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बुधवार, 5 फ़रवरी 2014

अनुसरण


   ग्रीष्म ऋतु की एक खूबसूरत शाम को, एक सुन्दर स्थान पर, कॉलेज समय के मेरे एक मित्र द्वारा प्रस्तुत होने वाले एक संगीत कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिए बहुत से लोग आए। वह दिन मेरे उस मित्र का जन्म दिन भी था, इसलिए कार्यक्रम के संचालक ने उपस्थित लोगों यह संकेत दिया कि वे साधारणतया जन्म दिन पर गाए जाने वाले ’हैप्पी बर्थडे’ गीत को गाकर मेरे उस मित्र को मुबारकबाद दें। एक एक करके लोगों ने जन्म दिन का वह गीत गाना आरंभ कर दिया। सब अपने अपने सुर, लय और ताल में गा रहे थे, आपस में किसी का किसी दूसरे से कोई ताल-मेल नहीं था, और परिणाम था कि जो मुबारकबाद का संगीत होना चाहिए था वह शोर बन गया। मेरा मित्र मंच पर आया और उसने सब को वह गीत गाने का एक और अवसर दिया, परन्तु उसके द्वारा दिए गए लय, ताल और सुर में। अब जो गीत गाया गया वह सिद्ध तो नहीं था, परन्तु पहले से कहीं अच्छा था और संगीत जैसा प्रतीत हो रहा था।

   इस घटना ने मुझे पहली शताब्दी की मसीही मण्डली की एक समस्या की याद दिलाई। कुरिन्थुस की मण्डली के लोग किसी एक अगुवे को लेकर एकमत नहीं थे; कोई पौलुस का अनुसरण कर रहा था तो कोई अपुल्लौस का तो कोई किसी और का। इसका परिणाम था मण्डली में फूट और कलह और उनकी आत्मिक उन्नति बाधित हो गई थी। सब अपना अपना सुर और राग गा रहे थे जिससे संगीत नहीं शोर सुनाई दे रहा था। जब लोग किसी एक अगुवे पर एकमत नहीं होते तो परिणाम यही होता है, इसीलिए पौलुस ने उन्हें चिताया कि वे किसी मनुष्य की ओर नहीं वरन प्रभु यीशु की ओर देखें और उसका अनुसरण करें।

   यदि हमें संसार के लोगों को प्रभु यीशु की ओर आकर्षित करना है तो हमारे जीवनों से संसार को प्रभु यीशु में उद्धार और पापों की क्षमा का संगीत सुनाई देना चाहिए ना कि प्रभु के नाम में किया गया शोर। इसके लिए अनिवार्य है कि हम में से प्रत्येक प्रभु यीशु की ओर अपना ध्यान लगाए और उसी का अनुसरण करे, किसी मनुष्य या मत अथवा दल का नहीं। - जूली ऐकैरमैन लिंक


मसीह यीशु के साथ स्वर्बद्ध रहने से सारी मण्डली में ताल मेल रहता है।

हे भाइयो, मैं तुम से यीशु मसीह जो हमारा प्रभु है उसके नाम के द्वारा बिनती करता हूं, कि तुम सब एक ही बात कहो; और तुम में फूट न हो, परन्तु एक ही मन और एक ही मत हो कर मिले रहो। - 1 कुरिन्थियों 1:10

बाइबल पाठ: 1 कुरिन्थियों 3:1-17
1 Corinthians 3:1 हे भाइयों, मैं तुम से इस रीति से बातें न कर सका, जैसे आत्मिक लोगों से; परन्तु जैसे शारीरिक लोगों से, और उन से जो मसीह में बालक हैं। 
1 Corinthians 3:2 मैं ने तुम्हें दूध पिलाया, अन्न न खिलाया; क्योंकि तुम उसको न खा सकते थे; वरन अब तक भी नहीं खा सकते हो। 
1 Corinthians 3:3 क्योंकि अब तक शारीरिक हो, इसलिये, कि जब तुम में डाह और झगड़ा है, तो क्या तुम शारीरिक नहीं? और मनुष्य की रीति पर नहीं चलते? 
1 Corinthians 3:4 इसलिये कि जब एक कहता है, कि मैं पौलुस का हूं, और दूसरा कि मैं अपुल्लोस का हूं, तो क्या तुम मनुष्य नहीं? 
1 Corinthians 3:5 अपुल्लोस क्या है? और पौलुस क्या है? केवल सेवक, जिन के द्वारा तुम ने विश्वास किया, जैसा हर एक को प्रभु ने दिया। 
1 Corinthians 3:6 मैं ने लगाया, अपुल्लोस ने सींचा, परन्तु परमेश्वर ने बढ़ाया। 
1 Corinthians 3:7 इसलिये न तो लगाने वाला कुछ है, और न सींचने वाला, परन्तु परमेश्वर जो बढ़ाने वाला है। 
1 Corinthians 3:8 लगाने वाला और सींचने वाला दानों एक हैं; परन्तु हर एक व्यक्ति अपने ही परिश्रम के अनुसार अपनी ही मजदूरी पाएगा। 
1 Corinthians 3:9 क्योंकि हम परमेश्वर के सहकर्मी हैं; तुम परमेश्वर की खेती और परमेश्वर की रचना हो। 
1 Corinthians 3:10 परमेश्वर के उस अनुग्रह के अनुसार, जो मुझे दिया गया, मैं ने बुद्धिमान राजमिस्री की नाईं नेव डाली, और दूसरा उस पर रद्दा रखता है; परन्तु हर एक मनुष्य चौकस रहे, कि वह उस पर कैसा रद्दा रखता है। 
1 Corinthians 3:11 क्योंकि उस नेव को छोड़ जो पड़ी है, और वह यीशु मसीह है कोई दूसरी नेव नहीं डाल सकता। 
1 Corinthians 3:12 और यदि कोई इस नेव पर सोना या चान्दी या बहुमोल पत्थर या काठ या घास या फूस का रद्दा रखता है। 
1 Corinthians 3:13 तो हर एक का काम प्रगट हो जाएगा; क्योंकि वह दिन उसे बताएगा; इसलिये कि आग के साथ प्रगट होगा: और वह आग हर एक का काम परखेगी कि कैसा है। 
1 Corinthians 3:14 जिस का काम उस पर बना हुआ स्थिर रहेगा, वह मजदूरी पाएगा। 
1 Corinthians 3:15 और यदि किसी का काम जल जाएगा, तो हानि उठाएगा; पर वह आप बच जाएगा परन्तु जलते जलते।
1 Corinthians 3:16 क्या तुम नहीं जानते, कि तुम परमेश्वर का मन्दिर हो, और परमेश्वर का आत्मा तुम में वास करता है? 
1 Corinthians 3:17 यदि कोई परमेश्वर के मन्दिर को नाश करेगा तो परमेश्वर उसे नाश करेगा; क्योंकि परमेश्वर का मन्दिर पवित्र है, और वह तुम हो।

एक साल में बाइबल: 
  • गिनती 1-3