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सोमवार, 14 अप्रैल 2014

एक साथ


   वर्षों से वैज्ञानिक चकित थे कि चीटींयों की एक प्रजाति, जिनके शरीर पानी से भारी होते हैं, बाढ़ में बचे कैसे रह जाते हैं जबकि सामान्य ज्ञान के अनुसार उन्हें डूब कर नष्ट हो जाना चाहिए। कैसे उन चीटींयों का पूरा झुण्ड अपने आप को तैरता हुआ बेड़ा बनाकर हफतों तक तैरता रह सकता है? लॉस एन्जलैस टाइम्स अखबार के एक लेख में बताया गया कि जौर्जिया तकनीकी संस्थान के इन्जीनियरों ने इस बात का भेद पता लगा लिया है, और बताया कि यह कैसे होता है कि अलग अलग हुई वे चीटींयाँ पानी में तैरते रहने के लिए संघर्ष करती हैं लेकिन एक झुण्ड में वे आसानी से तैर लेती हैं। उन इन्जीनियरों ने अपने अध्ययन में पाया कि उन चीटींयों के शरीर पर बारीक रोएं होते हैं जिनमें हवा के बुलबुले फंस जाते हैं और जब चीटींयाँ एक झुण्ड में आपस में चिपकी हुई होती हैं तो उन सबके बीच में फंसी वह हवा उन्हें तैरता रखना के लिए पर्याप्त होती है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल के नए नियम खण्ड में अनेक बार यह कहा गया है कि मसीही विश्वासियों को बचे रहने तथा आत्मिक जीवन में बढ़ते रहने के लिए एक दूसरे के साथ जुड़े और गुंथे हुए रहना चाहिए। इफिसुस की मण्डली को लिखी अपनी पत्री में प्रेरित पौलुस कहता है: "वरन प्रेम में सच्चाई से चलते हुए, सब बातों में उस में जो सिर है, अर्थात मसीह में बढ़ते जाएं। जिस से सारी देह हर एक जोड़ की सहायता से एक साथ मिलकर, और एक साथ गठकर उस प्रभाव के अनुसार जो हर एक भाग के परिमाण से उस में होता है, अपने आप को बढ़ाती है, कि वह प्रेम में उन्नति करती जाए" (इफीसियों 4:15-16)। पौलुस ने रोमियों के विश्वासियों को लिखे अपने पत्र में उन्हें लिखा, "क्योंकि जैसे हमारी एक देह में बहुत से अंग हैं, और सब अंगों का एक ही सा काम नहीं। वैसा ही हम जो बहुत हैं, मसीह में एक देह हो कर आपस में एक दूसरे के अंग हैं" (रोमियों 12:4-5)।

   इब्रानियों की पत्री का लेखक लिखता है, "और एक दूसरे के साथ इकट्ठा होना ने छोड़ें, जैसे कि कितनों की रीति है, पर एक दूसरे को समझाते रहें; और ज्यों ज्यों उस दिन को निकट आते देखो, त्यों त्यों और भी अधिक यह किया करो" (इब्रानियों 10:25)। प्रभु यीशु ने हम मसीही विश्वासियों को साथ रहने और साथ बढ़ने के लिए ठहराया है; अलग अलग रहने से हम ना तो उन्नति कर पाएंगे और ना ही सुरक्षित रहने पाएंगे, वरन संसार की बातों की बाढ़ में डूब जाने के खतरे में बने रहेंगे। प्रभु में होकर तथा एक साथ रहकर हम हर तूफान का सामना सफलता से कर सकेंगे। समझदारी एक साथ बने रहने में ही है। - डेविड मैक्कैसलैंड


मसीही विश्वासी जब एक साथ खड़े रहते हैं तब मज़बूत बने रहते हैं।

और वे प्रेरितों से शिक्षा पाने, और संगति रखने में और रोटी तोड़ने में और प्रार्थना करने में लौलीन रहे। - प्रेरितों 2:42

बाइबल पाठ: इफीसियों 4:1-16
Ephesians 4:1 सो मैं जो प्रभु में बन्‍धुआ हूं तुम से बिनती करता हूं, कि जिस बुलाहट से तुम बुलाए गए थे, उसके योग्य चाल चलो। 
Ephesians 4:2 अर्थात सारी दीनता और नम्रता सहित, और धीरज धरकर प्रेम से एक दूसरे की सह लो। 
Ephesians 4:3 और मेल के बन्ध में आत्मा की एकता रखने का यत्‍न करो। 
Ephesians 4:4 एक ही देह है, और एक ही आत्मा; जैसे तुम्हें जो बुलाए गए थे अपने बुलाए जाने से एक ही आशा है। 
Ephesians 4:5 एक ही प्रभु है, एक ही विश्वास, एक ही बपतिस्मा। 
Ephesians 4:6 और सब का एक ही परमेश्वर और पिता है, जो सब के ऊपर और सब के मध्य में, और सब में है। 
Ephesians 4:7 पर हम में से हर एक को मसीह के दान के परिमाण से अनुग्रह मिला है। 
Ephesians 4:8 इसलिये वह कहता है, कि वह ऊंचे पर चढ़ा, और बन्‍धुवाई को बान्‍ध ले गया, और मनुष्यों को दान दिए। 
Ephesians 4:9 (उसके चढ़ने से, और क्या पाया जाता है केवल यह, कि वह पृथ्वी की निचली जगहों में उतरा भी था। 
Ephesians 4:10 और जो उतर गया यह वही है जो सारे आकाश से ऊपर चढ़ भी गया, कि सब कुछ परिपूर्ण करे)। 
Ephesians 4:11 और उसने कितनों को भविष्यद्वक्ता नियुक्त कर के, और कितनों को सुसमाचार सुनाने वाले नियुक्त कर के, और कितनों को रखवाले और उपदेशक नियुक्त कर के दे दिया। 
Ephesians 4:12 जिस से पवित्र लोग सिद्ध हों जाएं, और सेवा का काम किया जाए, और मसीह की देह उन्नति पाए। 
Ephesians 4:13 जब तक कि हम सब के सब विश्वास, और परमेश्वर के पुत्र की पहिचान में एक न हो जाएं, और एक सिद्ध मनुष्य न बन जाएं और मसीह के पूरे डील डौल तक न बढ़ जाएं। 
Ephesians 4:14 ताकि हम आगे को बालक न रहें, जो मनुष्यों की ठग-विद्या और चतुराई से उन के भ्रम की युक्तियों की, और उपदेश की, हर एक बयार से उछाले, और इधर-उधर घुमाए जाते हों। 
Ephesians 4:15 वरन प्रेम में सच्चाई से चलते हुए, सब बातों में उस में जो सिर है, अर्थात मसीह में बढ़ते जाएं। 
Ephesians 4:16 जिस से सारी देह हर एक जोड़ की सहायता से एक साथ मिलकर, और एक साथ गठकर उस प्रभाव के अनुसार जो हर एक भाग के परिमाण से उस में होता है, अपने आप को बढ़ाती है, कि वह प्रेम में उन्नति करती जाए।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 इतिहास 1-3