ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

शनिवार, 27 जून 2015

इकठ्ठे


   संसार के अनेक इलाके बर्फ और उसके विसमित करने वाले प्रभावों से परिचित हैं। आकाश से पड़ने वाली बर्फ अनेक छोटे छोटे कणों के एक साथ इकठ्ठा हो जाने से बनती है। यदि उस बर्फ के एक कण को सूक्षम स्तर पर जाकर देखें तो वह जमे हुए पानी का बहुत सुन्दर और अनूठा रूप होता है, और प्रत्येक कण अन्य कणों से भिन्न होता है। बर्फ का एक कण अपने आप में बहुत कमज़ोर होता है; यदि वह आपके हाथ या मुँह पर पड़े तो शीघ्र ही पिघल कर समाप्त हो जाता है। परन्तु जब अनेकों कण एक साथ इकठ्ठा हो जाते हैं तो वे एक ऐसा समूह बनाते हैं जिसकी सामर्थ के आगे कुछ भी टिक नहीं पाता। बर्फ से ढकी ज़मीन और बर्फ से लदे पेड़ सुन्दर दृश्य प्रस्तुत करते हैं किंतु साथ ही वे रास्ते रोक सकते हैं, हर प्रकार का यातायात बाधित कर सकते हैं और जनजीवन को थाम सकते हैं। बर्फ से ढके पहाड़ और इलाके बच्चों के खेलने और मनोरंजन का स्थान, स्की करने के स्थान और मैदानों को जीवन दायक जल देने के स्त्रोत बन जाते हैं। परन्तु भारी हिमपात और बर्फ के खिसकने से विनाश भी होता है। यह सब कुछ इसलिए संभव है क्योंकि अनेक बलहीन और क्षण-भंगुर हिम-कणों के इकठ्ठा हो जाने से उनकी सामर्थ अलग ही हो जाती है।

   कुछ यही स्थिति हम मसीही विश्वासियों के साथ भी है। हम में से प्रत्येक अनूठा है, प्रत्येक के अपने गुण हैं, प्रत्येक की मसीह यीशु के लिए अपनी ही उपयोगिता है। मसीह ने हमें एकाकी रहने और कार्य करने के लिए कदापि नहीं चुना, वरन आरंभ से ही उसने चाहा कि हम एक साथ इकठ्ठा रहकर एक ऐसी सामर्थी मण्डली बनें जो परमेश्वर और उसके उद्देश्यों के लिए कार्यकारी हो, पार्थिव नहीं आलौकिक बातों की खोजी हो और यही संसार के सामने भी प्रस्तुत करे। प्रेरित पौलुस ने भी कुरिन्थुस की मण्डली को लिखी अपनी पहली पत्री में उन्हें स्मरण कराया कि हम सब मिलकर मसीह यीशु की देह बनाते हैं और हम सब को परमेश्वर द्वारा हमें प्रदान किए गए गुणों का उपयोग एक-दूसरे की उन्नति तथा मसीह के नाम की महिमा के लिए करना चाहिए; हम एक साथ इकठ्ठा रहकर कार्य करने के द्वारा ही यह कर सकते हैं।

   परमेश्वर से मिली आशीषों तथा गुणों को परमेश्वर की महिमा के लिए उपयोग कीजिए; अपने आस-पास के लोगों और उनकी आशीषों तथा गुणों के साथ मिलकर सबकी भलाई और मसीह यीशु की महिमा के लिए कार्य कीजिए और परमेश्वर आप में होकर अपनी सामर्थ संसार के सामने प्रकट करेगा। - जो स्टोवैल


अकेले कार्य करने की बजाए हम इकठ्ठे होकर अधिक बेहतर कार्य कर सकते हैं।

क्योंकि जैसे हमारी एक देह में बहुत से अंग हैं, और सब अंगों का एक ही सा काम नहीं। वैसा ही हम जो बहुत हैं, मसीह में एक देह हो कर आपस में एक दूसरे के अंग हैं। - रोमियों 12:4-5

बाइबल पाठ: 1 कुरिन्थियों 12:12-27
1 Corinthians 12:12 क्योंकि जिस प्रकार देह तो एक है और उसके अंग बहुत से हैं, और उस एक देह के सब अंग, बहुत होने पर भी सब मिलकर एक ही देह हैं, उसी प्रकार मसीह भी है। 
1 Corinthians 12:13 क्योंकि हम सब ने क्या यहूदी हो, क्या युनानी, क्या दास, क्या स्‍वतंत्र एक ही आत्मा के द्वारा एक देह होने के लिये बपतिस्मा लिया, और हम सब को एक ही आत्मा पिलाया गया। 
1 Corinthians 12:14 इसलिये कि देह में एक ही अंग नहीं, परन्तु बहुत से हैं। 
1 Corinthians 12:15 यदि पांव कहे कि मैं हाथ नहीं, इसलिये देह का नहीं, तो क्या वह इस कारण देह का नहीं? 
1 Corinthians 12:16 और यदि कान कहे; कि मैं आंख नहीं, इसलिये देह का नहीं, तो क्या वह इस कारण देह का नहीं? 
1 Corinthians 12:17 यदि सारी देह आंख ही होती तो सुनना कहां से होता? यदि सारी देह कान ही होती तो सूंघना कहां होता? 
1 Corinthians 12:18 परन्तु सचमुच परमेश्वर ने अंगो को अपनी इच्छा के अनुसार एक एक कर के देह में रखा है। 
1 Corinthians 12:19 यदि वे सब एक ही अंग होते, तो देह कहां होती? 
1 Corinthians 12:20 परन्तु अब अंग तो बहुत से हैं, परन्तु देह एक ही है। 
1 Corinthians 12:21 आंख हाथ से नहीं कह सकती, कि मुझे तेरा प्रयोजन नहीं, और न सिर पांवों से कह सकता है, कि मुझे तुम्हारा प्रयोजन नहीं। 
1 Corinthians 12:22 परन्तु देह के वे अंग जो औरों से निर्बल देख पड़ते हैं, बहुत ही आवश्यक हैं। 
1 Corinthians 12:23 और देह के जिन अंगो को हम आदर के योग्य नहीं समझते हैं उन्‍हीं को हम अधिक आदर देते हैं; और हमारे शोभाहीन अंग और भी बहुत शोभायमान हो जाते हैं। 
1 Corinthians 12:24 फिर भी हमारे शोभायमान अंगो को इस का प्रयोजन नहीं, परन्तु परमेश्वर ने देह को ऐसा बना दिया है, कि जिस अंग को घटी थी उसी को और भी बहुत आदर हो। 
1 Corinthians 12:25 ताकि देह में फूट न पड़े, परन्तु अंग एक दूसरे की बराबर चिन्‍ता करें। 
1 Corinthians 12:26 इसलिये यदि एक अंग दु:ख पाता है, तो सब अंग उसके साथ दु:ख पाते हैं; और यदि एक अंग की बड़ाई होती है, तो उसके साथ सब अंग आनन्द मनाते हैं। 
1 Corinthians 12:27 इसी प्रकार तुम सब मिल कर मसीह की देह हो, और अलग अलग उसके अंग हो।

एक साल में बाइबल: 
  • अय्युब 8-10
  • प्रेरितों 8:26-40