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शुक्रवार, 31 जनवरी 2014

बहुतायत का जीवन


   चीनी नव वर्ष का उत्सव मनाते समय पारस्परिक संपर्क में कुछ विशेष शब्दों का लिखित एवं मौखिक प्रयोग करना पारंपरिक है। ऐसा ही एक शब्द जो बहुत प्रयोग होता है वह है ’बहुतायत’ और इसे दूसरों को आते संपूर्ण वर्ष भर भौतिक समृद्धि मिलते रहने की कामना करने के भाव के साथ प्रयोग किया जाता है।

   जब मूसा इस्त्राएलियों को मिस्त्र की गुलामी से निकालकर वाचा किए हुए कनान देश को लेकर चला तो उस देश में उनके प्रवेश करने से पहले मूसा ने इस्त्राएलियों को स्मरण दिलाया कि परमेश्वर उन्हें एक धनी और समृद्ध देश में लिए जा रहा है (व्यवस्थाविवरण 8:7-9)। मूसा ने उन्हें बताया कि उस देश में उनकी सभी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए बहुतायत से उपलब्ध होगा, जो भी उन्हें चाहिए वह वहाँ होगा। लेकिन साथ ही मूसा ने इस्त्राएलियों को चेतावनी भी दी कि इस समृद्धी में आने और सभी आवश्यकताओं के पूरे हो जाने के बाद वे परमेश्वर को भूल ना जाएं, क्योंकि परमेश्वर ही है जो उन्हें मिस्त्र से निकाल कर लाया, मार्ग में उनकी रक्षा करी, इस बहुतायत के देश तक पहुँचाया और यहाँ बस जाने की सामर्थ दी। मूसा ने कहा: "परन्तु तू अपने परमेश्वर यहोवा को स्मरण रखना, क्योंकि वही है जो तुझे सम्पति प्राप्त करने का सामर्थ्य इसलिये देता है, कि जो वाचा उसने तेरे पूर्वजों से शपथ खाकर बान्धी थी उसको पूरा करे, जैसा आज प्रगट है"(व्यवस्थाविवरण 8:18)।

   समृद्धि केवल भौतिक वस्तुओं ही की नहीं होती - जो कुछ भी हमारे पास है वह सब परमेश्वर का ही दिया हुआ तो है। प्रभु यीशु मसीह ने चेलों से कहा, "...मैं इसलिये आया कि वे जीवन पाएं, और बहुतायत से पाएं" (यूहन्ना 10:10)। जैसे उन इस्त्राएलियों के लिए, आज हमारे लिए भी यही चेतावनी है कि हम यह कभी ना भूलें कि हमारे पास जो कुछ भी है वह परमेश्वर के अनुग्रह और उसकी आशीष से ही है। जब तक हम और हमारे जीवन परमेश्वर प्रभु यीशु के साथ जुड़े रहेंगे, वे संतुष्टि के और परमेश्वर की आशीषों की बहुतायत से भरे हुए जीवन होंगे। - सी० पी० हिया


परमेश्वर के उपहारों की बहुतायत में कभी उस अनुग्रह से देने वाले को भूल ना जाएं।

क्योंकि उस की परिपूर्णता से हम सब ने प्राप्त किया अर्थात अनुग्रह पर अनुग्रह। - यूहन्ना 1:16 

बाइबल पाठ: व्यवस्थाविवरण 8:7-18
Deuteronomy 8:7 क्योंकि तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे एक उत्तम देश में लिये जा रहा है, जो जल की नदियों का, और तराइयों और पहाड़ों से निकले हुए गहिरे गहिरे सोतों का देश है। 
Deuteronomy 8:8 फिर वह गेहूं, जौ, दाखलताओं, अंजीरों, और अनारों का देश है; और तेलवाली जलपाई और मधु का भी देश है। 
Deuteronomy 8:9 उस देश में अन्न की महंगी न होगी, और न उस में तुझे किसी पदार्थ की घटी होगी; वहां के पत्थर लोहे के हैं, और वहां के पहाड़ों में से तू तांबा खोदकर निकाल सकेगा। 
Deuteronomy 8:10 और तू पेट भर खाएगा, और उस उत्तम देश के कारण जो तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे देगा उसका धन्य मानेगा। 
Deuteronomy 8:11 इसलिये सावधान रहना, कहीं ऐसा न हो कि अपने परमेश्वर यहोवा को भूलकर उसकी जो जो आज्ञा, नियम, और विधि, मैं आज तुझे सुनाता हूं उनका मानना छोड़ दे; 
Deuteronomy 8:12 ऐसा न हो कि जब तू खाकर तृप्त हो, और अच्छे अच्छे घर बनाकर उन में रहने लगे, 
Deuteronomy 8:13 और तेरी गाय-बैलों और भेड़-बकरियों की बढ़ती हो, और तेरा सोना, चांदी, और तेरा सब प्रकार का धन बढ़ जाए, 
Deuteronomy 8:14 तब तेरे मन में अहंकार समा जाए, और तू अपने परमेश्वर यहोवा को भूल जाए, जो तुझ को दासत्व के घर अर्थात मिस्र देश से निकाल लाया है, 
Deuteronomy 8:15 और उस बड़े और भयानक जंगल में से ले आया है, जहां तेज विष वाले सर्प और बिच्छू हैं, और जलरहित सूखे देश में उसने तेरे लिये चकमक की चट्ठान से जल निकाला, 
Deuteronomy 8:16 और तुझे जंगल में मन्ना खिलाया, जिसे तुम्हारे पुरखा जानते भी न थे, इसलिये कि वह तुझे नम्र बनाए, और तेरी परीक्षा कर के अन्त में तेरा भला ही करे। 
Deuteronomy 8:17 और कहीं ऐसा न हो कि तू सोचने लगे, कि यह सम्पत्ति मेरे ही सामर्थ्य और मेरे ही भुजबल से मुझे प्राप्त हुई। 
Deuteronomy 8:18 परन्तु तू अपने परमेश्वर यहोवा को स्मरण रखना, क्योंकि वही है जो तुझे सम्पति प्राप्त करने का सामर्थ्य इसलिये देता है, कि जो वाचा उसने तेरे पूर्वजों से शपथ खाकर बान्धी थी उसको पूरा करे, जैसा आज प्रगट है।

एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था 11-13


गुरुवार, 30 जनवरी 2014

सान्तवना और शाँति


   हैरॉलड, कैथी और उनके दोनो बेटे एक जंगल के इलाके में थे, जब एक चक्रवाधी तूफान वहाँ से होकर निकला। कैथी ने इस घटना के कई वर्षों के बाद मुझसे बात करते हुए उस समय का अपना अनुभव बयान किया: "मेरे पति और बड़ा बेटा मुझसे कुछ दूर थे, मैंने और मेरे छोटे बेटे ने एक लकड़ी से बनी कोठरी में शरण ली। हमें बहुत तेज़ शोर सुनाई दिया मानों सैंकड़ों रेलगाड़ियाँ एक साथ वहाँ से निकल रही हों, और मैं तथा मेरा बेटा ज़मीन पर अपने सिर अपने हाथों में दबाए सिमटकर लेट गए। हमारी आँखों के सामने वह कोठरी टूट कर बिखरने लगी और मलबा हमारे चारों ओर उड़ने लगा। मैंने उड़ते हुए मलबे की चोट से बचने के लिए अपनी आँखें बन्द कर लीं। तभी मुझे लगा मानों मैं हवा में तेज़ी से उठ गई हूँ और फिर मैं पास की झील के पानी में जा गिरी, जहाँ अपने आप को डूबने से बचाए रखने के लिए मैं उड़ के आए हुए मलबे को थामे तैरती रही। लेकिन मेरा छोटा बेटा उस तूफान से बच नहीं पाया। अगले छः हफतों तक हम प्रतिदिन रोते रहे। लेकिन हमें परमेश्वर की सार्वभौमिकता पर पूरा विश्वास है और हम मानते हैं कि परमेश्वर ने अपनी किसी योजना के अन्तर्गत ही उस तूफान को हमारे ऊपर आने दिया। हमें यह स्मरण कर के भी शाँति है कि हमारा बेटा प्रभु यीशु को मानता था।"

   जब कोई प्रीय जन हम से बिछड़ जाता है तो हमारे मनों में अनेक प्रशन उठने लगते हैं। ऐसे समयों में हम मसीही विश्वासियों के लिए रोमियों 8:28 प्रोत्साहन और आश्वासन प्रदान करने का एक अच्छा माध्यम होता है। हम मसीही विश्वासी इस बात में आश्वस्त और शाँति से रह सकते हैं कि परमेश्वर हमारे जीवनों में जो भी आने देगा वह अन्ततः हमारे भले ही के लिए होगा; परमेश्वर कभी हमारा बुरा कर ही नहीं सकता, और ना ही हमारे साथ बुरा होने दे सकता है। वह हमारा प्रेमी पिता है जिसने जब हम पापों में उससे दूर थे तब भी हमारे उद्धार के लिए अपने एकलौते पुत्र को भी रख नहीं छोड़ा, तो फिर अब जब हम उसके परिवार का अंग हैं तो वह हमें कैसे हानि में जा लेने देगा?

   इस दम्पति के परमेश्वर की सार्वभौमिकता और प्रभु यीशु में विश्वास ने ही उनके इस बड़े दुख की घड़ी में उन्हें सान्तवना और शाँति दी। यही शाँति और सान्तवना प्रत्येक मसीही विश्वासी के लिए प्रत्येक परिस्थिति में सदा उपलब्ध रहती है। क्या आपने प्रभु यीशु को अपनी सान्तवना और शाँति का स्त्रोत बनाया है? यदि नहीं तो अभी बना लीजिए। - डेनिस फिशर


दुख में शाँति का हमारा सबसे महान कारण है हमारा विश्वास कि हर परिस्थिति परमेश्वर के नियंत्रण में है, हमारे भले ही के लिए है।

हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्वर, और पिता का धन्यवाद हो, जो दया का पिता, और सब प्रकार की शान्‍ति का परमेश्वर है। वह हमारे सब क्‍लेशों में शान्‍ति देता है; ताकि हम उस शान्‍ति के कारण जो परमेश्वर हमें देता है, उन्हें भी शान्‍ति दे सकें, जो किसी प्रकार के क्‍लेश में हों। - 2 कुरिन्थियों 1:3-4

बाइबल पाठ:  रोमियों 8:26-30
Romans 8:26 इसी रीति से आत्मा भी हमारी दुर्बलता में सहायता करता है, क्योंकि हम नहीं जानते, कि प्रार्थना किस रीति से करना चाहिए; परन्तु आत्मा आप ही ऐसी आहें भर भरकर जो बयान से बाहर हैं, हमारे लिये बिनती करता है। 
Romans 8:27 और मनों का जांचने वाला जानता है, कि आत्मा की मनसा क्या है क्योंकि वह पवित्र लोगों के लिये परमेश्वर की इच्छा के अनुसार बिनती करता है। 
Romans 8:28 और हम जानते हैं, कि जो लोग परमेश्वर से प्रेम रखते हैं, उन के लिये सब बातें मिलकर भलाई ही को उत्पन्न करती है; अर्थात उन्हीं के लिये जो उस की इच्छा के अनुसार बुलाए हुए हैं। 
Romans 8:29 क्योंकि जिन्हें उसने पहिले से जान लिया है उन्हें पहिले से ठहराया भी है कि उसके पुत्र के स्वरूप में हों ताकि वह बहुत भाइयों में पहिलौठा ठहरे। 
Romans 8:30 फिर जिन्हें उसने पहिले से ठहराया, उन्हें बुलाया भी, और जिन्हें बुलाया, उन्हें धर्मी भी ठहराया है, और जिन्हें धर्मी ठहराया, उन्हें महिमा भी दी है।

एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था 8-10


बुधवार, 29 जनवरी 2014

बलिदान


   अपने नय वर्ष के उत्सव के कई दिन पहले चीनी परिवार अपने घरों को भली भांति साफ करते हैं। इस प्रथा के पालन में उनका मानना है कि इस सफाई से पुराने वर्ष का सारा दुर्भाग्य निकल कर साफ हो जाता है और नए वर्ष के सौभाग्य के आने के लिए घर तैयार हो जाता है।

   प्रेरित पौलुस ने कुरिन्थ के मसीही विश्वासियों को लिखी अपनी पत्री में उनसे कहा कि वे अपने जीवनों को भली भाँति साफ कर लें - कोई सौभाग्य/दुर्भाग्य के लिए नहीं वरन परमेश्वर के लिए। ऐसा करने के लिए उसने रूपक अलंकार का प्रयोग करते हुए कहा, "पुराना खमीर निकाल कर, अपने आप को शुद्ध करो: कि नया गूंधा हुआ आटा बन जाओ; ताकि तुम अखमीरी हो, क्योंकि हमारा भी फसह जो मसीह है, बलिदान हुआ है" (1 कुरिन्थियों 5:7)। पौलुस ने यहूदियों के फसह और अखमीरी रोटी के पर्व (निर्गमन 12:1-28) पर अपनी यह बात आधारित करी।

   यहूदियों में खमीर पाप और भ्रष्ट प्रवृति का प्रतीक माना जाता है; इन पर्वों को मनाने के लिए यहूदी लोग अपने घरों से सारा खमीर निकाल देते थे (व्यवस्थाविवरण 16:3-4) और पापों के प्रायश्चित के लिए एक मेमना बलिदान करते थे। अब प्रभु यीशु समस्त संसार के लिए वह बलिदान का मेमना बन गया जो उस पर विश्वास करने वाले सब लोगों को उनके पापों से शुद्ध करता है। इसलिए पौलुस ने कुरिन्थ के मसीही विश्वासियों को लिखा कि वे अपने जीवनों तथा मसीही मण्डली से सारा पाप और मलिनता दूर कर लें (1 कुरिन्थियों 5:9-13)।

   प्रभु यीशु के इस बलिदान और हमारे लिए पापों के दण्ड से छुड़ाए जाने के मार्ग को बना कर दे देने के कारण आईए हम जो मसीही विश्वासी हैं अपने जीवनों से पाप और मलिनता को दूर करें और उस पवित्रता का पर्व मनाएं जो केवल मसीह यीशु से ही हमें मिल सकती है; और वे जिन्होंने अभी तक प्रभु यीशु को अपने उधारकर्ता के रूप में ग्रहण नहीं किया है, वे भी प्रभु यीशु के इस बलिदान पर विचार करें और उससे पापों की क्षमा प्राप्त करने उसके पास आ जाएं। - मार्विन विलियम्स


पाप के दाग़ केवल मसीह यीशु के लहु ही से धुल सकते हैं।

परन्तु उसके अनुग्रह से उस छुटकारे के द्वारा जो मसीह यीशु में है, सेंत मेंत धर्मी ठहराए जाते हैं। उसे परमेश्वर ने उसके लोहू के कारण एक ऐसा प्रायश्चित्त ठहराया, जो विश्वास करने से कार्यकारी होता है, कि जो पाप पहिले किए गए, और जिन की परमेश्वर ने अपनी सहनशीलता से आनाकानी की; उन के विषय में वह अपनी धामिर्कता प्रगट करे। - रोमियों 3:24-25

बाइबल पाठ: 1 कुरिन्थियों 5:1-13
1 Corinthians 5:1 यहां तक सुनने में आता है, कि तुम में व्यभिचार होता है, वरन ऐसा व्यभिचार जो अन्यजातियों में भी नहीं होता, कि एक मनुष्य अपने पिता की पत्‍नी को रखता है। 
1 Corinthians 5:2 और तुम शोक तो नहीं करते, जिस से ऐसा काम करने वाला तुम्हारे बीच में से निकाला जाता, परन्तु घमण्‍ड करते हो। 
1 Corinthians 5:3 मैं तो शरीर के भाव से दूर था, परन्तु आत्मा के भाव से तुम्हारे साथ हो कर, मानो उपस्थिति की दशा में ऐसे काम करने वाले के विषय में यह आज्ञा दे चुका हूं। 
1 Corinthians 5:4 कि जब तुम, और मेरी आत्मा, हमारे प्रभु यीशु की सामर्थ के साथ इकट्ठे हो, तो ऐसा मनुष्य, हमारे प्रभु यीशु के नाम से। 
1 Corinthians 5:5 शरीर के विनाश के लिये शैतान को सौंपा जाए, ताकि उस की आत्मा प्रभु यीशु के दिन में उद्धार पाए। 
1 Corinthians 5:6 तुम्हारा घमण्‍ड करना अच्छा नहीं; क्या तुम नहीं जानते, कि थोड़ा सा खमीर पूरे गूंधे हुए आटे को खमीर कर देता है। 
1 Corinthians 5:7 पुराना खमीर निकाल कर, अपने आप को शुद्ध करो: कि नया गूंधा हुआ आटा बन जाओ; ताकि तुम अखमीरी हो, क्योंकि हमारा भी फसह जो मसीह है, बलिदान हुआ है। 
1 Corinthians 5:8 सो आओ हम उत्‍सव में आनन्द मनावें, न तो पुराने खमीर से और न बुराई और दुष्‍टता के खमीर से, परन्तु सीधाई और सच्चाई की अखमीरी रोटी से।
1 Corinthians 5:9 मैं ने अपनी पत्री में तुम्हें लिखा है, कि व्यभिचारियों की संगति न करना। 
1 Corinthians 5:10 यह नहीं, कि तुम बिलकुल इस जगत के व्यभिचारियों, या लोभियों, या अन्‍धेर करने वालों, या मूर्तिपूजकों की संगति न करो; क्योंकि इस दशा में तो तुम्हें जगत में से निकल जाना ही पड़ता। 
1 Corinthians 5:11 मेरा कहना यह है; कि यदि कोई भाई कहला कर, व्यभिचारी, या लोभी, या मूर्तिपूजक, या गाली देने वाला, या पियक्कड़, या अन्‍धेर करने वाला हो, तो उस की संगति मत करना; वरन ऐसे मनुष्य के साथ खाना भी न खाना। 
1 Corinthians 5:12 क्योंकि मुझे बाहर वालों का न्याय करने से क्या काम? क्या तुम भीतर वालों का न्याय नहीं करते? 
1 Corinthians 5:13 परन्तु बाहर वालों का न्याय परमेश्वर करता है: इसलिये उस कुकर्मी को अपने बीच में से निकाल दो।

एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था 5-7


मंगलवार, 28 जनवरी 2014

व्यवहार


   शार्क मछलियों का अध्ययन करने वाले बताते हैं कि शार्क मछलियों द्वारा हमला किए जाने की संभावना अधिक तभी होती है जब उन मछलियों को पानी में रक्त का आभास होता है। रक्त से उनके अन्दर भोजन करने की क्रिया उत्तेजित होती है और वे झुँड के रूप में ही उस संभावित भोजन वस्तु पर, जिससे रक्त निकल रहा है, आक्रमण कर देती हैं। पानी में रक्त की उपस्थिति उनके आक्रमण के निशाने को चिन्हित कर देती है और वे वहीं अपना आक्रमण केंद्रित करती हैं।

   दुख की बात है कि चर्च में भी कभी कभी लोग ऐसे ही उन लोगों पर हमला बोल देते हैं जो किसी कारण दुखित हैं। बजाए इसके कि मसीह यीशु की मण्डली एक ऐसा स्थान हो जहाँ लोग प्रेम के साथ एक दूसरे की देखभाल करते हैं, उन्हें कठिन समयों में सहारा देते हैं, उन्हें निराशाओं से उभारने के प्रयास करते हैं, कभी कभी चर्च एक ऐसा स्थान भी बन जाता है जहाँ खूँखार हमलावर किसी अभागे पर टूट पड़ने की प्रतीक्षा में रहते हैं। इन हमलावरों को जैसे ही किसी की गलती, अस्फलता या उस में किसी खामी-खराबी की गंध मिलती है, बस वे उस बेचारे पर उसे बरबाद करने के लिए टूट पड़ते हैं।

   बजाए इसके कि ठोकर खाकर गिरे हुए व्यक्ति पर और प्रहार कर के उसे और दबाया जाए, हम मसीही विश्वासियों को ऐसा व्यक्ति होना चाहिए जो उन गिरे हुओं को मसीह यीशु की सान्तवना के साथ प्रोत्साहित करता है, उन्हें उठा कर फिर से खड़ा करने में सहायक होता है। इसका यह तात्पर्य नहीं है कि हमें पापमय व्यवहार की अन्देखी करनी है या किसी रीति से ऐसे व्यवहार को बढ़ावा देना है, वरन यह कि अपने प्रभु के समान ही हमें दयावन्त और सहिषुण भी होना है। प्रभु यीशु ने हमें सिखाया है कि "धन्य हैं वे, जो दयावन्‍त हैं, क्योंकि उन पर दया की जाएगी" (मत्ती 5:7)। 

   दया का अर्थ है वह प्रेमपूर्ण व्यवहार हम जिसके योग्य नहीं हैं; और हम सभी अपने पापों के कारण परमेश्वर के न्याय और अनन्तकाल के दण्ड के योग्य हैं। लेकिन परमेश्वर ने हमारे पापों का दण्ड प्रभु यीशु पर डालकर हमारे लिए पापों के पश्चाताप और प्रभु यीशु में विश्वास द्वारा परमेश्वर के निकट आने का मार्ग खोल दिया। जिस परमेश्वर ने हम पर दया करी है, वह चाहता है कि हम भी औरों पर ऐसे ही दया करें।

   इसलिए जब हम किसी को दुखी या गिरा हुआ देखें तो बजाए उस पर हमला करने वाले बनने के हम उस पर दया करने वाले बनें और सदा ध्यान रखें कि ऐसा दिन कभी भी आ सकता है जब हमें या तो अपने लिए दूसरों की दया की आवश्यकता पड़ जाएगी, या फिर प्रभु यीशु के सामने अपने जीवन और व्यवहार का हिसाब देने के लिए खड़ा होना पड़ेगा। - बिल क्राउडर


हम तब ही दूसरों के प्रति दया दिखाना बन्द कर सकते हैं जब प्रभु यीशु हमारे प्रति दया दिखाना बन्द कर दे।

जैसा तुम्हारा पिता दयावन्‍त है, वैसे ही तुम भी दयावन्‍त बनो। - लूका 6:36

बाइबल पाठ: यूहन्ना 8:1-11
John 8:1 परन्तु यीशु जैतून के पहाड़ पर गया। 
John 8:2 और भोर को फिर मन्दिर में आया, और सब लोग उसके पास आए; और वह बैठकर उन्हें उपदेश देने लगा। 
John 8:3 तब शास्त्री और फरीसी एक स्त्री को लाए, जो व्यभिचार में पकड़ी गई थी, और उसको बीच में खड़ी कर के यीशु से कहा। 
John 8:4 हे गुरू, यह स्त्री व्यभिचार करते ही पकड़ी गई है। 
John 8:5 व्यवस्था में मूसा ने हमें आज्ञा दी है कि ऐसी स्‍त्रियों को पत्थरवाह करें: सो तू इस स्त्री के विषय में क्या कहता है? 
John 8:6 उन्होंने उसको परखने के लिये यह बात कही ताकि उस पर दोष लगाने के लिये कोई बात पाएं, परन्तु यीशु झुककर उंगली से भूमि पर लिखने लगा। 
John 8:7 जब वे उस से पूछते रहे, तो उसने सीधे हो कर उन से कहा, कि तुम में जो निष्‍पाप हो, वही पहिले उसको पत्थर मारे। 
John 8:8 और फिर झुक कर भूमि पर उंगली से लिखने लगा। 
John 8:9 परन्तु वे यह सुन कर बड़ों से ले कर छोटों तक एक एक कर के निकल गए, और यीशु अकेला रह गया, और स्त्री वहीं बीच में खड़ी रह गई। 
John 8:10 यीशु ने सीधे हो कर उस से कहा, हे नारी, वे कहां गए? क्या किसी ने तुझ पर दंड की आज्ञा न दी। 
John 8:11 उसने कहा, हे प्रभु, किसी ने नहीं: यीशु ने कहा, मैं भी तुझ पर दंड की आज्ञा नहीं देता; जा, और फिर पाप न करना।

एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था 1-4


सोमवार, 27 जनवरी 2014

चट्टान


   इंग्लैण्ड का एक युवा प्रचारक, अगस्टुस टॉपलेडी, खुले मैदानी इलाकों से होकर जा रहा था और अचानक ही एक तूफान ने उसे आ घेरा। उसने तूफान से बचने के लिए कोई स्थान देखने के लिए अपनी नज़रें इधर-उधर घुमाईं और उसे एक बड़ी चट्टान दिखाई दी जिसमें एक दरार थी; वह उस दरार में जाकर बैठ गया और तूफान के गुज़र जाने की प्रतीक्षा करने लगा। वहाँ बैठे बैठे उसे अपनी इस वर्तमान शारीरिक परिस्थिति और अपने जीवन में आने वाले आत्मिक तूफानों में परमेश्वर में मिलनी वाली शरण का ध्यान आया और वह इस पर विचार करने लगा। अपने विचारों को लिखने के लिए उसके पास कोई कागज़ नहीं था, इसलिए वहाँ ज़मीन पर पड़े एक ताश के पत्ते पर उसने अपने विचारों को एक स्तुति गीत के रूप में लिखना आरंभ कर दिया।

   सन 1775 के एक तूफानी दिन में एक चट्टान की दरार में ताश के पत्ते पर लिखा गया वह भजन - Rock of Ages तब से लेकर आज तक अनगिनित लोगों के लिए बल और सांत्वना का स्त्रोत रहा है। उस गीत का एक छन्द कुछ इस प्रकार से है: हे अनन्तकालीन चट्टान जो मेरे लिए तोड़ी गई, मुझे अपनी दरार में छुपा रख; तेरी छेदी गई छाती से बहे लहू और जल द्वारा मेरे पापों को धो डाल और मुझे पाप के दण्ड से छुड़ाकर शुद्ध और पवित्र बना दे।

   अपने जीवन के संघर्षों के बारे में विचार कीजिए; क्या आपको जीवन के तूफानों से छिपने का स्थान चाहिए? क्या आपको किसी ऐसे जन का साथ चाहिए जो सदा आपके साथ रहे और जीवन के प्रहारों से आपकी रक्षा करता रहे? क्या आपको पापों से क्षमा का अनुभव और निश्चय चाहिए? जैसे अगुस्टुस टॉपलेडी ने पाया, आप भी प्रभु यीशु में यह सब पा सकते हैं।

   जीवन के तूफानों में अकेले खड़े ना रहें; परमेश्वर को अपन आश्रय-स्थल बना लें। उसकी सुरक्षा में आ जाएं; अपने जीवन में उससे मिलने वाली क्षमा को सुनिश्चित कर लें। उस अनन्तकालीन चट्टान में आ जाएं, क्योंकि उससे अधिक सुरक्षित स्थान और कोई है ही नहीं। - डेव ब्रैनन


संसार और जीवन के प्रहारों से आपको सुरक्षित रखने वाली वह स्थिर और अडिग चट्टान केवल परमेश्वर ही है। 

यहोवा मेरी चट्टान, और मेरा गढ़ और मेरा छुड़ाने वाला है; मेरा ईश्वर, मेरी चट्टान है, जिसका मैं शरणागत हूं, वह मेरी ढ़ाल और मेरी मुक्ति का सींग, और मेरा ऊँचा गढ़ है। - भजन 18:2

बाइबल पाठ: भजन 18:30-36
Psalms 18:30 ईश्वर का मार्ग सच्चाई; यहोवा का वचन ताया हुआ है; वह अपने सब शरणागतों की ढाल है।
Psalms 18:31 यहोवा को छोड़ क्या कोई ईश्वर है? हमारे परमेश्वर को छोड़ क्या और कोई चट्टान है? 
Psalms 18:32 यह वही ईश्वर है, जो सामर्थ से मेरा कटिबन्ध बान्धता है, और मेरे मार्ग को सिद्ध करता है। 
Psalms 18:33 वही मेरे पैरों को हरिणियों के पैरों के समान बनाता है, और मुझे मेरे ऊंचे स्थानों पर खड़ा करता है। 
Psalms 18:34 वह मेरे हाथों को युद्ध करना सिखाता है, इसलिये मेरी बाहों से पीतल का धनुष झुक जाता है। 
Psalms 18:35 तू ने मुझ को अपने बचाव की ढाल दी है, तू अपने दाहिने हाथ से मुझे सम्भाले हुए है, और मेरी नम्रता ने महत्व दिया है। 
Psalms 18:36 तू ने मेरे पैरों के लिये स्थान चौड़ा कर दिया, और मेरे पैर नहीं फिसले।

एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन 38-40


रविवार, 26 जनवरी 2014

स्वर्ग


   हाल ही के एक टीवी विज्ञापन में एक परिवार का दृश्य दिखाया गया जो कार में जा रहा है और दोपहर के भोजन के लिए उनमें विवाद चल रहा है। एक बच्चा कहता है कि उसे पिज़्ज़ा खाना है तो दूसरा कहता है कि उसे तो चिकन खाना है, तो माँ उनको शाँत रहने के लिए कहती और निर्णय देती है कि वे सब हैमबर्गर खाने के लिए रुकेंगे। तभी पिता इस समस्या का हल देते हुए एक भोजन स्थान का नाम लेकर कहता है कि हम भोजन के लिए वहाँ रुकेंगे और जिसे जो चाहिए, जितना चाहिए लेकर खा ले क्योंकि उस स्थान पर हर प्रकार का भोजन मिलता है।

   उस विज्ञापन को देखने के बाद मुझे एक और स्थान का स्मरण आया जहाँ पर सबकुछ मिलेगाम किसी को कोई कमी नहीं होगी - स्वर्ग। सबसे पहली बात तो यह कि स्वर्ग में हम परमेश्वर की उपस्थिति में होंगे, जैसा प्रेरित यूहन्ना ने बताया: "और फिर श्राप न होगा और परमेश्वर और मेम्ने का सिंहासन उस नगर में होगा, और उसके दास उस की सेवा करेंगे" (प्रकाशितवाक्य 22:3)। वहाँ परमेश्वर के सिंहासन से बहने वाली जीवन जल की नदी से सभी प्यासी आत्माओं की प्यास बुझ जाएगी (प्रकाशितवाक्य 22:1) क्योंकि परमेश्वर स्वयं उन्हें सेंत-मेंत जीवन का जल पीने को देगा (प्रकाशितवाक्य 21:6)। वहाँ पर जीवन का वृक्ष भी होगा जो सबकी चंगाई के लिए है (प्रकाशितवाक्य 22:2)।

   जो स्वर्ग में नहीं होगा वह है श्राप (प्रकाशितवाक्य 22:3), और साथ ही वहाँ मृत्यु, शोक और आँसु भी नहीं होंगे (प्रकाशितवाक्य 21:4)। हम सभी मसीही विश्वासी वहाँ अनन्तकाल तक एक आनन्द, परिपूर्णता और सन्तुष्टि का जीवन व्यतीत करेंगे। और यह सब हमें प्रभु यीशु से पापों की क्षमा माँग लेने और अपना जीवन उसे समर्पित कर देने के द्वारा परमेश्वर के अनुग्रह से सेंत-मेंत ही मिला है।

   क्या आप ने भी प्रभु यीशु को अपनाकर स्वर्ग की आशीषों को अपने लिए सुनिश्चित कर लिया है? - ऐनी सेटास


पृथ्वी - परीक्षाओं और परेशानियों का स्थान; स्वर्ग - अनन्त आनन्द और सन्तुष्ति का स्थान।

पर उस की प्रतिज्ञा के अनुसार हम एक नए आकाश और नई पृथ्वी की आस देखते हैं जिन में धामिर्कता वास करेगी। - 2 पतरस 3:13

बाइबल पाठ: प्रकाशितवाक्य 22:1-5
Revelation 22:1 फिर उसने मुझे बिल्लौर की सी झलकती हुई, जीवन के जल की एक नदी दिखाई, जो परमेश्वर और मेंम्ने के सिंहासन से निकल कर उस नगर की सड़क के बीचों बीच बहती थी। 
Revelation 22:2 और नदी के इस पार; और उस पार, जीवन का पेड़ था: उस में बारह प्रकार के फल लगते थे, और वह हर महीने फलता था; और उस पेड़ के पत्तों से जाति जाति के लोग चंगे होते थे। 
Revelation 22:3 और फिर श्राप न होगा और परमेश्वर और मेम्ने का सिंहासन उस नगर में होगा, और उसके दास उस की सेवा करेंगे। 
Revelation 22:4 और उसका मुंह देखेंगे, और उसका नाम उन के माथों पर लिखा हुआ होगा। 
Revelation 22:5 और फिर रात न होगी, और उन्हें दीपक और सूर्य के उजियाले का प्रयोजन न होगा, क्योंकि प्रभु परमेश्वर उन्हें उजियाला देगा: और वे युगानुयुग राज्य करेंगे।

एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन 35-37


शनिवार, 25 जनवरी 2014

प्रयास के पुरस्कार


   एक बार मैंने यह निश्चय किया कि मैं शेक्सपीयर द्वारा लिखित सभी 38 नाटक एक ही वर्ष के अन्दर पढ़ डालूँगा। मुझे आश्चर्य हुआ कि जब मैंने दृढ़ता के साथ ऐसा करना आरंभ किया तो यह मुझे कार्य नहीं वरन मनोरंजन लगने लगा। मैं सोचता था कि उन नाटकों से मैं शेक्सपीयर के समय के लोगों और समाज के बारे में कुछ सीखने पाऊँगा परन्तु मैंने देखा कि शेक्सपीयर तो मुझे मेरे समय के संसार के बारे में ही सिखा रहा था।

   बिलकुल ऐसा ही अनुभव मुझे परमेश्वर के वचन बाइबल के पुराने नियम नामक खण्ड को पढ़ते हुए हुआ। पहले मैं सोचता था कि पुराने नियम में इतना कुछ मन्दिर, याजकों (पुरोहितों), नियमों और बलिदानों के बारे में दिया है - ऐसी बातें जो आज विद्यमान नहीं हैं, तो फिर मुझे इनके बारे में पढ़ने से क्या लाभ? कैसे हम पुराने नियम को अपने आज के जीवन में लागू कर सकते हैं, या उसका कोई अर्थ पा सकते हैं? जैसे जैसे मैं दृढ़ निश्चय के साथ पुराने नियम को पढ़ने लगा तो आरंभ में कुछ कठिनाईयाँ तो आईं, लेकिन उसे पढ़ते रहने से जो मैंने सीखना आरंभ कर दिया उसने मुझे उसे पढ़ते रहने को प्रेरित किया और फिर मुझे उसे पढ़ते रहने की आवश्यकता भी अनुभव होने लगी। अन्ततः मेरे अन्दर पुराने नियम की सभी 39 पुस्तकों को पढ़ने की लालसा जाग उठी, और उन्हें पढ़ने से मेरे अन्दर की एक ऐसी भूख तृप्त हो सकी जो इससे पहले कभी किसी अन्य से तृप्त नहीं हुई थी। पुराने नियम से मैंने परमेश्वर के साथ जीवन व्यतीत करने के बारे में सीखा।

   बाइबल का पुराना नियम बहुत से लोगों को अटपटा और अप्रासंगिक लगता है और इसलिए वे उसे पढ़ना नहीं चाहते। लेकिन पुराना नियम परमेश्वर के साथ जीवन जीने के लिए एक उन्नत पाठ्यक्रम के समान है जिसे पढ़ने और पूरा करने में प्रयास और समय तो लगता है, लेकिन जब हम ऐसा करते हैं तो वह हमारी परमेश्वर संबंधी भूख को व्यक्तिगत तथा उत्साहवर्धक रीति से तृप्त भी करता है।

   किसी भी प्रयास के पुरस्कार आसानी से नहीं मिलते; प्रत्येक उपल्बधि कठिन मेहनत से ही आती है। इसलिए यदि आप परमेश्वर के वचन के अध्ययन में ढीले पड़ रहे हैं या वह आपको रोचक नहीं लग रहा है, तो भी पढ़ते रहने और उसका अध्ययन करने के प्रयासों से पीछे ना हटें। प्रयास के पुरस्कार अवश्य मिलेंगे, और जो परमेश्वर के वचन बाइबल से मिलेगा वह विलक्षण होगा, ऐसा होगा जो और कहीं नहीं मिलेगा। - फिलिप यैन्सी


बाइबल हमारी वास्तविक तस्वीर हमारे सामने ले आती है।

हर एक पवित्रशास्‍त्र परमेश्वर की प्रेरणा से रचा गया है और उपदेश, और समझाने, और सुधारने, और धर्म की शिक्षा के लिये लाभदायक है। ताकि परमेश्वर का जन सिद्ध बने, और हर एक भले काम के लिये तत्‍पर हो जाए। - 2 तिमुथियुस 3:16-17

बाइबल पाठ: भजन 19:7-11
Psalms 19:7 यहोवा की व्यवस्था खरी है, वह प्राण को बहाल कर देती है; यहोवा के नियम विश्वासयोग्य हैं, साधारण लोगों को बुद्धिमान बना देते हैं; 
Psalms 19:8 यहोवा के उपदेश सिद्ध हैं, हृदय को आनन्दित कर देते हैं; यहोवा की आज्ञा निर्मल है, वह आंखों में ज्योति ले आती है; 
Psalms 19:9 यहोवा का भय पवित्र है, वह अनन्तकाल तक स्थिर रहता है; यहोवा के नियम सत्य और पूरी रीति से धर्ममय हैं। 
Psalms 19:10 वे तो सोने से और बहुत कुन्दन से भी बढ़कर मनोहर हैं; वे मधु से और टपकने वाले छत्ते से भी बढ़कर मधुर हैं। 
Psalms 19:11 और उन्हीं से तेरा दास चिताया जाता है; उनके पालन करने से बड़ा ही प्रतिफल मिलता है।

एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन 32-34


शुक्रवार, 24 जनवरी 2014

वास्तविकता


   कार से यात्रा करते हुए मेरा ध्यान मार्ग के किनारे लगे एक संकेत पर गया - वह बेदाग़ सफेद था और बड़े सुन्दर लाल अक्षरों में उस पर लिखा था: "नालियाँ और खिड़कियाँ - उत्कृष्ट कार्य की गरण्टी।" वह संकेत तो बहुत अच्छा था परन्तु मुझे उस पर लिखी बात पर कोई विश्वास नहीं हुआ, क्योंकि जिस घर पर वह लगा था वह घर बड़ी जीर्ण हालत में था और लगता था कभी भी ढह जाएगा, उस घर पर लगा रंग उतर रहा था, वहाँ की खिड़कियाँ टूटी हुई थीं और मुझे कोई नाली वहाँ दिखाई नहीं दी। जिस बात का दावा और विज्ञापन किया जा रहा था वही उस घर में विद्यमान नहीं थी।

   बहुत से ’मसीही’ जीवन भी ऐसे ही होते हैं - मसीह यीशु का विज्ञापन तो बहुत करते हैं परन्तु उनके आत्मिक घर टूटे हुए होते हैं; वे मसीहियत की भाषा तो बोलते हैं, नियमित रीति से चर्च जाते हैं, लोगों से मिलते जुलते भी हैं लेकिन उनमें मसीह यीशु के गुण दिखाई नहीं देते। जब हमारा चाल-चलन हमारे मसीही प्रचार के अनुरूप नहीं होता तो हमारा अच्छा व्यवहार केवल धर्मपरायणता का दिखावा मात्र है। प्रभु यीशु ने फरीसियों अर्थात अपने समय के धर्म के अगुवों को आईना दिखाते हुए कहा: "इसी रीति से तुम भी ऊपर से मनुष्यों को धर्मी दिखाई देते हो, परन्तु भीतर कपट और अधर्म से भरे हुए हो" (मत्ती 23:28)। प्रभु यीशु का यह दो टूक संबोधन केवल फरीसियों के लिए ही नहीं था; उन्होंने अपने चेलों से भी ऐसे ही दो टूक शब्दों में कहा: "सावधान रहो! तुम मनुष्यों को दिखाने के लिये अपने धर्म के काम न करो, नहीं तो अपने स्‍वर्गीय पिता से कुछ भी फल न पाओगे" (मत्ती 6:1)।

   परमेश्वर का वचन बाइबल हमें स्पष्ट शब्दों में कहती है: "आज्ञा का सारांश यह है, कि शुद्ध मन और अच्‍छे विवेक, और कपट रहित विश्वास से प्रेम उत्पन्न हो" (1 तिमुथियुस 1:5)। मसीही जीवन के ये सदगुण हमारी कथनी और करनी दोनो से ही संसार के सामने प्रकट होने चाहिएं (लूका 6:45)। आज अपने आत्मिक जीवन को जाँच के देखें; यदि लोग आपके बाहर के सुन्दर प्रदर्शन से आगे आपके अन्दर के वास्तविक जीवन को देखें तो उन्हें देखने को क्या मिलेगा?

   क्या आपके मसीही जीवन की वास्तविकता मसीह यीशु को स्वीकार योग्य है? - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


परमेश्वर चाहता है कि हमारे कार्य हमारे शुद्ध जीवनों का प्रतिबिंब हों।

भला मनुष्य अपने मन के भले भण्‍डार से भली बातें निकालता है; और बुरा मनुष्य अपने मन के बुरे भण्‍डार से बुरी बातें निकालता है; क्योंकि जो मन में भरा है वही उसके मुंह पर आता है। - लूका 6:45

बाइबल पाठ: मत्ती 23:23-31
Matthew 23:23 हे कपटी शास्‍त्रियों, और फरीसियों, तुम पर हाय; तुम पोदीने और सौंफ और जीरे का दसवां अंश देते हो, परन्तु तुम ने व्यवस्था की गम्भीर बातों को अर्थात न्याय, और दया, और विश्वास को छोड़ दिया है; चाहिये था कि इन्हें भी करते रहते, और उन्हें भी न छोड़ते। 
Matthew 23:24 हे अन्धे अगुवों, तुम मच्छर को तो छान डालते हो, परन्तु ऊंट को निगल जाते हो। 
Matthew 23:25 हे कपटी शास्‍त्रियों, और फरीसियों, तुम पर हाय, तुम कटोरे और थाली को ऊपर ऊपर से तो मांजते हो परन्तु वे भीतर अन्‍धेर असंयम से भरे हुए हैं। 
Matthew 23:26 हे अन्धे फरीसी, पहिले कटोरे और थाली को भीतर से मांज कि वे बाहर से भी स्‍वच्‍छ हों।
Matthew 23:27 हे कपटी शास्‍त्रियों, और फरीसियों, तुम पर हाय; तुम चूना फिरी हुई कब्रों के समान हो जो ऊपर से तो सुन्‍दर दिखाई देती हैं, परन्तु भीतर मुर्दों की हड्डियों और सब प्रकार की मलिनता से भरी हैं। 
Matthew 23:28 इसी रीति से तुम भी ऊपर से मनुष्यों को धर्मी दिखाई देते हो, परन्तु भीतर कपट और अधर्म से भरे हुए हो।
Matthew 23:29 हे कपटी शास्‍त्रियों, और फरीसियों, तुम पर हाय; तुम भविष्यद्वक्ताओं की कब्रें संवारते और धर्मियों की कब्रें बनाते हो। 
Matthew 23:30 और कहते हो, कि यदि हम अपने बाप-दादों के दिनों में होते तो भविष्यद्वक्ताओं की हत्या में उन के साझी न होते। 
Matthew 23:31 इस से तो तुम अपने पर आप ही गवाही देते हो, कि तुम भविष्यद्वक्ताओं के घातकों की सन्तान हो।

एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन 28-31


गुरुवार, 23 जनवरी 2014

शान्ति


   बहुत वर्ष पहले मेरा परिचय एक युवक से हुआ जो मोटरसाइकिल पर चलने वाले गुण्डे-मवालियों के एक गुट का सदस्य था। उस युवक का पालन पोषण एक मिशन कार्यक्षेत्र में हुआ था जहाँ उसके माता-पिता कार्य करते थे। जब वह परिवार वापस अमेरिका लौट के आया तो वह युवक वहाँ की परिस्थित्यों के साथ सामन्जस्य स्थापित नहीं कर पाया और बुरी संगति में पड़ गया। उसने एक अशान्त जीवन बिताया और एक प्रतिद्वन्दी गुट के साथ हुई लड़ाई में वह मारा गया।

   मैंने बहुत से अन्तिम संस्कारों में सहायता करी है, किन्तु इस युवक का अन्तिम संस्कार मेरे लिए अविस्मर्णीय रहा है। यह अन्तिम संस्कार एक पार्क में हुआ जिस के मध्य में एक छोटी झील है। उस युवक के साथियों ने अपनी मोटर साइकिलें वहाँ घास के मैदान पर गोलाकार खड़ी करीं और वे सब अपने दिवंगत मित्र के चारों ओर घास पर बैठ गए और मैं ने अन्तिम क्रीया की अगुवाई करी। हमने सरल, सामान्य और संक्षिप्त रीति से परस्पर तथा सामाजिक शान्ति और प्रभु यीशु के प्रेम और उससे मिलने वाली व्यक्तिगत शान्ति के बारे में बात करी। सब समाप्त होने के बाद उस मोटरसाइकिल गुट के एक सदस्य ने मुझे धन्यवाद कहा और चलने लगा; फिर वह पलटा और मेरे पास वापस आया। तब उसने जो कहा, मैं उसके वे शब्द कभी भुला नहीं पाया। उसने कहा, मेरे पास मोटरसाइकिल है, घर है और प्रेमिका है, लेकिन मेरे पास शान्ति नहीं है। फिर हमने प्रभु यीशु के बारे में बात करी जो हमारी शान्ति है और जगत का शान्तिदाता है।

   चाहे हमारे पास हेलिकॉप्टर हो या कीमती कार, रहने के लिए आलीशान महल हो या छोटी सी झोंपड़ी, कोई प्रेम करने वाला हो या ना हो - इनमें से या इनके जैसी किसी बात से कोई फर्क नहीं पड़ता; जहाँ प्रभु यीशु नहीं है वहाँ शान्ति नहीं है। प्रभु यीशु ने कहा, "मैं तुम्हें शान्‍ति दिए जाता हूं, अपनी शान्‍ति तुम्हें देता हूं; जैसे संसार देता है, मैं तुम्हें नहीं देता: तुम्हारा मन न घबराए और न डरे" (यूहन्ना 14:27)। प्रभु यीशु की अद्भुत शान्ति का यह उपहार प्रत्येक उस व्यक्ति के लिए है जो उसपर विश्वास करता है, उससे पापों की क्षमा माँगकर अपना जीवन उसे समर्पित कर देता है।

   क्या आपके पास यह अद्भुत शान्ति है? - डेविड रोपर


प्रभु यीशु ने हमारे लिए अपने प्राण बलिदान किए ताकि हम शान्ति पा सकें।

मैं तुम्हें शान्‍ति दिए जाता हूं, अपनी शान्‍ति तुम्हें देता हूं; जैसे संसार देता है, मैं तुम्हें नहीं देता: तुम्हारा मन न घबराए और न डरे। - यूहन्ना 14:27

बाइबल पाठ: यूहन्ना 14:25-31
John 14:25 ये बातें मैं ने तुम्हारे साथ रहते हुए तुम से कहीं। 
John 14:26 परन्तु सहायक अर्थात पवित्र आत्मा जिसे पिता मेरे नाम से भेजेगा, वह तुम्हें सब बातें सिखाएगा, और जो कुछ मैं ने तुम से कहा है, वह सब तुम्हें स्मरण कराएगा। 
John 14:27 मैं तुम्हें शान्‍ति दिए जाता हूं, अपनी शान्‍ति तुम्हें देता हूं; जैसे संसार देता है, मैं तुम्हें नहीं देता: तुम्हारा मन न घबराए और न डरे। 
John 14:28 तुम ने सुना, कि मैं ने तुम से कहा, कि मैं जाता हूं, और तुम्हारे पास फिर आता हूं: यदि तुम मुझ से प्रेम रखते, तो इस बात से आनन्‍दित होते, कि मैं पिता के पास जाता हूं क्योंकि पिता मुझ से बड़ा है। 
John 14:29 और मैं ने अब इस के होने से पहिले तुम से कह दिया है, कि जब वह हो जाए, तो तुम प्रतीति करो।
John 14:30 मैं अब से तुम्हारे साथ और बहुत बातें न करूंगा, क्योंकि इस संसार का सरदार आता है, और मुझ में उसका कुछ नहीं। 
John 14:31 परन्तु यह इसलिये होता है कि संसार जाने कि मैं पिता से प्रेम रखता हूं, और जिस तरह पिता ने मुझे आज्ञा दी, मैं वैसे ही करता हूं: उठो, यहां से चलें।

एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन 25-27


बुधवार, 22 जनवरी 2014

संगीत


   परमेश्वर के वचन बाइबल में संगीत का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। बाइबल की प्रथम पुस्तक, उत्पत्ति, से लेकर अन्तिम पुस्तक, प्रकाशितवाक्य, तक संगीत का उल्लेख और उपयोग है। परमेश्वर ने अनेक स्थानों पर संगीतकारों को अपने किसी कार्य करने के लिए चुना और उपयोग किया है। परमेश्वर ने कहीं संगीत द्वारा आराधना के लिए लोगों को बुलाया, तो कहीं वाद्यों की ध्वनि द्वारा उन्हें कूच करने को कहा, चाहे वह डेरा उठाकर किसी नए स्थान के लिए निकलना हो या फिर युद्ध के लिए हो। कहीं संगीत का प्रयोग विचलित और आहत मनोभावों को शान्त करने के लिए हुआ है तो कहीं लोगों में एक आत्मिक उन्माद जागृत करने के लिए। कभी संगीत किसी विजय का पर्व मनाने के लिए है तो कहीं किसी हानि के शोक को प्रकट करने के लिए।

   संगीत सभी अवसरों और सभी लोगों के लिए कला का एक वृहत रूप है। संगीत में अगुवे भी होते हैं और अनुयायी भी। सरल गीत भी होते हैं और कठिन भी; सरल वाद्य यंत्र भी होते हैं और जटिल भी। धुनें भी होती हैं और सुर भी; तेज़ गति की लय भी होती है और धीमी गति की लय भी; उसमें तीव्र स्वर भी हैं और मध्यम भी। संगीत मसीही मण्डली का एक अच्छा रूपक है - जैसे संगीत मण्डली में बहुत से भिन्न लोग और बहुत से भिन्न वाद्य मिलकर एक साथ वह करते हैं जो वे व्यक्तिगत रीति से सबसे अच्छा कर सकते हैं और कुल मिलकर एक मधुर संगीत बनता है, वैसे ही मसीही मण्डली में भी भिन्न लोग परमेश्वर द्वारा उन्हें दी गई भिन्न क्षमताओं और वरदानों के प्रयोग से परमेश्वर के एक ही उद्देश्य की पूर्ति के लिए कार्य करते हैं। इसलिए हम जितना अधिक अपने संचालक, अर्थात प्रभु यीशु पर नज़र बनाए रखेंगे और जितना अधिक अपने कार्य तथा भाग के बारे में जानकारी रखेंगे, उतना बेहतर अपनी ज़िम्मेदारी को निभाने पाएंगे।

   संगीत का सबसे उत्तम प्रयोग है परमेश्वर की स्तुति। जब राजा सुलेमान द्वारा बनवाया गया परमेश्वर का मन्दिर संपूर्ण हुआ तो परमेश्वर को उस मन्दिर के समर्पण के समय संगीतकारों ने संगीत बजाया और परमेश्वर को आराधना अर्पित करी; जब वे ऐसा कर रहे थे तब, "तो जब तुरहियां बजाने वाले और गाने वाले एक स्वर से यहोवा की स्तुति और धन्यवाद करने लगे, और तुरहियां, झांझ आदि बाजे बजाते हुए यहोवा की यह स्तुति ऊंचे शब्द से करने लगे, कि वह भला है और उसकी करुणा सदा की है, तब यहोवा के भवन में बादल छा गया, और बादल के कारण याजक लोग सेवा-टहल करने को खड़े न रह सके, क्योंकि यहोवा का तेज परमेश्वर के भवन में भर गया था" (2 इतिहास 5:13-14)।

   हम परमेश्वर का धन्यवाद करते हैं मनमोहक संगीत के लिए और उसमें होकर मिलने वाली स्वर्ग की एक झलक के लिए जहाँ परमेश्वर का तेज और महिमा सदा वास करेंगी और जहाँ कभी परमेश्वर की स्तुति और आराधना का अन्त नहीं होगा। - जूली ऐकैरमैन लिंक


जो पृथ्वी पर परमेश्वर की आराधना और स्तुति करते रहते हैं उन्हें स्वर्ग जाना-पहिचाना अनुभव होगा।

तो जब तुरहियां बजाने वाले और गाने वाले एक स्वर से यहोवा की स्तुति और धन्यवाद करने लगे, और तुरहियां, झांझ आदि बाजे बजाते हुए यहोवा की यह स्तुति ऊंचे शब्द से करने लगे, कि वह भला है और उसकी करुणा सदा की है, तब यहोवा के भवन में बादल छा गया, और बादल के कारण याजक लोग सेवा-टहल करने को खड़े न रह सके, क्योंकि यहोवा का तेज परमेश्वर के भवन में भर गया था। - 2 इतिहास 5:13-14

बाइबल पाठ: 2 इतिहास 5:7-14
2 Chronicles 5:7 तब याजकों ने यहोवा की वाचा का सन्दूक उसके स्थान में, अर्थात भवन की भीतरी कोठरी में जो परमपवित्र स्थान है, पहुंचा कर, करूबों के पंखों के तले रख दिया। 
2 Chronicles 5:8 सन्दूक के स्थान के ऊपर करूब तो पंख फैलाए हुए थे, जिससे वे ऊपर से सन्दूक और उसके डणडों को ढांपे थे। 
2 Chronicles 5:9 डणडे तो इतने लम्बे थे, कि उनके सिरे सन्दूक से निकले हुए भीतरी कोठरी के साम्हने देख पड़ते थे, परन्तु बाहर से वे दिखाई न पड़ते थे। वे आज के दिन तक वहीं हैं। 
2 Chronicles 5:10 सन्दूक में पत्थर की उन दो पटियाओं को छोड़ कुछ न था, जिन्हें मूसा ने होरेब में उसके भीतर उस समय रखा, जब यहोवा ने इस्राएलियों के मिस्र से निकलने के बाद उनके साथ वाचा बान्धी थी। 
2 Chronicles 5:11 जब याजक पवित्रस्थान से निकले (जितने याजक उपस्थित थे, उन सभों ने तो अपने अपने को पवित्र किया था, और अलग अलग दलों में हो कर सेवा न करते थे; 
2 Chronicles 5:12 और जितने लेवीय गवैये थे, वे सब के सब अर्थात पुत्रों और भाइयों समेत आसाप, हेमान और यदूतून सन के वस्त्र पहिने झांझ, सारंगियां और वीणाएं लिये हुए, वेदी के पूर्व अलंग में खड़े थे, और उनके साथ एक सौ बीस याजक तुरहियां बजा रहे थे।) 
2 Chronicles 5:13 तो जब तुरहियां बजाने वाले और गाने वाले एक स्वर से यहोवा की स्तुति और धन्यवाद करने लगे, और तुरहियां, झांझ आदि बाजे बजाते हुए यहोवा की यह स्तुति ऊंचे शब्द से करने लगे, कि वह भला है और उसकी करुणा सदा की है, तब यहोवा के भवन मे बादल छा गया, 
2 Chronicles 5:14 और बादल के कारण याजक लोग सेवा-टहल करने को खड़े न रह सके, क्योंकि यहोवा का तेज परमेश्वर के भवन में भर गया था।

एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन 21-24


मंगलवार, 21 जनवरी 2014

सच्चा मित्र


   अंग्रेज़ी भाषा के उन विशेषज्ञों ने, जो शब्दों के बदलते हुए अर्थों पर शोध करते रहते हैं, कुछ वर्ष पहले अंग्रेज़ी शब्द "unfriend" को New Oxford American Dictionary का उस वर्ष का खिताबी शब्द चुना। उन्होंने इस शब्द "unfriend" की परिभाषा एक क्रीया के रूप में इस प्रकार करी: "किसी को सोशल नेटवर्किंग साईट जैसे फेसबुक से अपने मित्रों की सूची से हटा देना।" ऐसी वेब साईट्स पर जो लोग मित्र सूची में सम्मिलित होते हैं वे अपने ’मित्रों’ की व्यक्तिगत जानकारियाँ देख सकते हैं, उनपर टिप्पणी कर सकते हैं। संभव है कि वे परस्पर एक दूसरे से कभी मिले भी ना हों और ना ही उन्होंने कभी कोई अभिवादन एक दूसरे से बाँटा हो, लेकिन उस साईट पर वे अपने मित्र की व्यक्तिगत जानकारी देख सकते हैं, उसे प्रयोग कर सकते हैं, और सरलता से एक दूसरे को मित्र सूची से हटा भी सकते हैं। आज के संसार में व्याप्त इंटरनैट पर परस्पर पहचान की अविश्वसनीयता और अस्थिरता ने लोगों को इस बात का एहसास दिलाया है कि वास्तविक और सच्चे मित्र रखना कितना अर्थपूर्ण है।

   जब प्रभु यीशु ने अपने चेलों को "मित्र" कहा (यूहन्ना 15:15) तो उसने एक अनूठे आपसी संबंध के संदर्भ में यह कहा, एक ऐसा संबंध जो एक दूसरे के प्रति विशवास और कटिबद्धता पर आधारित है। कुछ ही घंटों में प्रभु यीशु अपने प्राण बलिदान करने वाले थे (पद 13), और उन्होंने चेलों से कहा कि उनकी आज्ञाकारिता में बने रहकर वे अपनी मित्रता को प्रदर्शित करें (पद 15)। प्रभु यीशु द्वारा इस वार्तालाप में कहा गया एक कथन बहुत अद्भुत है: "अब से मैं तुम्हें दास न कहूंगा, क्योंकि दास नहीं जानता, कि उसका स्‍वामी क्या करता है: परन्तु मैं ने तुम्हें मित्र कहा है, क्योंकि मैं ने जो बातें अपने पिता से सुनीं, वे सब तुम्हें बता दीं" (यूहन्ना 15:15)।

   जब मित्रता सच्ची होती है तो एक मित्र दूसरे को उसकी आवश्यकता के समयों में सहारा दे कर निराश या भयभीत होने से बचाए रखता है। यही प्रभु यीशु उनके साथ करता है जो उसके साथ संबंध जोड़कर उसके मित्र हो जाते हैं - वह उनका सदा काल तक पूर्णतया विश्वासयोग्य एवं सच्चा मित्र बना रहता है, उन्हें कभी नहीं छोड़ता, उनकी चिंता करता है, उनकी सहायता करता है। क्या आपने प्रभु यीशु को अपना मित्र बनाया है? - डेविड मैक्कैसलैंड


इस संसार का हमारा सबसे अच्छा मित्र, प्रभु यीशु की मित्रता की तुलना में एक छाया मात्र ही है।

अब से मैं तुम्हें दास न कहूंगा, क्योंकि दास नहीं जानता, कि उसका स्‍वामी क्या करता है: परन्तु मैं ने तुम्हें मित्र कहा है, क्योंकि मैं ने जो बातें अपने पिता से सुनीं, वे सब तुम्हें बता दीं। - यूहन्ना 15:15

बाइबल पाठ: यूहन्ना 15:9-17
John 15:9 जैसा पिता ने मुझ से प्रेम रखा, वैसा ही मैं ने तुम से प्रेम रखा, मेरे प्रेम में बने रहो। 
John 15:10 यदि तुम मेरी आज्ञाओं को मानोगे, तो मेरे प्रेम में बने रहोगे: जैसा कि मैं ने अपने पिता की आज्ञाओं को माना है, और उसके प्रेम में बना रहता हूं। 
John 15:11 मैं ने ये बातें तुम से इसलिये कही हैं, कि मेरा आनन्द तुम में बना रहे, और तुम्हारा आनन्द पूरा हो जाए। 
John 15:12 मेरी आज्ञा यह है, कि जैसा मैं ने तुम से प्रेम रखा, वैसा ही तुम भी एक दूसरे से प्रेम रखो। 
John 15:13 इस से बड़ा प्रेम किसी का नहीं, कि कोई अपने मित्रों के लिये अपना प्राण दे। 
John 15:14 जो कुछ मैं तुम्हें आज्ञा देता हूं, यदि उसे करो, तो तुम मेरे मित्र हो। 
John 15:15 अब से मैं तुम्हें दास न कहूंगा, क्योंकि दास नहीं जानता, कि उसका स्‍वामी क्या करता है: परन्तु मैं ने तुम्हें मित्र कहा है, क्योंकि मैं ने जो बातें अपने पिता से सुनीं, वे सब तुम्हें बता दीं। 
John 15:16 तुम ने मुझे नहीं चुना परन्तु मैं ने तुम्हें चुना है और तुम्हें ठहराया ताकि तुम जा कर फल लाओ; और तुम्हारा फल बना रहे, कि तुम मेरे नाम से जो कुछ पिता से मांगो, वह तुम्हें दे। 
John 15:17 इन बातें की आज्ञा मैं तुम्हें इसलिये देता हूं, कि तुम एक दूसरे से प्रेम रखो।

एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन 18-20


सोमवार, 20 जनवरी 2014

अनुग्रह


   अमेरिका में स्थानीय समाचार पत्रों में 1970 के दशक के मध्य भाग में तलाक संबंधी सूचनाएं - किन लोगों ने तलाक के लिए अर्ज़ी दी है और किन का तलाक हो गया है, प्रकाशित होनी आरंभ हो गईं। हमारे चर्च के एक पास्टर बिल फ्लेनेगन ने प्रत्येक सप्ताह उन लोगों के नाम पढ़ना आरंभ किया, उनका प्रयास था कि लोग आंकड़ों पर नहीं वरन व्यक्तियों पर ध्यान दें। उन लोगों की सहायता के लिए उन्होंने तलाक से बहाली की कार्यशाला आरंभ करी जहाँ इन कठिन और दुखदायी समयों में दुखी लोगों को प्रभु यीशु के नाम में कुछ सांत्वना और सहायता मिल सके। हमारे चर्च के कुछ सदस्यों ने आपत्ति करी और कहा कि ऐसा कर के बिल तलाक को समर्थन दे रहे हैं। बिल का नम्र और धीमी आवाज़ में उत्तर था, मैं तो केवल उन लोगों तक परमेश्वर के अनुग्रह को पहुँचा रहा हूँ जिन्हें इस की आवश्यकता है।

   प्रभु यीशु ने जब मत्ती को, जो एक चुँगी लेने वाला था, अपने पीछे आने को कहा तो मत्ती प्रभु के साथ हो लिया; फिर मत्ती ने प्रभु यीशु को अपने घर भोजन करने के लिए बुलाया और प्रभु उसके घर भोजन करने के लिए गया। यह देख कर उस समय के धर्म के अगुवों ने आपत्ति करी और प्रभु यीशु पर आरोप लगाया कि वह पापी लोगों की संगति करता है, उनके साथ खाता-पीता है। प्रभु यीशु ने उन्हें उत्तर दिया: "उसने यह सुनकर उन से कहा, वैद्य भले चंगों को नहीं परन्तु बीमारों को आवश्यक है। सो तुम जा कर इस का अर्थ सीख लो, कि मैं बलिदान नहीं परन्तु दया चाहता हूं; क्योंकि मैं धर्मियों को नहीं परन्तु पापियों को बुलाने आया हूं" (मत्ती 9:12-13)। संसार का सबसे बड़ा और महान वैद्य, प्रभु यीशु, प्रत्येक जन से उसकी आवश्यकता के स्थान पर मिलना चाहता है; वह सबको पापों से क्षमा, चँगाई और आशा देना चाहता है। हम जिसके योग्य भी नहीं हैं वह सब वो हमें अपने अनुग्रह में होकर मुफ्त में देना चाहता है।

   ज़रूरतमन्द लोगों की सहायता के लिए अपने हाथ बढ़ाकर हम भी परमेश्वर का वह अनुग्रह जो हमें मिला है उन तक पहुँचा सकते हैं, प्रभु यीशु के सांत्वना, आशा और चँगाई देने वाले हाथ तक उन्हें पहुँचा सकते हैं। - डेविड मैक्कैसलैंड


जब आप परमेश्वर के अनुग्रह को जानेंगे तो उसे औरों तक पहुँचाना भी चाहेंगे।

उसने यह सुनकर उन से कहा, वैद्य भले चंगों को नहीं परन्तु बीमारों को आवश्यक है। - मत्ती 9:12

बाइबल पाठ: मत्ती 9:9-13
Matthew 9:9 वहां से आगे बढ़कर यीशु ने मत्ती नाम एक मनुष्य को महसूल की चौकी पर बैठे देखा, और उस से कहा, मेरे पीछे हो ले। वह उठ कर उसके पीछे हो लिया।
Matthew 9:10 और जब वह घर में भोजन करने के लिये बैठा तो बहुतेरे महसूल लेने वाले और पापी आकर यीशु और उसके चेलों के साथ खाने बैठे। 
Matthew 9:11 यह देखकर फरीसियों ने उसके चेलों से कहा; तुम्हारा गुरू महसूल लेने वालों और पापियों के साथ क्यों खाता है? 
Matthew 9:12 उसने यह सुनकर उन से कहा, वैद्य भले चंगों को नहीं परन्तु बीमारों को आवश्यक है। 
Matthew 9:13 सो तुम जा कर इस का अर्थ सीख लो, कि मैं बलिदान नहीं परन्तु दया चाहता हूं; क्योंकि मैं धर्मियों को नहीं परन्तु पापियों को बुलाने आया हूं।

एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन 14-17


रविवार, 19 जनवरी 2014

खोज


  हमारे परिवार के लोग एक स्थान पर एकत्रित थे और मेरा एक भतीजा अपने साथ "मैजिक आई" चित्रों की एक पुस्तक लाया था। मैजिक आई चित्र सामान्य दो-आयाम वाले चित्रों के समान ही लगते हैं, परन्तु जब उन्हें एक विशेष कोण से देखा जाता है तो वे समतल सपाट चित्र तीन-आयामी दिखने लगते हैं। हम सब उस पुस्त्क के चित्रों को बारी बारी से देख रहे थे, और अपनी आंखों को उन तीन-अयामी चित्रों को देख पाने के लिए अलग अलग कोण और दूरी से अभ्यस्त कर रहे थे। हमारे परिवार के एक सदस्य को तीन-आयामी चित्र देखने में परेशानी हो रही थी और वह बार बार भिन्न कोणों और भिन्न दूरियों से उन्हें देखने का प्रयास कर रहा था। मैंने ध्यान किया कि यद्यपि वह तीन-आयामी चित्र देख तो नहीं पा रहा था, परन्तु फिर भी वह अन्य लोगों की बात पर विश्वास रख कर उन तीन-आयामी चित्रों को देखने के प्रयास में लगा हुआ था; क्योंकि उसे वे नहीं दिख रहे थे इसलिए उसने यह नहीं मान लिया कि तीन आयामी चित्र हैं ही नहीं या उन्हें देख पाना संभव नहीं है तथा अन्य जिन्होंने उन्हें देखा है वे कोई कालपनिक बात कर रहे हैं।

   उसके उन चित्रों को तीन-आयामों में देखने के अथक प्रयासों को देखकर मुझे विचार आया कि क्या हम अपने विश्वास की बातों को जानने-पहचानने के लिए भी इसी प्रकार प्रयासरत रहते हैं? जो लोग सन्देह करते हैं उनके लिए खतरा रहता है कि ढूंढना छोड़ देंगे, क्योंकि वे मानने लगते हैं कि परमेश्वर को खोजा नहीं जा सकता। परमेश्वर के वचन बाइबल में मूसा ने इस्त्राएलियों को चेतावनी दी कि ऐसा समय आएगा जब उनके भावी वंशज परमेश्वर से दूर चले जाएंगे; लेकिन साथ ही उसने यह आशवासन भी दिया कि यदि परमेश्वर से भटक जाने के बाद भी वे सच्चे मन से उसे ढूंढेंगे तो निश्चय ही उसे फिर पा भी लेंगे (व्यवस्थाविवरण 4:29)। इब्रानियों की पत्री भी इस बात को पुनःपुष्टि करती है कि जो परमेश्वर को सच्चे मन से विश्वास के साथ खोजते हैं वे उसे पा भी लेते हैं (इब्रानियों 11:6)।

   यदि आप परमेश्वर की खोज में भटक रहे हैं, या आपको उसपर विश्वास करने में कठिनाई हो रही है तो ध्यान रखिए कि आपका उससे संपर्क ना हो पाना इस बात का प्रमाण नहीं है कि वह है ही नहीं या फिर मिलता ही नहीं है। वह अपने खोजने वालों को कभी निराश नहीं करता; उसे उसके वचन बाइबल से देखिए, उसने अपने आप को संसार पर प्रभु यीशु के रूप में प्रगट किया है। प्रभु यीशु और बाइबल को अपना लीजिए, परमेश्वर की खोज वहीं पूरी हो जाएगी। - जूली ऐकैरमैन लिंक


क्योंकि परमेश्वर महान है, उसने अपने आप को प्रगट किया है; 
क्योंकि परमेश्वर भला है, वह अपने खोजने वालों को मिलता है।

परन्तु वहां भी यदि तुम अपने परमेश्वर यहोवा को ढूंढ़ोगे, तो वह तुम को मिल जाएगा, शर्त यह है कि तुम अपने पूरे मन से और अपने सारे प्राण से उसे ढूंढ़ो। - व्यवस्थाविवरण 4:29

बाइबल पाठ: इब्रानियों 11:1-10
Hebrews 11:1 अब विश्वास आशा की हुई वस्‍तुओं का निश्‍चय, और अनदेखी वस्‍तुओं का प्रमाण है। 
Hebrews 11:2 क्योंकि इसी के विषय में प्राचीनों की अच्छी गवाही दी गई। 
Hebrews 11:3 विश्वास ही से हम जान जाते हैं, कि सारी सृष्‍टि की रचना परमेश्वर के वचन के द्वारा हुई है। यह नहीं, कि जो कुछ देखने में आता है, वह देखी हुई वस्‍तुओं से बना हो। 
Hebrews 11:4 विश्वास की से हाबिल ने कैन से उत्तम बलिदान परमेश्वर के लिये चढ़ाया; और उसी के द्वारा उसके धर्मी होने की गवाही भी दी गई: क्योंकि परमेश्वर ने उस की भेंटों के विषय में गवाही दी; और उसी के द्वारा वह मरने पर भी अब तक बातें करता है। 
Hebrews 11:5 विश्वास ही से हनोक उठा लिया गया, कि मृत्यु को न देखे, और उसका पता नहीं मिला; क्योंकि परमेश्वर ने उसे उठा लिया था, और उसके उठाए जाने से पहिले उस की यह गवाही दी गई थी, कि उसने परमेश्वर को प्रसन्न किया है। 
Hebrews 11:6 और विश्वास बिना उसे प्रसन्न करना अनहोना है, क्योंकि परमेश्वर के पास आने वाले को विश्वास करना चाहिए, कि वह है; और अपने खोजने वालों को प्रतिफल देता है। 
Hebrews 11:7 विश्वास ही से नूह ने उन बातों के विषय में जो उस समय दिखाई न पड़ती थीं, चितौनी पाकर भक्ति के साथ अपने घराने के बचाव के लिये जहाज बनाया, और उसके द्वारा उसने संसार को दोषी ठहराया; और उस धर्म का वारिस हुआ, जो विश्वास से होता है। 
Hebrews 11:8 विश्वास ही से इब्राहीम जब बुलाया गया तो आज्ञा मानकर ऐसी जगह निकल गया जिसे मीरास में लेने वाला था, और यह न जानता था, कि मैं किधर जाता हूं; तौभी निकल गया। 
Hebrews 11:9 विश्वास ही से उसने प्रतिज्ञा किए हुए देश में जैसे पराए देश में परदेशी रह कर इसहाक और याकूब समेत जो उसके साथ उसी प्रतिज्ञा के वारिस थे, तम्बूओं में वास किया। 
Hebrews 11:10 क्योंकि वह उस स्थिर नेव वाले नगर की बाट जोहता था, जिस का रचने वाला और बनाने वाला परमेश्वर है।

एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन 11-13


शनिवार, 18 जनवरी 2014

स्थिर सन्तुलन


   मेरी पत्नि मर्लीन एक बहुत क्रियाशील स्त्री रही है, परन्तु पिछले कुछ वर्षों से वह कान के भीतरी भाग के एक रोग से ग्रस्त है जिसके कारण उसे अपना सन्तुलन बनाए रखना कठिन हो जाता है। बिना किसी चेतावनी के उसका यह रोग अन्दर कोई व्याधि उत्पन्न कर देता है और मर्लीन को चक्कर आने लगते हैं, उसके लिए खड़ा रह पाना असंभव हो जाता है। यदि वह बैठने या उठने का प्रयास करे भी तो वह नहीं हो पाता और उसे लेटना ही पड़ता है। मर्लीन का अपना कोई भी प्रयास या युक्ति कान के अन्दर के उस रोग को वश में नहीं रख सकती, और यह रोग उसकी दिनचर्या को अचानक ही अस्त-व्यस्त कर देता है। दिनचर्या में अचानक आया यह अनचाहा विश्राम उसे बहुत विचलित कर देता है।

   जीवन ऐसा ही होता है; कोई अनेपक्षित बात हमारी दिनचर्या या बनाई हुई योजनाओं को अस्त-व्यस्त कर देती हैं और हमारे जीवन का सन्तुलन बिगड़ जाता है। विचलित कर देने वाली यह बात कुछ भी हो सकती है, जैसे, हमारी नौकरी का अनेपक्षित रूप से जाते रहना या किसी चिकित्सा संबंधी जाँच के परिणामों में कुछ प्रतिकूल निकल आना; यह हमारे आत्मिक शत्रु शैतान का भी कोई हमला हो सकता है। ऐसी ही किसी बात या घटना से हमारा भावनात्मक सन्तुलन प्रभावित हो सकता है और हमें लग सकता है कि हम इसे सहन नहीं कर पाएंगे, स्थिर खड़े नहीं रह पाएंगे।

   ये वे अवसर होते हैं जब हमें परमेश्वर को दृढ़ता से थामे रहना चाहिए क्योंकि वह ही है जो हमें हर परिस्थिति में स्थिर रख सकता है। उसकी आत्मिक सामर्थ और उसके संसाधन हमें कमज़ोर पड़ने और गिरने से बचाए रख सकते हैं, हमें बल दे सकते हैं। प्रेरित पौलुस ने लिखा, "इसलिये परमेश्वर के सारे हथियार बान्‍ध लो, कि तुम बुरे दिन में साम्हना कर सको, और सब कुछ पूरा कर के स्थिर रह सको" (इफिसियों 6:13)।

   जब जीवन के अनेपक्षित परिस्थितियाँ हम पर हमला करें और हमारी अपनी सामर्थ और हमारे बनाए हुए आधार हमें टूटते प्रतीत हों तब भी हमें निराश होने और असहाय अनुभव करने कि आवश्यकता नहीं है। यदि हमने परमेश्वर की सामर्थ को थामा हुआ है और परमेश्वर के हथियार हम ने बांध रखे हैं, तो हम स्थिर खड़े रहेंगे, कोई हमें गिराने नहीं पाएगा। - बिल क्राउडर


यदि हम परमेश्वर पर सब कुछ के लिए निर्भर रहें तो कुछ भी हमें अस्थिर नहीं कर सकता।

इसलिये परमेश्वर के सारे हथियार बान्‍ध लो, कि तुम बुरे दिन में साम्हना कर सको, और सब कुछ पूरा कर के स्थिर रह सको। - इफिसियों 6:13

बाइबल पाठ: इफिसियों 6:10-18
Ephesians 6:10 निदान, प्रभु में और उस की शक्ति के प्रभाव में बलवन्‍त बनो। 
Ephesians 6:11 परमेश्वर के सारे हथियार बान्‍ध लो; कि तुम शैतान की युक्तियों के साम्हने खड़े रह सको। 
Ephesians 6:12 क्योंकि हमारा यह मल्लयुद्ध, लोहू और मांस से नहीं, परन्तु प्रधानों से और अधिकारियों से, और इस संसार के अन्धकार के हाकिमों से, और उस दुष्‍टता की आत्मिक सेनाओं से है जो आकाश में हैं। 
Ephesians 6:13 इसलिये परमेश्वर के सारे हथियार बान्‍ध लो, कि तुम बुरे दिन में साम्हना कर सको, और सब कुछ पूरा कर के स्थिर रह सको। 
Ephesians 6:14 सो सत्य से अपनी कमर कसकर, और धार्मीकता की झिलम पहिन कर। 
Ephesians 6:15 और पांवों में मेल के सुसमाचार की तैयारी के जूते पहिन कर। 
Ephesians 6:16 और उन सब के साथ विश्वास की ढाल ले कर स्थिर रहो जिस से तुम उस दुष्‍ट के सब जलते हुए तीरों को बुझा सको। 
Ephesians 6:17 और उद्धार का टोप, और आत्मा की तलवार जो परमेश्वर का वचन है, ले लो। 
Ephesians 6:18 और हर समय और हर प्रकार से आत्मा में प्रार्थना, और बिनती करते रहो, और इसी लिये जागते रहो, कि सब पवित्र लोगों के लिये लगातार बिनती किया करो।

एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन 8-10


शुक्रवार, 17 जनवरी 2014

नेक सलाहकार


   हम में से कई लोग बहुत व्यस्त जीवन व्यतीत करते हैं, इसलिए परमेश्वर के वचन बाइबल के निर्गमन 18 अध्याय में दिए मूसा की व्यस्तता के वर्णन को समझ सकते हैं, उसके साथ सहानुभूति रख सकते हैं। उन लाखों इस्त्राएलियों के मध्य, जिन्हें वह मिस्त्र के दासत्व से निकालकर कनान देश को लिए जा रहा था, मूसा ही एक मात्र न्यायी था। इस लिए प्रातः से सन्धया तक मूसा ज़रूरतमन्द लोगों की भीड़ से घिरा रहता था (निर्गमन 18:3)।

   मेरे पास आकर कई लोगों ने, विशेषकर जवान माता-पिता ने कहा है कि वे मूसा की परिस्थिति समझते हैं और उससे सहानुभूति रखते हैं। मुझे लगता है कि ऐसी व्यस्त परिस्थितियों में जीवन निर्वाह के लिए हमें मूसा के समान दो गुणों को विकसित कर लेना चाहिए; पहला तो सुनने में प्रवीण होना (पद 24) तथा दूसरा अन्य लोगों की सहायता स्वीकार करना (पद 25)। कई बार तो हमारा अहम हमें दूसरों से सहायता लेना स्वीकार करने से रोकता है, लेकिन यह सदा ही होने वाली बात नहीं है।

   जैसा मूसा के साथ हुआ, वैसे ही हमारे साथ भी होता है कि जीवन इतनी तेज़ी से चल रहा होता है और हमारे समय पर इतनी माँगें बनी रहती हैं (पद 13-15) कि हमारे पास उन माँगों को ही उचित प्रतिक्रीया देने का ही समय नहीं होता, किसी के पास परामर्श या सहायता की माँग लेकर जाना तो बहुत दूर की बात है। संभवतः इसीलिए परमेश्वर का वचन बाइबल हमें सलाह देती है कि हमारे साथ और हमारे संपर्क में अच्छे सलाहकार रहने चाहिएं जो अपने अनुभव और भली समझ-बूझ के आधार पर हमें आवश्यकतानुसार स्वयं ही सही सलाह दे सकें, चाहे हमारे पास सलाह माँगने का अवसर हो या ना हो। हम यही बात मूसा के जीवन की इस घटना में भी देखते हैं जहाँ उसके ससुर येत्रो ने मूसा की हालत देखकर उसे समझाया कि वह अपनी कुछ ज़िम्मेदारियाँ अन्य योग्य लोगों में बाँट दे जो साधारण और हलके मामले सुलझा सकें और मूसा को केवल कठिन मामलों के लिए ही समय देना पड़े (पद 17-23)।

   कार्य करने की ज़िम्मेदारी परमेश्वर ने सब को दी है, लेकिन वह हमें कुछ ही कार्यों द्वारा अभिभूत होकर अन्य ज़िम्मेदारियों से मूँह मोड़ते हुए नहीं देखना चाहता। इसलिए परमेश्वर का भय मानने वाले भले सलाहकारों के साथ संगति रखें, आवश्यकतानुसार उनसे परामर्श लें और फिर उस परामर्श का पालन भी करें। - रैण्डी किलगोर


जो सलाह नहीं लेता वह सहायता से भी वंचित रहता है।

जहां बुद्धि की युक्ति नहीं, वहां प्रजा विपत्ति में पड़ती है; परन्तु सम्मति देने वालों की बहुतायत के कारण बचाव होता है। - नीतिवचन 11:14

बाइबल पाठ: निर्गमन 18:13-24
Exodus 18:13 दूसरे दिन मूसा लोगों का न्याय करने को बैठा, और भोर से सांझ तक लोग मूसा के आसपास खड़े रहे। 
Exodus 18:14 यह देखकर कि मूसा लोगों के लिये क्या क्या करता है, उसके ससुर ने कहा, यह क्या काम है जो तू लोगों के लिये करता है? क्या कारण है कि तू अकेला बैठा रहता है, और लोग भोर से सांझ तक तेरे आसपास खड़े रहते हैं? 
Exodus 18:15 मूसा ने अपने ससुर से कहा, इसका कारण यह है कि लोग मेरे पास परमेश्वर से पूछने आते है। 
Exodus 18:16 जब जब उनका कोई मुकद्दमा होता है तब तब वे मेरे पास आते हैं और मैं उनके बीच न्याय करता, और परमेश्वर की विधि और व्यवस्था उन्हें जताता हूं। 
Exodus 18:17 मूसा के ससुर ने उस से कहा, जो काम तू करता है वह अच्छा नहीं। 
Exodus 18:18 और इस से तू क्या, वरन ये लोग भी जो तेरे संग हैं निश्चय हार जाएंगे, क्योंकि यह काम तेरे लिये बहुत भारी है; तू इसे अकेला नहीं कर सकता। 
Exodus 18:19 इसलिये अब मेरी सुन ले, मैं तुझ को सम्मति देता हूं, और परमेश्वर तेरे संग रहे। तू तो इन लोगों के लिये परमेश्वर के सम्मुख जाया कर, और इनके मुकद्दमों को परमेश्वर के पास तू पहुंचा दिया कर। 
Exodus 18:20 इन्हें विधि और व्यवस्था प्रगट कर कर के, जिस मार्ग पर इन्हें चलना, और जो जो काम इन्हें करना हो, वह इन को जता दिया कर। 
Exodus 18:21 फिर तू इन सब लोगों में से ऐसे पुरूषों को छांट ले, जो गुणी, और परमेश्वर का भय मानने वाले, सच्चे, और अन्याय के लाभ से घृणा करने वाले हों; और उन को हज़ार-हज़ार, सौ-सौ, पचास-पचास, और दस-दस मनुष्यों पर प्रधान नियुक्त कर दे। 
Exodus 18:22 और वे सब समय इन लोगों का न्याय किया करें; और सब बड़े बड़े मुकद्दमों को तो तेरे पास ले आया करें, और छोटे छोटे मुकद्दमों का न्याय आप ही किया करें; तब तेरा बोझ हलका होगा, क्योंकि इस बोझ को वे भी तेरे साथ उठाएंगे। 
Exodus 18:23 यदि तू यह उपाय करे, और परमेश्वर तुझ को ऐसी आज्ञा दे, तो तू ठहर सकेगा, और ये सब लोग अपने स्थान को कुशल से पहुंच सकेंगें। 
Exodus 18:24 अपने ससुर की यह बात मान कर मूसा ने उसके सब वचनों के अनुसार किया।

एक साल में बाइबल: 

  • निर्गमन 5-7


गुरुवार, 16 जनवरी 2014

पुस्तक


   अमेरीकी नागरिक जौन म्युइर (1838-1914) के पिता एक मसीही विश्वासी थे जो परमेश्वर के वचन बाइबल को कण्ठस्त करने पर बहुत ज़ोर देते थे। कहा जाता है कि किशोरावस्था तक जौन ने बाइबल का सम्पूर्ण नया नियम खण्ड और पुराने नियम खण्ड के अधिकांश भाग कण्ठस्त कर लिए थे और अपनी स्मरण शक्ति द्वारा ही उन्हें दोहरा सकता था।

   अपनी युवावस्था से ही जौन ने परमेश्वर की सृष्टि से विशेष प्रेम हो गया था और उसके दृष्टिकोण से प्रकृति परमेश्वर के बारे में जानने समझने का एक माध्यम थी। वह सृष्टि को "प्रकृति की पुस्तक" कहता था। जंगल और बियाबान में खोज करना उसे बहुत पसन्द था और अपनी इस खोज में वह पेड़-पौधों और जानवरों का एक ऐसे वातवरण में अध्ययन करने पाया जो सभ्यता और रिहायशी स्थानों के बढ़ते हुए दायरे से बाहर सीधे परमेश्वर के हाथों से उपलब्ध हुआ था। आगे चलकर जौन ने वन संरक्षण आन्दोलन का नेतृत्व किया और उसके प्रयासों का ही नतीजा था कि अमेरिका में कई राष्ट्रीय उद्यान बने जहां वनस्पति और जानवर संरक्षित रहते हैं और सुरक्षित विचरण कर सकते हैं, फल-फूल सकते हैं।

   परमेश्वर का ज्ञान हमें बाइबल से प्राप्त होता है इसलिए परमेश्वर में रुचि रखने वालों के लिए बाइबल का अध्ययन अनिवार्य है। बाइबल से ही हम सीखते हैं कि परमेश्वर ने अपने अन्देखे गुण अपनी सृष्टि में प्रगट किए हैं, इसलिए परमेश्वर की सृष्टि का अध्ययन और उसकी देखभाल भी परमेश्वर से प्रेम रखने वालों के लिए आवश्यक है। सृष्टि परमेश्वर की एक और पुस्तक है जहाँ शब्द और अक्षर नहीं वरन परमेश्वर की कारीगरी उसके गुणों का बयान करती है।

   परमेश्वर की दोनों पुस्तकों, बाइबल और सृष्टि, को अपने जीवन का अभिन्न अंग बना लीजिए, उनका अध्ययन और पालन करते रहिए; आपका जीवन आशीषित हो जाएगा। - डेनिस फिशर


सृष्टि रूपी परमेश्वर की पुस्तक से हम अनेक बहुमूल्य पाठ सीख सकते हैं।

क्योंकि उसके अनदेखे गुण, अर्थात उस की सनातन सामर्थ, और परमेश्वरत्व जगत की सृष्टि के समय से उसके कामों के द्वारा देखने में आते है, यहां तक कि वे निरुत्तर हैं। - रोमियों 1:20

बाइबल पाठ: रोमियों 1:18-24
Romans 1:18 परमेश्वर का क्रोध तो उन लोगों की सब अभक्ति और अधर्म पर स्वर्ग से प्रगट होता है, जो सत्य को अधर्म से दबाए रखते हैं। 
Romans 1:19 इसलिये कि परमेश्वर के विषय का ज्ञान उन के मनों में प्रगट है, क्योंकि परमेश्वर ने उन पर प्रगट किया है। 
Romans 1:20 क्योंकि उसके अनदेखे गुण, अर्थात उस की सनातन सामर्थ, और परमेश्वरत्व जगत की सृष्टि के समय से उसके कामों के द्वारा देखने में आते है, यहां तक कि वे निरुत्तर हैं। 
Romans 1:21 इस कारण कि परमेश्वर को जानने पर भी उन्होंने परमेश्वर के योग्य बड़ाई और धन्यवाद न किया, परन्तु व्यर्थ विचार करने लगे, यहां तक कि उन का निर्बुद्धि मन अन्धेरा हो गया। 
Romans 1:22 वे अपने आप को बुद्धिमान जताकर मूर्ख बन गए। 
Romans 1:23 और अविनाशी परमेश्वर की महिमा को नाशमान मनुष्य, और पक्षियों, और चौपायों, और रेंगने वाले जन्तुओं की मूरत की समानता में बदल डाला।
Romans 1:24 इस कारण परमेश्वर ने उन्हें उन के मन के अभिलाषाओं के अुनसार अशुद्धता के लिये छोड़ दिया, कि वे आपस में अपने शरीरों का अनादर करें।

एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन 1-4


बुधवार, 15 जनवरी 2014

उपहार


   एक अविवाहिता युवती गर्भवती थी। वह एक ऐसे समाज में रहती थी जो अजन्में बच्चे के जीवन को कोई विशेष महत्व नहीं देता है, और गर्भपात वहाँ एक सामान्य बात है। लेकिन फिर भी उसने उस बच्चे को जन्म देने का निर्णय लिया। उसने एक बच्ची को जन्म दिया और उसे एक मसीही विश्वासी परिवार में गोद लेने के द्वारा सौंप दिया। वह बच्ची उस मसीही परिवार का एक अभिन्न अंग बन गई, वह उनके लिए अनमोल थी, वे उससे बहुत प्रेम करते थे और प्रेम का साथ ही उसका पालन-पोषण करने लगे, उसे मसीह के प्रेम के बारे बताया और उस बच्ची ने भी प्रभु यीशु को अपने उद्धारकर्ता के रूप में ग्रहण कर लिया। लेकिन इससे पहले कि वह बच्ची वयस्क होती एक दुर्घटना में उसकी मृत्यु हो गई।

   उसकी मृत्यु से उस परिवार में एक खालीपन आ गया, लेकिन साथ ही वह उस परिवार में उन आनन्द के पलों की यादें भी छोड़ गई, जो उसने उनके साथ बिताए थे। उसके बचपन के आनन्द और किशोरावस्था के उल्लास की यादें ही अब उस परिवार के साथ शेष हैं। अवश्य ही उसकी मृत्यु ने उस परिवार के सद्स्यों के हृदय में एक रिक्त स्थान छोड़ दिया है, लेकिन ज़रा विचार कीजिए कि वह परिवार किस सब से वंचित रह जाता यदि उन्होंने कभी उस बच्ची को अपने हाथों में ना लिया होता, उसे गोद में ना खिलाया होता, उसके साथ मुस्कुराए ना होते, उसे सिखाया ना होता, उसका पालन-पोषण ना किया होता और उसे प्रभु यीशु के बारे में ना बताया होता। उस बेटी की मृत्यु के दुख के साथ उसके जीवन की खुशी की यादें भी उनके जीवनों का भाग हैं।

   प्रत्येक जीवन, प्रत्येक बच्चा, परमेश्वर की अद्भुत कारीगरी का एक नमूना है (भजन 139)। प्रत्येक मनुष्य हमारे आदि माता-पिता आदम और हव्वा का वंशज है और उनके समान ही परमेश्वर के स्वरूप और समानता में रचा गया है (उत्पत्ति 1:27)। मृत्यु हमें जीवन की कुछ एच्छित बातों से वंचित तो कर देती है, परन्तु साथ ही हमें स्मरण दिलाती है उस कीमत की जो परमेश्वर द्वारा रचित प्रत्येक जीवन की है (कुलुस्सियों 1:16)।

   परमेश्वर से मिले जीवन रूपी उपहार की कीमत को समझें, उसे सावधानी पूर्वक संजोएं और उपयोग करें, उसे व्यर्थ ना करें वरन परमेश्वर के हाथों में ही सौंप कर परमेश्वर की विलक्षण कारिगरी का आनन्द लें। - डेव ब्रैनन


प्रत्येक जीवन परमेश्वर द्वारा रचा गया है और उसकी छाप लिए हुए है।

क्योंकि उसी में सारी वस्‍तुओं की सृष्‍टि हुई, स्वर्ग की हो अथवा पृथ्वी की, देखी या अनदेखी, क्या सिंहासन, क्या प्रभुतांए, क्या प्रधानताएं, क्या अधिकार, सारी वस्तुएं उसी के द्वारा और उसी के लिये सृजी गई हैं। - 
कुलुस्सियों 1:16

बाइबल पाठ: भजन 139:1-24
Psalms 139:1 हे यहोवा, तू ने मुझे जांच कर जान लिया है।
Psalms 139:2 तू मेरा उठना बैठना जानता है; और मेरे विचारों को दूर ही से समझ लेता है। 
Psalms 139:3 मेरे चलने और लेटने की तू भली भांति छानबीन करता है, और मेरी पूरी चालचलन का भेद जानता है। 
Psalms 139:4 हे यहोवा, मेरे मुंह में ऐसी कोई बात नहीं जिसे तू पूरी रीति से न जानता हो। 
Psalms 139:5 तू ने मुझे आगे पीछे घेर रखा है, और अपना हाथ मुझ पर रखे रहता है। 
Psalms 139:6 यह ज्ञान मेरे लिये बहुत कठिन है; यह गम्भीर और मेरी समझ से बाहर है।
Psalms 139:7 मैं तेरे आत्मा से भाग कर किधर जाऊं? वा तेरे साम्हने से किधर भागूं? 
Psalms 139:8 यदि मैं आकाश पर चढूं, तो तू वहां है! यदि मैं अपना बिछौना अधोलोक में बिछाऊं तो वहां भी तू है! 
Psalms 139:9 यदि मैं भोर की किरणों पर चढ़ कर समुद्र के पार जा बसूं, 
Psalms 139:10 तो वहां भी तू अपने हाथ से मेरी अगुवाई करेगा, और अपने दाहिने हाथ से मुझे पकड़े रहेगा। 
Psalms 139:11 यदि मैं कहूं कि अन्धकार में तो मैं छिप जाऊंगा, और मेरे चारों ओर का उजियाला रात का अन्धेरा हो जाएगा, 
Psalms 139:12 तौभी अन्धकार तुझ से न छिपाएगा, रात तो दिन के तुल्य प्रकाश देगी; क्योंकि तेरे लिये अन्धियारा और उजियाला दोनों एक समान हैं।
Psalms 139:13 मेरे मन का स्वामी तो तू है; तू ने मुझे माता के गर्भ में रचा। 
Psalms 139:14 मैं तेरा धन्यवाद करूंगा, इसलिये कि मैं भयानक और अद्भुत रीति से रचा गया हूं। तेरे काम तो आश्चर्य के हैं, और मैं इसे भली भांति जानता हूं। 
Psalms 139:15 जब मैं गुप्त में बनाया जाता, और पृथ्वी के नीचे स्थानों में रचा जाता था, तब मेरी हडि्डयां तुझ से छिपी न थीं। 
Psalms 139:16 तेरी आंखों ने मेरे बेडौल तत्व को देखा; और मेरे सब अंग जो दिन दिन बनते जाते थे वे रचे जाने से पहिले तेरी पुस्तक में लिखे हुए थे।
Psalms 139:17 और मेरे लिये तो हे ईश्वर, तेरे विचार क्या ही बहुमूल्य हैं! उनकी संख्या का जोड़ कैसा बड़ा है।
Psalms 139:18 यदि मैं उन को गिनता तो वे बालू के किनकों से भी अधिक ठहरते। जब मैं जाग उठता हूं, तब भी तेरे संग रहता हूं।
Psalms 139:19 हे ईश्वर निश्चय तू दुष्ट को घात करेगा! हे हत्यारों, मुझ से दूर हो जाओ। 
Psalms 139:20 क्योंकि वे तेरी चर्चा चतुराई से करते हैं; तेरे द्रोही तेरा नाम झूठी बात पर लेते हैं। 
Psalms 139:21 हे यहोवा, क्या मैं तेरे बैरियों से बैर न रखूं, और तेरे विरोधियों से रूठ न जाऊं? 
Psalms 139:22 हां, मैं उन से पूर्ण बैर रखता हूं; मैं उन को अपना शत्रु समझता हूं। 
Psalms 139:23 हे ईश्वर, मुझे जांच कर जान ले! मुझे परख कर मेरी चिन्ताओं को जान ले! 
Psalms 139:24 और देख कि मुझ में कोई बुरी चाल है कि नहीं, और अनन्त के मार्ग में मेरी अगुवाई कर! 

एक साल में बाइबल: 
  • उत्पत्ति 47-50


मंगलवार, 14 जनवरी 2014

चुनाव


   यदि आप को पता चले कि आपके बटुए से पैसे रहस्यमय रीति से गायब हो रहे हैं तो आप क्रोधित होंगे। लेकिन यदि तहकीकात से पता चले कि आपके बटुए से चोरी करने वाला और कोई नहीं वरन आपका पुत्र ही है तो आपका क्रोध शोक में बदल जाएगा। शोक शब्द की एक व्याख्या है वह भावना जो हम तब अनुभव करते हैं जब किसी निकट के प्रीय जन से हमें अनेपक्षित रीति से निराश और दुखी होते हैं।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में भी शोक शब्द का प्रयोग इस रूप में किया गया है। प्रेरित पौलुस ने लिखा: "और परमेश्वर के पवित्र आत्मा को शोकित मत करो, जिस से तुम पर छुटकारे के दिन के लिये छाप दी गई है" (इफिसियों 4:30)। प्रेरित पौलुस यह समझाना चाह रहा है कि जिसे परमेश्वर ने हमारी सहायता के लिए दिया है और जो हमसे प्रेम करता है, हम उसे शोकित ना करें। प्रभु यीशु ने अपने चेलों से वायदा किया था: "परन्तु सहायक अर्थात पवित्र आत्मा जिसे पिता मेरे नाम से भेजेगा, वह तुम्हें सब बातें सिखाएगा, और जो कुछ मैं ने तुम से कहा है, वह सब तुम्हें स्मरण कराएगा" (यूहन्ना 14:26); अर्थात परमेश्वर का पवित्र आत्मा प्रत्येक मसीही विश्वासी को परमेश्वर की ओर से उसे मसीही विश्वास में आते ही उसके उस विश्वास के जीवन के सुचारू निर्वाह में सहायता करने के लिए परमेश्वर द्वारा दिया जाता है। पवित्र आत्मा प्रत्येक मसीही विश्वासी को सिखाता है, प्रभु यीशु की शिक्षाएं और आज्ञाएं स्मरण कराता है, और सही दिशा में चलते रहने के लिए मार्गदर्शन करता है।

   जब परमेश्वर का पवित्र आत्मा हमारे कार्यों या व्यवहार से शोकित होता है तो इसके परिणाम हमारे लिए बहुत तनाव ला सकते हैं, क्योंकि परमेश्वर का आत्मा हमें एक दिशा में जाने के लिए कहता और खींचता है और हमारे शरीर की अभिलाषाएं हमें उससे विपरीत दिशा में खींचती हैं। प्रेरित पौलुस ने इस खींच-तान के लिए लिखा: "क्योंकि शरीर आत्मा के विरोध में, और आत्मा शरीर के विरोध में लालसा करती है, और ये एक दूसरे के विरोधी हैं; इसलिये कि जो तुम करना चाहते हो वह न करने पाओ" (गलतियों 5:17)। यदि हम अपने जीवन में शरीर की अभिलाषाओं की पूर्ति के चुनाव करते रहेंगे, तो यह द्वन्द हमारे अन्दर बना रहेगा और शीघ्र ही हम जीवन से असंतुष्ट और दोषी अनुभव करने लगेंगे, हमारे जीवन का आननद और स्फूर्ती जाती रहेगी और एक आलस और उदासी हमें घेर लेगी (भजन 32:3-4)।

   इसलिए, इस बात का ध्यान रखना कि परमेश्वर का पवित्र आत्मा हम मसीही विश्वासियों के जीवन से शोकित ना हो, हमारे मसीही विश्वास के जीवन के सुचारू निर्वाह के लिए बहुत आवश्यक है। इसके लिए आवश्यक है कि हम अपनी शरीर की अभिलाषाओं से वशिभूत होकर उन अभिलाषाओं की पूर्ति के लिए गलत चुनाव ना करें (इफिसियों 4:31), वरन हम से प्रेम करने और हमारी भलाई के लिए सब कुछ करने वाले परमेश्वर के साथ वफादारी और उसकी आज्ञाकारिता में जीवन व्यतीत करने के पक्ष में ही अपने चुनाव करें। - एलबर्ट ली


प्रत्येक मसीही विश्वासी का हृदय परमेश्वर के पवित्र आत्मा का मन्दिर है।

और मैं पिता से बिनती करूंगा, और वह तुम्हें एक और सहायक देगा, कि वह सर्वदा तुम्हारे साथ रहे। - यूहन्ना 14:16

बाइबल पाठ: इफिसियों 4:25-32
Ephesians 4:25 इस कारण झूठ बोलना छोड़कर हर एक अपने पड़ोसी से सच बोले, क्योंकि हम आपस में एक दूसरे के अंग हैं। 
Ephesians 4:26 क्रोध तो करो, पर पाप मत करो: सूर्य अस्‍त होने तक तुम्हारा क्रोध न रहे। 
Ephesians 4:27 और न शैतान को अवसर दो। 
Ephesians 4:28 चोरी करनेवाला फिर चोरी न करे; वरन भले काम करने में अपने हाथों से परिश्रम करे; इसलिये कि जिसे प्रयोजन हो, उसे देने को उसके पास कुछ हो। 
Ephesians 4:29 कोई गन्‍दी बात तुम्हारे मुंह से न निकले, पर आवश्यकता के अनुसार वही जो उन्नति के लिये उत्तम हो, ताकि उस से सुनने वालों पर अनुग्रह हो। 
Ephesians 4:30 और परमेश्वर के पवित्र आत्मा को शोकित मत करो, जिस से तुम पर छुटकारे के दिन के लिये छाप दी गई है। 
Ephesians 4:31 सब प्रकार की कड़वाहट और प्रकोप और क्रोध, और कलह, और निन्‍दा सब बैरभाव समेत तुम से दूर की जाए। 
Ephesians 4:32 और एक दूसरे पर कृपाल, और करूणामय हो, और जैसे परमेश्वर ने मसीह में तुम्हारे अपराध क्षमा किए, वैसे ही तुम भी एक दूसरे के अपराध क्षमा करो।

एक साल में बाइबल: 
  • उत्पत्ति 43-46


सोमवार, 13 जनवरी 2014

खुले द्वार


   प्रभु यीशु ने अपने चेलों पर यह स्पष्ट कर दिया कि वह ही मार्ग, सत्य और जीवन है (यूहन्ना 14:6); केवल वह ही परमेश्वर पिता तक पहुँचने का एकमात्र माध्यम है। इस बात के लिए प्रभु यीशु पर किया गया हमारा विश्वास और उसके प्रति समर्पण हमारे मनों में उसके प्रति प्रेम और आज्ञाकारिता लाता है और हमें परमेश्वर के साथ हमारे अनन्तकाल के स्वर्गीय निवास स्थान का अडिग और अटल आश्वसन देता है।

   बेलारूस देश के मिंस्क नगर की एक बाइबल कॉलेज की छात्रा क्रिस्टीना ने अपने मसीही जीवन की यह गवाही लिखी: "प्रभु यीशु ने संसार के प्रत्येक जन के लिए मृत्यु सही, सबसे घोर और आशाहीन पापी के लिए भी। संसार का कोई अपराधी ऐसा नहीं, चाहे वह कितना भी निकृष्ट क्यों ना हो, जो यदि विश्वास से प्रभु यीशु के पास आए तो उसे क्षमा और नए जीवन का उपहार सेंत-मेंत ना मिले। एक बहुत लंबे समय तक प्रभु यीशु मेरे दिल के द्वार पर खटखटा रहा था। एक रीति से देखा जाए तो मेरे हृदय का द्वार उसके लिए खुला हुआ था, मैं मसीही थी, लेकिन मेरा उसके प्रति समर्पण अधूरा था। मैंने अपना जीवन पूर्णत्या उसको नहीं सौंपा था। मेरे हृद्य का द्वार खुला अवश्य था किन्तु एक सीमित तौर से, मैंने उस द्वार की भीतरी सुरक्षा कड़ी नहीं खोली थी इसलिए किसी का भी उस द्वार से अन्दर प्रवेश करना संभव नहीं था।"

   क्रिस्टीना जानती थी कि उसका यह रवैया ठीक नहीं था, और परमेश्वर उसे बदलने तथा पूर्ण समर्पण के लिए कह रहा था। अन्ततः क्रिस्टीना ने परमेश्वर की बात को मान लिया, अपने हृद्य के द्वार की सुरक्षा कड़ी खोल दी, प्रभु यीशु को भीतर आकर अपने हृद्य के सिंहासन पर विराजमान हो लेने दिया, उसके प्रति पूर्ण समर्पण कर दिया और उसकी आज्ञाकारिता में जीवन व्यतीत करने का निर्णय ले लिया। यही सच्चे और समर्पित मसीही विश्वासी की पहचान है - प्रभु यीशु के प्रति समर्पण में कोई अधूरापन नहीं; खुले द्वार को सीमित रखने के लिए कोई सुरक्षा कड़ी नहीं, बच निकलने का कोई छिपा द्वार नहीं, जीवन का कोई भाग ऐसा नहीं जो प्रभु को ना सौंप दिया हो, कोई छिपा पाप नहीं और प्रभु यीशु की आज्ञाकारिता में कोई आनाकानी नहीं।

   क्रिस्टीना के समान ही यदि परमेश्वर आपको भी बुला रहा है, और आप उसकी इस बुलाहट को नज़रंदाज़ कर रहे हैं, तो यह समय है परमेश्वर की बात को मान लेने का, क्रिस्टीना के समान ही अपने जीवन की समपूर्ण कमान उसे सौंप देने का। अपने जीवन के द्वार को प्रभु यीशु के लिए पूरी तौर से खोल दीजिए और उसके आज्ञाकारी हो कर जीवन व्यतीत करने की आशीषों के आनन्द को अनुभव करना आरंभ कर दीजिए। आपको अपने इस निर्णय के लिए कभी पछतावा नहीं होगा। - डेव एगनर


परमेश्वर को समर्पित जीवन से अधिक सुरक्षित और कोई जीवन हो नहीं सकता।

यीशु ने उस से कहा, मार्ग और सच्चाई और जीवन मैं ही हूं; बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास नहीं पहुंच सकता। - यूहन्ना 14:6

बाइबल पाठ: यूहन्ना 14:15-24
John 14:15 यदि तुम मुझ से प्रेम रखते हो, तो मेरी आज्ञाओं को मानोगे। 
John 14:16 और मैं पिता से बिनती करूंगा, और वह तुम्हें एक और सहायक देगा, कि वह सर्वदा तुम्हारे साथ रहे। 
John 14:17 अर्थात सत्य का आत्मा, जिसे संसार ग्रहण नहीं कर सकता, क्योंकि वह न उसे देखता है और न उसे जानता है: तुम उसे जानते हो, क्योंकि वह तुम्हारे साथ रहता है, और वह तुम में होगा। 
John 14:18 मैं तुम्हें अनाथ न छोडूंगा, मैं तुम्हारे पास आता हूं। 
John 14:19 और थोड़ी देर रह गई है कि फिर संसार मुझे न देखेगा, परन्तु तुम मुझे देखोगे, इसलिये कि मैं जीवित हूं, तुम भी जीवित रहोगे। 
John 14:20 उस दिन तुम जानोगे, कि मैं अपने पिता में हूं, और तुम मुझ में, और मैं तुम में। 
John 14:21 जिस के पास मेरी आज्ञा है, और वह उन्हें मानता है, वही मुझ से प्रेम रखता है, और जो मुझ से प्रेम रखता है, उस से मेरा पिता प्रेम रखेगा, और मैं उस से प्रेम रखूंगा, और अपने आप को उस पर प्रगट करूंगा। 
John 14:22 उस यहूदा ने जो इस्करियोती न था, उस से कहा, हे प्रभु, क्या हुआ की तू अपने आप को हम पर प्रगट किया चाहता है, और संसार पर नहीं। 
John 14:23 यीशु ने उसको उत्तर दिया, यदि कोई मुझ से प्रेम रखे, तो वह मेरे वचन को मानेगा, और मेरा पिता उस से प्रेम रखेगा, और हम उसके पास आएंगे, और उसके साथ वास करेंगे। 
John 14:24 जो मुझ से प्रेम नहीं रखता, वह मेरे वचन नहीं मानता, और जो वचन तुम सुनते हो, वह मेरा नहीं वरन पिता का है, जिसने मुझे भेजा।

एक साल में बाइबल: 
  • उत्पत्ति 40-42


रविवार, 12 जनवरी 2014

मार्गदर्शक


   मेरी सहेली एन्ना के साथ एक बात अकसर होती रहती है, लोग उसके पास आकर अपने गन्तव्य स्थान को जाने के लिए उससे मार्ग की जानकारी लेते रहते हैं। उसके साथ ऐसा केवल उसके इलाके में ही नहीं होता, जब वह किसी विदेश यात्रा पर होती है तब भी उस विदेश में लोग उसके पास इसी उद्देश्य से आते रहते हैं। एन्ना सोचती है कि ऐसा इस कारण होता है क्योंकि वह लोगों को विश्वासयोग्य और इमानदार लगती है। मेरा विचार है कि शायद यह इसलिए होता है क्योंकि उसके हाव-भाव से यह प्रगट होता है कि वह भली भाँति जानती है कि वह कहाँ है और कहाँ जा रही है। हमारी एक अन्य सहेली का मानना है कि शायद इसका कारण यह है कि एन्ना में खोए हुओं को आकर्षित करने का गुण है।

   आत्मिक रीति से देखा जाए तो यह तीनों ही गुण हम मसीही विश्वासियों में पाए जाने चाहिएं। मसीही विश्वासी होने के नाते हमारे जीवनों का निश्चित उद्देश्य और दिशा है, हम भली भाँति जानते हैं कि हमारा गन्तव्य स्थान क्या है, हम कहीं अनिश्चितता में भटक नहीं रहे हैं वरन हम जानते हैं कि हम वहाँ कैसे पहुँचेंगे। ये सभी बातें हमें परमेश्वर की बुलाहट के अनुसार कार्य करने का भरोसा देती हैं, और जब लोग हमारे जीवनों में यह विश्वास देखते हैं तो जो भटका हुआ अनुभव करते हैं वे भी मार्गदर्शन के लिए हमारी ओर आकर्षित होते हैं।

   परमेश्वर ने कभी मनुष्य को अकेला नहीं छोड़ा है, परमेश्वर ने सदा ही अपनी उपस्थिति इस पृथ्वी पर बनाई रखी है जिससे जो मनुष्य उसे खोजना चाहते हैं वे उस तक पहुँच सकें। इस संसार को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए परमेश्वर की पहली ज्योति इस्त्राएल राष्ट्र था (यशायाह 42:6) और इस्त्राएल के महान राजा सुलेमान ने प्रार्थना करी कि परमेश्वर का महान नाम लोगों को परमेश्वर की ओर आकर्षित करे (1 राजा 8:41-43)। इस्त्राएल राष्ट्र की ज्योति की पराकाष्ठता प्रभु यीशु थे जो जगत की ज्योति बनकर आए थे (यूहन्ना 9:5)। और अब प्रभु यीशु ने यह कार्य अपने अनुयायियों, अर्थात हम मसीही विश्वासियों को सौंप रखा है कि वे जगत की ज्योति हों (मत्ती 5:14) जिससे संसार के लोग परमेश्वर तक पहुँचने का मार्गदर्शन पा सकें।
   इस लिए यह हम मसीही विश्वासियों का कर्तव्य है कि संसार के लोगों के लिए सच्चे परमेश्वर से मेल-मिलाप कर लेने के मार्गदर्शक बनें (2 कुरिन्थियों 5:18)। विचार कीजिए, क्या परमेश्वर का यह उद्देश्य आपके जीवन से पूरा हो रहा है? - जूली ऐकैरमैन लिंक


दूसरों को पाप के अन्धकार से बाहर निकालने के लिए उन पर अपने जीवन की ज्योति को प्रगट करें।

मैं जगत में ज्योति हो कर आया हूं ताकि जो कोई मुझ पर विश्वास करे, वह अन्धकार में न रहे। - यूहन्ना 12:46

बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 5:12-21
2 Corinthians 5:12 हम फिर भी अपनी बड़ाई तुम्हारे साम्हने नहीं करते वरन हम अपने विषय में तुम्हें घमण्‍ड करने का अवसर देते हैं, कि तुम उन्हें उत्तर दे सको, जो मन पर नहीं, वरन दिखवटी बातों पर घमण्‍ड करते हैं।
2 Corinthians 5:13 यदि हम बेसुध हैं, तो परमेश्वर के लिये; और यदि चैतन्य हैं, तो तुम्हारे लिये हैं। 
2 Corinthians 5:14 क्योंकि मसीह का प्रेम हमें विवश कर देता है; इसलिये कि हम यह समझते हैं, कि जब एक सब के लिये मरा तो सब मर गए। 
2 Corinthians 5:15 और वह इस निमित्त सब के लिये मरा, कि जो जीवित हैं, वे आगे को अपने लिये न जीएं परन्तु उसके लिये जो उन के लिये मरा और फिर जी उठा। 
2 Corinthians 5:16 सो अब से हम किसी को शरीर के अनुसार न समझेंगे, और यदि हम ने मसीह को भी शरीर के अनुसार जाना था, तौभी अब से उसको ऐसा नहीं जानेंगे। 
2 Corinthians 5:17 सो यदि कोई मसीह में है तो वह नई सृष्‍टि है: पुरानी बातें बीत गई हैं; देखो, वे सब नई हो गईं। 
2 Corinthians 5:18 और सब बातें परमेश्वर की ओर से हैं, जिसने मसीह के द्वारा अपने साथ हमारा मेल-मिलाप कर लिया, और मेल-मिलाप की सेवा हमें सौंप दी है। 
2 Corinthians 5:19 अर्थात परमेश्वर ने मसीह में हो कर अपने साथ संसार का मेल मिलाप कर लिया, और उन के अपराधों का दोष उन पर नहीं लगाया और उसने मेल मिलाप का वचन हमें सौंप दिया है। 
2 Corinthians 5:20 सो हम मसीह के राजदूत हैं; मानो परमेश्वर हमारे द्वारा समझाता है: हम मसीह की ओर से निवेदन करते हैं, कि परमेश्वर के साथ मेल मिलाप कर लो। 
2 Corinthians 5:21 जो पाप से अज्ञात था, उसी को उसने हमारे लिये पाप ठहराया, कि हम उस में हो कर परमेश्वर की धामिर्कता बन जाएं।

एक साल में बाइबल: 
  • उत्पत्ति 37-39


शनिवार, 11 जनवरी 2014

सेवार्थ


   मेरा एक मित्र नौकरी पाने के लिए एक साक्षात्कार में गया। वहाँ उससे पूछे गए प्रश्नों में से एक था, "आपके पास हमारे लायक कौन सी योग्यताएं हैं?" प्रश्न पूछने का उद्देश्य था यह आंकलन करना कि मेरा वह मित्र उस कंपनी में किस स्तर और किस प्रकार के कार्य के लिए उपयुक्त हो सकता था। मेरे मित्र ने तुरंत मन ही मन अपनी योग्यताओं और गुणों को दोहराया, और कंपनी द्वारा विज्ञापित नौकरी की आवश्यकतानुसार उपयुक्त बातें उन्हें बता दीं। संसार के कार्यों के लिए तो हमें योग्यताएं और गुण सीखने, बनाने, बढ़ाने और बताने पड़ते हैं परन्तु परमेश्वर के लिए कार्य करने के लिए केवल एक ही गुण चाहिए - परमेश्वर के प्रति संपूर्ण समर्पण। हमारे परमेश्वर को समर्पण का स्तर ही परमेश्वर के प्रति हमारे विश्वास के स्तर को निर्धारित करता है, और हमारे विश्वास का स्तर हमारे परमेश्वर के लिए उपयोगी होने की क्षमता को निर्धारित करता है।

   परमेश्वर ने अपनी प्रत्येक सन्तान को कुछ आत्मिक वरदान प्रदान किए हैं। यह वरदान हमारे अनुभवों, हमारे प्रशिक्षण और हमारी स्वाभाविक योग्यताओं के साथ मिलकर हमें एक अद्वितीय व्यक्तित्व बनाते हैं; एक ऐसा जन जो परमेश्वर द्वारा हमारे लिए पहले से निर्धारित भले कार्यों को करने के लिए सर्वथा उपयुक्त है। यदि परमेश्वर आपसे कुछ कार्य लेना चाहता है, तो वह पहले आपको उस कार्य के लिए तैयार भी करेगा और आवश्यक गुण तथा योग्यताएं भी देगा। उसका चुनाव संसार के समान नहीं है जहाँ हम अपनी योग्यताओं के आधार पर संसार के अधिकारियों को प्रभावित करने का प्रयास करते हैं। परमेश्वर हमें हम से अधिक भली रीति से जानता है। वह जानता है कि हम क्या कुछ कर सकते हैं और वह हमें उसके द्वारा निर्धारित सेवकाई के लिए तैयार करके ही वह ज़िम्मेदारी सौंपता है। उसे केवल एक ही बात हमसे चाहिए, कि हम उसके प्रति विश्वासयोग्य बने रहें: "फिर यहां भण्‍डारी में यह बात देखी जाती है, कि विश्वासयोग्य निकले" (1 कुरिन्थियों 4:2)। इसलिए यदि परमेश्वर आपको किसी कार्य के लिए बुला रहा है तो विश्वास रखिए कि उसने आप को उस कार्य के लिए आवश्यक योग्यताओं से परिपूर्ण किया है और आप की सफलता के लिए मार्ग तथा सहायता वह ही प्रदान करेगा।

   क्या परमेश्वर ने आपको अपनी सेवार्थ बुलाया है? कार्य, कठिनाईयों या परिस्थितियों से ना घबराएं; कार्य को पूरा करने के लिए आपका सहायक, आपको सामर्थ देने वाला, आपका मार्गदर्शन करने वाला स्वयं परमेश्वर ही है। बस विश्वास में आगे बढ़ते जाएं। - सिंडी हैस कैसपर


आत्मिक वरदान परमेश्वर की सेवकाई में उपयोग के लिए हैं, अपनी प्रशंसा पाने के लिए नहीं।

यह बात सच है, और मैं चाहता हूं, कि तू इन बातों के विषय में दृढ़ता से बोले इसलिये कि जिन्हों ने परमेश्वर की प्रतीति की है, वे भले-भले कामों में लगे रहने का ध्यान रखें: ये बातें भली, और मनुष्यों के लाभ की हैं। - तीतुस 3:8

बाइबल पाठ: इफिसियों 2:1-10
Ephesians 2:1 और उसने तुम्हें भी जिलाया, जो अपने अपराधों और पापों के कारण मरे हुए थे। 
Ephesians 2:2 जिन में तुम पहिले इस संसार की रीति पर, और आकाश के अधिकार के हाकिम अर्थात उस आत्मा के अनुसार चलते थे, जो अब भी आज्ञा न मानने वालों में कार्य करता है। 
Ephesians 2:3 इन में हम भी सब के सब पहिले अपने शरीर की लालसाओं में दिन बिताते थे, और शरीर, और मन की मनसाएं पूरी करते थे, और और लोगों के समान स्‍वभाव ही से क्रोध की सन्तान थे। 
Ephesians 2:4 परन्तु परमेश्वर ने जो दया का धनी है; अपने उस बड़े प्रेम के कारण, जिस से उसने हम से प्रेम किया। 
Ephesians 2:5 जब हम अपराधों के कारण मरे हुए थे, तो हमें मसीह के साथ जिलाया; (अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है।) 
Ephesians 2:6 और मसीह यीशु में उसके साथ उठाया, और स्‍वर्गीय स्थानों में उसके साथ बैठाया। 
Ephesians 2:7 कि वह अपनी उस कृपा से जो मसीह यीशु में हम पर है, आने वाले समयों में अपने अनुग्रह का असीम धन दिखाए। 
Ephesians 2:8 क्योंकि विश्वास के द्वारा अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है, और यह तुम्हारी ओर से नहीं, वरन परमेश्वर का दान है। 
Ephesians 2:9 और न कर्मों के कारण, ऐसा न हो कि कोई घमण्‍ड करे। 
Ephesians 2:10 क्योंकि हम उसके बनाए हुए हैं; और मसीह यीशु में उन भले कामों के लिये सृजे गए जिन्हें परमेश्वर ने पहिले से हमारे करने के लिये तैयार किया।

एक साल में बाइबल: 
  • उत्पत्ति 33-36