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गुरुवार, 13 मार्च 2014

धन्यवादी


   हमारी अपेक्षाओं के अनुसार यदि कोई जन आत्मिक जीवन में उन्नति नहीं कर रहा है तो उसके प्रति आलोचनात्मक हो जाना और उनमें ऐसे क्षेत्र देखना जिनमें उन्हें सुधार की आवश्यकता है, कोई कठिन बात नहीं होती; लेकिन साथ ही हमें वह भी देखना चाहिए कि उनमें क्या सही और बेहतर हो गया है। प्रेरित पौलुस को अकसर विभिन्न मसीही विश्वासी मण्डलियों को सुधारना होता था, लेकिन इस सुधारने के साथ ही जो बातें उन मण्डलियों में भली थीं, उनके लिए वह उन्हें प्रोत्साहन भी देता था और साथ ही परमेश्वर के प्रति उनके लिए धन्यवादी भी होता था।

   उदाहरण के लिए कुलुस्से की मसीही विश्वासी मण्डली को लिखी पौलुस की पत्री को देखिए। पत्री के आरंभ में ही वह कहता है कि प्रभु यीशु में उद्धार के सुसमाचार ने उनमें जड़ पकड़ ली थी और अब उन विश्वासियों के जीवन में फलवन्त हो रहा था (कुलुस्सियों 1:6)। पौलुस ने उनकी इस आत्मिक उन्नति के लिए परमेश्वर का धन्यवाद किया कि वे प्रभु यीशु को जानने पाए थे और अब झूठे शिक्षकों के विरुद्ध संघर्ष कर रहे थे (कुलुस्सियों 2:6-8)। पौलुस ने परमेश्वर का धन्यवाद किया कुलुस्से के विश्वासी अन्य सभी मसीह विश्वासियों के प्रति गहरा और स्थिर प्रेम भी रखते थे। पौलुस का उनके लिए धन्यवादी होने का एक और कारण था कि उनका यह विश्वास और प्रेम उनकी उस वास्तविक और निश्चित आशा से जन्मा था कि संसार के जीवन से आगे भी उनके लिए कुछ अति उत्तम रखा हुआ है (कुलुस्सियों 1:5)।

   हो सकता है कि आज आपके सामने ऐसे अवसर आएं जिनमें आप अपने साथी मसीही विश्वासियों के जीवनों पर ध्यान कर सकें - ऐसे में आप आलोचनात्मक होंगे या उनकी आत्मिक बढ़ोतरी के लिए परमेश्वर के धन्यवादी? समय निकाल कर प्रभु परमेश्वर के प्रति धन्यवादी बनें कि मसीह यीशु में पापों की क्षमा और उद्धार के सुसमाचार ने उनके जीवनों में जड़ पकड़ी है और फलवन्त भी हो रहा है। - मार्विन विलियम्स


सुधारने के लिए आलोचना कुछ सहायता कर सकती है, परन्तु प्रोत्साहन बहुत अधिक प्रभावी होता है।

हे भाइयो, तुम्हारे विषय में हमें हर समय परमेश्वर का धन्यवाद करना चाहिए, और यह उचित भी है इसलिये कि तुम्हारा विश्वास बहुत बढ़ता जाता है, और तुम सब का प्रेम आपस में बहुत ही होता जाता है। - 2 थिस्सलुनीकियों 1:3 

बाइबल पाठ: कुलुस्सियों 1:1-14
Colossians 1:1 पौलुस की ओर से, जो परमेश्वर की इच्छा से मसीह यीशु का प्रेरित है, और भाई तीमुथियुस की ओर से। 
Colossians 1:2 मसीह में उन पवित्र और विश्वासी भाइयों के नाम जो कुलुस्‍से में रहते हैं। हमारे पिता परमेश्वर की ओर से तुम्हें अनुग्रह और शान्‍ति प्राप्त होती रहे। 
Colossians 1:3 हम तुम्हारे लिये नित प्रार्थना कर के अपने प्रभु यीशु मसीह के पिता अर्थात परमेश्वर का धन्यवाद करते हैं। 
Colossians 1:4 क्योंकि हम ने सुना है, कि मसीह यीशु पर तुम्हारा विश्वास है, और सब पवित्र लोगों से प्रेम रखते हो। 
Colossians 1:5 उस आशा की हुई वस्तु के कारण जो तुम्हारे लिये स्वर्ग में रखी हुई है, जिस का वर्णन तुम उस सुसमाचार के सत्य वचन में सुन चुके हो। 
Colossians 1:6 जो तुम्हारे पास पहुंचा है और जैसा जगत में भी फल लाता, और बढ़ता जाता है; अर्थात जिस दिन से तुम ने उसको सुना, और सच्चाई से परमेश्वर का अनुग्रह पहिचाना है, तुम में भी ऐसा ही करता है। 
Colossians 1:7 उसी की शिक्षा तुम ने हमारे प्रिय सहकर्मी इपफ्रास से पाई, जो हमारे लिये मसीह का विश्वास योग्य सेवक है। 
Colossians 1:8 उसी ने तुम्हारे प्रेम को जो आत्मा में है हम पर प्रगट किया। 
Colossians 1:9 इसी लिये जिस दिन से यह सुना है, हम भी तुम्हारे लिये यह प्रार्थना करने और बिनती करने से नहीं चूकते कि तुम सारे आत्मिक ज्ञान और समझ सहित परमेश्वर की इच्छा की पहिचान में परिपूर्ण हो जाओ। 
Colossians 1:10 ताकि तुम्हारा चाल-चलन प्रभु के योग्य हो, और वह सब प्रकार से प्रसन्न हो, और तुम में हर प्रकार के भले कामों का फल लगे, और परमेश्वर की पहिचान में बढ़ते जाओ। 
Colossians 1:11 और उस की महिमा की शक्ति के अनुसार सब प्रकार की सामर्थ से बलवन्‍त होते जाओ, यहां तक कि आनन्द के साथ हर प्रकार से धीरज और सहनशीलता दिखा सको। 
Colossians 1:12 और पिता का धन्यवाद करते रहो, जिसने हमें इस योग्य बनाया कि ज्योति में पवित्र लोगों के साथ मीरास में समभागी हों। 
Colossians 1:13 उसी ने हमें अन्धकार के वश से छुड़ाकर अपने प्रिय पुत्र के राज्य में प्रवेश कराया। 
Colossians 1:14 जिस में हमें छुटकारा अर्थात पापों की क्षमा प्राप्त होती है।

एक साल में बाइबल: 
  • रूत 1-4