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गुरुवार, 11 फ़रवरी 2016

भय और शंका


   हमारे विवाह के बारह वर्ष बीत चुके थे और हम सन्तान पाने के सुख में बनने और बिगड़ने वाली आशाओं-निराशाओं में बारंबार पड़ने से हताश हो चुके थे। मेरे एक मित्र ने मुझे इस संबंध में "परमेश्वर के विचार" समझाने का प्रयास किया; क्योंकि वह जानता था कि मेरी माँ का क्रोध अति तीव्र होता था जिसके नियंत्रण के प्रयासों में वह काफी संघर्षों से होकर निकलीं थीं, इसलिए उस मित्र ने मुझ से कहा कि हमें सन्तान का सुख शायद इसलिए नहीं मिल पा रहा है क्योंकि परमेश्वर जानता है कि मैं एक अच्छा पिता नहीं हो सकूँगा।

   फिर 1988 के क्रिसमस के समय में हमें ज्ञात हुआ कि मेरी पत्नि हमारे पहले बच्चे से गर्भवती है। लेकिन अब मेरे मित्र द्वारा कही गई बात का भय मुझे सताता था। अगस्त महीने में मेरी बच्ची कैथ्रीन का जन्म हुआ; उसके जन्म के तुरंत पश्चात डॉक्टर और नर्स मेरी पत्नि की देखभाल कर रहे थे, उसे संभाल रहे थे और कैथ्रीन पास ही उसके शरीर को गर्मी प्रदान करने वाली ट्रे में लेटी रो रही थी; मैंने अपना हाथ अपनी बच्ची की ओर उसे सांत्वना देने के लिए बढ़ाया। कैथ्रीन ने अपनी छोटी छोटी ऊँगलियों से मेरी ऊँगली थाम ली, और उस एक क्षण में पवित्र आत्मा ने मेरी सारी शंका दूर कर दी और मैंने जान लिया कि इस नन्हीं सी जान से मैं बहुत प्रेम करूँगा, और वह प्रेम उस पर भली-भांति प्रगट भी करूँगा। जिन बातों को लेकर मैं अभी तक शंका में था, परमेश्वर के द्वारा एक पल में ही उन सभी शंकाओं का निवारण हो गया।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में उल्लेखित सारपात की विध्वा भी शंकाओं से भरी थी। उसका पुत्र एक घातक बीमारी से जाता रहा था, और वह शोक तथा वियोग से वशीभूत होकर चिल्ला उठी: "...हे परमेश्वर के जन! मेरा तुझ से क्या काम? क्या तू इसलिये मेरे यहां आया है कि मेरे बेटे की मृत्यु का कारण हो और मेरे पाप का स्मरण दिलाए?" (1 राजा 17:18); किंतु परमेश्वर की योजना कुछ और ही थी। एक आश्चर्यकर्म के द्वारा परमेश्वर ने उसकी सारी शंकाओं का निवारण कर दिया।

   हम मसीही विश्वासी एक ऐसे परमेश्वर के लोग हैं जो हमारे सभी संघर्षों से कहीं सामर्थी और महान है; जो हमें क्षमा करने, हमसे प्रेम करने और हमारे अन्दर के टूटेपन को चंगा करने के लिए सदा तत्पर और लालायित रहता है। परमेश्वर ना केवल हमारे प्रत्येक भय और शंका को जानता है, वरन वह उन सभी भय और शंकाओं का निवारण भी जानता है। उसे सदा समर्पित रहें, सदा उसके आज्ञाकारी रहें और वह हमारे लिए हमारी समझ से परे मार्ग निकालता रहेगा। - रैंडी किल्गोर


परमेश्वर का प्रेम हमें जीवन के मिथ्या भय और शंकाओं की धारा के विरुद्ध सुरक्षित लिए चलता है।

और उसने मुझ से कहा, मेरा अनुग्रह तेरे लिये बहुत है; क्योंकि मेरी सामर्थ निर्बलता में सिद्ध होती है; इसलिये मैं बड़े आनन्द से अपनी निर्बलताओं पर घमण्‍ड करूंगा, कि मसीह की सामर्थ मुझ पर छाया करती रहे। - 2 कुरिन्थियों 12:9 

बाइबल पाठ: 1 राजा 17:17-24
1 Kings 17:17 इन बातों के बाद उस स्त्री का बेटा जो घर की स्वामिनी थी, रोगी हुआ, और उसका रोग यहां तक बढ़ा कि उसका सांस लेना बन्द हो गया। 
1 Kings 17:18 तब वह एलिय्याह से कहने लगी, हे परमेश्वर के जन! मेरा तुझ से क्या काम? क्या तू इसलिये मेरे यहां आया है कि मेरे बेटे की मृत्यु का कारण हो और मेरे पाप का स्मरण दिलाए? 
1 Kings 17:19 उसने उस से कहा अपना बेटा मुझे दे; तब वह उसे उसकी गोद से ले कर उस अटारी पर ले गया जहां वह स्वयं रहता था, और अपनी खाट पर लिटा दिया। 
1 Kings 17:20 तब उसने यहोवा को पुकार कर कहा, हे मेरे परमेश्वर यहोवा! क्या तू इस विधवा का बेटा मार डाल कर जिसके यहां मैं टिका हूं, इस पर भी विपत्ति ले आया है? 
1 Kings 17:21 तब वह बालक पर तीन बार पसर गया और यहोवा को पुकार कर कहा, हे मेरे परमेश्वर यहोवा! इस बालक का प्राण इस में फिर डाल दे। 
1 Kings 17:22 एलिय्याह की यह बात यहोवा ने सुन ली, और बालक का प्राण उस में फिर आ गया और वह जी उठा। 
1 Kings 17:23 तब एलिय्याह बालक को अटारी पर से नीचे घर में ले गया, और एलिय्याह ने यह कहकर उसकी माता के हाथ में सौंप दिया, कि देख तेरा बेटा जीवित है। 
1 Kings 17:24 स्त्री ने एलिय्याह से कहा, अब मुझे निश्चय हो गया है कि तू परमेश्वर का जन है, और यहोवा का जो वचन तेरे मुंह से निकलता है, वह सच होता है।

एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था 11-12
  • मत्ती 26:1-25