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सोमवार, 9 दिसंबर 2013

क्या चाहिए?


   मुझे बताया गया है कि संसार की लगभग सभी संस्कृतियों में "तीन इच्छाओं" की कहानी मिलती है, और सभी कहानियों की समान सी ही रूपरेखा है: एक निसहाय और आवश्यकता में पड़े व्यक्ति के पास कोई सामर्थी उपकारी जन आता है और उसे तीन इच्छाओं की पूर्ति का वर्दान देता है। इन कहानियों का इतनी बार इतने स्थानों पर मिलना दिखाता है कि सभी संस्कृतियों में यह पहचान है कि मानव जाति को कुछ ऐसा चाहिए जो वह अपनी सामर्थ और प्रतिभा से नहीं प्राप्त कर सकती।

   बाइबल में भी एक "इच्छा-पूर्ति" की कहानी है: "गिबोन में यहोवा ने रात को स्वप्न के द्वारा सुलैमान को दर्शन देकर कहा, जो कुछ तू चाहे कि मैं तुझे दूं, वह मांग" (1 राजा 3:5)। सुलेमान के पास अवसर था कि वह जो चाहे सो माँग ले, धन-संपत्ति, आदार, ख्याति, सामर्थ इत्यादि। लेकिन सुलेमान ने इनमें से कुछ भी नहीं माँगा; उसने माँगा, "तू अपने दास को अपनी प्रजा का न्याय करने के लिये समझने की ऐसी शक्ति दे, कि मैं भले बुरे को परख सकूं; क्योंकि कौन ऐसा है कि तेरी इतनी बड़ी प्रजा का न्याय कर सके?" (1 राजा 3:9)। राजा सुलेमान युवा था, अनुभवहीन था और एक बहुत बड़े राज्य पर परमेश्वर की ओर से राजा बना था, उसे परमेश्वर की सामर्थ और सदबुद्धि की आवश्यकता थी जिससे वह परमेश्वर की प्रजा पर परमेश्वर की ओर से और परमेश्वर की इच्छानुसार राज्य कर सके, उनकी देख-भाल कर सके। परमेश्वर उस की इस माँग से प्रसन्न हुआ और बुद्धिमता के साथ साथ वह सब भी उसे प्रदान कर दिया जो सुलेमान ने नहीं माँगा था।

   आज यदि परमेश्वर द्वारा यही प्रश्न - "क्या चाहिए?" मुझ से किया जाए तो क्या मैं सुलेमान के समान बुद्धिमता दिखाने पाऊँगा? मैं परमेश्वर से क्या माँगूंगा? क्या मैं सांसारिक धन-संपत्ति, स्वास्थ्य, लंबी उम्र, संसार में आदर और ख्याति माँगूंगा या फिर बुद्धिमानी, पवित्रता और निस्वार्थ प्रेम माँगूंगा? अपने माँगने में मैं बुद्धिमान होता या मूर्ख?

   आज परमेश्वर ने प्रभु यीशु मसीह में होकर हमारी प्रत्येक आवश्यकता की पूर्ति का वायदा किया है (फिलिप्पियों 4:19); जो कोई परमेश्वर से प्रभु यीशु में मिलने वाली पापों की क्षमा और उद्धार माँग लेता है, उसे प्रभु यीशु में होकर स्वर्ग के खज़ाने और पृथ्वी की सभी आवश्यक्ताओं की पूर्ति का आश्वासन भी साथ ही मिल जाता है। आपको क्या चाहिए - नाशमान संसार की नाशमान तथा अल्पकालीन उपल्ब्धियाँ या प्रभु यीशु में मिलने वाली अनन्त काल की महिमा तथा समझ और बयान से बाहर स्वर्गीय खज़ाने? - डेविड रोपर


परमेश्वर नम्रता तथा बुद्धिमानी से माँगने वालों की इच्छाओं को पूरा करता है।

और मेरा परमेश्वर भी अपने उस धन के अनुसार जो महिमा सहित मसीह यीशु में है तुम्हारी हर एक घटी को पूरी करेगा। - फिलिप्पियों 4:19

बाइबल पाठ: 1 राजा 3:1-14
1 Kings 3:1 फिर राजा सुलैमान मिस्र के राजा फ़िरौन की बेटी को ब्याह कर उसका दामाद बन गया, और उसको दाऊदपुर में लाकर जब तक अपना भवन और यहोवा का भवन और यरूशलेम के चारों ओर की शहरपनाह न बनवा चुका, तब तक उसको वहीं रखा। 
1 Kings 3:2 क्योंकि प्रजा के लोग तो ऊंचे स्थानों पर बलि चढ़ाते थे और उन दिनों तक यहोवा के नाम का कोई भवन नहीं बना था। 
1 Kings 3:3 सुलैमान यहोवा से प्रेम रखता था और अपने पिता दाऊद की विधियों पर चलता तो रहा, परन्तु वह ऊंचे स्थानों पर भी बलि चढ़ाया और धूप जलाया करता था। 
1 Kings 3:4 और राजा गिबोन को बलि चढ़ाने गया, क्योंकि मुख्य ऊंचा स्थान वही था, तब वहां की वेदी पर सुलैमान ने एक हज़ार होमबलि चढ़ाए। 
1 Kings 3:5 गिबोन में यहोवा ने रात को स्वप्न के द्वारा सुलैमान को दर्शन देकर कहा, जो कुछ तू चाहे कि मैं तुझे दूं, वह मांग। 
1 Kings 3:6 सुलैमान ने कहा, तू अपने दास मेरे पिता दाऊद पर बड़ी करुणा करता रहा, क्योंकि वह अपने को तेरे सम्मुख जानकर तेरे साथ सच्चाई और धर्म और मन की सीधाई से चलता रहा; और तू ने यहां तक उस पर करुणा की थी कि उसे उसकी गद्दी पर बिराजने वाला एक पुत्र दिया है, जैसा कि आज वर्तमान है। 
1 Kings 3:7 और अब हे मेरे परमेश्वर यहोवा! तूने अपने दास को मेरे पिता दाऊद के स्थान पर राजा किया है, परन्तु मैं छोटा लड़का सा हूँ जो भीतर बाहर आना जाना नहीं जानता। 
1 Kings 3:8 फिर तेरा दास तेरी चुनी हुई प्रजा के बहुत से लोगों के मध्य में है, जिनकी गिनती बहुतायत के मारे नहीं हो सकती। 
1 Kings 3:9 तू अपने दास को अपनी प्रजा का न्याय करने के लिये समझने की ऐसी शक्ति दे, कि मैं भले बुरे को परख सकूं; क्योंकि कौन ऐसा है कि तेरी इतनी बड़ी प्रजा का न्याय कर सके? 
1 Kings 3:10 इस बात से प्रभु प्रसन्न हुआ, कि सुलैमान ने ऐसा वरदान मांगा है। 
1 Kings 3:11 तब परमेश्वर ने उस से कहा, इसलिये कि तू ने यह वरदान मांगा है, और न तो दीर्घायु और न धन और न अपने शत्रुओं का नाश मांगा है, परन्तु समझने के विवेक का वरदान मांगा है इसलिये सुन, 
1 Kings 3:12 मैं तेरे वचन के अनुसार करता हूँ, तुझे बुद्धि और विवेक से भरा मन देता हूँ, यहां तक कि तेरे समान न तो तुझ से पहिले कोई कभी हुआ, और न बाद में कोई कभी होगा। 
1 Kings 3:13 फिर जो तू ने नहीं मांगा, अर्थात धन और महिमा, वह भी मैं तुझे यहां तक देता हूँ, कि तेरे जीवन भर कोई राजा तेरे तुल्य न होगा। 
1 Kings 3:14 फिर यदि तू अपने पिता दाऊद की नाईं मेरे मार्गों में चलता हुआ, मेरी विधियों और आज्ञाओं को मानता रहेगा तो मैं तेरी आयु को बढ़ाऊंगा।

एक साल में बाइबल: 
  • दानिय्येल 11-12 
  • यहूदा