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रविवार, 30 नवंबर 2014

प्रार्थना तथा इच्छा


   प्रार्थना के लिए दिया गया वह हस्तलिखित निवेदन लगभग असंभव होने के कारण हृदयविदारक था। निवेदन देने वाली महिला ने लिखा, "मैं मलटिपल स्क्लिरोसिस रोग से पीड़ित हूँ, मेरी माँस पेशियाँ कमज़ोर पड़ गई हैं, मुझे से निगला नहीं जाता तथा मेरी दृष्टि घट रही है और दर्द बढ़ रहा है।" उस महिला का शरीर जवाब दे रहा था, और मुझे उसके प्रार्थना के निवेदन में निराशा का आभास हुआ। लेकिन आगे पढ़कर आशा जागी - उसके पास वह सामर्थ थी जो शारीरिक नुकसान और क्षीणता पर जयवंत होती है; उस महिला ने लिखा, "मैं जानती हूँ कि मेरे धन्य उद्धारकर्ता के नियंत्रण में ही सब कुछ है। मेरे लिए उसकी इच्छा ही सर्वोपरी है।"

   इस महिला को मेरी प्रार्थनाओं की आवश्यकता अवश्य थी, लेकिन उस के पास भी कुछ ऐसा था जिसकी मुझे आवश्यकता थी - परमेश्वर में अडिग विश्वास। वह प्रत्यक्ष रूप से उस सच्चाई की तसवीर थी जो परमेश्वर ने प्रेरित पौलुस को सिखाई थी जब पौलुस ने अपने ऊपर आई उस विपदा से छुटकारा चाहा जिसे उसने "शरीर में एक काँटा" कहा (2 कुरिन्थियों 12:7)। उस दुख से आराम पाने का पौलुस का प्रयास केवल असंभव ही प्रमाणित नहीं हुआ, वरन इस विषय की उसकी प्रार्थना को परमेश्वर ने पूरी तरह से खारिज कर दिया गया। उस "काँटे" के साथ पौलुस का लगातार चलने वाला यह संघर्ष जो स्पष्ट रीति से परमेश्वर की ओर से था एक महत्वपूर्ण पाठ सिखाने के लिए था - पौलुस की इस दुर्बलता में ही परमेश्वर की सामर्थ सिद्ध होने का प्रमाण सब के सामने आ सका जिससे आते समय के सभी लोगों के लिए हिम्मत बनाए रखने के लिए एक उदाहरण हो सके।

   जब हम प्रार्थनाओं में अपने हृदय परमेश्वर के सामने उँडेलेते हैं, तो साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि हम अपनी प्रार्थना के उत्तर पाने से अधिक परमेश्वर की इच्छा जानने और मानने के लालायित रहें। वहीं से अनुग्रह और सामर्थ प्राप्त होती है। - डेव ब्रैनन


हमारी प्रार्थनाएं स्वर्ग में हमारी इच्छापूर्ति के लिए नहीं वरन धरती पर परमेश्वर की इच्छापूर्ति के लिए होनी चाहिएं।

फिर वह थोड़ा और आगे बढ़कर मुंह के बल गिरा, और यह प्रार्थना करने लगा, कि हे मेरे पिता, यदि हो सके, तो यह कटोरा मुझ से टल जाए; तौभी जैसा मैं चाहता हूं वैसा नहीं, परन्तु जैसा तू चाहता है वैसा ही हो। - मत्ती 26:39 

बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 12:7-10
2 Corinthians 12:7 और इसलिये कि मैं प्रकाशों की बहुतायत से फूल न जाऊं, मेरे शरीर में एक कांटा चुभाया गया अर्थात शैतान का एक दूत कि मुझे घूँसे मारे ताकि मैं फूल न जाऊं। 
2 Corinthians 12:8 इस के विषय में मैं ने प्रभु से तीन बार बिनती की, कि मुझ से यह दूर हो जाए। 
2 Corinthians 12:9 और उसने मुझ से कहा, मेरा अनुग्रह तेरे लिये बहुत है; क्योंकि मेरी सामर्थ निर्बलता में सिद्ध होती है; इसलिये मैं बड़े आनन्द से अपनी निर्बलताओं पर घमण्‍ड करूंगा, कि मसीह की सामर्थ मुझ पर छाया करती रहे। 
2 Corinthians 12:10 इस कारण मैं मसीह के लिये निर्बलताओं, और निन्‍दाओं में, और दरिद्रता में, और उपद्रवों में, और संकटों में, प्रसन्न हूं; क्योंकि जब मैं निर्बल होता हूं, तभी बलवन्‍त होता हूं।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 कुरिन्थियों 10-13


शनिवार, 29 नवंबर 2014

आदर तथा आशीष


   मेरे पिता, हैल, के 90वें जन्म दिवस पर हम सभी भाईयों ने मिलकर एक बड़ा जश्न आयोजित किया। हमने अपने परिवार जनों एवं मित्रों को बुलाया, बहुत सा स्वादिष्ट भोजन बनाकर रखा और संगीत तथा संगति का खुला आयोजन किया। घर में परिवार तथा मित्रगणों ने कोई भी वाद्य यंत्र, जैसे बैन्जो, मैण्डोलिन, गिटार, ढोल इत्यादि, जो भी वे बजा सकते थे लिया और हम सारी दोपहर खाते और गाते-बजाते रहे। पिताजी के लिए एक बड़ा से केक बनवाया जिस पर लिखवाया गया, "परमेश्वर की स्तुति हो! धन्य है वह पुरुष जो यहोवा का भय मानता है - भजन 112:1। हैल तुम्हें 90वाँ जन्म दिम मुबारक हो!"

   बाद में जब मैं भजन 112 का अध्ययन कर रहा था तब मैंने पाया कि वह भजन मेरे पिताजी के चरित्र का, जो 50 वर्षों से भी अधिक तक परमेश्वर के साथ चलते रहे और अब उसके साथ हैं, कितना सटीक वर्णन था। ऐसा नहीं है कि पिताजी को कभी कोई दुख या तकलीफ नहीं हुई - उन्हें भी उन सभी बातों से होकर गुज़रना पड़ा जिन से होकर हम सभी निकलते हैं, लेकिन उन कठिन परिस्थितियों में भी परमेश्वर और उसके प्रेम में उनके अडिग  विश्वास का प्रतिफल उनके जीवन में आने वालि अनेक आशीषें थीं। भजन 112 भी हमें यही बात बताता है, कि जो मनुष्य परमेश्वर के प्रति अपनी श्रद्धा, भय और प्रेम को बनाए रखता है और उसके वचन में आनन्दित होता है वह आशीषों से परिपूर्ण रहेगा। उस मनुष्य की परमेश्वर के प्रति लगातार बनी और बढ़ती रहने वाली ईमानदारी तथा विश्वास के कारण, ना केवल वह स्वयं आशीषित रहेगा, वरन यह आशीष उसकी सन्तान पर भी जाएगी (पद 2)।

   परमेश्वर के वचन बाइबल का यह भजन हमें प्रेरित करता है कि हम अपने जीवनों में परमेश्वर के प्रति एक भीतरी श्रद्धा का जीवन व्यतीत करें और उसकी आज्ञाकारिता में चलते रहें, अपने जीवन के सभी निर्णय उसकी आज्ञाओं और निर्देशों के अनुसार लेते रहें - अर्थात परमेश्वर को आदर देते रहने वाला जीवन व्यतीत करें। यदि हम ऐसा करेंगे, तो हम देखेंगे कि हमारे आयु के दिन - वे चाहे जितने भी कम या अधिक क्यों ना हों, परमेश्वर की ओर से हमारे लिए आदर तथा आशीष के दिन होंगे, और यह सब ना केवल हमारे अपने लिए होगा वरन हमारी सन्तान तक भी जाएगा। - डेनिस फिशर


यदि आप परमेश्वर को अपने जीवन से आदर देंगे, तो वह आपके जीवन को आदरणीय बना देगा।

बुद्धि का मूल यहोवा का भय है; जितने उसकी आज्ञाओं को मानते हैं, उनकी बुद्धि अच्छी होती है। उसकी स्तुति सदा बनी रहेगी। - भजन 111:10

बाइबल पाठ: भजन 112
Psalms 112:1 याह की स्तुति करो। क्या ही धन्य है वह पुरूष जो यहोवा का भय मानता है, और उसकी आज्ञाओं से अति प्रसन्न रहता है! 
Psalms 112:2 उसका वंश पृथ्वी पर पराक्रमी होगा; सीधे लोगों की सन्तान आशीष पाएगी। 
Psalms 112:3 उसके घर में धन सम्पत्ति रहती है; और उसका धर्म सदा बना रहेगा। 
Psalms 112:4 सीधे लोगों के लिये अन्धकार के बीच में ज्योति उदय होती है; वह अनुग्रहकारी, दयावन्त और धर्मी होता है। 
Psalms 112:5 जो पुरूष अनुग्रह करता और उधार देता है, उसका कल्याण होता है, वह न्याय में अपने मुकद्दमें को जीतेगा। 
Psalms 112:6 वह तो सदा तक अटल रहेगा; धर्मी का स्मरण सदा तक बना रहेगा। 
Psalms 112:7 वह बुरे समाचार से नहीं डरता; उसका हृदय यहोवा पर भरोसा रखने से स्थिर रहता है। 
Psalms 112:8 उसका हृदय सम्भला हुआ है, इसलिये वह न डरेगा, वरन अपने द्रोहियों पर दृष्टि कर के सन्तुष्ट होगा। 
Psalms 112:9 उसने उदारता से दरिद्रों को दान दिया, उसका धर्म सदा बना रहेगा और उसका सींग महिमा के साथ ऊंचा किया जाएगा। 
Psalms 112:10 दुष्ट उसे देख कर कुढेगा; वह दांत पीस-पीसकर गल जाएगा; दुष्टों की लालसा पूरी न होगी।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 कुरिन्थियों 7-9


शुक्रवार, 28 नवंबर 2014

ध्येय


   आज के इलैक्ट्रौनिक उपकरणों और अन्य ध्यान बंटाने वाली वस्तुओं के आने से पहले, मेरे लड़कपन के ग्रीष्मावकाश के लंबे दिन प्रति सप्ताह आने वाले चलते-फिरते पुस्तकालय के आगमन से आनन्दमय हो जाते थे। वह पुस्तकालय एक बस थी जिसमें अन्दर बैठने के स्थान की बजाए शेल्फ बनी हुईं थी और उन शेल्फों पर पुस्तकें भरी हुई थीं जो कि स्थानीय पुस्तकाअलय से लाई जाती थीं जिससे वे लोग जो पुस्त्कालय तक नहीं जा पाते, पुस्तकें पढ़ सकें। उस चलते-फिरते पुस्त्कालय के कारण मैंने बहुत से दिन ऐसी पुस्तकों को पढ़ते हुए बिताए जो मुझे अन्यथा नहीं मिल पातीं। मैं आज भी उस पुस्त्कालय का धन्यवादी हूँ जिसने मेरे अन्दर पुस्तकों के प्रति प्रेम जगाया।

   परमेश्वर के वचन बाइबल के कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि प्रेरित पौलुस को भी पुस्तकों से प्रेम था, और वह अपने जीवन के अन्त तक उन्हें पढ़ता रहा था। कैदखाने से लिखी अपनी अन्तिम पत्री में, जिसके लिखे जाने के कुछ समय पश्चात उसका अन्त मृत्युदण्ड द्वारा करवा दिया गया था, पौलुस ने तिमुथियुस को लिखा, "जो बागा मैं त्रोआस में करपुस के यहां छोड़ आया हूं, जब तू आए, तो उसे और पुस्‍तकें विशेष कर के चर्मपत्रों को लेते आना" (2 तिमुथियुस 4:13)। जिन पुस्तकों और चमर्पत्रों का उल्लेख पौलुस यहाँ कर रहा है वे परमेश्वर के वचन के पुराने नियम के खण्ड तथा/या उसकी लिखी हुई रचानाएं थीं।

   पौलुस का पुस्तकों के प्रति यह प्रेम क्या महज़ ज्ञानवर्धन के शौक या मनोरंजन पाने के लिए था? पुस्तकों के अलावा पौलुस का एक प्रेम और भी था, जो पुस्तकों के प्रति उसके प्रेम का आधार था - अपने तथा जगत के उद्धारकर्ता प्रभु यीशु को और अधिक गहराई एवं निकटता से जानते रहने का प्रेम। पौलुस ने फिलिप्पी के मसीही विश्वासियों के नाम अपनी पत्री में उन्हें इस संबंध में लिखा कि उसके जीवन का ध्येय था, "मैं उसको और उसके मृत्युंजय की सामर्थ को, और उसके साथ दुखों में सहभागी हाने के मर्म को जानूँ, और उस की मृत्यु की समानता को प्राप्त करूं" (फिलिप्पियों 3:10)।

   मेरी प्रार्थना है कि जैसा पौलुस का ध्येय प्रभु यीशु को लगातार और भी अधिक निकटता तथा गहराई से जानते रहने का था, वैसे ही हमारे जीवनों का भी यही ध्येय हो और हम प्रभु यीशु की निकटता में बढ़ते चले जाएं। - बिल क्राउडर


सभी ज्ञान से उत्तम ज्ञान है प्रभु यीशु मसीह की पहचान में बढ़ते जाना।

परमेश्वर के और हमारे प्रभु यीशु की पहचान के द्वारा अनुग्रह और शान्‍ति तुम में बहुतायत से बढ़ती जाए। क्योंकि उसके ईश्वरीय सामर्थ ने सब कुछ जो जीवन और भक्ति से सम्बन्‍ध रखता है, हमें उसी की पहचान के द्वारा दिया है, जिसने हमें अपनी ही महिमा और सद्गुण के अनुसार बुलाया है। - 2 पतरस 1:2-3

बाइबल पाठ: फिलिप्पियों 3:7-14
Philippians 3:7 परन्तु जो जो बातें मेरे लाभ की थीं, उन्‍हीं को मैं ने मसीह के कारण हानि समझ लिया है। 
Philippians 3:8 वरन मैं अपने प्रभु मसीह यीशु की पहिचान की उत्तमता के कारण सब बातों को हानि समझता हूं: जिस के कारण मैं ने सब वस्‍तुओं की हानि उठाई, और उन्हें कूड़ा समझता हूं, जिस से मैं मसीह को प्राप्त करूं। 
Philippians 3:9 और उस में पाया जाऊं; न कि अपनी उस धामिर्कता के साथ, जो व्यवस्था से है, वरन उस धामिर्कता के साथ जो मसीह पर विश्वास करने के कारण है, और परमेश्वर की ओर से विश्वास करने पर मिलती है। 
Philippians 3:10 और मैं उसको और उसके मृत्युंजय की सामर्थ को, और उसके साथ दुखों में सहभागी हाने के मर्म को जानूँ, और उस की मृत्यु की समानता को प्राप्त करूं। 
Philippians 3:11 ताकि मैं किसी भी रीति से मरे हुओं में से जी उठने के पद तक पहुंचूं। 
Philippians 3:12 यह मतलब नहीं, कि मैं पा चुका हूं, या सिद्ध हो चुका हूं: पर उस पदार्थ को पकड़ने के लिये दौड़ा चला जाता हूं, जिस के लिये मसीह यीशु ने मुझे पकड़ा था। 
Philippians 3:13 हे भाइयों, मेरी भावना यह नहीं कि मैं पकड़ चुका हूं: परन्तु केवल यह एक काम करता हूं, कि जो बातें पीछे रह गई हैं उन को भूल कर, आगे की बातों की ओर बढ़ता हुआ। 
Philippians 3:14 निशाने की ओर दौड़ा चला जाता हूं, ताकि वह इनाम पाऊं, जिस के लिये परमेश्वर ने मुझे मसीह यीशु में ऊपर बुलाया है।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 कुरिन्थियों 4-6


गुरुवार, 27 नवंबर 2014

अधिक, और अधिक


   आज के संसार में अकसर एक बात सुनने में आती है - "कम, और कम!" सरकार और कारोबार चलाने वाले इसी प्रयास में रहते हैं कि कम से कम खर्च करके काम चला सकें; लोगों से कहा जाता है कि वे कम से कम ऊर्जा का प्रयोग करें, संसाधनों के सीमित स्त्रोतों के कम से कम उपयोग के साथ कार्य करें, इत्यादि। यह सब अच्छी सलाह है, और हम सब को इसकी ओर ध्यान देना चाहिए, इसे मानना चाहिए। लेकिन मसीही विश्वास के संसार में प्रेम, अनुग्रह और सामर्थ की कोई घटी नहीं है, इसी लिए परमेश्वर हमें निर्देश देता है कि उसके इन संसाधानों को हम अधिक, और अधिक संसार में उपयोग करें, उन्हें लोगों के सामने रखें, लोगों को इन साधनों को स्वीकार करके अपने जीवनों में बहुतायत से उपयोग करने को कहें।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस ने थिस्सुलुनिकिया के मसीही विश्वासियों को लिखी अपनी पहली पत्री में उनसे कहा: "और प्रभु ऐसा करे, कि जैसा हम तुम से प्रेम रखते हैं; वैसा ही तुम्हारा प्रेम भी आपस में, और सब मनुष्यों के साथ बढ़े, और उन्नति करता जाए" (1 थिस्सुलुनीकियों 3:12) तथा उन्हें उकसाया के ऐसी जीवन-शैली जीने में जो परमेश्वर को भाती है वे और भी बढ़ते जाएं (1 थिस्सुलुनीकियों 4:1); पौलुस ने परस्पर प्रेम को दिखाने के लिए उनकी प्रशंसा भी करी, तथा इस प्रेम भरे व्यवहार में भी और अधिक बढ़ते जाने को कहा (1 थिस्सुलुनीकियों 4:10)।

   इस प्रकार का सदा बढ़ते रहने वाला प्रेम मनुष्य के अपने सीमित तथा खर्च हो जाने वाले संसाधानों से नहीं वरन केवल परमेश्वर के असीम संसाधानों से आ सकने के कारण ही संभव है। कवियत्री ऐनी जौनसन फ्लिंट ने अपनी एक कविता में हमारे प्रति परमेश्वर के प्रेम के बारे में लिखा:
उसके प्रेम की कोई सीमा नहीं है, उसके अनुग्रह का कोई नाप नहीं है,
कोई मनुष्य उसके सामर्थ को हद नहीं दे सकता;
क्योंकि प्रभु यीशु में होकर अपने असीम संसाधनों में से,
वह देता रहता है, देता रहता है और भी अधिक देता रहता है।
   
क्योंकि परमेश्वर ने हमसे ऐसा असीम प्रेम किया है इसलिए हमें परमेश्वर से और लोगों से कितना प्रेम दिखाना है - अधिक, और अधिक! - डेविड मैक्कैसलैंड

प्रेम करने की हमारी सीमित क्षमता में होकर भी परमेश्वर अपने असीम प्रेम और सामर्थ को हम में होकर दिखाता है।

और मैं यह प्रार्थना करता हूं, कि तुम्हारा प्रेम, ज्ञान और सब प्रकार के विवेक सहित और भी बढ़ता जाए। - फिलिप्पियों 1:9

बाइबल पाठ: 1 थिस्सुलुनीकियों 3:12-4:10
1 Thessalonians 3:12 और प्रभु ऐसा करे, कि जैसा हम तुम से प्रेम रखते हैं; वैसा ही तुम्हारा प्रेम भी आपस में, और सब मनुष्यों के साथ बढ़े, और उन्नति करता जाए। 
1 Thessalonians 3:13 ताकि वह तुम्हारे मनों को ऐसा स्थिर करे, कि जब हमारा प्रभु यीशु अपने सब पवित्र लोगों के साथ आए, तो वे हमारे परमेश्वर और पिता के साम्हने पवित्रता में निर्दोष ठहरें।
1 Thessalonians 4:1 निदान, हे भाइयों, हम तुम से बिनती करते हैं, और तुम्हें प्रभु यीशु में समझाते हैं, कि जैसे तुम ने हम से योग्य चाल चलना, और परमेश्वर को प्रसन्न करना सीखा है, और जैसा तुम चलते भी हो, वैसे ही और भी बढ़ते जाओ। 
1 Thessalonians 4:2 क्योंकि तुम जानते हो, कि हम ने प्रभु यीशु की ओर से तुम्हें कौन कौन सी आज्ञा पहुंचाई।
1 Thessalonians 4:3 क्योंकि परमेश्वर की इच्छा यह है, कि तुम पवित्र बनो: अर्थात व्यभिचार से बचे रहो। 
1 Thessalonians 4:4 और तुम में से हर एक पवित्रता और आदर के साथ अपने पात्र को प्राप्त करना जाने। 
1 Thessalonians 4:5 और यह काम अभिलाषा से नहीं, और न उन जातियों की नाईं, जो परमेश्वर को नहीं जानतीं। 
1 Thessalonians 4:6 कि इस बात में कोई अपने भाई को न ठगे, और न उस पर दांव चलाए, क्योंकि प्रभु इन सब बातों का पलटा लेने वाला है; जैसा कि हम ने पहिले तुम से कहा, और चिताया भी था। 
1 Thessalonians 4:7 क्योंकि परमेश्वर ने हमें अशुद्ध होने के लिये नहीं, परन्तु पवित्र होने के लिये बुलाया है। 
1 Thessalonians 4:8 इस कारण जो तुच्‍छ जानता है, वह मनुष्य को नहीं, परन्तु परमेश्वर को तुच्‍छ जानता है, जो अपना पवित्र आत्मा तुम्हें देता है।
1 Thessalonians 4:9 किन्‍तु भाईचारे की प्रीति के विषय में यह अवश्य नहीं, कि मैं तुम्हारे पास कुछ लिखूं; क्योंकि आपस में प्रेम रखना तुम ने आप ही परमेश्वर से सीखा है। 
1 Thessalonians 4:10 और सारे मकिदुनिया के सब भाइयों के साथ ऐसा करते भी हो, पर हे भाइयों, हम तुम्हें समझाते हैं, कि और भी बढ़ते जाओ।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 कुरिन्थियों 1-3


बुधवार, 26 नवंबर 2014

प्रेम


   वर्षों पहले मैंने एक रेखाचित्र देखा था जिसमें एक वृद्ध पुरुष को रूखी, खिसियाई हुई मुद्रा में अपने घर से बाहर निकलने के दरवाज़े के पास खड़ा दिखाया गया था; दरवाज़ा बन्द था और उस वृद्ध ने उसे चार तालों, दो सरियों और एक सांकल से बन्द किया था, लेकिन दरवाज़े के नीचे से किसी ने एक सफेद लिफाफा जिस पर एक बड़ा सा दिल बना था खिसका दिया था - उस वृद्ध के अपने आप को संसार से अलग कर के बन्द कर लेने के बाद भी उससे प्रेम करने वाले किसी व्यक्ति ने उस तक अपने प्रेम सन्देश को पहुँचाने का रास्ता निकाल लिया था।

   केवल प्रेम में ही दूसरे के मन को बदल देने की शक्ति है। प्रसिद्ध रूसी लेखक दोस्तोवस्की की प्रसिद्ध पुस्तक The Brothers Karamazov दो भाईयों की कहानी है जिनमें से एक जिसका नाम आईवन है कठोर चिड़चिड़े स्वभाव का है और परमेश्वर के प्रेम का विरोधी है, और दूसरा जिसका नाम अलियोशा है, परमेश्वर में गहरा विशवास रखता है और अपने भाई के परमेश्वर विरोधी व्यवहार से हैरान रहता है। एक समय अलियोशा अपने भाई की ओर झुककर प्रेम के साथ उसे चूम लेता है; उसका अपने भाई के प्रति प्रेम व्यक्त करने का यह साधारण सा कार्य आईवन के दिल को छू लेता है, उसके अन्दर गहरा प्रभाव उत्पन्न करता है।

   हो सकता है कि आपके पास कोई ऐसा मित्र है जो परमेश्वर के प्रेम का प्रतिरोध कर रहा है; उस पर परमेश्वर के प्रेम को प्रकट कीजिए जैसे परमेश्वर ने आप पर और सारे संसार पर अपने प्रेम को प्रकट किया है। यह हमारे प्रति परमेश्वर का प्रेम ही है जिस के अन्तर्गत उसने हमारे पापों में होने के बावजूद हमें पापों से छुड़ाने और अपने साथ स्वर्ग में स्थान देने के लिए अपने पुत्र प्रभु यीशु मसीह को संसार में बलिदान होने के लिए भेजा, जिससे वह सारे संसार के सभी लोगों के पापों के दोष को अपने ऊपर लेकर सभी के पापों के दोष तथा दण्ड को अपने ऊपर ले और उनके निवारण का मार्ग तैयार कर दे।

   लोगों को परमेश्वर के उस प्रेम से अवगत कराएं जिसका वर्णन परमेश्वर के वचन बाइबल में 1 कुरिन्थियों 13 में दिया गया है; प्रेम जो धीरजवन्त, कृपालु, दीन और निस्वार्थ है। सच्चा प्रेम परमेश्वर से मिलने वाला अनुग्रह का उपहार है, इस उपहार को संसार के साथ बाँटते रहिए। - डेविड रोपर


परमेश्वर अपने प्रेम को हमारे हृदयों में इसलिए उँडेलता है ताकि हम उसे दूसरों तक पहुँचा सकें।

क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए। - यूहन्ना 3:16

बाइबल पाठ: 1 कुरिन्थियों 13
1 Corinthians 13:1 यदि मैं मनुष्यों, और सवर्गदूतों की बोलियां बोलूं, और प्रेम न रखूं, तो मैं ठनठनाता हुआ पीतल, और झंझनाती हुई झांझ हूं। 
1 Corinthians 13:2 और यदि मैं भविष्यद्वाणी कर सकूं, और सब भेदों और सब प्रकार के ज्ञान को समझूं, और मुझे यहां तक पूरा विश्वास हो, कि मैं पहाड़ों को हटा दूं, परन्तु प्रेम न रखूं, तो मैं कुछ भी नहीं। 
1 Corinthians 13:3 और यदि मैं अपनी सम्पूर्ण संपत्ति कंगालों को खिला दूं, या अपनी देह जलाने के लिये दे दूं, और प्रेम न रखूं, तो मुझे कुछ भी लाभ नहीं। 
1 Corinthians 13:4 प्रेम धीरजवन्‍त है, और कृपाल है; प्रेम डाह नहीं करता; प्रेम अपनी बड़ाई नहीं करता, और फूलता नहीं। 
1 Corinthians 13:5 वह अनरीति नहीं चलता, वह अपनी भलाई नहीं चाहता, झुंझलाता नहीं, बुरा नहीं मानता। 
1 Corinthians 13:6 कुकर्म से आनन्‍दित नहीं होता, परन्तु सत्य से आनन्‍दित होता है। 
1 Corinthians 13:7 वह सब बातें सह लेता है, सब बातों की प्रतीति करता है, सब बातों की आशा रखता है, सब बातों में धीरज धरता है। 
1 Corinthians 13:8 प्रेम कभी टलता नहीं; भविष्यद्वाणियां हों, तो समाप्‍त हो जाएंगी, भाषाएं हो तो जाती रहेंगी; ज्ञान हो, तो मिट जाएगा। 
1 Corinthians 13:9 क्योंकि हमारा ज्ञान अधूरा है, और हमारी भविष्यद्वाणी अधूरी। 
1 Corinthians 13:10 परन्तु जब सवर्सिद्ध आएगा, तो अधूरा मिट जाएगा। 
1 Corinthians 13:11 जब मैं बालक था, तो मैं बालकों की नाईं बोलता था, बालकों का सा मन था बालकों की सी समझ थी; परन्तु सियाना हो गया, तो बालकों की बातें छोड़ दी। 
1 Corinthians 13:12 अब हमें दर्पण में धुंधला सा दिखाई देता है; परन्तु उस समय आमने साम्हने देखेंगे, इस समय मेरा ज्ञान अधूरा है; परन्तु उस समय ऐसी पूरी रीति से पहिचानूंगा, जैसा मैं पहिचाना गया हूं। 
1 Corinthians 13:13 पर अब विश्वास, आशा, प्रेम ये तीनों स्थाई है, पर इन में सब से बड़ा प्रेम है।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 कुरिन्थियों 13-16


मंगलवार, 25 नवंबर 2014

भय


   मेरी बेटी ऊँगली से इशारा करते हुए चिल्लाई, "मम्मी, देखो, कीड़ा!" मैंने उसके इशारा करने की ओर घूम कर देखा तो वहाँ एक बड़ा सा मकड़ा था, इतना बड़ा मकड़ा मैंने खिलौने की दिकान के बाहर पहली बार देखा था। वह मकड़ा हमारी ओर देख रहा था, और हम उसकी ओर, दोनों ही यह समझ रहे थे कि हम एक साथ एक स्थान पर नहीं रह सकते परन्तु दोनों ही अपने भय के कारण अपने स्थान से हिल नहीं पा रहे थे। चाह कर भी मैं इस गतिरोध को तोड़ने के लिए उसकी ओर एक कदम भी नहीं बढ़ा पा रही थी; मेरे दिल की धड़कन तेज़ हो गई थी और भय ने मुझे मानो एक स्थान पर जमा दिया था।

   भय बहुत शक्तिशाली होता है; भय में आकर हम सही व्यवहार भूलकर गलत व्यवहार करने लग सकते हैं। लेकिन हम मसीही विश्वासियों  के पास यह आश्वासन है कि हमें किसी भी भय में रहने की आवश्यकता नहीं है - ना तो किसी परिस्थिति के, ना ही किसी व्यक्ति या वस्तु के, मकड़ों के भी नहीं। हम परमेश्वर के वचन पर भरोसा रख सकते हैं और भजनकार के साथ परमेश्वर के लिए कह सकते हैं: "जिस समय मुझे डर लगेगा, मैं तुझ पर भरोसा रखूंगा" (भजन 56:3)।

   भय के प्रति ऐसा रवैया रखना परमेश्वर के वचन बाइबल के निर्देश "तू अपनी समझ का सहारा न लेना, वरन सम्पूर्ण मन से यहोवा पर भरोसा रखना" (नीतिवचन 3:5) के अनुकूल है। ऐसा करना सही होता है क्योंकि हमारी अपनी समझ हमें भय के कारण का आँकलन बढ़ा-चढ़ा कर और परमेश्वर की सामर्थ का घटा करवा सकती है। इसलिए भय के समय में हमें परमेश्वर की समझ पर भरोसा रखना चाहिए क्योंकि, "क्या तुम नहीं जानते? क्या तुम ने नहीं सुना? यहोवा जो सनातन परमेश्वर और पृथ्वी भर का सिरजनहार है, वह न थकता, न श्रमित होता है, उसकी बुद्धि अगम है" (यशायाह 40:28)। परमेश्वर का प्रेम हमारे प्रत्येक भय का निवारण कर सकता है क्योंकि, "प्रेम में भय नहीं होता, वरन सिद्ध प्रेम भय को दूर कर देता है, क्योंकि भय से कष्‍ट होता है, और जो भय करता है, वह प्रेम में सिद्ध नहीं हुआ" (1 यूहन्ना 4:18)।

   इसलिए अगली बार जब भय आपको पकड़े, तो घबाराएं नहीं, परमेश्वर पर भरोसा रखकर उसकी सामर्थ और उससे मिलने वाली सदबुद्धि तथा सलाह का सहारा लें। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


परमेश्वर की विश्वासयोग्यता पर किया गया भरोसा हमारे सभी भय को दूर कर सकता है।

मनुष्य का भय खाना फन्दा हो जाता है, परन्तु जो यहोवा पर भरोसा रखता है वह ऊंचे स्थान पर चढ़ाया जाता है। - नीतिवचन 29:25

बाइबल पाठ: भजन 56
Psalms 56:1 हे परमेश्वर, मुझ पर अनुग्रह कर, क्योंकि मनुष्य मुझे निगलना चाहते हैं। वे दिन भर लड़कर मुझे सताते हैं। 
Psalms 56:2 मेरे द्रोही दिन भर मुझे निगलना चाहते हैं, क्योंकि जो लोग अभिमान कर के मुझ से लड़ते हैं वे बहुत हैं। 
Psalms 56:3 जिस समय मुझे डर लगेगा, मैं तुझ पर भरोसा रखूंगा। 
Psalms 56:4 परमेश्वर की सहायता से मैं उसके वचन की प्रशंसा करूंगा, परमेश्वर पर मैं ने भरोसा रखा है, मैं नहीं डरूंगा। कोई प्राणी मेरा क्या कर सकता है? 
Psalms 56:5 वे दिन भर मेरे वचनों को, उलटा अर्थ लगा लगाकर मरोड़ते रहते हैं उनकी सारी कल्पनाएं मेरी ही बुराई करने की होती है। 
Psalms 56:6 वे सब मिलकर इकट्ठे होते हैं और छिपकर बैठते हैं; वे मेरे कदमों को देखते भालते हैं मानों वे मेरे प्राणों की घात में ताक लगाए बैठें हों। 
Psalms 56:7 क्या वे बुराई कर के भी बच जाएंगे? हे परमेश्वर, अपने क्रोध से देश देश के लोगों को गिरा दे! 
Psalms 56:8 तू मेरे मारे मारे फिरने का हिसाब रखता है; तू मेरे आंसुओं को अपनी कुप्पी में रख ले! क्या उनकी चर्चा तेरी पुस्तक में नहीं है? 
Psalms 56:9 जब जिस समय मैं पुकारूंगा, उसी समय मेरे शत्रु उलटे फिरेंगे। यह मैं जानता हूं, कि परमेश्वर मेरी ओर है। 
Psalms 56:10 परमेश्वर की सहायता से मैं उसके वचन की प्रशंसा करूंगा, यहोवा की सहायता से मैं उसके वचन की प्रशंसा करूंगा। 
Psalms 56:11 मैं ने परमेश्वर पर भरोसा रखा है, मैं न डरूंगा। मनुष्य मेरा क्या कर सकता है? 
Psalms 56:12 हे परमेश्वर, तेरी मन्नतों का भार मुझ पर बना है; मैं तुझ को धन्यवाद बलि चढ़ाऊंगा। 
Psalms 56:13 क्योंकि तू ने मुझ को मृत्यु से बचाया है; तू ने मेरे पैरों को भी फिसलने से बचाया है, ताकि मैं ईश्वर के साम्हने जीवतों के उजियाले में चलूं फिरूं?

एक साल में बाइबल: 
  • 1 कुरिन्थियों 9-12


सोमवार, 24 नवंबर 2014

सर्वोत्तम


   हम एक बहुत आकर्षक स्थान पर किराए के मकान में दस वर्ष से रह रहे थे कि अचानक ही हमारे मकान मालिक को वह घर बेचना पड़ गया। हम ने परमेश्वर से प्रार्थना करी कि वह परिस्थितियों में परिवर्तन कर दे और हमें उस स्थान पर ही रह लेने दे जिसे हमने अपना घर बनाया था, जहाँ हमारे बच्चे बड़े हुए। परन्तु परमेश्वर ने हमारी प्रार्थना का उत्तर ’नहीं’ में दिया।

   जब मेरी आवश्यकताओं की बात आती है तो मुझे लगता है कि कहीं मैं प्रार्थना में परमेश्वर से कोई अनुचित चीज़ तो नहीं माँग रहा, या कहीं जो मैं माँग रहा हूँ मैं उसके अयोग्य तो नहीं हूँ। लेकिन परमेश्वर के इनकार से परमेश्वर में हमारा विश्वास हिलना नहीं चाहिए क्योंकि हम सर्वदा उसके प्रेम में बने रहते हैं। परमेश्वर के वचन बाइबल में इफिसुस की मण्डली को लिखे अपने पत्र में प्रेरित पौलुस ने लिखा कि जो प्रभु यीशु को निकटता से जानते हैं वे यह भी जानते हैं कि परमेश्वर के इनकार के पीछे भी कोई प्रेम भरा भला कारण ही है (इफिसियों 3:16-17)।

   परमेश्वर से ’नहीं’ सुनने के कुछ ही दिनों के बाद हमारे चर्च के कुछ मित्रों ने हमें एक अन्य घर किराए पर लेने का प्रस्ताव किया क्योंकि वे उसे खाली कर रहे थे। हमने यह प्रस्ताव सहर्ष स्वीकार कर लिया; अब हमारे पास रहने का एक नया स्थान था जिसमें सब कुछ नया किया गया था - नए उपकरण, पानी की नई व्यवस्था, बिजली के नए तार और हमारे पुराने घर से एक अधिक शयनकक्ष। इतना ही नहीं, हमारा यह नया घर समुद्र के किनारे है और वहाँ से आते-जाते पानी के जहाज़ों और नौकाएं दिखती रहती हैं तथा समुद्र तट की मनोरम ध्वनियाँ सुनाई देती रहती हैं। यह सब कुछ हमें स्मरण दिलाता है कि हमारा परमेश्वर हमारी हर परिस्थिति से बड़ा है, हर बात में हमारी भलाई ही चाहता है। उसने ही अपने महान प्रेम में होकर हमारे लिए यह निर्धारित किया कि हमारे प्रेमी मित्र हमें कुछ ऐसा उपलब्ध कराएं जो हमारे माँगने और सोचने से भी कहीं बढ़कर था (इफिसियों 3:20)।

   चाहे परमेश्वर हमारी कलपनाओं से भी अधिक हमें प्रदान करे या हमारी इच्छाओं से कहीं कम हमें दे, हम मसीही विश्वासी एक बात का सदा विश्वास रख सकते हैं - हमारे लिए उसकी योजनाएं सर्वोत्तम योजनाएं हैं, वह जो देगा सदा सर्वोत्तम ही देगा। - रैंडी किलगोर


जब परमेश्वर किसी प्रार्थना के लिए इनकार करे तो विश्वास रखें कि वह हमारे भले के लिए ही है।

और परमेश्वर सब प्रकार का अनुग्रह तुम्हें बहुतायत से दे सकता है जिस से हर बात में और हर समय, सब कुछ, जो तुम्हें आवश्यक हो, तुम्हारे पास रहे, और हर एक भले काम के लिये तुम्हारे पास बहुत कुछ हो। - 2 कुरिन्थियों 9:8 

बाइबल पाठ: इफिसियों 3:14-21
Ephesians 3:14 मैं इसी कारण उस पिता के साम्हने घुटने टेकता हूं, 
Ephesians 3:15 जिस से स्वर्ग और पृथ्वी पर, हर एक घराने का नाम रखा जाता है। 
Ephesians 3:16 कि वह अपनी महिमा के धन के अनुसार तुम्हें यह दान दे, कि तुम उसके आत्मा से अपने भीतरी मनुष्यत्‍व में सामर्थ पाकर बलवन्‍त होते जाओ। 
Ephesians 3:17 और विश्वास के द्वारा मसीह तुम्हारे हृदय में बसे कि तुम प्रेम में जड़ पकड़ कर और नेव डाल कर। 
Ephesians 3:18 सब पवित्र लोगों के साथ भली भांति समझने की शक्ति पाओ; कि उसकी चौड़ाई, और लम्बाई, और ऊंचाई, और गहराई कितनी है। 
Ephesians 3:19 और मसीह के उस प्रेम को जान सको जो ज्ञान से परे है, कि तुम परमेश्वर की सारी भरपूरी तक परिपूर्ण हो जाओ।
Ephesians 3:20 अब जो ऐसा सामर्थी है, कि हमारी बिनती और समझ से कहीं अधिक काम कर सकता है, उस सामर्थ के अनुसार जो हम में कार्य करता है, 
Ephesians 3:21 कलीसिया में, और मसीह यीशु में, उस की महिमा पीढ़ी से पीढ़ी तक युगानुयुग होती रहे। आमीन।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 कुरिन्थियों 5-8


रविवार, 23 नवंबर 2014

धन-संपदा


   घटना उन दिनों की है जब हमारा परिवार अफ्रीका के कीन्या देश में रह रहा था। हमारे साथ कार में नायरोबी से एक महिला आई, उसके माता-पिता विक्टोरिया झील के पास के एक गाँव में रहते थे और उसे उनसे मिलने जाना था। उस गाँव तक जाने से पहले हम एक होटल पर रुके ताकि अपना सामान गाड़ी से उतार कर वहाँ रख दें क्योंकि गाँव से वापस आकर हमें वहीं रहना था। होटल का हमारा कमरा एक सामान्य सा दो पलंग तथा बिस्तर वाला कमरा था; लेकिन उस कमरे और वहाँ के सामान को देखकर वह महिला विसमय से बोली, "इतना सब कुछ और वह भी केवल तुम पाँच लोगों के लिए!" जिसे हम सामान्य समझ रहे थे वह उसकी नज़रों में विलासता जैसा था। धन-संपदा का माप भी ऐसे ही तुलनात्मक है; हम जो विकसित देशों में रहते हैं और अपने जीवन के स्तर के बारे में शिकायत करते रहते हैं यह भूल जाते हैं कि जिसे हम निम्न कोटी का जीवन स्तर समझते हैं वह संसार के अनेक लोगों की नज़रों में उच्च कोटि का हो सकता है।

   इफसुस की मसीही विश्वासियों की मण्डली में कुछ ऐसे थे जो अन्य सदस्यों की अपेक्षा अधिक धनी थे। उस मण्डली की देखभाल करने वाले पास्टर, तिमुथियुस, को प्रेरित पौलुस ने लिखा, "इस संसार के धनवानों को आज्ञा दे, कि वे अभिमानी न हों और चंचल धन पर आशा न रखें, परन्तु परमेश्वर पर जो हमारे सुख के लिये सब कुछ बहुतायत से देता है" (1 तिमुथियुस 6:17)। पौलुस चाहता था कि वे सांसारिक धन-संपदा में नहीं वरन भलाई में धनी हों: "और भलाई करें, और भले कामों में धनी बनें, और उदार और सहायता देने में तत्‍पर हों" (1 तिमुथियुस 6:18)।

   जो हमारे पास है उसे दूसरों की भलाई में खर्च करने की बजाए उसे थामे रखने की हमारी स्वाभाविक प्रवृत्ति होती है। लेकिन हमारे लिए धन-संपदा की चुनौती परमेश्वर के प्रति भरोसा और धन्यवाद से तथा लोगों के प्रति उदारता से भरा हृदय रखने की है, जैसे परमेश्वर ने हमारे प्रति किया है। - डेविड मैक्कैसलैण्ड


हमारा पारिश्रमिक हमारा जीवन चलाने के लिए तथा हमारी उदारता हमारा जीवन बनाने के लिए है।

और उस[प्रभु यीशु] ने उन से कहा, चौकस रहो, और हर प्रकार के लोभ से अपने आप को बचाए रखो: क्योंकि किसी का जीवन उस की संपत्ति की बहुतायत से नहीं होता। - लूका 12:15

बाइबल पाठ: 1 तिमुथियुस 6:6-10, 17-19
1 Timothy 6:6 पर सन्‍तोष सहित भक्ति बड़ी कमाई है। 
1 Timothy 6:7 क्योंकि न हम जगत में कुछ लाए हैं और न कुछ ले जा सकते हैं। 
1 Timothy 6:8 और यदि हमारे पास खाने और पहिनने को हो, तो इन्‍हीं पर सन्‍तोष करना चाहिए। 
1 Timothy 6:9 पर जो धनी होना चाहते हैं, वे ऐसी परीक्षा, और फंदे और बहुतेरे व्यर्थ और हानिकारक लालसाओं में फंसते हैं, जो मनुष्यों को बिगाड़ देती हैं और विनाश के समुद्र में डूबा देती हैं। 
1 Timothy 6:10 क्योंकि रूपये का लोभ सब प्रकार की बुराइयों की जड़ है, जिसे प्राप्त करने का प्रयत्न करते हुए कितनों ने विश्वास से भटक कर अपने आप को नाना प्रकार के दुखों से छलनी बना लिया है।
1 Timothy 6:17 इस संसार के धनवानों को आज्ञा दे, कि वे अभिमानी न हों और चंचल धन पर आशा न रखें, परन्तु परमेश्वर पर जो हमारे सुख के लिये सब कुछ बहुतायत से देता है। 
1 Timothy 6:18 और भलाई करें, और भले कामों में धनी बनें, और उदार और सहायता देने में तत्‍पर हों। 
1 Timothy 6:19 और आगे के लिये एक अच्छी नेव डाल रखें, कि सत्य जीवन को वश में कर लें।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 कुरिन्थियों 1-4


शनिवार, 22 नवंबर 2014

उदारता और बहुतायत


   हाल ही की बात है मैं एक होटल में आया; उस होटल के स्वागत कक्ष में फूलों की सजावट हो रखी थी। इतनी बहुतायत के साथ फूलों की सजावट मैंने पहले कभी नहीं देखी थी। वह स्थान सुन्दरता से सजाए गए विभिन्न रंगों के फूलों और उनकी सुगन्ध से भरा हुआ था, और उस सारे दृश्य का प्रभाव अद्भुत था। मैं चलते चलते रुक गया और उस सुन्दरता को निहारने लगा। मुझे विचार आया कि बहुतायत में कुछ बात है जो हमारे मनों को भाती है। ज़रा भिन्न रस भरे फलों से भरी हुए किसी टोकरी के बारे सोचिए, या फिर कई प्रकार की मिठाईयों से सजी मेज़ के बारे में - बहुतायत को देखने, सोचने का आनन्द ही कुछ और होता है।

   इस बहुतायत के आनन्द से मुझे परमेश्वर की उदारता की याद आती है। परमेश्वर का वचन बाइबल हमें परमेश्वर और उसकी उदारता के बारे में बहुत कुछ बताती है। बाइबल बताती है कि परमेश्वर हमारे कटोरे को उमड़ने देता है (भजन 23:5); वह "ऐसा सामर्थी है, कि हमारी बिनती और समझ से कहीं अधिक काम कर सकता है, उस सामर्थ के अनुसार जो हम में कार्य करता है" (इफिसियों 3:20); उसका अनुग्रह हमारे जीवन में आने वाली प्रत्येक कठिनाई से पार पाने के लिए सक्षम है (2 कुरिन्थियों 12:9); और जब कोई पश्चाताप के साथ लौट कर उसके पास वापस आता है तो वह उस के आनन्द को मनाने के लिए एक भव्य भोज का आयोजन करता है (लूका 15:20-24)।

   इसीलिए भजनकार आनन्दित होकर कहता है कि, "हे परमेश्वर तेरी करूणा, कैसी अनमोल है! मनुष्य तेरे पंखो के तले शरण लेते हैं। वे तेरे भवन के चिकने भोजन से तृप्त होंगे, और तू अपनी सुख की नदी में से उन्हें पिलाएगा" (भजन 36:7-8)। हमारा परमेश्वर बहुतायत का परमेश्वर है, हमारे प्रति उसकी भलाई बहुतायत से है। उसके द्वारा उदारता और बहुतायत से मिलने वाली आशीषों के लिए आईए हम बहुतायत से उसकी आराधना और स्तुति करें। - जो स्टोवैल


परमेश्वर की, जो सब आशीषों का स्त्रोत है, निरंतर प्रशंसा और स्तुति करते रहें।

तू मुझे जीवन का रास्ता दिखाएगा; तेरे निकट आनन्द की भरपूरी है, तेरे दाहिने हाथ में सुख सर्वदा बना रहता है। - भजन - 16:11

बाइबल पाठ: भजन 36:5-12
Psalms 36:5 हे यहोवा तेरी करूणा स्वर्ग में है, तेरी सच्चाई आकाश मण्डल तक पहुंची है। 
Psalms 36:6 तेरा धर्म ऊंचे पर्वतों के समान है, तेरे नियम अथाह सागर ठहरे हैं; हे यहोवा तू मनुष्य और पशु दोनों की रक्षा करता है।
Psalms 36:7 हे परमेश्वर तेरी करूणा, कैसी अनमोल है! मनुष्य तेरे पंखो के तले शरण लेते हैं। 
Psalms 36:8 वे तेरे भवन के चिकने भोजन से तृप्त होंगे, और तू अपनी सुख की नदी में से उन्हें पिलाएगा। 
Psalms 36:9 क्योंकि जीवन का सोता तेरे ही पास है; तेरे प्रकाश के द्वारा हम प्रकाश पाएंगे।
Psalms 36:10 अपने जानने वालों पर करूणा करता रह, और अपने धर्म के काम सीधे मन वालों में करता रह! 
Psalms 36:11 अहंकारी मुझ पर लात उठाने न पाए, और न दुष्ट अपने हाथ के बल से मुझे भगाने पाए। 
Psalms 36:12 वहां अनर्थकारी गिर पड़े हैं; वे ढकेल दिए गए, और फिर उठ न सकेंगे।

एक साल में बाइबल: 
  • रोमियों 12-16


शुक्रवार, 21 नवंबर 2014

सहज और सरल


   सन 1814 में सेमिनरी से स्नातक होने के पश्चात थोमस ग्लौडेट का इरादा मसीही विश्वास का प्रचारक बनने का था। लेकिन प्रचारक बनने के उसके इरादे ने एक अलग ही मोड़ ही मोड़ ले लिया जब उसकी मुलाकात एलिस नामक एक 9 वर्षीय लड़की से हुई। एलिस उसके पड़ौस में ही रहती थी और सुन नहीं सकती थी क्योंकि वह बधिर थी। ग्लौडेट ने लकड़ी के द्वारा मिट्टी पर लिख कर एलिस के साथ संवाद करने के प्रयास किए। एलिस के साथ इस प्रकार वार्तालाप कर पाने की सफलता ने ग्लौडेट को प्रेरित किया कि वह ऐसे अन्य बधिरों के साथ भी संवाद करने के प्रयास करे। उसने अमेरिका और यूरोप में बधिर लोगों की शिक्षा में लगे विशेषज्ञों से संपर्क तथा विचार-विमर्श करके एक सांकेतिक भाषा बनाई जिसमें हाथों की मुद्राओं के द्वारा सन्देश को बधिर लोगों तक पहुँचाया जाता है। अन्ततः अपने इस प्रयास को उसने एक औपचारिक रूप देकर "अमेरिकन स्कूल फ़ोर द डेफ" की स्थापना करी।

   ग्लौडेट के इस स्कूल में बधिर लोगों के लिए पाठ्यक्रम बनाया गया जो परमेश्वर के वचन बाइबल पर आधारित था, प्रभु यीशु में मिलने वाली पापों की क्षमा और उद्धार के सुसमाचार को बताता था और बाइबल के निर्देशों को सिखाता था। ग्लौडेट का प्रचारक बनने का आरंभिक इरादा इस प्रकार से पूरा हुआ, और वह प्रभु यीशु के प्रेम और अनुग्रह तथा परमेश्वर के कार्य के बारे में एक ऐसे विशेष लोगों तक परमेश्वर के वचन को पहुँचा सका जो इस आशीष से वंचित रहते थे। ग्लौडेट के इस सफल प्रयास का आधार था परमेश्वर के सुसमाचार को लोगों तक ऐसे रूप में पहुँचाना जिसे वे समझ सकें, ग्रहण कर सकें।

   यही आधार हम सभी मसीही विश्वासियों के लिए आज भी उतना ही आवश्यक है; हमें प्रभु यीशु में सारे संसार के लिए सेंत-मेंत उपलब्ध पापों की क्षमा और उद्धार के सुसमाचार को ऐसे रूप में सभी लोगों तक पहुँचाना है जिसे वे समझ सकें और फिर ग्रहण कर सकें। अन्यथा "फिर जिस पर उन्होंने विश्वास नहीं किया, वे उसका नाम क्योंकर लें? और जिस की नहीं सुनी उस पर क्योंकर विश्वास करें?" (रोमियों 10:14)। परमेश्वर से प्रार्थना कीजिए और विचार कीजिए कि अपने आस-पास के लोगों तक आप प्रभु यीशु मसीह के इस सुसमाचार को कैसे सहज और सरलता से समझ आने वाला बनाकर प्रस्तुत कर सकते हैं, और फिर उसे व्यावाहरिक रीति से कार्यान्वित कीजिए। - डेनिस फिशर


संसार के सर्वश्रेश्ष्ठ सन्देश को संसार के सभी लोगों तक पहुँचाएं, कोई इससे वंचित ना रहने पाए।

और उन से कहा, यों लिखा है; कि मसीह दु:ख उठाएगा, और तीसरे दिन मरे हुओं में से जी उठेगा। और यरूशलेम से ले कर सब जातियों में मन फिराव का और पापों की क्षमा का प्रचार, उसी के नाम से किया जाएगा। - लूका 24:46-47

बाइबल पाठ: रोमियों 10:1-14
Romans 10:1 हे भाइयो, मेरे मन की अभिलाषा और उन के लिये परमेश्वर से मेरी प्रार्थना है, कि वे उद्धार पाएं। 
Romans 10:2 क्योंकि मैं उन की गवाही देता हूं, कि उन को परमेश्वर के लिये धुन रहती है, परन्तु बुद्धिमानी के साथ नहीं। 
Romans 10:3 क्योकि वे परमेश्वर की धामिर्कता से अनजान हो कर, और अपनी धामिर्कता स्थापन करने का यत्न कर के, परमेश्वर की धामिर्कता के आधीन न हुए। 
Romans 10:4 क्योंकि हर एक विश्वास करने वाले के लिये धामिर्कता के निमित मसीह व्यवस्था का अन्त है। 
Romans 10:5 क्योंकि मूसा ने यह लिखा है, कि जो मनुष्य उस धामिर्कता पर जो व्यवस्था से है, चलता है, वह इसी कारण जीवित रहेगा। 
Romans 10:6 परन्तु जो धामिर्कता विश्वास से है, वह यों कहती है, कि तू अपने मन में यह न कहना कि स्वर्ग पर कौन चढ़ेगा? अर्थात मसीह को उतार लाने के लिये! 
Romans 10:7 या गहिराव में कौन उतरेगा? अर्थात मसीह को मरे हुओं में से जिलाकर ऊपर लाने के लिये! 
Romans 10:8 परन्तु वह क्या कहती है? यह, कि वचन तेरे निकट है, तेरे मुंह में और तेरे मन में है; यह वही विश्वास का वचन है, जो हम प्रचार करते हैं। 
Romans 10:9 कि यदि तू अपने मुंह से यीशु को प्रभु जानकर अंगीकार करे और अपने मन से विश्वास करे, कि परमेश्वर ने उसे मरे हुओं में से जिलाया, तो तू निश्चय उद्धार पाएगा। 
Romans 10:10 क्योंकि धामिर्कता के लिये मन से विश्वास किया जाता है, और उद्धार के लिये मुंह से अंगीकार किया जाता है। 
Romans 10:11 क्योंकि पवित्र शास्त्र यह कहता है कि जो कोई उस पर विश्वास करेगा, वह लज्जित न होगा। 
Romans 10:12 यहूदियों और यूनानियों में कुछ भेद नहीं, इसलिये कि वह सब का प्रभु है; और अपने सब नाम लेने वालों के लिये उदार है। 
Romans 10:13 क्योंकि जो कोई प्रभु का नाम लेगा, वह उद्धार पाएगा। 
Romans 10:14 फिर जिस पर उन्होंने विश्वास नहीं किया, वे उसका नाम क्योंकर लें? और जिस की नहीं सुनी उस पर क्योंकर विश्वास करें?

एक साल में बाइबल: 
  • रोमियों 9-11


गुरुवार, 20 नवंबर 2014

त्यागा हुआ


   कैरिस्सा स्मिथ अपने 4 महीने की बच्ची के साथ स्थानीय पुस्तकालय में कुछ पुस्तकें देख रही थी, और उसकी बेटी प्रसन्नचित्त होकर मुँह से कुछ आवाज़ें निकाल रही थी। एक वृद्ध व्यक्ति ने बड़े रूखे स्वर में कैरिस्सा से कहा कि या तो कैरिस्सा स्वयं अपनी बच्ची को शान्त कर ले अन्यथा वह कर देगा। कैरिस्सा ने उसे उत्तर दिया, "मैं नहीं जानती कि आपके जीवन में ऐसा क्या है जो एक प्रसन्न बच्ची के कारण आपको दुखी कर रहा है, लेकिन वह जो भी है जो एक प्रसन्न बच्ची को देखकर आपको दुखी कर रहा है, मैं उसके लिए क्षमाप्रार्थी हूँ; लेकिन ना तो मैं अपनी बच्ची को शान्त करूँगी और ना ही आपको उसे शान्त करने दूँगी।" उस वृद्ध ने तुरंत अपना सिर झुकाकर क्षमा माँगी, और फिर कैरिस्सा के साथ 50 वर्ष पहले अपने बेटे की अचानक हुई मृत्यु की कहानी बाँटी, जिसके दुख और आवेश को वह अपने अन्दर दबाए बैठा था।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में भजन 13 में दाऊद अपने दुखी मन के विचारों को बड़े खुले रूप में परमेश्वर के सामने रखता है। अपने दुख को व्यक्त करने के लिए वह बड़ी व्यथित परन्तु खरे शब्दों को प्रयोग करता है: "हे परमेश्वर तू कब तक? क्या सदैव मुझे भूला रहेगा? तू कब तक अपना मुखड़ा मुझ से छिपाए रहेगा?" (पद 1) दाऊद के ये प्रश्न उसके अन्दर त्यागा हुआ होने के भय को दिखाते हैं; लेकिन थोड़ी ही देर में दाऊद की यह व्यथित भाषा परमेश्वर से सहायता की पुकार में परिवर्तित हो जाती है और वह परमेश्वर में अपने विश्वास और अपने प्रति उसके प्रेम को दृढ़ता से व्यक्त करता है (पद 3-6)।

   हम सब अपने जीवनों में कठिन समयों से होकर गुज़रते हैं; हमें प्रतीत होता है कि परमेश्वर ने हमें छोड़ दिया है। लेकिन जैसे दाऊद के साथ हुआ, वैसे ही हमारे साथ भी हो सकता है - हमारा शोक आनन्द में परिवर्तित हो सकता है, यदि हम भी दाऊद के समान ही खुले मन से अपनी बात परमेश्वर के सम्मुख रखें, उससे सहायता माँगें और अपने प्रति परमेश्वर के प्रेम में भरोसा व्यक्त करें क्योंकि परमेश्वर का प्रेम अपने बच्चों के प्रति ना कभी बदलता है और ना ही कभी घटता-बढ़ता है। - मार्विन विलियम्स


परमेश्वर हमें कभी नहीं छोड़ेगा, कभी नहीं त्यागेगा।

क्रोध के झकोरे में आकर मैं ने पल भर के लिये तुझ से मुंह छिपाया था, परन्तु अब अनन्त करूणा से मैं तुझ पर दया करूंगा, तेरे छुड़ाने वाले यहोवा का यही वचन है। - यशायाह 54:8

बाइबल पाठ: भजन 13
Psalms 13:1 हे परमेश्वर तू कब तक? क्या सदैव मुझे भूला रहेगा? तू कब तक अपना मुखड़ा मुझ से छिपाए रहेगा? 
Psalms 13:2 मैं कब तक अपने मन ही मन में युक्तियां करता रहूं, और दिन भर अपने हृदय में दुखित रहा करूं, कब तक मेरा शत्रु मुझ पर प्रबल रहेगा? 
Psalms 13:3 हे मेरे परमेश्वर यहोवा मेरी ओर ध्यान दे और मुझे उत्तर दे, मेरी आंखों में ज्योति आने दे, नहीं तो मुझे मृत्यु की नींद आ जाएगी; 
Psalms 13:4 ऐसा न हो कि मेरा शत्रु कहे, कि मैं उस पर प्रबल हो गया; और ऐसा न हो कि जब मैं डगमगाने लगूं तो मेरे शत्रु मगन हों।
Psalms 13:5 परन्तु मैं ने तो तेरी करूणा पर भरोसा रखा है; मेरा हृदय तेरे उद्धार से मगन होगा। 
Psalms 13:6 मैं परमेश्वर के नाम का भजन गाऊंगा, क्योंकि उसने मेरी भलाई की है।

एक साल में बाइबल: 
  • रोमियों 5-8


बुधवार, 19 नवंबर 2014

असफल


   अमेरिका में 1970 के दशक में एक प्रचलित सनक थी मोटरसाईकिल द्वारा लंबी दूरी की छलाँग लगाना। इस सनक की पराकाष्ठा, और संभवतः गहराई भी 8 सितंबर 1974 को देखने को मिली जब इडाहो प्रांत की स्नेक रिवर घाटी में हज़ारों दर्शक इवेल नीवेल को घाटी के एक छोर से दूसरे छोर तक एक विशेष रीति से बनाई गई ’स्काई साईकिल’ द्वारा छलाँग लगाने को देखने के लिए एकत्रित हुए। अन्ततः इवेल का यह प्रयास असफल रहा और कुछ दूर तक की छलांग के बाद वह पैराशूट द्वारा नीचे धरती पर आ गया। कुछ दर्शकों ने प्रश्न किया, "नीचे आने से पहले इवेल घाटी की चैड़ाई की कितनी दूरी तय कर सका?" लेकिन महत्वपूर्ण बात यह नहीं थी कि उसने कितनी दूरी तय करी, वरन यह कि वह पूरी दूरी तय नहीं कर सका, अपने लक्ष्य से कम रह गया और असफल माना गया।

   यह घटना पाप के साथ हमारे संघर्ष का एक अच्छा उदाहरण है। परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस ने रोमियों को लिखी अपनी पत्री में लिखा, "इसलिये कि सब ने पाप किया है और परमेश्वर की महिमा से रहित हैं" (रोमियों 3:23)। कोई मनुष्य ऐसा नहीं है जो पाप के कारण मनुष्य और परमेश्वर के बीच आई दूरी को अपने प्रयास से पार कर सके। इसीलिए परमेश्वर ने प्रभु यीशु को इस संसार में भेजा जिससे वह अपने बलिदान तथा पुनरुत्थान के द्वारा पापों से पश्चाताप और उस पर विश्वास करने वाले सभी लोगों के लिए परमेश्वर और मनुष्य के बीच की उस घाटी को पार करने का मार्ग बन सके, लोगों को परमेश्वर तक ले जाने वाला बन सके।

   प्रभु यीशु ने पृथ्वी पर एक निषकलंक और निषपाप जीवन व्यतीत किया और समस्त मानव जाति के सभी पापों के दण्ड को अपने ऊपर लेकर सब के लिए उस दण्ड को सह लिया, वह हमारे बदले में मारा गया, गड़ा गया और अफिर तीसरे दिन मृतकों में से जीवित हो उठा और आज जीवित परमेश्वर है जो जगत के न्यायी के रूप में एक बार फिर आएगा: "क्योंकि उसने एक दिन ठहराया है, जिस में वह उस मनुष्य के द्वारा धर्म से जगत का न्याय करेगा, जिसे उसने ठहराया है और उसे मरे हुओं में से जिलाकर, यह बात सब पर प्रामाणित कर दी है" (प्रेरितों 17:31)। जिस कार्य में हम मनुष्य केवल असफल रह सकते थे, वह प्रभु यीशु ने अपने बड़े प्रेम में होकर हम सब के लिए कर के दे दिया, उसे सभी के लिए सेंत-मेंत उपलब्ध करवा दिया।

   अब हमें अपने किसी असफल प्रयास को करने की नहीं वरन केवल पापों से पश्चाताप करने और प्रभु यीशु के कार्य को स्वीकार करके उसे अपने जीवनों में लागू कर लेने की आवश्यकता है, और उद्धार तथा परमेश्वर से मेल मिलाप का कार्य हमारे लिए पूरा हो जाएगा। क्या आपने परमेश्वर तथा अपने मध्य की यह दूरी प्रभु यीशु में होकर पाट ली है? - बिल क्राउडर


मसीह यीशु का क्रूस उस दूरी को पाट देता है जिसे हम अपने प्रयासों से कभी पाट नहीं सकते।

नि:सन्देह पृथ्वी पर कोई ऐसा धर्मी मनुष्य नहीं जो भलाई ही करे और जिस से पाप न हुआ हो। - सभोपदेशक 7:20 

बाइबल पाठ: रोमियों 3:19-28
Romans 3:19 हम जानते हैं, कि व्यवस्था जो कुछ कहती है उन्हीं से कहती है, जो व्यवस्था के आधीन हैं: इसलिये कि हर एक मुंह बन्द किया जाए, और सारा संसार परमेश्वर के दण्ड के योग्य ठहरे। 
Romans 3:20 क्योंकि व्यवस्था के कामों से कोई प्राणी उसके साम्हने धर्मी नहीं ठहरेगा, इसलिये कि व्यवस्था के द्वारा पाप की पहिचान होती है। 
Romans 3:21 पर अब बिना व्यवस्था परमेश्वर की वह धामिर्कता प्रगट हुई है, जिस की गवाही व्यवस्था और भविष्यद्वक्ता देते हैं। 
Romans 3:22 अर्थात परमेश्वर की वह धामिर्कता, जो यीशु मसीह पर विश्वास करने से सब विश्वास करने वालों के लिये है; क्योंकि कुछ भेद नहीं। 
Romans 3:23 इसलिये कि सब ने पाप किया है और परमेश्वर की महिमा से रहित हैं। 
Romans 3:24 परन्तु उसके अनुग्रह से उस छुटकारे के द्वारा जो मसीह यीशु में है, सेंत मेंत धर्मी ठहराए जाते हैं। 
Romans 3:25 उसे परमेश्वर ने उसके लोहू के कारण एक ऐसा प्रायश्चित्त ठहराया, जो विश्वास करने से कार्यकारी होता है, कि जो पाप पहिले किए गए, और जिन की परमेश्वर ने अपनी सहनशीलता से आनाकानी की; उन के विषय में वह अपनी धामिर्कता प्रगट करे। 
Romans 3:26 वरन इसी समय उस की धामिर्कता प्रगट हो; कि जिस से वह आप ही धर्मी ठहरे, और जो यीशु पर विश्वास करे, उसका भी धर्मी ठहराने वाला हो। 
Romans 3:27 तो घमण्ड करना कहां रहा उस की तो जगह ही नहीं: कौन सी व्यवस्था के कारण से? क्या कर्मों की व्यवस्था से? नहीं, वरन विश्वास की व्यवस्था के कारण। 
Romans 3:28 इसलिये हम इस परिणाम पर पहुंचते हैं, कि मनुष्य व्यवस्था के कामों के बिना विश्वास के द्वारा धर्मी ठहरता है।

एक साल में बाइबल: 
  • रोमियों 1-4


मंगलवार, 18 नवंबर 2014

सावधानियाँ और चेतावनियाँ


   अपने बचपन की एक घटना मुझे सदा स्मरण रहती है; सभा के बाद हम चर्च के बाहर खड़े थे, मैं अपने मित्र बॉबी के साथ खड़ा था, अचानक ही बॉबी को कुछ ध्यान आय और वह तेज़ी से व्यस्त सड़क की ओर भागा। तुरंत ही उसकी माँ ने ऊँची आवाज़ में पुकारा, "रुको!" और बॉबी वहीं रुक गया। बॉबी की माँ का उसे रुकने के लिए कहना बॉबी की भलाई और उसकी सुरक्षा के लिए था ना कि उसकी स्वतंत्रता में बाधा डालने के लिए। आज हम प्रायः सभी स्थानों पर या प्रत्येक उत्पाद पर सावधानी अथवा चेतावनी के सन्देश देख सकते हैं; यहाँ तक की दवाईयों के साथ भी बारीक अक्षरों में लिखे हुए सावधनी और चेतावनी संबंधी सन्देश दिए जाते हैं जिससे उन से संभावित प्रत्येक परिणाम के बारे में उनके उपभोगता जान सकें।

   परमेश्वर ने भी अपने वचन बाइबल में हमें हमारे जीवन निर्वाह, व्यवहार और संसार तथा उसके साथ हमारे संबंध के बारे में अनेक सावधानियाँ और चेतावनियाँ दी हैं। इसी प्रकार की अनेक चेतावनियाँ नीतिवचन नामक पुस्तक में भी लिखीं है, जिनमें से एक है: "छ: वस्तुओं से यहोवा बैर रखता है, वरन सात हैं जिन से उसको घृणा है" (नीतिवचन 6:16), और इसके बाद के तीन पदों में विनाशक प्रवृत्तियाँ जैसे घमण्ड और झूठ आदि पापों के बारे में चेतावनियाँ हैं। ये ऐसी बातें हैं जो ना केवल हमारे सांसारिक संबंधों को हानि पहुँचाती हैं, वरन हमारे परमेश्वर पिता के मन को भी दुखी करती हैं। आगे चलकर लिखा है कि "... सिखाने वाले की डांट जीवन का मार्ग है" (नीतिवचन 6:23); कहने का तात्पर्य है कि परमेश्वर की सावधानियाँ और चेतावनियाँ हमारे जीवन के आनन्द को कम करने या हमें बन्धनों में बाँधने के लिए नहीं वरन हमारी रक्षा करने हमें सुखी रखने के लिए हैं।

   ऐसा कई बार होता है कि हम परमेश्वर के निर्देशों और चेतावनियों के विरुद्ध उस उलटी दिशा में ही भागने का प्रयास करते हैं जहाँ जाने से परमेश्वर हमें रोकना चाह रहा है, और फिर अपने उस गलत निर्णय के दुषपरिणाम भुगतते हैं। हमें यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि परमेश्वर की चेतावनियों को मानने और सावधानियों का पालन करने में ही वास्तविक स्वंत्रता और आनन्द है, क्योंकि वे हमारी भलाई और सुख के लिए ही दी गई हैं। - जो स्टोवैल


परमेश्वर का वचन हमारी सुरक्षा और भलाई के लिए उसके प्रेम से भरी चेतावनियों और सावधानियों से भरा पड़ा है; उन्हें जानिए और मानिए।

आज्ञा तो दीपक है और शिक्षा ज्योति, और सिखाने वाले की डांट जीवन का मार्ग है - नीतिवचन 6:23

बाइबल पाठ: नीतिवचन 6:16-22
Proverbs 6:16 छ: वस्तुओं से यहोवा बैर रखता है, वरन सात हैं जिन से उसको घृणा है 
Proverbs 6:17 अर्थात घमण्ड से चढ़ी हुई आंखें, झूठ बोलने वाली जीभ, और निर्दोष का लोहू बहाने वाले हाथ, 
Proverbs 6:18 अनर्थ कल्पना गढ़ने वाला मन, बुराई करने को वेग दौड़ने वाले पांव, 
Proverbs 6:19 झूठ बोलने वाला साक्षी और भाइयों के बीच में झगड़ा उत्पन्न करने वाला मनुष्य। 
Proverbs 6:20 हे मेरे पुत्र, मेरी आज्ञा को मान, और अपनी माता की शिक्षा का न तज। 
Proverbs 6:21 इन को अपने हृदय में सदा गांठ बान्धे रख; और अपने गले का हार बना ले। 
Proverbs 6:22 वह तेरे चलने में तेरी अगुवाई, और सोते समय तेरी रक्षा, और जागते समय तुझ से बातें करेगी।

एक साल में बाइबल: 
  • प्रेरितों 27-28


सोमवार, 17 नवंबर 2014

मार्गदर्शक


   एक ऐसी प्रणाली बनाना जिसके द्वारा अन्तरिक्ष में विद्यमान ’आँख’ सभी गाड़ियों, वायुयानों तथा नौकाओं एवं जलपोतों पर नज़र बनाए रखे और उनका मार्गदर्शन करती रहे बहुत जटिल कार्य है; लेकिन आज का ’जीपीएस’ अर्थात ’ग्लोबल पोज़िशनिंग सिस्टम’ यही कार्य करता है। पृथ्वी से 12,500 मील की ऊँचाई पर अन्तरिक्ष में हर समय 24 से 32 उपग्रह पृथ्वी का चक्कर लगा रहे होते हैं और पृथ्वी से संबंध बनाए रखते हैं, जानकारी का आदान-प्रदान करते रहते हैं। इन उपग्रहों द्वारा दी जाने वाली जानकारी के सही होने और उनसे ठीक मार्गदर्शन मिलने के लिए यह बहुत आवश्यक है कि वे पृथ्वी से एक निर्धारित दूरी तथा गति को बनाए रखें।

   मनुष्यों द्वारा बनाया गया यह ’जीपीएस’ परमेश्वर द्वारा दिए जाने वाले मार्गदर्शन का छोटा सा नमूना भर है। परमेश्वर के वचन बाइबल में उससे मिलने वाले मार्गदर्शन और सहायता के अनेक उदाहरण और वायदे हैं: परमेश्वर ने इस्त्राएल को आश्वस्त किया कि "और यहोवा तुझे लगातार लिये चलेगा, और काल के समय तुझे तृप्त और तेरी हड्डियों को हरी भरी करेगा; और तू सींची हुई बारी और ऐसे सोते के समान होगा जिसका जल कभी नहीं सूखता" (यशायाह 58:11)। भजनकार यह भली-भांति जानता था कि ऐसा कोई स्थान नहीं है जहाँ परमेश्वर की नज़र उस पर बनी ना रहे (भजन 139:7-8)। ’जीपीएस’ के आने के बहुत पहले ही परमेश्वर "पृथ्वी के घेरे के ऊपर आकाशमण्डल पर विराजमान" (यशायाह 40:22) संसार की हर बात पर अपनी नज़र और नियंत्रण बनाए हुए है, अपने लोगों का मार्गदर्शन कर रहा है।

   इस बात का ज्ञान कि कोई है जो आप पर लगातार नज़र बनाए हुए है और उसकी नज़र से कहीं पर भी छिप पाना असंभव है उन्हें भयभीत कर सकता है जो किसी बात को छिपाना चाहते हैं या स्वयं छिपकर रहना चाहते हैं; परन्तु एक मसीही विश्वासी के लिए यह बात एक बड़े आनन्द, सान्तवना और आश्वासन की बात है। भजनकार इस बात से भी आश्वस्त था कि परमेश्वर का मार्गदर्शन सदा उसके साथ है (भजन 139:10); परमेश्वर का यही आश्वासन आज प्रत्येक मसीही विश्वासी के साथ भी है। परमेश्वर सदा ही आपको सही दिशा और सही मार्ग से ले जाना चाहता है। उसके हाथों में अपने जीवनों को समर्पित करके निशचिंत हो जाएं; आपको परमेश्वर से बेहतर कोई मार्गदर्शक कभी नहीं मिल सकता। सी. पी. हिया


गलत मार्ग पर चलने से बचने के लिए परमेश्वर के मार्गदर्शन में चलते रहें।

मैं तुझे बुद्धि दूंगा, और जिस मार्ग में तुझे चलना होगा उस में तेरी अगुवाई करूंगा; मैं तुझ पर कृपा दृष्टि रखूंगा और सम्मत्ति दिया करूंगा। - भजन 32:8

बाइबल पाठ:  भजन 139:1-10
Psalms 139:1 हे यहोवा, तू ने मुझे जांच कर जान लिया है।
Psalms 139:2 तू मेरा उठना बैठना जानता है; और मेरे विचारों को दूर ही से समझ लेता है। 
Psalms 139:3 मेरे चलने और लेटने की तू भली भांति छानबीन करता है, और मेरी पूरी चालचलन का भेद जानता है। 
Psalms 139:4 हे यहोवा, मेरे मुंह में ऐसी कोई बात नहीं जिसे तू पूरी रीति से न जानता हो। 
Psalms 139:5 तू ने मुझे आगे पीछे घेर रखा है, और अपना हाथ मुझ पर रखे रहता है। 
Psalms 139:6 यह ज्ञान मेरे लिये बहुत कठिन है; यह गम्भीर और मेरी समझ से बाहर है।
Psalms 139:7 मैं तेरे आत्मा से भाग कर किधर जाऊं? वा तेरे साम्हने से किधर भागूं? 
Psalms 139:8 यदि मैं आकाश पर चढूं, तो तू वहां है! यदि मैं अपना बिछौना अधोलोक में बिछाऊं तो वहां भी तू है! 
Psalms 139:9 यदि मैं भोर की किरणों पर चढ़ कर समुद्र के पार जा बसूं, 
Psalms 139:10 तो वहां भी तू अपने हाथ से मेरी अगुवाई करेगा, और अपने दाहिने हाथ से मुझे पकड़े रहेगा।

एक साल में बाइबल: 
  • प्रेरितों 25-26


रविवार, 16 नवंबर 2014

कार्य और सामर्थ


   1924 में जौनी नामक एक बालक ने, जिसे बास्केटबॉल खेलना बहुत अच्छा लगता था, गाँव के एक छोटे से स्कूल से आठवीं कक्षा की परीक्षा पास करी। उसके पिता का दिल अपने बेटे के लिए प्रेम से तो भरा था, किन्तु बेटे के स्कूल पास कर लेने पर उसे कोई ईनाम दे पाने के लिए उनकी जेब खाली थी। इसलिए जौनी के पिता ने उसे एक कार्ड पर जीवन निर्वाह के 7 सिद्धांत लिख कर ईनाम के रूप में दिए, और उसे प्रोत्साहित किया कि वह उनका प्रतिदिन पालन करना आरंभ कर दे। उन सात सिद्धांतों में से तीन थे: अच्छी पुस्तकों का, विशेष कर परमेश्वर के वचन बाइबल का प्रतिदिन गहराई के साथ अध्य्यन करना; प्रत्येक दिन को अपनी सर्वश्रेष्ठ कृति बनाने का प्रयास करना; और, प्रतिदिन अपने मार्गदर्शन के लिए परमेश्वर से प्रार्थना करना और उससे मिलने वाली आशीषों के लिए प्रतिदिन उसका धन्यवादी बने रहना।

   अपने सारे जीवन भर जौनी परमेश्वर से सामर्थ माँग कर अपना प्रत्येक दिन व्यतीत करता रहा। बड़ा होकर वह एक उतकृष्ठ बास्केटबॉल खिलाड़ी बना जिसने परड्यू विश्वविद्यालय में तीन बार सर्वश्रेष्ठ अमेरीकी बास्केटबॉल खिलाड़ी होने का खिताब जीता, और फिर आगे चलकर वह तब तक का सर्वश्रेष्ठ बास्केटबॉल प्रशिक्षक भी बना। जब 99 वर्ष की आयु में प्रशिक्षक जौन वुडेन की मृत्यु हुई, वह मृत्योप्रांत सबसे अधिक अपने चरित्र, अपने विश्वास और अनेक जीवनों को प्रभावित करने के लिए सराहे गए।

   परमेश्वर का वचन बाइबल आपके जीवन में अभूतपूर्व परिवर्तन और उन्नति लाने की सामर्थ रखती है। उसका हर खण्ड परमेश्वर के अद्भुत ज्ञान तथा सामर्थ से परिपूर्ण है। प्रभु यीशु ने अपने चेलों को एक छोटी सी प्रार्थना सिखाई (मत्ती 6:9-13); किन्तु इस छोटी सी प्रार्थना में परमेश्वर और उससे हमारे संबंध के बारे में विलक्षण बातें हैं। यह प्रार्थना सिखाती है कि परमेश्वर से हमारा संबंध पिता और सन्तान का है और हम इसी संबंध के आधार पर प्रार्थना में उसके सम्मुख निसंकोच आ सकते हैं; उसकी आराधना और स्तुति कर सकते हैं (पद 9); हमें परमेश्वर के राज्य और उसकी इच्छा के खोजी होना चाहिए (पद 10); अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए उस पर भरोसा रखना चाहिए (पद 11); और उससे क्षमा, छुटकारा तथा सामर्थ लेते रहना चाहिए (पद 12-13)।

   परमेश्वर के वचन बाइबल की यह अद्भुत शिक्षाएं, जैसे जौनी के जीवन में वैसे ही हमारे जीवनों में भी अद्भुत कार्य कर सकती हैं और हमें सामर्थ प्रदान कर सकती हैं कि हम भी अपने चरित्र, अपने विश्वास और अनेक जीवनों को प्रभावित करने के लिए जाने तथा सराहे जाने वाले व्यक्ति हो सकें। - डेविड मैक्कैसलैण्ड


प्रभु यीशु के प्रति समर्पण प्रतिदिन निर्वाह की बुलाहट है।

जवान अपनी चाल को किस उपाय से शुद्ध रखे? तेरे वचन के अनुसार सावधान रहने से। - भजन 119:9

बाइबल पाठ: मत्ती 6:5-15
Matthew 6:5 और जब तू प्रार्थना करे, तो कपटियों के समान न हो क्योंकि लोगों को दिखाने के लिये सभाओं में और सड़कों के मोड़ों पर खड़े हो कर प्रार्थना करना उन को अच्छा लगता है; मैं तुम से सच कहता हूं, कि वे अपना प्रतिफल पा चुके। 
Matthew 6:6 परन्तु जब तू प्रार्थना करे, तो अपनी कोठरी में जा; और द्वार बन्‍द कर के अपने पिता से जो गुप्‍त में है प्रार्थना कर; और तब तेरा पिता जो गुप्‍त में देखता है, तुझे प्रतिफल देगा। 
Matthew 6:7 प्रार्थना करते समय अन्यजातियों की नाईं बक बक न करो; क्योंकि वे समझते हैं कि उनके बहुत बोलने से उन की सुनी जाएगी। 
Matthew 6:8 सो तुम उन की नाईं न बनो, क्योंकि तुम्हारा पिता तुम्हारे मांगने से पहिले ही जानता है, कि तुम्हारी क्या क्या आवश्यक्ता है। 
Matthew 6:9 सो तुम इस रीति से प्रार्थना किया करो; “हे हमारे पिता, तू जो स्वर्ग में है; तेरा नाम पवित्र माना जाए। 
Matthew 6:10 तेरा राज्य आए; तेरी इच्छा जैसी स्वर्ग में पूरी होती है, वैसे पृथ्वी पर भी हो। 
Matthew 6:11 हमारी दिन भर की रोटी आज हमें दे। 
Matthew 6:12 और जिस प्रकार हम ने अपने अपराधियों को क्षमा किया है, वैसे ही तू भी हमारे अपराधों को क्षमा कर। 
Matthew 6:13 और हमें परीक्षा में न ला, परन्तु बुराई से बचा; क्योंकि राज्य और पराक्रम और महिमा सदा तेरे ही हैं।” आमीन। 
Matthew 6:14 इसलिये यदि तुम मनुष्य के अपराध क्षमा करोगे, तो तुम्हारा स्‍वर्गीय पिता भी तुम्हें क्षमा करेगा। 
Matthew 6:15 और यदि तुम मनुष्यों के अपराध क्षमा न करोगे, तो तुम्हारा पिता भी तुम्हारे अपराध क्षमा न करेगा।

एक साल में बाइबल: 
  • प्रेरितों 22-24


शनिवार, 15 नवंबर 2014

वर्णन


   बच्चों की प्रार्थनाएं हमें दिखाती हैं कि वे परमेश्वर के बारे में क्या विचार रखते हैं। हाल ही में मैंने दो प्रार्थनाएं पढ़ीं:
   - "प्रीय परमेश्वर, इसका क्या अर्थ हुआ कि आप ’जलन रखने वाले’ परमेश्वर हैं? मैंने तो सोचा था कि आप ही के पास तो सब कुछ है।"

   - "मैंने यह कभी नहीं सोचा था कि नारंगी रंग बैंगनी रंग के साथ मेल खाएगा, जब तक कि आपके द्वारा मंगलवार शाम को बनाया गया सूर्यास्त का दृश्य मैंने नहीं देख लिया - वह बहुत अच्छा था।"

   पहले बच्चे की समझ है कि क्योंकि परमेश्वर हर चीज़ का सृष्टिकर्ता और स्वामी है इसलिए उसे किसी बात की कोई घटी नहीं हो सकती; और दूसरे की सोच है कि परमेश्वर हमें बहुत सुन्दर दृश्य बना और दिखा सकता है। ये दोनों बच्चे अपनी अपनी सोच में सही हैं, लेकिन परमेश्वर अपने बारे में हमें क्या वर्णन देता है?

   जब परमेश्वर ने उसे इस्त्राएल को मिस्त्र के दासत्व से निकाल कर वाचा किए हुए देश कनान में ले जाने के लिए चुना तब मूसा के सामने भी यही प्रश्न था और उसे इस बात का उत्तर चाहिए था। वह अपने साथ परमेश्वर की उपस्थिति और अगुवाई के लिए सुनिश्चित हो जाना चाहता था, इसलिए मूसा ने परमेश्वर से विनती करी कि अपने आप को प्रगट करे (निर्गमन 33:13, 18)। प्रत्युत्तर में परमेश्वर बादल में होकर उतर आया और अपने आप को मूसा पर यह कहते हुए प्रगट किया: "तब यहोवा ने बादल में उतर के उसके संग वहां खड़ा हो कर यहोवा नाम का प्रचार किया। और यहोवा उसके साम्हने हो कर यों प्रचार करता हुआ चला, कि यहोवा, यहोवा, ईश्वर दयालु और अनुग्रहकारी, कोप करने में धीरजवन्त, और अति करूणामय और सत्य, हजारों पीढिय़ों तक निरन्तर करूणा करने वाला, अधर्म और अपराध और पाप का क्षमा करने वाला है, परन्तु दोषी को वह किसी प्रकार निर्दोष न ठहराएगा, वह पितरों के अधर्म का दण्ड उनके बेटों वरन पोतों और परपोतों को भी देने वाला है" (निर्गमन 34:5-7)।

   इस महान और अद्वितीय परमेश्वर के बारे में आज हम भी जान सकते हैं और हमारे साथ उसके संबंध के विषय में आश्वस्त हो सकते हैं, क्योंकि उसने अपने आप को अपने पुत्र, प्रभु यीशु मसीह के रूप में प्रकट किया है, अपने वचन बाइबल में अपना वर्णन दिया है। जैसे जैसे हम प्रभु यीशु और परमेश्वर के वचन बाइबल की निकटता में बढ़ते जाएंगे, हम परमेश्वर को, हमारे प्रति उसके प्रेम को, सदा हमारी भलाई करते रहने की उसकी लालसा को और अधिक सफाई से समझते जाएंगे। - ऐनी सेटास


परमेश्वर पिता के समान और तुल्य और कोई नहीं है।

क्योंकि उस[मसीह यीशु] में ईश्वरत्‍व की सारी परिपूर्णता सदेह वास करती है। - कुलुस्सियों 2:9

बाइबल पाठ: निर्गमन 34:1-8, इब्रानियों 1:1-3
Exodus 34:1 फिर यहोवा ने मूसा से कहा, पहिली तख्तियों के समान पत्थर की दो और तख्तियां गढ़ ले; तब जो वचन उन पहिली तख्तियों पर लिखे थे, जिन्हें तू ने तोड़ डाला, वे ही वचन मैं उन तख्तियों पर भी लिखूंगा। 
Exodus 34:2 और बिहान को तैयार रहना, और भोर को सीनै पर्वत पर चढ़कर उसकी चोटी पर मेरे साम्हने खड़ा होना। 
Exodus 34:3 और तेरे संग कोई न चढ़ पाए, वरन पर्वत भर पर कोई मनुष्य कहीं दिखाई न दे; और न भेड़-बकरी और गाय-बैल भी पर्वत के आगे चरते पाएं। 
Exodus 34:4 तब मूसा ने पहिली तख्तियों के समान दो और तख्तियां गढ़ी; और बिहान को सवेरे उठ कर अपने हाथ में पत्थर की वे दोनों तख्तियां ले कर यहोवा की आज्ञा के अनुसार पर्वत पर चढ़ गया। 
Exodus 34:5 तब यहोवा ने बादल में उतर के उसके संग वहां खड़ा हो कर यहोवा नाम का प्रचार किया। 
Exodus 34:6 और यहोवा उसके साम्हने हो कर यों प्रचार करता हुआ चला, कि यहोवा, यहोवा, ईश्वर दयालु और अनुग्रहकारी, कोप करने में धीरजवन्त, और अति करूणामय और सत्य, 
Exodus 34:7 हजारों पीढिय़ों तक निरन्तर करूणा करने वाला, अधर्म और अपराध और पाप का क्षमा करने वाला है, परन्तु दोषी को वह किसी प्रकार निर्दोष न ठहराएगा, वह पितरों के अधर्म का दण्ड उनके बेटों वरन पोतों और परपोतों को भी देने वाला है। 
Exodus 34:8 तब मूसा ने फुर्ती कर पृथ्वी की ओर झुककर दण्डवत की।

Hebrews 1:1 पूर्व युग में परमेश्वर ने बाप दादों से थोड़ा थोड़ा कर के और भांति भांति से भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा बातें कर के। 
Hebrews 1:2 इन दिनों के अन्‍त में हम से पुत्र के द्वारा बातें की, जिसे उसने सारी वस्‍तुओं का वारिस ठहराया और उसी के द्वारा उसने सारी सृष्‍टि रची है। 
Hebrews 1:3 वह उस की महिमा का प्रकाश, और उसके तत्‍व की छाप है, और सब वस्‍तुओं को अपनी सामर्थ के वचन से संभालता है: वह पापों को धोकर ऊंचे स्थानों पर महामहिमन के दाहिने जा बैठा।

एक साल में बाइबल: 
  • प्रेरितों 19-21


शुक्रवार, 14 नवंबर 2014

नई शुरूआत


   मुझे एक गन्ध आई, जो किसी चीज़ के जलने की गन्ध के समान थी। मैं तुरंत दौड़कर रसोईघर में गई, लेकिन वहाँ तो कुछ भी नहीं पक रहा था, स्टोव और तंदूर दोनो बन्द थे। मैं उस गन्ध को सूँघते-सूँघते सारे घर में घूम ली, हर कमरे में गई, और अन्ततः मुझे मेरी नाक मेरे दफतर की ओर ले गई, और फिर मेरे काम करने की मेज़ पर, जिसके नीचे हमारी पालतु कुतिया मैगी बड़ी-बड़ी आँखों से मेरी ओर देख रही थी; वह गन्ध उससे ही आ रही थी और वह उस गन्ध से बचाने का मानो मुझ से आग्रह कर रही थी। जिसे मैं पहले जलने की गन्ध समझ बैठी थी वह वास्तव में स्कंक की गन्ध थी, जो हमारे इलाके में पाया जाने वाला एक छोटा जानवर होता है, और जब उस पर कोई हमला करता है तो वह हमलावर से बचने के लिए तेज़ बदबू छोड़ता है। मैगी ने बाहर किसी स्कंक पर हमला किया होगा और उस स्कंक की वह गन्ध अब मैगी पर आ गई थी, जिससे बचने के लिए वह सारे घर में घूमकर अब मेरे दफतर में मेरी मेज़ के नीचे आकर बैठ गई थी। उस दुर्गन्ध से बचने के लिए मैगी ने जो कुछ उससे बन सकता था किया, घर के हर स्थान पर गई, लेकिन वह यह नहीं समझ पा रही थी कि परेशान करने वाली वह दुर्गन्ध कहीं और से नहीं, स्वयं उसी में से आ रही थी, और वह चाहे जहाँ छुपने का प्रयास कर ले, दुर्गन्ध उसके साथ ही रहेगी। उस दुर्गन्ध को मैगी और घर से दूर करने के लिए मुझे मैगी को साफ करना पड़ा, तब ही उस समस्या का निवारण हो सका।

   मैगी की इस दुविधा ने मुझे मेरे प्रयासों के बारे में स्मरण कराया; अनेक बार मैं कष्टदायी परिस्थितियों से भागने का असफल प्रयास करती हूँ, परन्तु फिर मालुम पड़ता है कि समस्या परिस्थिति में नहीं स्वयं मुझे में ही है। समस्याओं के लिए दूसरों को दोषी ठहराने या उनसे छिपने का प्रयास करने की हमारी यह प्रवृत्ति हमारे आदि माता-पिता, आदम और हव्वा से हमें मिली है, जिन्होंने पाप करके पहले परमेश्वर से छुपने का फिर दूसरों पर दोषारोपण का प्रयास किया। लेकिन जैसे तब, वैसे ही अब भी, समस्या से भागने से उसके दुषपरिणामों से बचा नहीं जा सकता, क्योंकि समस्या भी हमारे ही साथ है और उसके दुषपरिणाम भी हमारे ही साथ होंगे।

   जैसे मैगी को, वैसे ही हमें भी अपनी सफाई के लिए समस्या से भागने या छिपने का प्रयास करने की नहीं वरन साफ कर सकने वाले एक सहायक की आवश्यकता होती है। हमारा प्रभु यीशु ही वह सहायक है जिसका कलवरी के क्रूस पर बहाया गया लोहू संसार के हर व्यक्ति के हर पाप को धोकर उसे शुद्ध और साफ करने की क्षमता रखता है। मैं परमेश्वर की बहुत धन्यवादी हूँ कि जब कभी मैं किसी पाप में पड़ती हूँ, और पश्चाताप के साथ उसे उसके सामने मान लेती हूँ तो वह अपने वायदे: "यदि हम अपने पापों को मान लें, तो वह हमारे पापों को क्षमा करने, और हमें सब अधर्म से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य और धर्मी है" (1 यूहन्ना 1:9) के अनुसार मुझे क्षमा करता है और साफ भी करता है, तथा मुझे एक नई शुरूआत प्रदान करता है; और यही नई शुरूआत हर उस व्यक्ति के लिए सेंत-मेंत उपलब्ध है जो प्रभु यीशु के पास पापों की क्षमा तथा उद्धार पाने के लिए आता है। - जूली ऐकैरमैन लिंक


पाप के दाग़ मसीह यीशु के लोहू ही से धुल सकते हैं।

पर यदि जैसा वह ज्योति में है, वैसे ही हम भी ज्योति में चलें, तो एक दूसरे से सहभागिता रखते हैं; और उसके पुत्र यीशु का लोहू हमें सब पापों से शुद्ध करता है। - 1 यूहन्ना 1:7

बाइबल पाठ: उत्पत्ति 3:6-24
Genesis 3:6 सो जब स्त्री ने देखा कि उस वृक्ष का फल खाने में अच्छा, और देखने में मनभाऊ, और बुद्धि देने के लिये चाहने योग्य भी है, तब उसने उस में से तोड़कर खाया; और अपने पति को भी दिया, और उसने भी खाया। 
Genesis 3:7 तब उन दोनों की आंखे खुल गई, और उन को मालूम हुआ कि वे नंगे है; सो उन्होंने अंजीर के पत्ते जोड़ जोड़ कर लंगोट बना लिये। 
Genesis 3:8 तब यहोवा परमेश्वर जो दिन के ठंडे समय बाटिका में फिरता था उसका शब्द उन को सुनाई दिया। तब आदम और उसकी पत्नी बाटिका के वृक्षों के बीच यहोवा परमेश्वर से छिप गए। 
Genesis 3:9 तब यहोवा परमेश्वर ने पुकार कर आदम से पूछा, तू कहां है? 
Genesis 3:10 उसने कहा, मैं तेरा शब्द बारी में सुन कर डर गया क्योंकि मैं नंगा था; इसलिये छिप गया। 
Genesis 3:11 उसने कहा, किस ने तुझे चिताया कि तू नंगा है? जिस वृक्ष का फल खाने को मैं ने तुझे बर्जा था, क्या तू ने उसका फल खाया है? 
Genesis 3:12 आदम ने कहा जिस स्त्री को तू ने मेरे संग रहने को दिया है उसी ने उस वृक्ष का फल मुझे दिया, और मैं ने खाया। 
Genesis 3:13 तब यहोवा परमेश्वर ने स्त्री से कहा, तू ने यह क्या किया है? स्त्री ने कहा, सर्प ने मुझे बहका दिया तब मैं ने खाया। 
Genesis 3:14 तब यहोवा परमेश्वर ने सर्प से कहा, तू ने जो यह किया है इसलिये तू सब घरेलू पशुओं, और सब बनैले पशुओं से अधिक शापित है; तू पेट के बल चला करेगा, और जीवन भर मिट्टी चाटता रहेगा: 
Genesis 3:15 और मैं तेरे और इस स्त्री के बीच में, और तेरे वंश और इसके वंश के बीच में बैर उत्पन्न करुंगा, वह तेरे सिर को कुचल डालेगा, और तू उसकी एड़ी को डसेगा। 
Genesis 3:16 फिर स्त्री से उसने कहा, मैं तेरी पीड़ा और तेरे गर्भवती होने के दु:ख को बहुत बढ़ाऊंगा; तू पीड़ित हो कर बालक उत्पन्न करेगी; और तेरी लालसा तेरे पति की ओर होगी, और वह तुझ पर प्रभुता करेगा। 
Genesis 3:17 और आदम से उसने कहा, तू ने जो अपनी पत्नी की बात सुनी, और जिस वृक्ष के फल के विषय मैं ने तुझे आज्ञा दी थी कि तू उसे न खाना उसको तू ने खाया है, इसलिये भूमि तेरे कारण शापित है: तू उसकी उपज जीवन भर दु:ख के साथ खाया करेगा: 
Genesis 3:18 और वह तेरे लिये कांटे और ऊंटकटारे उगाएगी, और तू खेत की उपज खाएगा ; 
Genesis 3:19 और अपने माथे के पसीने की रोटी खाया करेगा, और अन्त में मिट्टी में मिल जाएगा; क्योंकि तू उसी में से निकाला गया है, तू मिट्टी तो है और मिट्टी ही में फिर मिल जाएगा। 
Genesis 3:20 और आदम ने अपनी पत्नी का नाम हव्वा रखा; क्योंकि जितने मनुष्य जीवित हैं उन सब की आदिमाता वही हुई। 
Genesis 3:21 और यहोवा परमेश्वर ने आदम और उसकी पत्नी के लिये चमड़े के अंगरखे बना कर उन को पहिना दिए। 
Genesis 3:22 फिर यहोवा परमेश्वर ने कहा, मनुष्य भले बुरे का ज्ञान पाकर हम में से एक के समान हो गया है: इसलिये अब ऐसा न हो, कि वह हाथ बढ़ा कर जीवन के वृक्ष का फल भी तोड़ के खा ले और सदा जीवित रहे। 
Genesis 3:23 तब यहोवा परमेश्वर ने उसको अदन की बाटिका में से निकाल दिया कि वह उस भूमि पर खेती करे जिस में से वह बनाया गया था। 
Genesis 3:24 इसलिये आदम को उसने निकाल दिया और जीवन के वृक्ष के मार्ग का पहरा देने के लिये अदन की बाटिका के पूर्व की ओर करुबों को, और चारों ओर घूमने वाली ज्वालामय तलवार को भी नियुक्त कर दिया।

एक साल में बाइबल: 
  • प्रेरितों 17-18


गुरुवार, 13 नवंबर 2014

इन्कार


   उसके घर पर हमारे पहुँचने के पश्चात मार्टी ने हम से कहा, "अच्छा, तो नियम इस प्रकार से हैं; आप सब जो चाहें, जब चाहें, जहाँ चाहें वह सब कर सकते हैं सिवाय उसके जिसके लिए आप को इन्कार किया जाए।" जब हम छुट्टी बिताने हमारे मित्र मार्टी के झील के किनारे बने घर पर गए तब उससे हमें मिलने वाले ये पहले निर्देश थे। मार्टी और उसकी पत्नि लिन्न को आतिथ्य बहुत अच्छा लगता है और वे अपने अतित्थियों को अपने घर में आनन्द मनाने के लिए बहुत स्वतंत्रता देते हैं। हमने जब वहाँ झील में नौका विहार के लिए भिन्न नावों को देखा तो हम समझ गए कि वह दोपहर हमारे लिए बड़े आनन्द का समय होने वाली थी। मार्टी के घर में हमारे प्रवास के सारे समय में मार्टी ने केवल एक बार ’ना’ बोला, जब उसने देखा कि हमारी नाव के निकट तैर रहे कुछ हंसों को हम कुछ खाना खिलाने पर थे। उसने ऐसा इसलिए किया क्योंकि वह उन हंसों के बर्ताव को जानता था, जो हम नहीं जान्ते थे - यदि एक बार उन्हें कुछ खाने को दिया जाता तो वे और माँगने लगते और नहीं मिलने पर आक्रमक हो जाते।

   परमेश्वर ने हमारे आदि माता-पिता आदम और हव्वा के लिए एक बहुत अच्छा स्थान बना कर दिया था और उन्हें वहाँ आनन्दित रहने के लिए बहुत स्वतंत्रता थी। परमेश्वर ने केवल एक बात के लिए उन्हें मना किया था - एक विशेष पेड़ से उन्हें फल नहीं खाना था, बाकि सब कुछ उनके लिए खुला था। लेकिन शैतान के बहकावे में आकर उन्होंने परमेश्वर की इस आज्ञा की अवहेलना करी, शैतान की बातों के कारण उन्हें लगा कि वे परमेश्वर से बेहतर जानते हैं। उनकी इस एक अनाज्ञाकारिता के कारण पाप संसार में आया और पाप के साथ मृत्यु भी आई तथा संसार में फैल गई।

   हम भी कई बार वही गलती करते हैं जो आदम और हव्वा ने करी थी - परमेश्वर के इन्कार के बावजूद अपनी इच्छा को पूरा करना। अनेक बार हम नहीं समझ पाते हैं कि परमेश्वर ने किसी बात के लिए इन्कार क्यों किया है। लेकिन हमें यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि परमेश्वर का उद्देश्य सदा हमारी भलाई ही रहता है, और उसका इन्कार भी इसी भलाई के लिए होता है। आज चाहे किसी बात के लिए हमें उसके इन्कार का सामना करना पड़े, लेकिन स्मरण रखें कि उस इन्कार के साथ परमेश्वर हम से यह भी कह रहा है कि, "मेरा विश्वास करो, मैं जानता हूँ कि तुम्हारे लिए क्या भला है; बस मेरी बात मान कर चलते रहो।" - सिंडी हैस कैसपर


परमेश्वर हमारी कोई विनती अस्वीकार कर सकता है परन्तु हमारी भलाई करते रहने के विश्वास को कभी तोड़ नहीं सकता।

पर भले या बुरे के ज्ञान का जो वृक्ष है, उसका फल तू कभी न खाना: क्योंकि जिस दिन तू उसका फल खाए उसी दिन अवश्य मर जाएगा। -  उत्पत्ति 2:17

बाइबल पाठ: उत्पत्ति 3:1-7
Genesis 3:1 यहोवा परमेश्वर ने जितने बनैले पशु बनाए थे, उन सब में सर्प धूर्त था, और उसने स्त्री से कहा, क्या सच है, कि परमेश्वर ने कहा, कि तुम इस बाटिका के किसी वृक्ष का फल न खाना? 
Genesis 3:2 स्त्री ने सर्प से कहा, इस बाटिका के वृक्षों के फल हम खा सकते हैं। 
Genesis 3:3 पर जो वृक्ष बाटिका के बीच में है, उसके फल के विषय में परमेश्वर ने कहा है कि न तो तुम उसको खाना और न उसको छूना, नहीं तो मर जाओगे। 
Genesis 3:4 तब सर्प ने स्त्री से कहा, तुम निश्चय न मरोगे, 
Genesis 3:5 वरन परमेश्वर आप जानता है, कि जिस दिन तुम उसका फल खाओगे उसी दिन तुम्हारी आंखें खुल जाएंगी, और तुम भले बुरे का ज्ञान पाकर परमेश्वर के तुल्य हो जाओगे। 
Genesis 3:6 सो जब स्त्री ने देखा कि उस वृक्ष का फल खाने में अच्छा, और देखने में मनभाऊ, और बुद्धि देने के लिये चाहने योग्य भी है, तब उसने उस में से तोड़कर खाया; और अपने पति को भी दिया, और उसने भी खाया। 
Genesis 3:7 तब उन दोनों की आंखे खुल गई, और उन को मालूम हुआ कि वे नंगे है; सो उन्होंने अंजीर के पत्ते जोड़ जोड़ कर लंगोट बना लिये।

एक साल में बाइबल: 
प्रेरितों 15-16

बुधवार, 12 नवंबर 2014

जोखिम


   बुनियादी सैनिक प्रशिक्षण के समय डेनिस रौस से उसके साथी सैनिक तथा उसका प्रशिक्षक बहुत अप्रसन्न रहते थे क्योंकि वह शान्तिप्रीय था और युद्ध के लिए हथियार उठाने से इन्कार करता था। उसके इस भाव के कारण उसके साथी उसके साहस पर शक करते थे। डेनिस मसीही विश्वासी था और उसका प्रशिक्षण युद्ध समय में घायल सैनिकों तक चिकित्सा सहायता पहुँचाने का था, उसे युद्ध भूमि पर जाने में कोई संकोच नहीं था, लेकिन वहाँ वह जान बचाने के लिए जाना चाहता था, जान लेने के लिए नहीं।

   डेनिस के साहस को लेकर उसके साथियों का सन्देह जाता रहा जब उसकी टुकड़ी को युद्ध क्षेत्र में जाने का आदेश मिला। दूसरे विश्वयुद्ध के समय ओकिनावा के युद्ध में डेनिस ने अद्भुत साहस का प्रदर्शन किया। मशीनगन से हो रही गोलियों की बौछार में भी वह युद्ध में घायल हो रहे सैनिकों को खींच-खींच कर सुरक्षित स्थानों पर लाता रहा। उसकी प्रार्थना रहती थी, "प्रभु, मुझे एक और घायल सैनिक को बचा लाने की सामर्थ दे।" अन्ततः डेनिस ने 70 से भी अधिक घायल सैनिकों को एक पहाड़ी से नीचे सुरक्षित स्थान पर चिकित्सीय सहायता के लिए पहुँचाया। उसके इस साहसिक कार्य के लिए उसे अपने देश का सर्वोच्च सैनिक सम्मान पदक दिया गया।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में एक ऐसे ही मसीही विश्वासी "सैनिक" का उल्लेख है जिसने अपनी जान जोखिम में डालकर दूसरों की सहायता करी। प्रेरित पौलुस ने इपफ्रुदितुस के विषय में लिखा, "इसलिये तुम प्रभु में उस से बहुत आनन्द के साथ भेंट करना, और ऐसों का आदर किया करना। क्योंकि वही मसीह के काम के लिये अपने प्राणों पर जोखिम उठा कर मरने के निकट हो गया था, ताकि जो घटी तुम्हारी ओर से मेरी सेवा में हुई, उसे पूरा करे" (फिलिप्पियों 2:29-30)।

   आज सारे संसार में अनेकों मसीही विश्वासी प्रभु यीशु में लाए गए विश्वास द्वारा सारे संसार के हर व्यक्ति के लिए सेंत-मेंत उपलब्ध पापों की क्षमा और उद्धार का सुसमाचार सुनाने के कारण अपने प्राणों को जोखिम में डाले हुए हैं। उन सभी के लिए प्रार्थना करें कि उन संकटपूर्ण परिस्थितियों में उसकी सेवकाई करते समय परमेश्वर उनकी रक्षा करता रहे और उनकी सहायता के लिए उपयुक्त सेवकों को भी खड़ा करे। - डेनिस फिशर


साहस का अर्थ आगे बढ़ने की शक्ति रखना नहीं है, वरन शक्ति ना होते हुए भी आगे बढ़ते रहना है।

और हे भाइयों, हम तुम से बिनती करते हैं, कि जो तुम में परिश्रम करते हैं, और प्रभु में तुम्हारे अगुवे हैं, और तुम्हें शिक्षा देते हैं, उन्हें मानो। - 1 थिस्सुलुनीकियों 5:12 

बाइबल पाठ: फिलिप्पियों 2:25-30
Philippians 2:25 पर मैं ने इपफ्रदीतुस को जो मेरा भाई, और सहकर्मी और संगी योद्धा और तुम्हारा दूत, और आवश्यक बातों में मेरी सेवा टहल करने वाला है, तुम्हारे पास भेजना अवश्य समझा। 
Philippians 2:26 क्योंकि उसका मन तुम सब में लगा हुआ था, इस कारण वह व्याकुल रहता था क्योंकि तुम ने उस की बीमारी का हाल सुना था। 
Philippians 2:27 और निश्‍चय वह बीमार तो हो गया था, यहां तक कि मरने पर था, परन्तु परमेश्वर ने उस पर दया की; और केवल उस ही पर नहीं, पर मुझ पर भी, कि मुझे शोक पर शोक न हो। 
Philippians 2:28 इसलिये मैं ने उसे भेजने का और भी यत्‍न किया कि तुम उस से फिर भेंट कर के आनन्‍दित हो जाओ और मेरा भी शोक घट जाए। 
Philippians 2:29 इसलिये तुम प्रभु में उस से बहुत आनन्द के साथ भेंट करना, और ऐसों का आदर किया करना। 
Philippians 2:30 क्योंकि वही मसीह के काम के लिये अपने प्राणों पर जोखिम उठा कर मरने के निकट हो गया था, ताकि जो घटी तुम्हारी ओर से मेरी सेवा में हुई, उसे पूरा करे।

एक साल में बाइबल: 
  • प्रेरितों 13-14


मंगलवार, 11 नवंबर 2014

मृत्यु तक विश्वासयोग्य


   इंगलैंड के लिवरपूल शहर में स्थित वॉल्कर आर्ट गैलरी में एक चित्र है जिसका शीर्षक है "Faithful unto Death" अर्थात मृत्यु तक विश्वासयोग्य। यह चित्र प्राचीन शहर पौम्पी का है जो सन 79 के माउंट वेसुवियस ज्वालामुखी फटने से कुछ ही पलों में लावा और राख में दफन हो गया और वहाँ के जीवन के वे क्षण राख में दबे हुए आज भी अपनी कहानी बताते हैं। उस चित्र में एक रोमी सिपाही को दिखाया गया है जो अपने सैनिक वस्त्र धारण किए हुए सन्तरी के कार्य पर डटा हुआ है जबकि उसके आस-पास सब कुछ लावा और राख में दबता जा रहा है। यह चित्र पौम्पी में राख में दबे हुए खड़े एक सैनिक के अवशेषों को देखकर बनाया गया है। यह चित्र गवाह है उन विश्वासयोग्य पहरेदारों का जो अपने चारों ओर हो रहे भयनाक विनाश में भी अपने स्थानों पर स्थिर डटे रहे।

   परमेश्वर के वचन बाइबल की अन्तिम पुस्तक प्रकाशितवाक्य में भी प्रभु यीशु पहली शताब्दी की स्मुरना की मसीही विश्वासियों की मण्डली को संबोधित करते हुए उन्हें आश्वस्त करता है कि वह उनके मसीही विश्वास के कारण उन पर आ रहे सताव को जानता है, उसने उनकी विश्वासयोग्यता को देखा है, और मसीह यीशु उन्हें उन विकट परिस्थितियों में भी विश्वासयोग्य बने रहने को प्रेरित करता है: "मैं तेरे क्‍लेश और दरिद्रता को जानता हूं; (परन्तु तू धनी है); और जो लोग अपने आप को यहूदी कहते हैं और हैं नहीं, पर शैतान की सभा हैं, उन की निन्‍दा को भी जानता हूं। जो दु:ख तुझ को झेलने होंगे, उन से मत डर: क्योंकि देखो, शैतान तुम में से कितनों को जेलखाने में डालने पर है ताकि तुम परखे जाओ; और तुम्हें दस दिन तक क्‍लेश उठाना होगा: प्राण देने तक विश्वासी रह; तो मैं तुझे जीवन का मुकुट दूंगा" (प्रकाशितवाक्य 2:9-10)।

   हमारा प्रभु परमेश्वर हमारी परिस्थितियों और हमारे अनुभवों को भली-भांति जानता है, वह हमारे विषय में कुछ ऐसा भी जानता है जिसे हम नहीं जानते - हमारा भविष्य। चाहे इस संसार में हमें क्लेषों से होकर निकलना पड़े और सांसारिक वस्तुओं या जीवन का नुकसान भी उठाना पड़े, लेकिन हमारी अनन्तकाल की आशीषें और अनन्तकाल का जीवन सदा हमारे प्रभु परमेश्वर के साथ सुरक्षित है, और अपने प्रभु की सामर्थ से हम जब तक इस संसार में हैं, उसके द्वारा निर्धारित स्थानों पर उसके लिए मृत्यु तक विश्वासयोग्य बने रह सकते है (फिलिप्पियों 4:12-13) तथा मृत्योप्रांत उसके साथ अनन्त महिमा में प्रवेश करने को तैयार हो सकते हैं। - बिल क्राउडर


हमारे विश्वास की परीक्षा, परमेश्वर की विश्वास्योग्यता प्रमाणित करने का अवसर होती है।

मैं दीन होना भी जानता हूं और बढ़ना भी जानता हूं: हर एक बात और सब दशाओं में तृप्‍त होना, भूखा रहना, और बढ़ना-घटना सीखा है। जो मुझे सामर्थ देता है उस में मैं सब कुछ कर सकता हूं। फिलिप्पियों 4:12-13

बाइबल पाठ: प्रकाशितवाक्य 2:8-11
Revelation 2:8 और स्मुरना की कलीसिया के दूत को यह लिख, कि, जो प्रथम और अन्‍तिम है; जो मर गया था और अब जीवित हो गया है, वह यह कहता है कि। 
Revelation 2:9 मैं तेरे क्‍लेश और दरिद्रता को जानता हूं; (परन्तु तू धनी है); और जो लोग अपने आप को यहूदी कहते हैं और हैं नहीं, पर शैतान की सभा हैं, उन की निन्‍दा को भी जानता हूं। 
Revelation 2:10 जो दु:ख तुझ को झेलने होंगे, उन से मत डर: क्योंकि देखो, शैतान तुम में से कितनों को जेलखाने में डालने पर है ताकि तुम परखे जाओ; और तुम्हें दस दिन तक क्‍लेश उठाना होगा: प्राण देने तक विश्वासी रह; तो मैं तुझे जीवन का मुकुट दूंगा। 
Revelation 2:11 जिस के कान हों, वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं से क्या कहता है: जो जय पाए, उसको दूसरी मृत्यु से हानि न पहुंचेगी।

एक साल में बाइबल: 
  • प्रेरितों 10-12


सोमवार, 10 नवंबर 2014

भय


   मुझे अपने बचपन का भय कभी नहीं भूलता; मुझे लगता था कि मेरे बिस्तर पर पड़े कपड़े कमरे की बत्ती बुझते ही परछाईं जैसे दैत्य में बदल जाएंगे और मेरी नींद उड़ जाती थी। बचपन में ही भय से उत्पन्न इस अनिंद्रा की स्थिति ने मुझे जता दिया कि जीवन की परेशानियों में भय मेरा मित्र कदापि नहीं है। भय हमें आगे बढ़ने से रोकता है, जो करना चाहिए वह नहीं करने देता, हमें शक्तिहीन बना देता है। मैंने अपने अनुभवों से यह भी सीखा है कि भय का एक ही निवारण है - प्रभु यीशु पर अपनी नज़रें लगाए रखना, उससे सामर्थ और मार्गदर्शन पाकर जीवन में आगे बढ़ते रहना।

   परमेश्वर के वचन बाइबल के नए नियम खण्ड में प्रभु यीशु के शिष्यों के सामने विकट परिस्थिति थी, वे नाव में यात्रा कर रहे थे और तूफान में फंस गए थे; तेज़ हवा और ऊँची लहरों के थपड़ों से नाव डूबने की आशंका हो रही थी। ऐसे में प्रभु यीशु पानी पर चलकर उनके पास आए और उन्हें सांत्वना दी, "यीशु ने तुरन्त उन से बातें की, और कहा; ढाढ़स बान्‍धो; मैं हूं; डरो मत" (मत्ती 14:27)। प्रभु यीशु के क्रूस पर मारे जाने और फिर मृतकों में से जी उठने के बाद भी उन्होंने भय से बन्द कमरे में जमा अपने शिष्यों के पास आकर उनसे पूछा, "उसने उन से कहा; क्यों घबराते हो और तुम्हारे मन में क्यों सन्‍देह उठते हैं?" (लूका 24:38)। मसीही जीवन में आने वाले क्लेषों की अवश्यंभाविता के विषय में प्रभु ने चेलों को आश्वस्त किया, "मैं ने ये बातें तुम से इसलिये कही हैं, कि तुम्हें मुझ में शान्‍ति मिले; संसार में तुम्हें क्‍लेश होता है, परन्तु ढाढ़स बांधो, मैं ने संसार को जीत लिया है" (यूहन्ना 16:33)। इन सभी उदाहरणों से यह बात स्पष्ट है कि प्रभु यीशु की अपने चेलों के साथ बनी रहने वाली उपस्थिति और उससे उन्हें मिलने वाली सामर्थ पर किया गया विश्वास ही हम मसीही विश्वासियों के लिए भय पर जय पाने का मार्ग है।

   एक चिर-परिचित अंग्रेज़ी भाषा में लिखे गए भजन के भाव हैं, "अपनी नज़रें प्रभु यीशु पर टिकाए रखो, उसके अद्भुत चेहरे को भरपूरी से निहारते रहो और तुम पाओगे कि उसकी महिमा और अनुग्रह के प्रकाश में संसार की बातें धूमिल हो जाएंगी।" हम मसीही विश्वासी हर परिस्थिति और संसार की हर बात के भय में इस बात से आश्वस्त और शान्त होकर रह सकते हैं कि हमारा परमेश्वर प्रभु सदा हमारे साथ है, हमारा सहायक है। - जो स्टोवैल


जीवन के आंधी-तूफानों में प्रभु यीशु की उपस्थिति और उससे उपलब्ध सामर्थ में विश्वास रखें।

तू हियाव बान्ध और दृढ़ हो, उन से न डर और न भयभीत हो; क्योंकि तेरे संग चलने वाला तेरा परमेश्वर यहोवा है; वह तुझ को धोखा न देगा और न छोड़ेगा। - व्यवस्थाविवरण 31:6

बाइबल पाठ: मत्ती 14:22-33
Matthew 14:22 और उसने तुरन्त अपने चेलों को बरबस नाव पर चढ़ाया, कि वे उस से पहिले पार चले जाएं, जब तक कि वह लोगों को विदा करे। 
Matthew 14:23 वह लोगों को विदा कर के, प्रार्थना करने को अलग पहाड़ पर चढ़ गया; और सांझ को वहां अकेला था। 
Matthew 14:24 उस समय नाव झील के बीच लहरों से डगमगा रही थी, क्योंकि हवा साम्हने की थी। 
Matthew 14:25 और वह रात के चौथे पहर झील पर चलते हुए उन के पास आया। 
Matthew 14:26 चेले उसको झील पर चलते हुए देखकर घबरा गए! और कहने लगे, वह भूत है; और डर के मारे चिल्ला उठे। 
Matthew 14:27 यीशु ने तुरन्त उन से बातें की, और कहा; ढाढ़स बान्‍धो; मैं हूं; डरो मत। 
Matthew 14:28 पतरस ने उसको उत्तर दिया, हे प्रभु, यदि तू ही है, तो मुझे अपने पास पानी पर चलकर आने की आज्ञा दे। 
Matthew 14:29 उसने कहा, आ: तब पतरस नाव पर से उतरकर यीशु के पास जाने को पानी पर चलने लगा। 
Matthew 14:30 पर हवा को देखकर डर गया, और जब डूबने लगा, तो चिल्लाकर कहा; हे प्रभु, मुझे बचा। 
Matthew 14:31 यीशु ने तुरन्त हाथ बढ़ाकर उसे थाम लिया, और उस से कहा, हे अल्प-विश्वासी, तू ने क्यों सन्‍देह किया? 
Matthew 14:32 जब वे नाव पर चढ़ गए, तो हवा थम गई। 
Matthew 14:33 इस पर जो नाव पर थे, उन्होंने उसे दण्‍डवत कर के कहा; सचमुच तू परमेश्वर का पुत्र है।

एक साल में बाइबल: 
प्रेरितों 6-9