ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

मंगलवार, 4 मार्च 2014

इस ही कमरे में


   हमारे चर्च में हम अकसर रौन और कैरल हैरिस द्वारा लिखित स्तुति गीत In This Very Room (इस ही कमरे में) गाते हैं। इस गीत की आरंभिक पंक्ति है, "इस ही कमरे में मेरे जैसे व्यक्ति के लिए भी पर्याप्त प्रेम है।" यह गीत मुझे स्मरण कराता है कि यद्यपि अन्य मसीही विश्वासियों के साथ आराधना के लिए एकत्रित होने से बहुत प्रोत्साहन मिलता है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात है कि आराधना के स्थान पर मसीह यीशु भी विद्यमान होता है। लेकिन प्रभु यीशु की उपस्थिति केवल चर्च या आराधनालय तक ही सीमित नहीं है, वो हमारे जीवन के प्रत्येक कक्ष में प्रत्येक परिस्थिति में हमारे साथ उपस्थित रहता है।

   मैं नहीं जानता कि आप इस सन्देश को कहाँ पढ़ रहे हैं - रसोई में या किसी रेस्टूरॉन्ट में, किसी कैदखाने में या सेना की किसी चौकी पर; हो सकता है कि आप किसी अस्पताल में हों या किसी न्यायालय में। जहाँ आप यह पढ़ रहे हैं वह आपके जीवन का एक ऐसा कमरा हो सकता है जहाँ आपके लिए सब कुछ बिलकुल ठीक है, या फिर ऐसा स्थान जहाँ कुछ भी ठीक नहीं है। हो सकता है कि यह पढ़ते समय आप किसी भय से ग्रस्त हों।

   प्रभु यीशु के क्रूस पर चढ़ाए जाने के बाद की निराशाजनक और भयपूर्ण परिस्थितियों में प्रभु के अनुयायी एक जाने-पहिचाने कमरे में एकत्रित होते थे; और यूहन्ना लिखता है कि, "उसी दिन जो सप्‍ताह का पहिला दिन था, सन्‍ध्या के समय जब वहां के द्वार जहां चेले थे, यहूदियों के डर के मारे बन्‍द थे, तब यीशु आया और बीच में खड़ा हो कर उन से कहा, तुम्हें शान्‍ति मिले" (यूहन्ना 20:19)। इसके एक सप्ताह बाद फिर यही हुआ, प्रभु यीशु बन्द दरवाज़ों में से होकर अपने अनुयायीयों को अपनी उपस्थिति द्वारा शान्ति देने आ गया (पद 26-29)।

   आज आप कहीं भी क्यों ना हों, किसी भी परित्स्थिति में क्यों ना हों, "प्रत्येक निराशा और उदासी को भगा देने के लिए यहाँ पर्याप्त आशा तथा पर्याप्त सामर्थ है, क्योंकि यीशु, प्रभु यीशु इस ही कमरे में है।" - डेविड मैक्कैसलैंड


हमारा प्रेमी परमेश्वर सदा हमारे साथ रहता है, सदा ही।

आठ दिन के बाद उस के चेले फिर घर के भीतर थे, और थोमा उन के साथ था, और द्वार बन्‍द थे, तब यीशु ने आकर और बीच में खड़ा हो कर कहा, तुम्हें शान्‍ति मिले। - यूहन्ना 20:26

बाइबल पाठ: यूहन्ना 20:19-29
John 20:19 उसी दिन जो सप्‍ताह का पहिला दिन था, सन्‍ध्या के समय जब वहां के द्वार जहां चेले थे, यहूदियों के डर के मारे बन्‍द थे, तब यीशु आया और बीच में खड़ा हो कर उन से कहा, तुम्हें शान्‍ति मिले। 
John 20:20 और यह कहकर उसने अपना हाथ और अपना पंजर उन को दिखाए: तब चेले प्रभु को देखकर आनन्‍दित हुए। 
John 20:21 यीशु ने फिर उन से कहा, तुम्हें शान्‍ति मिले; जैसे पिता ने मुझे भेजा है, वैसे ही मैं भी तुम्हें भेजता हूं। 
John 20:22 यह कहकर उसने उन पर फूंका और उन से कहा, पवित्र आत्मा लो। 
John 20:23 जिन के पाप तुम क्षमा करो वे उन के लिये क्षमा किए गए हैं जिन के तुम रखो, वे रखे गए हैं।
John 20:24 परन्तु बारहों में से एक व्यक्ति अर्थात थोमा जो दिदुमुस कहलाता है, जब यीशु आया तो उन के साथ न था। 
John 20:25 जब और चेले उस से कहने लगे कि हम ने प्रभु को देखा है: तब उसने उन से कहा, जब तक मैं उस के हाथों में कीलों के छेद न देख लूं, और कीलों के छेदों में अपनी उंगली न डाल लूं, और उसके पंजर में अपना हाथ न डाल लूं, तब तक मैं प्रतीति नहीं करूंगा।
John 20:26 आठ दिन के बाद उस के चेले फिर घर के भीतर थे, और थोमा उन के साथ था, और द्वार बन्‍द थे, तब यीशु ने आकर और बीच में खड़ा हो कर कहा, तुम्हें शान्‍ति मिले। 
John 20:27 तब उसने थोमा से कहा, अपनी उंगली यहां लाकर मेरे हाथों को देख और अपना हाथ लाकर मेरे पंजर में डाल और अविश्वासी नहीं परन्तु विश्वासी हो। 
John 20:28 यह सुन थोमा ने उत्तर दिया, हे मेरे प्रभु, हे मेरे परमेश्वर! 
John 20:29 यीशु ने उस से कहा, तू ने तो मुझे देखकर विश्वास किया है, धन्य वे हैं जिन्हों ने बिना देखे विश्वास किया।

एक साल में बाइबल: 
  • यहोशु 16-18