ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

शुक्रवार, 1 मई 2015

बहुमूल्य


   अपने जीवन भर मैं बहुत सी चीज़ें एकत्रित करता रहा हूँ। मेरे घर पर कई डिब्बे एकत्रित करी गई ऐसी वस्तुओं से भरे पड़े हैं जो कभी मेरे लिए बहुमूल्य हुआ करती थीं, लेकिन समय के साथ वे अपना महत्व और रोमांच खो चुकी हैं। नई नई चीज़ों को एकत्रित करने की लालसा में लम्बा समय व्यतीत करने के बाद मैं आज यह समझता हूँ कि इस तरह संग्रहित करने का आनन्द केवल नई चीज़ को ढूँढ़ने और प्राप्त कर लेने तक ही सीमित है। एक बार वह मिल जाए तो ध्यान फिर उससे हट कर किसी दूसरी चीज़ की खोज और उसे प्राप्त करने पर लग जाता है।

   हम अपने जीवनों में बहुत सी ऐसी वस्तुओं को एकत्रित कर लेते हैं जो उस समय हमें बहुत आवश्यक लगती हैं, लेकिन उन में से बहुत कम ही होती हैं जो वास्तव में बहुमूल्य होती हैं। यथार्त में, मैंने यह जाना है कि जीवन की सबसे बहुमूल्य वस्तुएं भौतिक नहीं होती; वरन वे लोग होते हैं जिन्होंने मुझ से प्रेम किया, मेरा जीवन को संवारने-बनाने के लिए अपने आप को और अपने संसाधनों को मेरे लिए खर्च किया है। जब भी किसी के विषय मेरे मन में भावना उठती है कि "अगर यह ना होता तो ना जाने मेरा क्या होता" तो मैं जान जाता हूँ कि वह व्यक्ति मेरे लिए बहुमूल्य है।

   इस लिए जब प्रेरित पतरस प्रभु यीशु को "...कोने के सिरे का चुना हुआ और बहुमूल्य पत्थर..." (1 पतरस 2:6) कहता है तो यह बात हमारे हृदयों में गूँजती रहनी चाहिए कि वह वास्तव में बहुमूल्य है, हमारे लिए हर एक व्यक्ति और वस्तु से बढ़कर कीमती है। यदि प्रभु यीशु का अनुग्रह, उसकी हमारे साथ लगातार बनी रहने वाली विश्वासयोग्य उपस्थिति, उसका बुद्धिमतापूर्ण तथा सिद्ध मार्गदर्शन, दयापूर्ण धैर्य, सांत्वना और परिवर्तित कर देने वाली डाँट यदि हमारे साथ ना होती तो हम कहाँ और किस हाल में होते? हम उसके बिना कुछ कर पाते? उसके बिना अपने जीवन की मैं कल्पना भी नहीं कर सकता हूँ; वह मेरे लिए बहुमूल्य है, अति बहुमूल्य। - जो स्टोवैल


जो कुछ भी बहुमूल्य हो सकता है, प्रभु यीशु उस सूची में सर्वप्रथम है।

इसलिये प्रभु यहोवा यों कहता है, देखो, मैं ने सिय्योन में नेव का पत्थर रखा है, एक परखा हुआ पत्थर, कोने का अनमोल और अति दृढ़ नेव के योग्य पत्थर: और जो कोई विश्वास रखे वह उतावली न करेगा। - यशायाह 28:16

बाइबल पाठ: 1 पतरस 2:1-10
1 Peter 2:1 इसलिये सब प्रकार का बैर भाव और छल और कपट और डाह और बदनामी को दूर करके। 
1 Peter 2:2 नये जन्मे हुए बच्‍चों की नाईं निर्मल आत्मिक दूध की लालसा करो, ताकि उसके द्वारा उद्धार पाने के लिये बढ़ते जाओ। 
1 Peter 2:3 यदि तुम ने प्रभु की कृपा का स्‍वाद चख लिया है। 
1 Peter 2:4 उसके पास आकर, जिसे मनुष्यों ने तो निकम्मा ठहराया, परन्तु परमेश्वर के निकट चुना हुआ, और बहुमूल्य जीवता पत्थर है। 
1 Peter 2:5 तुम भी आप जीवते पत्थरों की नाईं आत्मिक घर बनते जाते हो, जिस से याजकों का पवित्र समाज बन कर, ऐसे आत्मिक बलिदान चढ़ाओ, जो यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर को ग्राह्य हों। 
1 Peter 2:6 इस कारण पवित्र शास्त्र में भी आया है, कि देखो, मैं सिय्योन में कोने के सिरे का चुना हुआ और बहुमूल्य पत्थर धरता हूं: और जो कोई उस पर विश्वास करेगा, वह किसी रीति से लज्ज़ित नहीं होगा। 
1 Peter 2:7 सो तुम्हारे लिये जो विश्वास करते हो, वह तो बहुमूल्य है, पर जो विश्वास नहीं करते उन के लिये जिस पत्थर को राजमिस्त्रीयों ने निकम्मा ठहराया था, वही कोने का सिरा हो गया। 
1 Peter 2:8 और ठेस लगने का पत्थर और ठोकर खाने की चट्टान हो गया है: क्योंकि वे तो वचन को न मान कर ठोकर खाते हैं और इसी के लिये वे ठहराए भी गए थे। 
1 Peter 2:9 पर तुम एक चुना हुआ वंश, और राज-पदधारी याजकों का समाज, और पवित्र लोग, और (परमेश्वर की) निज प्रजा हो, इसलिये कि जिसने तुम्हें अन्धकार में से अपनी अद्भुत ज्योति में बुलाया है, उसके गुण प्रगट करो। 
1 Peter 2:10 तुम पहिले तो कुछ भी नहीं थे, पर अब परमेश्वर ही प्रजा हो: तुम पर दया नहीं हुई थी पर अब तुम पर दया हुई है।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 राजा 10-11
  • लूका 21:20-38