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मंगलवार, 23 फ़रवरी 2016

प्रेम


   हाल ही में मेरे एक मित्र ने मुझे एक मसीही गीत के लिखे जाने का वर्णन भेजा; हम उस गीत को अपने बचपन में अपने चर्च में अकसर सुनते थे:
यदि सारे समुद्र स्याही होते, और सारा आकाश एक चर्म पत्र;
यदि संसार की हर डाली कलम बन जाती और हर व्यक्ति लिखनेवाला;
तो भी परमेश्वर के प्रेम के बयान को लिखने में,
सारे समुद्र सूख जाते, और सारे आकाश के छोर से छोर तक लिखने पर भी
उस प्रेम का बयान पूरा नहीं लिखा जाता।

   ये शब्द एक प्राचीन यहूदी कविता का भाग हैं जो किसी समय एक पागलखाने में भरती रोगी के कमरे की दीवार पर लिखे मिले थे। अंग्रेज़ी भाषा में इस गीत के लेखक, फ्रेड्रिक एम. लेह्मैन इस कविता से इतने अभिभूत हुए कि उन्होंने इसे और बढ़ाना चाहा। वे व्यवसाय से एक मज़दूर थे और 1917 की एक दोपहर को, भोजन के अवकाश समय में, एक बक्से पर बैठे हुए उन्होंने इस गीत के पहले दो अन्तरे और कोरस लिखकर उस कविता में जोड़े और "परमेश्वर का प्रेम" शीर्षक से यह गीत तैयार हो गया।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में भजनकार सांत्वना और चैन देने वाले परमेश्वर के प्रेम का अश्वासन देते हुए कहता है, "हे यहोवा तेरी करूणा स्वर्ग में है, तेरी सच्चाई आकाश मण्डल तक पहुंची है" (भजन 36:5)। हमारे जीवन की तत्कालीन परिस्थिति चाहे कैसी भी क्यों ना हो - चाहे किसी कठिन परीक्षा की घड़ी से निकलते हुए, मानसिक उलझनों से भरे मन को सामान्य सन्तुलन के कुछ पल ही क्यों ना मिले हों, परमेश्वर का प्रेम सदा ही आशा की किरण, तथा सामर्थ और साहस का कभी ना समाप्त होने वाला स्त्रोत बनकर हमारा हौंसला बढ़ाता रहता है, हमारी सहायता और मार्गदर्शन करता रहता है। - जो स्टोवैल


प्रभु आपसे अनन्तकाल के प्रेम से प्रेम करता है।

क्योंकि यहोवा भला है, उसकी करूणा सदा के लिये, और उसकी सच्चाई पीढ़ी से पीढ़ी तक बनी रहती है। - भजन 100:5

बाइबल पाठ: भजन 36:1-12
Psalms 36:1 दुष्ट जन का अपराध मेरे हृदय के भीतर यह कहता है कि परमेश्वर का भय उसकी दृष्टि में नहीं है। 
Psalms 36:2 वह अपने अधर्म के प्रगट होने और घृणित ठहरने के विषय अपने मन में चिकनी चुपड़ी बातें विचारता है। 
Psalms 36:3 उसकी बातें अनर्थ और छल की हैं; उसने बुद्धि और भलाई के काम करने से हाथ उठाया है। 
Psalms 36:4 वह अपने बिछौने पर पड़े पड़े अनर्थ की कलपना करता है; वह अपने कुमार्ग पर दृढ़ता से बना रहता है; बुराई से वह हाथ नहीं उठाता।
Psalms 36:5 हे यहोवा तेरी करूणा स्वर्ग में है, तेरी सच्चाई आकाश मण्डल तक पहुंची है। 
Psalms 36:6 तेरा धर्म ऊंचे पर्वतों के समान है, तेरे नियम अथाह सागर ठहरे हैं; हे यहोवा तू मनुष्य और पशु दोनों की रक्षा करता है।
Psalms 36:7 हे परमेश्वर तेरी करूणा, कैसी अनमोल है! मनुष्य तेरे पंखो के तले शरण लेते हैं। 
Psalms 36:8 वे तेरे भवन के चिकने भोजन से तृप्त होंगे, और तू अपनी सुख की नदी में से उन्हें पिलाएगा। 
Psalms 36:9 क्योंकि जीवन का सोता तेरे ही पास है; तेरे प्रकाश के द्वारा हम प्रकाश पाएंगे।
Psalms 36:10 अपने जानने वालों पर करूणा करता रह, और अपने धर्म के काम सीधे मन वालों में करता रह! 
Psalms 36:11 अहंकारी मुझ पर लात उठाने न पाए, और न दुष्ट अपने हाथ के बल से मुझे भगाने पाए। 
Psalms 36:12 वहां अनर्थकारी गिर पड़े हैं; वे ढकेल दिए गए, और फिर उठ न सकेंगे।

एक साल में बाइबल: 
  • गिनती 7-8
  • मरकुस 4:21-41