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शुक्रवार, 24 जुलाई 2015

धन्यवादी


   रोज़ाना अपने कार्य पर आते-जाते समय मेरे पास काफी समय होता है कि मैं गाडियों और कारों के पीछे लिखे वाक्यांशों को पढ़कर उनपर विचार सकूँ। उन वाक्यांशों में से कुछ तो रूखे, कुछ कर्कश, कुछ चतुराईपूर्ण और कुछ बिलकुल बदतमीज़ी से भरे होते हैं; परन्तु कुछ ऐसे भी होते हैं जो सोचने या मुसकुराने को बाध्य कर देते हैं। हाल ही में मैंने एक ऐसा ही वाक्यांश पढ़ा जिसने जीवन के प्रति मेरे रवैये को लेकर मेरे मन को एक चुनौती सी दी। वह वाक्यांश था, "इतना अधिक आशीषित कि किसी शिकायत की कोई गुन्जाईश ही नहीं!"

   मुझे यह स्वीकार करना होगा कि इस वाक्यांश को पढ़कर उसके भाव पर विचार करने से मैंने अपने आप को दोषी अनुभव किया। अकसर होता है कि मैं जीवन में उन अवसरों को लेकर शोकित रहता हूँ या कुड़कुड़ाता हूँ जब निर्णय मेरे पक्ष में या मेरी इच्छानुसार नहीं हुए; बजाए इसके कि मैं अपना ध्यान स्वर्गीय पिता परमेश्वर से लगातार मिलते रहने वाले अद्भुत उपहारों पर लगाए रखूँ, उनके लिए धन्यवादी रहूँ। उस दिन उस छोटे वाक्यांश को पढ़ने से मेरे अन्दर अपने परमेश्वर पिता के प्रति पुनःसमर्पण की भावना जागृत हुई कि मैं कुड़कुड़ाने और दुखी होने की बजाए, सक्रीय रीति से और जानबूझकर परमेश्वर की उन अनगिनित और समझ से परे भलाईयों पर अपना ध्यान लगाऊँगा, जो उसने मेरे लिए करी हैं और जो वह मेरे लिए करता रहता है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में भजन 107 एक ऐसा भजन है जो परमेश्वर के प्रति ऐसी अधन्यवादी सोच को सुधारने को प्रेरित करता है। भजनकार ठंडे तथा संवेदनहीन हो चुके हृदयों से चार बार याचना करता है, "लोग यहोवा की करूणा के कारण, और उन आश्चर्यकर्मों के कारण, जो वह मनुष्यों के लिये करता है, उसका धन्यवाद करें" (पद 8, 15, 21, 31)। अपने जीवन का पुनःअवलोकन एवं थोड़ा विचार कर के देखिए, परमेश्वर ने हमें कितना कुछ दिया है; अपने सबसे बुरे समयों में भी उसके प्रति धन्यवादी होने के हमारे पास कितने ही कारण होते हैं।

   परिस्थितियों को लेकर कुड़कुड़ाते रहने की बजाए परमेश्वर के प्रेम, अनुग्रह, करुणा, कोमलता, भलाई और आशीषों के लिए उसका धन्यवादी होना सीखें; जीवन स्वतः ही हर परिस्थिति में एक अद्भुत आनन्द से भर जाएगा। - बिल क्राउडर


हमें परमेश्वर का धन्यवादी होने के लिए और नहीं चाहिए; हमें तो और धन्यवादी होना चाहिए!

हे मेरे परमेश्वर यहोवा, तू ने बहुत से काम किए हैं! जो आश्चर्यकर्म और कल्पनाएं तू हमारे लिये करता है वह बहुत सी हैं; तेरे तुल्य कोई नहीं! मैं तो चाहता हूं की खोल कर उनकी चर्चा करूं, परन्तु उनकी गिनती नहीं हो सकती। - भजन 40:5 

बाइबल पाठ: भजन 107:1-8
Psalms 107:1 यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि वह भला है; और उसकी करूणा सदा की है! 
Psalms 107:2 यहोवा के छुड़ाए हुए ऐसा ही कहें, जिन्हें उसने द्रोही के हाथ से दाम दे कर छुड़ा लिया है, 
Psalms 107:3 और उन्हें देश देश से पूरब- पश्चिम, उत्तर और दक्खिन से इकट्ठा किया है।
Psalms 107:4 वे जंगल में मरूभूमि के मार्ग पर भटकते फिरे, और कोई बसा हुआ नगर न पाया; 
Psalms 107:5 भूख और प्यास के मारे, वे विकल हो गए। 
Psalms 107:6 तब उन्होंने संकट में यहोवा की दोहाई दी, और उसने उन को सकेती से छुड़ाया; 
Psalms 107:7 और उन को ठीक मार्ग पर चलाया, ताकि वे बसने के लिये किसी नगर को जा पहुंचे। 
Psalms 107:8 लोग यहोवा की करूणा के कारण, और उन आश्चर्यकर्मों के कारण, जो वह मनुष्यों के लिये करता है, उसका धन्यवाद करें!

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 35-36
  • प्रेरितों 25