ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

गुरुवार, 3 नवंबर 2016

निकट


   मिनी और जॉर्ज लेसी के सामने कुछ प्रश्न थे: "क्या यीशु मसीह काफी है? क्या उसके साथ हमारा संबंध हमें संभालने के लिए काफी है? क्या वह हमें जीने की इच्छा और कारण देने के लिए काफी है? क्या उसे हमारी कोई चिंता है?"

   अपनी मिशनरी सेवकाई के दौरान, 1904 में, लेसी दंपत्ति की सबसे छोटी बेटी बीमार पड़ी; और फिर एक के बाद एक, उनके पाँचों बच्चे बीमार होकर मर गए, उनमें से एक भी नए वर्ष को नहीं देखने पाया। अपनी मिशनरी संस्था को लिखे गए पत्रों में जॉर्ज लेसी ने अपने गहरे दुःख तथा अकेलेपन के संबंध में लिखा: "कभी कभी यह हमारे सहने के बाहर लगता है।" लेकिन साथ ही उसने यह भी लिखा, "हमारा प्रभु हमारे साथ है और अद्भुत रीति से हमारी सहायता भी कर रहा है।" अपने इस कठिन और सबसे अन्धकारपूर्ण समय में, उन्होंने पाया कि प्रभु यीशु उनके साथ, उनके निकट है और उनके साथ उसकी यह उपस्थिति उनके लिए काफी है।

   हम में से अनेकों ऐसे पलों का सामना करेंगे, जब हमारे मनों में प्रश्न उठेंगे कि क्या अब और आगे बढ़ पाना हमारे लिए संभव है। यदि हमारा स्वास्थ्य बिगड़ जाए, हमारी नौकरी जाती रहे, हमारे निकट संबंधी जाते रहें इत्यादि, तो क्या प्रभु परमेश्वर के साथ हमारा संबंध फिर भी हमें आगे बढ़ते रहने के लिए प्रेरित करने के लिए काफी है?

   परमेश्वर के वचन बाइबल में भजनकार ने हमें परमेश्वर की उपस्थिति और विश्वासयोग्यता के बारे में स्मरण करवाया है (भजन 30)। जब भजनकार अत्याधिक निराशा में था, क्योंकि उसका अनुभव था कि परमेश्वर उसे सांत्वना और शांति देता है (पद 2-3) तो उसने पुकारा, "हे यहोवा, सुन, मुझ पर अनुग्रह कर; हे यहोवा, तू मेरा सहायक हो" (पद 10), और परमेश्वर ने उसकी सहायता करी (पद 11)। प्रभु यीशु मसीह के विश्वासियों को दृढ़ होकर डटे रहने के लिए आवश्यक सामर्थ की कभी घटी नहीं होगी; प्रभु परमेश्वर सदा हमारे निकट और साथ रहेगा। - रैंडी किलगोर


सर्वसामर्थी प्रभु प्रभु यीशु में विश्वास हमें हर परिस्थिति में 
दृढ़ होकर डटे रहने के लिए आवश्यक सामर्थ प्रदान करता है।

यहोवा मेरा बल और मेरी ढ़ाल है; उस पर भरोसा रखने से मेरे मन को सहायता मिली है; इसलिये मेरा हृदय प्रफुल्लित है; और मैं गीत गाकर उसका धन्यवाद करूंगा। - भजन 28:7

बाइबल पाठ: भजन 30
Psalms 30:1 हे यहोवा मैं तुझे सराहूंगा, क्योंकि तू ने मुझे खींचकर निकाला है, और मेरे शत्रुओं को मुझ पर आनन्द करने नहीं दिया। 
Psalms 30:2 हे मेरे परमेश्वर यहोवा, मैं ने तेरी दोहाई दी और तू ने मुझे चंगा किया है। 
Psalms 30:3 हे यहोवा, तू ने मेरा प्राण अधोलोक में से निकाला है, तू ने मुझ को जीवित रखा और कब्र में पड़ने से बचाया है।
Psalms 30:4 हे यहोवा के भक्तों, उसका भजन गाओ, और जिस पवित्र नाम से उसका स्मरण होता है, उसका धन्यवाद करो। 
Psalms 30:5 क्योंकि उसका क्रोध, तो क्षण भर का होता है, परन्तु उसकी प्रसन्नता जीवन भर की होती है। कदाचित् रात को रोना पड़े, परन्तु सवेरे आनन्द पहुंचेगा।
Psalms 30:6 मैं ने तो अपने चैन के समय कहा था, कि मैं कभी नहीं टलने का। 
Psalms 30:7 हे यहोवा अपनी प्रसन्नता से तू ने मेरे पहाड़ को दृढ़ और स्थिर किया था; जब तू ने अपना मुख फेर लिया तब मैं घबरा गया।
Psalms 30:8 हे यहोवा मैं ने तुझी को पुकारा; और यहोवा से गिड़गिड़ाकर यह बिनती की, कि 
Psalms 30:9 जब मैं कब्र में चला जाऊंगा तब मेरे लोहू से क्या लाभ होगा? क्या मिट्टी तेरा धन्यवाद कर सकती है? क्या वह तेरी सच्चाई का प्रचार कर सकती है? 
Psalms 30:10 हे यहोवा, सुन, मुझ पर अनुग्रह कर; हे यहोवा, तू मेरा सहायक हो।
Psalms 30:11 तू ने मेरे लिये विलाप को नृत्य में बदल डाला, तू ने मेरा टाट उतरवाकर मेरी कमर में आनन्द का पटुका बान्धा है; 
Psalms 30:12 ताकि मेरी आत्मा तेरा भजन गाती रहे और कभी चुप न हो। हे मेरे परमेश्वर यहोवा, मैं सर्वदा तेरा धन्यवाद करता रहूंगा।

एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मयाह 30-31
  • फिलेमोन