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शुक्रवार, 18 अप्रैल 2014

सर्वोत्तम प्रेम


   बिल अपनी पत्नि के साथ एक पहाड़ी मार्ग से होकर कार से जा रहा था, और एक ट्रक के साथ टक्कर को बचाने के लिए जब उसने तेज़ी से कार एक किनारे को काटी तो उनकी कार मार्ग के किनारे से फिसल कर नीचे बह रही नदी में जा गिरी। अपनी डूबती हुई कार से जैसे तैसे निकलकर वे दोनों नदी के तेज़ बहाव में बचने के लिए हाथ-पैर मारने लगे। एक अन्य ट्रक ड्राइवर ने यह दुर्घटना देखी थी और वह तेज़ी से आगे गया और उनसे आगे निकलकर नदी के किनारे पर उतर कर उनके लिए पानी में रस्सी फेंक कर उन्हें बचाने का प्रयास करने लगा। बिल ने अपनी पत्नि को आगे किया और उसे पीछे से सहारा देता हुआ रस्सी के पास तक ले गया जिस से वह रस्सी पकड़कर किनारे तक पहुँच सकी और उस ट्रक ड्राइवर ने उसे बाहर खींच लिया, लेकिन यह सब होते होते बिल तेज़ बहाव में बहता हुआ काफी आगे तक निकल गया और उसे बचाया नहीं जा सका। बिल ने अपने प्राण अपनी पत्नि के लिए, जिस से वह बहुत प्रेम करता था, दे दिए।

   किसी के लिए अपने प्राण दे देना उसके प्रति प्रेम का सर्वोच्च प्रमाण है। जिस रात प्रभु यीशु को पकड़वाया गया, उसने अपने चेलों पर अपनी मनसा प्रकट करी कि वह संसार के सभी लोगों के लिए अपने प्राण बलिदान करने को है। प्रभु ने उन से कहा, "इस से बड़ा प्रेम किसी का नहीं, कि कोई अपने मित्रों के लिये अपना प्राण दे" (यूहन्ना 15:13), और फिर उस ने यह कर के भी दिखाया, क्रूस पर अपने बलिदान के द्वारा।

   क्या आपने कभी इस बात पर विचार किया है कि प्रभु यीशु ने आप के लिए यह किया है - वह आपके बदले में मारा गया? ऐसा करके प्रभु ने ना केवल आपके लिए अपने प्रेम को प्रमाणित किया, वरन उस ने आपके पापों की क्षमा और उस पाप के दण्ड को आपके ना भोगने का मार्ग भी बना कर दे दिया, आपके लिए स्वर्ग में अनन्त काल तक रहने का द्वार खोल दिया।

   प्रभु यीशु के उस सर्वोच्च प्रेम को क्या आपने अपना लिया है? - डेनिस फिशर


मसीह यीशु का बलिदान परमेश्वर की इच्छा और हमारी आवश्यकता के लिए था।

किसी धर्मी जन के लिये कोई मरे, यह तो र्दुलभ है, परन्तु क्या जाने किसी भले मनुष्य के लिये कोई मरने का भी हियाव करे। परन्तु परमेश्वर हम पर अपने प्रेम की भलाई इस रीति से प्रगट करता है, कि जब हम पापी ही थे तभी मसीह हमारे लिये मरा। - रोमियों 5:7-8 

बाइबल पाठ: यूहन्ना 15:1-13
John 15:1 सच्ची दाखलता मैं हूं; और मेरा पिता किसान है। 
John 15:2 जो डाली मुझ में है, और नहीं फलती, उसे वह काट डालता है, और जो फलती है, उसे वह छांटता है ताकि और फले। 
John 15:3 तुम तो उस वचन के कारण जो मैं ने तुम से कहा है, शुद्ध हो। 
John 15:4 तुम मुझ में बने रहो, और मैं तुम में: जैसे डाली यदि दाखलता में बनी न रहे, तो अपने आप से नहीं फल सकती, वैसे ही तुम भी यदि मुझ में बने न रहो तो नहीं फल सकते। 
John 15:5 मैं दाखलता हूं: तुम डालियां हो; जो मुझ में बना रहता है, और मैं उस में, वह बहुत फल फलता है, क्योंकि मुझ से अलग हो कर तुम कुछ भी नहीं कर सकते। 
John 15:6 यदि कोई मुझ में बना न रहे, तो वह डाली की नाईं फेंक दिया जाता, और सूख जाता है; और लोग उन्हें बटोरकर आग में झोंक देते हैं, और वे जल जाती हैं। 
John 15:7 यदि तुम मुझ में बने रहो, और मेरी बातें तुम में बनी रहें तो जो चाहो मांगो और वह तुम्हारे लिये हो जाएगा। 
John 15:8 मेरे पिता की महिमा इसी से होती है, कि तुम बहुत सा फल लाओ, तब ही तुम मेरे चेले ठहरोगे। 
John 15:9 जैसा पिता ने मुझ से प्रेम रखा, वैसा ही मैं ने तुम से प्रेम रखा, मेरे प्रेम में बने रहो। 
John 15:10 यदि तुम मेरी आज्ञाओं को मानोगे, तो मेरे प्रेम में बने रहोगे: जैसा कि मैं ने अपने पिता की आज्ञाओं को माना है, और उसके प्रेम में बना रहता हूं। 
John 15:11 मैं ने ये बातें तुम से इसलिये कही हैं, कि मेरा आनन्द तुम में बना रहे, और तुम्हारा आनन्द पूरा हो जाए। 
John 15:12 मेरी आज्ञा यह है, कि जैसा मैं ने तुम से प्रेम रखा, वैसा ही तुम भी एक दूसरे से प्रेम रखो। 
John 15:13 इस से बड़ा प्रेम किसी का नहीं, कि कोई अपने मित्रों के लिये अपना प्राण दे। 

एक साल में बाइबल: 
  • 1 इतिहास 14-16