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बुधवार, 16 दिसंबर 2015

उल्टा जीवन


   शिकागो नदी असामान्य है क्योंकि वह उल्टी बहती है। एक शताब्दी से भी पूर्व इंजीनियर्स को उसके बहाव को पलटना पड़ा था। ऐसा इसलिए करना पड़ा क्योंकि उसके किनारे के शहरों में रहने वाले लोग नदी को कूड़े-दान के समान प्रयोग कर रहे थे; प्रतिदिन घरों की गंदगी तथा कारखानों का कचरा उस नदी में बहाए जा रहे थे, जो फिर मिशिगन झील में पहुँचते थे जिसमें शिकागो नदी समाप्त होती थी। उसी झील से शिकागो शहर के लिए पीने का पानी लिया जाता था, इसलिए उस प्रदूषित पानी को पीने से हज़ारों लोग बीमार पड़ रहे थे, मर रहे थे। इसलिए अधिकारियों ने यह निर्णय लिया कि नदी को झील में समाप्त होने से रोका जाए और इसीलिए उसका प्रवाह पलट दिया गया।

   जब हम प्रभु यीशु के सांसारिक जीवन को देखते हैं तो जैसा होना चाहिए था, वह उससे उलट प्रतीत होता है। प्रभु महिमा का राजा और परमेश्वर था, लेकिन उसने एक गरीब असहाय शिशु बनकर संसार में प्रवेश किया, संसार के लोगों की निन्दा और तिरस्कार सहा। वह निष्पाप और निष्कलंक था, लेकिन फिर भी एक घृणित अपराधी के समान उसने क्रूस की मृत्यु स्वीकार करी। लेकिन इस सब में प्रभु यीशु ने परमेश्वर पिता की इच्छा के अनुसार जीवन व्यतीत किया, परमेश्वर की आज्ञाकारिता में रहा (यूहन्ना 6:38)।

   मसीह यीशु के अनुयायी होने के कारण हम मसीही विश्वासियों को अपने प्रभु के समान व्यवहार और कार्य रखने हैं, चाहे यह संसार की प्रथा के विपरीत ही क्यों ना लगे। हमें अपने शत्रुओं को आशीष देनी चाहिए (रोमियों 12:14), सांसारिक धन-संपदा से अधिक भक्ति को महत्व देना चाहिए (1तिमुथियुस 6:6-9), और कठिन परिस्थितियों में भी आनन्दित रहना चाहिए (याकूब 1:2) चाहे ऐसा करना सांसारिक बुद्धि के विरुद्ध क्यों ना दिखाई दे। प्रभु यीशु ने कहा, "क्योंकि जो कोई अपना प्राण बचाना चाहे, वह उसे खोएगा; और जो कोई मेरे लिये अपना प्राण खोएगा, वह उसे पाएगा" (मत्ती 16:25)।

   चिंता की कोई बात नहीं यदि मसीही विश्वास का जीवन जीना कई बार उल्टा जीवन जीने जैसा लगे। आप परमेश्वर के प्रति आज्ञाकारी और विश्वासयोग्य बने रहिए और परमेश्वर आपको जीवन जीने तथा जीवन में आगे बढ़ते रहने का बल और बुद्धि देता रहेगा। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


प्रभु यीशु के व्यवहार और कार्यों को अपने जीवनों में दिखाने से हम अपने साथ उसकी उपस्थिति होने की गवाही देते हैं।

परन्तु मैं तुम से यह कहता हूं, कि अपने बैरियों से प्रेम रखो और अपने सताने वालों के लिये प्रार्थना करो। जिस से तुम अपने स्‍वर्गीय पिता की सन्तान ठहरोगे क्योंकि वह भलों और बुरों दोनों पर अपना सूर्य उदय करता है, और धर्मियों और अधर्मियों दोनों पर मेंह बरसाता है। - मत्ती 5:44-45

बाइबल पाठ: मत्ती16:21-28
Matthew 16:21 उस समय से यीशु अपने चेलों को बताने लगा, कि मुझे अवश्य है, कि यरूशलेम को जाऊं, और पुरनियों और महायाजकों और शास्‍त्रियों के हाथ से बहुत दुख उठाऊं; और मार डाला जाऊं; और तीसरे दिन जी उठूं। 
Matthew 16:22 इस पर पतरस उसे अलग ले जा कर झिड़कने लगा कि हे प्रभु, परमेश्वर न करे; तुझ पर ऐसा कभी न होगा। 
Matthew 16:23 उसने फिरकर पतरस से कहा, हे शैतान, मेरे साम्हने से दूर हो: तू मेरे लिये ठोकर का कारण है; क्योंकि तू परमेश्वर की बातें नहीं, पर मनुष्यों की बातों पर मन लगाता है। 
Matthew 16:24 तब यीशु ने अपने चेलों से कहा; यदि कोई मेरे पीछे आना चाहे, तो अपने आप का इन्कार करे और अपना क्रूस उठाए, और मेरे पीछे हो ले। 
Matthew 16:25 क्योंकि जो कोई अपना प्राण बचाना चाहे, वह उसे खोएगा; और जो कोई मेरे लिये अपना प्राण खोएगा, वह उसे पाएगा। 
Matthew 16:26 यदि मनुष्य सारे जगत को प्राप्त करे, और अपने प्राण की हानि उठाए, तो उसे क्या लाभ होगा? या मनुष्य अपने प्राण के बदले में क्या देगा? 
Matthew 16:27 मनुष्य का पुत्र अपने स्‍वर्गदूतों के साथ अपने पिता की महिमा में आएगा, और उस समय वह हर एक को उसके कामों के अनुसार प्रतिफल देगा। 
Matthew 16:28 मैं तुम से सच कहता हूं, कि जो यहां खड़े हैं, उन में से कितने ऐसे हैं; कि जब तक मनुष्य के पुत्र को उसके राज्य में आते हुए न देख लेंगे, तब तक मृत्यु का स्‍वाद कभी न चखेंगे।

एक साल में बाइबल: 
  • अमोस 4-6
  • प्रकाशितवाक्य 7