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बुधवार, 26 नवंबर 2014

प्रेम


   वर्षों पहले मैंने एक रेखाचित्र देखा था जिसमें एक वृद्ध पुरुष को रूखी, खिसियाई हुई मुद्रा में अपने घर से बाहर निकलने के दरवाज़े के पास खड़ा दिखाया गया था; दरवाज़ा बन्द था और उस वृद्ध ने उसे चार तालों, दो सरियों और एक सांकल से बन्द किया था, लेकिन दरवाज़े के नीचे से किसी ने एक सफेद लिफाफा जिस पर एक बड़ा सा दिल बना था खिसका दिया था - उस वृद्ध के अपने आप को संसार से अलग कर के बन्द कर लेने के बाद भी उससे प्रेम करने वाले किसी व्यक्ति ने उस तक अपने प्रेम सन्देश को पहुँचाने का रास्ता निकाल लिया था।

   केवल प्रेम में ही दूसरे के मन को बदल देने की शक्ति है। प्रसिद्ध रूसी लेखक दोस्तोवस्की की प्रसिद्ध पुस्तक The Brothers Karamazov दो भाईयों की कहानी है जिनमें से एक जिसका नाम आईवन है कठोर चिड़चिड़े स्वभाव का है और परमेश्वर के प्रेम का विरोधी है, और दूसरा जिसका नाम अलियोशा है, परमेश्वर में गहरा विशवास रखता है और अपने भाई के परमेश्वर विरोधी व्यवहार से हैरान रहता है। एक समय अलियोशा अपने भाई की ओर झुककर प्रेम के साथ उसे चूम लेता है; उसका अपने भाई के प्रति प्रेम व्यक्त करने का यह साधारण सा कार्य आईवन के दिल को छू लेता है, उसके अन्दर गहरा प्रभाव उत्पन्न करता है।

   हो सकता है कि आपके पास कोई ऐसा मित्र है जो परमेश्वर के प्रेम का प्रतिरोध कर रहा है; उस पर परमेश्वर के प्रेम को प्रकट कीजिए जैसे परमेश्वर ने आप पर और सारे संसार पर अपने प्रेम को प्रकट किया है। यह हमारे प्रति परमेश्वर का प्रेम ही है जिस के अन्तर्गत उसने हमारे पापों में होने के बावजूद हमें पापों से छुड़ाने और अपने साथ स्वर्ग में स्थान देने के लिए अपने पुत्र प्रभु यीशु मसीह को संसार में बलिदान होने के लिए भेजा, जिससे वह सारे संसार के सभी लोगों के पापों के दोष को अपने ऊपर लेकर सभी के पापों के दोष तथा दण्ड को अपने ऊपर ले और उनके निवारण का मार्ग तैयार कर दे।

   लोगों को परमेश्वर के उस प्रेम से अवगत कराएं जिसका वर्णन परमेश्वर के वचन बाइबल में 1 कुरिन्थियों 13 में दिया गया है; प्रेम जो धीरजवन्त, कृपालु, दीन और निस्वार्थ है। सच्चा प्रेम परमेश्वर से मिलने वाला अनुग्रह का उपहार है, इस उपहार को संसार के साथ बाँटते रहिए। - डेविड रोपर


परमेश्वर अपने प्रेम को हमारे हृदयों में इसलिए उँडेलता है ताकि हम उसे दूसरों तक पहुँचा सकें।

क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए। - यूहन्ना 3:16

बाइबल पाठ: 1 कुरिन्थियों 13
1 Corinthians 13:1 यदि मैं मनुष्यों, और सवर्गदूतों की बोलियां बोलूं, और प्रेम न रखूं, तो मैं ठनठनाता हुआ पीतल, और झंझनाती हुई झांझ हूं। 
1 Corinthians 13:2 और यदि मैं भविष्यद्वाणी कर सकूं, और सब भेदों और सब प्रकार के ज्ञान को समझूं, और मुझे यहां तक पूरा विश्वास हो, कि मैं पहाड़ों को हटा दूं, परन्तु प्रेम न रखूं, तो मैं कुछ भी नहीं। 
1 Corinthians 13:3 और यदि मैं अपनी सम्पूर्ण संपत्ति कंगालों को खिला दूं, या अपनी देह जलाने के लिये दे दूं, और प्रेम न रखूं, तो मुझे कुछ भी लाभ नहीं। 
1 Corinthians 13:4 प्रेम धीरजवन्‍त है, और कृपाल है; प्रेम डाह नहीं करता; प्रेम अपनी बड़ाई नहीं करता, और फूलता नहीं। 
1 Corinthians 13:5 वह अनरीति नहीं चलता, वह अपनी भलाई नहीं चाहता, झुंझलाता नहीं, बुरा नहीं मानता। 
1 Corinthians 13:6 कुकर्म से आनन्‍दित नहीं होता, परन्तु सत्य से आनन्‍दित होता है। 
1 Corinthians 13:7 वह सब बातें सह लेता है, सब बातों की प्रतीति करता है, सब बातों की आशा रखता है, सब बातों में धीरज धरता है। 
1 Corinthians 13:8 प्रेम कभी टलता नहीं; भविष्यद्वाणियां हों, तो समाप्‍त हो जाएंगी, भाषाएं हो तो जाती रहेंगी; ज्ञान हो, तो मिट जाएगा। 
1 Corinthians 13:9 क्योंकि हमारा ज्ञान अधूरा है, और हमारी भविष्यद्वाणी अधूरी। 
1 Corinthians 13:10 परन्तु जब सवर्सिद्ध आएगा, तो अधूरा मिट जाएगा। 
1 Corinthians 13:11 जब मैं बालक था, तो मैं बालकों की नाईं बोलता था, बालकों का सा मन था बालकों की सी समझ थी; परन्तु सियाना हो गया, तो बालकों की बातें छोड़ दी। 
1 Corinthians 13:12 अब हमें दर्पण में धुंधला सा दिखाई देता है; परन्तु उस समय आमने साम्हने देखेंगे, इस समय मेरा ज्ञान अधूरा है; परन्तु उस समय ऐसी पूरी रीति से पहिचानूंगा, जैसा मैं पहिचाना गया हूं। 
1 Corinthians 13:13 पर अब विश्वास, आशा, प्रेम ये तीनों स्थाई है, पर इन में सब से बड़ा प्रेम है।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 कुरिन्थियों 13-16