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रविवार, 28 सितंबर 2014

अज्ञात


   बहुतेरे लंडनवासियों के लिए 1666 वह वर्ष था जब प्रभु यीशु मसीह का पुनरागमन हो जाएगा। भविष्यवाणी करने वाले उत्साही लोगों ने परमेश्वर के वचन बाइबल में मसीह विरोधी के अंक 666 को मसीह यीशु के जन्मोप्रांत 1000 वर्ष पूरे होने को मिलाकर यह संख्या पाई थी। प्रभु यीशु ने भी अपने दूसरे आगमन के चिन्हों में कहा था कि संसार में भयानक परिस्थितियाँ और विपित्तियाँ होंगी (मत्ती 24:1-8), और उन लंडनवासियों को लग रहा था कि यही हो रहा है क्योंकि सन 1665 में प्लेग द्वारा 100,000 लोगों की मृत्यु होकर चुकी थी और फिर सितंबर 1666 में लंडन में लगी भयानक आग ने दसियों हज़ार मकान जला कर ध्वस्त कर दिए थे। लेकिन सन 1666 भी आकर चला गया और जीवन वैसे ही चलता रहा जैसे पहले चलता था।

   आज हमारे समयों में भी ऐसे अनेक लोग हैं जिन्होंने प्रभु यीशु के दूसरे आगमन और जगत के अन्त की तिथि की भविष्यवाणी करी है। ऐसी भविष्यवाणियाँ होती हैं, मीडिया उसके बारे में बहुत कुछ बताता है, उस से संबंधित संसार में होने वाले उन्माद को दिखाता है, वह तारीख आकर चली जाती है और जीवन वैसा ही चलता रहता है जैसे वह चल रहा था।

   परमेश्वर की योजना में प्रभु यीशु के पुनरागमन के समय को हम से छिपा कर ही रखा गया है। इस संबंध में स्वयं प्रभु यीशु ने कहा, "उस दिन और उस घड़ी के विषय में कोई नहीं जानता, न स्वर्ग के दूत, और न पुत्र, परन्तु केवल पिता" (मत्ती 24:36)। प्रभु यीशु के कभी भी आ जाने की अनिश्चितता हम मसिही विश्वासियों को अपनी आत्मिक उन्नति तथा मसीही सेवकाई के लिए सदा तत्पर एवं तैयार बनाए रखती है, अन्यथा लोग सदा ही नहीं वरन उस निर्धारित तिथि के आस-पास ही इस कार्य को पूरा करते (मत्ती 25:1-13; 1 यूहन्ना 3:2-3)।

   आश्वस्त रहें कि प्रभु यीशु का पुनरागमन होगा अवश्य, लेकिन कब, यह ना तो कोई जानता है और ना ही बता सकता है। हमारा कर्त्वय है कि जब तक हमारा प्रभु अपने समय में हमें लेने पुनः ना आ जाए तब तक हम उसके कार्य में पूरी लगन के साथ लगे रहें और अपने जीवनों को इस संसार की नश्वर लालसाओं में रत नहीं वरन पवित्र चाल-चलन तथा भक्ति के साथ व्यतीत होने वाला बनाए रखें (2 पतरस 3:11)। - डैनिस फिशर


प्रभु यीशु के पुनरागमन के सिद्धांत के जितना व्यावाहरिक मसीही जीवन से जुड़ा और कोई सिद्धांत नहीं है।

तो जब कि ये सब वस्तुएं, इस रीति से पिघलने वाली हैं, तो तुम्हें पवित्र चाल चलन और भक्ति में कैसे मनुष्य होना चाहिए। - 2 पतरस 3:11

बाइबल पाठ: मत्ती 24:1-8
Matthew 24:1 जब यीशु मन्दिर से निकलकर जा रहा था, तो उसके चेले उसको मन्दिर की रचना दिखाने के लिये उस के पास आए। 
Matthew 24:2 उसने उन से कहा, क्या तुम यह सब नहीं देखते? मैं तुम से सच कहता हूं, यहां पत्थर पर पत्थर भी न छूटेगा, जो ढाया न जाएगा। 
Matthew 24:3 और जब वह जैतून पहाड़ पर बैठा था, तो चेलों ने अलग उसके पास आकर कहा, हम से कह कि ये बातें कब होंगी और तेरे आने का, और जगत के अन्‍त का क्या चिन्ह होगा? 
Matthew 24:4 यीशु ने उन को उत्तर दिया, सावधान रहो! कोई तुम्हें न भरमाने पाए। 
Matthew 24:5 क्योंकि बहुत से ऐसे होंगे जो मेरे नाम से आकर कहेंगे, कि मैं मसीह हूं: और बहुतों को भरमाएंगे। 
Matthew 24:6 तुम लड़ाइयों और लड़ाइयों की चर्चा सुनोगे; देखो घबरा न जाना क्योंकि इन का होना अवश्य है, परन्तु उस समय अन्‍त न होगा। 
Matthew 24:7 क्योंकि जाति पर जाति, और राज्य पर राज्य चढ़ाई करेगा, और जगह जगह अकाल पड़ेंगे, और भुईंडोल होंगे। 
Matthew 24:8 ये सब बातें पीड़ाओं का आरम्भ होंगी।

एक साल में बाइबल: 
  • अमोस 1-3