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बुधवार, 30 जुलाई 2014

बुरी परिस्थिति; भला समाचार


   हाल ही में मेरी बातचीत एक महिला से हुई जिसे बहुत कठिन समय से होकर निकलना पड़ा था और उन परिस्थितियों के तनाव के कारण उसे कई बार अपने चिकित्सक के पास जाना पड़ा। लेकिन अपने चेहरे पर मुस्कुराहट के साथ उस महिला ने कहा कि इस कठिन और तनावपूर्ण स्थिति के कारण वह अपने चिकित्सक के साथ प्रभु यीशु के बारे में बातचीत कर सकी।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में फिलिप्पियों के मसीही विश्वासियों को लिखी अपनी पत्री में प्रेरित पौलुस लिखता है कि कैसे उसने अपनी बुरी परिस्थिति, अर्थात कैद में होने को, प्रभु यीशु के भले समाचार का प्रचार करने के लिए उपयोग किया। फिलिप्पी के मसीही विश्वासी इस बात से दुखी थे कि प्रभु यीशु के बारे में प्रचार करने के कारण पौलुस को जेल में डाल दिया गया है; लेकिन पौलुस ने उन्हें समझाया कि "हे भाइयों, मैं चाहता हूं, कि तुम यह जान लो, कि मुझ पर जो बीता है, उस से सुसमाचार ही की बढ़ती हुई है" (फिलिप्पियों 1:12)। महल के सभी प्रहरी और रक्षक जानते थे कि पौलुस को जेल में क्यों डाला गया है - क्योंकि वह प्रभु यीशु का प्रचार करता था। उस जेल में भी, जो भी पौलुस के साथ संपर्क में आता, चाहे वे सैनिक हों - जो उसके साथ 24 घंटे रहते थे, या उससे मिलने आने वाले लोग, उन सब को वह प्रभु यीशु में पापों की क्षमा एवं उद्धार के भले समाचार के बारे में बताता था।

   अपनी बुरी परिस्थिति में भी भले समाचार का प्रचार करने के पौलुस के इस प्रयास के कारण उन सैनिकों और रक्षकों में से भी कुछ जन मसीही विश्वासी बन गए (फिलिप्पियों 4:22)। पौलुस के कैद होने का अर्थ यह नहीं था कि प्रभु यीशु का सुसमाचार भी कैद हो गया या थम गया; सुसमाचार तो कैदखाने में भी कार्यकारी हुआ, कैदखाने के कारण और अधिक व्यापकीवं प्रभावी रीति से फैला, तथा तब से लेकर आज तक भी उस उदाहरण के कारण अनेक स्थानों तथा लोगों के लिए प्रेर्णादायक होकर कार्यकारी बना हुआ है।

   प्रभु यीशु के विश्वासियों को यह गौरव है कि वे अपनी बुरी परिस्थितियों को भी भले समाचार के प्रसार के लिए उपयोग कर सकते हैं; हर परिस्थिति में अपने जीवन की गवाही और विश्वास के आधार को दूसरों के साथ बाँट सकते हैं, लोगों को प्रभु यीशु में उपलब्ध पापों की क्षमा और उद्धार के बारे में बता सकते हैं। अपनी परिस्थितियों को अवसर बनाएं, सुसमाचार फैलाएं, परिणाम भला ही होगा। - मार्विन विलियम्स


पीड़ा भी प्रभु यीशु के सुसमाचार को बाँटने का मंच बन सकती है।

पर तू सब बातों में सावधान रह, दुख उठा, सुसमाचार प्रचार का काम कर और अपनी सेवा को पूरा कर। - 2 तिमुथियुस 4:5

बाइबल पाठ: फिलिप्पियों 1:12-22
Philippians 1:12 हे भाइयों, मैं चाहता हूं, कि तुम यह जान लो, कि मुझ पर जो बीता है, उस से सुसमाचार ही की बढ़ती हुई है। 
Philippians 1:13 यहां तक कि कैसरी राज्य की सारी पलटन और शेष सब लोगों में यह प्रगट हो गया है कि मैं मसीह के लिये कैद हूं। 
Philippians 1:14 और प्रभु में जो भाई हैं, उन में से बहुधा मेरे कैद होने के कारण, हियाव बान्‍ध कर, परमेश्वर का वचन निधड़क सुनाने का और भी हियाव करते हैं। 
Philippians 1:15 कितने तो डाह और झगड़े के कारण मसीह का प्रचार करते हैं और कितने भली मनसा से। 
Philippians 1:16 कई एक तो यह जान कर कि मैं सुसमाचार के लिये उत्तर देने को ठहराया गया हूं प्रेम से प्रचार करते हैं। 
Philippians 1:17 और कई एक तो सीधाई से नहीं पर विरोध से मसीह की कथा सुनाते हैं, यह समझ कर कि मेरी कैद में मेरे लिये क्‍लेश उत्पन्न करें। 
Philippians 1:18 सो क्या हुआ? केवल यह, कि हर प्रकार से चाहे बहाने से, चाहे सच्चाई से, मसीह की कथा सुनाई जाती है, और मैं इस से आनन्‍दित हूं, और आनन्‍दित रहूंगा भी। 
Philippians 1:19 क्योंकि मैं जानता हूं, कि तुम्हारी बिनती के द्वारा, और यीशु मसीह की आत्मा के दान के द्वारा इस का प्रतिफल मेरा उद्धार होगा। 
Philippians 1:20 मैं तो यही हादिर्क लालसा और आशा रखता हूं, कि मैं किसी बात में लज्ज़ित न होऊं, पर जैसे मेरे प्रबल साहस के कारण मसीह की बड़ाई मेरी देह के द्वारा सदा होती रही है, वैसा ही अब भी हो चाहे मैं जीवित रहूं या मर जाऊं। 
Philippians 1:21 क्योंकि मेरे लिये जीवित रहना मसीह है, और मर जाना लाभ है। 
Philippians 1:22 पर यदि शरीर में जीवित रहना ही मेरे काम के लिये लाभदायक है तो मैं नहीं जानता, कि किस को चुनूं।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 10-12