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शनिवार, 29 नवंबर 2014

आदर तथा आशीष


   मेरे पिता, हैल, के 90वें जन्म दिवस पर हम सभी भाईयों ने मिलकर एक बड़ा जश्न आयोजित किया। हमने अपने परिवार जनों एवं मित्रों को बुलाया, बहुत सा स्वादिष्ट भोजन बनाकर रखा और संगीत तथा संगति का खुला आयोजन किया। घर में परिवार तथा मित्रगणों ने कोई भी वाद्य यंत्र, जैसे बैन्जो, मैण्डोलिन, गिटार, ढोल इत्यादि, जो भी वे बजा सकते थे लिया और हम सारी दोपहर खाते और गाते-बजाते रहे। पिताजी के लिए एक बड़ा से केक बनवाया जिस पर लिखवाया गया, "परमेश्वर की स्तुति हो! धन्य है वह पुरुष जो यहोवा का भय मानता है - भजन 112:1। हैल तुम्हें 90वाँ जन्म दिम मुबारक हो!"

   बाद में जब मैं भजन 112 का अध्ययन कर रहा था तब मैंने पाया कि वह भजन मेरे पिताजी के चरित्र का, जो 50 वर्षों से भी अधिक तक परमेश्वर के साथ चलते रहे और अब उसके साथ हैं, कितना सटीक वर्णन था। ऐसा नहीं है कि पिताजी को कभी कोई दुख या तकलीफ नहीं हुई - उन्हें भी उन सभी बातों से होकर गुज़रना पड़ा जिन से होकर हम सभी निकलते हैं, लेकिन उन कठिन परिस्थितियों में भी परमेश्वर और उसके प्रेम में उनके अडिग  विश्वास का प्रतिफल उनके जीवन में आने वालि अनेक आशीषें थीं। भजन 112 भी हमें यही बात बताता है, कि जो मनुष्य परमेश्वर के प्रति अपनी श्रद्धा, भय और प्रेम को बनाए रखता है और उसके वचन में आनन्दित होता है वह आशीषों से परिपूर्ण रहेगा। उस मनुष्य की परमेश्वर के प्रति लगातार बनी और बढ़ती रहने वाली ईमानदारी तथा विश्वास के कारण, ना केवल वह स्वयं आशीषित रहेगा, वरन यह आशीष उसकी सन्तान पर भी जाएगी (पद 2)।

   परमेश्वर के वचन बाइबल का यह भजन हमें प्रेरित करता है कि हम अपने जीवनों में परमेश्वर के प्रति एक भीतरी श्रद्धा का जीवन व्यतीत करें और उसकी आज्ञाकारिता में चलते रहें, अपने जीवन के सभी निर्णय उसकी आज्ञाओं और निर्देशों के अनुसार लेते रहें - अर्थात परमेश्वर को आदर देते रहने वाला जीवन व्यतीत करें। यदि हम ऐसा करेंगे, तो हम देखेंगे कि हमारे आयु के दिन - वे चाहे जितने भी कम या अधिक क्यों ना हों, परमेश्वर की ओर से हमारे लिए आदर तथा आशीष के दिन होंगे, और यह सब ना केवल हमारे अपने लिए होगा वरन हमारी सन्तान तक भी जाएगा। - डेनिस फिशर


यदि आप परमेश्वर को अपने जीवन से आदर देंगे, तो वह आपके जीवन को आदरणीय बना देगा।

बुद्धि का मूल यहोवा का भय है; जितने उसकी आज्ञाओं को मानते हैं, उनकी बुद्धि अच्छी होती है। उसकी स्तुति सदा बनी रहेगी। - भजन 111:10

बाइबल पाठ: भजन 112
Psalms 112:1 याह की स्तुति करो। क्या ही धन्य है वह पुरूष जो यहोवा का भय मानता है, और उसकी आज्ञाओं से अति प्रसन्न रहता है! 
Psalms 112:2 उसका वंश पृथ्वी पर पराक्रमी होगा; सीधे लोगों की सन्तान आशीष पाएगी। 
Psalms 112:3 उसके घर में धन सम्पत्ति रहती है; और उसका धर्म सदा बना रहेगा। 
Psalms 112:4 सीधे लोगों के लिये अन्धकार के बीच में ज्योति उदय होती है; वह अनुग्रहकारी, दयावन्त और धर्मी होता है। 
Psalms 112:5 जो पुरूष अनुग्रह करता और उधार देता है, उसका कल्याण होता है, वह न्याय में अपने मुकद्दमें को जीतेगा। 
Psalms 112:6 वह तो सदा तक अटल रहेगा; धर्मी का स्मरण सदा तक बना रहेगा। 
Psalms 112:7 वह बुरे समाचार से नहीं डरता; उसका हृदय यहोवा पर भरोसा रखने से स्थिर रहता है। 
Psalms 112:8 उसका हृदय सम्भला हुआ है, इसलिये वह न डरेगा, वरन अपने द्रोहियों पर दृष्टि कर के सन्तुष्ट होगा। 
Psalms 112:9 उसने उदारता से दरिद्रों को दान दिया, उसका धर्म सदा बना रहेगा और उसका सींग महिमा के साथ ऊंचा किया जाएगा। 
Psalms 112:10 दुष्ट उसे देख कर कुढेगा; वह दांत पीस-पीसकर गल जाएगा; दुष्टों की लालसा पूरी न होगी।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 कुरिन्थियों 7-9