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मंगलवार, 29 नवंबर 2016

अन्त


   परमेश्वर के वचन बाइबल के कथानक का अन्त वहीं पर होता है जहाँ से वह आरंभ हुआ था। उस अन्त में परमेश्वर और मनुष्य के बीच का टूटा हुआ रिश्ता अन्ततः ठीक होकर पुनःस्थापित हो जाता है, और उत्पत्ति 3 में आया श्राप मिट जाता है। आरंभ के अदन की वाटिका के दृश्य से ली गई छवियों के समान, अन्तिम पुस्तक प्रकाशितवाक्य में एक नदी और जीवन के वृक्ष का चित्रण है (प्रकाशितवाक्य 22:1-2); लेकिन यहाँ वाटिका के स्थान पर एक बड़ा शहर है जो परमेश्वर के आराधकों से भरा हुआ है, और जहाँ मृत्यु या किसी भी प्रकार की उदासी वहाँ के दृश्य पर कभी कोई अन्धकार नहीं लाने पाएंगे। जब हम मसीही विश्वासी उस नए आकाश और नई पृथ्वी में अपनी आँखें खोलेंगे वह इस कथानक का सुखद अन्त होगा।

   स्वर्ग कोई वैकलपिक विश्वास या बाद में जोड़ा गया विचार नहीं है; वह समस्त सृष्टि की अन्तिम दोषमुक्ति है। बाइबल कभी मानव त्रासदी और निराशाओं को छोटा या महत्वहीन करके नहीं आंकती; बाइबल के समान कष्टप्रद होने तक खरी और सच्ची पुस्तक और कोई नहीं है। लेकिन इन सब के वास्तविक होने के अंगीकार के साथ बाइबल इनके बारे में एक शब्द और जोड़ देती है: अस्थायी। जो हम अब अनुभव कर रहे हैं वह सदा नहीं रहेगा (2 कुरिन्थियों 4:17-18); सृष्टि के सुखद पुनःनिर्माण का समय भी आएगा।

   जो मसीही विश्वासी अपने आप को किसी दुःख या टूटे हुए घर-परिवारों, या आर्थिक तंगी, या किसी भय में फंसा हुआ अनुभव करते हैं, हम सब के लिए, हमारे प्रभु परमेश्वर की ओर से स्वर्ग में स्वास्थ्य, आनन्द और शान्ति से परिपूर्ण अनन्त भविष्य का वायदा है। बाइबल का आरंभ उत्पत्ति की पुस्तक में एक मुक्तिदाता के वायदे (उत्पत्ति 3:15) के साथ होता है, और अन्त भी उसी मुक्तिदाता के वायदे - अनन्त सुखद भविष्य के साथ होता है (प्रकाशितवाक्य 21:1-7), जब अन्त एक नया आरंभ होगा। - फिलिप यैन्सी


स्वर्ग के लाभ पृथ्वी की हानियों की पूर्ति से कहीं अधिक बढ़कर होंगे।

क्योंकि हमारा पल भर का हल्का सा क्‍लेश हमारे लिये बहुत ही महत्‍वपूर्ण और अनन्त महिमा उत्पन्न करता जाता है। और हम तो देखी हुई वस्‍तुओं को नहीं परन्तु अनदेखी वस्‍तुओं को देखते रहते हैं, क्योंकि देखी हुई वस्तुएं थोड़े ही दिन की हैं, परन्तु अनदेखी वस्तुएं सदा बनी रहती हैं। - 2 कुरिन्थियों 4:17-18

बाइबल पाठ: प्रकाशितवाक्य 21:1-7
Revelation 21:1 फिर मैं ने नये आकाश और नयी पृथ्वी को देखा, क्योंकि पहिला आकाश और पहिली पृथ्वी जाती रही थी, और समुद्र भी न रहा। 
Revelation 21:2 फिर मैं ने पवित्र नगर नये यरूशलेम को स्वर्ग पर से परमेश्वर के पास से उतरते देखा, और वह उस दुल्हिन के समान थी, जो अपने पति के लिये सिंगार किए हो। 
Revelation 21:3 फिर मैं ने सिंहासन में से किसी को ऊंचे शब्द से यह कहते सुना, कि देख, परमेश्वर का डेरा मनुष्यों के बीच में है; वह उन के साथ डेरा करेगा, और वे उसके लोग होंगे, और परमेश्वर आप उन के साथ रहेगा; और उन का परमेश्वर होगा। 
Revelation 21:4 और वह उन की आंखों से सब आंसू पोंछ डालेगा; और इस के बाद मृत्यु न रहेगी, और न शोक, न विलाप, न पीड़ा रहेगी; पहिली बातें जाती रहीं। 
Revelation 21:5 और जो सिंहासन पर बैठा था, उसने कहा, कि देख, मैं सब कुछ नया कर देता हूं: फिर उसने कहा, कि लिख ले, क्योंकि ये वचन विश्वास के योग्य और सत्य हैं। 
Revelation 21:6 फिर उसने मुझ से कहा, ये बातें पूरी हो गई हैं, मैं अलफा और ओमिगा, आदि और अन्‍त हूं: मैं प्यासे को जीवन के जल के सोते में से सेंतमेंत पिलाऊंगा। 
Revelation 21:7 जो जय पाए, वही इन वस्‍तुओं का वारिस होगा; और मैं उसका परमेश्वर होऊंगा, और वह मेरा पुत्र होगा।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजेकल 35-36
  • 2 पतरस 1