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शुक्रवार, 26 अगस्त 2016

मार्गनिर्देशन


   दावा सोबेल की पुरुस्कृत पुस्तक Longitude, पुराने समयों में नाविकों के सामने रहने वाले घोर असमंजस का वर्णन करती है। वे नाविक दिन के समय और सूरज की ऊँचाई के आधार पर भूमध्य रेखा से अपने उत्तर या दक्षिण की स्थिति, अर्थात लैटिट्यूड तो आसानी से जान लेते थे; लेकिन पूर्व-पश्चिम दिशा के आधार पर अपनी स्थिति का आँकलन करना, अर्थात अपनी स्थिति के लौंगीट्यूड को जानना उनके लिए बड़ा जटिल और गैरभरोसेमन्द था, जब तक कि अंग्रेज़ी घड़ी-साज़ जौन हैरिसन ने समुद्री समय-मापक (marine chronometer) का अविषकार नहीं कर लिया। यह समय-मापक एक ऐसी घड़ी था जो उनके मूल बन्दरगाह से दूरी के सही समय को दिखाती थी, वे चाहे समुद्र में कितनी भी दूर, कहीं भी क्यों ना चले जाएं; इससे अब वे नाविक अपना लौंगीट्यूड भी सरलता से जान लेते थे।

   जीवन के समुद्र की हमारी यात्रा के लिए भी हमें एक विश्वासयोग्य मार्गदर्शिका चाहिए, जो सदा हमें हमारी सही स्थिति तथा हमारे लिए सही दिशा बताती रहे। परमेश्वर ने यह हमारे लिए उपलब्ध करवाया है - अपना जीवता वचन, बाइबल। भजनकार ने इस जीवते वचन के लिए लिखा है, "अहा! मैं तेरी व्यवस्था में कैसी प्रीति रखता हूं! दिन भर मेरा ध्यान उसी पर लगा रहता है" (भजन 119:97)। परमेश्वर के वचन पर कभी-कभी नज़र दौड़ा लेने की बजाए, भजनकार ने दिन भर सभी बातों के लिए वचन से निर्देशन पाने के संबंध में लिखा, "मैं अपने सब शिक्षकों से भी अधिक समझ रखता हूं, क्योंकि मेरा ध्यान तेरी चितौनियों पर लगा है" (भजन 119:99); और इसके साथ ही इस वचन की आज्ञाकारिता के अपने प्रण को भी दोहराया: "मैं ने शपथ खाई, और ठाना भी है कि मैं तेरे धर्ममय नियमों के अनुसार चलूंगा" (भजन 119:106)।

   पुराने समय के उन नाविकों के समान, सही दिशा में चलने के लिए हमें भी सदा हमारा सही मार्गनिर्देशन करने वाला एक विश्वास्योग्य साधन चाहिए। यदि हम दिन-प्रतिदिन खुले दिल और आज्ञाकारी मन से परमेश्वर के सामने आते हैं, और उसके वचन का मार्गदर्शन स्वीकार करते हैं, तो वह मार्गदर्शन उस जीवते वचन से हमें प्राप्त होता है: "तेरा वचन मेरे पांव के लिये दीपक, और मेरे मार्ग के लिये उजियाला है" (भजन 119:105)। - डेविड मैक्कैसलैंड


यदि परमेश्वर आपका मार्गदर्शक है तो आप सही दिशा में अग्रसर रहेंगे।

आज्ञा तो दीपक है और शिक्षा ज्योति, और सिखाने वाले की डांट जीवन का मार्ग है - नीतिवचन 6:23

बाइबल पाठ: भजन 119:97-106
Psalms 119:97 अहा! मैं तेरी व्यवस्था से कैसी प्रीति रखता हूं! दिन भर मेरा ध्यान उसी पर लगा रहता है। 
Psalms 119:98 तू अपनी आज्ञाओं के द्वारा मुझे अपने शत्रुओं से अधिक बुद्धिमान करता है, क्योंकि वे सदा मेरे मन में रहती हैं। 
Psalms 119:99 मैं अपने सब शिक्षकों से भी अधिक समझ रखता हूं, क्योंकि मेरा ध्यान तेरी चितौनियों पर लगा है। 
Psalms 119:100 मैं पुरनियों से भी समझदार हूं, क्योंकि मैं तेरे उपदेशों को पकड़े हुए हूं। 
Psalms 119:101 मैं ने अपने पांवों को हर एक बुरे रास्ते से रोक रखा है, जिस से मैं तेरे वचन के अनुसार चलूं। 
Psalms 119:102 मैं तेरे नियमों से नहीं हटा, क्योंकि तू ही ने मुझे शिक्षा दी है। 
Psalms 119:103 तेरे वचन मुझ को कैसे मीठे लगते हैं, वे मेरे मुंह में मधु से भी मीठे हैं! 
Psalms 119:104 तेरे उपदेशों के कारण मैं समझदार हो जाता हूं, इसलिये मैं सब मिथ्या मार्गों से बैर रखता हूं।
Psalms 119:105 तेरा वचन मेरे पांव के लिये दीपक, और मेरे मार्ग के लिये उजियाला है। 
Psalms 119:106 मैं ने शपथ खाई, और ठाना भी है कि मैं तेरे धर्ममय नियमों के अनुसार चलूंगा।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 119:89-176
  • 1 कुरिन्थियों 8