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सोमवार, 11 अगस्त 2014

थके और प्यासे


   मोआब की पहाड़ियों से उस वाचा की हुई भूमि की वह पहली झलक मेरे लिए बहुत निराशाजनक थी। मुझे लग रहा था कि यरदन नदी के पूर्वी तट के दृश्य की अपेक्षा यहाँ का दृश्य बहुत भिन्न होगा, लेकिन मुझे कुछ खास फर्क नज़र नहीं आया। मैंने अपनी गाईड से पूछा, "जब मिस्त्र की गुलामी से निकलकर इस्त्राएली यहाँ पहली बार आए थे तब क्या यह इलाका इससे भिन्न दिखता था?" उसने उत्तर दिया, "नहीं! यह हज़ारों से वर्षों से ऐसा ही दिखाई देता रहा है।" उससे मैंने अपने प्रश्न को दूसरे शब्दों में पूछा, "जब वे इस्त्राएली यहाँ पहुँचे, तब उन्होंने क्या देखा होगा?" उस गाईड का उत्तर था, "संसार का सबसे बड़ा मरुद्दयान!"

   तब मैं समझ गई। मैंने बंजर मरुभूमि की यहाँ तक की यात्रा एक आरामदायक वातानुकूलित बस में बैठकर जिसमें पीने के पानी की ठंडी बोतलें बहुतायत से उपलब्ध थीं करी थी, मेरे लिए पीने लायक मीठे पानी का स्त्रोत, वह मरूद्दयान कोई विशेष बात नहीं थी। लेकिन वे इस्त्राएली एक तपते हुए बंजर मरुभूमि में वर्षों पैदल यात्रा करते रहे थे; उनके लिए दूर से ही फीकी सी हरियाली दिखाने वाला यह स्थान जीवनदायक जल उपलब्ध होने का आश्वासन रहा होगा। वे जब यहाँ पहुँचे थे, तब थक कर चूर थे, जबकि मैं आराम से थी। उन्हें यहाँ पहुँचने में 40 कठिन वर्ष लगे थे, मुझे केवल 4 घंटे।

   जीवनदायक जल के सोते वाले उस मरुद्दयान के समान ही परमेश्वर की भलाई भी कभी कभी सूखे और कठिन स्थानों में ही मिलती है। मैं सोचती हूँ, हम कितनी ही दफा अपने प्रति परमेश्वर की देख-रेख तथा भलाई को देख नहीं पाते क्योंकि हमारी आत्मिक इन्द्रियाँ सुख-विलास के साधनों ने कुन्द कर दी हैं। इसलिए परमेश्वर की यह भलाईयाँ हमें तब ही दिखाई देती हैं जब जीवन यात्रा में हम थके और प्यासे होते हैं। परमेश्वर हमारी यह थकावट और प्यास यूँ ही बनाए रखे जिससे हम उसके प्रति तथा हमारे लिए उसकी भलाईयों के प्रति संवेदन शील होकर सदा ही उसके धन्यवादी तथा उसको समर्पित बने रहें। - जूली ऐकैरमैन लिंक


प्रभु यीशु ही वह जीवन जल का सोता है जो प्यासी आत्मा को तृप्त कर सकता है।

फिर पर्व के अंतिम दिन, जो मुख्य दिन है, यीशु खड़ा हुआ और पुकार कर कहा, यदि कोई प्यासा हो तो मेरे पास आकर पीए। - यूहन्ना 7:37

बाइबल पाठ: यहोशु 3:1-11
Joshua 3:1 बिहान को यहोशू सबेरे उठा, और सब इस्राएलियों को साथ ले शित्तीम से कूच कर यरदन के किनारे आया; और वे पार उतरने से पहिले वहीं टिक गए। 
Joshua 3:2 और तीन दिन के बाद सरदारों ने छावनी के बीच जा कर 
Joshua 3:3 प्रजा के लोगों को यह आज्ञा दी, कि जब तुम को अपने परमेश्वर यहोवा की वाचा का सन्दूक और उसे उठाए हुए लेवीय याजक भी देख पड़ें, तब अपने स्थान से कूच कर के उसके पीछे पीछे चलना, 
Joshua 3:4 परन्तु उसके और तुम्हारे बीच में दो हजार हाथ के अटकल अन्तर रहे; तुम सन्दूक के निकट न जाना। ताकि तुम देख सको, कि किस मार्ग से तुम को चलना है, क्योंकि अब तक तुम इस मार्ग पर हो कर नहीं चले। 
Joshua 3:5 फिर यहोशू ने प्रजा के लोगों से कहा, तुम अपने आप को पवित्र करो; क्योंकि कल के दिन यहोवा तुम्हारे मध्य में आश्चर्यकर्म करेगा। 
Joshua 3:6 तब यहोशू ने याजकों से कहा, वाचा का सन्दूक उठा कर प्रजा के आगे आगे चलो। तब वे वाचा का सन्दूक उठा कर आगे आगे चले। 
Joshua 3:7 तब यहोवा ने यहोशू से कहा, आज के दिन से मैं सब इस्राएलियों के सम्मुख तेरी प्रशंसा करना आरम्भ करूंगा, जिस से वे जान लें कि जैसे मैं मूसा के संग रहता था वैसे ही मैं तेरे संग भी हूं। 
Joshua 3:8 और तू वाचा के सन्दूक के उठाने वाले याजकों को यह आज्ञा दे, कि जब तुम यरदन के जल के किनारे पहुंचो, तब यरदन में खड़े रहना।
Joshua 3:9 तब यहोशू ने इस्राएलियों से कहा, कि पास आकर अपने परमेश्वर यहोवा के वचन सुनो। 
Joshua 3:10 और यहोशू कहने लगा, कि इस से तुम जान लोगे कि जीवित ईश्वर तुम्हारे मध्य में है, और वह तुम्हारे सामहने से नि:सन्देह कनानियों, हित्तियों, हिव्वियों, परिज्जियों, गिर्गाशियों, एमोरियों, और यबूसियों को उनके देश में से निकाल देगा। 
Joshua 3:11 सुनो, पृथ्वी भर के प्रभु की वाचा का सन्दूक तुम्हारे आगे आगे यरदन में जाने पर है।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 46-48