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शुक्रवार, 31 अक्तूबर 2014

विश्वासयोग्य और धर्मी


   यदि आपको कुछ छुपाने की आवश्यकता है तो माईक स्लैट्री के पास आपके लिए समाधान हो सकता है। कोलारैडो स्प्रिंग्स से प्रकाशित होने वाले अखबार द गैज़ट में एक खबर छपी थी कि बहुत वर्ष पहले एक सेल-फोन कंपनी ने उस इलाके में अपने फोन के प्रयोग के लिए माईक की ज़मीन पर एन्टिना लगाना चाहा और उसे एक देवदार के पेड़ का स्वरूप देकर लोगों से छुपाए रखना चाहा। माईक को उस एन्टिना के छुपाने के लिए और बेहतर विचार आया - उसने उस ज़मीन पर एक बनावटी खलिहान खड़ा कर दिया जिसकी दीवारें ऐसे प्लास्टिक से बनी थीं जिन में से होकर रेडियो तरेंगे सरलता से जा सकती थीं। आगे चलकर माईक ने इसी विचार को लेकर अपनी कंपनी स्थापित कर ली जो एन्टिना छुपाने और उन्हें सुरक्षित रखने के लिए तरह तरह के आकर्षक ढाँचे बनाती है। माईक का मानना है कि आज भी उसके अधिकांश पड़ौसी यह नहीं जानते कि उसके खलिहान में वास्तव में है क्या!

   हम में से शायद ही कोई होगा जिसके पास छुपाए रखने के लिए कुछ नहीं हो। जो हम संसार और लोगों से छुपाए रखना चाहते हैं वह हमारे तहखाने या अटारी में जमा हो रही बेकार चीज़ों जैसी हानिरहित वस्तुएं हो सकती हैं, या फिर हमारे व्यक्तिगत जीवन के नैतिक और आत्मिक विफलताएं और दुष्कर्म जैसी हानिकारक बातें, जिन्हें हम ना केवल अन्य लोगों से वरन अपने आप से और परमेश्वर से भी छुपाए रखना चाहते हैं। हम इन्सानों से तो बातों को छुपाए रख सकते हैं, परन्तु परमेश्वर से नहीं; वह हमें और हमारी हर बात को पूरी रीति से भली-भांति जानता और समझता है।

   राजा दाऊद ने परमेश्वर के वचन बाइबल में भजन 32:3-5 में परमेश्वर से अपने पाप छुपाने के प्रयास कि व्यर्थता तथा उन पापों का परमेश्वर के आगे अंगीकार करने से मिलने वाली शान्ति का वर्णन किया है। परमेश्वर हम से बस इतना ही तो चाहता है कि उससे कुछ भी छुपाए रखने या किसी दलील के सहारे किसी अनुचित अथवा गलत बात को सही या न्यायसंगत ठहराने की बजाए हम उसे स्वीकार कर लें, पश्चाताप के साथ उसके लिए परमेश्वर से क्षमा माँग लें "यदि हम अपने पापों को मान लें, तो वह हमारे पापों को क्षमा करने, और हमें सब अधर्म से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य और धर्मी है" (1 यूहन्ना 1:9)। हमारा अंगीकार, पश्चाताप और क्षमा याचना ही परमेश्वर के साथ हमारे संबंध की बहाली का मार्ग है। हमारे जीवन में ऐसा कुछ नहीं है जो परमेश्वर से छुपा है, इसलिए उससे कुछ छुपाए रखने के व्यर्थ प्रयत्न करके अपने लिए अशान्ति अर्जित करने की बजाए अंगीकार, पश्चाताप और क्षमा द्वारा शान्ति पा लेने में क्या बुराई है? परमेश्वर पर विश्वास रखें, वह अपने वचन के अनुसार आपके पापों को क्षमा करने और आपको सब अधर्म से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य और धर्मी है। - डेविड मैक्कैसलैंड


जब भी हम अपने पापों को प्रगट करने को तैयार हो जाते हैं, परमेश्वर, प्रभु यीशु में होकर उन्हें क्षमा करने तथा ढ़ाँपने को तैयार हो जाता है।

जो अपने अपराध छिपा रखता है, उसका कार्य सफल नहीं होता, परन्तु जो उन को मान लेता और छोड़ भी देता है, उस पर दया की जायेगी। - नीतिवचन 28:13

बाइबल पाठ: भजन 32
Psalms 32:1 क्या ही धन्य है वह जिसका अपराध क्षमा किया गया, और जिसका पाप ढ़ाँपा गया हो। 
Psalms 32:2 क्या ही धन्य है वह मनुष्य जिसके अधर्म का यहोवा लेखा न ले, और जिसकी आत्मा में कपट न हो।
Psalms 32:3 जब मैं चुप रहा तब दिन भर कराहते कराहते मेरी हडि्डयां पिघल गई। 
Psalms 32:4 क्योंकि रात दिन मैं तेरे हाथ के नीचे दबा रहा; और मेरी तरावट धूप काल की सी झुर्राहट बनती गई।
Psalms 32:5 जब मैं ने अपना पाप तुझ पर प्रगट किया और अपना अधर्म न छिपाया, और कहा, मैं यहोवा के साम्हने अपने अपराधों को मान लूंगा; तब तू ने मेरे अधर्म और पाप को क्षमा कर दिया।
Psalms 32:6 इस कारण हर एक भक्त तुझ से ऐसे समय में प्रार्थना करे जब कि तू मिल सकता है। निश्चय जब जल की बड़ी बाढ़ आए तौभी उस भक्त के पास न पहुंचेगी। 
Psalms 32:7 तू मेरे छिपने का स्थान है; तू संकट से मेरी रक्षा करेगा; तू मुझे चारों ओर से छुटकारे के गीतों से घेर लेगा।
Psalms 32:8 मैं तुझे बुद्धि दूंगा, और जिस मार्ग में तुझे चलना होगा उस में तेरी अगुवाई करूंगा; मैं तुझ पर कृपा दृष्टि रखूंगा और सम्मत्ति दिया करूंगा। 
Psalms 32:9 तुम घोड़े और खच्चर के समान न बनो जो समझ नहीं रखते, उनकी उमंग लगाम और बाग से रोकनी पड़ती है, नहीं तो वे तेरे वश में नहीं आने के।
Psalms 32:10 दुष्ट को तो बहुत पीड़ा होगी; परन्तु जो यहोवा पर भरोसा रखता है वह करूणा से घिरा रहेगा। 
Psalms 32:11 हे धर्मियों यहोवा के कारण आनन्दित और मगन हो, और हे सब सीधे मन वालों आनन्द से जयजयकार करो!

एक साल में बाइबल: 
  • लूका 18-21


गुरुवार, 30 अक्तूबर 2014

डटे रहें


   मैं एक व्यस्त चौराहे पर अपनी कार में रुकी हुई थी और मोड़ मुड़ने के संकेत की प्रतीक्षा कर रही थी। मुझे एंब्यूलैंस के साइरन की धव्नि सुनाई दी और मैंने पीछे का दृश्य दिखाने वाले दर्पण में देखा कि एक एंब्यूलैंस तेज़ी से मेरी ही ओर आ रही है। इतने में बत्ती का रंग बदला और मोड़ मुड़ने का संकेत हो गया, मेरे पीछे खड़ी कार के चालक ने हॉर्न बजा कर मुझे मोड़ मुड़ने के लिए दबाव दिया, लेकिन मैंने देख लिया था कि एंब्यूलैंस तेज़ी से आ रही है यदि मैंने गाड़ी मोड़ी तो मैं उसके रास्ते में आ जाऊँगी और परिणाम सबके लिए बहुत दुखदाई होगा, इसलिए मैं उस चालक के दबाव के बावजूद अपने स्थान पर डटी रही, और जब एंब्यूलैंस निकल गई मैंने तब ही मोड़ मुड़ा।

   आत्मिक बातों के लिए भी हमें अनेक बार ऐसे ही अनुभव से होकर निकलना पड़ता है, जब संसार तथा संसार के लोगों के दबाव के बावजूद, जो सही है हम उस पर ही डट कर खड़े रहें। परमेश्वर के वचन बाइबल के एक प्रमुख पात्र राजा सुलेमान को यह पाठ कठिन रीति से सीखना पड़ा। राजा सुलेमान का राज्यकाल बहुत अच्छे से आरंभ हुआ था और अपने शासन के आरंभ ही में उसने परमेश्वर से दर्शन पाया तथा परमेश्वर से मांगा कि उसे राज्य करने की बुद्धिमता मिल जाए (1 राजा 3:9); परमेश्वर ने सुलेमान की प्रार्थना सुनी और उसे सदबुद्धि प्रदान करी। परमेश्वर ने सुलेमान द्वारा ही अपने लिए मन्दिर का निर्माण भी करवाया। मन्दिर का निर्माण पूरा होने के बाद मन्दिर के समर्पण के समय सुलेमान द्वारा करी गई प्रार्थना परमेश्वर के प्रति उसके समर्पण और निष्ठा को दिखाती है (1 राजा 8:23, 61)। लेकिन सुलेमान ज़्यादा दिन तक परमेश्वर के प्रति समर्पित और वफादार नहीं रहा; परमेश्वर के निर्देशों के विरुद्ध उसने अनेक अन्यजाति स्त्रियों से विवाह कर लिए और उन्हें अपने घर ले आया; उन स्त्रियों ने उसके मन को बदल डाला और सुलेमान जीवते सच्चे परमेश्वर की उपासना के अलावा अन्य देवी-देवताओं की उपासना तथा मूर्ति-पूजा में पड़ गया, और उसके जीवन का अन्त समय आने तक "उसका हृदय परमेश्वर की ओर सच्चा ना रहा" (1 राजा 11:1-6; नहेमियाह 13:26), और इसके बहुत विनाशकारी परिणाम ना केवल उसके अपने परिवार में वरन पूरे इस्त्राएल में देखने को मिले।

   जैसा सुलेमान के साथ हुआ, वैसा ही आज हमारे साथ भी हो सकता है - संसार के लोग विभिन्न रीतियों से हम मसीही विश्वासियों पर दबाव डाल सकते हैं कि हम अपने प्रभु परमेश्वर यीशु मसीह और उसके जीवते सच्चे वचन बाइबल के प्रति अपने समर्पण और वफादारी को छोड़ कर संसार द्वारा दिखाए जा रहे मार्ग पर मुड़ जाएं। लेकिन यदि हम सत्य को जानते तथा पहचानते हैं तो हम गलत मोड़ लेकर नुकसान उठाने की बजाए परमेश्वर की सहायता से सही स्थान पर डटे रहेंगे (फिलिप्पियों 2:16)। जब कभी आप अपने मसीही विश्वास में अपने आप को निर्णय के किसी चौराहे पर खड़ा पाएं और सही मार्ग चुनना कठिन लगे तो परमेश्वर के वचन बाइबल का अध्ययन करें, वह आपके पाँव के लिए दीपक और मार्ग के लिए उजियाले का कार्य करेगी (भजन 119:105)।

   आत्मिक बातों तथा उनसे संबंधित निर्णयों में असमंजस से बचने के लिए सदा ही परमेश्वर के सारे आत्मिक हथियारों को धारण करे रहें (इफिसियों 6:10-18), सब बातों के लिए परमेश्वर पवित्र आत्मा से मार्गदर्शन तथा सहायता लें (1 कुरिन्थियों 2:10-12) और अन्य मसीही विश्वासियों के साथ संगति एवं प्रार्थना में बने रहें। गलत मोड़ मुड़ने के लिए संसार चाहे कितना भी दबाव डाले, कैसा भी प्रलोभन दे, सच्चे परमेश्वर के सच्चे मार्ग पर डटे रहने में ही भलाई तथा आशीष है। - जैनिफर बेन्सन शुल्ट


गलतियों में पड़ने से बचने के लिए सच्चाई को दृढ़ता से थामे रहें।

तेरा वचन मेरे पांव के लिये दीपक, और मेरे मार्ग के लिये उजियाला है। - भजन 119:105

बाइबल पाठ: 1 राजा 11:1-13
1 Kings 11:1 परन्तु राजा सुलैमान फ़िरौन की बेटी, और बहुतेरी और पराई स्त्रियों से, जो मोआबी, अम्मोनी, एदोमी, सीदोनी, और हित्ती थीं, प्रीति करने लगा। 
1 Kings 11:2 वे उन जातियों की थीं, जिनके विषय में यहोवा ने इस्राएलियों से कहा था, कि तुम उनके मध्य में न जाना, और न वे तुम्हारे मध्य में आने पाएं, वे तुम्हारा मन अपने देवताओं की ओर नि:सन्देह फेरेंगी; उन्हीं की प्रीति में सुलैमान लिप्त हो गया। 
1 Kings 11:3 और उसके सात सौ रानियां, और तीन सौ रखेलियां हो गई थीं और उसकी इन स्त्रियों ने उसका मन बहका दिया। 
1 Kings 11:4 सो जब सुलैमान बूढ़ा हुआ, तब उसकी स्त्रियों ने उसका मन पराये देवताओं की ओर बहका दिया, और उसका मन अपने पिता दाऊद की नाईं अपने परमेश्वर यहोवा पर पूरी रीति से लगा न रहा। 
1 Kings 11:5 सुलैमान तो सीदोनियों की अशतोरेत नाम देवी, और अम्मोनियों के मिल्कोम नाम घृणित देवता के पीछे चला। 
1 Kings 11:6 और सुलैमान ने वह किया जो यहोवा की दृष्टि में बुरा है, और यहोवा के पीछे अपने पिता दाऊद की नाईं पूरी रीति से न चला। 
1 Kings 11:7 उन दिनों सुलैमान ने यरूशलेम के साम्हने के पहाड़ पर मोआबियों के कमोश नाम घृणित देवता के लिये और अम्मोनियों के मोलेक नाम घृणित देवता के लिये एक एक ऊंचा स्थान बनाया। 
1 Kings 11:8 और अपनी सब पराये स्त्रियों के लिये भी जो अपने अपने देवताओं को धूप जलातीं और बलिदान करती थीं, उसने ऐसा ही किया। 
1 Kings 11:9 तब यहोवा ने सुलैमान पर क्रोध किया, क्योंकि उसका मन इस्राएल के परमेश्वर यहोवा से फिर गया था जिसने दो बार उसको दर्शन दिया था। 
1 Kings 11:10 और उसने इसी बात के विषय में आज्ञा दी थी, कि पराये देवताओं के पीछे न हो लेना, तौभी उसने यहोवा की आज्ञा न मानी। 
1 Kings 11:11 और यहोवा ने सुलैमान से कहा, तुझ से जो ऐसा काम हुआ है, और मेरी बन्धाई हुई वाचा और दी हुई वीधि तू ने पूरी नहीं की, इस कारण मैं राज्य को निश्चय तूझ से छीन कर तेरे एक कर्मचारी को दे दूंगा। 
1 Kings 11:12 तौभी तेरे पिता दाऊद के कारण तेरे दिनो में तो ऐसा न करूंगा; परन्तु तेरे पुत्र के हाथ से राज्य छीन लूंगा। 
1 Kings 11:13 फिर भी मैं पूर्ण राज्य तो न छीन लूंगा, परन्तु अपने दास दाऊद के कारण, और अपने चुने हुए यरूशलेम के कारण, मैं तेरे पुत्र के हाथ में एक गोत्र छोड़ दूंगा।

एक साल में बाइबल: 
  • लूका 14-17


बुधवार, 29 अक्तूबर 2014

अनुकंपा


   एलिज़ाबेथ की कहानी मार्मिक थी। उसे अपने स्थान मैसाच्यूसेट्स में एक बहुत अपमानजनक अनुभव से होकर निकलना पड़ा, और उस बात की अन्य शर्मिन्दगी से बचने के लिए वह बस में बैठ कर न्यूजर्सी को चल दी। उस अनुभव की कटुताके कारण यात्रा में वह बेकाबू रोती ही रही, उसे पता भी नहीं चला कब बस एक स्थान पर थोड़ी देर के लिए रुक गई है। बस के यात्री नीचे उतरने लगे, उनमें से एक यात्री ने उसे रोते हुए देखा और लौट कर उसके पास आया और एलिज़ाबेथ को परमेश्वर के वचन बाइबल की अपनी प्रति पकड़ाई और कहा कि तुम्हें इसकी आवश्यकता है। एलिज़ाबेथ का वह अजनबी सह-यात्री बिलकुल सही था; ना केवल एलिज़ाबेथ को बाइबल की आवश्यकता थी वरन उसे बाइबल के प्रभु, यीशु मसीह की भी आवश्यकता थी। उस अजनबी द्वारा मसीही अनुकंपा में एक उपहार देने के छोटे से कार्य के कारण एलिज़ाबेथ ने प्रभु यीशु मसीह को जाना और उसे अपने उद्धारकर्ता के रूप में ग्रहण कर लिया।

   प्रभु यीशु मसीह हमारे लिए अनुकंपा का सजीव उदाहरण हैं। मत्ती के 9 अध्याय में उसके विषय में हम पढ़ते हैं कि "जब उसने भीड़ को देखा तो उसको लोगों पर तरस आया, क्योंकि वे उन भेड़ों की नाईं जिनका कोई रखवाला न हो, व्याकुल और भटके हुए से थे" (मत्ती 9:36)। हमारे प्रभु ने ना केवल लोगों के टूटे मन, दुख और पीड़ा को देखा, वरन उन्होंने अपने अनुयायियों को उभारा के वे उन लोगों के लिए परमेश्वर से प्रार्थना करें कि वह ऐसों को उन के मध्य भेजे जो नाश की ओर जा रहे इस संसार के दुखी लोगों की आवश्यकताओं और समस्याओं के समाधान के लिए काम आ सकें (पद 38)।

   आज भी संसार को ऐसे कार्यकर्ताओं की आवश्यकता है जो प्रभु यीशु की अनुकंपा को दुखी संसार में दिखा सकें। हम मसीही विश्वासियों का यह कर्तव्य है कि अपने प्रभु के मार्गदर्शन और निर्देशों का पालन करें और पाप के दुख को झेल रहे संसार के लोगों को प्रभु यीशु में विश्वास द्वारा पापों से मुक्ति, चिरस्थाई आनन्द एवं अनन्त जीवन का मार्ग दिखाएं, उन्हें प्रभु यीशु की अनुकंपा का अनुभव कराएं। - बिल क्राउडर


आवश्यकता है - दुख और निराशा में पड़े संसार को मसीह यीशु में आनन्द और आशा पहुँचाने वाले मसीही विश्वासियों की।

क्योंकि गृहदेवता अनर्थ बात कहते और भावी कहने वाले झूठा दर्शन देखते और झूठे स्वपन सुनाते, और व्यर्थ शान्ति देते हैं। इस कारण लोग भेड़-बकरियों की नाईं भटक गए; और चरवाहे न होने के कारण दुर्दशा में पड़े हैं। - ज़कर्याह 10:2

बाइबल पाठ: मत्ती 9:27-38
Matthew 9:27 जब यीशु वहां से आगे बढ़ा, तो दो अन्धे उसके पीछे यह पुकारते हुए चले, कि हे दाऊद की सन्तान, हम पर दया कर। 
Matthew 9:28 जब वह घर में पहुंचा, तो वे अन्धे उस के पास आए; और यीशु ने उन से कहा; क्या तुम्हें विश्वास है, कि मैं यह कर सकता हूं उन्होंने उस से कहा; हां प्रभु। 
Matthew 9:29 तब उसने उन की आंखे छूकर कहा, तुम्हारे विश्वास के अनुसार तुम्हारे लिये हो। 
Matthew 9:30 और उन की आंखे खुल गईं और यीशु ने उन्हें चिताकर कहा; सावधान, कोई इस बात को न जाने। 
Matthew 9:31 पर उन्होंने निकलकर सारे देश में उसका यश फैला दिया।
Matthew 9:32 जब वे बाहर जा रहे थे, तो देखो, लोग एक गूंगे को जिस में दुष्टात्मा थी उस के पास लाए। 
Matthew 9:33 और जब दुष्टात्मा निकाल दी गई, तो गूंगा बोलने लगा; और भीड़ ने अचम्भा कर के कहा कि इस्राएल में ऐसा कभी नहीं देखा गया। 
Matthew 9:34 परन्तु फरीसियों ने कहा, यह तो दुष्टात्माओं के सरदार की सहायता से दुष्टात्माओं को निकालता है।
Matthew 9:35 और यीशु सब नगरों और गांवों में फिरता रहा और उन की सभाओं में उपदेश करता, और राज्य का सुसमाचार प्रचार करता, और हर प्रकार की बीमारी और दुर्बलता को दूर करता रहा। 
Matthew 9:36 जब उसने भीड़ को देखा तो उसको लोगों पर तरस आया, क्योंकि वे उन भेड़ों की नाईं जिनका कोई रखवाला न हो, व्याकुल और भटके हुए से थे। 
Matthew 9:37 तब उसने अपने चेलों से कहा, पक्के खेत तो बहुत हैं पर मजदूर थोड़े हैं। 
Matthew 9:38 इसलिये खेत के स्‍वामी से बिनती करो कि वह अपने खेत काटने के लिये मजदूर भेज दे।

एक साल में बाइबल: 
  • लूका 10-13


मंगलवार, 28 अक्तूबर 2014

निकट


   बहुत वर्ष पुराना एक लोकप्रीय गीत था From a Distance (दूर से), इस गीत का प्रसंग था शान्ति और प्रेम से भरा हुआ संसार और परमेश्वर हमें दूर से देख रहा है। परमेश्वर हमें, हम सब को, देख अवश्य रहा है, लेकिन दूर से नहीं; वह सदैव ही हमारे आस-पास विद्यमान है, अभी कमरे में आपके साथ है, आपको देख रहा है, वह आपसे प्रेम करता है, आपकी भलाई चाहता है।

   मुझे ब्रदर लॉरेंस का उदाहरण स्मरण आता है। वे एक मठ में रहने वाले भिक्षु थे और उन्हें मठ के रसोई में बर्तन साफ करने तथा मठ के अन्य भिक्षुओं के जूते मरम्मत करने की ज़िम्मेदारी सौंपी गई थी जिसे वे कई वर्ष तक निभाते रहे। अपने इसी काम में लगे, वे परमेश्वर तथा उसकी बातों पर भी मनन करते रहते थे। उन्होंने लिखा, "जहाँ तक मुझ से हो सका, मैं अपने आप को परमेश्वर के सम्मुख एक अराधक के रूप में रखता रहा, मेरे साथ बनी रहने वाली उसकी पवित्र उपस्थिति पर अपना ध्यान केंद्रित करता रहा।"

   यही हमारा भी कार्य होना चाहिए, लेकिन हम इसे भूल जाते हैं और हमें इसका स्मरण दिलाने की आवश्यकता पड़ती रहती है। इसे स्मरण रखने में सहायतार्थ मैंने लुहार द्वारा हाथ से बनाई गई एक पुरानी बड़ी सी कील को, जैसी कील का प्रयोग प्रभु यीशु को क्रूस पर ठोकने के लिए भी किया गया था, अपनी मेज़ के ऊपर बनी शेल्फ पर ठोक दिया है। यह हमारा कार्य है कि हम परमेश्वर को सदा अपने सम्मुख रखें (भजन 16:8), सदैव स्मरण रखें कि वह जगत के अन्त तक हमारे साथ बना रहेगा (मत्ती 28:20) और वह हम में से किसी से भी दूर नहीं है (प्रेरितों 17:27)।

   अपने साथ बनी रहने वाली परमेश्वर कि उपस्थिति को स्मरण रखना कोई कठिन कार्य नहीं है, बस यह ध्यान रखिए कि उसने वायदा किया है कि वह आपके साथ सदैव बना रहेगा और उसे परिस्थिति तथा समयानुसार "धन्यवाद", "सहायता या मार्गदर्शन चाहिए", "मैं आपसे प्रेम करता हूँ", "शुभ प्रभात/दोपहर/सन्ध्या/रात्रि" आदि कहते रहिए और उसकी उपस्थिति का एहसास बना रहेगा। - डेविड रोपर


हमारे जितना निकट परमेश्वर रहता है, उससे निकट और कोई रह नहीं सकता।

तब याकूब जाग उठा, और कहने लगा; निश्चय इस स्थान में यहोवा है; और मैं इस बात को न जानता था। - उत्पत्ति 28:16

बाइबल पाठ: प्रेरितों 17:22-31
Acts 17:22 तब पौलुस ने अरियुपगुस के बीच में खड़ा हो कर कहा; हे अथेने के लोगों मैं देखता हूं, कि तुम हर बात में देवताओं के बड़े मानने वाले हो। 
Acts 17:23 क्योंकि मैं फिरते हुए तुम्हारी पूजने की वस्‍तुओं को देख रहा था, तो एक ऐसी वेदी भी पाई, जिस पर लिखा था, कि अनजाने ईश्वर के लिये। सो जिसे तुम बिना जाने पूजते हो, मैं तुम्हें उसका समाचार सुनाता हूं। 
Acts 17:24 जिस परमेश्वर ने पृथ्वी और उस की सब वस्‍तुओं को बनाया, वह स्वर्ग और पृथ्वी का स्‍वामी हो कर हाथ के बनाए हुए मन्‍दिरों में नहीं रहता। 
Acts 17:25 न किसी वस्तु का प्रयोजन रखकर मनुष्यों के हाथों की सेवा लेता है, क्योंकि वह तो आप ही सब को जीवन और स्‍वास और सब कुछ देता है। 
Acts 17:26 उसने एक ही मूल से मनुष्यों की सब जातियां सारी पृथ्वी पर रहने के लिये बनाईं हैं; और उन के ठहराए हुए समय, और निवास के सिवानों को इसलिये बान्‍धा है। 
Acts 17:27 कि वे परमेश्वर को ढूंढ़ें, कदाचित उसे टटोल कर पा जाएं तौभी वह हम में से किसी से दूर नहीं! 
Acts 17:28 क्योंकि हम उसी में जीवित रहते, और चलते-फिरते, और स्थिर रहते हैं; जैसे तुम्हारे कितने कवियों ने भी कहा है, कि हम तो उसी के वंश भी हैं। 
Acts 17:29 सो परमेश्वर का वंश हो कर हमें यह समझना उचित नहीं, कि ईश्वरत्‍व, सोने या रूपे या पत्थर के समान है, जो मनुष्य की कारीगरी और कल्पना से गढ़े गए हों। 
Acts 17:30 इसलिये परमेश्वर आज्ञानता के समयों में अनाकानी कर के, अब हर जगह सब मनुष्यों को मन फिराने की आज्ञा देता है। 
Acts 17:31 क्योंकि उसने एक दिन ठहराया है, जिस में वह उस मनुष्य के द्वारा धर्म से जगत का न्याय करेगा, जिसे उसने ठहराया है और उसे मरे हुओं में से जिलाकर, यह बात सब पर प्रामाणित कर दी है।

एक साल में बाइबल: 
  • लूका 7-9


सोमवार, 27 अक्तूबर 2014

टाईटैनिक


   मार्क विलकिन्सन ने नौका विहार और मछली मारने के अपने शौक के लिए 16 फुट लंबी एक नाव खरीदी, और उसका नाम रखा टाईटैनिक-2; शायद वह अन्धविश्वासी नहीं था तभी उसने उस कुख्यात विशाल पानी के जहाज़ के नाम पर, जो 1912 में अपनी पहली ही यात्रा में एक बर्फ की चट्टान से टकराकर डूब गया था, अपनी नाव का नाम रखा। टाईटैनिक-2 की प्रथम यात्रा इंगलैण्ड के डौरसैट इलाके के एक बन्दरगाह से आरंभ हुई और गन्तव्य तक पहुँचने में मार्क विलकिन्सन को कोई परेशानी नहीं हुई; लेकिन वापस लौटते हुए नाव में पानी भरने लगा और कुछ ही देर में मार्क विलकिन्सन डूबती हुई नाव के एक किनारे को पकड़े हुए पानी में पड़ा अपने बचाए जाने की प्रतीक्षा कर रहा था। बाद में इस घटना के विषय में मार्क ने कहा, "यह कुछ शर्मिन्दगी की बात रही है, और मैं परेशान हो गया लोगों के इस प्रश्न का उत्तर देते देते कि क्या मेरी नाव भी किसी बर्फ की चट्टान से टकरा गई थी।" बाद में मार्क के लिए शर्मिन्दगी और बढ़ गई जब एक प्रत्यक्षदर्षी ने व्यंग्य किया कि टाईटैनिक-2 नामक वह नाव कोई बड़ी नाव नहीं थी, यदि वह किसी बर्फ के छोटे से टुकड़े से भी टकरा जाती तो भी उसका यही हाल होता।

   टाईटैनिक-2 की यह कहानी व्यंग्यात्मक अवश्य है, और मुझे अनुपयुक्त भरोसे तथा पहले टाईटैनिक के बारे में सोचने पर बाध्य करती है। पहले टाईटैनिक के बनानेवालों को अपने कार्य पर इतना भरोसा और घमण्ड था कि उन्होंने टाईटैनिक को ऐसा पानी का जहाज़ कहा था जो कभी डुबाया नहीं जा सकता। लेकिन अपने कार्यों पर उनका यह विश्वास और घमण्ड कितना गलत प्रमाणित हुआ, बर्फ की एक चट्टान ने उस जहाज़ और उनके दावों को डुबो दिया, टाईटैनिक अपनी पहली यात्रा भी पूरी नहीं कर पाया। परमेश्वर के वचन बाइबल में यिर्मयाह नबी के द्वारा परमेश्वर ने कहा है, "यहोवा यों कहता है, श्रापित है वह पुरुष जो मनुष्य पर भरोसा रखता है, और उसका सहारा लेता है, जिसका मन यहोवा से भटक जाता है" (यिर्मयाह 17:5)।

   हम सब की स्वाभाविक प्रतिक्रीया है कि जब कोई परीक्षा या परेशानी आए तो अन्य मनुष्यों या सांसारिक वस्तुओं की ओर नज़रें उठाएं और उन पर भरोसा करें। लेकिन परमेश्वर हमें बार बार स्मरण दिलाता है कि हम नश्वर संसार की नश्वर वस्तुओं अथवा नशवर अविश्वसनीय मनुष्य पर नहीं परन्तु केवल उस पर भरोसा रखें, उसकी ओर मुडें और उसमें स्थिर रहें। क्या आज आप संसार की किसी वस्तु, कार्य या सामर्थ पर भरोसा रख कर तो नहीं चल रहे हैं? यदि आपका विश्वास और समर्पण सृष्टिकर्ता प्रभु यीशु पर नहीं है तो टाईटैनिक के उदाहरण को स्मरण रखिए। - डेनिस फिशर


जो अपना भरोसा परमेश्वर पर बनाए रखते हैं वे कभी निराश नहीं होंगे।

परमेश्वर को धन्यवाद ही का बलिदान चढ़ा, और परमप्रधान के लिये अपनी मन्नतें पूरी कर; और संकट के दिन मुझे पुकार; मैं तुझे छुड़ाऊंगा, और तू मेरी महिमा करने पाएगा। - भजन 50:14-15

बाइबल पाठ: यिर्मयाह 17:5-10
Jeremiah 17:5 यहोवा यों कहता है, श्रापित है वह पुरुष जो मनुष्य पर भरोसा रखता है, और उसका सहारा लेता है, जिसका मन यहोवा से भटक जाता है। 
Jeremiah 17:6 वह निर्जल देश के अधमूए पेड़ के समान होगा और कभी भलाई न देखेगा। वह निर्जल और निर्जन तथा लोनछाई भूमि पर बसेगा। 
Jeremiah 17:7 धन्य है वह पुरुष जो यहोवा पर भरोसा रखता है, जिसने परमेश्वर को अपना आधार माना हो। 
Jeremiah 17:8 वह उस वृक्ष के समान होगा जो नदी के तीर पर लगा हो और उसकी जड़ जल के पास फैली हो; जब घाम होगा तब उसको न लगेगा, उसके पत्ते हरे रहेंगे, और सूखे वर्ष में भी उनके विषय में कुछ चिन्ता न होगी, क्योंकि वह तब भी फलता रहेगा। 
Jeremiah 17:9 मन तो सब वस्तुओं से अधिक धोखा देने वाला होता है, उस में असाध्य रोग लगा है; उसका भेद कौन समझ सकता है? 
Jeremiah 17:10 मैं यहोवा मन की खोजता और हृदय को जांचता हूँ ताकि प्रत्येक जन को उसकी चाल-चलन के अनुसार अर्थात उसके कामों का फल दूं।

एक साल में बाइबल: 
  • लूका 4-6


रविवार, 26 अक्तूबर 2014

आशा


   कलपना कीजिए कि आप अपनी वंशावली को देख रहे हैं, अपने पूर्वजों के बारे में जानकारी ले रहे हैं, और वहाँ आपको एक पूर्वज के विषय में लिखा मिलता है, "वह एक वेश्या थी, उसने देश के दुश्मनों को शरण दी और जब इसके विषय में उससे पूछा गया तब झूठ बोलकर उन दुश्मनों की तथा अपनी रक्षा करी।" अब आप ऐसी पूर्वज के विषय में क्या करेंगे? यदि कोई आपके परिवार और पूर्वजों के बारे में जानकारी लेना चाहे तो क्या आप कभी उसका कोई उल्लेख करेंगे? क्या लोगों की नज़र में आप अपने उस पूर्वज का जीवन लाकर उसकी प्रशंसा कर सकेंगे?

   जिस का उल्लेख ऊपर मैंने उदाहरणस्वरूप किया है वह परमेश्वर के वचन बाइबल की एक पात्र है और उसका नाम है रहाब। रहाब का जो वर्णन ऊपर दिया गया है वह बाइबल के पुराने नियम खण्ड में यहोशू की पुस्तक के दूसरे अध्याय से है। यदि केवल इतना ही विवरण रहाब के बारे में हमें पता होता तो हमारे लिए बहुत स्वाभाविक होता उसे भी बाइबल के बदनाम और विश्वासघाती पात्रों की सूची में रख देना और उसे नज़रन्दाज़ करना। लेकिन रहाब की कहानी केवल यहोशू 2 अध्याय में ही समाप्त नहीं हो जाती है - परमेश्वर ने उसमें होकर अपने अद्भुत प्रेम और सामर्थ्य को हमारे सामने रखा है।

   बाइबल के नए नियम खण्ड में प्रवेश करते ही हम प्रभु यीशु की वंशावली को पाते हैं, और वहाँ हमें रहाब का नाम मिलता है, मत्ती 1:5-6 हमें बताता है कि रहाब राजा दाऊद के परदादा की माता थी और सारे संसार के उद्धारकर्ता प्रभु यीशु ने उसी वंशावली में होकर संसार में मानव रूप में जन्म लिया। इतना ही नहीं, इब्रानियों 11:31 में उसका नाम विश्वास के दिग्गजों में सम्मिलित है, जिसने परमेश्वर के प्रति अपने विश्वास द्वारा यरीहो के विनाश के समय अपनी तथा अपने परिवार कि जान बचाई (यहोशू 6:17); फिर याकूब 2:25 हमें बताता है कि इस विश्वास में होकर किए गए उसके कार्य उसके लिए धार्मिकता गिने गए, अर्थात वह धर्मी स्त्री स्वीकार करी गई।

   कैसा विल्क्षण और अद्भुत है हमारा प्रेमी परमेश्वर पिता, वह पतित एवं तिरसकृत लोगों को भी उनकी उसी गिरी हुई दशा में स्वीकार कर लेता है, उन्हें स्वीकार कर के उनके जीवन बदल देता है और उन्हें अपनी क्षमा तथा प्रेम के सजीव उदाहरण बना देता है, उनके नाम को अनन्तकाल के लिए आदर और गौरव का स्थान प्रदान कर देता है। यदि आपको लगता है कि आपके कार्य और जीवन बहुत निकृष्ट रहे हैं और परमेश्वर आपको स्वीकार नहीं करेगा, या आप किसी ऐसे व्यक्ति को जानते हैं जो अपने विषय में ऐसा सोचता है तो रहाब के विषय में पढ़िए और विचार कीजिए कि यदि परमेश्वर रहाब को बदल कर धार्मिकता का नमूना बना सकता है तो फिर निश्चय ही ना केवल आपके अथवा उस व्यक्ति वरन संसार के प्रत्येक व्यक्ति के लिए प्रभु यीशु में आशा है। प्रेरित पौलुस के साथ परमेश्वर के प्रेम में आनन्दित होईए जो जगत का सबसे बड़ा पापी कहे जाने के बावजूद परमेश्वर के वचन के सबसे बड़े नायकों में से एक हो गया (1 तिमुथियुस 1:15)। - डेव ब्रैनन


हमारे पाप चाहे छोटे हों या बड़े, प्रभु यीशु में विश्वास द्वारा सब क्षमा किए जा सकते हैं।

यह बात सच और हर प्रकार से मानने के योग्य है, कि मसीह यीशु पापियों का उद्धार करने के लिये जगत में आया, जिन में सब से बड़ा मैं हूं। - 1 तिमुथियुस 1:15

बाइबल पाठ: यहोशू 2:1-14; 6:17
Joshua 2:1 तब नून के पुत्र यहोशू ने दो भेदियों को शित्तीम से चुपके से भेज दिया, और उन से कहा, जा कर उस देश और यरीहो को देखो। तुरन्त वे चल दिए, और राहाब नाम किसी वेश्या के घर में जा कर सो गए। 
Joshua 2:2 तब किसी ने यरीहो के राजा से कहा, कि आज की रात कई एक इस्राएली हमारे देश का भेद लेने को यहां आए हुए हैं। 
Joshua 2:3 तब यरीहो के राजा ने राहाब के पास यों कहला भेजा, कि जो पुरूष तेरे यहां आए हैं उन्हें बाहर ले आ; क्योंकि वे सारे देश का भेद लेने को आए हैं। 
Joshua 2:4 उस स्त्री ने दोनों पुरूषों को छिपा रखा; और इस प्रकार कहा, कि मेरे पास कई पुरूष आए तो थे, परन्तु मैं नहीं जानती कि वे कहां के थे; 
Joshua 2:5 और जब अन्धेरा हुआ, और फाटक बन्द होने लगा, तब वे निकल गए; मुझे मालूम नहीं कि वे कहां गए; तुम फुर्ती कर के उनका पीछा करो तो उन्हें जा पकड़ोगे। 
Joshua 2:6 उसने उन को घर की छत पर चढ़ाकर सनई की लकडिय़ों के नीचे छिपा दिया था जो उसने छत पर सजा कर रखी थीं। 
Joshua 2:7 वे पुरूष तो यरदन का मार्ग ले उनकी खोज में घाट तक चले गए; और ज्योंही उन को खोजने वाले फाटक से निकले त्योंही फाटक बन्द किया गया। 
Joshua 2:8 और ये लेटने न पाए थे कि वह स्त्री छत पर इनके पास जा कर 
Joshua 2:9 इन पुरूषों से कहने लगी, मुझे तो निश्चय है कि यहोवा ने तुम लोगों को यह देश दिया है, और तुम्हारा भय हम लोगों के मन में समाया है, और इस देश के सब निवासी तुम्हारे कारण घबरा रहे हैं। 
Joshua 2:10 क्योंकि हम ने सुना है कि यहोवा ने तुम्हारे मिस्र से निकलने के समय तुम्हारे साम्हने लाल समुद्र का जल सुखा दिया। और तुम लोगों ने सीहोन और ओग नाम यरदन पार रहने वाले एमोरियों के दोनों राजाओं को सत्यानाश कर डाला है। 
Joshua 2:11 और यह सुनते ही हमारा मन पिघल गया, और तुम्हारे कारण किसी के जी में जी न रहा; क्योंकि तुम्हारा परमेश्वर यहोवा ऊपर के आकाश का और नीचे की पृथ्वी का परमेश्वर है। 
Joshua 2:12 अब मैं ने जो तुम पर दया की है, इसलिये मुझ से यहोवा की शपथ खाओ कि तुम भी मेरे पिता के घराने पर दया करोगे, और इसकी सच्ची चिन्हानी मुझे दो, 
Joshua 2:13 कि तुम मेरे माता-पिता, भाइयों और बहिनों को, और जो कुछ उनका है उन सभों को भी जीवित रख छोड़ो, और हम सभों का प्राण मरने से बचाओगे। 
Joshua 2:14 तब उन पुरूषों ने उस से कहा, यदि तू हमारी यह बात किसी पर प्रगट न करे, तो तुम्हारे प्राण के बदले हमारा प्राण जाए; और जब यहोवा हम को यह देश देगा, तब हम तेरे साथ कृपा और सच्चाई से बर्ताव करेंगे।
Joshua 6:17 और नगर और जो कुछ उस में है यहोवा के लिये अर्पण की वस्तु ठहरेगी; केवल राहाब वेश्या और जितने उसके घर में हों वे जीवित छोड़े जाएंगे, क्योंकि उसने हमारे भेजे हुए दूतों को छिपा रखा था।

एक साल में बाइबल: 
  • लूका 1-3


शनिवार, 25 अक्तूबर 2014

नूतन झलक


   हर वर्ष ग्रीष्म ऋतु में Good Morning America कार्यक्रम देखने वाले दर्शकों के लिए अवसर होता है कि अपना मत दें और उस वर्ष के लिए अमेरिका के सबसे सुन्दर स्थान का चुनाव करें। मैं बड़ा आनन्दित हुआ यह देखकर कि सन 2011 के लिए दर्शकों ने मेरे गृह प्रदेश मिशिगन के Sleeping Bear Dunes National Lakeshore को चुना, जो मेरे घर के बहुत निकट है; मुझे ज़रा भी अन्देशा नहीं था कि जीतने वाला स्थान मेरे इतना निकट होगा। मुझे वह समय भी याद आया जब मैं अपनी पत्नि मार्टी के साथ नियाग्रा जल प्रपात देखने गया था। उस विश्व-विख्यात और रोमांच से भर देने वाले जल प्रपात के दृश्य को देखकर सैलानियों का एक अजीब सा व्यवहार हो जाता है और हम दोनों भी वही कर रहे थे; निकट खड़े एक व्यक्ति ने हमारे रोमांच और व्यवहार को देखकर हम से कहा, "इसमें ऐसा क्या है? मैं तो इसे रोज़ ही देखता रहता हूँ!"

 हम कितनी सरलता से अपने आस-पास की बातों के आदि हो जाते हैं और परिचित व्यक्ति, वस्तुएं, स्थान तथा अनुभव आदि जो कभी हमें आकर्षित करते थे, हम में रोमांच उत्पन्न करते थे फिर हमें अरुचिकर अथवा नीरस लगने लगते हैं। यद्यपि परमेश्वर की महिमा उसकी सृष्टि में हमारे चारों ओर स्पष्ट प्रगट है, लेकिन दैनिक जीवन की व्यस्तता में हम उसे नज़रंदाज़ करने लगते हैं; महिमा तो कम नहीं होती , बस हमारा उसके प्रति दृष्टिकोण बदल जाता है, जब तक कि कोई जन या परिस्थिति फिर से उसे हमारी नज़रों में केंद्रित नहीं कर देती। यही बात परमेश्वर के प्रति हमारे अन्य व्यवहार में भी दिखाई देती है; हम अपने जीवन में उसके द्वारा किए जाने वाले अद्भुत कार्यों को हलके में लेने लगते हैं, उसे एवं उन्हें अनुदत्त मान लेते हैं। हम क्रूस पर प्रभु यीशु द्वारा हमारे लिए पापों से मुक्ति तथा उद्धार पाने के लिए किए गए कार्य की महानता के एहसास और विस्मय को खो देते हैं। हम प्रभु यीशु में लाए गए विश्वास द्वारा परमेश्वर की सनतान बन जाने के आदर तथा महत्व को भूल जाते हैं। हम परमेश्वर के साथ बिताए गए समय के आनन्द, उसकी उपस्थिति में रहने की शान्ति और उसकी सृष्टि की सुन्दरता को निहारने तथा सृष्टि में प्रगट उसकी महिमा तथा सामर्थ को अनुभव करने के रोमांच को नज़रंदाज़ करने लगते हैं।

   इसीलिए मुझे भजनकार द्वारा कही बात: "मैं तेरे ऐश्वर्य की महिमा के प्रताप पर और तेरे भांति भांति के आश्चर्यकर्मों पर ध्यान करूंगा" (भजन 145:5) परमेश्वर से मिले निर्देश के रूप में पसन्द है। आईए हम ठान लें कि हम नितप्रायः परमेश्वर के अद्भुत कामों पर मनन करेंगे, उसके वचन पर ध्यान लगाएंगे और उसकी उपस्थिति में आकर उसकी महिमा की एक नूतन झलक अपने जीवनों के लिए पुनः प्राप्त करेंगे। - जो स्टोवैल


यदि सृष्टि की गई वस्तुएं इतनी सुन्दर हैं तो उनका सृष्टिकर्ता कितना सुन्दर होगा! - पड़ुवा का एन्टॉनी

अपने उपदेशों का मार्ग मुझे बता, तब मैं तेरे आश्यर्चकर्मों पर ध्यान करूंगा। - भजन 119:27

बाइबल पाठ: भजन 145:1-13
Psalms 145:1 हे मेरे परमेश्वर, हे राजा, मैं तुझे सराहूंगा, और तेरे नाम को सदा सर्वदा धन्य कहता रहूंगा। 
Psalms 145:2 प्रति दिन मैं तुझ को धन्य कहा करूंगा, और तेरे नाम की स्तुति सदा सर्वदा करता रहूंगा। 
Psalms 145:3 यहोवा महान और अति स्तुति के योग्य है, और उसकी बड़ाई अगम है।
Psalms 145:4 तेरे कामों की प्रशंसा और तेरे पराक्रम के कामों का वर्णन, पीढ़ी पीढ़ी होता चला जाएगा। 
Psalms 145:5 मैं तेरे ऐश्वर्य की महिमा के प्रताप पर और तेरे भांति भांति के आश्चर्यकर्मों पर ध्यान करूंगा। 
Psalms 145:6 लोग तेरे भयानक कामों की शक्ति की चर्चा करेंगे, और मैं तेरे बड़े बड़े कामों का वर्णन करूंगा। 
Psalms 145:7 लोग तेरी बड़ी भलाई का स्मरण कर के उसकी चर्चा करेंगे, और तेरे धर्म का जयजयकार करेंगे।
Psalms 145:8 यहोवा अनुग्रहकारी और दयालु, विलम्ब से क्रोध करने वाला और अति करूणामय है। 
Psalms 145:9 यहोवा सभों के लिये भला है, और उसकी दया उसकी सारी सृष्टि पर है।
Psalms 145:10 हे यहोवा, तेरी सारी सृष्टि तेरा धन्यवाद करेगी, और तेरे भक्त लोग तुझे धन्य कहा करेंगे! 
Psalms 145:11 वे तेरे राज्य की महिमा की चर्चा करेंगे, और तेरे पराक्रम के विषय में बातें करेंगे; 
Psalms 145:12 कि वे आदमियों पर तेरे पराक्रम के काम और तेरे राज्य के प्रताप की महिमा प्रगट करें। 
Psalms 145:13 तेरा राज्य युग युग का और तेरी प्रभुता सब पीढ़ियों तक बनी रहेगी।

एक साल में बाइबल: 
  • मरकुस 14-16


शुक्रवार, 24 अक्तूबर 2014

नम्र


   मैं ऐसे लोगों की सराहना करती हूँ जो अपने विश्वास को शब्दों में बयान कर सकते हैं और अपनी वाक्पटुता से दूसरों को उसे समझा सकते हैं। लोग वाक्पटुता के इस गुण को "मुँह चलाने की कला" या "शब्दों का जादूगर होना" भी कहते हैं। अकसर देखा जाता है कि जिनके पास यह वाक्पटुता का गुण है उनमें कुछ घमण्ड भी आ जाता है क्योंकि कम ही लोग उनके सामने टिकने पाते हैं और वाक्पटु लोगों को लगने लगता है कि उनके समान कोई और है ही नहीं।

   परमेश्वर के वचन बाइबल के एक पात्र अपुल्लोस में ना केवल परमेश्वर के वचन के ज्ञान का वरन वाक्पटुता का गुण भी विद्यमान था (प्रेरितों 18:24) और वह इन दोनों गुणों को परमेश्वर की सेवकाई के लिए प्रयोग करता था; यद्यपि अपुल्लोस प्रभु यीशु मसीह के बारे में ठीक प्रचार करता था, लेकिन वह केवल यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले के मन फिराव के बपतिस्मे का ही प्रचार करता था (प्रेरितों 18:25, 19:4)। वह प्रभु यीशु की शिक्षाओं को तो जानता था लेकिन शायद पवित्र आत्मा से परिपूर्ण होने और प्रतिदिन आत्मा की सामर्थ से कार्य करने के बारे में अभी उसे जानकारी नहीं थी।

   अपुल्लोस को प्रचार करता सुनकर प्रेरित पौलुस के साथी मसीही विश्वासी दम्पति, प्रिस्किल्ला और अक्वीला ने उसे अपने घर आमंत्रित किया और उसकी शिक्षाओं में जो कमी थी उन्हें उसे समझाया और उसकी शिक्षाओं को पूरा किया। यद्यपि अपुल्लोस उच्च शिक्षा प्राप्त व्यक्ति था और परमेश्वर के वचन का भी अच्छा ज्ञाता था, फिर भी उसने नम्रता पूर्वक उस दम्पति की बातों को सुना और ग्रहण किया। परिणामस्वरूप अपुल्लोस अपनी सेवकाई में आगे बढ़ सका और परमेश्वर के वचन में उसका नाम अनन्तकाल के लिए बड़े आदर के साथ दर्ज किया गया है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में भजनकार ने भी परमेश्वर के लिए लिखा है कि: "यहोवा भला और सीधा है; इसलिये वह पापियों को अपना मार्ग दिखलाएगा। वह नम्र लोगों को न्याय की शिक्षा देगा, हां वह नम्र लोगों को अपना मार्ग दिखलाएगा" (भजन 25:8-9)। यदि हम में नम्रता है तो परमेश्वर हमें अपने मार्गों की शिक्षा दे सकता है जिससे हम दूसरों को भी अनन्त जीवन के मार्ग के बारे में बता सकें। - सिंडी हैस कैस्पर


नम्र होना अर्थात परमेश्वर में सामर्थी होना।

यहोवा नम्र लोगों को सम्भलता है, और दुष्टों को भूमि पर गिरा देता है। - भजन 147:6

बाइबल पाठ: प्रेरितों 18:24-28
Acts 18:24 अपुल्लोस नाम एक यहूदी जिस का जन्म सिकन्‍दिरया में हुआ था, जो विद्वान पुरूष था और पवित्र शास्त्र को अच्छी तरह से जानता था इफिसुस में आया। 
Acts 18:25 उसने प्रभु के मार्ग की शिक्षा पाई थी, और मन लगाकर यीशु के विषय में ठीक ठीक सुनाता, और सिखाता था, परन्तु वह केवल यूहन्ना के बपतिस्मा की बात जानता था। 
Acts 18:26 वह आराधनालय में निडर हो कर बोलने लगा, पर प्रिस्‍किल्ला और अक्‍विला उस की बातें सुनकर, उसे अपने यहां ले गए और परमेश्वर का मार्ग उसको और भी ठीक ठीक बताया। 
Acts 18:27 और जब उसने निश्‍चय किया कि पार उतरकर अखाया को जाए तो भाइयों ने उसे ढाढ़स देकर चेलों को लिखा कि वे उस से अच्छी तरह मिलें, और उसने पहुंच कर वहां उन लोगों की बड़ी सहायता की जिन्हों ने अनुग्रह के कारण विश्वास किया था। 
Acts 18:28 क्योंकि वह पवित्र शास्त्र से प्रमाण दे देकर, कि यीशु ही मसीह है; बड़ी प्रबलता से यहूदियों को सब के साम्हने निरूत्तर करता रहा।

एक साल में बाइबल: 
  • मरकुस 11-13


गुरुवार, 23 अक्तूबर 2014

भरोसेमंद प्रेम


   संभवतः सुनने में सबसे दुखदायी बात है किसी प्रीय से सुनना, "मैं अब तुम से प्रेम नहीं रखता।" ये शब्द रिश्ते समाप्त कर देते हैं, हृदय तोड़ देते हैं और सपनों को चूर-चूर कर देते हैं। अकसर जो लोग ऐसा धोखा खाए हुए होते हैं वे अपने आप को और दुख से बचाने के लिए किसी के प्रेम पर फिर कभी भरोसा रखना छोड़ देते हैं, यहाँ तक कि कुछ का भरोसा परमेश्वर के प्रेम पर से भी उठ जाता है।

   लेकिन मनुष्य के प्रति परमेश्वर के प्रेम की अद्भुत बात यह है कि वह मनुष्य के प्रत्युत्तर पर आधारित नहीं है और ना ही मनुष्य के लिए परमेश्वर का प्रेम कभी समाप्त होता है। भविष्यद्वक्ता यिर्मयाह को भयानक और विनाशकारी परिस्थितियों को देखना तथा झेलना पड़ा जिससे वह भावानात्मक रूप में टूट गया (विलापगीत 3:13-20)। उसके अपने लोगों ने परमेश्वर के प्रेम को स्वीकार करने और परमेश्वर का अनुसरण करने की उसकी बार बार दी गई चेतावनियों को मानने से इन्कार कर दिया, और वे परमेश्वर के भयानक कोप के भागी हुए। इस विनाश के दुख की चरम सीमा पर यिर्मयाह ने कहा, "...मेरा बल नाश हुआ, और मेरी आश जो यहोवा पर थी, वह टूट गई है" (विलापगीत 3:18)।

   लेकिन फिर भी अपनी निराशा के इस घोर अन्धकार में यिर्मयाह ने परमेश्वर के प्रेम को ही अपना आधार बनाया, उसे स्मरण किया और परमेश्वर पर उसकी आशा फिर बन्ध गई (विलापगीत 3:21-24)। मनुष्य हमसे सदा प्रेम करते रहने का वायदा कर के भी अपने वायदे से पलट सकता है, धोखा दे सकता है, लेकिन परमेश्वर का प्रेम कभी ना बदलने वाला प्रेम है, वह अपने बच्चों के साथ सदा बना रहता है, उन्हें कभी नहीं छोड़ता और कभी नहीं त्यागता: "तू हियाव बान्ध और दृढ़ हो, उन से न डर और न भयभीत हो; क्योंकि तेरे संग चलने वाला तेरा परमेश्वर यहोवा है; वह तुझ को धोखा न देगा और न छोड़ेगा" (व्यवस्थाविवरण 31:6)। परमेश्वर का प्रेम वास्तव में भरोसेमन्द प्रेम है। - डेविड मैक्कैसलैण्ड


परमेश्वर का प्रेम कभी बदलता नहीं कभी धोखा नहीं देता।

क्षण भर ही के लिये मैं ने तुझे छोड़ दिया था, परन्तु अब बड़ी दया कर के मैं फिर तुझे रख लूंगा। क्रोध के झकोरे में आकर मैं ने पल भर के लिये तुझ से मुंह छिपाया था, परन्तु अब अनन्त करूणा से मैं तुझ पर दया करूंगा, तेरे छुड़ाने वाले यहोवा का यही वचन है। - यशायाह 54:7-8

बाइबल पाठ: विलापगीत 3:12-26
Lamentations 3:12 उसने धनुष चढ़ा कर मुझे अपने तीर का निशाना बनाया है। 
Lamentations 3:13 उसने अपनी तीरों से मेरे हृदय को बेध दिया है; 
Lamentations 3:14 सब लोग मुझ पर हंसते हैं और दिन भर मुझ पर ढालकर गीत गाते हैं, 
Lamentations 3:15 उसने मुझे कठिन दु:ख से भर दिया, और नागदौना पिलाकर तृप्त किया है। 
Lamentations 3:16 उसने मेरे दांतों को कंकरी से तोड़ डाला, और मुझे राख से ढांप दिया है; 
Lamentations 3:17 और मुझ को मन से उतार कर कुशल से रहित किया है; मैं कल्याण भूल गया हूँ; 
Lamentations 3:18 इसलिऐ मैं ने कहा, मेरा बल नाश हुआ, और मेरी आश जो यहोवा पर थी, वह टूट गई है। 
Lamentations 3:19 मेरा दु:ख और मारा मारा फिरना, मेरा नागदौने और-और विष का पीना स्मरण कर! 
Lamentations 3:20 मैं उन्हीं पर सोचता रहता हूँ, इस से मेरा प्राण ढला जाता है। 
Lamentations 3:21 परन्तु मैं यह स्मरण करता हूँ, इसीलिये मुझे आाशा है: 
Lamentations 3:22 हम मिट नहीं गए; यह यहोवा की महाकरुणा का फल है, क्योंकि उसकी दया अमर है। 
Lamentations 3:23 प्रति भोर वह नई होती रहती है; तेरी सच्चाई महान है। 
Lamentations 3:24 मेरे मन ने कहा, यहोवा मेरा भाग है, इस कारण मैं उस में आशा रखूंगा। 
Lamentations 3:25 जो यहोवा की बाट जोहते और उसके पास जाते हैं, उनके लिये यहोवा भला है। 
Lamentations 3:26 यहोवा से उद्धार पाने की आशा रख कर चुपचाप रहना भला है।

एक साल में बाइबल: 
  • मरकुस 7-10


बुधवार, 22 अक्तूबर 2014

धन्यवादी


   मेरे घर के इलाके लैन्सिंग, मिशिगन में सर्दियों में खिली धूप वाले दिन कम ही होते हैं; लेकिन पिछले वर्ष परमेश्वर ने हमें एक ऐसा खिली धूप वाला दिन दिया। मुझे लगा कि उस दिन के लिए सभी परमेश्वर के धन्यवादी हो रहे थे, सिवाय मेरे। जब मैं अपने दफ्तर से निकलकर घर की ओर चला तो एक व्यक्ति ने टिप्पणी करी, "आज हमें परमेश्वर से कैसा अच्छा दिन उपहार में मिला है।" उसे मेरा प्रत्युत्तर था, "हाँ, लेकिन इस सप्ताहांत तो बर्फ पड़नी ही है।" मेरी सोच कितनी छोटी थी!

   अपनी पत्रियों में प्रेरित पौलुस ने अपने पाठकों को लिखा कि वे परमेश्वर के प्रति एक धन्यवादी दृष्टिकोण विकसित करें। परमेश्वर के वचन बाइबल के नए नियम खण्ड की पुस्तकों के अन्य सभी लेखकों की अपेक्षा पौलुस ने ही सबसे अधिक, अर्थात 23 बार धन्यवादी होने के लिए लिखा है। जिन बातों के लिए धन्यवादी होने के लिए पौलुस ने लिखा है, उनसे हम इस विषय में कुछ महत्वपूर्ण बातें सीख सकते हैं।

   पौलुस के धन्यवाद सदा ही परमेश्वर को संबोधित थे, वह अपने सहायकों के लिए भी परमेश्वर को धन्यवाद करता था, उन्हें परमेश्वर की ओर से उसे दिया गया उपहार मानता था - उन्हें उसके साथ जोड़ने के लिए, उन से उसे मिलने वाली सहायता के लिए और उनकी आत्मिक बढ़ोतरी, उनके प्रेम और उनके विश्वास के लिए भी वह परमेश्वर का धन्यवाद करता था (1 कुरिन्थियों 1:4; 1 थिस्सुलुनीकियों1:2)।

   हर बात के लिए वह परमेश्वर को अपने धन्यवाद प्रभु यीशु में होकर अर्पित करता था (कुलुस्सियों 3:15, 17)। पौलुस का मानना था कि प्रभु यीशु के अनुयायियों को हर बात के लिए परमेश्वर का धन्यवादी होना चाहिए क्योंकि परमेश्वर सर्वशक्तिमान है और सब बातों में अपने विश्वासियों की भलाई के लिए कार्य कर रहा है (1 थिस्सुलुनीकियों 5:18)।

   परमेश्वर के प्रति यही धन्यवादी मन हम सब का भी होना चाहिए, हम परमेश्वर द्वारा हमें प्रदान करे गए विभिन्न उपहारों के प्रति सचेत रहें, और कृतज्ञ होकर उसका धनय्वाद करते रहें। जो कुछ परमेश्वर ने हमारे लिए किया है और कर रहा है, उसके प्रत्युत्तर में हम कम से कम धन्यवाद तो कह ही सकते हैं। - मार्विन विलियम्स


परमेश्वर के उपहारों के लिए स्वाभाविक प्रत्युत्तर कृतज्ञ एवं धन्यवादी होना है।

और सदा सब बातों के लिये हमारे प्रभु यीशु मसीह के नाम से परमेश्वर पिता का धन्यवाद करते रहो। - इफिसियों 5:20

बाइबल पाठ: 1 थिस्सुलुनीकियों 5:16-25
1 Thessalonians 5:16 सदा आनन्‍दित रहो। 
1 Thessalonians 5:17 निरन्‍तर प्रार्थना मे लगे रहो। 
1 Thessalonians 5:18 हर बात में धन्यवाद करो: क्योंकि तुम्हारे लिये मसीह यीशु में परमेश्वर की यही इच्छा है। 
1 Thessalonians 5:19 आत्मा को न बुझाओ। 
1 Thessalonians 5:20 भविष्यद्वाणियों को तुच्‍छ न जानो। 
1 Thessalonians 5:21 सब बातों को परखो: जो अच्छी है उसे पकड़े रहो। 
1 Thessalonians 5:22 सब प्रकार की बुराई से बचे रहो। 
1 Thessalonians 5:23 शान्‍ति का परमेश्वर आप ही तुम्हें पूरी रीति से पवित्र करे; और तुम्हारी आत्मा और प्राण और देह हमारे प्रभु यीशु मसीह के आने तक पूरे पूरे और निर्दोष सुरक्षित रहें। 
1 Thessalonians 5:24 तुम्हारा बुलाने वाला सच्चा है, और वह ऐसा ही करेगा। 
1 Thessalonians 5:25 हे भाइयों, हमारे लिये प्रार्थना करो।

एक साल में बाइबल: 
  • मरकुस 4-6


मंगलवार, 21 अक्तूबर 2014

कटनी


   एक दोपहर को मैं एक खेत के निकट से होकर निकला। वहाँ उस खेत के स्वामी किसान ने बड़ी बड़ी मशीनें सड़क के किनारे खड़ी कर रखीं थीं और पीले रंग का एक चेतावनी चिन्ह लगा रखा था जिस पर लिखा था, "सावधान! फसल काटी जा रही है।" खेत के बगल से निकलते हुए मैंने एक झलक खेत की ओर देखा और मैं तुरंत पहचान गया कि कुछ महीने पहले उस किसान ने कौन से बीज बोए थे - मक्की के छोटे छोटे बीज। मैं यह इस लिए कह सकता हूँ क्योंकि वह किसान अपने खेतों से मक्का के पक्के खेत काटने की तैयारी कर रहा था - खेत की उपज प्रमाण थी कि वहाँ क्या बोया गया था।

   चाहे यह एक बहुत ही स्वाभाविक और साधारण सी बात प्रतीत होती है कि जब मक्की के बीज बोए जाएंगे तो फसल भी मक्की की ही होगी; लेकिन बोने और काटने के इसी संबंध को हम अपने आत्मिक जीवनों में अनेक बार नज़रंदाज़ कर देते हैं। प्रेरित पौलुस ने परमेश्वर के वचन बाइबल में गलतिया के मसीही विश्वासियों को लिखी अपनी पत्री में उन्हें सचेत किया, "धोखा न खाओ, परमेश्वर ठट्ठों में नहीं उड़ाया जाता, क्योंकि मनुष्य जो कुछ बोता है, वही काटेगा" (गलतियों 6:7)। यदि हम शारीरिक अभिलाषाओं की पूर्ति के लिए जीएंगे तो प्रतिफल में हमें भ्रष्ट आचरण ही मिलेगा जिस के कारण हम उसकी लालसा करेंगे जो हमारा नहीं है, हम स्वार्थी बन जाएंगे और अपने शरीरों का दुरुपयोग भी करने लगेंगे (गलतियों 5:19-21)। परन्तु यदि हम परमेश्वर के आत्मा के चलाए चलेंगे तो हमारे जीवनों में आत्मा के फल जैसे शान्ति, भलाई, संयम आदि भी दिखाई देंगे। परमेश्वर के अनुग्रह में हमें यह दिया गया है कि हम आत्मा के लिए बोएं और अनन्त जीवन की कटनी काटें (गलतियों 5:22-23)।

   मान लीजिए कि प्रभु यीशु आज के दिन को हमारे जीवन के लिए "कटनी का दिन" घोषित कर दे और पिछले वर्ष में अपने दैनिक चुनाव द्वारा जो कार्य रूपी ’बीज’ हमने बोएं हैं उनकी फसल उसके सम्मुख लाने को कहे, तो हमारे पास उसे दिखाने के लिए क्या होगा? क्या हम कटनी के लिए तैयार हैं? - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


जो बीज हम आज बोते हैं वे ही निर्धारित करते हैं कि कल हम क्या फसल काटेंगे।

पर मैं कहता हूं, आत्मा के अनुसार चलो, तो तुम शरीर की लालसा किसी रीति से पूरी न करोगे। - गलतियों 5:16 

बाइबल पाठ: गलतियों 5:19-23; 6:1-10
Galatians 5:19 शरीर के काम तो प्रगट हैं, अर्थात व्यभिचार, गन्‍दे काम, लुचपन। 
Galatians 5:20 मूर्ति पूजा, टोना, बैर, झगड़ा, ईर्ष्या, क्रोध, विरोध, फूट, विधर्म। 
Galatians 5:21 डाह, मतवालापन, लीलाक्रीड़ा, और इन के जैसे और और काम हैं, इन के विषय में मैं तुम को पहिले से कह देता हूं जैसा पहिले कह भी चुका हूं, कि ऐसे ऐसे काम करने वाले परमेश्वर के राज्य के वारिस न होंगे। 
Galatians 5:22 पर आत्मा का फल प्रेम, आनन्द, मेल, धीरज, 
Galatians 5:23 और कृपा, भलाई, विश्वास, नम्रता, और संयम हैं; ऐसे ऐसे कामों के विरोध में कोई भी व्यवस्था नहीं। 

Galatians 6:1 हे भाइयों, यदि कोई मनुष्य किसी अपराध में पकड़ा भी जाए, तो तुम जो आत्मिक हो, नम्रता के साथ ऐसे को संभालो, और अपनी भी चौकसी रखो, कि तुम भी परीक्षा में न पड़ो। 
Galatians 6:2 तुम एक दूसरे के भार उठाओ, और इस प्रकार मसीह की व्यवस्था को पूरी करो। 
Galatians 6:3 क्योंकि यदि कोई कुछ न होने पर भी अपने आप को कुछ समझता है, तो अपने आप को धोखा देता है। 
Galatians 6:4 पर हर एक अपने ही काम को जांच ले, और तब दूसरे के विषय में नहीं परन्तु अपने ही विषय में उसको घमण्‍ड करने का अवसर होगा। 
Galatians 6:5 क्योंकि हर एक व्यक्ति अपना ही बोझ उठाएगा।
Galatians 6:6 जो वचन की शिक्षा पाता है, वह सब अच्छी वस्‍तुओं में सिखाने वाले को भागी करे। 
Galatians 6:7 धोखा न खाओ, परमेश्वर ठट्ठों में नहीं उड़ाया जाता, क्योंकि मनुष्य जो कुछ बोता है, वही काटेगा। 
Galatians 6:8 क्योंकि जो अपने शरीर के लिये बोता है, वह शरीर के द्वारा विनाश की कटनी काटेगा; और जो आत्मा के लिये बोता है, वह आत्मा के द्वारा अनन्त जीवन की कटनी काटेगा। 
Galatians 6:9 हम भले काम करने में हियाव न छोड़े, क्योंकि यदि हम ढीले न हों, तो ठीक समय पर कटनी काटेंगे। 
Galatians 6:10 इसलिये जहां तक अवसर मिले हम सब के साथ भलाई करें; विशेष कर के विश्वासी भाइयों के साथ।

एक साल में बाइबल: 
  • मरकुस 1-3


सोमवार, 20 अक्तूबर 2014

विलंब और प्रतीक्षा


   परमेश्वर के वचन बाइबल में यशायाह के 18 अध्याय में ऐसा लगता है कि सारा संसार परमेश्वर के लोगों के विरुद्ध युद्ध में उतरने के लिए तैयार है; लेकिन ऐसे में परमेश्वर का प्रत्युत्तर है, "...धूप की तेज गर्मी वा कटनी के समय के ओस वाले बादल की नाईं मैं शान्त हो कर निहारूंगा" (यशायाह 18:4)। ऐसा प्रतीत हो सकता है कि परमेश्वर का यह शान्त होकर बैठना उसके लोगों के विरुद्ध संसार की साज़िश की मूक स्वीकृति है; लेकिन ऐसा था नहीं। परमेश्वर का यह शान्त प्रत्युत्तर इस बात का स्मरण करवाना था कि वह तब कार्य करता है जब समय सही होता है - उसके अनुसार और उसकी इच्छा में।

   प्रभु यीशु मसीह का अपने मित्र लाज़र की मृत्यु के बाद चार दिन तक प्रतीक्षा करते रहने के बारे में विचार कीजिए, जब कि लाज़र कब्र में पड़ा हुआ था (यूहन्ना 11:39)। क्या प्रभु लाज़र कि स्थिति से अनभिज्ञ था? क्या प्रभु को लाज़र की कोई परवाह नहीं थी? प्रभु यीशु को परवाह भी थी और वह लाज़र की स्थिति को अच्छे से जानता भी था, लेकिन उसे उस सही समय की प्रतीक्षा थी जब वह अपनी सामर्थ भी दिखा सके था और उस घटना को लेकर जो शिक्षाएं उसे देनी थीं उन्हें सही रीति से दे भी सके।

   बाइबल में अनेक स्थानों पर ऐसे उल्लेख हैं जहाँ लगता है कि परमेश्वर ने विलंब कर दिया, ऐसी परिस्थितियाँ जिनमें वह विलंब मानवीय दृष्टिकोण से समझ से बाहर है। लेकिन परमेश्वर का प्रत्येक विलंब उसकी बुद्धिमता और प्रेम की गहराइयों से आता है और हमारी भलाई ही के लिए होता है। यदि और कुछ नहीं तो वह विलंब हमें कुछ सदगुण, जैसे कि नम्रता, धैर्य, सहनशीलता, दृढ़ता से डटे रहना इत्यादि सिखाता है, जो संभवतः हम किसी अन्य रीति से सीखने के लिए तैयार नहीं होते।

   क्या आप किसी परेशानी में हैं? क्या आपको लगता है कि परमेश्वर आप से दूर और अलग हो गया है, उसे आपकी परवाह नहीं है? स्मरण तथा विश्वास रखिए कि वह आपके कष्ट से अनभिज्ञ नहीं है और ना ही उसने आपकी प्रार्थनाएं अनसुनी करी हैं। वह अपने उद्देश्यों और समय के पूरा होने की प्रतीक्षा कर रहा है, और फिर सही समय पर वह हस्तक्षेप करेगा और आपके लिए सर्वोत्तम करके देगा। परमेश्वर कभी जल्दबाज़ी में नहीं होता, परन्तु सही समय पर अवश्य होता है। - डेविड रोपर


परमेश्वर का समय सदा सही समय होता है, उसकी प्रतीक्षा करना सर्वोत्तम है।

और हम जानते हैं, कि जो लोग परमेश्वर से प्रेम रखते हैं, उन के लिये सब बातें मिलकर भलाई ही को उत्पन्न करती है; अर्थात उन्हीं के लिये जो उस की इच्छा के अनुसार बुलाए हुए हैं। - रोमियों 8:28

बाइबल पाठ: यशायाह 18:1-7
Isaiah 18:1 हाय, पंखों की फड़फड़ाहट से भरे हुए देश, तू जो कूश की नदियों के परे है; 
Isaiah 18:2 और समुद्र पर दूतों को नरकट की नावों में बैठा कर जल के मार्ग से यह कहके भेजता है, हे फुर्तीले दूतो, उस जाति के पास जाओ जिसके लोग बलिष्ट और सुन्दर हैं, जो आदि से अब तक डरावने हैं, जो मापने और रौंदने वाला भी हैं, और जिनका देश नदियों से विभाजित किया हुआ है।
Isaiah 18:3 हे जगत के सब रहने वालों, और पृथ्वी के सब निवासियों, जब झंड़ा पहाड़ों पर खड़ा किया जाए, उसे देखो! जब नरसिंगा फूंका जाए, तब सुनो! 
Isaiah 18:4 क्योंकि यहोवा ने मुझ से यों कहा है, धूप की तेज गर्मी वा कटनी के समय के ओस वाले बादल की नाईं मैं शान्त हो कर निहारूंगा। 
Isaiah 18:5 क्योंकि दाख तोड़ने के समय से पहिले जब फूल फूल चुकें, और दाख के गुच्छे पकने लगें, तब वह टहनियों को हंसुओं से काट डालेगा, और फैली हुई डालियों को तोड़ तोड़कर अलग फेंक देगा। 
Isaiah 18:6 वे पहाड़ों के मांसाहारी पक्षियों और वन-पशुओं के लिये इकट्ठे पड़े रहेंगे। और मांसाहारी पक्षी तो उन को नोचते नोचते धूपकाल बिताएंगे, और सब भांति के वनपशु उन को खाते खाते जाड़ा काटेंगे। 
Isaiah 18:7 उस समय जिस जाति के लोग बलिष्ट और सुन्दर हैं, और जो आदि ही से डरावने होते आए हैं, और मापने और रौंदने वाले हैं, और जिनका देश नदियों से विभाजित किया हुआ है, उस जाति से सेनाओं के यहोवा के नाम के स्थान सिय्योन पर्वत पर सेनाओं के यहोवा के पास भेंट पहुंचाई जाएगी।

एक साल में बाइबल: 
  • मत्ती 26-28


रविवार, 19 अक्तूबर 2014

आवश्यकता और उपयोग


   मेरी पहली साईकिल में केवल एक ही गियर था - चाहे मैं तेज़ी से चल रही हूँ या धीमे, चाहे मैं चढ़ाई पर चढ़ रही हूँ या ढाल पर उतर रही हूँ, सब कुछ बस उस एक ही गियर की सहायता से करना होता था। मेरी अगली साईकिल में तीन गियर थे, एक समतल स्थानों के लिए, एक चढ़ाई चढ़ने के लिए और एक ढाल पर उतरने के लिए। अब मेरी तीसरी साईकिल में दस गियर हैं जिनके सहारे मैं विभिन्न प्रकार की सतहों पर साईकिल चलाने के लिए सहायता प्राप्त कर सकती हूँ; कोई साईकिल चलाना आरंभ करते समय प्रयोग करने के लिए हैं, तो कोई चढ़ाई चढ़ने के लिए, कोई तेज़ गति से चलने के लिए और कोई आराम से साईकिल चलाने के लिए। चाहे मेरी इस साईकिल में प्रयोग के लिए बहुत गियर हैं, लेकिन हर बार जब मैं साईकिल चलाने के लिए निकलती हूँ तो मुझे उन सभी को प्रयोग करने की आवश्यकता नहीं होती। इतने गियर साईकिल में उपलब्ध होने का लाभ यह है कि किसी भी परिस्थिति में सही गियर की सहायता से साईकिल चलाने के लिए सहायता सदा उपलब्ध है, चाहे मैं सभी गियर कभी प्रयोग करूँ या नहीं, मुझे उनमें से किसी की भी आवश्यकता कभी भी हो सकती है, और मैं आश्वस्त हूँ कि वे सभी मेरे पास हैं।

   यही बात हमें परमेश्वर से मिलने वाले आत्मिक वरदानों और योग्यताओं के लिए भी लागू है। जब ऐसे समय होते हैं जिनमें मैं वह नहीं कर रही होती हूँ जो मैं किया करती थी, तो उन बातों को लेकर अपने आप को व्यर्थ और अनुपयोगी महसूस करने की बजाए मैं परमेश्वर का धन्यवाद करती हूँ उन बातों के लिए जो मैं कर सकती हूँ और उनके लिए भी जो मैंने करी हैं; मेरे जीवन के वे "गियर" मेरे लिए उपयोगी थे, मुझे अभी भी उपलब्ध हैं और फिर कभी उपयोगी हो सकते हैं। क्योंकि वर्तमान परिस्थिति में किसी कौशल की आवश्यकता नहीं पड़ रही है, इसका यह अर्थ नहीं है कि फिर कभी आवश्यकता पड़ेगी ही नहीं; परिस्थितियाँ भी बदलेंगी और उनके अनुसार आवश्यकताएं भी।

   क्योंकि परिस्थितियाँ अनेपक्षित और अप्रत्याशित रीति से बदलती रहती हैं, हमें भिन्न आत्मिक वरदानों की आवश्यकता होती है और उनका उपयोग भिन्न समयों पर भिन्न रीति से करना होता है। परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस ने तीतुस को लिखी अपनी पत्री में उसे निर्देश दिया कि वह लोगों से कहे कि वे "...हर एक अच्‍छे काम के लिये तैयार रहें" (तीतुस 3:1)। जो निर्देश उस समय तीतुस के लिए आवश्यक था, वही आज हमारे लिए भी उतना ही आवश्यक है। हम अपने प्रभु के कार्य और उसके दूसरे आगमन के लिए सदा चौकस और तैयार रहें और अपनी ज़िम्मेदारी पूरी करने में लगे रहें तथा आवश्यकतानुसार अपने आत्मिक वरदानों का उपयोग करते रहें। - जूली ऐकैरमैन लिंक


अपने औज़ार तैयार रखिए, परमेश्वर आपके लिए कार्य निर्धारित कर देगा।

कि तू वचन को प्रचार कर; समय और असमय तैयार रह, सब प्रकार की सहनशीलता, और शिक्षा के साथ उलाहना दे, और डांट, और समझा। पर तू सब बातों में सावधान रह, दुख उठा, सुसमाचार प्रचार का काम कर और अपनी सेवा को पूरा कर। - 2 तिमुथियुस 4:2, 5

बाइबल पाठ: तीतुस 3:1-8
Titus 3:1 लोगों को सुधि दिला, कि हाकिमों और अधिकारियों के आधीन रहें, और उन की आज्ञा मानें, और हर एक अच्‍छे काम के लिये तैयार रहें। 
Titus 3:2 किसी को बदनाम न करें; झगडालू न हों: पर कोमल स्‍वभाव के हों, और सब मनुष्यों के साथ बड़ी नम्रता के साथ रहें। 
Titus 3:3 क्योंकि हम भी पहिले, निर्बुद्धि, और आज्ञा न मानने वाले, और भ्रम में पड़े हुए, और रंग रंग के अभिलाषाओं और सुखविलास के दासत्‍व में थे, और बैरभाव, और डाह करने में जीवन निर्वाह करते थे, और घृणित थे, और एक दूसरे से बैर रखते थे। 
Titus 3:4 पर जब हमारे उद्धारकर्ता परमेश्वर की कृपा, और मनुष्यों पर उसकी प्रीति प्रगट हुई। 
Titus 3:5 तो उसने हमारा उद्धार किया: और यह धर्म के कामों के कारण नहीं, जो हम ने आप किए, पर अपनी दया के अनुसार, नए जन्म के स्‍नान, और पवित्र आत्मा के हमें नया बनाने के द्वारा हुआ। 
Titus 3:6 जिसे उसने हमारे उद्धारकर्ता यीशु मसीह के द्वारा हम पर अधिकाई से उंडेला। 
Titus 3:7 जिस से हम उसके अनुग्रह से धर्मी ठहरकर, अनन्त जीवन की आशा के अनुसार वारिस बनें। 
Titus 3:8 यह बात सच है, और मैं चाहता हूं, कि तू इन बातों के विषय में दृढ़ता से बोले इसलिये कि जिन्हों ने परमेश्वर की प्रतीति की है, वे भले-भले कामों में लगे रहने का ध्यान रखें: ये बातें भली, और मनुष्यों के लाभ की हैं।

एक साल में बाइबल: 
  • मत्ती 23-25


शनिवार, 18 अक्तूबर 2014

अनुग्रह और प्रेम


   मेरी मुलाकात एक ऐसे व्यक्ति से हुई जिसका यह मानना था कि उसके कार्य इतने बुरे थे कि उनके लिए परमेश्वर उसे कभी क्षमा नहीं कर सकता। एक अन्य व्यसक और परिपक्व जन ने उसे अपने साथ लिया और उसे संभाला, और फिर एक वर्ष बाद जब मैं उससे मिला तब तक वह पहला व्यक्ति प्रभु यीशु में पापों की क्षमा और उद्धार को पा चुका था और बड़ी लगन से परमेश्वर के वचन बाइबल को पढ़ने में लगा हुआ था। लेकिन और तीन वर्ष के बाद जब मेरी उससे बातचीत हुई तो मुझे आभास हुआ कि मसीही विश्वास के जीवन का उसका वह आरंभिक उत्साह अब क्षीण हो गया था, उसके स्थान पर कुड़कुड़ाहट उसके जीवन में आ गई थी; उसने कहा, "मुझे यह समझ नहीं आता कि परमेश्वर कैसे बुराई को पनपने और समृद्ध होने देता है जबकि उसके अपने पुत्र और पुत्रियाँ (उसका संकेत स्वयं अपनी ओर था) जीवन यापन के लिए संघर्ष में लगे हैं।" उसकी कुड़कुड़ाहट ने उसके मसीही विश्वास के आनन्द को समाप्त कर दिया था।

   बहुतेरे अन्य लोगों के समान ही, वह भी यह भूल गया था कि एक समय वह स्वयं भी उस बुराई में पड़ा था, और यह केवल मसीह यीशु में होकर उपलब्ध परमेश्वर का अनुग्रह ही था जिसके द्वारा उसका जीवन बदला और वह पापों से छूट सका। आज वह उस पाप क्षमा और उद्धार के लिए अपनी आरंभिक कृतज्ञता को भूल गया था, उसने अपने प्रति प्रभु के अनुग्रह का मूल्यांकन करने और अपना जीवन प्रभु के समक्ष बिताने की बजाए दूसरों का मूल्यांकन करने और अपनी तुलना उनसे करना आरंभ कर दिया था, जिससे उसका दृष्टिकोण बदल गया और उसका आनन्द जाता रहा। उसके इस व्यवहार से मुझे प्रभु यीशु द्वारा दाख की बारी में काम करने के लिए मज़दुरों को बुलाए जाने वाले दृष्टांत (मत्ती 20:1-16) की याद आई। स्वामी ने जिन्हें उस बारी में कार्य करने के लिए बुलाय था, उनमें से कुछ अपने कर्त्वय को भूल कर दुसरों के बारे में सोचने लग गए थे (पद 10-12), और परिणाम दुखदायी था।

   परमेश्वर हम में से किसी का भी, किसी भी रीति से, किसी भी बात के लिए लेशमात्र भी कर्ज़दार नहीं है। यदि हमारे पापों के बावजूद वह हमें अपनी पृथ्वी पर बने रहने देता है, हमें खाने-पीने-रहने-ओढ़ने को देता है, हमारे जीवनों में आनन्द के अवसर आने देता है, तो यह सब उसका हमारे प्रति अनुग्रह और प्रेम ही है। लेकिन इससे भी बढ़कर उसका प्रेम इसमें प्रदर्शित होता है कि वह संसार के सभी लोगों को प्रभु यीशु में होकर सेंत-मेंत उद्धार उपलब्ध कराता है, उनके पाप क्षमा करने को तैयार रहता है, उन्हें अपने परिवार में जोड़ने को लालायित रहता है। वह चाहता है कि हम सब उसके साथ अनन्तकाल तक स्वर्ग में निवास करें, और जो कोई प्रभु यीशु में होकर उसके पास आता है, उसके अन्दर वह अपना आत्मा निवास करने को देता है जिससे वह व्यक्ति उस अनन्तकाल के जीवन के लिए तैयार किया जा सके।

   किसी के भी जीवन में आने वाले उतार-चढ़ाव उसके प्रति परमेश्वर के इस महान अनुग्रह और प्रेम को किसी रीति से कमतर नहीं आँक सकते। जब तक हमारी नज़रें अपने उद्धारकर्ता प्रभु परमेश्वर यीशु मसीह पर लगी रहेंगी, और हम उसके वचन की रौशनी में स्वयं अपना आँकलन उसके समक्ष करते रहेंगे, हम उसके अनुग्रह के महत्व तथा हमारे प्रति उसके प्रेम की महानता को समझते रहेंगे। फिर हमारे जीवन में ना तो कुड़कुड़ाने का कोई अवसर होगा और ना ही प्रभु में हमारा आनन्द कभी छिन्न हो सकेगा। - रैन्डी किल्गोर


जीवन में तृप्त और आनन्दित रहने के लिए कभी यह ना भूलें कि परमेश्वर भला है और अपने बच्चों के लिए सदा भला ही करता है।

हे भाइयों, एक दूसरे पर दोष न लगाओ ताकि तुम दोषी न ठहरो, देखो, हाकिम द्वार पर खड़ा है। - याकूब 5:9

बाइबल पाठ: मत्ती 20:1-16
Matthew 20:1 स्वर्ग का राज्य किसी गृहस्थ के समान है, जो सबेरे निकला, कि अपने दाख की बारी में मजदूरों को लगाए। 
Matthew 20:2 और उसने मजदूरों से एक दीनार रोज पर ठहराकर, उन्हें अपने दाख की बारी में भेजा। 
Matthew 20:3 फिर पहर एक दिन चढ़े, निकल कर, और औरों को बाजार में बेकार खड़े देखकर, 
Matthew 20:4 उन से कहा, तुम भी दाख की बारी में जाओ, और जो कुछ ठीक है, तुम्हें दूंगा; सो वे भी गए। 
Matthew 20:5 फिर उसने दूसरे और तीसरे पहर के निकट निकलकर वैसा ही किया। 
Matthew 20:6 और एक घंटा दिन रहे फिर निकलकर औरों को खड़े पाया, और उन से कहा; तुम क्यों यहां दिन भर बेकार खड़े रहे? उन्हों ने उस से कहा, इसलिये, कि किसी ने हमें मजदूरी पर नहीं लगाया। 
Matthew 20:7 उसने उन से कहा, तुम भी दाख की बारी में जाओ। 
Matthew 20:8 सांझ को दाख बारी के स्‍वामी ने अपने भण्‍डारी से कहा, मजदूरों को बुलाकर पिछलों से ले कर पहिलों तक उन्हें मजदूरी दे दे। 
Matthew 20:9 सो जब वे आए, जो घंटा भर दिन रहे लगाए गए थे, तो उन्हें एक एक दीनार मिला। 
Matthew 20:10 जो पहिले आए, उन्होंने यह समझा, कि हमें अधिक मिलेगा; परन्तु उन्हें भी एक ही एक दीनार मिला। 
Matthew 20:11 जब मिला, तो वह गृहस्थ पर कुडकुड़ा के कहने लगे। 
Matthew 20:12 कि इन पिछलों ने एक ही घंटा काम किया, और तू ने उन्हें हमारे बराबर कर दिया, जिन्हों ने दिन भर का भार उठाया और घाम सहा? 
Matthew 20:13 उसने उन में से एक को उत्तर दिया, कि हे मित्र, मैं तुझ से कुछ अन्याय नहीं करता; क्या तू ने मुझ से एक दीनार न ठहराया? 
Matthew 20:14 जो तेरा है, उठा ले, और चला जा; मेरी इच्छा यह है कि जितना तुझे, उतना ही इस पिछले को भी दूं। 
Matthew 20:15 क्या उचित नहीं कि मैं अपने माल से जो चाहूं सो करूं? क्या तू मेरे भले होने के कारण बुरी दृष्टि से देखता है? 
Matthew 20:16 इसी रीति से जो पिछले हैं, वह पहिले होंगे, और जो पहिले हैं, वे पिछले होंगे।

एक साल में बाइबल: 
  • मत्ती 20-22


शुक्रवार, 17 अक्तूबर 2014

अवसर


   अपनी किशोरावस्था में मेरे बेटे स्टीव ने मुझ से एक प्रश्न पूछा: "पिताजी, यदि परमेश्वर सनातन से है तो सृष्टि को रचने से पूर्व वह क्या करता था?"

   परमेश्वर का वचन बाइबल बताती है कि "आदि में परमेश्वर ने आकाश और पृथ्वी की सृष्टि की" (उत्पत्ति 1:1), तो उस ’आदि’ से पूर्व के अवर्णित, असीमित समय में परमेश्वर क्या कर रहा था? बाइबल हमें इस बारे में एक हलकी सी झलक देती है। हम देखते हैं कि प्रभु यीशु मसीह पृथ्वी की सृष्टि से पहले ही परमेश्वर के द्वारा महिमान्वित किया गया और परमेश्वर ने उससे प्रेम रखा (यूहन्ना 17:5, 24)। यह भी लिखा है कि सृष्टि की रचना से पहले "बुद्धि" थी, जिसका उद्गम परमेश्वर का चरित्र था। "बुद्धि" अपने बारे में नीतिवचन 8:23 में कहती है, "मैं सदा से वरन आदि ही से पृथ्वी की सृष्टि के पहिले ही से ठहराई गई हूं।"

   हम तीतुस की पत्री से जानने पाते हैं कि हम मनुष्यों के लिए अनन्त जीवन की आशा की योजना भी परमेश्वर ने सनातन से बना रखी थी "उस अनन्त जीवन की आशा पर, जिस की प्रतिज्ञा परमेश्वर ने जो झूठ बोल नहीं सकता सनातन से की है" (तीतुस 1:2)। बाइबल से हम यह भी ज्ञात होता है कि पृथ्वी की सृष्टि से पहले से ही परमेश्वर के द्वारा मसीह यीशु में होकर अनुग्रह द्वारा मनुष्य के उद्धार की योजना कार्यान्वित हो रही थी: "जिसने हमारा उद्धार किया, और पवित्र बुलाहट से बुलाया, और यह हमारे कामों के अनुसार नहीं; पर अपनी मनसा और उस अनुग्रह के अनुसार है जो मसीह यीशु में सनातन से हम पर हुआ है" (2 तिमुथियुस 1:9)। इसी प्रकार 

   इस पृथ्वी की सृष्टि से पहले ही परमेश्वर द्वारा किए गए कार्यों और बनाई गई योजनाओं की यह एक हलकी सी झलक हमें अपने प्रेमी परमेश्वर पिता की महानता, प्रताप और सामर्थ की हमारी कल्पना से भी बाहर विशालता का आभास करवाती है। कितना अद्भुत है वह परमेश्वर जो हमारे उद्धार के लिए अपनी सृष्टि में एक मानव रूप में सिमट कर आ गया और अन्य मनुष्यों से सब कुछ सहना स्वीकार किया, और आज भी सह रहा है, जिससे साधारण विश्वास और पापों से पश्चाताप के द्वारा हम मनुष्य उद्धार पा जाएं, उसकी सनतान बन जाएं, उसके साथ स्वर्ग में रहने के अधिकारी बन जाएं।

   यदि अभी भी आपने उस अद्भुत परमेश्वर के महान प्रेम को नहीं पहचाना है तो यह अवसर आपके लिए अभी भी उपलब्ध है - वह आपकी प्रतीक्षा में है। - डेव ब्रैनन


यह रचा गया संसार अनन्त में एक लघु अन्तराल मात्र है। - सर थौमस ब्राउन

परन्तु जितनों ने उसे ग्रहण किया, उसने उन्हें परमेश्वर के सन्तान होने का अधिकार दिया, अर्थात उन्हें जो उसके नाम पर विश्वास रखते हैं। वे न तो लोहू से, न शरीर की इच्छा से, न मनुष्य की इच्छा से, परन्तु परमेश्वर से उत्पन्न हुए हैं। - यूहन्ना 1:12-13

बाइबल पाठ: उत्पत्ति 1:1-31
Genesis 1:1 आदि में परमेश्वर ने आकाश और पृथ्वी की सृष्टि की। 
Genesis 1:2 और पृथ्वी बेडौल और सुनसान पड़ी थी; और गहरे जल के ऊपर अन्धियारा था: तथा परमेश्वर का आत्मा जल के ऊपर मण्डलाता था। 
Genesis 1:3 तब परमेश्वर ने कहा, उजियाला हो: तो उजियाला हो गया। 
Genesis 1:4 और परमेश्वर ने उजियाले को देखा कि अच्छा है; और परमेश्वर ने उजियाले को अन्धियारे से अलग किया। 
Genesis 1:5 और परमेश्वर ने उजियाले को दिन और अन्धियारे को रात कहा। तथा सांझ हुई फिर भोर हुआ। इस प्रकार पहिला दिन हो गया।
Genesis 1:6 फिर परमेश्वर ने कहा, जल के बीच एक ऐसा अन्तर हो कि जल दो भाग हो जाए। 
Genesis 1:7 तब परमेश्वर ने एक अन्तर कर के उसके नीचे के जल और उसके ऊपर के जल को अलग अलग किया; और वैसा ही हो गया। 
Genesis 1:8 और परमेश्वर ने उस अन्तर को आकाश कहा। तथा सांझ हुई फिर भोर हुआ। इस प्रकार दूसरा दिन हो गया।
Genesis 1:9 फिर परमेश्वर ने कहा, आकाश के नीचे का जल एक स्थान में इकट्ठा हो जाए और सूखी भूमि दिखाई दे; और वैसा ही हो गया। 
Genesis 1:10 और परमेश्वर ने सूखी भूमि को पृथ्वी कहा; तथा जो जल इकट्ठा हुआ उसको उसने समुद्र कहा: और परमेश्वर ने देखा कि अच्छा है। 
Genesis 1:11 फिर परमेश्वर ने कहा, पृथ्वी से हरी घास, तथा बीज वाले छोटे छोटे पेड़, और फलदाई वृक्ष भी जिनके बीज उन्ही में एक एक की जाति के अनुसार होते हैं पृथ्वी पर उगें; और वैसा ही हो गया। 
Genesis 1:12 तो पृथ्वी से हरी घास, और छोटे छोटे पेड़ जिन में अपनी अपनी जाति के अनुसार बीज होता है, और फलदाई वृक्ष जिनके बीज एक एक की जाति के अनुसार उन्ही में होते हैं उगे; और परमेश्वर ने देखा कि अच्छा है। 
Genesis 1:13 तथा सांझ हुई फिर भोर हुआ। इस प्रकार तीसरा दिन हो गया।
Genesis 1:14 फिर परमेश्वर ने कहा, दिन को रात से अलग करने के लिये आकाश के अन्तर में ज्योतियां हों; और वे चिन्हों, और नियत समयों, और दिनों, और वर्षों के कारण हों। 
Genesis 1:15 और वे ज्योतियां आकाश के अन्तर में पृथ्वी पर प्रकाश देने वाली भी ठहरें; और वैसा ही हो गया। 
Genesis 1:16 तब परमेश्वर ने दो बड़ी ज्योतियां बनाईं; उन में से बड़ी ज्योति को दिन पर प्रभुता करने के लिये, और छोटी ज्योति को रात पर प्रभुता करने के लिये बनाया: और तारागण को भी बनाया। 
Genesis 1:17 परमेश्वर ने उन को आकाश के अन्तर में इसलिये रखा कि वे पृथ्वी पर प्रकाश दें, 
Genesis 1:18 तथा दिन और रात पर प्रभुता करें और उजियाले को अन्धियारे से अलग करें: और परमेश्वर ने देखा कि अच्छा है। 
Genesis 1:19 तथा सांझ हुई फिर भोर हुआ। इस प्रकार चौथा दिन हो गया।
Genesis 1:20 फिर परमेश्वर ने कहा, जल जीवित प्राणियों से बहुत ही भर जाए, और पक्षी पृथ्वी के ऊपर आकाश के अन्तर में उड़ें। 
Genesis 1:21 इसलिये परमेश्वर ने जाति जाति के बड़े बड़े जल-जन्तुओं की, और उन सब जीवित प्राणियों की भी सृष्टि की जो चलते फिरते हैं जिन से जल बहुत ही भर गया और एक एक जाति के उड़ने वाले पक्षियों की भी सृष्टि की: और परमेश्वर ने देखा कि अच्छा है। 
Genesis 1:22 और परमेश्वर ने यह कहके उनको आशीष दी, कि फूलो-फलो, और समुद्र के जल में भर जाओ, और पक्षी पृथ्वी पर बढ़ें। 
Genesis 1:23 तथा सांझ हुई फिर भोर हुआ। इस प्रकार पांचवां दिन हो गया। 
Genesis 1:24 फिर परमेश्वर ने कहा, पृथ्वी से एक एक जाति के जीवित प्राणी, अर्थात घरेलू पशु, और रेंगने वाले जन्तु, और पृथ्वी के वनपशु, जाति जाति के अनुसार उत्पन्न हों; और वैसा ही हो गया। 
Genesis 1:25 सो परमेश्वर ने पृथ्वी के जाति जाति के वन पशुओं को, और जाति जाति के घरेलू पशुओं को, और जाति जाति के भूमि पर सब रेंगने वाले जन्तुओं को बनाया: और परमेश्वर ने देखा कि अच्छा है। 
Genesis 1:26 फिर परमेश्वर ने कहा, हम मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार अपनी समानता में बनाएं; और वे समुद्र की मछलियों, और आकाश के पक्षियों, और घरेलू पशुओं, और सारी पृथ्वी पर, और सब रेंगने वाले जन्तुओं पर जो पृथ्वी पर रेंगते हैं, अधिकार रखें। 
Genesis 1:27 तब परमेश्वर ने मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार उत्पन्न किया, अपने ही स्वरूप के अनुसार परमेश्वर ने उसको उत्पन्न किया, नर और नारी कर के उसने मनुष्यों की सृष्टि की। 
Genesis 1:28 और परमेश्वर ने उन को आशीष दी: और उन से कहा, फूलो-फलो, और पृथ्वी में भर जाओ, और उसको अपने वश में कर लो; और समुद्र की मछलियों, तथा आकाश के पक्षियों, और पृथ्वी पर रेंगने वाले सब जन्तुओ पर अधिकार रखो। 
Genesis 1:29 फिर परमेश्वर ने उन से कहा, सुनो, जितने बीज वाले छोटे छोटे पेड़ सारी पृथ्वी के ऊपर हैं और जितने वृक्षों में बीज वाले फल होते हैं, वे सब मैं ने तुम को दिए हैं; वे तुम्हारे भोजन के लिये हैं: 
Genesis 1:30 और जितने पृथ्वी के पशु, और आकाश के पक्षी, और पृथ्वी पर रेंगने वाले जन्तु हैं, जिन में जीवन के प्राण हैं, उन सब के खाने के लिये मैं ने सब हरे हरे छोटे पेड़ दिए हैं; और वैसा ही हो गया। 
Genesis 1:31 तब परमेश्वर ने जो कुछ बनाया था, सब को देखा, तो क्या देखा, कि वह बहुत ही अच्छा है। तथा सांझ हुई फिर भोर हुआ। इस प्रकार छठवां दिन हो गया।

एक साल में बाइबल: 
  • मत्ती 16-19


गुरुवार, 16 अक्तूबर 2014

महान सुअवसर


   हाल ही में मैं पढ़ रहा था कि परमेश्वर के वचन बाइबल के सन्देश को लोग कितनी सरलता से बिगाड़ कर प्रस्तुत करते हैं - बस यह कहते हुए कि "बाइबल में लिखा है" उसके किसी भाग को लेकर उसकी व्याख्या सन्दर्भ से बाहर तथा अपनी धारणा के अनुसार कर दीजिए, सन्देश की सच्चाई बदल जाएगी। अनेक लोग के लिए पहले से ही बनाई गई अपनी धारणाओं के अनुसार अपनी बात के समर्थन के लिए इस प्रकार से बाइबल का दुरुपयोग करना आम बात है। कुछ लोग बाइबल को किसी बात के एक पहलू का समर्थन करने के लिए प्रयोग करते हैं तो कुछ अन्य लोग उसी बात का विरोध करने के लिए बाइबल का उपयोग करते हैं; दोनों ही अपनी बात प्रमाणित करने के लिए बाइबल में से ही पद उद्धरित करते हैं - लेकिन दोनों ही सही नहीं हो सकते। बाइबल से सही जानकारी पाने के लिए हर बात पर बाइबल की सभी शिक्षाओं को उनकी संपूर्णता में देखें तथा बाइबल पर अपनी धारणाएं ना थोपें, वरन उसे परमेश्वर की इच्छानुसार आप से बात करने दें।

   यह अनिवार्य है कि जब हम परमेश्वर के वचन बाइबल का उपयोग करते हैं तो हम ना तो जो उसमें कहा गया है उससे अधिक कुछ बोलें और ना ही उसकी किसी बात को घटा कर बताएं - जो जैसा है, वैसा ही कहें, ना अधिक और ना कम। यदि हम परमेश्वर के वचन को लापरवाही द्वारा गलत ढंग से प्रयोग करेंगे तो हम परमेश्वर की बात और चरित्र को गलत ढंग से प्रस्तुत करेंगे। इसीलिए प्रेरित पौलुस ने तिमुथियुस को लिखी अपनी पत्री में उसे सचेत किया कि, "अपने आप को परमेश्वर का ग्रहणयोग्य और ऐसा काम करने वाला ठहराने का प्रयत्न कर, जो लज्ज़ित होने न पाए, और जो सत्य के वचन को ठीक रीति से काम में लाता हो" (2 तिमुथियुस 2:15)। मसीह यीशु के लिए सेवकाई करने वालों को लज्जा से बचने तथा अपने प्रभु की प्रशंसा का पात्र बनने के लिए अनिवार्य है कि वे परमेश्वर के वचन को "ठीक रीति से काम में लाएं" अर्थात उसकी सही व्याख्या करें, ना उसमें कुछ जोड़ें और ना ही उस में से कुछ घटाएं। जब हम बिना किसी पूर्वधारणा को लिए, सच्चे समर्पित मन के साथ परमेश्वर के चरणों में बैठेंगे और उससे प्रार्थना करेंगे कि अपने वचन की समझ हमें दे और उसे हमें सिखाए तब वह ऐसा करेगा भी; क्योंकि यह वचन उसने हमारे लिए ही लिखवाया है और इस वचन को समझाने के लिए अपना पवित्र आत्मा हमें दिया है।

   अपने शब्दों तथा कर्मों के द्वारा हमारे पास अवसर रहते हैं कि हम परमेश्वर के इस अनमोल वचन को संसार के सामने ऐसा प्रस्तुत कर सकें जो वास्तव में परमेश्वर के सच्चे स्वरूप को दिखाता है; और मसीही विश्वासी के लिए यह अपने प्रभु को आदर देना का महान सुअवसर है; इसे व्यर्थ ना करें। - बिल क्राउडर


बाइबल परमेश्वर का वचन है; इसे सावधानी से प्रयोग करें।

हर एक पवित्रशास्‍त्र परमेश्वर की प्रेरणा से रचा गया है और उपदेश, और समझाने, और सुधारने, और धर्म की शिक्षा के लिये लाभदायक है। ताकि परमेश्वर का जन सिद्ध बने, और हर एक भले काम के लिये तत्‍पर हो जाए। - 2 तिमुथियुस 3:16-17

बाइबल पाठ: 2 तिमुथियुस 2:14-26
2 Timothy 2:14 इन बातों की सुधि उन्हें दिला, और प्रभु के साम्हने चिता दे, कि शब्‍दों पर तर्क-वितर्क न किया करें, जिन से कुछ लाभ नहीं होता; वरन सुनने वाले बिगड़ जाते हैं।
2 Timothy 2:15 अपने आप को परमेश्वर का ग्रहणयोग्य और ऐसा काम करने वाला ठहराने का प्रयत्न कर, जो लज्ज़ित होने न पाए, और जो सत्य के वचन को ठीक रीति से काम में लाता हो। 
2 Timothy 2:16 पर अशुद्ध बकवाद से बचा रह; क्योंकि ऐसे लोग और भी अभक्ति में बढ़ते जाएंगे। 
2 Timothy 2:17 और उन का वचन सड़े-घाव की नाईं फैलता जाएगा: हुमिनयुस और फिलेतुस उन्‍हीं में से हैं। 
2 Timothy 2:18 जो यह कह कर कि पुनरुत्थान हो चुका है सत्य से भटक गए हैं, और कितनों के विश्वास को उलट पुलट कर देते हैं। 
2 Timothy 2:19 तौभी परमेश्वर की पड़ी नेव बनी रहती है, और उस पर यह छाप लगी है, कि प्रभु अपनों को पहिचानता है; और जो कोई प्रभु का नाम लेता है, वह अधर्म से बचा रहे। 
2 Timothy 2:20 बड़े घर में न केवल सोने-चान्दी ही के, पर काठ और मिट्टी के बरतन भी होते हैं; कोई कोई आदर, और कोई कोई अनादर के लिये। 
2 Timothy 2:21 यदि कोई अपने आप को इन से शुद्ध करेगा, तो वह आदर का बरतन, और पवित्र ठहरेगा; और स्‍वामी के काम आएगा, और हर भले काम के लिये तैयार होगा। 
2 Timothy 2:22 जवानी की अभिलाषाओं से भाग; और जो शुद्ध मन से प्रभु का नाम लेते हैं, उन के साथ धर्म, और विश्वास, और प्रेम, और मेल-मिलाप का पीछा कर। 
2 Timothy 2:23 पर मूर्खता, और अविद्या के विवादों से अलग रह; क्योंकि तू जानता है, कि उन से झगड़े होते हैं। 
2 Timothy 2:24 और प्रभु के दास को झगड़ालू होना न चाहिए, पर सब के साथ कोमल और शिक्षा में निपुण, और सहनशील हो। 
2 Timothy 2:25 और विरोधियों को नम्रता से समझाए, क्या जाने परमेश्वर उन्हें मन फिराव का मन दे, कि वे भी सत्य को पहिचानें। 
2 Timothy 2:26 और इस के द्वारा उस की इच्छा पूरी करने के लिये सचेत हो कर शैतान के फंदे से छूट जाएं।

एक साल में बाइबल: 
  • मत्ती 12-15


बुधवार, 15 अक्तूबर 2014

सहायक


   मैंने अनेक मसीही विश्वासियों को यह कहते हुए सुना है कि "मैं मरने से नहीं डरता क्योंकि मुझे पूर्ण विश्वास है कि मैं मरने के बाद स्वर्ग में होऊँगा; किंतु मुझे डर लगता है मरने की प्रक्रिया से!" हाँ, यह सही है कि मसीही विश्वासी होने के नाते हम अन्ततः स्वर्ग में होने की प्रतीक्षा में हैं लेकिन मरना हमें फिर भी भयभीत कर सकता है - इसे स्वीकार कर लेने में कोई शर्मिंदगी की बात नहीं है। मरने के साथ जुड़ी हुई पीड़ा से, प्रीय जनों से बिछुड़ने से, उन्हें अशक्त तथा दुखी कर देने से, पृथ्वी पर मिले अवसरों को बिसरा देने की जवाबदेही आदि से भयभीत होना स्वाभाविक बात है। लेकिन मसीही विश्वासियों के लिए जो मृत्यु के उस पार उनके लिए रखा है, वह उन्हें हिम्मत देता है, मृत्यु के भय को कम करता है।

   क्यों मसीही विश्वासियों को मृत्यु से भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है? क्योंकि परमेश्वर का वचन बाइबल हमें आश्वस्त करती है कि जैसे मसीह यीशु मृतकों में से जिलाया गया, जो मसीह यीशु में विश्वास द्वारा अब मसीह यीशु में आ गए हैं वे भी वैसे ही जिलाए जाएंगे। प्रभु यीशु के पुनरुत्थान द्वारा मृत्यु उनके लिए निरस्त कर दी गई है, उसकी सामर्थ निषक्रीय कर दी गई है; इसीलिए प्रेरित पौलुस कुरिन्थुस के मसीही विश्वासियों को लिखी अपनी पत्री में कहता है: "हे मृत्यु तेरा डंक कहां रहा? मृत्यु का डंक पाप है; और पाप का बल व्यवस्था है। परन्तु परमेश्वर का धन्यवाद हो, जो हमारे प्रभु यीशु मसीह के द्वारा हमें जयवन्‍त करता है" (1 कुरिन्थियों 15:56-57)।

   मृत्यु की प्रक्रीया तो हम मसीही विश्वासियों की सहायक है जो हमें अनन्त काल के लिए परमेश्वर की उपस्थिति तथा आनन्द में ले आती है। परमेश्वर से हमें यह आश्वासन है कि "चाहे मैं घोर अन्धकार से भरी हुई तराई में हो कर चलूं, तौभी हानि से न डरूंगा, क्योंकि तू मेरे साथ रहता है; तेरे सोंटे और तेरी लाठी से मुझे शान्ति मिलती है" (भजन 23:4)। यह शब्द चित्र प्रभु यीशु जो हमारे साथ रहता है के कार्य का है, वह सदा हमें शान्ति और सांत्वना देता है और अन्ततः जीवन के अन्धकार से निकालकर परमेश्वर के निवास स्थान में ले आता है। हमारा उद्धारकर्ता हमें कभी नहीं छोड़ता, सदा और हर परिस्थिति में हमारे साथ बना रहता है और हमारी अनन्त भलाई के लिए कार्यरत रहता है; वह हमारा सदा सहायक है। - एल्बर्ट ली


स्वर्ग की भोर के आगमन से पूर्व, मृत्यु जीवन का अन्तिम अंधकार है।

और जब यह नाशमान अविनाश को पहिन लेगा, और यह मरनहार अमरता को पहिन लेगा, तक वह वचन जो लिखा है, पूरा हो जाएगा, कि जय ने मृत्यु को निगल लिया। हे मृत्यु तेरी जय कहां रही? - 1 कुरिन्थियों 15:54-55

बाइबल पाठ: भजन 23
Psalms 23:1 यहोवा मेरा चरवाहा है, मुझे कुछ घटी न होगी। 
Psalms 23:2 वह मुझे हरी हरी चराइयों में बैठाता है; वह मुझे सुखदाई जल के झरने के पास ले चलता है; 
Psalms 23:3 वह मेरे जी में जी ले आता है। धर्म के मार्गो में वह अपने नाम के निमित्त मेरी अगुवाई करता है। 
Psalms 23:4 चाहे मैं घोर अन्धकार से भरी हुई तराई में हो कर चलूं, तौभी हानि से न डरूंगा, क्योंकि तू मेरे साथ रहता है; तेरे सोंटे और तेरी लाठी से मुझे शान्ति मिलती है।। 
Psalms 23:5 तू मेरे सताने वालों के साम्हने मेरे लिये मेज बिछाता है; तू ने मेरे सिर पर तेल मला है, मेरा कटोरा उमण्ड रहा है। 
Psalms 23:6 निश्चय भलाई और करूणा जीवन भर मेरे साथ साथ बनी रहेंगी; और मैं यहोवा के धाम में सर्वदा वास करूंगा।

एक साल में बाइबल: 
  • मत्ती 8-11


मंगलवार, 14 अक्तूबर 2014

दृढ़ नींव


   जब एक तूफान में मेरे घर के चारों के बाड़े का एक भाग गिर गया तो मेरी पहली प्रतिक्रीया उस व्यक्ति को दोषी ठहराने की थी जिसने कुछ माह पहले ही मेरे लिए वह बाड़ा लगाया था। लेकिन थोड़ा विचार करने के बाद मुझे स्पष्ट हो गया कि वास्तव में इसका दोषी मैं ही हूँ। जब बाड़ा बनकर पूरा होने के निकट था तब मैंने ही उस व्यक्ति को बाड़े की मज़बूती के लिए कौन्क्रीट में डाले गए चार नए दृढ़ खंबे लगाने से मना कर दिया था, यह कहकर कि नए खंबों की कोई आवश्यकता नहीं है, बाड़े को पुराने खंबों से ही बाँध दो, जब कि वे पुराने खंबे दृढ़ नींव वाले नहीं थे। जब तक तूफान नहीं आया, सब कुछ ठीक रहा, किन्तु तूफान आते ही बाड़े का वह भाग जो कमज़ोर नींव वाले खंबों के सहारे था स्थिर नहीं रह सका, टूट कर गिर गया।

   प्रभु यीशु ने एक दृष्टांत के द्वारा परमेश्वर के वचन और उसकी आज्ञाकारिता की दृढ़ नींव पर जीवन निर्माण करने के महत्व को समझाया। प्रभु ने कहा: "इसलिये जो कोई मेरी ये बातें सुनकर उन्हें मानता है वह उस बुद्धिमान मनुष्य की नाईं ठहरेगा जिसने अपना घर चट्टान पर बनाया। और मेंह बरसा और बाढ़ें आईं, और आन्‍धियां चलीं, और उस घर पर टक्करें लगीं, परन्तु वह नहीं गिरा, क्योंकि उस की नेव चट्टान पर डाली गई थी" (मत्ती 7:24-25)। यह घर आन्धी तथा बाढ़ का प्रहार इसलिए झेल सका और स्थिर खड़ा रह सका क्योंकि वह ना केवल चट्टान पर बना था, वरन साथ ही उसकी नींव भी दृढ़ डाली गयी थी।

   परमेश्वर का वचन वह चट्टान है और उसकी आज्ञाकारिता वह दृढ़ नींव है जो स्थिरता देते हैं। प्रभु यीशु के वचन को सुनना आवश्यक है, लेकिन जो वह अपने वचन के द्वारा हमें कहता और सिखाता है उसका पालन करे बिना हम जीवन के तूफानों में स्थिर खड़े नहीं रह पाएंगे; वह अति आवश्यक अडिग स्थिरता सुनने भर से नहीं वरन सुनने और मानने दोनों के सामूहिक प्रभाव से ही आती है। यदि आपने अभी तक मसीह यीशु के वचन पर विश्वास की चट्टान पर अपने जीवन का निर्माण आरंभ नहीं किया है तो आप अभी यह कर सकते हैं; जीवन के निर्माण को एक दृढ़ नींव अर्थात परमेश्वर के वचन की आज्ञाकारिता का आधार दें, और आप जीवन में आने वाले हर आन्धी-तूफान-बाढ़ में सदा स्थिर बने रहेंगे। - डेविड मैक्कैसलैण्ड


जब परिस्थितियाँ और विपत्तियाँ संसार को चूर कर रही होंगी, तब मसीह यीशु पर बनाए गए जीवन स्थिर खड़े मिलेंगे।

क्योंकि परमेश्वर के यहां व्यवस्था के सुनने वाले धर्मी नहीं, पर व्यवस्था पर चलने वाले धर्मी ठहराए जाएंगे। - रोमियों 2:13

बाइबल पाठ: मत्ती 7:21-29
Matthew 7:21 जो मुझ से, हे प्रभु, हे प्रभु कहता है, उन में से हर एक स्वर्ग के राज्य में प्रवेश न करेगा, परन्तु वही जो मेरे स्‍वर्गीय पिता की इच्छा पर चलता है। 
Matthew 7:22 उस दिन बहुतेरे मुझ से कहेंगे; हे प्रभु, हे प्रभु, क्या हम ने तेरे नाम से भविष्यद्वाणी नहीं की, और तेरे नाम से दुष्टात्माओं को नहीं निकाला, और तेरे नाम से बहुत अचम्भे के काम नहीं किए? 
Matthew 7:23 तब मैं उन से खुलकर कह दूंगा कि मैं ने तुम को कभी नहीं जाना, हे कुकर्म करने वालों, मेरे पास से चले जाओ। 
Matthew 7:24 इसलिये जो कोई मेरी ये बातें सुनकर उन्हें मानता है वह उस बुद्धिमान मनुष्य की नाईं ठहरेगा जिसने अपना घर चट्टान पर बनाया। 
Matthew 7:25 और मेंह बरसा और बाढ़ें आईं, और आन्‍धियां चलीं, और उस घर पर टक्करें लगीं, परन्तु वह नहीं गिरा, क्योंकि उस की नेव चट्टान पर डाली गई थी। 
Matthew 7:26 परन्तु जो कोई मेरी ये बातें सुनता है और उन पर नहीं चलता वह उस निर्बुद्धि मनुष्य की नाईं ठहरेगा जिसने अपना घर बालू पर बनाया। 
Matthew 7:27 और मेंह बरसा, और बाढ़ें आईं, और आन्‍धियां चलीं, और उस घर पर टक्करें लगीं और वह गिरकर सत्यानाश हो गया।
Matthew 7:28 जब यीशु ये बातें कह चुका, तो ऐसा हुआ कि भीड़ उसके उपदेश से चकित हुई। 
Matthew 7:29 क्योंकि वह उन के शास्‍त्रियों के समान नहीं परन्तु अधिकारी की नाईं उन्हें उपदेश देता था।

एक साल में बाइबल: 
  • मत्ती 5-7


सोमवार, 13 अक्तूबर 2014

फलवन्त बीज


   मिशेल कॉर्न महल की दीवारें हर साल सुन्दर दृश्यों से सजाई जाती हैं। वहाँ प्रदर्शित दृश्यों में उड़ती हुए पक्षी, घोड़ा गाड़ियों का काफिला, अमेरिका के मूल निवासियों के तंबू तथा गाँव के जीवन के अन्य दृश्य सम्मिलित होते हैं। प्रति वर्ष बदलते रहने वाले इन सभी दृश्यों में एक ही बात समान्य तथा अनोखी होती है - ये सभी दृश्य मक्की, तथा अन्य बीज एवं घास से बनाए जाते हैं। इन्हें हर साल बदलने की आवश्यकता इसलिए पड़ती है क्योंकि पक्षी इन बीजों को अपने स्थान में रहने नहीं देते, उन्हें वहाँ से निकालकर खा लेते हैं और चित्र खराब हो जाते हैं!

   प्रभु यीशु ने बीजों से संबंधित एक दृश्टांत सुनाया जिसके अर्थ में पक्षियों की भी भूमिका है। प्रभु यीशु ने कहा, "सुनो: देखो, एक बोनेवाला, बीज बोने के लिये निकला! और बोते समय कुछ तो मार्ग के किनारे गिरा और पक्षियों ने आकर उसे चुग लिया" (मरकुस 4:3-4); प्रभु ने फिर आगे बताया कि कुछ बीज पथरीली भूमि पर गिरा और कुछ झाड़ियों में गिरा, इसलिए उगा तो लेकिन फल नहीं ला सका (पद 5-7)। लेकिन कुछ अच्छी भूमि पर गिरा और बहुतायत से फल लाया (पद 8)।

   प्रभु यीशु ने इस दृश्टांत का अर्थ बताते हुए कहा: "जो मार्ग के किनारे के हैं जहां वचन बोया जाता है, ये वे हैं, कि जब उन्होंने सुना, तो शैतान तुरन्त आकर वचन को जो उन में बोया गया था, उठा ले जाता है" (मरकुस 4:15)। जो बीज गहराई में अन्दर नहीं जाता वह पक्षियों द्वारा उठा लिया जाता है, अर्थात कार्यकारी होने के लिए वचन को मन की गहराई में जाना और जड़ पकड़ना अनिवार्य है, तब ही वह उगने तथा फलवन्त होने के योग्य होने पाएगा। शैतान परमेश्वर के वचन और सुसमाचार से घृणा करता है, उसका घोर विरोधी है, इसलिए वह वचन रूपी बीज को हृदय की गहराई में उतरने देने और जीवन में कार्यकारी होने में हर संभव बाधा डालता है। शैतान द्वारा डाली जाने वाली बाधाओं में से एक है लोगों को वचन के सम्बंध में निर्णय लेने में विलंब करवाना और उसे उन के मन से हटा देना।

   प्रभु यीशु में सारे संसार के लिए उपलब्ध पापों की क्षमा और उद्धार के सुसमाचार को शैतान द्वारा इस प्रकार व्यर्थ किये जाने से बचाने के लिए, और यह सुनिश्चित करने के लिए कि बोया गया वचन जड़ पकड़ सके, फलवन्त हो सके, परमेश्वर से प्रार्थना करें कि वह सुनने वाले लोगों के हृदयों को वचन ग्रहण करने के लिए तैयार करे, उन्हें सही निर्णय करने की समझ और सामर्थ दे। परन्तु जैसे उस दृष्टांत के बीज बोने वाले ने भूमि की दशा की परवाह किए बिना, अपना कार्य पूरा किया, वैसे ही हम मसीही विश्वासियों का भी कर्तव्य है कि हम परमेश्वर के वचन को सभी लोगों तक पहुँचाएं क्योंकि किसके मन की दशा कैसी है, हम यह नहीं जानते; परन्तु जब हम वफादारी से अपना काम करेंगे और बीज अर्थात परमेश्वर का वचन बोएंगे, तो परमेश्वर उसे लोगों के मन में फलवन्त भी करेगा। - डेनिस फिशर


बीज बोना हमारा कर्तव्य है, उसे फलवन्त करना परमेश्वर का कार्य।

और प्रचारक बिना क्योंकर सुनें? और यदि भेजे न जाएं, तो क्योंकर प्रचार करें? जैसा लिखा है, कि उन के पांव क्या ही सुहावने हैं, जो अच्छी बातों का सुसमाचार सुनाते हैं। सो विश्वास सुनने से, और सुनना मसीह के वचन से होता है। - रोमियों 10:15,17   

बाइबल पाठ: मरकुस 4:1-9, 14-20
Mark 4:1 वह फिर झील के किनारे उपदेश देने लगा: और ऐसी बड़ी भीड़ उसके पास इकट्ठी हो गई, कि वह झील में एक नाव पर चढ़कर बैठ गया और सारी भीड़ भूमि पर झील के किनारे खड़ी रही। 
Mark 4:2 और वह उन्हें दृष्‍टान्‍तों में बहुत सी बातें सिखाने लगो, और अपने उपदेश में उन से कहा। 
Mark 4:3 सुनो: देखो, एक बोनेवाला, बीज बोने के लिये निकला! 
Mark 4:4 और बोते समय कुछ तो मार्ग के किनारे गिरा और पक्षियों ने आकर उसे चुग लिया। 
Mark 4:5 और कुछ पत्थरीली भूमि पर गिरा जहां उसको बहुत मिट्टी न मिली, और गहरी मिट्टी न मिलने के कारण जल्द उग आया। 
Mark 4:6 और जब सूर्य निकला, तो जल गया, और जड़ न पकड़ने के कारण सूख गया। 
Mark 4:7 और कुछ तो झाड़ियों में गिरा, और झाड़ियों ने बढ़कर उसे दबा लिया, और वह फल न लाया। 
Mark 4:8 परन्तु कुछ अच्छी भूमि पर गिरा; और वह उगा, और बढ़कर फलवन्‍त हुआ; और कोई तीस गुणा, कोई साठ गुणा और कोई सौ गुणा फल लाया। 
Mark 4:9 और उसने कहा; जिस के पास सुनने के लिये कान हों वह सुन ले।
Mark 4:14 बोने वाला वचन बोता है। 
Mark 4:15 जो मार्ग के किनारे के हैं जहां वचन बोया जाता है, ये वे हैं, कि जब उन्होंने सुना, तो शैतान तुरन्त आकर वचन को जो उन में बोया गया था, उठा ले जाता है। 
Mark 4:16 और वैसे ही जो पत्थरीली भूमि पर बोए जाते हैं, ये वे हैं, कि जो वचन को सुनकर तुरन्त आनन्द से ग्रहण कर लेते हैं। 
Mark 4:17 परन्तु अपने भीतर जड़ न रखने के कारण वे थोड़े ही दिनों के लिये रहते हैं; इस के बाद जब वचन के कारण उन पर क्‍लेश या उपद्रव होता है, तो वे तुरन्त ठोकर खाते हैं। 
Mark 4:18 और जो झाडियों में बोए गए ये वे हैं जिन्होंने वचन सुना। 
Mark 4:19 और संसार की चिन्‍ता, और धन का धोखा, और और वस्‍तुओं का लोभ उन में समाकर वचन को दबा देता है। और वह निष्‍फल रह जाता है। 
Mark 4:20 और जो अच्छी भूमि में बोए गए, ये वे हैं, जो वचन सुनकर ग्रहण करते और फल लाते हैं, कोई तीस गुणा, कोई साठ गुणा, और कोई सौ गुणा।

एक साल में बाइबल: 
  • मत्ती 1-4