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बुधवार, 25 मई 2016

गति


   कुछ समय पहले मुझे एक शारीरिक व्याधि हो गई - मेरे बांएँ कन्धे और भुजा में दर्द होने लगा, मेरे अँगूठे तथा उससे ऊपर के भाग में पीड़ादायक छाले हो गए, और मैं थका हुआ रहने लगा। जब मैं डॉक्टर के पास गया, तो उसने बाताया कि मुझे शिंगल्स अर्थात हर्पीस हो गया है। डॉक्टर ने मुझे दवाईयाँ दीं और बताया कि इस बीमारी को ठीक होने में कुछ हफ्तों का समय लगेगा। बीमारी के कारण मुझे अपनी दिनचर्या परिवर्तित करनी पड़ी; मुझे सुबह तथा दोपहर में नींद की एक झपकी लेनी पड़ती थी जिससे मैं अपने कार्य करने की सामर्थ बनाए रख सकूँ। जब तक मैं बीमारी से ठीक नहीं हो गया, मुझे अपने कार्य और दिनचर्या की गति को निर्धारित करके विश्राम का समय बीच में डालना पड़ा।

   एक बार जब प्रभु यीशु ने अपने चेलों को उसके नाम में सेवकाई करने के लिए भेजा, तो उस सामर्थ तथा अद्भुत परिणामों के कारण जो उन्होंने अपने जीवनों में कार्यकारी होते देखी, वे इतने उत्साहित हो गए कि लौटने पर वे ठीक से भोजन और विश्राम के लिए समय निकाल नहीं पा रहे थे। प्रभु यीशु ने उन से कहा, "...तुम आप अलग किसी जंगली स्थान में आकर थोड़ा विश्राम करो; क्योंकि बहुत लोग आते जाते थे, और उन्हें खाने का अवसर भी नहीं मिलता था" (मरकुस 6:31)।

   सभी को कभी ना कभी विश्राम की आवश्यकता होती है, और यदि हम उचित समय पर ऐसा नहीं करते हैं तो फिर हमें इसके शारीरिक और मानसिक दुषप्रभाव झेलने पड़ते हैं। तब हम अपनी ज़िम्मेदारियों को भी जितना हमें निभाना चहिए, उतनी अच्छी तरह से नहीं निभा पाते, हमारी कार्य क्षमता और कुशलता दोनों प्रभावित होती हैं।

   क्या प्रभु आप से कह रहा है कि कुछ समय के लिए अलग होकर विश्राम कर लें? अपने कार्य और जीवन की गति को निर्धारित करें, उसे उचित रखें, आवश्यक विश्राम को लेने से ना कतराएं। इस से ना केवल आप शारीरिक और मानसिक रीति से स्वस्थ रहेंगे, वरन आपकी कार्य क्षमता और गुणवन्ता भी बेहतर रहेगी। - डेनिस फिशर


टूट कर बिखर जाने से बचने के लिए परमेश्वर के साथ प्रार्थना में संगति के लिए 
तथा विश्राम के लिए समय अवश्य निकालें।

[प्रभु यीशु ने कहा:] मेरा जूआ अपने ऊपर उठा लो; और मुझ से सीखो; क्योंकि मैं नम्र और मन में दीन हूं: और तुम अपने मन में विश्राम पाओगे। - मत्ती 11:29

बाइबल पाठ: मरकुस 6:30-36
Mark 6:30 प्रेरितों ने यीशु के पास इकट्ठे हो कर, जो कुछ उन्होंने किया, और सिखाया था, सब उसको बता दिया। 
Mark 6:31 उसने उन से कहा; तुम आप अलग किसी जंगली स्थान में आकर थोड़ा विश्राम करो; क्योंकि बहुत लोग आते जाते थे, और उन्हें खाने का अवसर भी नहीं मिलता था। 
Mark 6:32 इसलिये वे नाव पर चढ़कर, सुनसान जगह में अलग चले गए। 
Mark 6:33 और बहुतों ने उन्हें जाते देखकर पहिचान लिया, और सब नगरों से इकट्ठे हो कर वहां पैदल दौड़े और उन से पहिले जा पहुंचे। 
Mark 6:34 उसने निकलकर बड़ी भीड़ देखी, और उन पर तरस खाया, क्योंकि वे उन भेड़ों के समान थे, जिन का कोई रखवाला न हो; और वह उन्हें बहुत सी बातें सिखाने लगा। 
Mark 6:35 जब दिन बहुत ढल गया, तो उसके चेले उसके पास आकर कहने लगे; यह सुनसान जगह है, और दिन बहुत ढल गया है। 
Mark 6:36 उन्हें विदा कर, कि चारों ओर के गांवों और बस्‍तियों में जा कर, अपने लिये कुछ खाने को मोल लें।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 इतिहास 25-27
  • यूहन्ना 9:1-23