ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

शुक्रवार, 9 जनवरी 2015

ठीक


   चमकती हुई धूप निकली थी और सर्दी थी नहीं इसलिए उन घरेलू वस्तुओं की, जो अब हमारे काम की नहीं रहीं थी, बिकरी और निपटारे के लिए वह एक अच्छा दिन था। हमारे गैराज में लगे इस "सेल" में आकर लोग कपड़ों, किताबों, बर्तनों आदि को देख रहे थे कि उनके काम का कुछ उसमें मिल जाए और वे उसे खरीद लें। मैंने देखा कि एक युवती वहाँ रखा एक सफेद मोतियों का हार बड़े चाव के साथ देख रही थी; कुछ ही समय के पश्चात वह युवती और उसके साथ ही वह हार भी वहाँ से ग़ायब थे। मैंने इधर-उधर नज़र करी तो उसे सड़क की ओर जाते देखा; मैं दौड़ कर उसके पास गई, और उस हार को उसकी मुठ्ठी में बन्द पाया। हम एक-दूसरे के सामने खड़े थे, दोनों को ही पता था कि क्या हुआ है; उस युवती ने उस हार की कीमत चुकाने की पेशकश करी और बिना किसी गहमागहमी के मामला वहीं निपट गया।

   ज़क्कई एक नाटे कद का महसूल लेने वाला यहूदी अधिकारी था जिसके मन में प्रभु यीशु को देखने की प्रबल लालसा थी। अपनी लालसा को पूरा करने के लिए वह उस मार्ग के एक पेड़ पर चढ़ गया जिस मार्ग से होकर प्रभु यीशु को जाना था। प्रभु यीशु ने उस पेड़ के नीचे आकर उसे बुलाया और उसके साथ उसके घर गया। प्रभु यीशु से मिलने के बाद ज़क्कई बदल गया; उसने सब के सामने घोषणा करी कि जितना उसने अन्यायपूर्वक लिया है वह उस सब का चौगुना लौटा देगा और अपनी संपत्ति का आधा भाग गरीबों की सेवा में दान कर देगा। ज़क्कई की यह सब करने की तत्परता प्रभु यीशु से मिलने के बाद उसमें आए मन-परिवर्तन का सूचक है। इससे पहले ज़क्कई लोगों से लेने और छीनने वाला हुआ करता था, लेकिन प्रभु यीशु से मिलने के बाद वह लौटाने वाला और देने वाला बन गया।

   ज़क्कई का उदाहरण हमें भी इसी प्रकार के मन-परिवर्तन के लिए प्रेरित करता है, और यही मन-परिवर्तन तथा पापों के लिए किया गया सच्चा पश्चाताप ही वह बात है जो हमें प्रभु यीशु का विश्वासी तथा परमेश्वर की सन्तान बनाती है। जब परमेश्वर हमें हमारे द्वारा अनुचित रीति से ले ली गई वस्तुओं, हमारे अनचुकाए कर, या किसी अन्य रीति से दूसरों के प्रति किए गए गलत व्यवहार के बारे में स्मरण दिलाता है, तो उसे स्वीकार तथा ठीक करके हम परमेश्वर पिता का आदर करते हैं, संसार के सामने अपने मसीही विश्वास की गवाही रखते हैं। - जैनिफर बेन्सन शुल्ट


एक ईमानदार व्यक्ति के लिए कोई भी कर्ज़ इतना पुराना कभी नहीं होता कि वह उसे चुका ना सके।

सिय्योन के पापी थरथरा गए हैं: भक्तिहीनों को कंपकंपी लगी है: हम में से कौन प्रचण्ड आग में रह सकता? हम में से कौन उस आग में बना रह सकता है जो कभी नहीं बुझेगी? जो धर्म से चलता और सीधी बातें बोलता; जो अन्धेर के लाभ से घृणा करता, जो घूस नहीं लेता; जो खून की बात सुनने से कान बन्द करता, और बुराई देखने से आंख मूंद लेता है। वही ऊंचे स्थानों में निवास करेगा। - यशायाह 33:14-15

बाइबल पाठ: लूका 19:1-10
Luke 19:1 वह यरीहो में प्रवेश कर के जा रहा था। 
Luke 19:2 और देखो, ज़क्कई नाम एक मनुष्य था जो चुंगी लेने वालों का सरदार और धनी था। 
Luke 19:3 वह यीशु को देखना चाहता था कि वह कौन सा है परन्तु भीड़ के कारण देख न सकता था। क्योंकि वह नाटा था। 
Luke 19:4 तब उसको देखने के लिये वह आगे दौड़कर एक गूलर के पेड़ पर चढ़ गया, क्योंकि वह उसी मार्ग से जाने वाला था। 
Luke 19:5 जब यीशु उस जगह पहुंचा, तो ऊपर दृष्टि कर के उस से कहा; हे ज़क्कई झट उतर आ; क्योंकि आज मुझे तेरे घर में रहना अवश्य है। 
Luke 19:6 वह तुरन्त उतर कर आनन्द से उसे अपने घर को ले गया। 
Luke 19:7 यह देख कर सब लोगे कुड़कुड़ा कर कहने लगे, वह तो एक पापी मनुष्य के यहां जा उतरा है। 
Luke 19:8 ज़क्कई ने खड़े हो कर प्रभु से कहा; हे प्रभु, देख मैं अपनी आधी सम्पत्ति कंगालों को देता हूं, और यदि किसी का कुछ भी अन्याय कर के ले लिया है तो उसे चौगुना फेर देता हूं। 
Luke 19:9 तब यीशु ने उस से कहा; आज इस घर में उद्धार आया है, इसलिये कि यह भी इब्राहीम का एक पुत्र है।
Luke 19:10 क्योंकि मनुष्य का पुत्र खोए हुओं को ढूंढ़ने और उन का उद्धार करने आया है।

एक साल में बाइबल: 

  • उत्पत्ति 23-24
  • मत्ती 7