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शुक्रवार, 20 फ़रवरी 2015

दिशा-निर्देश


   मैंने अपने साथ की सवारियों से कहा ही था, "चिंता मत कीजिए, मुझे पता है मैं कहाँ हूँ और मार्ग क्या है" कि गाड़ी में एक मशीनी आवाज़ सुनाई देने लगी, "दिशा पुनःनिर्धारण...; दिशा पुनःनिर्धारण..." - अब सब वास्तविकता को जान गए कि मैं मार्ग से भटक चुका था और मुझे सही मार्ग पता नहीं था। आज के समय में इस आवाज़ और इन शब्दों को लाखों गाड़ी चालक जानते-पहचानते हैं। यह आवाज़ एवं सन्देश आता है गाड़ियों में लगे जी.पी.एस. यंत्र से जो गन्तव्य स्थान के अनुसार गाड़ी की स्थिति एवं मार्ग के सही होने पर नज़र रखता है और मार्ग से हटते ही सही मार्ग पर वापस लौट जाने के लिए निर्देश तैयार करके देने लगता है।

   अनेक बार मसीही विश्वासी भी अपने आत्मिक मार्ग से भटक कर, जाने-अनजाने में संसार की ओर बढ़ निकलते हैं। कभी यह इस कारण होता है क्योंकि हम समझते हैं कि हमें सब पता है और अपने अहम में होकर हम किसी की सलाह लेना या मानना उचित नहीं समझते; और कभी यह अनजाने में ही धीरे धीरे सही मार्ग से भटक जाने के कारण होता है। परमेश्वर ने हमें किसी भी परिस्थिती के लिए असहाय नहीं छोड़ा है। उसने सभी मसीही विश्वासियों को अपने पवित्र आत्मा का दान दिया है जो उनमें रहता है (यूहन्ना 14:16-17; 1 कुरिन्थियों 3:16) तथा उन्हें पाप के विषय में कायल करता है (यूहन्ना 16:8, 13)। जब हम परमेश्वर के मार्ग से भटकने लगते हैं तो वह हमारे विवेक को झकझोरता है, हमें पथभ्रष्ट होने की सूचना देता है (गलतियों 5:16-25)। हमारा उसकी चेतावनी को नज़रन्दाज़ करना हमारे लिए नुकसानदायक ही होता है (यशायाह 63:10; गलतियों 6:8)।

   हम मसीही विश्वासियों के लिए यह जानना कितना सांत्वनापूर्ण एवं शान्तिदायक है कि परमेश्वर हमारे जीवनों में कार्यरत है, हमें कभी अकेला या असहाय नहीं छोड़ता और वह अपने पवित्र आत्मा द्वारा सदा हमारा मार्गदर्शन करता रहता है (रोमियों 8:26-27)। परमेश्वर द्वारा दिए जाने वाले इन दिशा-निर्देशों के सहारे हम अपने जीवन को उसे भाते रहने वाले मार्गों पर बनाए रख सकते हैं। - रैन्डी किल्गोर


क्योंकि हमारे अन्दर परमेश्वर का पवित्र-आत्मा निवास करता है इसलिए हम कभी असहाय नहीं होते।

यहोवा भला और सीधा है; इसलिये वह पापियों को अपना मार्ग दिखलाएगा। वह नम्र लोगों को न्याय की शिक्षा देगा, हां वह नम्र लोगों को अपना मार्ग दिखलाएगा। भजन - 25:8-9

बाइबल पाठ: नीतिवचन 3:1-8
Proverbs 3:1 हे मेरे पुत्र, मेरी शिक्षा को न भूलना; अपने हृदय में मेरी आज्ञाओं को रखे रहना; 
Proverbs 3:2 क्योंकि ऐसा करने से तेरी आयु बढ़ेगी, और तू अधिक कुशल से रहेगा। 
Proverbs 3:3 कृपा और सच्चाई तुझ से अलग न होने पाएं; वरन उन को अपने गले का हार बनाना, और अपनी हृदय रूपी पटिया पर लिखना। 
Proverbs 3:4 और तू परमेश्वर और मनुष्य दोनों का अनुग्रह पाएगा, तू अति बुद्धिमान होगा।
Proverbs 3:5 तू अपनी समझ का सहारा न लेना, वरन सम्पूर्ण मन से यहोवा पर भरोसा रखना। 
Proverbs 3:6 उसी को स्मरण कर के सब काम करना, तब वह तेरे लिये सीधा मार्ग निकालेगा। 
Proverbs 3:7 अपनी दृष्टि में बुद्धिमान न होना; यहोवा का भय मानना, और बुराई से अलग रहना। 
Proverbs 3:8 ऐसा करने से तेरा शरीर भला चंगा, और तेरी हड्डियां पुष्ट रहेंगी।

एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था 26-27
  • मरकुस 2