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रविवार, 12 अप्रैल 2015

ईमानदारी


   हमारे घर के आस-पास के बहुत से परिवार अपने बाग़ीचे में उगने वाले फल, फूल और उनके पौधों को सड़क के किनारे रखकर बेचते हैं। इनमें से कुछ बेचने वाले, खरीदने वालों की ईमानदारी पर विश्वास रखते हैं; उनके उत्पाद के निकट उन्हें बेचने के लिए कोई खड़ा नहीं रहता। जो ग्राहक उनका उत्पाद खरीदना चाहते हैं वे अपनी पसन्द के अनुसार, और जितना उन्हें चाहिए होता है लेकर वहीं रखे एक गुलक या डिब्बे में उनकी कीमत डाल देते हैं, और सामान लेकर चले जाते हैं।

   लेकिन यह ईमानदारी सदा कार्य नहीं करती। मेरी एक सहेली जैकी ने अपने घर के सामने फूल और फूल के पौधे ईमानदारी पद्धति द्वारा बेचने का स्टॉल लगा रखा है। एक दिन उसने अपनी खिड़की से देखा कि एक महिला ने, जो अच्छे कपड़े पहने हुए थी और अच्छे घर की प्रतीत हो रही थी, उसके स्टॉल के सामने अपनी गाड़ी रोकी और वहाँ रखे फूल और पौधे गाड़ी के अन्दर एक एक करके भरने लगी। मेरी सहेली ने मन ही मन अन्दाज़ा लगाया कि उन फूल पौधों पर लगी उसकी मेहनत और लागत से आज उसे कम से कम 50 डॉलर की कमाई तो हो ही जाएगी; और वह अपने और कार्य में लग गई। थोड़ी देर बाद जाकर जब उसने पैसे डालने वाले डिब्बे में देखा तो वह खाली था - वह महिला बिना कोई कीमत डाले सब कुछ उठा कर ले गई थी। ईमानदारी पद्धति उस महिला के साथ कार्यकारी नहीं रही थी!

   संभवतः उस महिला के लिए इस तरह फूल, पौधे उठा लेना कोई छोटी सी बात थी, लेकिन उसका ऐसा करना उसके अन्दर की प्रवृत्ति को दिखाता है। प्रभु यीशु ने अपने चेलों को सिखाया: "जो थोड़े से थोड़े में सच्चा है, वह बहुत में भी सच्चा है: और जो थोड़े से थोड़े में अधर्मी है, वह बहुत में भी अधर्मी है" (लूका 16:10)। अपने जीवन के हर क्षेत्र में ईमानदारी के द्वारा हम अपने उद्धारकर्ता प्रभु यीशु को आदर देते हैं, उसे संसार के सामने गौरवान्वित करते हैं।

   किसी भी मसीही विश्वासी के लिए अनुसरण करने को सबसे अच्छी ईमानदारी पद्धति है परमेश्वर के वचन बाइबल में कुलुस्सियों की मसीही विश्वासी मण्डली को लिखी बात: "और वचन से या काम से जो कुछ भी करो सब प्रभु यीशु के नाम से करो, और उसके द्वारा परमेश्वर पिता का धन्यवाद करो" (कुलुस्सियों 3:17)। हम मसीही विश्वासियों को चाहिए कि हम जीवन के हर क्षेत्र में अपनी ईमानदारी द्वारा अपने तथा जगत के उद्धारकर्ता प्रभु यीशु के सच्चे गवाह बनकर रहें। - सिंडी कैस्पर


ईमानदारी का अर्थ है किसी भी बात के लिए दूसरों द्वारा देख लिए जाने का भय ना रखना।

सच्चे मनुष्य पर बहुत आशीर्वाद होते रहते हैं, परन्तु जो धनी होने में उतावली करता है, वह निर्दोष नहीं ठहरता। - नीतिवचन 28:20

बाइबल पाठ: लूका 16:1-10
Luke 16:1 फिर उसने चेलों से भी कहा; किसी धनवान का एक भण्‍डारी था, और लोगों ने उसके साम्हने उस पर यह दोष लगाया कि यह तेरी सब संपत्ति उड़ाए देता है। 
Luke 16:2 सो उसने उसे बुलाकर कहा, यह क्या है जो मैं तेरे विषय में सुन रहा हूं? अपने भण्‍डारीपन का लेखा दे; क्योंकि तू आगे को भण्‍डारी नहीं रह सकता। 
Luke 16:3 तब भण्‍डारी सोचने लगा, कि अब मैं क्या करूं क्योंकि मेरा स्‍वामी अब भण्‍डारी का काम मुझ से छीन ले रहा है: मिट्टी तो मुझ से खोदी नहीं जाती: और भीख मांगने से मुझे लज्ज़ा आती है। 
Luke 16:4 मैं समझ गया, कि क्या करूंगा: ताकि जब मैं भण्‍डारी के काम से छुड़ाया जाऊं तो लोग मुझे अपने घरों में ले लें। 
Luke 16:5 और उसने अपने स्‍वामी के देनदारों में से एक एक को बुलाकर पहिले से पूछा, कि तुझ पर मेरे स्‍वामी का क्या आता है? 
Luke 16:6 उसने कहा, सौ मन तेल; तब उसने उस से कहा, कि अपनी खाता-बही ले और बैठकर तुरन्त पचास लिख दे। 
Luke 16:7 फिर दूसरे से पूछा; तुझ पर क्या आता है? उसने कहा, सौ मन गेहूं; तब उसने उस से कहा; अपनी खाता-बही ले कर अस्‍सी लिख दे। 
Luke 16:8 स्‍वामी ने उस अधर्मी भण्‍डारी को सराहा, कि उसने चतुराई से काम किया है; क्योंकि इस संसार के लोग अपने समय के लोगों के साथ रीति व्यवहारों में ज्योति के लोगों से अधिक चतुर हैं। 
Luke 16:9 और मैं तुम से कहता हूं, कि अधर्म के धन से अपने लिये मित्र बना लो; ताकि जब वह जाता रहे, तो वे तुम्हें अनन्त निवासों में ले लें। 
Luke 16:10 जो थोड़े से थोड़े में सच्चा है, वह बहुत में भी सच्चा है: और जो थोड़े से थोड़े में अधर्मी है, वह बहुत में भी अधर्मी है।

एक साल में बाइबल:
  • 1 शमूएल 19-21
  • लूका 11:29-54