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बुधवार, 25 नवंबर 2015

वचन


   जब मैं अंग्रेज़ी भाषा में लिखना सिखाती हूँ तो विद्यार्थियों को मेरा निर्देश होता है कि वे कक्षा में बैठकर ही लिखें। ऐसा इसलिए क्योंकि कक्षा में लिखा गया उनकी अपनी मौलिक कृति होता है, इस प्रकार मैं प्रत्येक विद्यार्थी की लेखन शैली से परिचित हो जाती हूँ, और यह भी जानने पाती हुँ कि कहीं उन्होंने किसी अन्य के लेख से अत्याधिक सामग्री नकल तो नहीं कर ली। विद्यार्थियों को यह जानकर अचरज होता है कि उन में से प्रत्येक की लेखन शैली, जिसमें उनके विचार और उन्हें प्रगट करने का तरीका सम्मिलित हैं, अन्य सभी से वैसे ही भिन्न होती है जैसे उनकी वाणी और बोलने की शैली। जैसे हमारा बोलना हमारे मन से होता है, वैसे ही हमारा लिखना भी; दोनों ही हमारे व्यक्तित्व को प्रकट करते हैं।

   हम परमेश्वर की वाणी से भी इसी प्रकार परिचित होते हैं - जो उसने अपने बारे में हमें बताया है उसे पढ़ने से हम जानने पाते हैं कि वह कौन है और अपने आप को कैसे प्रकट तथा व्यक्त करता है। हमें बरगलाने तथा परमेश्वर से भटकाने के लिए शैतान भी हमारे सामने परमेश्वर की समानता लेकर आता है (2कुरिन्थियों 11:14)। वह परमेश्वर के शब्दों को थोड़ा सा फेर-बदल करके प्रयोग करता है और उन बदली हुई बातों द्वारा लोगों को असत्य पर विश्वास करने के लिए युक्तिसंगत परन्तु झूठी दलीलें देता है। उदाहरणस्वरुप, उद्धार पाने के लिए प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास लाने, उससे पापों की क्षमा माँगने और उसे जीवन समर्पित करके उसकी आज्ञाकरिता में रहने की बजाए भक्तिपूर्ण प्रतीत होने वाले कार्यों, जैसे कि आत्मानुशासन, बाहरी क्रीया-कलापों और रिति-रिवाज़ों का पालन और उन्हें प्राथमिकता देना (कुलुस्सियों 2:23), आदि के द्वारा, अर्थात अपने कर्मों से परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करने के प्रयास का मार्ग दिखाकर शैतान ने संसार के बहुतेरे लोगों को परमेश्वर के मार्ग और राज्य से भटका रखा है।

   यह सुनिश्चित करने के लिए कि मनुष्य उसकी वाणी को सुन और समझ सकें परमेश्वर ने जो कुछ हो सकता था वह किया। उसने ना केवल अपना वचन हमें बाइबल के रूप में लिखित दिया, वरन वचन को देहधारी करके (यूहन्ना 1:14) प्रभु यीशु के रूप में भी हमें दे दिया जिससे हम सरलता से बहकाए ना जाएं, उसके मार्ग से भटक ना जाएं। परमेश्वर का लिखित तथा जीवित वचन हमारे साथ, हमारे पास है - उसका भरपूर प्रयोग कीजिए, अधिकतम लाभ उठाईए; उसे आप ही के लिए उपलब्ध करवाया गया है। - जूले ऐकिअरमैन लिंक


तेरा वचन पूरी रीति से ताया हुआ है, इसलिये तेरा दास उस में प्रीति रखता है। - भजन 119:140

और यह कुछ अचंभे की बात नहीं क्योंकि शैतान आप भी ज्योतिमर्य स्वर्गदूत का रूप धारण करता है। - 2 कुरिन्थियों 11:14

बाइबल पाठ: यूहन्ना 1:1-18
John 1:1 आदि में वचन था, और वचन परमेश्वर के साथ था, और वचन परमेश्वर था। 
John 1:2 यही आदि में परमेश्वर के साथ था। 
John 1:3 सब कुछ उसी के द्वारा उत्पन्न हुआ और जो कुछ उत्पन्न हुआ है, उस में से कोई भी वस्तु उसके बिना उत्पन्न न हुई। 
John 1:4 उस में जीवन था; और वह जीवन मुनष्यों की ज्योति थी। 
John 1:5 और ज्योति अन्धकार में चमकती है; और अन्धकार ने उसे ग्रहण न किया। 
John 1:6 एक मनुष्य परमेश्वर की ओर से आ उपस्थित हुआ जिस का नाम यूहन्ना था। 
John 1:7 यह गवाही देने आया, कि ज्योति की गवाही दे, ताकि सब उसके द्वारा विश्वास लाएं। 
John 1:8 वह आप तो वह ज्योति न था, परन्तु उस ज्योति की गवाही देने के लिये आया था। 
John 1:9 सच्ची ज्योति जो हर एक मनुष्य को प्रकाशित करती है, जगत में आनेवाली थी। 
John 1:10 वह जगत में था, और जगत उसके द्वारा उत्पन्न हुआ, और जगत ने उसे नहीं पहिचाना। 
John 1:11 वह अपने घर आया और उसके अपनों ने उसे ग्रहण नहीं किया। 
John 1:12 परन्तु जितनों ने उसे ग्रहण किया, उसने उन्हें परमेश्वर के सन्तान होने का अधिकार दिया, अर्थात उन्हें जो उसके नाम पर विश्वास रखते हैं। 
John 1:13 वे न तो लोहू से, न शरीर की इच्छा से, न मनुष्य की इच्छा से, परन्तु परमेश्वर से उत्पन्न हुए हैं। 
John 1:14 और वचन देहधारी हुआ; और अनुग्रह और सच्चाई से परिपूर्ण हो कर हमारे बीच में डेरा किया, और हम ने उस की ऐसी महिमा देखी, जैसी पिता के एकलौते की महिमा। 
John 1:15 यूहन्ना ने उसके विषय में गवाही दी, और पुकारकर कहा, कि यह वही है, जिस का मैं ने वर्णन किया, कि जो मेरे बाद आ रहा है, वह मुझ से बढ़कर है क्योंकि वह मुझ से पहिले था। 
John 1:16 क्योंकि उस की परिपूर्णता से हम सब ने प्राप्त किया अर्थात अनुग्रह पर अनुग्रह। 
John 1:17 इसलिये कि व्यवस्था तो मूसा के द्वारा दी गई; परन्तु अनुग्रह, और सच्चाई यीशु मसीह के द्वारा पहुंची। 
John 1:18 परमेश्वर को किसी ने कभी नहीं देखा, एकलौता पुत्र जो पिता की गोद में हैं, उसी ने उसे प्रगट किया।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल 24-26
  • 1पतरस 2