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गुरुवार, 17 जुलाई 2014

मुसीबत की जड़


   मेरे घर के लॉन में कुछ गड़बड़ी थी; वह गड़बड़ी मुझे दिखाई तो नहीं दे रही थी लेकिन उसके दुषप्रभाव मेरे सामने थे - पूरी देख-रेख के बावजूद सारी घास और मैदान खराब होता जा रहा था। मैंने बारीकी से जाँच करनी आरंभ करी और शीघ्र ही मुसीबत कि जड़ सामने आ गई - छछूंदर। कीड़े-मकौड़े खाते रहने वाले और धरती की सतह के नीचे बिलों में रहने वाले वे छोटे जन्तु बड़ी देख-भाल के साथ रखे गए मेरे घास के लॉन की सतह के नीचे यहाँ से वहाँ अपने बिल बनाए जा रहे थे और घास को बरबाद करे जा रहे थे। ना तो वे जन्तु और ना ही उनके बिल ऊपर से दिखाई देते थे, किंतु उन से हो रहा नुकसान सबके सामने प्रगट था।

   इस्त्राएलियों के साथ भी एक छिपी हुई मुसीबत की जड़ थी जो उनके लिए परेशानी का कारण ठहरी (यहोशु 7)। इस्त्राएली मुसीबत में तो पड़े किंतु उसका कारण उन्हें समझ नहीं आ रहा था। कुछ तो था जो उनकी दृष्टि से ओझल था किंतु उसके दुषप्रभाव उनके सामने थे। वे दुषप्रभाव तब उजागर हुए जब यहोशु ने छोटे से नगर ऐ को जीतने के लिए 3000 की सेना भेजी। ऐ की छोटी से सेना को पराजित करने के लिए यह काफी होनी चाहिए थी किंतु परिणाम उलटा ही निकला। ऐ के सैनिकों ने इस्त्राएलियों को खदेड़ दिया और उनके 36 सैनिक मार डाले। यहोशु को समझ नहीं आया कि ऐसा कैसे हो गया। कारण जानने के लिए वह प्रार्थना में परमेश्वर के आगे गिड़गिड़ा कर पड़ गया और परमेश्वर ने उसे बताया कि मुसीबत की जड़ क्या है - उन इस्त्राएलियों में एक ऐसा जन भी था जिसने परमेश्वर की अनाज्ञाकारिता करी और यरिहो से हुए पिछले युद्ध में अर्पण की हुई वस्तुओं में से अपने लिए कुछ चुरा लीं (यहोशु 7:11)। अनाज्ञाकारिता और झूठ के पाप के दुषप्रभाव से परमेश्वर की सुरक्षा और आशीष इस्त्राएली सेना पर से हट गई और उनकी हार का कारण हो गई। जब उस पाप को एवं पाप करने वाले को प्रकट किया गया तथा पाप का निर्धारित समाधान किया गया तत्पश्चात ही इस्त्राएल फिर विजय प्राप्त कर सका।

   हमारे जीवनों के छिपे हुए पाप हमारे लिए बहुत मुसीबत की जड़ होते हैं। हम चाहे अपने निकट के लोगों और परिवार जनों से बहुत कुछ छुपा लें, परमेश्वर से कुछ नहीं छुपा सकते। यदि पाप का समाधान नहीं होगा तो उसके दुषपरिणाम झेलने ही पड़ेंगे। इस मुसीबत की जड़ को अपने जीवन से दूर ही रखिए, तब ही परमेश्वर की आशीषें आपके साथ रहेंगी और आप जयवंत रहेंगे। - डेव ब्रैनन


परमेश्वर के समक्ष पाप अंगीकार और उसके लिए पश्चताप से ही क्षमा प्राप्त हो सकती है।

यदि हम अपने पापों को मान लें, तो वह हमारे पापों को क्षमा करने, और हमें सब अधर्म से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य और धर्मी है। - 1 यूहन्ना 1:9

बाइबल पाठ: यहोशु 7:1-13
Joshua 7:1 परन्तु इस्राएलियों ने अर्पण की वस्तु के विषय में विश्वासघात किया; अर्थात यहूदा के गोत्र का आकान, जो जेरहवंशी जब्दी का पोता और कर्म्मी का पुत्र था, उसने अर्पण की वस्तुओं में से कुछ ले लिया; इस कारण यहोवा का कोप इस्राएलियों पर भड़क उठा।
Joshua 7:2 और यहोशू ने यरीहो से ऐ नाम नगर के पास, जो बेतावेन से लगा हुआ बेतेल की पूर्व की ओर है, कितने पुरूषों को यह कहकर भेजा, कि जा कर देश का भेद ले आओ। और उन पुरूषों ने जा कर ऐ का भेद लिया। 
Joshua 7:3 और उन्होंने यहोशू के पास लौटकर कहा, सब लोग वहां न जाएं, कोई दो वा तीन हजार पुरूष जा कर ऐ को जीत सकते हैं; सब लोगों को वहां जाने का कष्ट न दे, क्योंकि वे लोग थोड़े ही हैं। 
Joshua 7:4 इसलिये कोई तीन हजार पुरूष वहां गए; परन्तु ऐ के रहने वालों के साम्हने से भाग आए, 
Joshua 7:5 तब ऐ के रहने वालों ने उन में से कोई छत्तीस पुरूष मार डाले, और अपने फाटक से शबारीम तक उनका पीछा कर के उतराई में उन को मारते गए। तब लोगों का मन पिघलकर जल सा बन गया। 
Joshua 7:6 तब यहोशू ने अपने वस्त्र फाड़े, और वह और इस्राएली वृद्ध लोग यहोवा के सन्दूक के साम्हने मुंह के बल गिरकर पृथ्वी पर सांझ तक पड़े रहे; और उन्होंने अपने अपने सिर पर धूल डाली। 
Joshua 7:7 और यहोशू ने कहा, हाय, प्रभु यहोवा, तू अपनी इस प्रजा को यरदन पार क्यों ले आया? क्या हमें एमोरियों के वश में कर के नष्ट करने के लिये ले आया है? भला होता कि हम संतोष कर के यरदन के उस पार रह जाते। 
Joshua 7:8 हाय, प्रभु मैं क्या कहूं, जब इस्राएलियों ने अपने शत्रुओं को पीठ दिखाई है! 
Joshua 7:9 क्योंकि कनानी वरन इस देश के सब निवासी यह सुनकर हम को घेर लेंगे, और हमारा नाम पृथ्वी पर से मिटा डालेंगे; फिर तू अपने बड़े नाम के लिये क्या करेगा? 
Joshua 7:10 यहोवा ने यहोशू से कहा, उठ, खड़ा हो जा, तू क्यों इस भांति मुंह के बल पृथ्वी पर पड़ा है? 
Joshua 7:11 इस्राएलियों ने पाप किया है; और जो वाचा मैं ने उन से अपने साथ बन्धाई थी उसको उन्होंने तोड़ दिया है, उन्होंने अर्पण की वस्तुओं में से ले लिया, वरन चोरी भी की, और छल कर के उसको अपने सामान में रख लिया है। 
Joshua 7:12 इस कारण इस्राएली अपने शत्रुओं के साम्हने खड़े नहीं रह सकते; वे अपने शत्रुओं को पीठ दिखाते हैं, इसलिये कि वे आप अर्पण की वस्तु बन गए हैं। और यदि तुम अपने मध्य में से अर्पण की वस्तु को सत्यानाश न कर डालोगे, तो मैं आगे को तुम्हारे संग नहीं रहूंगा। 
Joshua 7:13 उठ, प्रजा के लोगों को पवित्र कर, उन से कह; कि बिहान तक अपने अपने को पवित्र कर रखो; क्योंकि इस्राएल का परमेश्वर यहोवा यह कहता है, कि हे इस्राएल, तेरे मध्य में अर्पण की वस्तु है; इसलिये जब तक तू अर्पण की वस्तु को अपने मध्य में से दूर न करे तब तक तू अपने शत्रुओं के साम्हने खड़ा न रह सकेगा।

एक साल में बाइबल: 
  • नीतिवचन 19-21