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मंगलवार, 4 अक्तूबर 2016

स्थाई


   हम आज एक ऐसी संस्कृति में रह रहे हैं जिसमें ’प्रयोग करो और फेंक दो’ का चलन अधिकाधिक होता जा रहा है। थोड़ा थम कर दैनिक उपयोग की उन वस्तुओं के बारे में सोचें जो उपयोग हो चुकने के बाद फेंके जाने के लिए ही बनाई जाती हैं - उस्तरे, पानी की बोतलें, लाईटर, कागज़ की प्लेटें, भोजन करने के लिए प्लास्टिक के बर्तन इत्यादि, सभी ऐसी वस्तुएं हैं जिनका प्रयोग करके उन्हें फेंक दिया जाता है और उनके स्थान पर ऐसा ही करने के लिए नई वस्तुएं ले ली जाती हैं।

   यह ’प्रयोग करो और फेंक दो’ का चलन हमारे परस्पर व्यवहार एवं संबंधों में भी दिखने और बढ़ने लगा है। कई बार रिश्तों में परस्पर सच्चा समर्पण एच्छिक प्रतीत होता है; विवाह संबंध स्थाई बने रहने के लिए संघर्षों से निकलते रहते हैं। लंबे समय से कार्य करने वाले कर्मचारी मालिकों या अधिकारियों द्वारा सेवानिवृति से पहले बर्खास्त कर दिए जाते हैं ताकि उनका स्थान सस्ते विकल्प ले सकें। उच्च कोटि के खिलाड़ी अधिक कमाई के लिए अपनी टीम छोड़ कर दूसरी टीम में चले जाते हैं। ऐसा लगता है कि कुछ भी स्थाई नहीं है।

   लेकिन हमारे कभी ना बदलने वाले प्रभु परमेश्वर का यह वायदा है कि उसका प्रेम भरा अनुग्रह उसके बच्चों के साथ सदा स्थाई बना रहेगा। परमेश्वर के वचन बाइबल के भजन 136 में भजनकार परमेश्वर के इसी स्थाई होने के वायदे का जश्न उसके कार्य, चरित्र और हैसियत के अचरज से संबंधित कथनों के द्वारा मनाता है। परमेश्वर से संबंधित अपने हर कथन के बाद भजनकार दोहराता है, "उसकी करुणा सदा की है"; चाहे वह कथन परमेश्वर की अद्भुत सृष्टि पर हो (पद 4-9), या अपने लोगों को बचाने के लिए किए गए उसके कार्य पर हो (पद 10-22) या फिर अपने लोगों के प्रति उसकी करुणापूर्ण देखभाल से संबंधित हो (पद 23-26)। हम परमेश्वर में सदा अपना भरोसा बनाए रख सकते हैं क्योंकि उसकी करुणा कभी कम नहीं होती; परमेश्वर की करुणा का स्थाई होना हमें हर परिस्थिति में आशा प्रदान करता रहता है।

   इसीलिए हम भी भजनकार के साथ यह कह सकते हैं: "यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि वह भला है, और उसकी करूणा सदा की है" (पद 1)।


परमेश्वर का अनुग्रह अथाह; उसकी करुणा अनन्त और उसकी शांति अवर्णनीय है।

क्योंकि मैं यहोवा बदलता नहीं; इसी कारण, हे याकूब की सन्तान तुम नाश नहीं हुए। - मलाकी 3:6

बाइबल पाठ: भजन 136:1-11; 23-26
Psalms 136:1 यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि वह भला है, और उसकी करूणा सदा की है। 
Psalms 136:2 जो ईश्वरों का परमेश्वर है, उसका धन्यवाद करो, उसकी करूणा सदा की है।
Psalms 136:3 जो प्रभुओं का प्रभु है, उसका धन्यवाद करो, उसकी करूणा सदा की है।
Psalms 136:4 उसको छोड़कर कोई बड़े बड़े अशचर्यकर्म नहीं करता, उसकी करूणा सदा की है। 
Psalms 136:5 उसने अपनी बुद्धि से आकाश बनाया, उसकी करूणा सदा की है। 
Psalms 136:6 उसने पृथ्वी को जल के ऊपर फैलाया है, उसकी करूणा सदा की है। 
Psalms 136:7 उसने बड़ी बड़ी ज्योतियों बनाईं, उसकी करूणा सदा की है। 
Psalms 136:8 दिन पर प्रभुता करने के लिये सूर्य को बनाया, उसकी करूणा सदा की है। 
Psalms 136:9 और रात पर प्रभुता करने के लिये चन्द्रमा और तारागण को बनाया, उसकी करूणा सदा की है। 
Psalms 136:10 उसने मिस्त्रियों के पहिलौठों को मारा, उसकी करूणा सदा की है।
Psalms 136:11 और उनके बीच से इस्राएलियों को निकाला, उसकी करूणा सदा की है। 
Psalms 136:23 उसने हमारी दुर्दशा में हमारी सुधि ली, उसकी करूणा सदा की है। 
Psalms 136:24 और हम को द्रोहियों से छुड़ाया है, उसकी करूणा सदा की है। 
Psalms 136:25 वह सब प्राणियों को आहार देता है, उसकी करूणा सदा की है। 
Psalms 136:26 स्वर्ग के परमेश्वर का धन्यवाद करो, उसकी करूणा सदा की है। 

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 20-22
  • इफिसियों 6