ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

बुधवार, 17 जून 2015

बिना जोखिम


   हाल ही में मेरे एक सहकर्मी ने अपना ऐसा अनुभव बताया, जिसे मैं व्यक्तिगत रीति से कभी अज़माना नहीं चाहूँगा - बन्जी जमपिंग का! उस सहकर्मी ने इसका जो विवरण दिया वह रोमाँचक भी था और डरावना भी। बंजी जमपिंग में सैकड़ों फुट ऊँचे पुल से कूदना होता है, और कूदने वाले के पैर पुल के साथ लंबी, मोटी और लचीली रस्सियों से बंधे होते हैं जिससे वह नीचे ज़मीन के पास तक तो पहुँच सकता है किंतु ज़मीन को छू नहीं सकता। मेरे सहकर्मी ने बताया कि सुरक्षा के लिए एक नहीं वरन दो मज़बूत पेटियाँ और रस्सियाँ उसके शरीर से बाँधी गई थीं, और यह सब कुछ बड़ी सावधानी तथा बारीक जाँच के बाद करवाया जाता है, लेकिन मजेदार समय बिताने वाली बातों की मेरी सूची में यह कदापि सम्मिलित नहीं है।

   जब मैं उस की बात सुन रहा था तो मुझे ध्यान आया कि मसीह यीशु पर विश्वास लाना भी किसी के लिए भी विश्वास कि अंधी छलाँग नहीं है। परमेश्वर ने भी मसीही विश्वास में आने में हमारी सुरक्षा के लिए दो उपाय प्रदान किए हैं, जो हमारे साथ सदा बने रहते हैं, जीवन के सबसे अंधकारमय पलों में भी। परमेश्वर के वचन बाइबल में इफिसियों के मसीही विश्वासियों को लिखी अपनी पत्री में प्रेरित पौलुस ने लिखा: "क्योंकि विश्वास के द्वारा अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है, और यह तुम्हारी ओर से नहीं, वरन परमेश्वर का दान है। और न कर्मों के कारण, ऐसा न हो कि कोई घमण्‍ड करे" (इफिसियों 2:8-9)।

   परमेश्वर द्वारा दी गई इस दोहरी सुरक्षा - परमेश्वर का अनुग्रह और प्रभु यीशु द्वारा पूर्ण किए गए कार्य पर विश्वास, के द्वारा ही परमेश्वर के साथ हमारा संबंध सदा स्थिर और सुरक्षित रहता है। इन दोनों बातों के होते हुए, मसीह यीशु पर विश्वास लाने से मिलने वाला उद्धार कोई अंधविश्वास की छलांग नहीं है; वरन यह बिना किसी जोखिम के परमेश्वर और उसके वचन तथा उसके कभी ना बदलने वाले प्रेम एवं सुरक्षा पर भरोसा करने का अभ्यास है। - बिल क्राउडर


जब हम परमेश्वर के अनुग्रह को स्वीकार करते हैं, परमेश्वर की शांति स्वतः ही साथ प्राप्त हो जाती है।

जो पुत्र पर विश्वास करता है, अनन्त जीवन उसका है; परन्तु जो पुत्र की नहीं मानता, वह जीवन को नहीं देखेगा, परन्तु परमेश्वर का क्रोध उस पर रहता है। - यूहन्ना 3:36 

बाइबल पाठ: इफिसियों 2:1-10
Ephesians 2:1 और उसने तुम्हें भी जिलाया, जो अपने अपराधों और पापों के कारण मरे हुए थे। 
Ephesians 2:2 जिन में तुम पहिले इस संसार की रीति पर, और आकाश के अधिकार के हाकिम अर्थात उस आत्मा के अनुसार चलते थे, जो अब भी आज्ञा न मानने वालों में कार्य करता है। 
Ephesians 2:3 इन में हम भी सब के सब पहिले अपने शरीर की लालसाओं में दिन बिताते थे, और शरीर, और मन की मनसाएं पूरी करते थे, और और लोगों के समान स्‍वभाव ही से क्रोध की सन्तान थे। 
Ephesians 2:4 परन्तु परमेश्वर ने जो दया का धनी है; अपने उस बड़े प्रेम के कारण, जिस से उसने हम से प्रेम किया। 
Ephesians 2:5 जब हम अपराधों के कारण मरे हुए थे, तो हमें मसीह के साथ जिलाया; (अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है।) 
Ephesians 2:6 और मसीह यीशु में उसके साथ उठाया, और स्‍वर्गीय स्थानों में उसके साथ बैठाया। 
Ephesians 2:7 कि वह अपनी उस कृपा से जो मसीह यीशु में हम पर है, आने वाले समयों में अपने अनुग्रह का असीम धन दिखाए। 
Ephesians 2:8 क्योंकि विश्वास के द्वारा अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है, और यह तुम्हारी ओर से नहीं, वरन परमेश्वर का दान है। 
Ephesians 2:9 और न कर्मों के कारण, ऐसा न हो कि कोई घमण्‍ड करे। 
Ephesians 2:10 क्योंकि हम उसके बनाए हुए हैं; और मसीह यीशु में उन भले कामों के लिये सृजे गए जिन्हें परमेश्वर ने पहिले से हमारे करने के लिये तैयार किया।

एक साल में बाइबल: 
  • नहेम्याह 7-9
  • प्रेरितों 3