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मंगलवार, 6 जनवरी 2015

ध्यान


   यदि आप बच्चों के किसी संगीत-समारोह में जाएं तो यह देखकर अटपटा नहीं लगता कि बच्चे सिवाए संगीत-संचालक के बाकी सब को देखते रहते हैं। वे हिलते-डुलते हैं, कसमसाते हैं, एक दुसरे को ऊँगली मारते हैं; वे अपने पंजों पर खड़े होकर श्रोताओं में बैठे अपने माता-पिता या अन्य परिवार जनों को खोजते हैं, और जब कोई उन्हें दिखाई दे जाता है तब उसे हाथ हिलाकर दिखाते हैं; और हाँ, वे थोड़ा-बहुत गा भी लेते हैं। हम उनकी इन बचकाना हरकतों को देखकर मुस्कुराते हैं; हमें बच्चों का यह आचरण मज़ेदार लगता है। किंतु यदि यही आचरण कोई व्यसक करे, और वह संगीत-संचालक पर ध्यान केंद्रित ना रखे तो यह कदापि मज़ेदार या मनोरंजक नहीं माना जाता। अच्छे संगीत के लिए आवश्यक है कि संगीत-मण्डली के प्रत्येक सदस्य का ध्यान पूर्णतः संगीत-संचालक पर लगा रहे, जिससे सभी सदस्य एक लय और एक ताल में संगीत गा-बजा सकें।

   कई बार मसीही विश्वासी भी उस बच्चों की संगीत-मण्डली के सदस्यों के समान व्यवहार करने लग जाते हैं। बजाए इसके कि हम मसीही विश्वासियों की मण्डली के प्रधान-संचालक प्रभु यीशु पर ध्यान केंद्रित रखें, हम एक दूसरे की ओर देखने, दूसरों के बारे में सोचने, दूसरों को मिलने वाली चीज़ों को लेकर चिंतित होने या फिर आस-पास के लोगों पर ध्यान लगाने वाले हो जाते हैं।

   ऐसे व्यवहार के लिए प्रभु यीशु ने अपने एक शिषय पतरस को डांटा। प्रभु पतरस को अभी बता ही रहा था कि वह उससे क्या चाहता है, लेकिन पतरस का ध्यान प्रभु और उसकी बातों पर नहीं वरन पीछे आने वाले एक अन्य चेले यूहन्ना पर था, और "उसे देखकर पतरस ने यीशु से कहा, हे प्रभु, इस का क्या हाल होगा? यीशु ने उस से कहा, यदि मैं चाहूं कि वह मेरे आने तक ठहरा रहे, तो तुझे क्या? तू मेरे पीछे हो ले" (यूहन्ना 21:21-22)।

   कई बार हमारा ध्यान और लोगों के कार्यों द्वारा भंग हो जाता है। हमें लगता है कि उनके जीवन के लिए प्रभु की योजना हमारे जीवन के लिए बनाई गई योजना से बेहतर है। लेकिन वास्तविकता तो यह है कि हम सभी के लिए प्रभु की एक ही योजना है: "हम सभी प्रभु यीशु का अनुसरण करें; उसके पीछे-पीछे चलें।" जब हमारा पूरा ध्यान प्रभु पर ही लगा होगा तो फिर किसी और के लिए उसकी योजना को लेकर हमारा ध्यान भंग नहीं होने पाएगा और हम सब मसीही विश्वासी एक साथ मिलकर अपने प्रभु के लिए एक उत्कृष्ट कार्य करने पाएंगे। - जूली ऐकरमैन लिंक


परमेश्वर की प्रत्येक सन्तान के लिए परमेश्वर की योजना में एक विशेष स्थान है।

सो जब तक प्रभु न आए, समय से पहिले किसी बात का न्याय न करो: वही तो अन्धकार की छिपी बातें ज्योति में दिखाएगा, और मनों की मतियों को प्रगट करेगा, तब परमेश्वर की ओर से हर एक की प्रशंसा होगी। - 1 कुरिन्थियों 4:5 

बाइबल पाठ:यूहन्ना 21:15-22
John 21:15 भोजन करने के बाद यीशु ने शमौन पतरस से कहा, हे शमौन, यूहन्ना के पुत्र, क्या तू इन से बढ़कर मुझ से प्रेम रखता है? उसने उस से कहा, हां प्रभु तू तो जानता है, कि मैं तुझ से प्रीति रखता हूं: उसने उस से कहा, मेरे मेमनों को चरा। 
John 21:16 उसने फिर दूसरी बार उस से कहा, हे शमौन यूहन्ना के पुत्र, क्या तू मुझ से प्रेम रखता है? उसने उन से कहा, हां, प्रभु तू जानता है, कि मैं तुझ से प्रीति रखता हूं: उसने उस से कहा, मेरी भेड़ों की रखवाली कर। 
John 21:17 उसने तीसरी बार उस से कहा, हे शमौन, यूहन्ना के पुत्र, क्या तू मुझ से प्रीति रखता है? पतरस उदास हुआ, कि उसने उसे तीसरी बार ऐसा कहा; कि क्या तू मुझ से प्रीति रखता है? और उस से कहा, हे प्रभु, तू तो सब कुछ जानता है: तू यह जानता है कि मैं तुझ से प्रीति रखता हूं: यीशु ने उस से कहा, मेरी भेड़ों को चरा। 
John 21:18 मैं तुझ से सच सच कहता हूं, जब तू जवान था, तो अपनी कमर बान्‍धकर जहां चाहता था, वहां फिरता था; परन्तु जब तू बूढ़ा होगा, तो अपने हाथ लम्बे करेगा, और दूसरा तेरी कमर बान्‍धकर जहां तू न चाहेगा वहां तुझे ले जाएगा। 
John 21:19 उसने इन बातों से पता दिया कि पतरस कैसी मृत्यु से परमेश्वर की महिमा करेगा; और यह कहकर, उस से कहा, मेरे पीछे हो ले। 
John 21:20 पतरस ने फिरकर उस चेले को पीछे आते देखा, जिस से यीशु प्रेम रखता था, और जिसने भोजन के समय उस की छाती की और झुककर पूछा हे प्रभु, तेरा पकड़वाने वाला कौन है? 
John 21:21 उसे देखकर पतरस ने यीशु से कहा, हे प्रभु, इस का क्या हाल होगा? 
John 21:22 यीशु ने उस से कहा, यदि मैं चाहूं कि वह मेरे आने तक ठहरा रहे, तो तुझे क्या? तू मेरे पीछे हो ले।

एक साल में बाइबल: 
  • उत्पत्ति 16-17
  • मत्ती 5:27-48