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शुक्रवार, 22 अप्रैल 2016

कृपा


   कुछ मित्रों के साथ यात्रा करते हुए हमने मार्ग के किनारे एक परिवार को बेबस सा खड़ा हुआ देखा। मेरे मित्रों ने तुरंत सड़क के किनारे होकर अपनी गाड़ी रोकी और उस परिवार की सहायता के लिए उनके पास पहुँचे। उन्होंने उस परिवार की गाड़ी की जांच-पड़ताल करी, उसे पुनः चालू किया और उन लोगों को पैट्रोल भरवाने के लिए कुछ पैसे भी दिए। जब परिवार की माँ बारंबार उनका धन्यवाद करने लगी, तो मेरे मित्रों ने उत्तर दिया, "आपकी सहायाता करके हमें आनन्द मिला है, और हम यह सब प्रभु यीशु के नाम में कर रहे हैं।" जब हम अपनी गाड़ी में बैठकर आगे बढ़े तो मैं विचार करने लागा कि मेरे उन मित्रों के लिए ज़रूरतमन्दों की सहायता करना और अपनी उदारता का स्त्रोत प्रभु यीशु मसीह को बताना कितना स्वाभाविक था।

   परमेश्वर के वचन बाइबल के दो पात्र, प्रभु यीशु के चेले, पतरस और यूहन्ना ने भी आनन्दपूर्वक यरूशालेम के मन्दिर के बाहर बैठे जन्म के लंगड़े भिखारी के प्रति ऐसे ही उदारता दिखाई, और उसे चंगाई दी (प्रेरितों 3:1-10)। इस कारण उन्हें पकड़ कर अधिकारियों के सामने प्रस्तुत किया गया जिन्होंने उनसे पूछा, "...तुम ने यह काम किस सामर्थ से और किस नाम से किया है" (प्रेरितों 4:7)? इस पर पतरस ने उत्तर दिया, "हे लोगों के सरदारों और पुरनियों, इस दुर्बल मनुष्य के साथ जो भलाई की गई है, यदि आज हम से उसके विषय में पूछ पाछ की जाती है, कि वह क्योंकर अच्छा हुआ। तो तुम सब और सारे इस्त्राएली लोग जान लें कि यीशु मसीह नासरी के नाम से जिसे तुम ने क्रूस पर चढ़ाया, और परमेश्वर ने मरे हुओं में से जिलाया, यह मनुष्य तुम्हारे साम्हने भला चंगा खड़ा है" (प्रेरितों 4:9-10)।

   कृपा परमेश्वर के पवित्र आत्मा से मिलने वाले फलों में से एक फल है (गलतियों 5:23), और हम मसीही विश्वासियों के लिए औरों के साथ प्रभु यीशु मसीह के बारे में बाँटने का एक बहुत सामर्थी संदर्भ बना कर देती है। - डेविड मैक्कैसलैंड


कृपा का एक कार्य परमेश्वर के प्रेम के बारे में अनेकों उपदेशों से कहीं अधिक सिखा सकता है।

पर आत्मा का फल प्रेम, आनन्द, मेल, धीरज, और कृपा, भलाई, विश्वास, नम्रता, और संयम हैं; ऐसे ऐसे कामों के विरोध में कोई भी व्यवस्था नहीं। - गलतियों 5:22-23

बाइबल पाठ: प्रेरितों 4:1-13
Acts 4:1 जब वे लोगों से यह कह रहे थे, तो याजक और मन्दिर के सरदार और सदूकी उन पर चढ़ आए। 
Acts 4:2 क्योंकि वे बहुत क्रोधित हुए कि वे लोगों को सिखाते थे और यीशु का उदाहरण दे देकर मरे हुओं के जी उठने का प्रचार करते थे। 
Acts 4:3 और उन्होंने उन्हें पकड़कर दूसरे दिन तक हवालात में रखा क्योंकि सन्‍धया हो गई थी। 
Acts 4:4 परन्तु वचन के सुनने वालों में से बहुतों ने विश्वास किया, और उन की गिनती पांच हजार पुरूषों के लगभग हो गई।
Acts 4:5 दूसरे दिन ऐसा हुआ कि उन के सरदार और पुरिनये और शास्त्री। 
Acts 4:6 और महायाजक हन्ना और कैफा और यूहन्ना और सिकन्‍दर और जितने महायाजक के घराने के थे, सब यरूशलेम में इकट्ठे हुए। 
Acts 4:7 और उन्हें बीच में खड़ा कर के पूछने लगे, कि तुम ने यह काम किस सामर्थ से और किस नाम से किया है? 
Acts 4:8 तब पतरस ने पवित्र आत्मा से परिपूर्ण हो कर उन से कहा। 
Acts 4:9 हे लोगों के सरदारों और पुरनियों, इस दुर्बल मनुष्य के साथ जो भलाई की गई है, यदि आज हम से उसके विषय में पूछ पाछ की जाती है, कि वह क्योंकर अच्छा हुआ। 
Acts 4:10 तो तुम सब और सारे इस्त्राएली लोग जान लें कि यीशु मसीह नासरी के नाम से जिसे तुम ने क्रूस पर चढ़ाया, और परमेश्वर ने मरे हुओं में से जिलाया, यह मनुष्य तुम्हारे साम्हने भला चंगा खड़ा है। 
Acts 4:11 यह वही पत्थर है जिसे तुम राजमिस्त्रियों ने तुच्‍छ जाना और वह कोने के सिरे का पत्थर हो गया। 
Acts 4:12 और किसी दूसरे के द्वारा उद्धार नहीं; क्योंकि स्वर्ग के नीचे मनुष्यों में और कोई दूसरा नाम नहीं दिया गया, जिस के द्वारा हम उद्धार पा सकें।
Acts 4:13 जब उन्होंने पतरस और यूहन्ना का हियाव देखा, ओर यह जाना कि ये अनपढ़ और साधारण मनुष्य हैं, तो अचम्भा किया; फिर उन को पहचाना, कि ये यीशु के साथ रहे हैं।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 शमूएल 14-15
  • लूका 17:1-19