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शनिवार, 13 अगस्त 2016

आत्मा


   सन 1891 के अगस्त माह की गर्मी में आर० जी० डायरनफ़ोर्थ, मिडलैंड टेक्सस में यह ठान कर आए कि वे विस्फोट द्वारा आकाश से बारिश करवा देंगे। वे "Concussionist" (विस्फोटक प्रहारक) के उपनाम से भी जाने जाते थे; उन्होंने तथा उनके दल के लोगों ने मिल कर विस्फोटक गैस से भरे अनेकों विशाल गुब्बारे आकाश में फोड़े, ज़मीन से अनेकों तोपें दाग़ीं और बारूद के कई ढेरों से विस्फोट किए जिन से धरती और आकाश कांप गए। कुछ लोगों का कहना है कि उनके प्रयासों से हल्की सी बारिश हुई थी; लेकिन सामन्यतः यही माना जाता है कि उन्होंने केवल आवाज़ ही उत्पन्न करी, उनके द्वारा किए गए विस्फोट देखने-सुनने में प्रभावी किंतु अपने दावे और उद्देश्य के लिए बेनतीजा थे।

   जब प्रारंभिक चर्च में देख-भाल करने वालों की आवश्यकता हुई, तो मण्डली के लोगों ने एक विशेष सामर्थ वाले लोगों की खोज करी। उन्होंने मण्डली में भोजन वितरण के कार्य के निरीक्षण और उसके सुचारु रीति से किए जाने को सुनिश्चित करने के लिए "अपने में से सात सुनाम पुरूषों को जो पवित्र आत्मा और बुद्धि से परिपूर्ण हों, चुन लो, कि हम उन्हें इस काम पर ठहरा दें" (प्रेरितों 6:3)। इन में से एक था स्तिफनुस, जो कि "अनुग्रह और सामर्थ में परिपूर्ण हो कर लोगों में बड़े बड़े अद्भुत काम और चिन्ह दिखाया करता था" (पद 8)। आगे चलकर जब आत्मिक बातों तथा प्रभु यीशु में विश्वास के संबंध में विवाद उठे तो जो स्तिफनुस से विवाद करने आए थे वे "उस ज्ञान और उस आत्मा का जिस से वह बातें करता था, वे साम्हना न कर सके" (पद 10)।

   परमेश्वर का वचन बाइबल यह स्पष्ट कर देती है कि स्तिफनुस का इस प्रकार प्रभावी होना उसके अन्दर कार्य करने वाली परमेश्वर की पवित्र-आत्मा के कारण था, जिससे स्तिफनुस भरा हुआ था। यही आत्मा उसे परिस्थिति तथा आवश्यकतानुसार विश्वास, बुद्धिमता और सामर्थ का सही सामंजस्य प्रदान करती थी, जिससे कोई उसके सामने टिक नहीं पाता था।

   आज अपने जीवनों से सांसारिकता और स्वार्थ के विस्फोटकों को निकाल कर परमेश्वर के पवित्र-आत्मा को भर लें; पवित्र-आत्मा के कार्यों में कोई बाहरी शोर या दिखावा तो नहीं है परन्तु आन्तरिक परिवर्तन, प्रभाव और नम्रता तथा भलाई से परिपूर्ण प्रभावी जीवन अवश्य है। - डेविड मैक्कैसलैण्ड


अपने मसीही जीवन में बिना पवित्र-आत्मा की सामर्थ के हम कुछ नहीं कर सकते हैं।

पर मैं कहता हूं, आत्मा के अनुसार चलो, तो तुम शरीर की लालसा किसी रीति से पूरी न करोगे। - गलतियों 5:16

बाइबल पाठ: प्रेरितों 6:1-10
Acts 6:1 उन दिनों में जब चेले बहुत होते जाते थे, तो यूनानी भाषा बोलने वाले इब्रानियों पर कुड़कुड़ाने लगे, कि प्रति दिन की सेवकाई में हमारी विधवाओं की सुधि नहीं ली जाती। 
Acts 6:2 तब उन बारहों ने चेलों की मण्‍डली को अपने पास बुलाकर कहा, यह ठीक नहीं कि हम परमेश्वर का वचन छोड़कर खिलाने पिलाने की सेवा में रहें। 
Acts 6:3 इसलिये हे भाइयो, अपने में से सात सुनाम पुरूषों को जो पवित्र आत्मा और बुद्धि से परिपूर्ण हों, चुन लो, कि हम उन्हें इस काम पर ठहरा दें। 
Acts 6:4 परन्तु हम तो प्रार्थना में और वचन की सेवा में लगे रहेंगे। 
Acts 6:5 यह बात सारी मण्‍डली को अच्छी लगी, और उन्होंने स्‍तिुफनुस नाम एक पुरूष को जो विश्वास और पवित्र आत्मा से परिपूर्ण था, और फिलेप्पुस और प्रखुरूस और नीकानोर और तीमोन और परिमनास और अन्‍ताकीवाला नीकुलाउस को जो यहूदी मत में आ गया था, चुन लिया। 
Acts 6:6 और इन्हें प्रेरितों के साम्हने खड़ा किया और उन्होंने प्रार्थना कर के उन पर हाथ रखे। 
Acts 6:7 और परमेश्वर का वचन फैलता गया और यरूशलेम में चेलों की गिनती बहुत बढ़ती गई; और याजकों का एक बड़ा समाज इस मत के आधीन हो गया। 
Acts 6:8 स्‍तिुफनुस अनुग्रह और सामर्थ में परिपूर्ण हो कर लोगों में बड़े बड़े अद्भुत काम और चिन्ह दिखाया करता था। 
Acts 6:9 तब उस अराधनालय में से जो लिबरतीनों की कहलाती थी, और कुरेनी और सिकन्‍दिरया और किलिकिया और एशीया के लोगों में से कई एक उठ कर स्‍तिुफनुस से वाद-विवाद करने लगे। 
Acts 6:10 परन्तु उस ज्ञान और उस आत्मा का जिस से वह बातें करता था, वे साम्हना न कर सके।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 87-88
  • रोमियों 13