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बुधवार, 19 मार्च 2014

प्रकृति और भजन


   परमेश्वर के वचन बाइबल में भजन संहिता के लेखकों को एक सुविधा थी - वे प्रकृति के बहुत समीप रहते थे इसलिए परमेश्वर की महिमा और प्रशंसा के लिए उन्हें उभारने को उनके सामने बहुत सी बातें रहती थीं। दाऊद ने अपना जीवन एक चरवाहे के रूप में आरंभ किया, फिर राजा शाऊल के आतंक से बचते रहने के लिए वह स्थान स्थान पर इस्त्राएल के विभिन्न इलाकों में छुपता फिरा। इसलिए यह कोई अनोखी बात नहीं है कि दाऊद के अनेक भजनों में प्रकृति के प्रति बहुत प्रेम और आदर दिखाई देता है। उसके भजनों में संसार अपने वास्तविक स्वरूप में नज़र आता है - संसार और प्रकृति के भिन्न भाग सब एक साथ मिलकर एक दूसरे के पूरक के रूप में कार्य करते हुए और सब के सब एक इकाई के समान परमेश्वर के हाथों में, जो उनकी देखभाल करता है, स्थिर बने हुए।

   प्रकृति हमारी इन्द्रियों को उस अदृश्य और अद्भुत परमेश्वर की उपस्थिति का एहसास दिलाती है। वो परमेश्वर जिसने इतने विलक्षण और अद्भुत जीव जन्तु बनाकर स्थान स्थान पर रखे, जो स्लेटी पहाड़ों और भूरी धरती को हरे रंग के वृक्ष-वनसपति और चमकते तथा चटकीले रंग के फूलों से रंगीन कर देता है और फिर हर मौसम में उस रंग की छटा को बदलता रहता है - हम ऐसे परमेश्वर का आदर और आराधना कैसे ना करें? इन सब बातों से आनन्द विभोर हो कर भजनकार कहता है: "हे सारी पृथ्वी के लोगों यहोवा का जयजयकार करो; उत्साहपूर्वक जयजयकार करो, और भजन गाओ" (भजन 98:4) और प्रकृति को भी संबोधित करता है: "नदियां तालियां बजाएं; पहाड़ मिलकर जयजयकार करें" (भजन 98:8)।

   आज का हमारा संसार परमेश्वर की महिमा और कला को उतनी भली भांति नहीं देख पाता, क्योंकि हम परमेश्वर की कलाकृति अर्थात प्रकृति से ना केवल दूर हो गए हैं, वरन प्राकृतिक सुन्दरता को नष्ट करके हमने उसके स्वरूप को बिगाड़ दिया है, लेकिन भजन संहिता में हम परमेश्वर की कला और महिमा का उत्साह वर्धक और प्रेर्णापूर्ण वर्णन पाते हैं जो हमें उसकी आराधना के लिए उभारता है। यदि परमेश्वर की आराधना के लिए आज आप अपने अन्दर भाव और शब्दों की कमी अनुभव करते हैं तो भजन संहिता में आईए - भाव और शब्द आपके लिए तैयार रखे हैं, आपको केवल उन में अपने आप को प्रवेश देना है और आराधना आपके अन्दर से निकल पड़ेगी। भजनकारों की इन कृतियों का प्रयोग कीजिए, इन भजनों के द्वारा परमेश्वर को आपके अन्दर के समीकरण सही बैठा लेने दीजिए। - फिलिप यैन्सी


आराधना में सृष्टि आनन्दपूर्वक मान लेती है कि परमेश्वर ही सृष्टिकर्ता है।

हे आकाश, ऊंचे स्वर से गा, क्योंकि यहोवा ने यह काम किया है; हे पृथ्वी के गहिरे स्थानों, जयजयकार करो; हे पहाड़ों, हे वन, हे वन के सब वृक्षों, गला खोल कर ऊंचे स्वर से गाओ! क्योंकि यहोवा ने याकूब को छुड़ा लिया है और इस्राएल में महिमावान होगा। - यशायाह 44:23

बाइबल पाठ: भजन 98
Psalms 98:1 यहोवा के लिये एक नया गीत गाओ, क्योंकि उसने आश्चर्यकर्म किए है! उसके दाहिने हाथ और पवित्र भुजा ने उसके लिये उद्धार किया है! 
Psalms 98:2 यहोवा ने अपना किया हुआ उद्धार प्रकाशित किया, उसने अन्यजातियों की दृष्टि में अपना धर्म प्रगट किया है। 
Psalms 98:3 उसने इस्राएल के घराने पर की अपनी करूणा और सच्चाई की सुधि ली, और पृथ्वी के सब दूर दूर देशों ने हमारे परमेश्वर का किया हुआ उद्धार देखा है।
Psalms 98:4 हे सारी पृथ्वी के लोगों यहोवा का जयजयकार करो; उत्साहपूर्वक जयजयकार करो, और भजन गाओ! 
Psalms 98:5 वीणा बजा कर यहोवा का भजन गाओ, वीणा बजा कर भजन का स्वर सुनाओ। 
Psalms 98:6 तुरहियां और नरसिंगे फूंक फूंककर यहोवा राजा का जयजयकार करो।
Psalms 98:7 समुद्र और उस में की सब वस्तुएं गरज उठें; जगत और उसके निवासी महाशब्द करें! 
Psalms 98:8 नदियां तालियां बजाएं; पहाड़ मिलकर जयजयकार करें। 
Psalms 98:9 यह यहोवा के साम्हने हो, क्योंकि वह पृथ्वी का न्याय करने को आने वाला है। वह धर्म से जगत का, और सीधाई से देश देश के लोगों का न्याय करेगा।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 शमूएल 17-20