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बुधवार, 31 अगस्त 2016

बलिदान


   चीन के हुनान प्रान्त में जब डेंग जिंजी ने सनशुई नदी के पानी में फंसे लोगों को देखा तो वह उन्हें नज़रन्दाज़ करके आगे नहीं बढ़ गया, वरन पानी में कूदा और उस परिवार के चार लोगों को बचाया। लेकिन वे बचाए हुए लोग उसके पानी से बाहर आने के लिए रुके नहीं, उसे पानी में ही छोड़कर आगे चले गए। जिंजी, जो इस बचाव कार्य की मेहनत से बहुत थक गया था, थकान के मारे पानी में स्थिर नहीं रह सका और धारा उसे बहा कर ले गई, वह डूब गया।

   हम जब पाप में डूब रहे थे तब प्रभु यीशु हमें बचाने के लिए पाप से भरे इस संसार में मानव रूप में आए। हम सभी के सारे पापों को अपने ऊपर लेकर, हमारे लिए क्रूस पर दिए गए अपने बलिदान और मृत्योपरांत तीसरे दिन अपने पुनरुत्थान के द्वारा उन्होंने पापों से हमारे बचाव का मार्ग तैयार करके दिया। परमेश्वर का वचन बाइबल हमें बताती है कि, "हम ने प्रेम इसी से जाना, कि उसने हमारे लिये अपने प्राण दे दिए; और हमें भी भाइयों के लिये प्राण देना चाहिए" (1 यूहन्ना 3:16)। प्रभु यीशु का अपने बलिदान द्वारा प्रदर्शित यह प्रेम अब हमें उकसाता है कि हम भी दूसरों के प्रति ऐसा ही सच्चा प्रेम दिखाएं, कार्यों और सत्य के द्वारा (पद 18)।

   यदि हम प्रभु यीशु के इस निःस्वार्थ बलिदान और प्रेम को नज़रन्दाज़ करते हैं, तो यह सूचक है कि हमने अपने प्रति उसके प्रेम की महानता को नहीं पहचाना है। वह आपको पापों के दुषपरिणामों से बचाने के लिए स्वर्ग के वैभव और महिमा को छोड़कर पृथ्वी पर आ गया और बलिदान हुआ। उसके बलिदान को अपने जीवन में सार्थक करें; उसके प्रेम को स्वीकार करके उसके साथ आशीषित अनन्त जीवन का संबंध बना लें। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


प्रभु यीशु ने हमारे प्रति अपने प्रेम को दिखाने के लिए अपना जीवन बलिदान किया।

वह आप ही हमारे पापों को अपनी देह पर लिये हुए क्रूस पर चढ़ गया जिस से हम पापों के लिये मर कर के धामिर्कता के लिये जीवन बिताएं: उसी के मार खाने से तुम चंगे हुए। - 1 पतरस 2:24

बाइबल पाठ: 1 यूहन्ना 3:16-24
1 John 3:16 हम ने प्रेम इसी से जाना, कि उसने हमारे लिये अपने प्राण दे दिए; और हमें भी भाइयों के लिये प्राण देना चाहिए। 
1 John 3:17 पर जिस किसी के पास संसार की संपत्ति हो और वह अपने भाई को कंगाल देख कर उस पर तरस न खाना चाहे, तो उस में परमेश्वर का प्रेम क्योंकर बना रह सकता है? 
1 John 3:18 हे बालकों, हम वचन और जीभ ही से नहीं, पर काम और सत्य के द्वारा भी प्रेम करें। 
1 John 3:19 इसी से हम जानेंगे, कि हम सत्य के हैं; और जिस बात में हमारा मन हमें दोष देगा, उसके विषय में हम उसके साम्हने अपने अपने मन को ढाढ़स दे सकेंगे। 
1 John 3:20 क्योंकि परमेश्वर हमारे मन से बड़ा है; और सब कुछ जानता है। 
1 John 3:21 हे प्रियो, यदि हमारा मन हमें दोष न दे, तो हमें परमेश्वर के साम्हने हियाव होता है। 
1 John 3:22 और जो कुछ हम मांगते हैं, वह हमें उस से मिलता है; क्योंकि हम उस की आज्ञाओं को मानते हैं; और जो उसे भाता है वही करते हैं। 
1 John 3:23 और उस की आज्ञा यह है कि हम उसके पुत्र यीशु मसीह के नाम पर विश्वास करें और जैसा उसने हमें आज्ञा दी है उसी के अनुसार आपस में प्रेम रखें। 
1 John 3:24 और जो उस की आज्ञाओं को मानता है, वह उस में, और वह उन में बना रहता है: और इसी से, अर्थात उस आत्मा से जो उसने हमें दिया है, हम जानते हैं, कि वह हम में बना रहता है।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 132-134
  • 1 कुरिन्थियों 11:17-34


मंगलवार, 30 अगस्त 2016

साहस


   एक ऊदबिलाव हमारे गैराज के किनारों को काटने लग गया था; उसे पकड़कर पार्क में लेजाकर छोड़ने के लिए मैंने पिंजरा लिया और उसे आकर्षित करने के लिए पिंजरे में भोजन वस्तुएं डाल दीं। अगले दिन सुबह मैं यह देखकर बड़ा उत्साहित हुआ कि पिंजरे में एक जानवर बन्द हो गया है। लेकिन जब पास जाकर देखा तो पिंजरे में ऊदबिलाव नहीं वरन एक बिज्जु था। अब मेरे सामने उस बिज्जु को पिंजरे से बाहर निकालने की समस्या थी, क्योंकि वे जानवर डरने पर अपने बचाव के लिए तीव्र दुर्गन्धात्मक पदार्थ छोड़ते हैं जिसकी दुर्गन्ध बहुत परेशान करती है, और मैं उस दुर्गन्ध को अपने ऊपर आने देना कदापि नहीं चाहता था।

   इसलिए उसे पिंजरे से निकालने के तरीके पाने के लिए मैं इंटरनैट पर खोजने लगा। तरीके तो मिले लेकिन सब ही अपने आप को बचाने के लिए बहुत सावधानी बरतने को कह रहे थे; वे प्लास्टिक के थैले, दस्ताने, तिर्पाल, चशमे, कंबल आदि के प्रयोग के लिए बता रहे थे। बिज्जु को पिंजरे से निकालने का कार्य खतरनाक और डरावना लगने लगा था। ऐसे में मेरा दामाद, ईविंग, सामने आया। वह बस पिंजरे तक गया, उसके दरवाज़े को खोला और बाग़ में पानी डालने वाले पाइप से पानी की धार बिज्जु पर डाली, और वह पिंजरे से निकलकर भाग निकला।

   हमारे भय हमें अकसर निषक्रीय कर देते हैं; हम अपनी सुरक्षा को लेकर इतने चिंतित रहते हैं कि परिस्थिति का सामना करने से घबराने लगते हैं। परमेश्वर के वचन बाइबल में हम पाते हैं कि जब राजा आसा को ज्ञात हुआ कि परमेश्वर चाहता है कि वह इस्त्राएल में से सभी मूर्तियाँ हटा दे, तो उसने ऐसा करने का साहस किया (2 इतिहास 15:8)। ऐसा करने से राज्य में बलवा हो सकता था, लेकिन आसा ने परमेश्वर पर भरोसा रखते हुए उसके कहे कार्य को करने का साहस किया, और परिणामस्वरूप देश में खुशहाली आई: "और यह शपथ खाकर सब यहूदी आनन्दित हुए, क्योंकि उन्होंने अपने सारे मन से शपथ खाई और बडी अभिलाषा से उसको ढूंढ़ा और वह उन को मिला, और यहोवा ने चारों ओर से उन्हें विश्राम दिया" (2 इतिहास 15:15)।

   क्या आपके सामने कोई आत्मिक चुनौती खड़ी है? परमेश्वर पर परिणाम के लिए भरोसा रख कर, साहस के साथ आगे बढ़ें और परमेश्वर की इच्छा पूरी करें। - डेव ब्रैनन


साहस वह भय है जो प्रार्थना के साथ परमेश्वर को समर्पित कर दिया गया है।

इतना हो कि तू हियाव बान्धकर और बहुत दृढ़ हो कर जो व्यवस्था मेरे दास मूसा ने तुझे दी है उन सब के अनुसार करने में चौकसी करना; और उस से न तो दाहिने मुड़ना और न बांए, तब जहां जहां तू जाएगा वहां वहां तेरा काम सफल होगा। - यहोशु 1:7

बाइबल पाठ: 2 इतिहास 15:1-12
2 Chronicles 15:1 तब परमेश्वर का आत्मा ओदेद के पुत्र अजर्याह में समा गया, 
2 Chronicles 15:2 और वह आसा से भेंट करने निकला, और उस से कहा, हे आसा, और हे सारे यहूदा और बिन्यामीन मेरी सुनो, जब तक तुम यहोवा के संग रहोगे तब तक वह तुम्हारे संग रहेगा; और यदि तुम उसकी खोज में लगे रहो, तब तो वह तुम से मिला करेगा, परन्तु यदि तुम उसको त्याग दोगे तो वह भी तुम को त्याग देगा।
2 Chronicles 15:3 बहुत दिन इस्राएल बिना सत्य परमेश्वर के और बिना सिखाने वाले याजक के और बिना व्यवस्था के रहा। 
2 Chronicles 15:4 परन्तु जब जब वे संकट में पड़ कर इस्राएल के परमेश्वर यहोवा की ओर फिरे और उसको ढूंढ़ा, तब तब वह उन को मिला। 
2 Chronicles 15:5 उस समय न तो जाने वाले को कुछ शांति होती थी, और न आने वाले को, वरन सारे देश के सब निवासियों में बड़ा ही कोलाहल होता था। 
2 Chronicles 15:6 और जाति से जाति और नगर से नगर चूर किए जाते थे, क्योंकि परमेश्वर नाना प्रकार का कष्ट देकर उन्हें घबरा देता था। 
2 Chronicles 15:7 परन्तु तुम लोग हियाव बान्धो और तुम्हारे हाथ ढीले न पड़ें, क्योंकि तुम्हारे काम का बदला मिलेगा। 
2 Chronicles 15:8 जब आसा ने ये वचन और ओदेद नबी की नबूवत सुनी, तब उसने हियाव बान्ध कर यहूदा और बिन्यामीन के सारे देश में से, और उन नगरों में से भी जो उसने एप्रैम के पहाड़ी देश में ले लिये थे, सब घिनौनी वस्तुएं दूर कीं, और यहोवा की जो वेदी यहोवा के ओसारे के साम्हने थी, उसको नये सिरे से बनाया। 
2 Chronicles 15:9 और उसने सारे यहूदा और बिन्यामीन को, और एप्रैम, मनश्शे और शिमोन में से जो लोग उसके संग रहते थे, उन को इकट्ठा किया, क्योंकि वे यह देख कर कि उसका परमेश्वर यहोवा उसके संग रहता है, इस्राएल में से उसके पास बहुत से चले आए थे। 
2 Chronicles 15:10 आसा के राज्य के पन्द्रहवें वर्ष के तीसरे महीने में वे यरूशलेम में इकट्ठे हुए। 
2 Chronicles 15:11 और उसी समय उन्होंने उस लूट में से जो वे ले आए थे, सात सौ बैल और सात हजार भेड़-बकरियां, यहोवा को बलि कर के चढ़ाई। 
2 Chronicles 15:12 और उन्होंने वाचा बान्धी कि हम अपने पूरे मन और सारे जीव से अपने पूर्वजों के परमेश्वर यहोवा की खोज करेंगे।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 129-131
  • 1 कुरिन्थियों 11:1-16


सोमवार, 29 अगस्त 2016

अनुबंध


   यदि आप मेरे समान करते हैं, तो इंटरनैट पर उपलब्ध विभिन्न सेवाओं और सॉफ्टवेयर के उपयोग संबंधी अनुबंध को पूरा पढ़े बिना ही आप भी उसके लिए अपनी सहमति दे देते हैं। वे अनुबंध कई पेज लंबे और कानूनी शब्दावली के प्रयोग के कारण समझने में इतने जटिल होते हैं कि मुझ जैसे साधारण व्यक्ति की समझ के बाहर होते हैं।

   इसीलिए मुझे बड़ा अचंभा हुआ जब अफ्रीका में रहने वाले मेरे एक मित्र ने मुझे एक ऑनलाईन सॉफ्टवेयर के प्रयोग से संबंधित इस अनुपम अनुबंध से अवगत करवाया। बजाए यह बताने के कि इस सॉफ्टवेयर को कब और कैसे प्रयोग नहीं करना है, सॉफ्टवेयर को बनानेवाला एक सरल शब्दों में लिखी गई आशीष लोगों के सामने रखता है, और उनसे विनती करता है कि उस सॉफ्टवेयर का प्रयोग औरों की भलाई के लिए किया जाए। उस अनुबंध में लिखा था: "होने दें कि आप बुराई नहीं वरन भलाई करें। आपको अपने लिए क्षमा मिले तथा आप दुसरों को क्षमा करने वाले बनें। आप मुक्त होकर बाँटें, और जितना आपने दिया है उससे अधिक कभी ना लें।"

   यह पढ़कर मैंने पहले सोचा, "क्या बात है! कितना अच्छा हो यदि प्रयोग करने के और भी अनुबंध इसी प्रकार आशीष के रूप में दिए जाएं ना कि कानूनी दस्तावेज़ के रूप में।" फिर मुझे ध्यान आया, जो अनुबंध प्रभु यीशु हमारे साथ करता है, वह भी तो ऐसा ही आशीषपूर्ण है। प्रभु यीशु अपने पास आने और उसे स्वीकार करने वाले प्रत्येक जन को पापों से क्षमा, परमेश्वर के साथ शान्ति एवं संगति तथा परमेश्वर के पवित्र आत्मा की सहभागिता देने का वायदा करता है। इसके बदले में वह चाहता है कि जैसे हमें क्षमा मिली है, हम भी दूसरों को क्षमा करें (लूका 6:37), जैसा वह हमसे प्रेम करता है वैसा ही हम भी दूसरों से करें (यूहन्ना 13:34) और जैसा वह हमारे साथ भलाई करता है वैसे ही हम भी दुसरों के साथ भलाई करें (गलतियों 6:10)।

   प्रभु यीशु द्वारा किए गए इस अनुबंध की खूबसुरती यह है कि चाहे हम इसकी शर्तें पूरी ना भी कर पाएं, वह हमारे साथ अपने अनुबंध को कभी नहीं तोड़ता है; वरन हमें सामर्थ और साहस देता है कि हम उन शर्तों को पूरा करने के प्रयास करते रहें और उसके साथ उसकी आशीषों में बने रह सकें। - जूली ऐकैरमैन लिंक


इसलिये जहां तक अवसर मिले हम सब के साथ भलाई करें; 
विशेष कर के विश्वासी भाइयों के साथ। - गलतियों 6:10

मैं तुम्हें एक नई आज्ञा देता हूं, कि एक दूसरे से प्रेम रखो: जैसा मैं ने तुम से प्रेम रखा है, वैसा ही तुम भी एक दुसरे से प्रेम रखो। - यूहन्ना 13:34

बाइबल पाठ: लूका 6:27-37
Luke 6:27 परन्तु मैं तुम सुनने वालों से कहता हूं, कि अपने शत्रुओं से प्रेम रखो; जो तुम से बैर करें, उन का भला करो। 
Luke 6:28 जो तुम्हें श्राप दें, उन को आशीष दो: जो तुम्हारा अपमान करें, उन के लिये प्रार्थना करो। 
Luke 6:29 जो तेरे एक गाल पर थप्पड़ मारे उस की ओर दूसरा भी फेर दे; और जो तेरी दोहर छीन ले, उसको कुरता लेने से भी न रोक। 
Luke 6:30 जो कोई तुझ से मांगे, उसे दे; और जो तेरी वस्तु छीन ले, उस से न मांग। 
Luke 6:31 और जैसा तुम चाहते हो कि लोग तुम्हारे साथ करें, तुम भी उन के साथ वैसा ही करो। 
Luke 6:32 यदि तुम अपने प्रेम रखने वालों के साथ प्रेम रखो, तो तुम्हारी क्या बड़ाई? क्योंकि पापी भी अपने प्रेम रखने वालों के साथ प्रेम रखते हैं। 
Luke 6:33 और यदि तुम अपने भलाई करने वालों ही के साथ भलाई करते हो, तो तुम्हारी क्या बड़ाई? क्योंकि पापी भी ऐसा ही करते हैं। 
Luke 6:34 और यदि तुम उसे उधार दो, जिन से फिर पाने की आशा रखते हो, तो तुम्हारी क्या बड़ाई? क्योंकि पापी पापियों को उधार देते हैं, कि उतना ही फिर पाएं। 
Luke 6:35 वरन अपने शत्रुओं से प्रेम रखो, और भलाई करो: और फिर पाने की आस न रखकर उधार दो; और तुम्हारे लिये बड़ा फल होगा; और तुम परमप्रधान के सन्तान ठहरोगे, क्योंकि वह उन पर जो धन्यवाद नहीं करते और बुरों पर भी कृपालु है। 
Luke 6:36 जैसा तुम्हारा पिता दयावन्‍त है, वैसे ही तुम भी दयावन्‍त बनो। 
Luke 6:37 दोष मत लगाओ; तो तुम पर भी दोष नहीं लगाया जाएगा: दोषी न ठहराओ, तो तुम भी दोषी नहीं ठहराए जाओगे: क्षमा करो, तो तुम्हारी भी क्षमा की जाएगी।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 126-128
  • 1 कुरिन्थियों 10:19-33


रविवार, 28 अगस्त 2016

नम्र और दीन


   ईस्टर के समय में, मेरी पत्नि और मैं एक चर्च सभा में सम्मिलित हुए जिसमें उस सभा में उपस्थित लोगों ने प्रभु यीशु मसीह के क्रूस पर चढ़ाए जाने के लिए पकड़वाए जाने के रात्रि भोज के समय की घटनाओं को सजीव प्रस्तुत किया। उस सभा में उपासना के भाग के रूप में चर्च के कार्यकर्ताओं ने प्रभु यीशु के समान ही सभा के लोगों में से स्वेच्छा से इस कार्य के लिए कुछ लोगों के पाँव धोए। यह देखते समय मैं सोच रहा था कि हमारे आज के समय में क्या अधिक नम्र करने वाला है - किसी के पैर धोना, या फिर किसी से अपने पैर धुलवाना! जो यह सेवा कर रहे थे तथा जो यह सेवा ले रहे थे, दोनों ही नम्र होने के भिन्न पहलु प्रस्तुत कर रहे थे।

   जब प्रभु यीशु और उनके चेले, एक साथ मिलकर किए गए उस अन्तिम भोज के लिए एकत्रित हुए (यूहन्ना 13:1-20), तब प्रभु यीशु ने दीन सेवक की सेवकाई दिखाते हुए चेलों के पाँव धोए थे। लेकिन शमौन पतरस ने प्रभु यीशु द्वारा करे जा रहे इस कार्य का पहले यह कहते हुए विरोध किया कि, "...तू मेरे पांव कभी न धोने पाएगा"; लेकिन प्रभु यीशु ने उसे उत्तर दिया, "...यदि मैं तुझे न धोऊं, तो मेरे साथ तेरा कुछ भी साझा नहीं" (यूहन्ना 13:8)। प्रभु द्वारा उन चेलों के पाँव धोना किसी रीति का पूरा करना नहीं था; ऐसा करके प्रभु यीशु नम्र और दीन होना सिखा रहा था, और साथ ही यह भी कि हमें उससे अपनी मलिनता से स्वच्छ होने की आवश्यकता है - और प्रभु के हाथों हमारा यह स्वच्छ होना तब तक संभव नहीं है जब तक की हम अपने उद्धारकर्ता प्रभु के सामने नम्र और दीन नहीं हो जाते हैं।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में याकूब ने लिखा, "वह तो और भी अनुग्रह देता है; इस कारण यह लिखा है, कि परमेश्वर अभिमानियों से विरोध करता है, पर दीनों पर अनुग्रह करता है" (याकूब 4:6)। जब हम परमेश्वर की महानता को पहचानते हैं, और क्रूस पर उसके नम्र और दीन होने को (फिलिप्पियों 2:5-11) व्यक्तिगत रीति से अपने लिए स्वीकार करते हैं, हम परमेश्वर के अनुग्रह को प्राप्त करते हैं। - बिल क्राउडर


सृष्टि के प्रभु के सामने घुटनों पर झुके रहना, संसार में सबसे सामर्थी होना है।

जैसा मसीह यीशु का स्‍वभाव था वैसा ही तुम्हारा भी स्‍वभाव हो। - फिलिप्पियों 2:5

बाइबल पाठ: यूहन्ना 13:1-11
John 13:1 फसह के पर्व से पहिले जब यीशु ने जान लिया, कि मेरी वह घड़ी आ पहुंची है कि जगत छोड़कर पिता के पास जाऊं, तो अपने लोगों से, जो जगत में थे, जैसा प्रेम वह रखता था, अन्‍त तक वैसा ही प्रेम रखता रहा। 
John 13:2 और जब शैतान शमौन के पुत्र यहूदा इस्करियोती के मन में यह डाल चुका था, कि उसे पकड़वाए, तो भोजन के समय। 
John 13:3 यीशु ने यह जानकर कि पिता ने सब कुछ मेरे हाथ में कर दिया है और मैं परमेश्वर के पास से आया हूं, और परमेश्वर के पास जाता हूं। 
John 13:4 भोजन पर से उठ कर अपने कपड़े उतार दिए, और अंगोछा ले कर अपनी कमर बान्‍धी। 
John 13:5 तब बरतन में पानी भरकर चेलों के पांव धोने और जिस अंगोछे से उस की कमर बन्‍धी थी उसी से पोंछने लगा। 
John 13:6 जब वह शमौन पतरस के पास आया: तब उसने उस से कहा, हे प्रभु, 
John 13:7 क्या तू मेरे पांव धोता है? यीशु ने उसको उत्तर दिया, कि जो मैं करता हूं, तू अब नहीं जानता, परन्तु इस के बाद समझेगा। 
John 13:8 पतरस ने उस से कहा, तू मेरे पांव कभी न धोने पाएगा: यह सुनकर यीशु ने उस से कहा, यदि मैं तुझे न धोऊं, तो मेरे साथ तेरा कुछ भी साझा नहीं। 
John 13:9 शमौन पतरस ने उस से कहा, हे प्रभु, तो मेरे पांव ही नहीं, वरन हाथ और सिर भी धो दे। 
John 13:10 यीशु ने उस से कहा, जो नहा चुका है, उसे पांव के सिवा और कुछ धोने का प्रयोजन नहीं; परन्तु वह बिलकुल शुद्ध है: और तुम शुद्ध हो; परन्तु सब के सब नहीं। 
John 13:11 वह तो अपने पकड़वाने वाले को जानता था इसी लिये उसने कहा, तुम सब के सब शुद्ध नहीं।

एक साल में बाइबल: 

  • भजन 123-125
  • 1 कुरिन्थियों 10:1-18


शनिवार, 27 अगस्त 2016

माध्यम


   चार्ल्स व्हिटिलसे नायकों का नायक था; प्रथम विश्व-युद्ध में "खोई हुई" कहलाई जाने वाली पलटन का वह अगुवा था। उसकी पलटन युद्ध के समय शत्रु की सेना पंक्ति के पीछे फंस गई थी, जहाँ से वह उन्हें निकाल कर ले आया था। इस बहादुरी के लिए उसे वीरता का सम्मान पदक भी दिया गया। जब ’अनजाने सिपाही’ की कब्र का स्थापन और समर्पण किया गया तो चार्ल्स को वहाँ दफनाए जाने वाले पहले सिपाही के कफन को कंधा देने का आदर दिया गया। इसके दो सप्ताह पश्चात समुद्र यात्रा के दौरान, माना जाता है कि, चार्ल्स ने बीच सागर में एक सैलानी समुदी जहाज़ से कूदकर आत्म-हत्या कर ली।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में परमेश्वर के एक भविष्यद्वक्ता, एलियाह (1 राजा 19:1-7) के समान ही, चार्ल्स सामाजिक जीवन में तो बहुत मज़बूत, परन्तु समाज की नज़रों से हटने पर, अपने व्यक्तिगत जीवन में निराशा से भरा हुआ था। आज भी लोग अकसर ऐसी परिस्थितियों का सामना करते हैं जो उनके संभाल पाने की क्षमता और योग्यता से बाहर होती हैं। कभी-कभी बहुत थक जाने के कारण आने वाली यह अस्थायी निराशा होती है, जैसा एलियाह के साथ हुआ। एलियाह ने बाल के पुजारियों पर एक बड़ी विजय पाई थी (1 राजा 18:20-40), परन्तु फिर उसे अपने प्राणों का भय हुआ और वह जान बचाने को जंगल में भाग गया (1 राजा 19:1-3)। लेकिन निराशा अकसर अस्थायी नहीं होती, वह जीवन की किसी गहरी या अनकही हताशा से संबंधित होती है। इसलिए यह अनिवार्य है कि जब हम किसी से निराशा के बारे में बातें करें तो यह खुलकर परन्तु सहानुभूतिपूर्वक, तथा समझदारी के साथ हो।

   हमारे जीवनों के सबसे अंधकारपूर्ण पलों में भी परमेश्वर हमारे साथ सदा बनी रहने वाली अपनी उपस्थिति को हमें उपलब्ध करवाता है जिससे हम उसके साथ अपने दिल की बात बाँट सकें, उससे सहायता, मार्गदर्शन और प्रोत्साहन प्राप्त कर सकें; और अपने अनुभवों के आधार पर फिर दूसरों के लिए परमेश्वर से मिलने वाली आशा और प्रोत्साहन का माध्यम बन सकें (2 कुरिन्थियों 1:3-4)। - रैंडी किलगोर


परमेश्वर तथा उसके लोगों से होने वाली सहायता से आशा आती है।

हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्वर, और पिता का धन्यवाद हो, जो दया का पिता, और सब प्रकार की शान्‍ति का परमेश्वर है। वह हमारे सब क्‍लेशों में शान्‍ति देता है; ताकि हम उस शान्‍ति के कारण जो परमेश्वर हमें देता है, उन्हें भी शान्‍ति दे सकें, जो किसी प्रकार के क्‍लेश में हों। - 2 कुरिन्थियों 1:3-4

बाइबल पाठ: 1 राजा 19:1-8
1 Kings 19:1 तब अहाब ने ईज़ेबेल को एलिय्याह के सब काम विस्तार से बताए कि उसने सब नबियों को तलवार से किस प्रकार मार डाला। 
1 Kings 19:2 तब ईज़ेबेल ने एलिय्याह के पास एक दूत के द्वारा कहला भेजा, कि यदि मैं कल इसी समय तक तेरा प्राण उनका सा न कर डालूं तो देवता मेरे साथ वैसा ही वरन उस से भी अधिक करें। 
1 Kings 19:3 यह देख एलिय्याह अपना प्राण ले कर भागा, और यहूदा के बेर्शेबा को पहुंच कर अपने सेवक को वहीं छोड़ दिया। 
1 Kings 19:4 और आप जंगल में एक दिन के मार्ग पर जा कर एक झाऊ के पेड़ के तले बैठ गया, वहां उसने यह कह कर अपनी मृत्यु मांगी कि हे यहोवा बस है, अब मेरा प्राण ले ले, क्योंकि मैं अपने पुरखाओं से अच्छा नहीं हूँ। 
1 Kings 19:5 वह झाऊ के पेड़ तले लेटकर सो गया और देखो एक दूत ने उसे छूकर कहा, उठ कर खा। 
1 Kings 19:6 उसने दृष्टि कर के क्या देखा कि मेरे सिरहाने पत्थरों पर पकी हुई एक रोटी, और एक सुराही पानी धरा है; तब उसने खाया और पिया और फिर लेट गया। 
1 Kings 19:7 दूसरी बार यहोवा का दूत आया और उसे छूकर कहा, उठ कर खा, क्योंकि तुझे बहुत भारी यात्रा करनी है। 
1 Kings 19:8 तब उसने उठ कर खाया पिया; और उसी भोजन से बल पाकर चालीस दिन रात चलते चलते परमेश्वर के पर्वत होरेब को पहुंचा।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 120-122
  • 1 कुरिन्थियों 9


शुक्रवार, 26 अगस्त 2016

मार्गनिर्देशन


   दावा सोबेल की पुरुस्कृत पुस्तक Longitude, पुराने समयों में नाविकों के सामने रहने वाले घोर असमंजस का वर्णन करती है। वे नाविक दिन के समय और सूरज की ऊँचाई के आधार पर भूमध्य रेखा से अपने उत्तर या दक्षिण की स्थिति, अर्थात लैटिट्यूड तो आसानी से जान लेते थे; लेकिन पूर्व-पश्चिम दिशा के आधार पर अपनी स्थिति का आँकलन करना, अर्थात अपनी स्थिति के लौंगीट्यूड को जानना उनके लिए बड़ा जटिल और गैरभरोसेमन्द था, जब तक कि अंग्रेज़ी घड़ी-साज़ जौन हैरिसन ने समुद्री समय-मापक (marine chronometer) का अविषकार नहीं कर लिया। यह समय-मापक एक ऐसी घड़ी था जो उनके मूल बन्दरगाह से दूरी के सही समय को दिखाती थी, वे चाहे समुद्र में कितनी भी दूर, कहीं भी क्यों ना चले जाएं; इससे अब वे नाविक अपना लौंगीट्यूड भी सरलता से जान लेते थे।

   जीवन के समुद्र की हमारी यात्रा के लिए भी हमें एक विश्वासयोग्य मार्गदर्शिका चाहिए, जो सदा हमें हमारी सही स्थिति तथा हमारे लिए सही दिशा बताती रहे। परमेश्वर ने यह हमारे लिए उपलब्ध करवाया है - अपना जीवता वचन, बाइबल। भजनकार ने इस जीवते वचन के लिए लिखा है, "अहा! मैं तेरी व्यवस्था में कैसी प्रीति रखता हूं! दिन भर मेरा ध्यान उसी पर लगा रहता है" (भजन 119:97)। परमेश्वर के वचन पर कभी-कभी नज़र दौड़ा लेने की बजाए, भजनकार ने दिन भर सभी बातों के लिए वचन से निर्देशन पाने के संबंध में लिखा, "मैं अपने सब शिक्षकों से भी अधिक समझ रखता हूं, क्योंकि मेरा ध्यान तेरी चितौनियों पर लगा है" (भजन 119:99); और इसके साथ ही इस वचन की आज्ञाकारिता के अपने प्रण को भी दोहराया: "मैं ने शपथ खाई, और ठाना भी है कि मैं तेरे धर्ममय नियमों के अनुसार चलूंगा" (भजन 119:106)।

   पुराने समय के उन नाविकों के समान, सही दिशा में चलने के लिए हमें भी सदा हमारा सही मार्गनिर्देशन करने वाला एक विश्वास्योग्य साधन चाहिए। यदि हम दिन-प्रतिदिन खुले दिल और आज्ञाकारी मन से परमेश्वर के सामने आते हैं, और उसके वचन का मार्गदर्शन स्वीकार करते हैं, तो वह मार्गदर्शन उस जीवते वचन से हमें प्राप्त होता है: "तेरा वचन मेरे पांव के लिये दीपक, और मेरे मार्ग के लिये उजियाला है" (भजन 119:105)। - डेविड मैक्कैसलैंड


यदि परमेश्वर आपका मार्गदर्शक है तो आप सही दिशा में अग्रसर रहेंगे।

आज्ञा तो दीपक है और शिक्षा ज्योति, और सिखाने वाले की डांट जीवन का मार्ग है - नीतिवचन 6:23

बाइबल पाठ: भजन 119:97-106
Psalms 119:97 अहा! मैं तेरी व्यवस्था से कैसी प्रीति रखता हूं! दिन भर मेरा ध्यान उसी पर लगा रहता है। 
Psalms 119:98 तू अपनी आज्ञाओं के द्वारा मुझे अपने शत्रुओं से अधिक बुद्धिमान करता है, क्योंकि वे सदा मेरे मन में रहती हैं। 
Psalms 119:99 मैं अपने सब शिक्षकों से भी अधिक समझ रखता हूं, क्योंकि मेरा ध्यान तेरी चितौनियों पर लगा है। 
Psalms 119:100 मैं पुरनियों से भी समझदार हूं, क्योंकि मैं तेरे उपदेशों को पकड़े हुए हूं। 
Psalms 119:101 मैं ने अपने पांवों को हर एक बुरे रास्ते से रोक रखा है, जिस से मैं तेरे वचन के अनुसार चलूं। 
Psalms 119:102 मैं तेरे नियमों से नहीं हटा, क्योंकि तू ही ने मुझे शिक्षा दी है। 
Psalms 119:103 तेरे वचन मुझ को कैसे मीठे लगते हैं, वे मेरे मुंह में मधु से भी मीठे हैं! 
Psalms 119:104 तेरे उपदेशों के कारण मैं समझदार हो जाता हूं, इसलिये मैं सब मिथ्या मार्गों से बैर रखता हूं।
Psalms 119:105 तेरा वचन मेरे पांव के लिये दीपक, और मेरे मार्ग के लिये उजियाला है। 
Psalms 119:106 मैं ने शपथ खाई, और ठाना भी है कि मैं तेरे धर्ममय नियमों के अनुसार चलूंगा।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 119:89-176
  • 1 कुरिन्थियों 8


गुरुवार, 25 अगस्त 2016

प्रतीक्षा एवं पुनःआगमन


   मैं यह तो नहीं जानती कि आप जहाँ रहते हैं वहाँ कैसे होता है, लेकिन मैं जहाँ रहती हूँ वहाँ यदि मेरा कोई उपकरण खराब हो जाए और मैं उपकरण की कंपनी को फोन करके उसकी मरम्मत के लिए कहूँ, तो वो मुझे कुछ ऐसा उत्तर देते हैं: "मरम्मत करने वाला आपके पास दोपहर बाद 1:00 से 5:00 के बीच में पहुँच जाएगा"। अब क्योंकि मैं यह नहीं जानती हूँ कि वह किस समय आएगा, इस लिए सिवाय प्रतीक्षा करने के मेरे पास और कोई चारा नहीं होता।

   प्रभु यीशु ने पृथ्वी पर अपनी सेवकाई के समय में अपने अनुयायियों से कहा था कि वे शीघ्र उन्हें छोड़कर जाएंगे और उन लोगों को कुछ समय के लिए (यूहन्ना 16:16) उनके पुनःआगमन की प्रतीक्षा करनी होगी। प्रभु यीशु के पुनरुत्थान के बाद चेलों ने उन्हें देखा और चेलों को लगा कि प्रभु अब पृथ्वी पर अपना राज्य स्थापित करेंगे; लेकिन प्रभु यीशु ने उन से कहा, "...उन समयों या कालों को जानना, जिन को पिता ने अपने ही अधिकार में रखा है, तुम्हारा काम नहीं" (प्रेरितों 1:7); अब उनकी प्रतीक्षा का समय और बढ़ गया।

   लेकिन प्रभु ने अपने चेलों से केवल प्रतीक्षा-मात्र ही करने के लिए नहीं कहा, वरन उस प्रतीक्षा के समय में चेलों को प्रभु का गवाह भी होना था: "परन्तु जब पवित्र आत्मा तुम पर आएगा तब तुम सामर्थ पाओगे; और यरूशलेम और सारे यहूदिया और सामरिया में, और पृथ्वी की छोर तक मेरे गवाह होगे" (प्रेरितों 1:8)। ऐसा करने के लिए प्रभु यीशु ने अपने चेलों को परमेश्वर का पवित्र-आत्मा भी दिया जो उन्हें इस सेवकाई के लिए सिखाने, संवारने, संभालने और सामर्थ देने के लिए था।

   हम मसीही विश्वासी आज भी प्रभु यीशु के पुनःआगमन की प्रतीक्षा में हैं। इस प्रतीक्षा के समय में हमें पवित्र-आत्मा कि अगुवाई और सामर्थ से औरों को यह बताना और दिखाना है कि प्रभु यीशु कौन है, उसने समस्त संसार के प्रत्येक जन के लिए कैसे अपने बलिदान और पुनरुत्थान के द्वारा पापों की क्षमा और उद्धार का मार्ग तैयार करके दे दिया है, जिससे अपने पुनःआगमन पर वह अपने चेलों को अपने साथ लेकर जा सके। - ऐनी सेटास


प्रभु यीशु के पुनःआगमन तक प्रतीक्षा करें और उसकी गवाही दें।

यीशु ने उन के पास आकर कहा, कि स्वर्ग और पृथ्वी का सारा अधिकार मुझे दिया गया है। इसलिये तुम जा कर सब जातियों के लोगों को चेला बनाओ और उन्हें पिता और पुत्र और पवित्रआत्मा के नाम से बपतिस्मा दो। और उन्हें सब बातें जो मैं ने तुम्हें आज्ञा दी है, मानना सिखाओ: और देखो, मैं जगत के अन्‍त तक सदैव तुम्हारे संग हूं। - मत्ती 28:18-20

बाइबल पाठ: प्रेरितों 1:1-11
Acts 1:1 हे थियुफिलुस, मैं ने पहिली पुस्तिका उन सब बातों के विषय में लिखी, जो यीशु ने आरम्भ में किया और करता और सिखाता रहा। 
Acts 1:2 उस दिन तक जब वह उन प्रेरितों को जिन्हें उसने चुना था, पवित्र आत्मा के द्वारा आज्ञा देकर ऊपर उठाया न गया। 
Acts 1:3 और उसने दु:ख उठाने के बाद बहुत से बड़े प्रमाणों से अपने आप को उन्हें जीवित दिखाया, और चालीस दिन तक वह उन्हें दिखाई देता रहा: और परमेश्वर के राज्य की बातें करता रहा। 
Acts 1:4 ओर उन से मिलकर उन्हें आज्ञा दी, कि यरूशलेम को न छोड़ो, परन्तु पिता की उस प्रतिज्ञा के पूरे होने की बाट जोहते रहो, जिस की चर्चा तुम मुझ से सुन चुके हो। 
Acts 1:5 क्योंकि यूहन्ना ने तो पानी में बपतिस्मा दिया है परन्तु थोड़े दिनों के बाद तुम पवित्रात्मा से बपतिस्मा पाओगे। 
Acts 1:6 सो उन्हों ने इकट्ठे हो कर उस से पूछा, कि हे प्रभु, क्या तू इसी समय इस्त्राएल को राज्य फेर देगा? 
Acts 1:7 उसने उन से कहा; उन समयों या कालों को जानना, जिन को पिता ने अपने ही अधिकार में रखा है, तुम्हारा काम नहीं। 
Acts 1:8 परन्तु जब पवित्र आत्मा तुम पर आएगा तब तुम सामर्थ पाओगे; और यरूशलेम और सारे यहूदिया और सामरिया में, और पृथ्वी की छोर तक मेरे गवाह होगे। 
Acts 1:9 यह कहकर वह उन के देखते देखते ऊपर उठा लिया गया; और बादल ने उसे उन की आंखों से छिपा लिया। 
Acts 1:10 और उसके जाते समय जब वे आकाश की ओर ताक रहे थे, तो देखो, दो पुरूष श्वेत वस्‍त्र पहिने हुए उन के पास आ खड़े हुए। 
Acts 1:11 और कहने लगे; हे गलीली पुरूषों, तुम क्यों खड़े स्वर्ग की ओर देख रहे हो? यही यीशु, जो तुम्हारे पास से स्वर्ग पर उठा लिया गया है, जिस रीति से तुम ने उसे स्वर्ग को जाते देखा है उसी रीति से वह फिर आएगा।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 119:1-88
  • 1 कुरिन्थियों 7:20-40


बुधवार, 24 अगस्त 2016

धन्यवादी


   जब हम कठिनाईयों और संकटों का सामना कर रहे होते हैं, तब परमेश्वर के अनुग्रह और विश्वासयोग्यता को भूल जाना आसान होता है। लेकिन बीते समयों में हमारे प्रति उसकी भलाईयों के लिए परमेश्वर के प्रति एक धन्यवादी हृदय बनाए रखना सदा अच्छा रहता है, और ऐसा करने का एक तरीका है प्रतिदिन कुछ तय समय निर्धारित करना जिसमें हम बीते दिनों में परमेश्वर से मिली सहायता, उसके प्रावधानों और उसकी दया को ध्यान लगाकर स्मरण करें और उनके लिए उसका धन्यवाद करें।

   जब इस्त्राएल के लोग मिस्त्र की गुलामी से निकलकर कनान देश की ओर जा रहे थे तो बंजर बीहड़ की कठिन परिस्थितियों में आने पर वे अपने प्रति परमेश्वर के कार्यों और भलाईयों को भूल गए। वे इच्छा करने लगे कि काश वे वापस मिस्त्र में होते, और वहाँ तरह-तरह के भोजन का स्वाद ले रहे होते (निर्गमन 16:2-3); कुछ समय बाद वे पानी की कमी को लेकर कुड़कुड़ाने लगे (निर्गमन 17:2)। वे परमेश्वर के उन महान कार्यों को भूल गए जिनके कारण उन्हें गुलामी से स्वतंत्रता मिली थी; वे उस संपदा को भी भूल गए जो मिस्त्र से निकलते समय उन्हें मिल गई थी (निर्गमन 12:36)। वे इस्त्राएली केवल अपनी वर्तमान परिस्थितियों पर ही केंद्रित थे, और बीते समय में उनके प्रति प्रदर्शित परमेश्वर की विश्वासयोग्यता को भूल बैठे थे।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में भजनकार हमें उत्साहित करता है, "यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि वह भला है; और उसकी करूणा सदा की है" (भजन 118:1)। जिस शब्द अनुवाद ’करुणा’ हुआ है, उसका तात्पर्य ’लगातार बना रहने वाला प्रेम’ भी है, जो परमेश्वर की सदाकाल की विश्वासयोग्यता को दिखाता है। परमेश्वर ने अपने बच्चों से वायदा किया है कि वह सदा उनके साथ रहेगा और उनकी देख-भाल करता रहेगा।

   जब हम उन बातों और कार्यों को स्मरण करते हैं जिनमें होकर हमने परमेश्वर के प्रावधान और सहायता को अनुभव किया है, उनके लिए परमेश्वर के प्रति धन्यवादी होते हैं, तो इससे परिस्थितियों और समस्याओं के प्रति हमारा दृष्टिकोण बेहतर के लिए परिवर्तित हो जाता है, हमारा विश्वास और भी दृढ़ हो जाता है कि परमेश्वर की विश्वासयोग्यता सदा बनी रहती है। - डेनिस फिशर


बीते समय में परमेश्वर से मिली सहायता और प्रावधान 
आज के लिए सामर्थ और आते समय के लिए आशा प्रदान करते हैं।

तुम्हारा स्‍वभाव लोभरिहत हो, और जो तुम्हारे पास है, उसी पर संतोष किया करो; क्योंकि उसने आप ही कहा है, कि मैं तुझे कभी न छोडूंगा, और न कभी तुझे त्यागूंगा। - इब्रानियों 13:5

बाइबल पाठ: भजन 118:1-14
Psalms 118:1 यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि वह भला है; और उसकी करूणा सदा की है! 
Psalms 118:2 इस्राएल कहे, उसकी करूणा सदा की है। 
Psalms 118:3 हारून का घराना कहे, उसकी करूणा सदा की है। 
Psalms 118:4 यहोवा के डरवैये कहें, उसकी करूणा सदा की है। 
Psalms 118:5 मैं ने सकेती में परमेश्वर को पुकारा, परमेश्वर ने मेरी सुन कर, मुझे चौड़े स्थान में पहुंचाया। 
Psalms 118:6 यहोवा मेरी ओर है, मैं न डरूंगा। मनुष्य मेरा क्या कर सकता है? 
Psalms 118:7 यहोवा मेरी ओर मेरे सहायकों में है; मैं अपने बैरियों पर दृष्टि कर सन्तुष्ट हूंगा। 
Psalms 118:8 यहोवा की शरण लेनी, मनुष्य पर भरोसा रखने से उत्तम है। 
Psalms 118:9 यहोवा की शरण लेनी, प्रधानों पर भी भरोसा रखने से उत्तम है।
Psalms 118:10 सब जातियों ने मुझ को घेर लिया है; परन्तु यहोवा के नाम से मैं निश्चय उन्हें नाश कर डालूंगा! 
Psalms 118:11 उन्होंने मुझ को घेर लिया है, नि:सन्देह घेर लिया है; परन्तु यहोवा के नाम से मैं निश्चय उन्हें नाश कर डालूंगा! 
Psalms 118:12 उन्होंने मुझे मधुमक्खियों की नाईं घेर लिया है, परन्तु कांटों की आग की नाईं वे बुझ गए; यहोवा के नाम से मैं निश्चय उन्हें नाश कर डालूंगा! 
Psalms 118:13 तू ने मुझे बड़ा धक्का दिया तो था, कि मैं गिर पडूं परन्तु यहोवा ने मेरी सहायता की। 
Psalms 118:14 परमेश्वर मेरा बल और भजन का विषय है; वह मेरा उद्धार ठहरा है।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 116-118
  • 1 कुरिन्थियों 7:1-19


मंगलवार, 23 अगस्त 2016

प्रेम की ज्योति


   जे. आर. आर. टॉलकिन के उपन्यास The Hobbit में जादूगर गैंडाल्फ समझाता है कि उसने छोटे आकार के हॉबिट बिल्बो को बौनों के साथ जाकर शत्रु से लड़ने के लिए क्यों चुना है: "सरूमन का मानना है कि बुराई को रोके रखने में केवल विशाल बल ही सफल हो सकता है, लेकिन यह मेरा अनुभव नहीं है। मैंने तो यह देखा है कि साधारण लोगों के छोटे-छोटे कार्य बुराई के अन्धकार को रोके रखते हैं; दया और प्रेम के छोटे-छोटे कार्य।"

   परमेश्वर के वचन बाइबल में भी हम यही शिक्षा पाते हैं; प्रभु यीशु मसीह ने अपने अनुयायियों से कहा कि संसार में पाप और बुराई के अन्धकार के बावजूद, उसमें होने के कारण वे जगत की ज्योति हैं (मत्ती 5:14)। प्रेरित पतरस ने अपने मसीही विश्वास के कारण घोर सताव से होकर निकल रहे मसीह यीशु के अनुयायियों को लिखी अपनी पत्री में कहा कि वे ऐसे जीवन जीएं जिससे उन्हें सताने वाले "उनके भले कामों को देखकर, परमेश्वर की महिमा करें" (1 पतरस 2:12)।

   एक बल है जिसपर पाप का अन्धकार प्रबल नहीं हो पाता - प्रभु यीशु के नाम और सामर्थ से करे गए प्रेम और दया के कार्य। ये प्रभु यीशु के अनुयायी ही हैं जो अपना दूसरा गाल फेर देते हैं, अतिरिक्त मील चलने के लिए तैयार हो जाते हैं और अपने दुशमनों को भी क्षमा कर देते हैं, उनसे प्रेम का व्यवहार करते हैं; उनके पास ही बुराई के बल को पराजित करने की सामर्थ है। इसलिए आज प्रभु यीशु मसीह के नाम में भलाई और दया के कार्य करने के अपने विशेषाधिकार का प्रयोग करने के लिए तैयार रहें, औरों के जीवनों में मसीह यीशु के प्रेम की ज्योति को पहुँचाएं। - जो स्टोवैल


प्रेम और दया के कार्यों द्वारा संसार और जीवन को प्रकाशमान करें।

अन्यजातियों में तुम्हारा चालचलन भला हो; इसलिये कि जिन जिन बातों में वे तुम्हें कुकर्मी जान कर बदनाम करते हैं, वे तुम्हारे भले कामों को देख कर; उन्‍हीं के कारण कृपा दृष्टि के दिन परमेश्वर की महिमा करें। - 1 पतरस 2:12

बाइबल पाठ: मत्ती 5:11-16
Matthew 5:11 धन्य हो तुम, जब मनुष्य मेरे कारण तुम्हारी निन्दा करें, और सताएं और झूठ बोल बोलकर तुम्हरो विरोध में सब प्रकार की बुरी बात कहें। 
Matthew 5:12 आनन्‍दित और मगन होना क्योंकि तुम्हारे लिये स्वर्ग में बड़ा फल है इसलिये कि उन्होंने उन भविष्यद्वक्ताओं को जो तुम से पहिले थे इसी रीति से सताया था।
Matthew 5:13 तुम पृथ्वी के नमक हो; परन्तु यदि नमक का स्‍वाद बिगड़ जाए, तो वह फिर किस वस्तु से नमकीन किया जाएगा? फिर वह किसी काम का नहीं, केवल इस के कि बाहर फेंका जाए और मनुष्यों के पैरों तले रौंदा जाए। 
Matthew 5:14 तुम जगत की ज्योति हो; जो नगर पहाड़ पर बसा हुआ है वह छिप नहीं सकता। 
Matthew 5:15 और लोग दिया जलाकर पैमाने के नीचे नहीं परन्तु दीवट पर रखते हैं, तब उस से घर के सब लोगों को प्रकाश पहुंचता है। 
Matthew 5:16 उसी प्रकार तुम्हारा उजियाला मनुष्यों के साम्हने चमके कि वे तुम्हारे भले कामों को देखकर तुम्हारे पिता की, जो स्वर्ग में हैं, बड़ाई करें।

एक साल में बाइबल: 

  • भजन 113-115
  • 1 कुरिन्थियों 6


सोमवार, 22 अगस्त 2016

अनुग्रह


   मेरी मित्र रॉक्सैन अफ्रीका के जिस स्थान में कार्य कर रही है, वहाँ पानी बेशकीमती है; लोगों को मीलों जाकर छोटे तथा दूषित नालों से पानी लाना पड़ता है जो बीमारियों और मृत्यु का कारण बना रहता है। पानी की कमी के कारण अनाथालयों और चर्चों को लोगों की सेवा करने में कठिनाई बनी रहती है। लेकिन इस सब में अब कुछ सुधार आ रहा है।

   रॉक्सैन की अगुवाई तथा स्थापित चर्चों के प्रेम रखने वाले कुछ लोगों के निःस्वार्थ दान तथा सहायता से अब वहाँ स्वच्छ जल के लिए कुछ कुएं खोदे जा रहे हैं, जिनमें से छः अब काम कर रहे हैं, जिससे वहाँ के चर्च अब प्रोत्साहन और आशा के स्थान देखे जा रहे हैं। वहां 700 अनाथ बच्चों के लिए अनाथालय और एक स्वास्थ्य केंद्र भी खुलने वाला है, क्योंकि स्वच्छ जल अब उपलब्ध हो रहा है।

   यह सब उस प्रेम और अनुग्रह का उदाहरण है जो उन मसीही विश्वासियों से होकर निकलता है जिन्होंने प्रभु परमेश्वर के अनुग्रह और प्रेम को अपने जीवनों में स्वयं अनुभव किया है। परमेश्वर के वचन बाइबल में 1 कुरिन्थियों 13 में प्रेरित पौलुस कहता है कि यदि हममें प्रेम नहीं है तो हमारे शब्द लोगों के कानों को केवल झनझनाएंगे और लोगों के लिए हमारा विश्वास निरर्थक होगा। प्रेरित यूहन्ना ने लिखा है कि यदि हमारे पास आवश्यक संसाधन हैं और हम उनके द्वारा ज़रूरतमन्द लोगों की सहायता करते हैं, तो यह इस बात का प्रमाण है कि प्रभु परमेश्वर का प्रेम हममें बसता है (1 यूहन्ना 3:16)।

   परमेश्वर चाहता है कि हम ज़रूरतमन्द लोगों के प्रति वैसे ही अनुग्रहकारी रहें (भजन 112:5) जैसा परमेश्वर हमारे प्रति रहता है। - डेव ब्रैनन


अनुग्रह कार्यकारी मसीही विश्वास की पहचान है।

हम ने प्रेम इसी से जाना, कि उसने हमारे लिये अपने प्राण दे दिए; और हमें भी भाइयों के लिये प्राण देना चाहिए। - 1 यूहन्ना 3:16

बाइबल पाठ: भजन 112
Psalms 112:1 याह की स्तुति करो। क्या ही धन्य है वह पुरूष जो यहोवा का भय मानता है, और उसकी आज्ञाओं से अति प्रसन्न रहता है! 
Psalms 112:2 उसका वंश पृथ्वी पर पराक्रमी होगा; सीधे लोगों की सन्तान आशीष पाएगी। 
Psalms 112:3 उसके घर में धन सम्पत्ति रहती है; और उसका धर्म सदा बना रहेगा। 
Psalms 112:4 सीधे लोगों के लिये अन्धकार के बीच में ज्योति उदय होती है; वह अनुग्रहकारी, दयावन्त और धर्मी होता है। 
Psalms 112:5 जो पुरूष अनुग्रह करता और उधार देता है, उसका कल्याण होता है, वह न्याय में अपने मुकद्दमें को जीतेगा। 
Psalms 112:6 वह तो सदा तक अटल रहेगा; धर्मी का स्मरण सदा तक बना रहेगा। 
Psalms 112:7 वह बुरे समाचार से नहीं डरता; उसका हृदय यहोवा पर भरोसा रखने से स्थिर रहता है। 
Psalms 112:8 उसका हृदय सम्भला हुआ है, इसलिये वह न डरेगा, वरन अपने द्रोहियों पर दृष्टि कर के सन्तुष्ट होगा। 
Psalms 112:9 उसने उदारता से दरिद्रों को दान दिया, उसका धर्म सदा बना रहेगा और उसका सींग महिमा के साथ ऊंचा किया जाएगा। 
Psalms 112:10 दुष्ट उसे देख कर कुढेगा; वह दांत पीस- पीसकर गल जाएगा; दुष्टों की लालसा पूरी न होगी।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 110-112
  • 1 कुरिन्थियों 5


रविवार, 21 अगस्त 2016

अनुभव और भरोसा


   एक पुरानी कहावत है, "उतना ही मुँह में लो जितना कि चबा सकते हो"; अर्थात क्षमता से अधिक कुछ भी हाथ में ना लो; उत्तरदायित्व भी उतने ही लो जितने निभाने पाओ। लेकिन यह ध्यान रखने के बावजूद, जो कार्य या ज़िम्मेदारी हमने हाथ में ली है, कभी-कभी उसकी विशालता या कठिनाई से हम अभिभूत हो भी सकते हैं। यह हमारे मसीही विश्वास और प्रभु यीशु मसीह के प्रति हमारे समर्पण के साथ भी हो सकता है। लेकिन प्रभु पर हमारा भरोसा यदि डगमगाने भी लगे, तो प्रभु के पास हमारे प्रोत्साहन के लिए उपयुक्त शब्द उपलब्ध हैं (1 कुरिन्थियों 10:13)।

   हमारे प्रोत्साहन का एक और तरीका है परमेश्वर की हमारे प्रति सदा बने रहने वाली विश्वासयोग्यता को स्मरण करते रहना, उसका ध्यान बनाए रखना। परमेश्वर के वचन बाइबल में इब्रानियों को लिखी पत्री का लेखक उन्हें उनके उस साहस को स्मरण करने के लिए कहता है जो उन्होंने अपने मसीही विश्वास में आने के प्राथमिक दिनों में दिखाया था (इब्रानियों 10:32-33)। सामाजिक अपमान, तिरिस्कार और ताड़ना के बावजूद, उन्होंने बंदीगृह में डाले गए मसीही विश्वासियों की सहायता करी, अपनी संपत्ति को आनन्द से लुटने दिया (पद 33-34)। इस बात को आधार बना कर लेखक उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए कहता है: "सो अपना हियाव न छोड़ो क्योंकि उसका प्रतिफल बड़ा है। पर हम हटने वाले नहीं, कि नाश हो जाएं पर विश्वास करने वाले हैं, कि प्राणों को बचाएं" (पद 35-36)।

   आज हम मसीही विश्वासियों की आशा का आधार हमारी अपनी कोई योग्यता या क्षमता नहीं, वरन प्रभु यीशु मसीह, उसका जीवता वचन और सही समय पर उसके पुनरागमन की आशा है। यह परमेश्वर से हमें मिलने वाली सामर्थ ही है जिससे संसार और शैतान द्वारा मार्ग में डाली जाने वाली हर बाधा और निराशा के बावजूद हम अपने मसीही विश्वास की यात्रा को ज़ारी रखते हुए अपने स्वर्गीय गन्तव्य की ओर बढ़ते रहते हैं, सकुशल बने रहते हैं। बीते दिनों में हमारे प्रति बनी रही परमेश्वर की विश्वासयोग्यता के अनुभव, आने वाले दिनों की सभी बातों के लिए उस में हमारे भरोसे को दृढ़ और स्थिर करती है। - डेविड मैक्कैसलैंड


परमेश्वर की विश्वासयोग्यता हमारे भरोसे को उकसाती और बढ़ाती है।

तुम किसी ऐसी परीक्षा में नहीं पड़े, जो मनुष्य के सहने से बाहर है: और परमेश्वर विश्वासयोग्य है: वह तुम्हें सामर्थ से बाहर परीक्षा में न पड़ने देगा, वरन परीक्षा के साथ निकास भी करेगा; कि तुम सह सको। - 1 कुरिन्थियों 10:13

बाइबल पाठ: इब्रानियों 10:32-39
Hebrews 10:32 परन्तु उन पहिले दिनों को स्मरण करो, जिन में तुम ज्योति पाकर दुखों के बड़े झमेले में स्थिर रहे। 
Hebrews 10:33 कुछ तो यों, कि तुम निन्‍दा, और क्‍लेश सहते हुए तमाशा बने, और कुछ यों, कि तुम उन के साझी हुए जिन की र्दुदशा की जाती थी। 
Hebrews 10:34 क्योंकि तुम कैदियों के दुख में भी दुखी हुए, और अपनी संपत्ति भी आनन्द से लुटने दी; यह जान कर, कि तुम्हारे पास एक और भी उत्तम और सर्वदा ठहरने वाली संपत्ति है। 
Hebrews 10:35 सो अपना हियाव न छोड़ो क्योंकि उसका प्रतिफल बड़ा है। 
Hebrews 10:36 क्योंकि तुम्हें धीरज धरना अवश्य है, ताकि परमेश्वर की इच्छा को पूरी कर के तुम प्रतिज्ञा का फल पाओ। 
Hebrews 10:37 क्योंकि अब बहुत ही थोड़ा समय रह गया है जब कि आने वाला आएगा, और देर न करेगा। 
Hebrews 10:38 और मेरा धर्मी जन विश्वास से जीवित रहेगा, और यदि वह पीछे हट जाए तो मेरा मन उस से प्रसन्न न होगा। 
Hebrews 10:39 पर हम हटने वाले नहीं, कि नाश हो जाएं पर विश्वास करने वाले हैं, कि प्राणों को बचाएं।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 107-109
  • 1 कुरिन्थियों 4


शनिवार, 20 अगस्त 2016

बुनियाद


   जर्मनी के बावेरिया प्रांत में स्थित नॉर्डलिंगन शहर अद्वितीय है क्योंकि वह एक विशाल गोलाकार गढ्ढे में स्थित है। बहुत वर्ष पहले यह गढ्ढा एक उलका-पिण्ड के टकराव से बना था। उस टकराव से इतना अधिक दबाव और गर्मी उत्पन्न हुई कि वहाँ की चट्टानें रवेदार हो गईं और वहाँ अनगिनित सूक्षम हीरे बन गए। 13वीं शताब्दी में उन रवेदार चट्टानों और सूक्षम हीरों से जड़े पत्थरों से वहाँ का सेंट जॉर्ज चर्च बनाया गया। आज भी उस चर्च को देखने के लिए आने वाले उसकी दीवारों और बुनियाद में उन पत्थरों में बने सुन्दर मणियों और रत्नों को देख सकते हैं, और उन्हें देखकर कुछ लोग यह भी कहते हैं कि उस चर्च की बुनियाद अलौकिक है।

   परमेश्वर का वचन, बाइबल, हम मसीही विश्वासियों की एक अन्य अलौकिक बुनियाद के बारे में भी बताती है - प्रभु यीशु मसीह। प्रभु यीशु स्मस्त मानव-जाति के उद्धार के लिए स्वर्ग से उतरकर आए (यूहन्ना 3:13) और अपने बलिदान, पुनरुत्थान और स्वर्गारोहण के पश्चात वापस स्वर्ग को लौट गए; लेकिन पृथ्वी पर अपने अनुयायियों को, जिन्हें बाइबल में परमेश्वर का "जीवित मन्दिर" भी कहा जाता है, अपने कार्य को आगे बढ़ाने के लिए छोड़ गए; और इस जीवित मन्दिर की वे स्वयं ही बुनियाद हैं। प्रेरित पौलुस ने इस बुनियाद के विषय में लिखा, "क्योंकि उस नेव को छोड़ जो पड़ी है, और वह यीशु मसीह है कोई दूसरी नेव नहीं डाल सकता" (1 कुरिन्थियों 3:11)।

   बावेरिया में बना वह भौतिक चर्च भवन की बुनियाद और निर्माण पृथ्वी के पत्थरों से है; परन्तु वह आत्मिक चर्च - अर्थात सभी मसीही विश्वासियों का समूह, सर्वश्रेष्ठ एवं सर्वोत्तम स्वर्गीय बुनियाद - प्रभु यीशु मसीह पर स्थापित है, और उसके निर्माण के लिए परमेश्वर हम मसीही विश्वासियों को प्रयोग कर रहा है (यशायाह 28:16; 1 कुरिन्थियों 10:3-4)।

   परमेश्वर की स्तुति एवं प्रशंसा हो कि जो कार्य हमारे उद्धार के लिए प्रभु यीशु ने पूरा कर के दे दिया है, उसके कारण हमारा उद्धार अनन्तकाल के लिए सुदृढ़ और सुरक्षित है। - डेनिस फिशर


हमारे विश्वास की चट्टान, मसीह यीशु ही हमारी दृढ़ आशा है।

इसलिये तुम अब विदेशी और मुसाफिर नहीं रहे, परन्तु पवित्र लोगों के संगी स्‍वदेशी और परमेश्वर के घराने के हो गए। और प्रेरितों और भविष्यद्वक्ताओं की नेव पर जिसके कोने का पत्थर मसीह यीशु आप ही है, बनाए गए हो। जिस में सारी रचना एक साथ मिलकर प्रभु में एक पवित्र मन्दिर बनती जाती है। जिस में तुम भी आत्मा के द्वारा परमेश्वर का निवास स्थान होने के लिये एक साथ बनाए जाते हो। - इफिसियों 2:19-22

बाइबल पाठ: 1 कुरिन्थियों 3:1-11
1 Corinthians 3:1 हे भाइयों, मैं तुम से इस रीति से बातें न कर सका, जैसे आत्मिक लोगों से; परन्तु जैसे शारीरिक लोगों से, और उन से जो मसीह में बालक हैं। 
1 Corinthians 3:2 मैं ने तुम्हें दूध पिलाया, अन्न न खिलाया; क्योंकि तुम उसको न खा सकते थे; वरन अब तक भी नहीं खा सकते हो। 
1 Corinthians 3:3 क्योंकि अब तक शारीरिक हो, इसलिये, कि जब तुम में डाह और झगड़ा है, तो क्या तुम शारीरिक नहीं? और मनुष्य की रीति पर नहीं चलते? 
1 Corinthians 3:4 इसलिये कि जब एक कहता है, कि मैं पौलुस का हूं, और दूसरा कि मैं अपुल्लोस का हूं, तो क्या तुम मनुष्य नहीं? 
1 Corinthians 3:5 अपुल्लोस क्या है? और पौलुस क्या है? केवल सेवक, जिन के द्वारा तुम ने विश्वास किया, जैसा हर एक को प्रभु ने दिया। 
1 Corinthians 3:6 मैं ने लगाया, अपुल्लोस ने सींचा, परन्तु परमेश्वर ने बढ़ाया। 
1 Corinthians 3:7 इसलिये न तो लगाने वाला कुछ है, और न सींचने वाला, परन्तु परमेश्वर जो बढ़ाने वाला है। 
1 Corinthians 3:8 लगाने वाला और सींचने वाला दानों एक हैं; परन्तु हर एक व्यक्ति अपने ही परिश्रम के अनुसार अपनी ही मजदूरी पाएगा। 
1 Corinthians 3:9 क्योंकि हम परमेश्वर के सहकर्मी हैं; तुम परमेश्वर की खेती और परमेश्वर की रचना हो। 
1 Corinthians 3:10 परमेश्वर के उस अनुग्रह के अनुसार, जो मुझे दिया गया, मैं ने बुद्धिमान राजमिस्री की नाईं नेव डाली, और दूसरा उस पर रद्दा रखता है; परन्तु हर एक मनुष्य चौकस रहे, कि वह उस पर कैसा रद्दा रखता है। 
1 Corinthians 3:11 क्योंकि उस नेव को छोड़ जो पड़ी है, और वह यीशु मसीह है कोई दूसरी नेव नहीं डाल सकता।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 105-106
  • 1 कुरिन्थियों 3


शुक्रवार, 19 अगस्त 2016

अनुसरण


   मेरे घर के निकट कुत्तों की एक प्रदर्शनी आयोजित हुई; उस प्रदर्शनी में अनेक तरह के कुत्ते थे और उनके मालिक उन कुत्तों की विशेषताएं भी दिखा रहे थे। एक विशेष जाति के कुत्ते ने, जिसका नाम ट्रेवर था, अपने स्वामी के निर्देषानुसार कई बातों को कर के दिखाया। अपने स्वामी के कहने पर ट्रेवर कुछ दूर तक दौड़ कर गया और तुरंत लौटकर वापस भी आया; उसने बाड़ के ऊपर से छलांगें लगाईं, सूँघकर भिन्न वस्तुओं को पहिचना। हर कार्य को करने के पश्चात ट्रेवर वापस आकर अपने स्वामी के कदमों पर बैठ जाता था, और अगले निर्देष की प्रतीक्षा करने लगता था और फिर निर्देष पाने पर ही वह स्वामी के कदमों से उसे पूरा करने के लिए हटता था।

   ट्रेवर की इस निर्देष पाने पर ही हिलने की बात ने मुझे उस समर्पण की याद दिलाई जो परमेश्वर अपने लोगों से चाहता है। जब परमेश्वर इस्त्राएलियों को मिस्त्र के दास्तव से निकाल कर वाचा किए हुए कनान देश की ओर लेकर चला, तो वह स्वयं ही बादल और अग्नि के खंबे के रूप में उनका मार्गदर्शक बनकर उनके आगे चला। यदि परमेश्वर की उपस्थिति का बादल ऊपर उठता था तो परमेश्वर के लोग आगे बढ़ते थे, और यदि बादल नीचे उतर जाता तो वे लोग उस स्थान पर शिविर लगा लेते थे और वहीं रहते थे जब तक कि बादल पुनः उठकर आगे ना बढ़ने लगे: "यहोवा की आज्ञा से वे अपने डेरें खड़े करते, और यहोवा ही की आज्ञा से वे प्रस्थान करते थे; जो आज्ञा यहोवा मूसा के द्वारा देता था उसको वे माना करते थे" (गिनती 9:23)। वे इस्त्राएली दिन-रात, इसी रीति का पालन करते रहे और चाहे जितना भी समय किसी एक स्थान पर बिताना पड़ता था, वे बिताते थे और परमेश्वर के निर्देष पर ही आगे कनान की ओर बढ़ते थे।

   ऐसा करके परमेश्वर उन इस्त्राएलियों की केवल परीक्षा ही नहीं ले रहा था, वरन उस वाचा किए हुए उत्तम कनान देश में पहुँचकर बसने और फलवन्त होने के लिए उनका प्रशिक्षण भी कर रहा था। आज परमेश्वर का अनुसरण करने की यही बात हम मसीही विश्वासियों के साथ भी है। परमेश्वर चाहता है कि हम उसके साथ निकट-संगति रखें, उसकी आशीषों के संभागी हों। परमेश्वर का वचन बाइबल हमें बताती है कि जो दीन और नम्र होकर उसका अनुसरण करते हैं, परमेश्वर उनके प्रति विश्वासयोग्य और प्रेमी रहता है, उनकी भलाई करने में लगा रहता है। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


परमेश्वर चाहता है कि उसकी सन्तान उसका अनुसरण करे।

भला होता कि उनका मन सदैव ऐसा ही बना रहे, कि वे मेरा भय मानते हुए मेरी सब आज्ञाओं पर चलते रहें, जिस से उनकी और उनके वंश की सदैव भलाई होती रहे! - व्यवस्थाविवरण 5:29

बाइबल पाठ: गिनती 9:15-23
Numbers 9:15 जिस दिन निवास जो साक्षी का तम्बू भी कहलाता है खड़ा किया गया, उस दिन बादल उस पर छा गया; और सन्ध्या को वह निवास पर आग सा दिखाई दिया और भोर तक दिखाई देता रहा। 
Numbers 9:16 और नित्य ऐसा ही हुआ करता था; अर्थात दिन को बादल छाया रहता, और रात को आग दिखाई देती थी। 
Numbers 9:17 और जब जब वह बादल तम्बू पर से उठ जाता तब इस्त्राएली प्रस्थान करते थे; और जिस स्थान पर बादल ठहर जाता वहीं इस्त्राएली अपने डेरे खड़े करते थे। 
Numbers 9:18 यहोवा की आज्ञा से इस्त्राएली कूच करते थे, और यहोवा ही की आज्ञा से वे डेरे खड़े भी करते थे; और जितने दिन तक वह बादल निवास पर ठहरा रहता उतने दिन तक वे डेरे डाले पड़े रहते थे। 
Numbers 9:19 और जब जब बादल बहुत दिन निवास पर छाया रहता तब इस्त्राएली यहोवा की आज्ञा मानते, और प्रस्थान नहीं करते थे। 
Numbers 9:20 और कभी कभी वह बादल थोड़े ही दिन तक निवास पर रहता, और तब भी वे यहोवा की आज्ञा से डेरे डाले पड़े रहते थे और फिर यहोवा की आज्ञा ही से प्रस्थान करते थे।
Numbers 9:21 और कभी कभी बादल केवल सन्ध्या से भोर तक रहता; और जब वह भोर को उठ जाता था तब वे प्रस्थान करते थे, और यदि वह रात दिन बराबर रहता तो जब बादल उठ जाता तब ही वे प्रस्थान करते थे। 
Numbers 9:22 वह बादल चाहे दो दिन, चाहे एक महीना, चाहे वर्ष भर, जब तक निवास पर ठहरा रहता तब तक इस्त्राएली अपने डेरों में रहते और प्रस्थान नहीं करते थे; परन्तु जब वह उठ जाता तब वे प्रस्थान करते थे। 
Numbers 9:23 यहोवा की आज्ञा से वे अपने डेरे खड़े करते, और यहोवा ही की आज्ञा से वे प्रस्थान करते थे; जो आज्ञा यहोवा मूसा के द्वारा देता था उसको वे माना करते थे।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 103-104
  • 1 कुरिन्थियों 2


गुरुवार, 18 अगस्त 2016

प्रतीक्षा और विश्वास


   दूसरे विश्वयुद्ध के समय, जर्मनी के एक युद्ध-बंदी शिविर में, कुछ अमरीकी युद्ध बंदियों ने, जर्मन सुरक्षाकर्मियों की जानकारी में आए बिना एक रेडियो बना लिया था। उस रेडियो पर उन्होंने एक दिन समाचार सुना कि जर्मनी के उच्च सेनाधिकारियों ने समर्पण कर दिया है और युद्ध समाप्त हो गया है। संचार व्यवस्था के बाधित हो जाने के कारण उस शिविर के जर्मन सुरक्षाकर्मियों तक यह समाचार आधिकारिक रूप में नहीं पहुँचने पाया। परन्तु जैसे ही यह समाचार युद्ध बंदियों में फैलने लगा, वे पुनः स्वतंत्र होने की आशा में ऊँची आवाज़ में खुशी मनाने लगे; तीन दिन तक वे आनन्दित होकर गीत गाते, पहरेदारों की ओर हाथ हिलाते और आपस में चुटकुले सुनाते, मज़ाक करते रहे। चौथे दिन उन बंदियों ने पाया कि उनके जर्मन सुरक्षाकर्मी शिविर छोड़कर भाग गए हैं और उन बंदियों की आशा की प्रतीक्षा का अन्त हो गया था।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में भी हम अनेक घटनाएं एवं शिक्षाएं पाते हैं जो प्रतीक्षा पर केंद्रित हैं, जैसे कि: अब्राहम की सन्तान तथा उत्तराधिकारी पाने की प्रतीक्षा; इस्त्राएलियों की मिस्त्र के दास्तव से छुड़ाए जाने की प्रतीक्षा। परमेश्वर के भविष्यद्वकताओं की अपनी भविष्यवाणियों के पूरी होने की प्रतीक्षा; प्रभु यीशु मसीह के चेलों की प्रतीक्षा कि उनकी आशा के अनुरूप प्रभु सामर्थी मसीहा बनकर कार्य करे, इत्यादि। बाइबल की अन्तिम पुस्तक, प्रकाशितवाक्य के अन्त में प्रभु यीशु द्वारा कहे गए शब्द हैं, "...हां मैं शीघ्र आने वाला हूं" और फिर एक आग्रह से भरी प्रार्थना है, "आमीन। हे प्रभु यीशु आ" (प्रकाशितवाक्य 22:20); इन शब्दों के पूरे होने की हम मसीही विश्वासियों को प्रतीक्षा है।

   मैं अपने आप से प्रश्न करता हूँ, जब हम मसीही विश्वासी उस सुखद अन्त को भली-भांति जानते हैं, और प्रभु के आने की आशा तथा प्रतीक्षा में भी हैं तो फिर अपने जीवन में इतने भयभीत और चिंतित क्यों रहते हैं? उन युद्ध बंदियों के समान ही, उस सुखद और भले समाचार पर विश्वास रखते हुए हम अपनी उस आशा के अनुरूप जीवन क्यों नहीं व्यतीत करते हैं? परमेश्वर में विश्वास रखने का अर्थ और क्या है, सिवाए इसके कि जो उसने कहा है वह वैसा ही पूरा भी होगा। - फिलिप यैन्सी


प्रतीक्षा हमारे विश्वास को परखती है; इसलिए आशा के साथ प्रतीक्षा करें।

अब विश्वास आशा की हुई वस्‍तुओं का निश्‍चय, और अनदेखी वस्‍तुओं का प्रमाण है। - इब्रानियों 11:1

बाइबल पाठ: प्रकाशितवाक्य 22:12-21
Revelation 22:12 देख, मैं शीघ्र आने वाला हूं; और हर एक के काम के अनुसार बदला देने के लिये प्रतिफल मेरे पास है। 
Revelation 22:13 मैं अलफा और ओमिगा, पहिला और पिछला, आदि और अन्‍त हूं। 
Revelation 22:14 धन्य वे हैं, जो अपने वस्‍त्र धो लेते हैं, क्योंकि उन्हें जीवन के पेड़ के पास आने का अधिकार मिलेगा, और वे फाटकों से हो कर नगर में प्रवेश करेंगे। 
Revelation 22:15 पर कुत्ते, और टोन्‍हें, और व्यभिचारी, और हत्यारे और मूर्तिपूजक, और हर एक झूठ का चाहने वाला, और गढ़ने वाला बाहर रहेगा।
Revelation 22:16 मुझ यीशु ने अपने स्वर्गदूत को इसलिये भेजा, कि तुम्हारे आगे कलीसियाओं के विषय में इन बातों की गवाही दे: मैं दाऊद का मूल, और वंश, और भोर का चमकता हुआ तारा हूं।
Revelation 22:17 और आत्मा, और दुल्हिन दोनों कहती हैं, आ; और सुनने वाला भी कहे, कि आ; और जो प्यासा हो, वह आए और जो कोई चाहे वह जीवन का जल सेंतमेंत ले।
Revelation 22:18 मैं हर एक को जो इस पुस्‍तक की भविष्यद्वाणी की बातें सुनता है, गवाही देता हूं, कि यदि कोई मनुष्य इन बातों में कुछ बढ़ाए, तो परमेश्वर उन विपत्तियों को जो इस पुस्‍तक में लिखीं हैं, उस पर बढ़ाएगा। 
Revelation 22:19 और यदि कोई इस भविष्यद्वाणी की पुस्‍तक की बातों में से कुछ निकाल डाले, तो परमेश्वर उस जीवन के पेड़ और पवित्र नगर में से जिस की चर्चा इस पुस्‍तक में है, उसका भाग निकाल देगा।
Revelation 22:20 जो इन बातों की गवाही देता है, वह यह कहता है, हां मैं शीघ्र आने वाला हूं। आमीन। हे प्रभु यीशु आ।
Revelation 22:21 प्रभु यीशु का अनुग्रह पवित्र लोगों के साथ रहे। आमीन।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 100-102
  • 1 कुरिन्थियों 1


बुधवार, 17 अगस्त 2016

गायन


   पृथ्वी से 200 किलोमीटर की ऊँचाई से, कैनाडा के अन्तरिक्ष यात्री और अन्तराष्ट्रीय अन्तरिक्ष केन्द्र के कमांडर क्रिस हैडफील्ड पृथ्वी पर स्थित एक स्टूडियो में एकत्रित छात्रों के साथ एक समूह के साथ गीत गाने में सम्मिलित हुए। उन लोगों ने एक साथ हैडफील्ड और एड रॉबर्टसन द्वारा मिलकर लिखा गया गीत, "Is Somebody Singing" गाया। उस गीत की एक पंक्ति: "You can't make out borders from up here" (आप यहाँ से कोई भी सीमा रेखाएं नहीं देख सकते हैं) ने मेरा ध्यान खींचा। हम मनुष्य अपने आप को एक दूसरे से पृथक रखने के लिए अपने मध्य में अनेकों प्रकार की सीमा रेखाएं खींच लेते हैं - जैसे कि राष्ट्र, नसल, विचारधारा इत्यादि की सीमाएं; लेकिन इस गीत ने मुझे स्मरण करवाया कि परमेश्वर हमारे बीच में ऐसे कोई विभाजन नहीं देखता है। परमेश्वर के लिए एक ही बात महत्वपूर्ण है, कि हम उससे और आपस में एक दूसरे से सच्चा प्रेम रखें: "और तू प्रभु अपने परमेश्वर से अपने सारे मन से और अपने सारे प्राण से, और अपनी सारी बुद्धि से, और अपनी सारी शक्ति से प्रेम रखना। और दूसरी यह है, कि तू अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रखना: इस से बड़ी और कोई आज्ञा नहीं" (मरकुस 12:30-31)।

   एक प्रेमी पिता होने के नाते परमेश्वर चाहता है कि उसका परिवार एक जुट होकर साथ रहे। यदि हम एक-दूसरे के साथ मेल-मिलाप और सहयोग के साथ नहीं रहेंगे तो जो परमेश्वर हम से चाहता है, उस कार्य को पूरा कभी नहीं कर सकेंगे। अपने क्रूस पर चढ़ाए जाने से पूर्व-रात्रि में प्रभु यीशु ने गहरी संवेदना के साथ परमेश्वर से प्रार्थना करी कि परमेश्वर उनके अनुयायियों को एक होकर रहने वाला बनाए: "जैसा तू हे पिता मुझ में हैं, और मैं तुझ में हूं, वैसे ही वे भी हम में हों, इसलिये कि जगत प्रतीति करे, कि तू ही ने मुझे भेजा" (यूहन्ना 17:21)।

   एक साथ मिलकर गीत गाना इसी एकता को दिखाता है। समूह-गायन के समय सभी गाने वाले उस गीत के बोल, स्वर, ताल, लय, संगीत आदि में एक होते हैं; सभी एक-दूसरे का साथ निभाते, एक-दूसरे की सहायता करते, एक-दुसरे को उभारते हुए मिलकर गाते हैं, तभी अच्छा गायन प्रस्तुत होने पाता है।

   परमेश्वर की स्तुति और आराधना का गायन भी हमें ना केवल परमेश्वर के गुणों को संसार के सामने प्रगट करने का माध्यम प्रदान करता है, वरन हमारे मसीह यीशु में होकर एक होने को संसार के सामने दिखाने का अवसर भी देता है। सामूहिक आराधना और स्तुति गायन के सदुपयोग द्वारा परमेश्वर की महिमा संसार पर अवश्य प्रगट करें। - जूली ऐकैरमैन लिंक


परमेश्वर की आराधना और स्तुति करने का चलन कभी पुराना नहीं पड़ेगा।

अर्थात सारी दीनता और नम्रता सहित, और धीरज धरकर प्रेम से एक दूसरे की सह लो। और मेल के बन्ध में आत्मा की एकता रखने का यत्‍न करो। - इफिसियों 4:2-3

बाइबल पाठ: यूहन्ना 17:11-26
John 17:11 मैं आगे को जगत में न रहूंगा, परन्तु ये जगत में रहेंगे, और मैं तेरे पास आता हूं; हे पवित्र पिता, अपने उस नाम से जो तू ने मुझे दिया है, उन की रक्षा कर, कि वे हमारी नाईं एक हों। 
John 17:12 जब मैं उन के साथ था, तो मैं ने तेरे उस नाम से, जो तू ने मुझे दिया है, उन की रक्षा की, मैं ने उन की चौकसी की और विनाश के पुत्र को छोड़ उन में से काई नाश न हुआ, इसलिये कि पवित्र शास्त्र की बात पूरी हो। 
John 17:13 परन्तु अब मैं तेरे पास आता हूं, और ये बातें जगत में कहता हूं, कि वे मेरा आनन्द अपने में पूरा पाएं।
John 17:14 मैं ने तेरा वचन उन्हें पहुंचा दिया है, और संसार ने उन से बैर किया, क्योंकि जैसा मैं संसार का नहीं, वैसे ही वे भी संसार के नहीं। 
John 17:15 मैं यह बिनती नहीं करता, कि तू उन्हें जगत से उठा ले, परन्तु यह कि तू उन्हें उस दुष्‍ट से बचाए रख। 
John 17:16 जैसे मैं संसार का नहीं, वैसे ही वे भी संसार के नहीं। 
John 17:17 सत्य के द्वारा उन्हें पवित्र कर: तेरा वचन सत्य है। 
John 17:18 जैसे तू ने जगत में मुझे भेजा, वैसे ही मैं ने भी उन्हें जगत में भेजा। 
John 17:19 और उन के लिये मैं अपने आप को पवित्र करता हूं ताकि वे भी सत्य के द्वारा पवित्र किए जाएं। 
John 17:20 मैं केवल इन्‍हीं के लिये बिनती नहीं करता, परन्तु उन के लिये भी जो इन के वचन के द्वारा मुझ पर विश्वास करेंगे, कि वे सब एक हों। 
John 17:21 जैसा तू हे पिता मुझ में हैं, और मैं तुझ में हूं, वैसे ही वे भी हम में हों, इसलिये कि जगत प्रतीति करे, कि तू ही ने मुझे भेजा। 
John 17:22 और वह महिमा जो तू ने मुझे दी, मैं ने उन्हें दी है कि वे वैसे ही एक हों जैसे की हम एक हैं। 
John 17:23 मैं उन में और तू मुझ में कि वे सिद्ध हो कर एक हो जाएं, और जगत जाने कि तू ही ने मुझे भेजा, और जैसा तू ने मुझ से प्रेम रखा, वैसा ही उन से प्रेम रखा। 
John 17:24 हे पिता, मैं चाहता हूं कि जिन्हें तू ने मुझे दिया है, जहां मैं हूं, वहां वे भी मेरे साथ हों कि वे मेरी उस महिमा को देखें जो तू ने मुझे दी है, क्योंकि तू ने जगत की उत्‍पत्ति से पहिले मुझ से प्रेम रखा। 
John 17:25 हे धामिर्क पिता, संसार ने मुझे नहीं जाना, परन्तु मैं ने तुझे जाना और इन्‍होंने भी जाना कि तू ही ने मुझे भेजा। 
John 17:26 और मैं ने तेरा नाम उन को बताया और बताता रहूंगा कि जो प्रेम तुझ को मुझ से था, वह उन में रहे और मैं उन में रहूं।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 97-99
  • रोमियों 16


मंगलवार, 16 अगस्त 2016

राजदूत


   पीट पीटरसन का वियतनाम के साथ पहला संपर्क वियतनाम के युद्ध के दौरान हुआ। सन 1966 में बंबारी करने की एक मुहिम में उनका लड़ाकू विमान मार गिराया गया और उन्हें युद्ध बन्दी बना लिया गया। इसके 30 वर्ष से भी अधिक के पश्चात वे अमेरिका के राजदूत बनकर वियतनाम लौटे। एक समाचार लेख में उनके इस आगमन पर उन्हें "मेल-मिलाप के लिए चलता-फिरता विज्ञापन पटल" कहा गया। पीट ने वर्षों पहले इस बात का एहसास कर लिया था कि परमेश्वर ने उनका जीवन इसलिए नहीं बचाया कि वे उसे क्रोध और कटुता में व्यतीत कर दें। क्योंकि वे अपने जीवन के प्रति परमेश्वर के उद्देश्य को समझने लगे थे इसलिए उन्होंने अपना शेष जीवन और अपना ओहदा वियतनाम के बच्चों को बेहतर सुरक्षा मानकों के उपलब्ध करवाए जाने और उनके जीवनों को बेहतर बनाने के लिए लगा दिया।

   अपने देश का राजदूत बनाकर किसी दूसरे देश में भेजे जाना बड़े आदर और गौरव की बात है। परमेश्वर का वचन बाइबल हम मसीही विश्वासियों को यह बताती है कि हम मसीह यीशु  के राजदूत हैं (2 कुरिन्थियों 5:20)। जैसे परमेश्वर ने प्रभु यीशु मसीह को इसलिए पृथ्वी पर भेजा कि हमारा मेल-मिलाप परमेश्वर के साथ हो जाए, वैसे ही आज हमें इसी मेल-मिलाप के सन्देश को लोगों तक पहुँचाने की सेवकाई सौंपी गई है (पद 18-19)। जो सन्देश हमें संसार के सभी लोगों तक पहुँचाना है वह है कि मसीह यीशु में लाए गए विश्वास द्वारा संसार के प्रत्येक व्यक्ति का मेल परमेश्वर के साथ हो सकता है क्योंकि "जो पाप से अज्ञात था, उसी को उसने हमारे लिये पाप ठहराया, कि हम उस में हो कर परमेश्वर की धामिर्कता बन जाएं" (पद 21)।

   जो प्रेम और मेल-मिलाप प्रभु यीशु ने हमारे प्रति दिखाया है, उसके लिए कृतज्ञ होकर प्रत्युत्तर में हम इसी प्रेम को दूसरों के साथ बांट सकते हैं, उन्हें इसके बारे में बता सकते हैं। हम मसीह यीशु के राजदूत हैं, और संसार में जहाँ भी परमेश्वर हमें नियुक्त करता है, हमें वहाँ प्रभु यीशु में लाए गए विश्वास द्वारा परमेश्वर से होने वाले मेल-मिलाप के सन्देश को लोगों तक पहुँचाना है। - सी० पी० हिया


सुसमाचार यदि बताया ही नहीं जाए तो वह कोई समाचार नहीं रह जाता है।

पर तुम एक चुना हुआ वंश, और राज-पदधारी याजकों का समाज, और पवित्र लोग, और (परमेश्वर की) निज प्रजा हो, इसलिये कि जिसने तुम्हें अन्धकार में से अपनी अद्भुत ज्योति में बुलाया है, उसके गुण प्रगट करो। - 1 पतरस 2:9 

बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 5:14-21
2 Corinthians 5:14 क्योंकि मसीह का प्रेम हमें विवश कर देता है; इसलिये कि हम यह समझते हैं, कि जब एक सब के लिये मरा तो सब मर गए। 
2 Corinthians 5:15 और वह इस निमित्त सब के लिये मरा, कि जो जीवित हैं, वे आगे को अपने लिये न जीएं परन्तु उसके लिये जो उन के लिये मरा और फिर जी उठा। 
2 Corinthians 5:16 सो अब से हम किसी को शरीर के अनुसार न समझेंगे, और यदि हम ने मसीह को भी शरीर के अनुसार जाना था, तौभी अब से उसको ऐसा नहीं जानेंगे। 
2 Corinthians 5:17 सो यदि कोई मसीह में है तो वह नई सृष्‍टि है: पुरानी बातें बीत गई हैं; देखो, वे सब नई हो गईं। 
2 Corinthians 5:18 और सब बातें परमेश्वर की ओर से हैं, जिसने मसीह के द्वारा अपने साथ हमारा मेल-मिलाप कर लिया, और मेल-मिलाप की सेवा हमें सौंप दी है। 
2 Corinthians 5:19 अर्थात परमेश्वर ने मसीह में हो कर अपने साथ संसार का मेल मिलाप कर लिया, और उन के अपराधों का दोष उन पर नहीं लगाया और उसने मेल मिलाप का वचन हमें सौंप दिया है।
2 Corinthians 5:20 सो हम मसीह के राजदूत हैं; मानो परमेश्वर हमारे द्वारा समझाता है: हम मसीह की ओर से निवेदन करते हैं, कि परमेश्वर के साथ मेल मिलाप कर लो। 
2 Corinthians 5:21 जो पाप से अज्ञात था, उसी को उसने हमारे लिये पाप ठहराया, कि हम उस में हो कर परमेश्वर की धामिर्कता बन जाएं।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 94-96
  • रोमियों 15:14-33


सोमवार, 15 अगस्त 2016

आशा


   मैं अपने पिता की कब्र के पास बैठी हुई प्रतीक्षा में थी कि मेरी माँ के अन्तिम संस्कार और दफनाने की क्रीया आरंभ हो। मेरा मन स्तब्ध और और मेरा मस्तिष्क सुन्न था; तीन महीने के अन्दर ही दोनों को खो देने को मैं कैसे सहन करने पाऊँगी? अब उनके मेरे साथ ना होने के कारण अपने इस वियोग में मैं अकेलेपन और दुःख तथा कुछ हद तक एक निराशा का अनुभव कर रही थी।

   क्रिया आरंभ हुई और एक पास्टर ने एक अन्य कब्र के समीप हुई कुछ बातों के बारे में परमेश्वर के वचन बाइबल से पढ़ना आरंभ किया। प्रभु यीशु मसीह की मृत्युप्रांत, सप्ताह के पहले दिन बड़ी भोर के समय कुछ महिलाएं प्रभु यीशु कि देह पर सुगन्धित द्रव्य लगाने के लिए उसकी कब्र पर पहुँचीं (मत्ती 28:1; लूका 24:1)। वहाँ पहुँच कर वे खुली हुई तथा खाली कब्र देखकर भौंचक्की रह गईं - और एक स्वर्गदूत ने उनसे कहा, "मत डरो" (मत्ती 28:5)। उन्हें उस खाली कब्र या वहाँ उपस्थित उस स्वर्गदूत से डरने की कोई आवश्यकता नहीं थी क्योंकि वह दूत उन के लिए एक अच्छी खबर लेकर आया था। उस स्वर्गदूत के मुँह से निकलने वाले अगले शब्द "वह यहाँ नहीं है, परन्तु अपने वचन के अनुसार जी उठा है; आओ, यह स्थान देखो, जहाँ प्रभु पड़ा था" (पद 6) सुनकर उन स्त्रियों में आशा जागृत हुई। क्योंकि प्रभु यीशु मृतकों में से पुनः जीवित हो उठे थे इसलिए अब मृत्यु पराजित हो चुकी थी। प्रभु यीशु ने अपने चेलों से कुछ ही दिन पहले कहा था: "और थोड़ी देर रह गई है कि फिर संसार मुझे न देखेगा, परन्तु तुम मुझे देखोगे, इसलिये कि मैं जीवित हूं, तुम भी जीवित रहोगे" (यूहन्ना 14:19)।

   चाहे हम अपने किसी प्रीय जन के चले जाने से दुःखी होते हैं, लेकिन मसीह यीशु के पुनरुत्थान से हमें आशा मिली है; हमें आश्वासन है कि मृत्युप्रांत भी जीवन है; प्रभु यीशु के साथ का आनन्दमय अनन्त जीवन। - ऐनी सेटास


क्योंकि हमारा प्रभु जीवता प्रभु है, इसलिए हमारे पास भी अनन्त जीवन की आशा है।

क्योंकि यदि हम उस की मृत्यु की समानता में उसके साथ जुट गए हैं, तो निश्चय उसके जी उठने की समानता में भी जुट जाएंगे। - रोमियों 6:5

बाइबल पाठ: मत्ती 28:1-10
Matthew 28:1 सब्त के दिन के बाद सप्‍ताह के पहिले दिन पह फटते ही मरियम मगदलीनी और दूसरी मरियम कब्र को देखने आईं। 
Matthew 28:2 और देखो एक बड़ा भुईंडोल हुआ, क्योंकि प्रभु का एक दूत स्वर्ग से उतरा, और पास आकर उसने पत्थर को लुढ़का दिया, और उस पर बैठ गया। 
Matthew 28:3 उसका रूप बिजली का सा और उसका वस्‍त्र पाले की नाईं उज्ज़्‍वल था। 
Matthew 28:4 उसके भय से पहरूए कांप उठे, और मृतक समान हो गए। 
Matthew 28:5 स्वर्गदूत ने स्त्रियों से कहा, कि तुम मत डरो: मैं जानता हूँ कि तुम यीशु को जो क्रुस पर चढ़ाया गया था ढूंढ़ती हो। 
Matthew 28:6 वह यहाँ नहीं है, परन्तु अपने वचन के अनुसार जी उठा है; आओ, यह स्थान देखो, जहाँ प्रभु पड़ा था। 
Matthew 28:7 और शीघ्र जा कर उसके चेलों से कहो, कि वह मृतकों में से जी उठा है; और देखो वह तुम से पहिले गलील को जाता है, वहाँ उसका दर्शन पाओगे, देखो, मैं ने तुम से कह दिया। 
Matthew 28:8 और वे भय और बड़े आनन्द के साथ कब्र से शीघ्र लौटकर उसके चेलों को समाचार देने के लिये दौड़ गईं। 
Matthew 28:9 और देखो, यीशु उन्हें मिला और कहा; ‘सलाम’ और उन्होंने पास आकर और उसके पाँव पकड़कर उसको दण्डवत किया। 
Matthew 28:10 तब यीशु ने उन से कहा, मत डरो; मेरे भाईयों से जा कर कहो, कि गलील को चलें जाएं वहाँ मुझे देखेंगे।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 91-93
  • रोमियों 15:1-13


रविवार, 14 अगस्त 2016

आचरण


   मुझे आज भी अपने मित्र जे इलियट का वह चकित चेहरा याद है जब लगभग 50 वर्ष पूर्व मैं उसके घर के सामने के दरवाज़े से अचानक ही अन्दर घुसा था और मेरे चारों ओर मधुमखियाँ मण्डरा रही थीं। भागता हुआ मैं जब उसके पिछले दरवाज़े से बाहर निकला तो मुझे एहसास हुआ कि अब वे मधुमखियाँ मेरे साथ नहीं थीं - मैं उन्हें जे के घर के अन्दर छोड़ आया था। फिर कुछ ही क्षणों के पश्चात जे अपने पिछले दरवाज़े से भागता हुआ बाहर आया, और उसके पीछे वे मधुमखियाँ थीं जो मैं उसके घर ले आया था!

   उन मधुमखियों ने मुझे दर्जन से भी अधिक बार डंक मारा था, परन्तु मुझे इसका कोई विशेष दुषप्रभाव नहीं हुआ था। परन्तु जे के साथ ऐसा नहीं था; उसे तो एक या दो बार ही "मेरी" मधुमखियों का डंक झेलना पड़ा था, लेकिन फिर भी एलर्जिक प्रतिक्रिया के कारण उसकी आँखें तथा गला सूज गए जो उसके लिए बहुत दर्दनाक हो गया; मेरा कार्य मेरे मित्र के लिए बहुत कष्ट का कारण बन गया था।

   यही बात हमारे पारस्परिक व्यवहार एवं संबंधों में भी लागू होती है। जब हमारा आचरण और व्यवहार हमारे मसीही विश्वास के अनुरूप नहीं होता, हम दूसरों के लिए बहुत कष्ट का कारण बन जाते हैं। हम चाहे अपने गलत आचरण के लिए क्षमा भी माँग लें, फिर भी हमारे द्वारा दिए गए उस डंक की चुभन और निशानी तो रह ही जाती है।

   मसीह यीशु के अनुयायियों से लोग धैर्य और नम्रता के आचरण की आशा रखते हैं। हम मसीही विश्वासी कई दफा यह भूल जाते हैं कि विश्वास या जीवन या फिर दोनों ही से संघर्ष कर रहे लोग अकसर हमारी ओर सही मार्गदर्शन पाने की आशा के साथ देखते हैं। उन्हें उम्मीद होती है कि हम से उन्हें क्रोध की बजाए करुणा, कटुता की बजा अनुकंपा और आलोचना की बजाए प्रोत्साहन मिलेगा। प्रभु यीशु तथा प्रेरित पतरस ने हमें यही निर्देश दिए हैं कि हम ऐसे जीवन जीकर दिखाएं जिनमें हमारे आचरण से परमेश्वर को महिमा मिल सके (मत्ती 5:16, 1 पतरस 2:12)। होने दें कि हमारे आचरण और प्रतिक्रियाओं से हमारे संपर्क में आने वाले लोग हमारे प्रेमी, दयालु परमेश्वर पिता को जान और पहचान सकें। - रैंडी किलगोर


काश लोगों को मुझ में मैं कम और प्रभु यीशु अधिक दिखाई दें।

उसी प्रकार तुम्हारा उजियाला मनुष्यों के साम्हने चमके कि वे तुम्हारे भले कामों को देखकर तुम्हारे पिता की, जो स्वर्ग में हैं, बड़ाई करें। - मत्ती 5:16

बाइबल पाठ: 1 पतरस 2:1-12
1 Peter 2:1 इसलिये सब प्रकार का बैर भाव और छल और कपट और डाह और बदनामी को दूर करके। 
1 Peter 2:2 नये जन्मे हुए बच्‍चों की नाईं निर्मल आत्मिक दूध की लालसा करो, ताकि उसके द्वारा उद्धार पाने के लिये बढ़ते जाओ। 
1 Peter 2:3 यदि तुम ने प्रभु की कृपा का स्‍वाद चख लिया है। 
1 Peter 2:4 उसके पास आकर, जिसे मनुष्यों ने तो निकम्मा ठहराया, परन्तु परमेश्वर के निकट चुना हुआ, और बहुमूल्य जीवता पत्थर है। 
1 Peter 2:5 तुम भी आप जीवते पत्थरों की नाईं आत्मिक घर बनते जाते हो, जिस से याजकों का पवित्र समाज बन कर, ऐसे आत्मिक बलिदान चढ़ाओ, जो यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर को ग्राह्य हों। 
1 Peter 2:6 इस कारण पवित्र शास्त्र में भी आया है, कि देखो, मैं सिय्योन में कोने के सिरे का चुना हुआ और बहुमूल्य पत्थर धरता हूं: और जो कोई उस पर विश्वास करेगा, वह किसी रीति से लज्ज़ित नहीं होगा। 
1 Peter 2:7 सो तुम्हारे लिये जो विश्वास करते हो, वह तो बहुमूल्य है, पर जो विश्वास नहीं करते उन के लिये जिस पत्थर को राजमिस्त्रीयों ने निकम्मा ठहराया था, वही कोने का सिरा हो गया। 
1 Peter 2:8 और ठेस लगने का पत्थर और ठोकर खाने की चट्टान हो गया है: क्योंकि वे तो वचन को न मान कर ठोकर खाते हैं और इसी के लिये वे ठहराए भी गए थे। 
1 Peter 2:9 पर तुम एक चुना हुआ वंश, और राज-पदधारी याजकों का समाज, और पवित्र लोग, और (परमेश्वर की) निज प्रजा हो, इसलिये कि जिसने तुम्हें अन्धकार में से अपनी अद्भुत ज्योति में बुलाया है, उसके गुण प्रगट करो। 
1 Peter 2:10 तुम पहिले तो कुछ भी नहीं थे, पर अब परमेश्वर ही प्रजा हो: तुम पर दया नहीं हुई थी पर अब तुम पर दया हुई है।
1 Peter 2:11 हे प्रियों मैं तुम से बिनती करता हूं, कि तुम अपने आप को परदेशी और यात्री जान कर उस सांसारिक अभिलाषाओं से जो आत्मा से युद्ध करती हैं, बचे रहो। 
1 Peter 2:12 अन्यजातियों में तुम्हारा चालचलन भला हो; इसलिये कि जिन जिन बातों में वे तुम्हें कुकर्मी जान कर बदनाम करते हैं, वे तुम्हारे भले कामों को देख कर; उन्‍हीं के कारण कृपा दृष्टि के दिन परमेश्वर की महिमा करें।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 89-90
  • रोमियों 14


शनिवार, 13 अगस्त 2016

आत्मा


   सन 1891 के अगस्त माह की गर्मी में आर० जी० डायरनफ़ोर्थ, मिडलैंड टेक्सस में यह ठान कर आए कि वे विस्फोट द्वारा आकाश से बारिश करवा देंगे। वे "Concussionist" (विस्फोटक प्रहारक) के उपनाम से भी जाने जाते थे; उन्होंने तथा उनके दल के लोगों ने मिल कर विस्फोटक गैस से भरे अनेकों विशाल गुब्बारे आकाश में फोड़े, ज़मीन से अनेकों तोपें दाग़ीं और बारूद के कई ढेरों से विस्फोट किए जिन से धरती और आकाश कांप गए। कुछ लोगों का कहना है कि उनके प्रयासों से हल्की सी बारिश हुई थी; लेकिन सामन्यतः यही माना जाता है कि उन्होंने केवल आवाज़ ही उत्पन्न करी, उनके द्वारा किए गए विस्फोट देखने-सुनने में प्रभावी किंतु अपने दावे और उद्देश्य के लिए बेनतीजा थे।

   जब प्रारंभिक चर्च में देख-भाल करने वालों की आवश्यकता हुई, तो मण्डली के लोगों ने एक विशेष सामर्थ वाले लोगों की खोज करी। उन्होंने मण्डली में भोजन वितरण के कार्य के निरीक्षण और उसके सुचारु रीति से किए जाने को सुनिश्चित करने के लिए "अपने में से सात सुनाम पुरूषों को जो पवित्र आत्मा और बुद्धि से परिपूर्ण हों, चुन लो, कि हम उन्हें इस काम पर ठहरा दें" (प्रेरितों 6:3)। इन में से एक था स्तिफनुस, जो कि "अनुग्रह और सामर्थ में परिपूर्ण हो कर लोगों में बड़े बड़े अद्भुत काम और चिन्ह दिखाया करता था" (पद 8)। आगे चलकर जब आत्मिक बातों तथा प्रभु यीशु में विश्वास के संबंध में विवाद उठे तो जो स्तिफनुस से विवाद करने आए थे वे "उस ज्ञान और उस आत्मा का जिस से वह बातें करता था, वे साम्हना न कर सके" (पद 10)।

   परमेश्वर का वचन बाइबल यह स्पष्ट कर देती है कि स्तिफनुस का इस प्रकार प्रभावी होना उसके अन्दर कार्य करने वाली परमेश्वर की पवित्र-आत्मा के कारण था, जिससे स्तिफनुस भरा हुआ था। यही आत्मा उसे परिस्थिति तथा आवश्यकतानुसार विश्वास, बुद्धिमता और सामर्थ का सही सामंजस्य प्रदान करती थी, जिससे कोई उसके सामने टिक नहीं पाता था।

   आज अपने जीवनों से सांसारिकता और स्वार्थ के विस्फोटकों को निकाल कर परमेश्वर के पवित्र-आत्मा को भर लें; पवित्र-आत्मा के कार्यों में कोई बाहरी शोर या दिखावा तो नहीं है परन्तु आन्तरिक परिवर्तन, प्रभाव और नम्रता तथा भलाई से परिपूर्ण प्रभावी जीवन अवश्य है। - डेविड मैक्कैसलैण्ड


अपने मसीही जीवन में बिना पवित्र-आत्मा की सामर्थ के हम कुछ नहीं कर सकते हैं।

पर मैं कहता हूं, आत्मा के अनुसार चलो, तो तुम शरीर की लालसा किसी रीति से पूरी न करोगे। - गलतियों 5:16

बाइबल पाठ: प्रेरितों 6:1-10
Acts 6:1 उन दिनों में जब चेले बहुत होते जाते थे, तो यूनानी भाषा बोलने वाले इब्रानियों पर कुड़कुड़ाने लगे, कि प्रति दिन की सेवकाई में हमारी विधवाओं की सुधि नहीं ली जाती। 
Acts 6:2 तब उन बारहों ने चेलों की मण्‍डली को अपने पास बुलाकर कहा, यह ठीक नहीं कि हम परमेश्वर का वचन छोड़कर खिलाने पिलाने की सेवा में रहें। 
Acts 6:3 इसलिये हे भाइयो, अपने में से सात सुनाम पुरूषों को जो पवित्र आत्मा और बुद्धि से परिपूर्ण हों, चुन लो, कि हम उन्हें इस काम पर ठहरा दें। 
Acts 6:4 परन्तु हम तो प्रार्थना में और वचन की सेवा में लगे रहेंगे। 
Acts 6:5 यह बात सारी मण्‍डली को अच्छी लगी, और उन्होंने स्‍तिुफनुस नाम एक पुरूष को जो विश्वास और पवित्र आत्मा से परिपूर्ण था, और फिलेप्पुस और प्रखुरूस और नीकानोर और तीमोन और परिमनास और अन्‍ताकीवाला नीकुलाउस को जो यहूदी मत में आ गया था, चुन लिया। 
Acts 6:6 और इन्हें प्रेरितों के साम्हने खड़ा किया और उन्होंने प्रार्थना कर के उन पर हाथ रखे। 
Acts 6:7 और परमेश्वर का वचन फैलता गया और यरूशलेम में चेलों की गिनती बहुत बढ़ती गई; और याजकों का एक बड़ा समाज इस मत के आधीन हो गया। 
Acts 6:8 स्‍तिुफनुस अनुग्रह और सामर्थ में परिपूर्ण हो कर लोगों में बड़े बड़े अद्भुत काम और चिन्ह दिखाया करता था। 
Acts 6:9 तब उस अराधनालय में से जो लिबरतीनों की कहलाती थी, और कुरेनी और सिकन्‍दिरया और किलिकिया और एशीया के लोगों में से कई एक उठ कर स्‍तिुफनुस से वाद-विवाद करने लगे। 
Acts 6:10 परन्तु उस ज्ञान और उस आत्मा का जिस से वह बातें करता था, वे साम्हना न कर सके।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 87-88
  • रोमियों 13


शुक्रवार, 12 अगस्त 2016

उदाहरण


   कहते हैं कि सन 1800 के अन्त की ओर, यूरोप से कुछ पास्टर मैसाच्यूसेट्स में आयोजित डी० एल० मूडी के बाइबल सम्मेलन में भाग लेने आए। अपने स्थान की प्रथानुसार, रात को सोते समय उन्होंने अपने जूते उतार कर कमरे के बाहर रख दिए, इस आश्य से कि होटल के कर्मचारी उन्हें साफ कर देंगे। जब मूडी ने वे जूते देखे, तो वे उनके वहाँ रखे होने के आश्य को समझ गए क्योंकि मूडी उन पास्टरों के स्थान की प्रथा से परिचित थे। मूडी ने यह बात अपने साथी कार्यकर्ताओं को बताई, लेकिन सभी चुप रहे और किसी ने भी कुछ भी करने के लिए कोई रुचि नहीं दिखाई। बाद में मूडी ने सारी जूतियाँ एकत्रित करीं और स्वयं ही उन्हें साफ करके वापस रख दिया। उनका एक मित्र जो अनायास ही उनके कमरे में मिलने आ गया था, उस ने यह देखा और बाकी लोगों को यह बात बताई। इसके बाद स्वतः ही मूडी के शेष साथी अगले कुछ दिनों तक बारी-बारी जूतियों को साफ करने का कार्य करते रहे।

   मूडी की नम्र नेतृत्व-शैली का उदाहरण अन्य लोगों के लिए उनका अनुसरण करने की प्रेरणा बन गया। परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस ने अपने सह-कर्मी तिमुथियुस को स्मरण करवाया: "इसलिये हे मेरे पुत्र, तू उस अनुग्रह से जो मसीह यीशु में है, बलवन्‍त हो जा। और जो बातें तू ने बहुत गवाहों के साम्हने मुझ से सुनी हैं, उन्हें विश्वासी मनुष्यों को सौंप दे; जो औरों को भी सिखाने के योग्य हों" (2 तिमुथियुस 2:1-2)। जब हम यह स्मरण रखते हैं कि हमारी सामर्थ परमेश्वर से है, और हम जो कुछ भी हैं परमेश्वर के अनुग्रह ही से हैं, तो यह हमें दीन और नम्र बने रहने की प्रेरणा और सहायता करता है। हमारी यही दीनता और नम्रता का उदाहरण परमेश्वर के सत्य और सुसमाचार को दूसरों तक पहुँचाने, और उनके द्वारा अनुसरण करने के लिए सहायक होता है।

   हमारा प्रभु यीशु स्वयं ही संसार के सभी लोगों के लिए दीनता, नम्रता और सेवकाई का उदाहरण है; वह जिसने दूसरों के पापों की क्षमा और उद्धार प्राप्ति के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया। इस उदाहरण और उसके अनुसरण का प्रचार करना हमारे लिए अनिवार्य है। - एलबर्ट ली


नम्रता और दीनता परमेश्वर को जानने और उसके समक्ष अपने आप को पहचानने से आती है।

विरोध या झूठी बड़ाई के लिये कुछ न करो पर दीनता से एक दूसरे को अपने से अच्छा समझो। हर एक अपनी ही हित की नहीं, वरन दूसरों की हित की भी चिन्‍ता करे। जैसा मसीह यीशु का स्‍वभाव था वैसा ही तुम्हारा भी स्‍वभाव हो। - फिलिप्पियों 2:3-5

बाइबल पाठ:  2 तिमुथियुस 2:1-7
2 Timothy 2:1 इसलिये हे मेरे पुत्र, तू उस अनुग्रह से जो मसीह यीशु में है, बलवन्‍त हो जा। 
2 Timothy 2:2 और जो बातें तू ने बहुत गवाहों के साम्हने मुझ से सुनी हैं, उन्हें विश्वासी मनुष्यों को सौंप दे; जो औरों को भी सिखाने के योग्य हों। 
2 Timothy 2:3 मसीह यीशु के अच्‍छे योद्धा की नाईं मेरे साथ दुख उठा। 
2 Timothy 2:4 जब कोई योद्धा लड़ाई पर जाता है, तो इसलिये कि अपने भरती करने वाले को प्रसन्न करे, अपने आप को संसार के कामों में नहीं फंसाता 
2 Timothy 2:5 फिर अखाड़े में लड़ने वाला यदि विधि के अनुसार न लड़े तो मुकुट नहीं पाता। 
2 Timothy 2:6 जो गृहस्थ परिश्रम करता है, फल का अंश पहिले उसे मिलना चाहिए। 
2 Timothy 2:7 जो मैं कहता हूं, उस पर ध्यान दे और प्रभु तुझे सब बातों की समझ देगा।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 84-86
  • रोमियों 12


गुरुवार, 11 अगस्त 2016

सहज


   बहुत ही कम लोग हैं जो अमेरिका के आन्तरिक राजस्व सेवा आयकर विनियम को पढ़ने में समय लगाते हैं; और इसका एक उचित कारण भी है। फोर्ब्स पत्रिका के अनुसार, सन 2013 में राजस्व कर संबंधित ये नियम 40लाख शब्दों से अधिक के हो गए थे। वास्तविकता यह है कि ये नियम अब इतने जटिल हो चुके हैं कि विशेषज्ञों के लिए भी इन सब नियमों को उनकी जटिलता में समझ पाना कठिन हो गया है।

   प्रभु यीशु के जीवनकाल के समय के धर्म गुरुओं ने ऐसी ही जटिलता परमेश्वर के नियमों में पैदा कर दी थी जिससे परमेश्वर के साथ संबंध बनाना और संबंध में बने रहना बहुत कठिन हो गया था और मूसा द्वारा मिली व्यवस्था के मूल सिद्धांत को समझना उन धरमगुरुओं के लिए भी कठिन हो गया था। जब उन में से एक धर्म-गुरू ने प्रभु यीशु से इसके बारे में प्रश्न किया और जानना चाहा कि सबसे महत्वपूर्ण आज्ञा कौन सी है, तो प्रभु यीशु का उत्तर था: "तू प्रभु अपने परमेश्वर से अपने सारे मन से और अपने सारे प्राण से, और अपनी सारी बुद्धि से, और अपनी सारी शक्ति से प्रेम रखना। और दूसरी यह है, कि तू अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रखना: इस से बड़ी और कोई आज्ञा नहीं" (मरकुस 12:30-31)।

   मूसा से मिली व्यवस्था का पालन करना बोझिल था, किंतु प्रभु यीशु पर विश्वास करना सहज है और उसका बोझ हलका है (मत्ती 11:30); यह हलका इस लिए है क्योंकि परमेश्वर ने हमसे प्रेम किया है और हमारे पापों को प्रभु यीशु में होकर क्षमा किया है। अब परमेश्वर ही प्रभु यीशु में होकर हमें सामर्थ प्रदान करता है कि हम उससे तथा अपने पड़ौसी से प्रेम रखें। - बिल क्राउडर


यदि हमारे हृदयों में परमेश्वर का प्रेम है तो वह हमें परमेश्वर से 
तथा दुसरों से प्रेम करने वाला हृदय भी देगा।

हे सब परिश्रम करने वालों और बोझ से दबे लोगों, मेरे पास आओ; मैं तुम्हें विश्राम दूंगा। मेरा जूआ अपने ऊपर उठा लो; और मुझ से सीखो; क्योंकि मैं नम्र और मन में दीन हूं: और तुम अपने मन में विश्राम पाओगे। क्योंकि मेरा जूआ सहज और मेरा बोझ हल्का है। - मत्ती 11:28-30

बाइबल पाठ: मरकुस 12:28-34
Mark 12:28 और शास्‍त्रियों में से एक ने आकर उन्हें विवाद करते सुना, और यह जानकर कि उसने उन्हें अच्छी रीति से उत्तर दिया; उस से पूछा, सब से मुख्य आज्ञा कौन सी है? 
Mark 12:29 यीशु ने उसे उत्तर दिया, सब आज्ञाओं में से यह मुख्य है; हे इस्राएल सुन; प्रभु हमारा परमेश्वर एक ही प्रभु है। 
Mark 12:30 और तू प्रभु अपने परमेश्वर से अपने सारे मन से और अपने सारे प्राण से, और अपनी सारी बुद्धि से, और अपनी सारी शक्ति से प्रेम रखना। 
Mark 12:31 और दूसरी यह है, कि तू अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रखना: इस से बड़ी और कोई आज्ञा नहीं। 
Mark 12:32 शास्त्री ने उस से कहा; हे गुरू, बहुत ठीक! तू ने सच कहा, कि वह एक ही है, और उसे छोड़ और कोई नहीं। 
Mark 12:33 और उस से सारे मन और सारी बुद्धि और सारे प्राण और सारी शक्ति के साथ प्रेम रखना और पड़ोसी से अपने समान प्रेम रखना, सारे होमों और बलिदानों से बढ़कर है। 
Mark 12:34 जब यीशु ने देखा कि उसने समझ से उत्तर दिया, तो उस से कहा; तू परमेश्वर के राज्य से दूर नहीं: और किसी को फिर उस से कुछ पूछने का साहस न हुआ।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 81-83
  • रोमियों 11:19-36