हें अपने राज्य और महिमा में बुलाता है।
1 Thessalonians 2:13 इसलिये हम भी परमेश्वर का धन्यवाद निरन्‍तर करते हैं; कि जब हमारे द्वारा परमेश्वर के सुसमाचार का वचन तुम्हारे पास पहुंचा, तो तुम ने उसे मनुष्यों का नहीं, परन्तु परमेश्वर का वचन समझकर (और सचमुच यह ऐसा ही है) ग्रहण किया: और वह तुम में जो विश्वास रखते हो, प्रभावशाली है। 
1 Thessalonians 2:14 इसलिये कि तुम, हे भाइयो, परमेश्वर की उन कलीसियाओं की सी चाल चलने लगे, जो यहूदिया में मसीह यीशु में हैं, क्योंकि तुम ने भी अपने लोगों से वैसा ही दुख पाया, जैसा उन्होंने यहूदियों से पाया था।

एक साल में बाइबल: 
  • यहोशू 10-12
  • लूका 1:39-56


मंगलवार, 21 मार्च 2017

न्यायी शरणस्थान


   जब कोई अभियुक्त अदालत में न्यायी के सामने खड़ा होता है, तो वह अदालत के न्याय और रहम दोनों पर निर्भर होता है। यदि अभियुक्त निर्दोष है तो अदालत और न्यायी को उसे सुरक्षा देने वाले शरणस्थान के समान होना चाहिए। परन्तु यदि वह दोषी है तो अदालत तथा न्यायी से आशा की जाती है कि वे उसको उचित दण्ड दें।

   परमेश्वर के वचन बाइबल के पुराने नियम खण्ड में नहूम की पुस्तक में, निनवे शहर के संदर्भ में, हम परमेश्वर को उपरोक्त दोनों ही - न्यायी और शरणस्थान, रूपों में देखते हैं। वहाँ परमेश्वर के विषय लिखा है, "यहोवा भला है; संकट के दिन में वह दृढ़ गढ़ ठहरता है, और अपने शरणागतों की सुधी रखता है" (नहूम 1:7)। और इससे अगली ही पद में परमेश्वर के विषय लिखा है, "परन्तु वह उमड़ती हुई धारा से उसके स्थान का अन्त कर देगा, और अपने शत्रुओं को खदेड़ कर अन्धकार में भगा देगा" (नहूम 1:8)। इससे लगभग 100 वर्ष पहले, योना के वहाँ परमेश्वर का प्रचार करने पर, निनवे के लोगों ने पश्चाताप किया था, परमेश्वर की क्षमा को पाया था और सुरक्षित हो गए थे (योना 3:10)। परन्तु अब नहूम के दिन आने पर, निनवे के लोग परमेश्वर के विरुद्ध योजना बना रहे थे (नहूम 1:9, 11)। नहूम की पुस्तक के तीसरे अध्याय में हम निनवे के नाश का वर्णन पाते हैं।

   अनेकों लोग मनुष्यों के साथ परमेश्वर के व्यवहार का केवल एक ही पहलू जानते हैं दूसरा नहीं। वे या तो यह सोचते हैं कि परमेश्वर केवल पवित्र है और हम अपवित्र मनुष्यों को दण्ड देना चाहता है; या यह कि परमेश्वर दयालु है और केवल दया और करुणा के साथ ही कार्य करता है। सत्य यह है कि परमेश्वर न्यायी भी है और शरण्स्थान भी। पतरस ने लिखा कि प्रभु यीशु "...अपने आप को सच्चे न्यायी के हाथ में सौपता था" (1 पतरस 2:23)। तभी तो, "वह आप ही हमारे पापों को अपनी देह पर लिये हुए क्रूस पर चढ़ गया जिस से हम पापों के लिये मर कर के धामिर्कता के लिये जीवन बिताएं: उसी के मार खाने से तुम चंगे हुए" (1 पतरस 2:24)।

   परमेश्वर के बारे मे संपूर्ण सत्य, सुसमाचार है! परमेश्वर न्यायी है, परन्तु प्रभु यीशु के क्रूस पर दिए गए बलिदान एवं पुनरुत्थान के कारण, हम परमेश्वर के पास उसे अपना शरस्थान बनाकर जा सकते हैं। - डेव ब्रैनन


परमेश्वर का न्याय और करुणा कलवरी के क्रूस पर
 प्रभु यीशु के बलिदान में दिखाई देते हैं।

क्योंकि हमारा ऐसा महायाजक नहीं, जो हमारी निर्बलताओं में हमारे साथ दुखी न हो सके; वरन वह सब बातों में हमारी नाईं परखा तो गया, तौभी निष्‍पाप निकला। इसलिये आओ, हम अनुग्रह के सिंहासन के निकट हियाव बान्‍धकर चलें, कि हम पर दया हो, और वह अनुग्रह पाएं, जो आवश्यकता के समय हमारी सहायता करे। - इब्रानियों 4:15-16

बाइबल पाठ: नहूम 1:1-15
Nahum 1:1 नीनवे के विषय में भारी वचन। एल्कोशी नहूम के दर्शन की पुस्तक।
Nahum 1:2 यहोवा जल उठने वाला और बदला लेने वाला ईश्वर है; यहोवा बदला लेने वाला और जलजलाहट करने वाला है; यहोवा अपने द्रोहियों से बदला लेता है, और अपने शत्रुओं का पाप नहीं भूलता। 
Nahum 1:3 यहोवा विलम्ब से क्रोध करने वाला और बड़ा शक्तिमान है; वह दोषी को किसी प्रकार निर्दोष न ठहराएगा। यहोवा बवंडर और आंधी में हो कर चलता है, और बादल उसके पांवों की धूलि है। 
Nahum 1:4 उसके घुड़कने से महानद सूख जाते हैं, और समुद्र भी निर्जल हो जाता है; बाशान और कर्म्मैल कुम्हलाते और लबानोन की हरियाली जाती रहती है। 
Nahum 1:5 उसके स्पर्श से पहाड़ कांप उठते हैं और पहाडिय़ां गल जाती हैं; उसके प्रताप से पृथ्वी वरन सारा संसार अपने सब रहने वालों समेत थरथरा उठता है।
Nahum 1:6 उसके क्रोध का साम्हना कौन कर सकता है? और जब उसका क्रोध भड़कता है, तब कौन ठहर सकता है? उसकी जलजलाहट आग की नाईं भड़क जाती है, और चट्टानें उसकी शक्ति से फट फटकर गिरती हैं। 
Nahum 1:7 यहोवा भला है; संकट के दिन में वह दृढ़ गढ़ ठहरता है, और अपने शरणागतों की सुधी रखता है। 
Nahum 1:8 परन्तु वह उमड़ती हुई धारा से उसके स्थान का अन्त कर देगा, और अपने शत्रुओं को खदेड़ कर अन्धकार में भगा देगा। 
Nahum 1:9 तुम यहोवा के विरुद्ध क्या कल्पना कर रहे हो? वह तुम्हारा अन्त कर देगा; विपत्ति दूसरी बार पड़ने न पाएगी। 
Nahum 1:10 क्योंकि चाहे वे कांटों से उलझे हुए हों, और मदिरा के नशे में चूर भी हों, तौभी वे सूखी खूंटी की नाईं भस्म किए जाएंगे। 
Nahum 1:11 तुझ में से एक निकला है, जो यहोवा के विरुद्ध कल्पना करता और नीचता की युक्ति बान्धता है।
Nahum 1:12 यहोवा यों कहता है, चाहे वे सब प्रकार के सामर्थी हों, और बहुत भी हों, तौभी पूरी रीति से काटे जाएंगे और शून्य हो जाएंगे। मैं ने तुझे दु:ख दिया है, परन्तु फिर न दूंगा। 
Nahum 1:13 क्योंकि अब मैं उसका जूआ तेरी गर्दन पर से उतार कर तोड़ डालूंगा, और तेरा बन्धन फाड़ डालूंगा।
Nahum 1:14 यहोवा ने तेरे विषय में यह आज्ञा दी है कि आगे को तेरा वंश न चले; मैं तेरे देवालयों में से ढली और गढ़ी हुई मूरतों को काट डालूंगा, मैं तेरे लिये कबर खोदूंगा, क्योंकि तू नीच है।
Nahum 1:15 देखो, पहाड़ों पर शुभसमाचार का सुनाने वाला और शान्ति का प्रचार करने वाला आ रहा है! अब हे यहूदा, अपने पर्व मान, और अपनी मन्नतें पूरी कर, क्योंकि वह ओछा फिर कभी तेरे बीच में हो कर न चलेगा, और पूरी रीति से नाश हुआ है।

एक साल में बाइबल: 
  • यहोशू 7-9
  • लूका 1:21-38


सोमवार, 20 मार्च 2017

आशा


   सन 2013 में फिलिपीन्स देश के टाकलोबान शहर से होकर एक शक्तिशाली चक्रवाधी तूफान निकला, जिससे लगभग 10,000 लोग मारे गए, और जो बच गए उनमें से अनेकों बेघर, बेरोज़गार हो गए। जीवन यापन की आवश्यकताएं मिलना दुर्लभ हो गया। इसके तीन माह पश्चात, अभी शहर उस विनाश से निकल पाने के प्रयासों में लगा हुआ ही था, जब तेज़ हवाओं और मूसलाधार बारिश में टाकलोबान की एक सड़क के किनारे एक शिशु का जन्म हुआ। यद्यपि मौसम ने उस तूफान की उन पीड़ादायक यादों को ताज़ा कर दिया था, परन्तु फिर भी निवासियों ने मिलकर बच्चे के जन्म में सहायता के लिए दाई का प्रयोजन किया और माँ तथा नवजात शिशु को एक क्लिनिक तक पहुँचाया। वह बच्चा बच गया, बढ़ता गया, और हताशा के उस समय में आशा का प्रतीक बन गया।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में दर्ज इस्त्राएल के इतिहास की एक घटना है - चालीस वर्ष तक पलिश्तियों द्वारा इस्त्राएलियों का दमन उनके राष्ट्रीय इतिहास में बहुत कठिनाई का समय था। इस समय में एक स्वर्गदूत ने एक इस्त्राएली महिला को सूचना दी कि वह एक विशेष बालक को जन्म देगी (न्यायियों 13:3)। स्वर्गदूत के अनुसार, वह बालक जन्म से नाज़िर - अर्थात परमेश्वर के लिए पृथक किया हुआ होगा, और "...इस्राएलियों को पलिश्तियों के हाथ से छुड़ाने में वही हाथ लगाएगा" (पद 5)। वह शिशु, शिमशोन, कठिन समयों में इस्त्राएल के लिए आशा का उपहार था।

   पाप और शैतान के चँगुल में पड़े संसार की कठिन परिस्थितियों से बचने के लिए प्रभु यीशु मसीह परमेश्वर द्वारा दिया गया उपाय है, क्योंकि शैतान पर केवल वही जयवंत है। प्रभु यीशु के जन्म के उद्देश्य के विषय बाइबल कहती है: "कि अन्धकार और मृत्यु की छाया में बैठने वालों को ज्योति दे, और हमारे पांवों को कुशल के मार्ग में सीधे चलाए" (लूका 1:79)। प्रभु यीशु ही संसार की एकमात्र आशा है। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


प्रभु यीशु वह आशा है जो जीवन के तूफानों को शान्त कर देता है।

जब वह इन बातों के सोच ही में था तो प्रभु का स्वर्गदूत उसे स्‍वप्‍न में दिखाई देकर कहने लगा; हे यूसुफ दाऊद की सन्तान, तू अपनी पत्‍नी मरियम को अपने यहां ले आने से मत डर; क्योंकि जो उसके गर्भ में है, वह पवित्र आत्मा की ओर से है। वह पुत्र जनेगी और तू उसका नाम यीशु रखना; क्योंकि वह अपने लोगों का उन के पापों से उद्धार करेगा। - मत्ती 1:20-21

बाइबल पाठ: न्यायियों 13:1-7
Judges 13:1 और इस्राएलियों ने फिर यहोवा की दृष्टि में बुरा किया; इसलिये यहोवा ने उन को पलिश्तियों के वश में चालीस वर्ष के लिये रखा।
Judges 13:2 दानियों के कुल का सोरावासी मानोह नाम एक पुरूष था, जिसकी पत्नी के बांझ होने के कारण कोई पुत्र न था। 
Judges 13:3 इस स्त्री को यहोवा के दूत ने दर्शन देकर कहा, सुन, बांझ होने के कारण तेरे बच्चा नहीं; परन्तु अब तू गर्भवती होगी और तेरे बेटा होगा। 
Judges 13:4 इसलिये अब सावधान रह, कि न तो तू दाखमधु वा और किसी भांति की मदिरा पीए, और न कोई अशुद्ध वस्तु खाए, 
Judges 13:5 क्योंकि तू गर्भवती होगी और तेरे एक बेटा उत्पन्न होगा। और उसके सिर पर छूरा न फिरे, क्योंकि वह जन्म ही से परमेश्वर का नाजीर रहेगा; और इस्राएलियों को पलिश्तियों के हाथ से छुड़ाने में वही हाथ लगाएगा। 
Judges 13:6 उस स्त्री ने अपने पति के पास जा कर कहा, परमेश्वर का एक जन मेरे पास आया था जिसका रूप परमेश्वर के दूत का सा अति भययोग्य था; और मैं ने उस से न पूछा कि तू कहां का है? और न उसने मुझे अपना नाम बताया; 
Judges 13:7 परन्तु उसने मुझ से कहा, सुन तू गर्भवती होगी और तेरे एक बेटा होगा; इसलिये अब न तो दाखमधु वा और किसी भांति की मदिरा पीना, और न कोई अशुद्ध वस्तु खाना, क्योंकि वह लड़का जन्म से मरण के दिन तक परमेश्वर का नाजीर रहेगा।

एक साल में बाइबल: 
  • यहोशू 4-6
  • लूका 1:1-20


रविवार, 19 मार्च 2017

स्थान


   समय, घटनाओं, और लोगों के हज़ारों धागों से बुना गया होता है वह जिसे हम ’स्थान’ कहते हैं। वह केवल घर नहीं है, वरन उस से भी बढ़कर, ’स्थान’ वह है जहाँ निःस्वार्थ प्रेम में ढंपे हुए अपनापन, सुरक्षा तथा अर्थपूर्ण संबंध एक साथ होते हैं। ’स्थान’ हमारे मनों में गहराई से बसी अपनी यादों के द्वारा हमें आकर्षित करता है। चाहे वह ’स्थान’ सिद्ध ना भी हो, परन्तु हम पर उसका वश नाटकीय होता है और उसके प्रति हमारा आकर्षण चुम्बकीय।

   परमेश्वर का वचन बाइबल बहुधा स्थान के बारे में बात करती है। इसका एक उदाहरण हम नहेम्याह की यरुशलेम के पुनः बसाए जाने की लालसा में देखते हैं (नहेम्याह 1:3-4; 2:2)। इसलिए यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि प्रभु यीशु ने भी हमें शान्ति और सांत्वना देने के लिए एक स्थान का उल्लेख किया है। प्रभु ने आरंभ किया, "तुम्हारा मन व्याकुल न हो, तुम परमेश्वर पर विश्वास रखते हो मुझ पर भी विश्वास रखो" (यूहन्ना 14:1) और फिर उसने इस विषय में आगे कहा, "मेरे पिता के घर में बहुत से रहने के स्थान हैं, यदि न होते, तो मैं तुम से कह देता क्योंकि मैं तुम्हारे लिये जगह तैयार करने जाता हूं" (यूहन्ना 14:2)।

   उनके लिए जो किसी सांसारिक स्थान से आकर्षित और जुड़े हुए हैं, प्रभु की इस प्रतिज्ञा को समझना कठिन नहीं है, और वे सरलता से उस स्थान की बाट जोह सकते हैं जिसके बारे में प्रभु बात कर रहा था। और, उनके लिए जिनके स्थान शान्ति और सुरक्षा से जुड़े नहीं थे, प्रभु यीशु की प्रतिज्ञा है कि एक दिन वे उस स्थान में रहकर मधुर संगीत सुनेंगे, क्योंकि वे उसके साथ वहाँ निवास करेंगे।

   आपका संघर्ष चाहे कोई भी हो, आपकी मसीही विश्वास की जीवन यात्रा में चाहे कोई भी अस्थिरता हो, चाहे आपके कदम कहीं भी डगमगाएं, सदा यह स्मरण रखें कि आपके लिए प्रभु यीशु ने स्वर्ग में एक स्थान बना कर तैयार रखा हुआ है, ऐसा स्थान जो आपके लिए सर्वथा उपयुक्त है, और वह आपके साथ वहाँ अनन्तकाल तक निवास करेगा। यदि यह सत्य नहीं होता, तो प्रभु यीशु आपसे इसके बारे में कदापि नहीं कहता (यूहन्ना 14:3)। - रैंडी किल्गोर


पृथ्वी के हमारे घर की यादें आशा के साथ हमें हमारे स्वर्गीय घर की ओर प्रेरणा दें।

और यदि मैं जा कर तुम्हारे लिये जगह तैयार करूं, तो फिर आकर तुम्हें अपने यहां ले जाऊंगा, कि जहां मैं रहूं वहां तुम भी रहो। - यूहन्ना 14:3 

बाइबल पाठ: नहेम्याह 1
Nehemiah 1:1 हकल्याह के पुत्र नहेमायाह के वचन। बीसवें वर्ष के किसलवे नाम महीने में, जब मैं शूशन नाम राजगढ़ में रहता था, 
Nehemiah 1:2 तब हनानी नाम मेरा एक भाई और यहूदा से आए हुए कई एक पुरुष आए; तब मैं ने उन से उन बचे हुए यहूदियों के विषय जो बन्धुआई से छूट गए थे, और यरूशलेम के विष्य में पूछा। 
Nehemiah 1:3 उन्होंने मुझ से कहा, जो बचे हुए लोग बन्धुआई से छूटकर उस प्रान्त में रहते हैं, वे बड़ी दुर्दशा में पड़े हैं, और उनकी निन्दा होती है; क्योंकि यरूशलेम की शहरपनाह टूटी हुई, और उसके फाटक जले हुए हैं। 
Nehemiah 1:4 ये बातें सुनते ही मैं बैठकर रोने लगा और कितने दिन तक विलाप करता; और स्वर्ग के परमेश्वर के सम्मुख उपवास करता और यह कह कर प्रार्थना करता रहा। 
Nehemiah 1:5 हे स्वर्ग के परमेश्वर यहोवा, हे महान और भययोग्य ईश्वर! तू जो अपने प्रेम रखने वाले और आज्ञा मानने वाले के विष्य अपनी वाचा पालता और उन पर करुणा करता है; 
Nehemiah 1:6 तू कान लगाए और आंखें खोले रह, कि जो प्रार्थना मैं तेरा दास इस समय तेरे दास इस्राएलियों के लिये दिन रात करता रहता हूँ, उसे तू सुन ले। मैं इस्राएलियों के पापों को जो हम लोगों ने तेरे विरुद्ध किए हैं, मान लेता हूँ। मैं और मेरे पिता के घराने दोनों ने पाप किया है। 
Nehemiah 1:7 हम ने तेरे साम्हने बहुत बुराई की है, और जो आज्ञाएं, विधियां और नियम तू ने अपने दास मूसा को दिए थे, उन को हम ने नहीं माना। 
Nehemiah 1:8 उस वचन की सुधि ले, जो तू ने अपने दास मूसा से कहा था, कि यदि तुम लोग विश्वासघात करो, तो मैं तुम को देश देश के लोगों में तितर बितर करूंगा। 
Nehemiah 1:9 परन्तु यदि तुम मेरी ओर फिरो, और मेरी आज्ञाएं मानो, और उन पर चलो, तो चाहे तुम में से निकाले हुए लोग आकाश की छोर में भी हों, तौभी मैं उन को वहां से इकट्ठा कर के उस स्थान में पहुंचाऊंगा, जिसे मैं ने अपने नाम के निवास के लिये चुन लिया है। 
Nehemiah 1:10 अब वे तेरे दास और तेरी प्रजा के लोग हैं जिन को तू ने अपनी बड़ी सामर्थ और बलवन्त हाथ के द्वारा छुड़ा लिया है। 
Nehemiah 1:11 हे प्रभु बिनती यह है, कि तू अपने दास की प्रार्थना पर, और अपने उन दासों की प्रार्थना पर, जो तेरे नाम का भय मानना चाहते हैं, कान लगा, और आज अपने दास का काम सफल कर, और उस पुरुष को उस पर दयालु कर। (मैं तो राजा का पियाऊ था।)

एक साल में बाइबल: 
  • यहोशू 1-3
  • मरकुस 16


शनिवार, 18 मार्च 2017

प्रलोभन


   मेरे देश में हाल ही में हुए चुनावों में, घर चलाने के लिए संघर्षरत एक माँ ने, जिसे मैं जानता हूँ, एक पैकिट बच्चों के लंगोटों के लिए अपना वोट बेच दिया। हम चुनाव के लिए खड़े होने वाले सभी प्रत्याशियों के गुणों के बारे में चर्चा कर चुके थे, इसलिए उसने जिस प्रत्याशी को वोट दिया, उसके लिए मुझे दुःख हुआ। मैंने उससे पूछा, "तुम्हारे दृढ़ निश्चय का क्या हुआ?" परन्तु वह शान्त खड़ी रही। उसके द्वारा जिसे वोट दिया गया था वह प्रत्याशी जीत गया; और उसकी जीत के छः महीने के बाद करों में बढ़ोतरी कर दी गई, जिससे सभी वस्तुओं की कीमतें बढ़ गईं, लंगोट के पैकिट की भी, और उसके लिए घर चलना और भी अधिक कठिन हो गया।

   सारे संसार भर में अनेकों देशों में राजनैतिक भ्रष्टाचार कोई नई बात नहीं है। इसी प्रकार आत्मिक भ्रष्टाचार भी कोई नई बात नहीं है। शैतान ने तो प्रभु यीशु को भी अपनी चाल में फंसाने का प्रयास किया, कि वह अपनी दृढ़ निश्चयता को बेच दे (मत्ती 4:1-10)। जब प्रभु यीशु चालीस दिन के उपवास के बाद थके हुए और भूखे थे तो शैतान उनके पास तत्कालिक संतुष्टि के प्रलोभन लेकर आया - सहितान ने उन्हें तुरंत उपलब्ध हो जाने वाली रोटी, चमकत्कारिक छुटकारा, और संसार भर के राज्यों का वैभव देने का प्रस्ताव किया।

   परन्तु प्रभु यीशु वास्तविकता को बेहतर जानते थे। वे जानते थे कि समझौतों और जल्दबाज़ी में किए गए निर्णय खतरनाक शत्रु होते हैं। उनसे किसी दुःख के मार्ग का प्रस्ताव तो मिल सकता है, परन्तु उस मार्ग के अन्त में मिलने वाला दुःख, किसी भी कल्पना से बढ़कर होता है। शैतान द्वारा लाए गए प्रत्येक प्रलोभन के लिए प्रभु यीशु ने उसे परमेश्वर के वचन बाइबल की बात से उत्तर देकर निरुत्तर किया; प्रभु ने हर प्रलोभन के विषय शैतान से कहा "लिखा है..."; वह उस बात पर अडिग रहे जिसे वह जानते थे कि परमेश्वर के वचन में लिखी है और परमेश्वर की ओर से सत्य है।

   हम जब भी प्रलोभनों और परीक्षाओं में पड़ें, परमेश्वर हमारी सहायता करने को तत्पर और तैयार रहता है, यदि हम उसकी बात मानें और उसकी आज्ञाकारिता में बने रहें। उसके वचन बाइबल के सत्य हमें हर बात में सच्चा मार्गदर्शन देते हैं। - कीला ओकोआ


परमेश्वर के मार्ग सरल नहीं हैं, 
परन्तु वे अक्षय अनन्त आनन्द तक ले जाते हैं।

तेरे उपदेशों के कारण मैं समझदार हो जाता हूं, इसलिये मैं सब मिथ्या मार्गों से बैर रखता हूं। तेरा वचन मेरे पांव के लिये दीपक, और मेरे मार्ग के लिये उजियाला है। - भजन 119:104-105

बाइबल पाठ: मत्ती 4:1-10
Matthew 4:1 तब उस समय आत्मा यीशु को जंगल में ले गया ताकि इब्‍लीस से उस की परीक्षा हो। 
Matthew 4:2 वह चालीस दिन, और चालीस रात, निराहार रहा, अन्‍त में उसे भूख लगी। 
Matthew 4:3 तब परखने वाले ने पास आकर उस से कहा, यदि तू परमेश्वर का पुत्र है, तो कह दे, कि ये पत्थर रोटियां बन जाएं। 
Matthew 4:4 उसने उत्तर दिया; कि लिखा है कि मनुष्य केवल रोटी ही से नहीं, परन्तु हर एक वचन से जो परमेश्वर के मुख से निकलता है जीवित रहेगा। 
Matthew 4:5 तब इब्‍लीस उसे पवित्र नगर में ले गया और मन्दिर के कंगूरे पर खड़ा किया। 
Matthew 4:6 और उस से कहा यदि तू परमेश्वर का पुत्र है, तो अपने आप को नीचे गिरा दे; क्योंकि लिखा है, कि वह तेरे विषय में अपने स्‍वर्गदूतों को आज्ञा देगा; और वे तुझे हाथों हाथ उठा लेंगे; कहीं ऐसा न हो कि तेरे पांवों में पत्थर से ठेस लगे। 
Matthew 4:7 यीशु ने उस से कहा; यह भी लिखा है, कि तू प्रभु अपने परमेश्वर की परीक्षा न कर। 
Matthew 4:8 फिर शैतान उसे एक बहुत ऊंचे पहाड़ पर ले गया और सारे जगत के राज्य और उसका वैभव दिखाकर 
Matthew 4:9 उस से कहा, कि यदि तू गिरकर मुझे प्रणाम करे, तो मैं यह सब कुछ तुझे दे दूंगा। 
Matthew 4:10 तब यीशु ने उस से कहा; हे शैतान दूर हो जा, क्योंकि लिखा है, कि तू प्रभु अपने परमेश्वर को प्रणाम कर, और केवल उसी की उपासना कर।

एक साल में बाइबल: 
  • व्यवस्थाविवरण 32-34
  • मरकुस 15:26-47


शुक्रवार, 17 मार्च 2017

परीक्षा


   हाल ही में, हमारे बेटे और बहू ने हमें बड़ी घबराहट में फोन किया। पिछली रात को उन्हें घर के अन्दर दो चमगादड़ दिखाई दिए थे। मैं जानता हूँ कि पर्यावरण को सुचारू बनाए रखने में चमगादड़ों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, परन्तु फिर भी परमेश्वर के प्राणियों में वे मेरे प्रीय प्राणियों में सम्मिलिय नहीं हैं; विशेषकर तब जब वे घर के अन्दर उड़ रहे हों। परन्तु मैं और मेरी पत्नि धन्यवादी थे कि हम जाकर अपने बच्चों की सहायता कर सके। घर के उन छेदों को बन्द करने में हमने उनकी सहायता करी, जिनमें से वे चमगादड़ अन्दर आ सकते थे।

   हमारे जीवनों में भी इसी प्रकार दुःख या परेशानियाँ अनायास ही आ जाती हैं। जब इस प्रकार की परीक्षाएं आती हैं तो हम बड़ी सरलता से घबारा जाते या हताश हो जाते हैं। परन्तु यही कठिन परिस्थितियाँ वे उपकरण हो सकते हैं जिन्हें हमारा प्रेमी परमेश्वर पिता हमें और अधिक हमारे प्रभु यीशु मसीह की समानता में ढालने के लिए उपयोग करता है। इसीलिए परमेश्वर के वचन बाइबल में याकूब ने लिखा, "हे मेरे भाइयों, जब तुम नाना प्रकार की परीक्षाओं में पड़ो, तो इसको पूरे आनन्द की बात समझो, यह जान कर, कि तुम्हारे विश्वास के परखे जाने से धीरज उत्पन्न होता है। पर धीरज को अपना पूरा काम करने दो, कि तुम पूरे और सिद्ध हो जाओ और तुम में किसी बात की घटी न रहे" (याकूब 1:2-4)।

   हमसे यह आशा नहीं रखी जाती है कि हम परीक्षाओं का मज़ा लें या दुःख का उत्सव मनाएं। परन्तु जब ये अनचाही परिस्थितियाँ आती हैं, तो हम उनमें भी परमेश्वर के हाथ को देख सकते हैं और इस विश्वास में आश्वस्त रह सकते हैं कि हमारा परमेश्वर पिता उन परीक्षाओं के द्वारा हमें हमारे और जगत के उद्धारकर्ता प्रभु यीशु मसीह की समानता में ढाल रहा है। - बिल क्राउडर


परीक्षाएं हमारे पास कभी कभी आती हैं, 
परन्तु परमेश्वर हमारे साथ सदा बना रहता है।

धन्य हो तुम, जब मनुष्य के पुत्र के कारण लोग तुम से बैर करेंगे, और तुम्हें निकाल देंगे, और तुम्हारी निन्‍दा करेंगे, और तुम्हारा नाम बुरा जानकर काट देंगे। उस दिन आनन्‍दित हो कर उछलना, क्योंकि देखो, तुम्हारे लिये स्वर्ग में बड़ा प्रतिफल है: उन के बाप-दादे भविष्यद्वक्ताओं के साथ भी वैसा ही किया करते थे। - लूका 6:22-23

बाइबल पाठ: याकूब 1:2-12
James 1:2 हे मेरे भाइयों, जब तुम नाना प्रकार की परीक्षाओं में पड़ो 
James 1:3 तो इसको पूरे आनन्द की बात समझो, यह जान कर, कि तुम्हारे विश्वास के परखे जाने से धीरज उत्पन्न होता है। 
James 1:4 पर धीरज को अपना पूरा काम करने दो, कि तुम पूरे और सिद्ध हो जाओ और तुम में किसी बात की घटी न रहे।
James 1:5 पर यदि तुम में से किसी को बुद्धि की घटी हो, तो परमेश्वर से मांगे, जो बिना उलाहना दिए सब को उदारता से देता है; और उसको दी जाएगी। 
James 1:6 पर विश्वास से मांगे, और कुछ सन्‍देह न करे; क्योंकि सन्‍देह करने वाला समुद्र की लहर के समान है जो हवा से बहती और उछलती है। 
James 1:7 ऐसा मनुष्य यह न समझे, कि मुझे प्रभु से कुछ मिलेगा। 
James 1:8 वह व्यक्ति दुचित्ता है, और अपनी सारी बातों में चंचल है।
James 1:9 दीन भाई अपने ऊंचे पद पर घमण्‍ड करे। 
James 1:10 और धनवान अपनी नीच दशा पर: क्योंकि वह घास के फूल की नाईं जाता रहेगा। 
James 1:11 क्योंकि सूर्य उदय होते ही कड़ी धूप पड़ती है और घास को सुखा देती है, और उसका फूल झड़ जाता है, और उस की शोभा जाती रहती है; उसी प्रकार धनवान भी अपने मार्ग पर चलते चलते धूल में मिल जाएगा। 
James 1:12 धन्य है वह मनुष्य, जो परीक्षा में स्थिर रहता है; क्योंकि वह खरा निकल कर जीवन का वह मुकुट पाएगा, जिस की प्रतिज्ञा प्रभु ने अपने प्रेम करने वालों को दी है।

एक साल में बाइबल: 
  • व्यवस्थाविवरण 30-31
  • मरकुस 15:1-25


गुरुवार, 16 मार्च 2017

नाम


   चार्ल्स पॉन्ज़ी का नाम सदा आर्थिक धोखेबाज़ी के साथ, जिसे उसने जीवन-शैली बना लिया था, जुड़ा रहेगा। कुछ छोटे वित्तीय अपराधों और थोड़ा समय जेल में बिताने के पश्चात, उसने निवेशकों को उनके द्वारा निवेश किए गए धन का 45 दिनों में 50% और 90 दिनों में 100% मुनाफे का प्रस्ताव दिया। यद्यपि लोगों को ऐसा हो पाना संभव प्रतीत नहीं होता था, परन्तु फिर भी निवेशकों द्वारा पैसा बहुतायत से आने लगा। पॉन्ज़ी ने नए निवशकों के पैसे से पुराने निवेशकों को पैसा दिया और अपनी खर्चीली जीवन शैली में व्यय किया। जब तक अगस्त 1920 में उसकी धोखेबाज़ी का पर्दाफाश हुआ, निवेशक 2 करोड़ डॉलर गँवा चुके थे और पाँच बैंक डूब गए थे। पॉन्ज़ी ने 3 वर्ष जेल में बिताए, फिर उसे इटली निर्वासित कर दिया गया, जहाँ 1949 में 66 वर्ष की आयु में, कंगाली में उसका देहांत हो गया।

   परमेश्वर के वचन बाइबल के पुराने नियम खण्ड में, नीतिवचन नामक पुस्तक में बुद्धिमान और मूर्ख लोगों की प्रसिद्धि की तुलना कई बार की गई है: "धर्मी को स्मरण कर के लोग आशीर्वाद देते हैं, परन्तु दुष्टों का नाम मिट जाता है। जो खराई से चलता है वह निडर चलता है, परन्तु जो टेढ़ी चाल चलता है उसकी चाल प्रगट हो जाती है" (नीतिवचन 10:7, 9)। सुलेमान ने इसका सार बताते हुए कहा, "बड़े धन से अच्छा नाम अधिक चाहने योग्य है, और सोने चान्दी से औरों की प्रसन्नता उत्तम है" (नीतिवचन 22:1)।

   हम एक अच्छे नाम को चाहते हैं, अपने आप को सम्मानित करने के लिए नहीं परन्तु हमारे प्रभु परमेशवर यीशु मसीह के साथ हमारा नाम जुड़े होने के कारण क्योंकि उसका नाम सब नामों में सर्वश्रेष्ठ और सबसे ऊपर है। डेविड मैक्कैसलैण्ड


अच्छा नाम हमारे महान परमेश्वर का आदर करता है।

जो उसने मसीह के विषय में किया, कि उसको मरे हुओं में से जिलाकर स्‍वर्गीय स्थानों में अपनी दाहिनी ओर। सब प्रकार की प्रधानता, और अधिकार, और सामर्थ, और प्रभुता के, और हर एक नाम के ऊपर, जो न केवल इस लोक में, पर आने वाले लोक में भी लिया जाएगा, बैठाया। - इफिसियों 1:20-21

बाइबल पाठ: नीतिवचन 10:1-15
Proverbs 10:1 सुलैमान के नीतिवचन।। बुद्धिमान पुत्र से पिता आनन्दित होता है, परन्तु मूर्ख पुत्र के कारण माता उदास रहती है। 
Proverbs 10:2 दुष्टों के रखे हुए धन से लाभ नहीं होता, परन्तु धर्म के कारण मृत्यु से बचाव होता है। 
Proverbs 10:3 धर्मी को यहोवा भूखों मरने नहीं देता, परन्तु दुष्टों की अभिलाषा वह पूरी होने नहीं देता। 
Proverbs 10:4 जो काम में ढिलाई करता है, वह निर्धन हो जाता है, परन्तु कामकाजी लोग अपने हाथों के द्वारा धनी होते हैं। 
Proverbs 10:5 जो बेटा धूपकाल में बटोरता है वह बुद्धि से काम करने वाला है, परन्तु जो बेटा कटनी के समय भारी नींद में पड़ा रहता है, वह लज्जा का कारण होता है। 
Proverbs 10:6 धर्मी पर बहुत से आर्शीवाद होते हैं, परन्तु उपद्रव दुष्टों का मुंह छा लेता है। 
Proverbs 10:7 धर्मी को स्मरण कर के लोग आशीर्वाद देते हैं, परन्तु दुष्टों का नाम मिट जाता है। 
Proverbs 10:8 जो बुद्धिमान है, वह आज्ञाओं को स्वीकार करता है, परन्तु जो बकवादी और मूढ़ है, वह पछाड़ खाता है। 
Proverbs 10:9 जो खराई से चलता है वह निडर चलता है, परन्तु जो टेढ़ी चाल चलता है उसकी चाल प्रगट हो जाती है। 
Proverbs 10:10 जो नैन से सैन करता है उस से औरों को दुख मिलता है, और जो बकवादी और मूढ़ है, वह पछाड़ खाता है। 
Proverbs 10:11 धर्मी का मुंह तो जीवन का सोता है, परन्तु उपद्रव दुष्टों का मुंह छा लेता है। 
Proverbs 10:12 बैर से तो झगड़े उत्पन्न होते हैं, परन्तु प्रेम से सब अपराध ढंप जाते हैं। 
Proverbs 10:13 समझ वालों के वचनों में बुद्धि पाई जाती है, परन्तु निर्बुद्धि की पीठ के लिये कोड़ा है। 
Proverbs 10:14 बुद्धिमान लोग ज्ञान को रख छोड़ते हैं, परन्तु मूढ़ के बोलने से विनाश निकट आता है। 
Proverbs 10:15 धनी का धन उसका दृढ़ नगर है, परन्तु कंगाल लोग निर्धन होने के कारण विनाश होते हैं।

एक साल में बाइबल: 
  • व्यवस्थाविवरण 28-29
  • मरकुस 14:54-72


बुधवार, 15 मार्च 2017

प्रार्थना


   1982 में द टुडे शो में, प्रसारित होने वाले बिली ग्राहम के साक्षात्कार से एक दिन पहले, उनके जन संपर्क निर्देशक, लैरी रॉस ने साक्षात्कार लेने वालों से कहा कि बिली ग्राहम को साक्षात्कार देने से पहले प्रार्थना करने के लिए एक व्यक्तिगत कमरे की आवश्यकता पड़ेगी। परन्तु जब बिली ग्राहम स्टूडियो पहुँचे तो उनके सहायक ने रॉस से कहा कि बिली ग्राहम को उस कमरे की आवश्यकता नहीं होगी, क्योंकि "श्री. ग्राहम प्रातः उठने के साथ ही प्रार्थना करना आरंभ कर देते हैं, वे नाश्ता खाते समय भी प्रार्थना कर रहे थे, कार में आते हुए मार्ग में वे प्रार्थना करते हुए आए, और संभवतः पूरे सक्षात्कार के समय वे प्रार्थना में होंगे।" बाद में रॉस ने कहा कि "एक युवा होने के नाते मेरे लिए यह सीखने के लिए बहुत महान पाठ था।"

   प्रार्थना में होना कोई घटना नहीं है; यह परमेश्वर के साथ संबंध में रहने का एक तरीका है। इस प्रकार का प्रगाढ़ संबंध तब विकसित होता है जब परमेश्वर के लोग प्रार्थना में रहने को जीवन शैली का अंग मान कर उसमें बने रहते हैं। परमेश्वर के वचन बाइबल में दिए गए भजन हमें प्रतिदिन प्रभु के लिए अपनी आवाज़ उठाकर दिन का आरंभ करने के लिए कहते हैं (भजन 5:3); अपने दिन को परमेश्वर के साथ वार्तालाप से भरने के लिए कहते हैं (भजन 55:17); और जब हम पर दोषारोपण किया जाए, हमारी निन्दा की जाए तो अपनेआप को पूर्णतः परमेश्वर के सामने प्रार्थना में समर्पित कर देने को कहते हैं (भजन 109:4)। हम प्रार्थना को जीवन के मार्ग के रूप में तब ही विकसित करते हैं यदि हम परमेश्वर के साथ लगातार बने रहना चाहते हैं (भजन 42:1-4; 84:1-2; 130:5-6)।

   जीवन की प्रत्येक परिस्थिति में परमेश्वर के साथ जुड़े रहने के लिए प्रार्थना ही माध्यम है। परमेश्वर के कान सदैव अपने बच्चों की ओर लगे रहते हैं। प्रार्थना वह माध्यम है जिसके द्वारा हम परमेश्वर से कभी भी, किसी भी परिस्थिति में, किसी भी बात के लिए अपने दिल की बात खुल कर कह सकते हैं, उससे मार्गदर्शन, शांति और सांत्वना प्राप्त कर सकते हैं, और प्रार्थना में दूसरों को भी उनकी आवशयकताओं के लिए उसके अनुग्रह के सिंहासन के सामने प्रस्तुत कर सकते हैं। - मार्विन विलियम्स


प्रार्थना में परमेश्वर आपके शब्दों से भी बढ़कर सुनता है; 
वह आपके हृदय को सुनता है।

परन्तु मैं तेरी सामर्थ्य का यश गाऊंगा, और भोर को तेरी करूणा का जयजयकार करूंगा। क्योंकि तू मेरा ऊंचा गढ़ है, और संकट के समय मेरा शरणस्थान ठहरा है। हे मेरे बल, मैं तेरा भजन गाऊंगा, क्योंकि हे परमेश्वर, तू मेरा ऊंचा गढ़ और मेरा करूणामय परमेश्वर है। - भजन 59:16-17

बाइबल पाठ: भजन 5
Psalms 5:1 हे यहोवा, मेरे वचनों पर कान लगा; मेरे ध्यान करने की ओर मन लगा। 
Psalms 5:2 हे मेरे राजा, हे मेरे परमेश्वर, मेरी दोहाई पर ध्यान दे, क्योंकि मैं तुझी से प्रार्थना करता हूं। 
Psalms 5:3 हे यहोवा, भोर को मेरी वाणी तुझे सुनाई देगी, मैं भोर को प्रार्थना कर के तेरी बाट जोहूंगा। 
Psalms 5:4 क्योंकि तू ऐसा ईश्वर नहीं जो दुष्टता से प्रसन्न हो; बुराई तेरे साथ नहीं रह सकती।
Psalms 5:5 घमंडी तेरे सम्मुख खड़े होने न पांएगे; तुझे सब अनर्थकारियों से घृणा है। 
Psalms 5:6 तू उन को जो झूठ बोलते हैं नाश करेगा; यहोवा तो हत्यारे और छली मनुष्य से घृणा करता है। 
Psalms 5:7 परन्तु मैं तो तेरी अपार करूणा के कारण तेरे भवन में आऊंगा, मैं तेरा भय मानकर तेरे पवित्र मन्दिर की ओर दण्डवत करूंगा। 
Psalms 5:8 हे यहोवा, मेरे शत्रुओं के कारण अपने धर्म के मार्ग में मेरी अगुवाई कर; मेरे आगे आगे अपने सीधे मार्ग को दिखा। 
Psalms 5:9 क्योंकि उनके मुंह में कोई सच्चाई नहीं; उनके मन में निरी दुष्टता है। उनका गला खुली हुई कब्र है, वे अपनी जीभ से चिकनी चुपड़ी बातें करते हैं। 
Psalms 5:10 हे परमेश्वर तू उन को दोषी ठहरा; वे अपनी ही युक्तियों से आप ही गिर जाएं; उन को उनके अपराधों की अधिकाई के कारण निकाल बाहर कर, क्योंकि उन्होंने तुझ से बलवा किया है।
Psalms 5:11 परन्तु जितने तुझ पर भरोसा रखते हैं वे सब आनन्द करें, वे सर्वदा ऊंचे स्वर से गाते रहें; क्योंकि तू उनकी रक्षा करता है, और जो तेरे नाम के प्रेमी हैं तुझ में प्रफुल्लित हों। 
Psalms 5:12 क्योंकि तू धर्मी को आशिष देगा; हे यहोवा, तू उसको अपने अनुग्रहरूपी ढाल से घेरे रहेगा।

एक साल में बाइबल: 

  • व्यवस्थाविवरण 26-27
  • मरकुस 14:27-53


मंगलवार, 14 मार्च 2017

मध्यस्थ


   कल्पना कीजिए कि आप पर्वत की तलहटी पर, अपने समाज के लाखों अन्य लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाए हुए खड़े हैं। ऊपर भारी गर्जन और बिजली की चकाचौंध हो रही है; आपको तुरही का कर्णभेदी स्वर सुनाई देता है। आग की लपटों के मध्य, परमेश्वर पर्वत की चोटी पर उतर आता है। चोटी धुएं से ढक जाती है; सारा पर्वत काँप रहा है, और साथ ही आप भी काँप रहे हैं (निर्गमन 19:16-20)।

   जब सिनै पर्वत के निकट इस्त्राएलियों को इस भयावह अनुभव से होकर निकलना पड़ा, तो उन्हों ने मूसा से निवेदन किया, "...तू ही हम से बातें कर, तब तो हम सुन सकेंगे; परन्तु परमेश्वर हम से बातें न करे, ऐसा न हो कि हम मर जाएं" (निर्गमन 20:19)। इसत्राएली मूसा से निवेदन कर रहे थे कि वह उनके और सर्वशक्तिमान परमेश्वर के बीच मध्यस्थ बने, "और वे लोग तो दूर ही खड़े रहे, परन्तु मूसा उस घोर अन्धकार के समीप गया जहां परमेश्वर था" (निर्गमन 20:21)। इसके बाद से मूसा ही परमेश्वर से मिलने जाया करता था और परमेश्वर के सन्देश लाकर इस्त्राएलियों को सुना दिया करता था।

   आज हम भी उसी महान परमेश्वर कि आराधना करते हैं जिसने सिनै पर्वत पर अपनी आशचर्यजनक महानता प्रगट की। क्योंकि परमेश्वर की सिद्ध पवित्रता है, और हम अत्यन्त पापी स्वभाव के हैं, इसलिए हम उसके संपर्क में नहीं आ सकते हैं, उससे संबंध नहीं बना सकते हैं। यदि हम अपने आप पर ही छोड़ दिए जाएं तो हम भी, परमेश्वर की उपस्थिति में उन इस्त्राएलियों के समान ही काँपने लगेंगे, और ऐसा होना भी चाहिए। परन्तु प्रभु यीशु ने हमारे लिए यह संभव कर दिया कि हम परमेश्वर से संबंध बना सकें, उसके समीप आ सकें, उस से संवाद कर सकें क्योंकि प्रभु यीशु ने हमारे पापों को अपने ऊपर लेकर, क्रूस पर दिए गए बलिदान तथा मृतकों में से अपने पुनरुत्थान द्वारा स्वयं ही उनका सारा दण्ड चुका दिया (1 कुरिन्थियों 15:1-4), और परमेश्वर से हमारा मेल-मिलाप होने का मार्ग बना कर दे दिया। अब जो भी अपने पापों से पश्चाताप कर के साधारण विश्वास द्वारा प्रभु यीशु के इस कार्य को स्वीकार करता है, उसे अपना उद्धारकर्ता स्वीकार करके अपना जीवन उसे समर्पित कर देता है, वह परमेश्वर की सन्तान, उसके परिवार का सदस्य हो जाता है (यूहन्ना 1:12-13)। अपने सभी अनुयायियों के लिए, सिद्ध एवं पवित्र परमेश्वर तथा अपने चेलों के बीच आज भी संपर्क बनाए रखने वाला मध्यस्थ प्रभु यीशु ही है (रोमियों 8:34; 1 तिमुथियुस 2:5)। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


प्रभु यीशु ने हमारे और परमेश्वर के बीच की दूरी को पाट दिया है।

हे भाइयों, मैं तुम्हें वही सुसमाचार बताता हूं जो पहिले सुना चुका हूं, जिसे तुम ने अंगीकार भी किया था और जिस में तुम स्थिर भी हो। उसी के द्वारा तुम्हारा उद्धार भी होता है, यदि उस सुसमाचार को जो मैं ने तुम्हें सुनाया था स्मरण रखते हो; नहीं तो तुम्हारा विश्वास करना व्यर्थ हुआ। इसी कारण मैं ने सब से पहिले तुम्हें वही बात पहुंचा दी, जो मुझे पहुंची थी, कि पवित्र शास्त्र के वचन के अनुसार यीशु मसीह हमारे पापों के लिये मर गया। ओर गाड़ा गया; और पवित्र शास्त्र के अनुसार तीसरे दिन जी भी उठा। - 1 कुरिन्थियों 15:1-4

बाबल पाठ: निर्गमन 20:18-26
Exodus 20:18 और सब लोग गरजने और बिजली और नरसिंगे के शब्द सुनते, और धुआं उठते हुए पर्वत को देखते रहे, और देख के, कांपकर दूर खड़े हो गए; 
Exodus 20:19 और वे मूसा से कहने लगे, तू ही हम से बातें कर, तब तो हम सुन सकेंगे; परन्तु परमेश्वर हम से बातें न करे, ऐसा न हो कि हम मर जाएं। 
Exodus 20:20 मूसा ने लोगों से कहा, डरो मत; क्योंकि परमेश्वर इस निमित्त आया है कि तुम्हारी परीक्षा करे, और उसका भय तुम्हारे मन में बना रहे, कि तुम पाप न करो। 
Exodus 20:21 और वे लोग तो दूर ही खड़े रहे, परन्तु मूसा उस घोर अन्धकार के समीप गया जहां परमेश्वर था।
Exodus 20:22 तब यहोवा ने मूसा से कहा, तू इस्त्राएलियों को मेरे ये वचन सुना, कि तुम लोगों ने तो आप ही देखा है कि मैं ने तुम्हारे साथ आकाश से बातें की हैं। 
Exodus 20:23 तुम मेरे साथ किसी को सम्मिलित न करना, अर्थात अपने लिये चान्दी वा सोने से देवताओं को न गढ़ लेना। 
Exodus 20:24 मेरे लिये मिट्टी की एक वेदी बनाना, और अपनी भेड़-बकरियों और गाय-बैलों के होमबलि और मेलबलि को उस पर चढ़ाना; जहां जहां मैं अपने नाम का स्मरण कराऊं वहां वहां मैं आकर तुम्हें आशीष दूंगा। 
Exodus 20:25 और यदि तुम मेरे लिये पत्थरों की वेदी बनाओ, तो तराशे हुए पत्थरों से न बनाना; क्योंकि जहां तुम ने उस पर अपना हथियार लगाया वहां तू उसे अशुद्ध कर देगा। 
Exodus 20:26 और मेरी वेदी पर सीढ़ी से कभी न चढ़ना, कहीं ऐसा न हो कि तेरा तन उस पर नंगा देख पड़े।

एक साल में बाइबल: 
  • व्यवस्थाविवरण 23-25
  • मरकुस 14:1-26


सोमवार, 13 मार्च 2017

संवारना


   परमेश्वर के वचन बाइबल में जब मूसा ने परमेश्वर के मण्डप, उसके निवास-स्थान, के बनाने का कार्य आरंभ किया तो सारे इस्त्राएलियों को बुलाया (निर्गमन 35-39), और परमेश्वर द्वारा तैयार कर के नियुक्त किए गए कुशल कारीगर बसलेल को यह कार्य करने की ज़िम्मेदारी सौंपी। इस्त्राएल के लोगों से कहा गया कि वे इस कार्य के लिए अपने पास उपलब्ध सामान में से वे स्वेच्छा से दें; और कुछ स्त्रियों ने अपने पीतल के बहुमूल्य दर्पण भी परमेश्वर की उपस्थिति के स्थान का सामान बनाने के लिए दिए (निर्गमन 38:8)।

   अपने दर्पण दान कर दिए? हम में से अनेकों के लिए यह करना कठिन होगा कि कोई ऐसी वस्तु दान कर दें जिसके द्वारा हम अपने आप को देखने संवारने पाते हैं। हमें ऐसा करने के लिए कहा तो नहीं जाता है, परन्तु यह मुझे विचारने पर विवश करता है कि हम अपने आप को देखने, संवारने और अपने स्वरूप की जाँच करते रहने में कितना समय बिताते हैं? ऐसा करना हमें अपने बारे में अधिक और दूसरों के बारे कम सोचने वाला बना देता है।

   लेकिन जब हम बाइबल की इस शिक्षा पर ध्यान देते हैं कि हम जैसे भी हैं, हमारी खामियों और अधूरेपन के बावजूद, परमेश्वर हम से ऐसे में भी प्रेम करता है, तो यह हमें अपने चेहरों या स्वरूप के बारे में चिंतित होने की बजाए परमेश्वर तथा अन्य लोगों के बारे में सोचने के लिए प्रेरित करता है (फिलिप्पियों 2:4)।

   ऑगस्टीन ने कहा, हम अपने आप से प्रेम करने से तो खो जाते हैं, परन्तु दूसरों से प्रेम करने में पाए जाते हैं। दूसरे शब्दों में, आनन्दित रहने का रहस्य अपने चेहरों को संवारने में नहीं वरन अपने हृदय, अपने जीवन, अपने आप को दूसरों को संवारने के लिए दे देने में है, जैसा कि हमारे प्रभु यीशु ने हमारे लिए किया और हमारे सामने अनुसरण करने के लिए उदाहरण रखा। - डेविड रोपर


वह हृदय जो दूसरों को संवारने पर केंद्रित है, 
स्वार्थ द्वारा कभी नाश नहीं हो सकता।

निदान हम बलवानों को चाहिए, कि निर्बलों की निर्बलताओं को सहें; न कि अपने आप को प्रसन्न करें। हम में से हर एक अपने पड़ोसी को उस की भलाई के लिये सुधारने के निमित प्रसन्न करे। - रोमियों 15:1-2

बाइबल पाठ: फिलिप्पियों 2:1-11
Philippians 2:1 सो यदि मसीह में कुछ शान्‍ति और प्रेम से ढाढ़स और आत्मा की सहभागिता, और कुछ करूणा और दया है। 
Philippians 2:2 तो मेरा यह आनन्द पूरा करो कि एक मन रहो और एक ही प्रेम, एक ही चित्त, और एक ही मनसा रखो। 
Philippians 2:3 विरोध या झूठी बड़ाई के लिये कुछ न करो पर दीनता से एक दूसरे को अपने से अच्छा समझो। 
Philippians 2:4 हर एक अपनी ही हित की नहीं, वरन दूसरों के हित की भी चिन्‍ता करे। 
Philippians 2:5 जैसा मसीह यीशु का स्‍वभाव था वैसा ही तुम्हारा भी स्‍वभाव हो। 
Philippians 2:6 जिसने परमेश्वर के स्‍वरूप में हो कर भी परमेश्वर के तुल्य होने को अपने वश में रखने की वस्तु न समझा। 
Philippians 2:7 वरन अपने आप को ऐसा शून्य कर दिया, और दास का स्‍वरूप धारण किया, और मनुष्य की समानता में हो गया। 
Philippians 2:8 और मनुष्य के रूप में प्रगट हो कर अपने आप को दीन किया, और यहां तक आज्ञाकारी रहा, कि मृत्यु, हां, क्रूस की मृत्यु भी सह ली। 
Philippians 2:9 इस कारण परमेश्वर ने उसको अति महान भी किया, और उसको वह नाम दिया जो सब नामों में श्रेष्ठ है। 
Philippians 2:10 कि जो स्वर्ग में और पृथ्वी पर और जो पृथ्वी के नीचे है; वे सब यीशु के नाम पर घुटना टेकें। 
Philippians 2:11 और परमेश्वर पिता की महिमा के लिये हर एक जीभ अंगीकार कर ले कि यीशु मसीह ही प्रभु है।

एक साल में बाइबल: 
  • व्यवस्थाविवरण 20-22
  • मरकुस 13:21-37


रविवार, 12 मार्च 2017

आकाशमण्डल


   अपने प्राथमिक विद्यालय के छात्र होने के दिनों में, मैं और मेरा मित्र केन्ट अकसर रात्रि के आकाशमण्डल को दूरबीन द्वारा देखने में बिताते थे। हम सितारों को, चन्द्रमा के पहाड़ों को, देखकर चकित होते। सारी शाम हम बारी बारी आकाशमण्डल को निहारने के लिए एक दुसरे से कहते रहते थे, "ज़रा दूरबीन मुझे देना!"

   हम से कई सदियाँ पहले एक अन्य यहूदी चरवाहा युवक भी रात्रि के आकाशमण्डल को देख कर विस्मित होता था। उसके पास आकाशमण्डल की भव्यता को देखने और निहारने के लिए दूरबीन नहीं थी। परन्तु उसके पास कुछ और था, जो दूरबीन से भी अधिक महत्वपूर्ण था - जीवते परमेश्वर के साथ व्यक्तिगत संबंध। मैं कल्पना कर सकता हूँ कि दाऊद मैदान में बैठा आकाशमण्डल को निहार रहा है, परमेश्वर के बारे में मनन कर रहा है, और उसकी भेड़ें आस-पास हैं, मिमिया रही हैं। बाद में दाऊद ने परमेश्वर की प्रेरणा द्वारा अपने एक भजन में लिखा, "आकाश ईश्वर की महिमा वर्णन कर रहा है; और आकशमण्डल उसकी हस्तकला को प्रगट कर रहा है। दिन से दिन बातें करता है, और रात को रात ज्ञान सिखाती है" (भजन 19:1-2)।

   अपनी व्यस्त दिनचर्या में हमारे आनन्द तथा उसकी सामर्थ एवं महिमा प्रकट करने के लिए हमारे परमेश्वर पिता द्वारा आकाशमण्डल में रचि गई आश्चर्यचकित कर देने वाली उसकी अद्भुत कारीगरी एवं सुन्दरता को हम निहारना भूल जाते हैं। जब भी हम समय निकाल कर रात्रि के आकाशमण्डल को देखते हैं, परमेश्वर की सृष्टि पर मनन करते हैं तो अपने स्वर्गीय प्रेमी पिता की हस्ती, असीम सामर्थ एवं महिमा की गहरी समझ प्राप्त करते हैं, उसकी निकटता में बढ़ते हैं। - डेनिस फिशर


परमेश्वर की सृष्टि के अजूबों से हम उसकी महिमा, गौरव और चरित्र का दर्शन पाते हैं।

इसलिये कि परमेश्वर के विषय का ज्ञान उन के मनों में प्रगट है, क्योंकि परमेश्वर ने उन पर प्रगट किया है। क्योंकि उसके अनदेखे गुण, अर्थात उस की सनातन सामर्थ, और परमेश्वरत्व जगत की सृष्टि के समय से उसके कामों के द्वारा देखने में आते है, यहां तक कि वे निरुत्तर हैं। - रोमियों 1:19-20

बाइबल पाठ: भजन 19
Psalms 19:1 आकाश ईश्वर की महिमा वर्णन कर रहा है; और आकशमण्डल उसकी हस्तकला को प्रगट कर रहा है। 
Psalms 19:2 दिन से दिन बातें करता है, और रात को रात ज्ञान सिखाती है। 
Psalms 19:3 न तो कोई बोली है और न कोई भाषा जहां उनका शब्द सुनाई नहीं देता है। 
Psalms 19:4 उनका स्वर सारी पृथ्वी पर गूंज गया है, और उनके वचन जगत की छोर तक पहुंच गए हैं। उन में उसने सूर्य के लिये एक मण्डप खड़ा किया है, 
Psalms 19:5 जो दुल्हे के समान अपने महल से निकलता है। वह शूरवीर की नाईं अपनी दौड़ दौड़ने को हर्षित होता है। 
Psalms 19:6 वह आकाश की एक छोर से निकलता है, और वह उसकी दूसरी छोर तक चक्कर मारता है; और उसकी गर्मी सब को पहुंचती है।
Psalms 19:7 यहोवा की व्यवस्था खरी है, वह प्राण को बहाल कर देती है; यहोवा के नियम विश्वासयोग्य हैं, साधारण लोगों को बुद्धिमान बना देते हैं; 
Psalms 19:8 यहोवा के उपदेश सिद्ध हैं, हृदय को आनन्दित कर देते हैं; यहोवा की आज्ञा निर्मल है, वह आंखों में ज्योति ले आती है; 
Psalms 19:9 यहोवा का भय पवित्र है, वह अनन्तकाल तक स्थिर रहता है; यहोवा के नियम सत्य और पूरी रीति से धर्ममय हैं। 
Psalms 19:10 वे तो सोने से और बहुत कुन्दन से भी बढ़कर मनोहर हैं; वे मधु से और टपकने वाले छत्ते से भी बढ़कर मधुर हैं। 
Psalms 19:11 और उन्हीं से तेरा दास चिताया जाता है; उनके पालन करने से बड़ा ही प्रतिफल मिलता है। 
Psalms 19:12 अपनी भूलचूक को कौन समझ सकता है? मेरे गुप्त पापों से तू मुझे पवित्र कर। 
Psalms 19:13 तू अपने दास को ढिठाई के पापों से भी बचाए रख; वह मुझ पर प्रभुता करने न पाएं! तब मैं सिद्ध हो जाऊंगा, और बड़े अपराधों से बचा रहूंगा।
Psalms 19:14 मेरे मुंह के वचन और मेरे हृदय का ध्यान तेरे सम्मुख ग्रहण योग्य हों, हे यहोवा परमेश्वर, मेरी चट्टान और मेरे उद्धार करने वाले!

एक साल में बाइबल: 
  • व्यवस्थाविवरण 17-19
  • मरकुस 13:1-20