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रविवार, 2 अगस्त 2015

सहायक


   मसीही विश्वासियों की मण्डलियों से संबंधित अपने अनेक वर्षों के अनुभवों में मैंने देखा है कि जो लोग किसी कठिनाई से होकर निकले हैं वे कठिनाई में पड़े दूसरे लोगों की सहायाता करने में तत्पर होते हैं। जब किसी युवा दंपत्ति के बच्चे की हानि होती है, कोई अन्य दंपत्ति जिसने अपने बच्चे की हानि झेली है उन्हें सांत्वना देने, उनकी सहायता करने के लिए आगे आ जाता है। यदि कोई दंपत्ति अपने जीवन-यापन के मुख्य स्त्रोत को गंवा देता है तो कोई अन्य दंपत्ति, जिसने पहले कभी ऐसी ही परिस्थिति झेली थी, उनकी सहयाता करने के लिए आ जाता है। मसीह यीशु की देह, उसके विश्वासियों की मण्डली, में हम बारंबर एक दूसरे के सहायक होने, एक दूसरे को प्रोत्साहित करते रहने के उदाहरण देखते हैं। इन मसीही विश्वासियों ने सीखा है कि वे अपनी कटु परिस्थित्यों के अनुभवों के कारण, आज विपरीत परिस्थितियों का सामना कर रहे लोगों के सहायक बनें।

   क्या आप बीमार हैं? किसी प्रीय जन को खो दिया है? बन्दी बनाए गए हैं? अनुचित व्यवहार के शिकार हुए हैं? हर परीक्षा, परेशानी और संघर्ष के लिए परमेश्वर का वायदा है कि वह हमारे लिए कुछ भला ही करेगा, हमारे सबसे अन्धकारपूर्ण समय द्वारा भी (याकूब1:2-4)। ऐसा होने का प्रमुख ज़रिया है उन परिस्थित्यों में हमें मिली सांत्वना को दूसरों के साथ बाँटना, जो वैसी ही परिस्थितियों से होकर निकल रहे हैं।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस ने कुरिन्थुस के मसीही विश्वासियों को लिखी अपनी पत्री में उन्हें उत्साहित किया कि हमें सांत्वना और शान्ति देने वाला हमारा ऐसा उद्धारकर्ता है जो स्वयं संघर्षों और सताव से होकर निकला है (2 कुरिन्थियों 1:3-7); और उसके समान ही जब हम उससे हमें मिली सान्तवना को दूसरों तक पहुँचाते हैं तो हम उसका आदर करते हैं।

   ऐसा कभी ना हो कि हम किसी को परेशानियों का सामना करने के लिए अकेला छोड़ दें; हमें उनके सहायक बनना है, उन्हें आश्वस्त तथा प्रोत्साहित करके परमेश्वर पिता के पास लाना है जहाँ से वह अपनी प्रत्येक समस्या का समाधान पा सकता है। - रैंडी किलगोर


परमेश्वर हमें सांत्वना देता है ताकि हम औरों को सांत्वना दे सकें।

हे मेरे भाइयों, जब तुम नाना प्रकार की परीक्षाओं में पड़ो तो इसको पूरे आनन्द की बात समझो, यह जान कर, कि तुम्हारे विश्वास के परखे जाने से धीरज उत्पन्न होता है। पर धीरज को अपना पूरा काम करने दो, कि तुम पूरे और सिद्ध हो जाओ और तुम में किसी बात की घटी न रहे। - याकूब1:2-4

बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 1:3-7
2 Corinthians 1:3 हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्वर, और पिता का धन्यवाद हो, जो दया का पिता, और सब प्रकार की शान्‍ति का परमेश्वर है। 
2 Corinthians 1:4 वह हमारे सब क्‍लेशों में शान्‍ति देता है; ताकि हम उस शान्‍ति के कारण जो परमेश्वर हमें देता है, उन्हें भी शान्‍ति दे सकें, जो किसी प्रकार के क्‍लेश में हों। 
2 Corinthians 1:5 क्योंकि जैसे मसीह के दुख हम को अधिक होते हैं, वैसे ही हमारी शान्‍ति भी मसीह के द्वारा अधिक होती है। 
2 Corinthians 1:6 यदि हम क्‍लेश पाते हैं, तो यह तुम्हारी शान्‍ति और उद्धार के लिये है और यदि शान्‍ति पाते हैं, तो यह तुम्हारी शान्‍ति के लिये है; जिस के प्रभाव से तुम धीरज के साथ उन क्‍लेशों को सह लेते हो, जिन्हें हम भी सहते हैं। 
2 Corinthians 1:7 और हमारी आशा तुम्हारे विषय में दृढ़ है; क्योंकि हम जानते हैं, कि तुम जैसे दुखों के वैसे ही शान्‍ति के भी सहभागी हो।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 60-62
  • रोमियों 5