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सोमवार, 11 मई 2015

स्मारक


   हाल ही में मुझे यह आभास हुआ कि मेरे दफतर में लगे सभी चित्र और स्मारक बीते समयों को ही दिखाते हैं। मैंने उन्हें हटाने का विचार किया, लेकिन साथ ही यह विचार भी मन में आया कि कहीं उन लोगों, स्थानों और घटनाओं के स्मरण को बनाए रखने का आज के मेरे जीवन में कोई महत्व तो नहीं है? उन स्मारकों को लेकर जीवन के भूतकाल में उल्झे रहने से बचने के लिए मुझे उनमें विद्यमान अपने वर्तमान और भविष्य के लिए महत्व को खोजना था।

   जब परमेश्वर की प्रजा इस्त्राएल, मिस्त्र की गुलामी से निकलकर वाचा के स्थान कनान देश में पहुँचे तब परमेश्वर ने उनके अगुवे, यहोशु से कहा कि इस्त्राएल के बारहों गोत्रों से एक एक जन को चुनें जो यरदन नदी में से एक एक पत्थर उस स्थान से जहाँ उन्होंने नदी को पार किया था, लेकर आएं और अपने शिविर के पास रख दें। वे पत्थर आते दिनों के लिए स्मारक थे जिससे कि जब उनकी भावी पीढ़ीयाँ उन पत्थरों के बारे में पूछें तो वे उन्हें परमेश्वर की सामर्थ और विश्वासयोग्यता के बारे में, जिसे उन्होंने अनुभव किया था, बता सकें।

   मसीह यीशु के अनुयायी होने के कारण, हमारे लिए भी यह भला है कि बीते दिनों में अनुभव किए गए उसके प्रेम और अनुग्रह के स्मारक हम अपने साथ रखें, जो ना केवल हमें उसकी विश्वासयोग्यता के बारे में स्मरण दिलाते रहें, वरन उसकी इस विश्वासयोग्यता की गवाही दूसरों के सामने रखने के अवसर भी हमें प्रदान करें। ये स्मारक हमें आज और आने वाले समय के लिए उसकी विश्वासयोग्यता के लिए भी आश्वस्त करते रहेंगे, जिससे हम सदा उसके आदर तथा भय में बनें रहें।

   परमेश्वर ने भूतकाल में जो कुछ हमारे लिए किया है वह हमारे वर्तमान तथा भविष्य के लिए एक सशक्त आश्वासन है; उसे कभी अपनी नज़रों से ओझल ना होने दें। - डेविड मैक्कैसलैण्ड


बीते दिनों की बहुमूल्य यादें हमारे आज तथा कल के लिए आवश्यक विश्वास को सुदृढ़ कर सकती हैं।

यह वह आज्ञा, और वे विधियां और नियम हैं जो तुम्हें सिखाने की तुम्हारे परमेश्वर यहोवा ने आज्ञा दी है, कि तुम उन्हें उस देश में मानो जिसके अधिकारी होने को पार जाने पर हो; और तू और तेरा बेटा और तेरा पोता यहोवा का भय मानते हुए उसकी उन सब विधियों और आज्ञाओं पर, जो मैं तुझे सुनाता हूं, अपने जीवन भर चलते रहें, जिस से तू बहुत दिन तक बना रहे। - व्यवस्थाविवरण 6:1-2

बाइबल पाठ: यहोशू 4:1-6; 20-24
Joshua 4:1 जब उस सारी जाति के लोग यरदन के पार उतर चुके, तब यहोवा ने यहोशू से कहा, 
Joshua 4:2 प्रजा में से बारह पुरूष, अर्थात गोत्र पीछे एक एक पुरूष को चुनकर यह आज्ञा दे, 
Joshua 4:3 कि तुम यरदन के बीच में, जहां याजकों ने पांव धरे थे वहां से बारह पत्थर उठा कर अपने साथ पार ले चलो, और जहां आज की रात पड़ाव होगा वहीं उन को रख देना। 
Joshua 4:4 तब यहोशू ने उन बारह पुरूषों को, जिन्हें उसने इस्राएलियों के प्रत्येक गोत्र में से छांटकर ठहरा रखा था, 
Joshua 4:5 बुलवाकर कहा, तुम अपने परमेश्वर यहोवा के सन्दूक के आगे यरदन के बीच में जा कर इस्राएलियों के गोत्रों की गिनती के अनुसार एक एक पत्थर उठा कर अपने अपने कन्धे पर रखो, 
Joshua 4:6 जिस से यह तुम लोगों के बीच चिन्हानी ठहरे, और आगे को जब तुम्हारे बेटे यह पूछें, कि इन पत्थरों का क्या मतलब है? 
Joshua 4:20 और जो बारह पत्थर यरदन में से निकाले गए थे, उन को यहोशू ने गिलगाल में खड़े किए। 
Joshua 4:21 तब उसने इस्राएलियों से कहा, आगे को जब तुम्हारे लड़के-बाले अपने अपने पिता से यह पूछें, कि इन पत्थरों का क्या मतलब है? 
Joshua 4:22 तब तुम यह कहकर उन को बताना, कि इस्राएली यरदन के पार स्थल ही स्थल चले आए थे। 
Joshua 4:23 क्योंकि जैसे तुम्हारे परमेश्वर यहोवा ने लाल समुद्र को हमारे पार हो जाने तक हमारे साम्हने से हटाकर सुखा रखा था, वैसे ही उसने यरदन का भी जल तुम्हारे पार हो जाने तक तुम्हारे साम्हने से हटाकर सुखा रखा; 
Joshua 4:24 इसलिये कि पृथ्वी के सब देशों के लोग जान लें कि यहोवा का हाथ बलवन्त है; और तुम सर्वदा अपने परमेश्वर यहोवा का भय मानते रहो।

  • एक साल में बाइबल: 2 राजा 13-14
  • यूहन्ना 2