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रविवार, 21 सितंबर 2014

परेशानी


   स्कूल के खेल के मैदान पर फुटबॉल के खेल के पश्चात एक लड़के राईली ने दूसरे लड़के एवरी के साथ झगड़ना आरंभ कर दिया। वहाँ उपस्थित अध्यापक ने दोनों को अलग किया और प्रधानाध्यापक के पास भेज दिया। बाद में एवरी ने कहा, "जैसे हमेशा होता रहा है, हम दोनों को ही इस झगड़े का दुषपरिणाम भोगना पड़ा।" लेकिन साथ ही एवरी ने यह भी कहा कि इस घटना से उसने एक पाठ सीखा है, "परमेश्वर सदा ही हमारे साथ बना रहता है चाहे हम ऐसी परेशानी में ही क्यों ना हों।"

   इस्त्राएल बड़ी परेशानी में था; उनको मिस्त्र की गुलामी से निकालकर कनान देश में प्रवेश करने के लिए कनान के किनारे तक ले आने वाला उनका अगुवा मूसा अब नहीं रहा था। इस्त्राएल के नेतृत्व की बागडोर मूसा के सहयाक यहोशू को सौंपी गई थी जो अपने आप को इस बड़े कार्य के लिए कमज़ोर समझ रहा था। इस्त्राएल का नेतृत्व करके उन्हें कनान में प्रवेश करवाने, अनेकों सैनिक अभियानों में विजय द्वारा उन्हें कनान देश में बसाने, फिर उस देश की भूमि को इस्त्राएल के गोत्रों में बाँटने आदि बातों की परेशानी से चिंतित यहोशु को परमेश्वर ने आश्वस्त किया, "तेरे जीवन भर कोई तेरे साम्हने ठहर न सकेगा; जैसे मैं मूसा के संग रहा वैसे ही तेरे संग भी रहूंगा; और न तो मैं तुझे धोखा दूंगा, और न तुझ को छोडूंगा" (यहोशू 1:5)।

   यहोशू का परमेश्वर में दृढ़ विश्वास था; जब इसत्राएलियों द्वारा कनान का भेद लेने गए लोगों ने लौट के आने के बाद इस्त्राएलियों को घबरा दिया और निराश कर दिया, तब यहोशू और कालेब ही थे जो परमेश्वर पर विश्वास के द्वारा कनान के निवासियों पर जयवन्त होने के दावे के साथ इस्त्राएलियों का हौंसला बढ़ा रहे थे (गिनती 14:6-9)। यहोशू आज भी यह जानता था कि परमेश्वर की उपस्थिति तथा सहायता के बिना वह कुछ नहीं कर पाएगा; और यहोशू की हिम्मत बाँधने के लिए इसी बात का आश्वासन परमेश्वर ने यहोशू को दिया भी। जो आश्वासन परमेश्वर ने तब यहोशू को दिया था, वही आज उसने हम सभी मसीही विश्वासियों को भी दिया है - कि वह हमारे साथ सदा बना रहेगा (इब्रानियों 13:5-6)।

   यह हमारे लिए बड़ी सांत्वना की बात है कि हमारा परमेश्वर हमारे साथ सदा बना रहता है, हमें ना कभी छोड़ता है और ना कभी त्यागता है, हम चाहे कैसी भी परेशानी में क्यों ना हों। - ऐनी सेटास


जब परेशानियाँ आप के पास आएं तब आप परमेश्वर के और पास आ जाएं।

तुम्हारा स्‍वभाव लोभरिहत हो, और जो तुम्हारे पास है, उसी पर संतोष किया करो; क्योंकि उसने आप ही कहा है, कि मैं तुझे कभी न छोडूंगा, और न कभी तुझे त्यागूंगा। इसलिये हम बेधड़क हो कर कहते हैं, कि प्रभु, मेरा सहायक है; मैं न डरूंगा; मनुष्य मेरा क्या कर सकता है। - इब्रानियों 13:5-6

बाइबल पाठ: यहोशू 1:1-7
Joshua 1:1 यहोवा के दास मूसा की मृत्यु के बाद यहोवा ने उसके सेवक यहोशू से जो नून का पुत्र था कहा, 
Joshua 1:2 मेरा दास मूसा मर गया है; सो अब तू उठ, कमर बान्ध, और इस सारी प्रजा समेत यरदन पार हो कर उस देश को जा जिसे मैं उन को अर्थात इस्राएलियों को देता हूं। 
Joshua 1:3 उस वचन के अनुसार जो मैं ने मूसा से कहा, अर्थात जिस जिस स्थान पर तुम पांव धरोगे वह सब मैं तुम्हे दे देता हूं। 
Joshua 1:4 जंगल और उस लबानोन से ले कर परात महानद तक, और सूर्यास्त की ओर महासमुद्र तक हित्तियों का सारा देश तुम्हारा भाग ठहरेगा। 
Joshua 1:5 तेरे जीवन भर कोई तेरे साम्हने ठहर न सकेगा; जैसे मैं मूसा के संग रहा वैसे ही तेरे संग भी रहूंगा; और न तो मैं तुझे धोखा दूंगा, और न तुझ को छोडूंगा। 
Joshua 1:6 इसलिये हियाव बान्धकर दृढ़ हो जा; क्योंकि जिस देश के देने की शपथ मैं ने इन लोगों के पूर्वजों से खाई थी उसका अधिकारी तू इन्हें करेगा। 
Joshua 1:7 इतना हो कि तू हियाव बान्धकर और बहुत दृढ़ हो कर जो व्यवस्था मेरे दास मूसा ने तुझे दी है उन सब के अनुसार करने में चौकसी करना; और उस से न तो दाहिने मुड़ना और न बांए, तब जहां जहां तू जाएगा वहां वहां तेरा काम सफल होगा।

एक साल में बाइबल: 
  • दानिय्येल 7-9