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बुधवार, 2 अप्रैल 2014

असाधारण


   एक शताब्दी से भी अधिक समय से गोल्फ के खिलाड़ियों का चरम लक्ष्य रहा है 59 के अंक तक पहुँचना। यह वह अंक था जिस तक सर्वोच्च श्रेणी के गोल्फ स्पर्धा कराने वाली पी०जी०ए० के इतिहास में सन 2010 से पहले केवल तीन बार पहुँचा जा सका था। फिर, सन 2010 में पौल गौडौस ने यह अंक हासिल किया और उसके एक महीने के बाद ही स्टूआर्ट एप्पल्बी ने भी यह कारनामा कर दिखाया। यह देखकर खेल का विशलेषण करके समाचार पत्रों में लिखने वाले कुछ लेखकों ने यह अनुमान लगाया कि गोल्फ का वह असाधारण लक्ष्य अब साधारण होता जा रहा है। इतनी पास पास 59 के अंक तक पहुँचना अद्भुत तो है, लेकिन इस से यह निष्कर्ष निकाल लेना कि अब यह साधारण हो चला है गलत होगा।

   जो प्रभु यीशु के अनुयायी हैं, उनके लिए भी प्रभु यीशु में किए गए विश्वास के द्वारा परमेश्वर से मिली अद्भुत आशीषों को साधारण मान लेना गलत ही होगा। प्रार्थना की आशीष को ही लीजिए, हम मसीही विश्वासियों को यह आदर है कि हम कभी भी, किसी भी स्थिति में, किसी भी बात के लिए अपने सृष्टिकर्ता परमेश्वर पिता से, जिसके कहने भर से सृष्टि की रचना हो गई, खुले दिल से बात कर सकते हैं। ना केवल हमें यह आदर प्राप्त है, वरन परमेश्वर ने हमें आश्वस्त किया है कि प्रार्थना में हम उसके सम्मुख निडर होकर आ सकते हैं: "इसलिये आओ, हम अनुग्रह के सिंहासन के निकट हियाव बान्‍धकर चलें, कि हम पर दया हो, और वह अनुग्रह पाएं, जो आवश्यकता के समय हमारी सहायता करे" (इब्रानियों 4:16)।

   परमेश्वर के सम्मुख आ पाना कोई साधारण बात नहीं है, लेकिन फिर भी कितनी ही दफा हम इस विशेषाधिकार को हलके में ले लेते हैं, उसके महत्व को समझते नहीं हैं। परमेश्वर हम मसीही विश्वासियों का पिता अवश्य है, एक ऐसा पिता जो हमारे लिए सदैव उपलब्ध रहता है, हमारी प्रार्थनाओं की ओर अपने कान लगाए रहता है, हमें अपने पास आने से कभी रोकता-टोकता नहीं, लेकिन साथ ही वह परमेश्वर भी है और ऐसी खुली रीति से उसके पास आ सकना, यह वास्तव में असाधारण है। परमेश्वर से सेंत-मेंत में उपहार में मिले इस महान आदर के गौरव को अपने जीवनों में या जीवनों के द्वारा कभी कम ना होने दें। - बिल क्राउडर


परमेश्वर अपने बच्चों की प्रार्थनाओं को सुनने के लिए सदा तत्पर रहता है।

सो हे भाइयो, जब कि हमें यीशु के लोहू के द्वारा उस नए और जीवते मार्ग से पवित्र स्थान में प्रवेश करने का हियाव हो गया है। तो आओ; हम सच्चे मन, और पूरे विश्वास के साथ, और विवेक को दोष दूर करने के लिये हृदय पर छिड़काव ले कर, और देह को शुद्ध जल से धुलवा कर परमेश्वर के समीप जाएं। - इब्रानियों 10:19, 22

बाइबल पाठ: रोमियों 8:12-26
Romans 8:12 सो हे भाइयो, हम शरीर के कर्जदार नहीं, ताकि शरीर के अनुसार दिन काटें। 
Romans 8:13 क्योंकि यदि तुम शरीर के अनुसार दिन काटोगे, तो मरोगे, यदि आत्मा से देह की क्रीयाओं को मारोगे, तो जीवित रहोगे। 
Romans 8:14 इसलिये कि जितने लोग परमेश्वर के आत्मा के चलाए चलते हैं, वे ही परमेश्वर के पुत्र हैं। 
Romans 8:15 क्योंकि तुम को दासत्व की आत्मा नहीं मिली, कि फिर भयभीत हो परन्तु लेपालकपन की आत्मा मिली है, जिस से हम हे अब्बा, हे पिता कह कर पुकारते हैं। 
Romans 8:16 आत्मा आप ही हमारी आत्मा के साथ गवाही देता है, कि हम परमेश्वर की सन्तान हैं। 
Romans 8:17 और यदि सन्तान हैं, तो वारिस भी, वरन परमेश्वर के वारिस और मसीह के संगी वारिस हैं, जब कि हम उसके साथ दुख उठाएं कि उसके साथ महिमा भी पाएं।
Romans 8:18 क्योंकि मैं समझता हूं, कि इस समय के दु:ख और क्लेश उस महिमा के साम्हने, जो हम पर प्रगट होने वाली है, कुछ भी नहीं हैं। 
Romans 8:19 क्योंकि सृष्टि बड़ी आशाभरी दृष्टि से परमेश्वर के पुत्रों के प्रगट होने की बाट जोह रही है। 
Romans 8:20 क्योंकि सृष्टि अपनी इच्छा से नहीं पर आधीन करने वाले की ओर से व्यर्थता के आधीन इस आशा से की गई। 
Romans 8:21 कि सृष्टि भी आप ही विनाश के दासत्व से छुटकारा पाकर, परमेश्वर की सन्तानों की महिमा की स्वतंत्रता प्राप्त करेगी। 
Romans 8:22 क्योंकि हम जानते हैं, कि सारी सृष्टि अब तक मिलकर कराहती और पीड़ाओं में पड़ी तड़पती है। 
Romans 8:23 और केवल वही नहीं पर हम भी जिन के पास आत्मा का पहिला फल है, आप ही अपने में कराहते हैं; और लेपालक होने की, अर्थात अपनी देह के छुटकारे की बाट जोहते हैं। 
Romans 8:24 आशा के द्वारा तो हमारा उद्धार हुआ है परन्तु जिस वस्तु की आशा की जाती है जब वह देखने में आए, तो फिर आशा कहां रही? क्योंकि जिस वस्तु को कोई देख रहा है उस की आशा क्या करेगा? 
Romans 8:25 परन्तु जिस वस्तु को हम नहीं देखते, यदि उस की आशा रखते हैं, तो धीरज से उस की बाट जोहते भी हैं।
Romans 8:26 इसी रीति से आत्मा भी हमारी दुर्बलता में सहायता करता है, क्योंकि हम नहीं जानते, कि प्रार्थना किस रीति से करना चाहिए; परन्तु आत्मा आप ही ऐसी आहें भर भरकर जो बयान से बाहर है, हमारे लिये बिनती करता है।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 राजा 11-13