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शुक्रवार, 15 अप्रैल 2016

मधुर सत्य


   जब वास्तव में उनकी आवश्यकता होती है तो मेरी पॉपिन्स कहाँ होती हैं? मैं मानता हूँ मेरा यह प्रश्न उन पुराने भले दिनों की याद दिलाता है जब बच्चों की कहानियों पर बनी फिल्में हमें कालपनिक और जादूई पात्रों और उनके अवास्तविक कार्यों द्वारा समस्याओं को पलक झपकते ही सरलता से सुलझा लेने को दिखाकर खुश करती थीं। लेकिन मेरे मन की अभिलाषा है ऐसे लोगों के लिए जो वास्तविक, आशापूर्ण भविष्य के दर्शन को लेकर कार्य करें। मेरी लालसा है उन लोगों के लिए जो रचनात्मक हैं, आनन्द से भरे हैं और जिन बातों को हम नकारात्मक दृष्टि से देखते हैं, उन्ही बातों के सकारात्मक पहलुओं को भी हमें दिखा सकें; जो हमें एहसास करवा सकें कि कड़ुवी दवाई भी एक चम्मच चीनी के साथ आसानी से निगली जा सकती है!

   परमेश्वर के वचन बाइबल में दाऊद ने अपने एक भजन में ऐसे ही विचारों को लेकर एक प्रभावी सत्य लिखा: "यहोवा का भय पवित्र है, वह अनन्तकाल तक स्थिर रहता है; यहोवा के नियम सत्य और पूरी रीति से धर्ममय हैं। वे तो सोने से और बहुत कुन्दन से भी बढ़कर मनोहर हैं; वे मधु से और टपकने वाले छत्ते से भी बढ़कर मधुर हैं" (भजन 19:9-10)। आज हम बहुत ही कम यह सुनने पाते हैं कि सत्य मधुर भी हो सकता है; आम धारणा और सामान्यतः कही जाने वाली बात तो यह है कि सत्य कड़ुवा होता है, निगलने या स्वीकार करने में कठोर होता है। लेकिन सत्य का एक महत्वपूर्ण परन्तु कम स्वीकार किया जाने वाला पहलु यह भी है कि सत्य ऐसा आहार है जिससे अनेक रोगों से बचाव होता है। सत्य कोई बीमारी रोधक टीका या दवा नहीं है; सत्य तो भरपूरी से सामर्थ देने वाला पौष्टिक भोजन है जिसे ऐसे परोसा जाना चाहिए जिससे वह भूखों को आकर्षित करके उन्हें उसे चखने के लिए लालायित करे (भजन 34:8)।

   हम आराधना का एक गीत "यीशु सबसे मधुर नाम" तो गाते हैं किंतु यीशु के नाम और जीवन को संसार के समक्ष ऐसे प्रस्तुत करते हैं मानो वह नाम खट्टा पड़ गया हो। जो लोग आत्मिक भोजन के लिए तरसते हैं, उनके लिए प्रभु यीशु का निर्मल सत्य, जो यदि हमारे अहंकार या कटु व्यवहार अथवा स्वभाव से कलंकित नहीं हुआ है, सबसे मधुर स्वाद और तरोताज़गी देनेवाला होता है। हम मसीही विश्वासियों को यह आदर है कि हम इस मधुर सत्य को, पाप की कड़ुवाहट झेल रहे संसार के सामने प्रस्तुत करें। - जूली ऐकैरमैन लिंक


क्योंकि उसकी करूणा हमारे ऊपर प्रबल हुई है; और यहोवा की सच्चाई सदा की है याह की स्तुति करो! - भजन 117:2

परखकर देखो कि यहोवा कैसा भला है! क्या ही धन्य है वह पुरूष जो उसकी शरण लेता है। - भजन 34:8

बाइबल पाठ: भजन 19:7-14
Psalms 19:7 यहोवा की व्यवस्था खरी है, वह प्राण को बहाल कर देती है; यहोवा के नियम विश्वासयोग्य हैं, साधारण लोगों को बुद्धिमान बना देते हैं; 
Psalms 19:8 यहोवा के उपदेश सिद्ध हैं, हृदय को आनन्दित कर देते हैं; यहोवा की आज्ञा निर्मल है, वह आंखों में ज्योति ले आती है; 
Psalms 19:9 यहोवा का भय पवित्र है, वह अनन्तकाल तक स्थिर रहता है; यहोवा के नियम सत्य और पूरी रीति से धर्ममय हैं। 
Psalms 19:10 वे तो सोने से और बहुत कुन्दन से भी बढ़कर मनोहर हैं; वे मधु से और टपकने वाले छत्ते से भी बढ़कर मधुर हैं। 
Psalms 19:11 और उन्हीं से तेरा दास चिताया जाता है; उनके पालन करने से बड़ा ही प्रतिफल मिलता है। 
Psalms 19:12 अपनी भूलचूक को कौन समझ सकता है? मेरे गुप्त पापों से तू मुझे पवित्र कर। 
Psalms 19:13 तू अपने दास को ढिठाई के पापों से भी बचाए रख; वह मुझ पर प्रभुता करने न पाएं! तब मैं सिद्ध हो जाऊंगा, और बड़े अपराधों से बचा रहूंगा।
Psalms 19:14 मेरे मुंह के वचन और मेरे हृदय का ध्यान तेरे सम्मुख ग्रहण योग्य हों, हे यहोवा परमेश्वर, मेरी चट्टान और मेरे उद्धार करने वाले!

एक साल में बाइबल: 
  • 1 शमूएल 27-29
  • लूका 13:1-22