ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

रविवार, 7 अगस्त 2016

कठिन लोग


   अपनी पुस्तक, "God in the Dock" में लेखक सी० एस० ल्यूईस ऐसे लोगों का वर्णन करते हैं जिनके साथ कार्य करना या निभाना कठिन होता है। ऐसे लोगों का स्वार्थीपन, क्रोध, ईर्ष्या आदि जैसे दुर्गुण उनके साथ हमारे संबंधों को अकसर बिगाड़ देते हैं, संबंध निभाना कठिन कर देते हैं। ऐसे लोगों को लेकर हम यह सोचने लगते हैं कि, "यदि यह व्यक्ति ना होता तो जीवन कितना सहज हो जाता; काश कि हम ऐसे लोगों के साथ कार्य करने या निभाने से बच सकते!"

   फिर ल्यूईस हम पर पासा पलट देते हैं और हमारे सामने एक कटु सत्य लेकर आते हैं; उन कठिन लोगों के कारण जैसी कुँठाओं और निराशाओं का सामना हमें करना पड़ता है, वैसी ही बातों का सामना हमारे कारण परमेश्वर को भी प्रतिदिन करना पड़ता है। ल्यूईस लिखते हैं, "आप भी वैसे ही कठिन व्यक्ति हैं। आपके चरित्र में भी कुछ गंभीर दोष हैं। जैसे आपकी योजनाएं और आशाएं किसी अन्य के चरित्र के कारण धाराशायी हो गई हैं, वैसे ही औरों की योजनाएं और आशाएं आपके चरित्र के कारण भी धाराशाई हुई हैं।" जैसे परमेश्वर प्रतिदिन हमारे प्रति धैर्य तथा सहनशीलता दिखाते हुए हमें स्वीकार करे रहता है, इस तथ्य का बोध होने के पश्चात हमें भी उन कठिन लोगों के प्रति वैसे ही धैर्य तथा सहनशीलता दिखाते रहना चाहिए।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में इफसुस के मसीही विश्वासियों को लिखी अपनी पत्री में प्रेरित पौलुस ने लिखा: "अर्थात सारी दीनता और नम्रता सहित, और धीरज धरकर प्रेम से एक दूसरे की सह लो" (इफिसियों 4:2)। जो कोई धैर्यवान है, वह बिना क्रोधित हुए या बिना बदला लेने की भावना के, किसी भी कठिन जन के साथ अधिक अच्छे से व्यवहार कर सकता है; बिना उत्तेजित एवं विचलित हुए, उसे सहनशीलता के साथ अनुग्रह दिखा सकता है।

   क्या आपके जीवन में कठिन लोग हैं? परमेश्वर से प्रार्थना में मांगें कि वह आप में होकर उन तक अपना प्रेम और अनुग्रह पहुँचाए। - डेनिस फिशर


जैसा परमेश्वर आपको देखता है, आपके साथ व्यवहार करता है, 
आप भी औरों के साथ वैसा ही करें।

क्योंकि मैं ने तुम्हें नमूना दिखा दिया है, कि जैसा मैं ने तुम्हारे साथ किया है, तुम भी वैसा ही किया करो। - यूहन्ना 13:15

बाइबल पाठ: इफिसियों 4:1-12
Ephesians 4:1 सो मैं जो प्रभु में बन्‍धुआ हूं तुम से बिनती करता हूं, कि जिस बुलाहट से तुम बुलाए गए थे, उसके योग्य चाल चलो। 
Ephesians 4:2 अर्थात सारी दीनता और नम्रता सहित, और धीरज धरकर प्रेम से एक दूसरे की सह लो। 
Ephesians 4:3 और मेल के बन्ध में आत्मा की एकता रखने का यत्‍न करो। 
Ephesians 4:4 एक ही देह है, और एक ही आत्मा; जैसे तुम्हें जो बुलाए गए थे अपने बुलाए जाने से एक ही आशा है। 
Ephesians 4:5 एक ही प्रभु है, एक ही विश्वास, एक ही बपतिस्मा। 
Ephesians 4:6 और सब का एक ही परमेश्वर और पिता है, जो सब के ऊपर और सब के मध्य में, और सब में है।
Ephesians 4:7 पर हम में से हर एक को मसीह के दान के परिमाण से अनुग्रह मिला है। 
Ephesians 4:8 इसलिये वह कहता है, कि वह ऊंचे पर चढ़ा, और बन्‍धुवाई को बान्‍ध ले गया, और मनुष्यों को दान दिए। 
Ephesians 4:9 (उसके चढ़ने से, और क्या पाया जाता है केवल यह, कि वह पृथ्वी की निचली जगहों में उतरा भी था। 
Ephesians 4:10 और जो उतर गया यह वही है जो सारे आकाश से ऊपर चढ़ भी गया, कि सब कुछ परिपूर्ण करे)। 
Ephesians 4:11 और उसने कितनों को भविष्यद्वक्ता नियुक्त कर के, और कितनों को सुसमाचार सुनाने वाले नियुक्त कर के, और कितनों को रखवाले और उपदेशक नियुक्त कर के दे दिया। 
Ephesians 4:12 जिस से पवित्र लोग सिद्ध हों जाएं, और सेवा का काम किया जाए, और मसीह की देह उन्नति पाए।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 72-73
  • रोमियों 9:1-15