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मंगलवार, 27 मई 2014

भय का बोध


   टेनिसन की उत्कृष्ट कविता, "The Charge of the Light Brigade" में साहसी घुड़सवारों की टुकड़ी के युद्ध में जाने का वर्णन है; वहाँ उन घुड़सवारों के बारे में एक प्रभावी वाक्य लिखा गया है - "वे छः सौ योद्धा मौत की तराई में बढ़ गए"। ये शब्द एक भयानक परिणाम के सूचक हैं, उनके सामने एक विनाशक त्रासदी रखी हुई थी और वे उसमें बढ़ गए।

   जब मैं एक पास्टर था तो चर्च की सभा लेने जाने के समय कभी कभी मुझे भी किसी कठिन परिस्थिति के कारण उत्पन्न हुई संभावनाओं का सामना करने के लिए लगता था मानों मैं भी किसी मौत की वादी में बढ़ जाने को तैयार हो रहा हूँ। जब लोगों के बीच किसी वर्तमान या संभावित टकराव का बोध हो, तो चिंता होना स्वाभाविक होता है; विशेषतः तब जब ऐसी किसी परिस्थिति को कम से कम चर्च के लोगों में तो नहीं होना चाहिए।

   अपने जवान शिष्य एवं चर्च के अगुवे तिमुथियुस को प्रेरित पुलुस ने लिखा, "पर मूर्खता, और अविद्या के विवादों से अलग रह; क्योंकि तू जानता है, कि उन से झगड़े होते हैं" (2 तिमुथियुस 2:23)। यह सलाह ना केवल पास्टरों के लिए है, वरन चर्च के प्रत्येक सद्स्य के लिए भी है। जिन लोगों के बीच में रहते हैं, कार्य करते हैं, संगति करते हैं, उनके मध्य हमारा व्यक्तिगत आचरण वहाँ के किसी भी तनाव को घटाने में सहायता कर सकता है, या फिर हमारा कटु और मूर्खतापूर्ण व्यवहार उस तनाव को बढ़ाकर परिस्थिति को और विनाशक कर सकता है। परमेश्वर के वचन बाइबल के इस खण्ड के 24-25 पद हमें सिखाते हैं कि हम नम्र, संयमी और सहनशीलता के व्यवहार के द्वारा तनाव के दुषप्रभावों से बच सकते हैं, उन्हें संभाल सकते हैं तथा तनाव का समाधान भी कर सकते हैं - यही बाइबल के अनुसार तनाव के निवारण का वह मार्ग है, जिस पर बढ़ जाने के लिए हमें किसी भय का बोध नहीं होना चाहिए।

   जैसा याकूब ने लिखा है: "और मिलाप कराने वालों के लिये धामिर्कता का फल मेल-मिलाप के साथ बोया जाता है" (याकूब 3:18)। यदि आप मेल-मिलाप कराने वाले बनकर परिस्थितियों का सामना करने वाले निकलेंगे तो फिर किसी भय के बोध के साथ उनका सामना करने की आवश्यकता नहीं रहेगी। - बिल क्राउडर


परस्पर झगड़े में पड़े मसीही विश्वासी अपने स्वर्गीय परमेश्वर पिता के साथ शांति में होने का दावा कैसे कर सकते हैं?

पर मूर्खता के विवादों, और वंशावलियों, और बैर विरोध, और उन झगड़ों से, जो व्यवस्था के विषय में हों बचा रह; क्योंकि वे निष्‍फल और व्यर्थ हैं। - तीतुस 3:9

बाइबल पाठ: 2 तिमुथियुस 2:19-26
2 Timothy 2:19 तौभी परमेश्वर की पड़ी नेव बनी रहती है, और उस पर यह छाप लगी है, कि प्रभु अपनों को पहिचानता है; और जो कोई प्रभु का नाम लेता है, वह अधर्म से बचा रहे। 
2 Timothy 2:20 बड़े घर में न केवल सोने-चान्दी ही के, पर काठ और मिट्टी के बरतन भी होते हैं; कोई कोई आदर, और कोई कोई अनादर के लिये। 
2 Timothy 2:21 यदि कोई अपने आप को इन से शुद्ध करेगा, तो वह आदर का बरतन, और पवित्र ठहरेगा; और स्‍वामी के काम आएगा, और हर भले काम के लिये तैयार होगा। 
2 Timothy 2:22 जवानी की अभिलाषाओं से भाग; और जो शुद्ध मन से प्रभु का नाम लेते हैं, उन के साथ धर्म, और विश्वास, और प्रेम, और मेल-मिलाप का पीछा कर। 
2 Timothy 2:23 पर मूर्खता, और अविद्या के विवादों से अलग रह; क्योंकि तू जानता है, कि उन से झगड़े होते हैं। 
2 Timothy 2:24 और प्रभु के दास को झगड़ालू होना न चाहिए, पर सब के साथ कोमल और शिक्षा में निपुण, और सहनशील हो। 
2 Timothy 2:25 और विरोधियों को नम्रता से समझाए, क्या जाने परमेश्वर उन्हें मन फिराव का मन दे, कि वे भी सत्य को पहिचानें। 
2 Timothy 2:26 और इस के द्वारा उस की इच्छा पूरी करने के लिये सचेत हो कर शैतान के फंदे से छूट जाएं।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 5-8